बुधवार, 16 सितंबर 2020

'राज्यमंत्री' गर्ग पर जमीन हथियाने का आरोप

स्वास्थ्य राज्य मंत्री और गाज़ियाबाद से विधायक अतुल गर्ग पर लगे संपत्ति कब्जाने के आरोप।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। स्वास्थ्य राज्य मंत्री और गाजियाबाद नगर से विधायक अतुल गर्ग पर उनके ही चचेरे भाई श्याम गर्ग ने जमीन व संपत्ति कब्जाने का गंभीर आरोप लगाया है। श्याम गर्ग ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से भी की है। नहीं चचेरे भाई ने न्याय न मिलने की सूरत में आत्महत्या की धमकी भी दी है। उनका आरोप है कि सत्ता के रसूख में अतुल गर्ग ने उनकी जमीन पर जबरन कब्ज़ा किया है। श्याम गर्ग का कहना है ।कि अभी भी उनका संयुक्त परिवार है। और कोई बंटवारा नहीं हुआ है। योगी सरकार में राज्य मंत्री अतुल गर्ग, उनके सगे चचेरे भाई हैं। बावजूद इसके अतुल गर्ग ने श्याम गर्ग के सगे भाई आलोक, अनुज राम और चाचा के साथ मिलकर परिवार की पैतृक चल-अचल संपत्ति पर कब्जा कर लिया है। इतना ही नहीं। अपना हिस्सा मांगने पर जान से मरने की धमकी दी जा रही है। श्याम गर्ग का आरोप है कि उन्होंने इसकी शिकायत गाज़ियाबाद के जिलाधिकारी, एसडीएम, एसएसपी, सीओ और एसओ सभी से की लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है।               


बेरोजगारी दिवस, दौड़ी सपा की साईकिल

बेरोज़गारी दिवस की पूर्व संध्या पर गाँव गाँव दौड़ी समाजवादी साईकिल


देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन से एक दिन पहले ही सपाई हुए हमलावर


सपाई साईकिल चला कर बेरोज़गारों को झूठे सपने दिखा कर सत्ता हासिल करने वाली केन्द्र व प्रदेश सरकार की खोल रहे पोल


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के यूवाओं की टोली साईकिल चलाते हुए गाँव गाँव में घूम कर केन्द्र व प्रदेश सरकार की नाकामी को बताने निकले।देवेन्द्र यादव विधायक के नेत्रित्व में साईकिल पर सवार हो कर गाँव गाँव की पकडण्डीयों से होकर बेरोज़गारी को लेकर सरकार पर हमलावर हुए। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन की पूर्व संध्या पर समाजवादी पार्टी के यूवाओं ने विरोध जताने को शहर से गाँव का रास्ता अख्तियार करते हुए केन्द्र व प्रदेश सरकार को बेरोज़गारो के साथ अन्याय करने का ज़िम्मेदार मानते हुए गाँव और कस्बों में पहोँच कर आम जनमानस को अवगत कराते हुए कहा की झूठे सपने दिखा कर सत्ता हासिल करने वाले देश के प्रधानमंत्री का चाल चरित्र उजागर हो गया है।साईकिल सवारों का उत्साह वर्धन करने ज़िला पंचायत सदस्य रणधीर सिंह,मयंक यादव जॉन्टी,सन्दीप यादव,अखिलेश गुप्ता,राघवेन्द्र यादव,विकास समाजवादी,मिथुन गुप्ता ने युवाओं के साथ साईकिल चला कर फूलपूर विधान सभा के कोटवा,ककरा,छिबैया,मलखानपुर,जमुनीपुर आदि गाँव में सपाईयों ने बाईस में बाईसिकल की सरकार बनाने के आहृवान के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी पर जमकर हमला बोला।साईकिल यात्रा में अंगद यादव,प्रत्युष यादव,देवेन्द्र विधायक,बेली सिंह,प्रकाश यादव आदि शामिल रहे।


