शुक्रवार, 6 नवंबर 2020

कोलकाता में मिला गाजियाबाद का व्यापारी

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। पुलिस ने 500 से भी अधिक सीसीटीवी फुटेज को खँगालने के बाद गायब व्यापारी पराग घोष को तलाशने में सफलता प्राप्त कर ली है। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि पराग घोष कोलकाता के एक होटल में पाया गया।  प्रारम्भिक पूछताछ में पता चला है कि पराग घोष आर्थिक तंगी के कारण परेशान था और परेशानी की हालत में घर से बिना किसी को बताए गायब हो गया था। एसएसपी गाज़ियाबाद ने बताया कि पराग घोष को तलाश करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया था। इस टीम ने 500 से भी अधिक सीसीटीवी फुटेज और सैंकड़ों कॉल डिटेल्स खँगालने के बाद पराग को पकड़ने में समफ़्ल्ता प्रात की।               


जर्मन कंपनी का यूपी में निवेश करना सुखद

लखनऊ। चीन को छोड़कर ताज नगरी आगरा में अपने संयंत्र की स्थापना कर रही जर्मन कंपनी वान वेलेक्स के फैसले का सम्मान करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश का उद्यम प्रदेश के रूप में विकसित होने का यह प्रत्यक्ष प्रमाण है। योगी ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि आदरणीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश उद्यम प्रदेश के रूप में विकसित हो रहा है। जर्मन कम्पनी का चीन के स्थान पर उत्तर प्रदेश में स्थापित होना, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।               


सैकड़ों माफियाओं की संपत्तियों पर शिकंजा

लखनऊ। योगी सरकार के सख्त निर्देश पर हो रही कार्रवाई में माफियाओं को अब तक अरबों की आर्थिक चोट पहुंचाई जा चुकी है। माफिया और गैंगेस्टर में पूर्व सांसद और पूर्व विधायक सहित कई और जन प्रतिनिधि भी शामिल हैं। किसी का अवैध मकान, मॉल और गेस्ट हाउस गिराया गया तो किसी से कब्जा की गई करोड़ों की जमीन को मुक्त किया गया। माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए कार्रवाई का यह सिलसिला अभी जारी है। जिला और पुलिस प्रशासन की टीम स्थानीय प्राधिकरणों की मदद से माफियाओं, उनके रिश्तेदारों तथा गुर्गों के नाम की गई बेनामी संपत्तियों का ब्योरा जुटा रही है। प्रदेशव्यापी इस कार्रवाई की जद में अब तक 210 माफिया और गैंगेस्टर आ चुके हैं। इन्हें 766 करोड़ यानी साढ़े सात अरब से अधिक की आर्थिक चोट पहुंचाई जा चुकी है। माफिया और गैंगेस्टर के खिलाफ कार्रवाई में प्रयागराज ने अहम भूमिका निभाई है। पुलिस, प्रशासन और विकास प्राधिकरण ने अब तक पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत कुल 23 लोगों के खिलाफ सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराने से लेकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है। अधिकारियों की मानें तो इस कार्रवाई में इन्हें करीब 300 करोड़ की आर्थिक चोट पहुंचाई जा चुकी है।             


व्हाइट हाउस छोड़ने से मना कर सकता है ट्रंप

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों की तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है। शुक्रवार को काउंटिंग का तीसरा दिन है। बाइडेन 253 और ट्रम्प 214 इलेक्टोरल वोट जीत चुके हैं। चार राज्यों के नतीजे बाकी हैं। इसलिए ‘कौन बनेगा राष्ट्रपति’ वाले सवाल का सही जवाब हासिल करने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। इस बीच, एक सवाल लोगों के मन में कौंध रहा है। और वो इसलिए क्योंकि ट्रम्प खुद इस बारे में इशारा कर चुके हैं। हालात भी कुछ उसी तरफ इशारा कर रहे हैं। सवाल ये है कि अगर ट्रम्प हार गए और उन्होंने ‘फिजिकली’ व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार कर दिया तो क्या होगा?


परंपरा ये है...
अमेरिका में हमेशा 20 जनवरी को नया राष्ट्रपति शपथ लेता है। इसे इनॉगरेशन डे कहा जाता है। इसके कई दिन पहले ही हारा हुआ या दो टर्म पूरा कर चुका राष्ट्रपति (या उम्मीदवार) व्हाइट हाउस छोड़ देता है, खाली कर देता है। जीते हुए उम्मीदवार के हिसाब से इसे सजाया-संवारा जाता है।


पहले बाइडेन का जवाब जानिए
‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, जून में बाइडेन से पूछा गया था- अगर हारने के बाद ट्रम्प ने व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार कर दिया तो? बाइडेन का जवाब था- हां, ये बिल्कुल हो सकता है। लेकिन, अगर ऐसा होता है तो मिलिट्री उन्हें वहां से जबरदस्ती बाहर निकाल देगी। चेयरमैन ऑफ ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल मार्क मिले कहते हैं- हम कभी नहीं चाहेंगे कि मिलिट्री का इस्तेमाल चुनावी मामले निपटाने के लिए किया जाए। अगर ऐसा होता है तो कोर्ट्स और यूएस कांग्रेस इसका हल निकालेंगे। आर्मी का इसमें क्या रोल?