कलेक्ट्रेट पहुंचने से पहले रोके गए प्रदर्शनकारी

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के किसानों को एक समान मुआवजा देने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव करने की घोषणा करने वाले किसानों का धरना प्रदर्शन बुधवार सुबह गोविंदपुरम अनाज मंडी तक ही सिमट कर रह गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने सुबह से ही गोविन्दपुरम अनाज मंडी में डेरा डाल रखा है,जबकि किसान अनाज मंडी में धरने पर बैठक कर पंचायत कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने इस बात पर सहमति बनाने का प्रयास किया कि पांच सदस्यीय किसान कलेक्टेट जाकर जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय को ज्ञापन सौंप आए। दूसरी तरह किसानों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने उनकी बात नहीं मानी तो वह कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। बुधवार सुबह से गोविंदपुरम अनाज मंडी में पुलिस, किसान व मीडिया का भारी जमावाड़ा लगा रहा। बता दें कि भारतीय कल्याण समिति के नेतृत्व में कई किसान संगठन के पदाधिकारी व समर्थक मेरठ से अर्धनग्न अवस्था में पैदल मार्च करते हुए मंगलवार देर शाम को गाजियाबाद में गोविन्दपुरम स्थित अनाज मंडी पहुंचे थे।


किसानों की मांग है कि पिछले कई माह से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे में जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है उन्हें एक समान मुआवजा दिया जाए। वर्ष-2013 अधिनियम के तहत एक जगह के लिए अलग-अलग मुआवजा तय नहीं किया जा सकता है। बता दें कि इस मामले से करीब 25 गांवों के किसान प्रभावित हैं। किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष दलवीर सिंह, पूरे मामले का नेतृत्व कर रहे बबली गुर्जर, मास्टर मनोज नागर, रणवीर दहिया, मनवीर त्यागी, बलराज, यशपाल मलिक समेत अनेक संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने दिल्ली एक्सप्रेस-वे के मामले में एक ही गांव में तीन रेट का मुआवजा दे दिया। उन्होंने कहा कि किसानों का यह उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा प्रदर्शनकारी किसान एक समाज मुआवजा देने के साथ सर्विस रोड बनाने की भी मांग कर रहे थे।


दूसरी तरफ कलेक्टेट के घेराव की घोषणा करने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों का एक दल बुधवार सुबह से गोविन्दपुरम अनाज मंडी में डेरा डाले हुए है। वह किसानों से सहमति बनाने के लिए लगे हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों में एडीएम सिटी शैलेंद्र सिंह, एडीएम प्रशासन जितेंद्र कुमार वैश्य, सिटी मजिस्ट्रेट विपिन कुमार, एसपी सिटी अभिषेक वर्मा, एडीएम सदर डी.पी.सिंह, कविनगर थाना प्रभारी समेत कई थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही।                    


महामारी, मौतें और मुआवजा 'संपादकीय'

महामारी, मौतें और मुआवजा संपादकीय 
विश्व में कोरोना वायरस कोविड-19 का संक्रमण अन्य देशों की अपेक्षा भारत में कुछ ज्यादा रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है। कुछ ही कम एक लाख लोग प्रतिदिन संक्रमित हो रहे हैं। 24 घंटे में 90,123 संक्रमितो के साथ देश में संक्रमितो की संख्या 50,20,360 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अभी तक 80,000 लोगों की मौत हो चुकी है। यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा और वैक्सीन की उपलब्धता के पूर्व कई लोगों की जान भी चली जाएगी। महामारी का दंश झेलने वाला हमारा देश चीन की सीमा पर तनाव से भी कम आहत नहीं है। भले ही चीन भयभीत हो गया है और थरथर कांपने लगा है। किंतु किसी भी परिस्थिति में युद्ध दोनों देशों के लिए जटिलता उत्पन्न करने का काम करेगा। हालांकि यह भी कोई मोनोपॉली हो सकती है। फिलहाल इस विषय पर हम कोई बात नहीं कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं कोरोना महामारी की, जो लोग महामारी से ग्रस्त हैं। जिनके परिजनों की मृत्यु हो चुकी है। क्या सरकार को उनके परिवारों की सहायता नहीं करनी चाहिए ? परिस्थितिवश प्रतिकूल उपजे वातावरण और लाचारी में सरकार अपने दायित्व से नहीं भाग रही है।