पहले कभी ऐसा नहीं हुआ
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ जब किसी हारे हुए राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार किया हो। इस बार ट्रम्प के कैरेक्टर और बयानों को मिलाकर देखा जा रहा है। इसलिए, कुछ आशंकाएं जरूर हैं। ट्रम्प कई बार कह चुके हैं- सत्ता हस्तांतरण या पावर ट्रांसफर की जरूरत ही नहीं होगी, मैं व्हाइट हाउस में ही रहूंगा। इसे अब धमकी के तौर पर देखा जा रहा है। दूसरी बात, कानूनी मामले हैं। इनमें वक्त लग सकता है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकता है।             


अक्ल दाढ़ के दर्द को कम करने के उपाय

अक्ल दाढ़ निकलने पर बहुत तेज दर्द होता है। कभी-कभी यह दर्द इतना तेज हो जाता है कि कुछ भी खाना-पीना मुश्किल हो जाता है। वैसे तो अक्ल दाढ़ आने का सही समय 17 साल से 25 साल तक होता है। कुछ लोगों को 25 साल के बाद भी अक्ल दाढ़ आती है। आज हम आपको अक्ल दाढ़ के दर्द से बचने के कुछ घरेलू नुस्खे बताने जा रहे हैं।
प्त अगर दांत दर्द के कारण आपके मसूड़ों में सूजन आ गई है तो एक गिलास गुनगुने पानी में नमक डालकर कुल्ला करें। ऐसा करने से आपको अक्ल दाढ़ के दर्द से आराम मिलेगा।
अगर आपके दांत में बहुत तेज दर्द हो रहा है तो बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपने दांत के पास रखें। ऐसा करने से दर्द से आराम मिलता है और मसूड़ों की सूजन भी कम हो जाती है।
चुटकी भर हींग में मौसमी का रस मिलाकर रुई की मदद से अक्ल दाढ़ पर लगाएं। ऐसा करने से दांत का दर्द कम हो जाता है। दांतो के लिए लौंग का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। लौंग दांतों में मौजूद बैक्टीरिया और कीटाणुओं को खत्म करने में सहायक होती है। दांत के दर्द को कम करने के लिए दांतों में लौंग का तेल लगाएं।             


पैरों का दर्द चुटकी में हो जाएगा गायब

पैरों में बार-बार होनेवाले दर्द से निजात पाने के लिए आमतौर पर लोग डॉक्टर की मदद लेते हैं लेकिन अगर आप कुछ घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करके अपने पैरों की देखभाल करेंगे तो भी आपको इस समस्या से काफी हद तक राहत मिल सकती है।
पैरों का दर्द चुटकी में गायब:
सिरका: 
सूजन मोच या ऐंठन की वजह से अगर आपके पैरों में दर्द हो रहा है तो फिर इससे राहत पाने के लिए आप सिरके का इस्तेमाल कर सकते हैं। सिरका पैरों में होनेवाले दर्द का कारगर इलाज है।
सेंधा नमक: सेंधा नमक पैरों के दर्द से निजात दिलाने का एक असरदार घरेलू नुस्खा है। इस नुस्खे को आज़माने के लिए एक टब में गर्म पानी डालें फिर उसमें 2-3 चम्मच सेंधा नमक मिलाएं। इसके बाद टब में अपने पैरों को 10 से 15 मिनट के लिए डालकर रखें।
आइस थेरेपी: पैरों के सूजन और असहनीय दर्द को कम करने के लिए आइस थेरेपी एक कारगर नुस्खा माना जाता है। इस नुस्खे को आज़माने के लिए एक छोटे से प्लास्टिक की थैली में कुचले हुए बर्फ के कुछ टुकड़े डालें और दर्द को दूर करने के लिए सर्कुलर मोशन में प्रभावित हिस्से की मालिश करें।
लौंग का तेल: लौंग के तेल को सिरदर्द, जोड़ों के दर्द, एथलीट फुट और पैरों के दर्द को दूर करने वाला एक अद्भुत तेल माना जाता है। पैरों के दर्द से राहत पाने के लिए लौंग के तेल से पैरों में धीरे-धीरे मालिश करें।
सरसों के बीज: सरसों के बीज पैरों के दर्द और उसके सूजन को दूर करने के काम आते हैं। पैरों के दर्द से राहत पाने के लिए सरसों के कुछ बीजों को लेकर पीस लें और फिर इन्हें एक बाल्टी गर्म पानी में मिलाएं, फिर अपने पैरों को इस पानी में 10 से 15 मिनट के लिए डालकर रखें।                


दिपावाली पर जग मगाएगें लैंप-मोमबत्तियां

रायपुर। ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में हस्तशिल्प विकास बोर्ड ने बँसोड जनजाति की महिलाओं को जहां रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ा गया है। जशपुर जिले की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए बॉस के लैंप और मोमबत्तियां दीपावली में जगमगाएंगे। छत्तीसगढ़ राज्य शासन की मंशा के अनुरूप हस्तशिल्प विकास बोर्ड हस्तशिल्पकारों के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के सुदूर सीमावर्ती जिला जशपुर के कांसाबेल विकासखंड में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा बांस से विभिन्न प्रकार की सामग्री तैयार की जा रही है। यहां बंसोड़ जनजाति की महिलाओं द्वारा बांस से मोमबत्ती, लैम्प और अन्य आकर्षक चीजें तैयार कर रही हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार समूह की महिलाओं ने बताया कि 15 महिलाएं मिलकर बांस से अनेक प्रकार की आकर्षक वस्तुएं बना रही हैं। जिससे उनके आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने बताया कि 350 रुपए के एक सेट में 6 नग बांस से बने कैंडल दिया, जिसका नाम शुभम दिया गया है। बांस से निर्मित लैम्प भी बनाया गया है जिसमें 250 रुपए के एक सेट में 3 नग है जिसका नाम कल्यानम दिया गया है। महिला समूह द्वारा उत्पादित सामग्री मोबाइल नंबर 9644774974 पर संपर्क कर पार्सल से भी मंगाया जा सकता है।                  


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...