यदि सच में कोई महामारी है तो अभी तक राज्य अथवा केंद्र सरकार ने मृतक के परिजनों को कोई मुआवजा क्यों नहीं दिया ? बाढ़, भूकंप, तूफान, सुनामी और महामारी आदि आपातकाल की स्थिति में सरकार के द्वारा मुआवजा देकर पीड़ितों की सहायता की जाती है। इसी कारण देश का प्रत्येक नागरिक इस प्रश्न का उत्तर खोज रहा है। महामारी के काल का ग्रास बनने वाले नागरिकों के परिजनों की सरकार किस प्रकार सहायता कर रही है ? यदि सरकार इस कठिन परिस्थिति में भी नागरिकों की सहायता नहीं कर रही है। तब नागरिकों के लिए यह और भी जटिल हो जाता है। यदि मृतक परिवार का मुखिया अथवा पालन करता है। परिजन आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वाले हैं। तब, सरकार उन लोगों की भी सहायता करने में कैसा संकोच कर रही है ? सरकार की उन्मुक्त क्षमताएं और निर्णय क्षमताओं में एक बड़ी असमानता है। जो देश की जनता को गहरे जख्म देने के अलावा कुछ नहीं कर सकेगी।


 राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'                  


मुस्लिम लीग ने भाजपा नेतृत्व पर साधा निशाना

रामपुर। इडियन यूनियन मुस्लिम लीग के ज़िला कैंप कार्यालय पर एक मीटिंग का आयोजन किया गया। इस मीटिंग में शहर के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। मीटिंग को सम्बोधित करते हुए जिला अध्यक्ष फारूक़ मियां ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ हम नाम मोहरों के जरिए भाजपा शहर का माहौल खराब कराना चाहती है। उनहोंने कहा कि मौलाना साईदुजफर साहब शहर की एक एक अच्छी शख्सियत है वो मुसलमानों के इमाम है और मुसलमान अपने इमाम के बारे में कुछ भी बर्दाश्त नहीं करेगा। फारूक़ मियां ने कहा कि भाजपा के इशारे पर नाचने वाले पयादे इमाम साहब का बाल भी बाका नहीं कर सकते हैं फारूक़ मियां ने कहा कि मौलवी साहब के खिलाफ़ जो एफ आई आर कराई गई है। वो निहायत शर्म की बात है उनहोंने कहा कि अगर मौलाना साईदुजफर साहब को गिरफ्तार किया गया तो रामपुर की जेल छोटी पड़ जायेगी इतनी गिरफ्तारियां कराऐगे हम। उनहोंने कहा कि भाजपा के एजेंट ने मुसलमानों की ग़ैरत को ललकारा है और रामपुर वालो की ग़ैरत को ललकारा है। फारूक़ मियां ने कहा कि प्रशासन भाजपा के दबाव में कोई भी ऐसा कदम न उठाए जोकि शहर के माहौल पर असर पड़े फारूक़ मियां ने शहर काजी व शहर मुफ्ती साहब से अपील करते हुए कहा कि सरकार द्वारा दी गयी। गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर मुसलमानों की फलां बबूद के लिए काम करें क्यो कि यह आग मौलाना साईदुजफर साहब के घर तक सीमित नहीं रहेंगी इस आग की लपटों में आप का भी घर आ जायेगा मीटिंग में शामिल रहे, हाफिज़ रेहान खान, सलीम अंसारी, समी राईनी, सोनी, आसिफ खान, मोबिन खान, मौ नूर खान, परवेज़ मियां, चाँद खान, मुराद खान, जाहिद खान सिकंदर मियां, आदि।               


18 सितंबर से शुरू 'पुरुषोंत्तम या मलमास'

अधिकमास 18 से शुरू होगा, इसे पुरुषोत्तम या मलमास भी कहा जाता है
सत्यदेव शर्मा सहोड़
नई दिल्ली/शिमला। अधिकमास, मलमास या पुरुषोत्तम क्या है? शास्त्रों में इसका वर्णन कैसे किया गया है? इस माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? आइए जानते हैं वशिष्ट ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा से। बुधवार 16 सितंबर को सूर्य कन्या राशि में आ जाएगा और इस राशि में ये ग्रह अगले महीने 17 अक्टूबर तक रहेगा। इस दौरान सभी राशियों पर सूर्य का असर पड़ेगा। सूर्य के कन्या राशि में आने से इसे कन्या संक्रांति कहा जाएगा। वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा के मुताबिक सूर्य का शुभ असर के कारण मेष, कर्क और धनु राशि वाले लोगों के जॉब और बिजनेस में अच्छे बदलाव होने की संभावना है। इसके साथ ही आर्थिक स्थिति और सेहत के लिए भी अच्छा समय शुरू होगा। वहीं, वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर,  कुंभ और मीन राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा। 
ज्योतिर्विज्ञान में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। सूर्य के शुभ असर से सेहत संबंधी परेशानी दूर होती है। आत्मविश्वास बढ़ता है। सरकारी काम पूरे हो जाते हैं। जॉब और बिजनेस में तरक्की मिलती है। बड़े लोगों और अधिकारियों से मदद मिलती है और सम्मान भी बढ़ता है। वहीं सूर्य के अशुभ असर के कारण नौकरी और बिजनेस में रुकावटें आती हैं। नुकसान भी होता है। बड़े लोगों से विवाद हो सकता है। आंखों से संबंधित परेशानी होती है। सिरदर्द भी होता है। कामकाज में रुकावटें आती हैं। विवाद और तनाव भी रहता है। 
16 को राशि परिवर्तन और 18 से अधिकमास
हिन्दू कैलेंडर में अधिकमास का बहुत महत्व है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। अधिकमास नहीं होता तो हमारे त्योहारों की व्यवस्था बिगड़ जाती। पंडित डोगरा के मुताबिक सूर्य वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच का अंतर दूर करने के लिए हर तीन साल में अधिकमास की व्यवस्था बनाई गई है। अधिकमास से त्योहारों की व्यवस्था बनी रहती है। अधिकमास की वजह से ही सभी त्योहारों अपने सही समय पर मनाए जाते हैं। वरना होली ठंड के दिनों में यानी दिसंबर-जनवरी में मनानी पड़ती और दिवाली बारिश मनाई जाती।
अधिकमास को मलमास भी कहा जाता है। इस वजह से कोई भी देवता इस मास का स्वामी बनना नहीं चाहता था। तब मलमास ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। प्रार्थना सुनकर भगवान विष्णु जी ने इसे अपना नाम दिया। इसी वजह से इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। मलमास में जो हम पूजा करते हैं वह सीधे-सीधे श्री नारायण हरि को प्राप्त होता है। 18 सितंबर से मलमास शुरू होगा और 16 अक्टूबर तक चलेगा। 17 अक्टूबर  शारदीय नवरात्रि का महालय आरंभ होगा।
सर्व पितृ अमावस्या
पंडित डोगरा बताते हैं कि 16 सितंबर को सूर्य राशि बदलकर कन्या में आएगा। 17 सितंबर को पितृ पक्ष का आखिरी दिन भी है। इसे सर्व पितृ अमावस्या या मोक्ष अमावस्या भी कहा जाता है। इस तिथि पर उन मृत लोगों के लिए श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु तिथि मालूम नहीं हो। इसी दिन सभी पितरों को श्राद्ध के साथ ही विदाई दी जाती है। इस पर्व पर कन्या राशि में सूर्य के होने से पितरों के श्राद्ध का विशेष फल मिलेगा।               


महंगाईः ऊंचाई पर आए 'टमाटर के भाव'

नई दिल्ली। एक तरफ कोरोना तो दसूरी तरफ बारिश की मार टमाटर का खुदरा भाव सातवें आसमान पर पहुँच गया है। टमाटर आम लोगो की रसाई से गायब हो गया है।गौरतलब है कि  देश के दक्षिणी और पश्चिमी इलाकों में भारी बारिश से टमाटर की आपूर्ति प्रभावित हुई है। यही वजह है कि माल्दा, एजल और इंफाल में इसकी खुदरा कीमत 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को देश में टमाटर की औसत खुदरा कीमत 50 रुपए प्रति किलोग्राम रही। जबकि अधिकतम कीमत 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। मंत्रालय देशभर के 114 बाजार केंद्रों में 22 अनिवार्य वस्तुओं की कीमत पर नजर रखता है। इसमें आलू, टमाटर और प्याज शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक देश में मंगलवार को आलू और प्याज की औसत कीमत 35 रुपए प्रति किलोग्राम रही। जबकि अधिकतम कीमत 60 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।आलू, प्याज और टमाटर लगभग हर भारतीय रसोई का हिस्सा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश के चार महानगर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में टमाटर की कीमत क्रमश: 63 रुपए, 68 रुपए, 80 रुपए और 50 रुपए प्रति किलोग्राम रही। हालांकि सब्जीवाले, फेरीवाले इत्यादि सरकारी दाम से ज्यादा पर ही टमाटर की बिक्री कर रहे हैं। इस साल दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में टमाटर की फसल कम रहने की आशंका है। कोविड-19 महामारी के दौरान कीमतों को लेकर अनिश्चिता के चलते इस बार किसानों ने कम रकबे पर टमाटर की खेती की है। इस बीच सरकार ने सोमवार को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी।             


प्याज निर्यात पर रोक से नेता भी हुए लाल

नई दिल्ली / मुंबई। केंद्र सरकार सोमवार को अचानक प्याज के भाव तेज होते देख प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है।  प्याज तो लाल हो रही है मगर मंगलवार को ऐसा लगा कि प्याज के साथ -साथ नेता भी लाल हो गए है।  मुंबई से एनसीपी प्रमुख शरद पंवार ने कहाकि केंद्र सरकार के निर्यात पर रोक लगाने के निर्णय पर एक बार पुन : विचार करना चाहिए। गौरतलब है कि महाराष्ट्र की प्याज मंडी में प्याज का भाव 30, 000 रुपए क्विंटल पर है और इस्का रिटेल भाव 35 – 45 रुपए चल रहा है।  यही बड़ा कारण है कि मोदी सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है, मगर निर्यात पर रोक के बहाने नेता किसानों को आगे रखकर कह रहे है कि सरकार के इस फैसले से किसान नाराज है पिछले महीने तक प्याज का रिटेल भाव 15 – 20 रुपए था।  किसान कह रहे है प्याज किसानो को अब जाकर सही भाव मिला है और पीछे तो किसान नुकसान उठा रहे थे।  गौरतलब  है कि दुनियाभर में भारत में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन और खेती होती है।  जबकि श्रीलंका , मलेशिया , बंगलादेश और नेपाल जैसे देश भारत पर निर्भर करते है और यदि ऐसे में निर्यात रोक दिया तो इसका लाभ पाकिस्तान को मिल सकता है। एक बात और कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में ज्यादा बारिश से प्याज की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है और मंडियों में  प्याज की आवक कम हो गई है। प्याज का उत्पादन प्रमुख रूप से 6 राज्यों में होता है। 50 प्रतिशत प्याज तो भारत की 10 मंडियों से आता है, इनमें से 6 तो महाराष्ट्र और कर्नाटक में हैं।

मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पंवार ने केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल से बात की और कि महाराष्ट्र में किसान सरकार के फैसले से नाराज है।  किसानो का कहना था कि पिछले काफी समय से किसान प्याज की खरीद में बड़ा नुकसान उठा रहे है और अब जाकर उन्हें प्याज के अच्छे दाम मिल रहे है तो केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है।  पंवार ने ट्वीट करते हुए कहाकि सरकार के इस निर्णय ने प्याज उगाने वाले क्षेत्र  में इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और उन लोगों ने मुझसे फोन पर बात की है और केंद्र सरकार को अवगत कराने के लिए कहा है। शरद पंवार किसानो के साथ -साथ वहां की राजनैतिक पार्टियों की भी अगवाई कर रहे है। शरद से इसको इस लिहाज से भी समझाने की कोशिश की कि यदि सरकार ने अपने निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया तो खाड़ी देशों में प्याज के सप्लाई के मामले में पाकिस्तान भारत की जगह ले लेगा। कहीं ऐसा तो नहीं कि शारद पंवार किसानो के बहाने प्याज माफियाओं के इशारे पर नाच रहे है। बहरहाल इतना तो तय है फिलाल प्याज के भाव कम होने वाले नहीं है यदि केंद्र सरकार इस मामले में कोई बड़ा कदम उठाती है और प्याज माफिया उसके दवाब में प्याज के दाम गिरा सकते है।  फिलाल प्याज की बड़ी कीमते आम आदमी की आंख से आँसू निकालते रहेंगे।           

रात के अंधेरे में कांग्रेसियों ने जलाई मशाल

पढिय़े रात के अंधेरे में कांग्रेसियों ने क्यों जलाई मशाल।


मशाल जलाकर किया सरकार को जगाने का प्रयास।
अधर में अटके मार्ग के निर्माण को लेकर कांग्रेसियों का अनोखा प्रदर्शन।
पंकज कपूर


किच्छा। नगर में एनएच 74 के अधूरे पड़े कार्य को पूरा कराने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रात्रि के अंधेरे में मशाल जलाकर राज्य की सरकार को जगाने का प्रयास किया है। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा काफी समय धरना प्रदर्शन के बाद अब यह कदम उठाया गया। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुरेश पपनेजा के नेतृत्व में 17 वें सप्ताह में सरकार को जगाने के लिए धरना प्रदर्शन के साथ मशाल जलाकर सरकार को जगाने का प्रयास किया गया। 
आपको बता दें कि किच्छा के निकट पुलभट्टा ओवर ब्रिज का निर्माण, किच्छा के आदित्य चौक पर रोड का निर्माण किच्छा के बाईपास पर सर्विस लेन निर्माण की मांग लगातार कांग्रेस के कार्यकर्ता कर रहे हैं, लेकिन एनएच 74 निर्माणाधीन संस्था गलफार कंपनी इस कार्य को नहीं कर रही है। जिसको लेकर कांग्रेसियों ने विरोध जताया है।                  


राहुल ने सरकार पर साधा निशानाः कोरोना

राहुल का कोरोना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना।


मनोज सिंह ठाकुर


नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कोरोना और अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमलावर हैं। और बुधवार को उन्होंने एक बार फिर सरकार की संक्रमण से निपट पाने में विफलताओं को लेकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने एक से एक खयाली पुलाव पकाए, जिनमें से एक ही सच निकला।
उन्होंने ट्वीट किया, “कोरोना काल में भाजपा सरकार ने एक से एक ख़याली पुलाव पकाए।
21 दिन में कोरोना को हरायेंगे
आरोग्य सेतु ऐप सुरक्षा करेगा
20 लाख करोड़ का पैकेज
आत्मनिर्भर बनो।
सीमा में कोई नहीं घुसा
स्थिति संभली हुई है।
लेकिन एक सच भी था- आपदा में ‘अवसर। “हैशटैगपीएमकेयर्स।”
कोरोना मामले में विश्व में देश दूसरे नंबर पर है। अमेरिका पहले और ब्राजील तीसरे नंबर है। देश में बुधवार के आंकड़ों में कुल संक्रमित 50 लाख 20 हजार 360 हैं। मृतक 82066 हो गये हैं। सक्रिय मामले नौ लाख 95 हजार 933 है जबकि 39 लाख 42 हजार 361 ने वायरस को मात दी है। कोरोना के देश में भयावह रूप के बीच सुकून की बात यह है कि रिकवरी दर 78.33 प्रतिशत और मृत्यु दर मात्र 1.63 प्रतिशत है। सक्रिय मामले कुल मामलों के 20 प्रतिशत से भी कम 19.84 प्रतिशत हैं।                  


मनमोहन-चिदंबरम संसद सत्र में भाग नहीं लेंगे

मनमोहन सिंह, चिदंबरम संसद सत्र में नहीं लेंगे भाग।


हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने स्वास्थ्य कारणों से संसद के मानसून सत्र से अनुपस्थित रहने की अनुमति मांगी है। इसके अलावा, सांसद ऑस्कर फर्नाडीस, नवनीत कृष्णन, नरेंद्र जाधव और सुशील गुप्ता ने भी सदन की कार्यवाही से गैरमौजूद रहने की इजाजत मांगी है।
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी, अनंत कुमार हेगड़े सहित 17 सांसद कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। भाजपा से कम से कम 12 सांसद कोरोना से संक्रमित हैं।
भाजपा के बेलागवी से सांसद और केंद्रीय रेलवे राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी मानसून सत्र में निश्चित रूप से हिस्सा नहीं ले सकेंगे क्योंकि उन्होंने वो कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं, हालांकि उन्होंने कहा कि वह ठीक हैं और सदन में उपस्थित रहना मंत्री के लिए सवाल से बाहर है।
इस बीच, केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक को शनिवार को वायरस के संक्रमण के बाद पणजी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उनकी स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की एक केंद्रीय टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही थी। उनके संसद सत्र में भाग लेने की कम संभावना है।                  


संयुक्त राष्ट्र महासभा का 75वां सत्र प्रारंभ

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 75वां सत्र शुरू।


संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोलकान बोजकिर ने महासभा के 75 वें सत्र के शुरुआत की घोषणा कर दी है। इस मौके पर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों को बहुपक्षवाद बनाए रखने के लिए कहा।
सिन्हुआ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुए कहा,जिस पर हम अभी काम कर रहे हैं वह हमें बहुपक्षीय प्रणाली की आवश्यकता को याद दिलाता है और हमारी सामूहिक चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उपयोग करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है।
बोजकिर ने कहा कि उनका इरादा महासभा की व्यक्तिगत बैठकों को तब तक रोकने का है जब तक कि स्वास्थ्य स्थितियां इसके लिए अनुकूल न हो जाएं। उन्होंने कहा, कूटनीति के हमारे काम में एक-दूसरे की स्थिति के बारे में दीर्घकालिक समझ बनाने और समझौता करने के लिए समकक्षों की आमने-सामने बैठ कर बात करने का कोई विकल्प नहीं है।
इससे पहले मंगलवार को बोजकिर को महासभा के 74 वें सत्र के समापन पर शपथ दिलाई गई। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बोजकिर को उनकी नई भूमिका के लिए बधाई दी और अपना पूरा समर्थन देने का वादा दिया।
गुटेरेस ने कहा, “यह वर्ष विश्व संगठन के जीवन का सबसे अधिक कठिन होगा। संयुक्त राष्ट्र को स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने और कोविड-19 के उपचार और टीकों के विकास और न्यायसंगत वितरण का समर्थन करना जारी रखना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा,हम संयुक्त राष्ट्र की 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि दुनिया को हमसे बहुत उम्मीदें हैं। इसलिए मैं संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों, देशों के प्रमुख समूहों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच विश्वास और सामंजस्य को मजबूत करने की दिशा में काम करने के आपके संकल्प की सराहना करते हैं। गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र सुधार एजेंडा के लिए समर्थन देने पर बोजकिर को धन्यवाद दिया।              


बिल गेट्स के पिता सीनियर बिल गेट्स का निधन

माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक के पिता बिल गेट्स सीनियर का निधन।


सैन फ्रांसिस्को। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के पिता विलियम एच गेट्स द्वितीय का 94 साल की उम्र में निधन हो।गया है। वे एक वकील और परोपकारी व्यक्ति थे। परिवार ने मंगलवार को घोषणा की कि वॉशिंगटन राज्य के समुद्र तट पर बने उनके घर में अल्जाइमर रोग के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
बिल गेट्स ने श्रद्धांजलि देते हुए लिखा। मेरे पिता की बुद्धिमत्ता उदारता, सहानुभूति और विनम्रता का दुनिया भर के लोगों पर बहुत प्रभाव था। मैं जैसे-जैसे बड़ा होता गया, मैं अपने जीवन में किए गए लगभग हर काम पर अपने पिता के प्रभाव की सराहना करने लगा। माइक्रोसॉफ्ट के शुरूआती वर्षों में मैंने उनसे अहम कानूनी परामर्श लिया था।
उन्होंने कहा कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन अब उनके पिता के बिना वैसा नहीं रहेगा जैसा पहले था। उन्होंने आगे कहा,इस फाउंडेशन की नींव के मूल्यों को उन्हीं ने आकार दिया था। वह अच्छे सहयोगी, विवेकपूर्ण और सीखने को लेकर गंभीर व्यक्ति थे। बिल गेट्स के बेटे होने का अनुभव अविश्वसनीय है। लोग मेरे पिताजी से पूछते थे कि क्या वह असली बिल गेट्स हैं। मैं उन्हें हर दिन याद करूंगा।               


संघर्षविराम उल्लंघन, घायल जवान शहीद

पाक के संघर्ष विराम उल्लंघन में घायल जवान अनीश हुए शहीद।


जम्मू। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान के संघर्ष विराम उल्लंघन में घायल हुए सेना के एक जवान ने बुधवार को अस्पताल में दम तोड़ दिया। जवान मंगलवार को घायल हो गया था।
रक्षा प्रवक्ता कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा, सुदंरबनी सेक्टर में एलओसी के पास पाकिस्तान के संघर्ष विराम उल्लंघन में घायल हुए नाइक अनीश थॉमस ने आज अस्पताल में दम तोड़ दिया।”
उन्होंने कहा,नाइक अनीश थॉमस एक बहादुर और सच्चे सैनिक थे। राष्ट्र उनके सर्वोच्च बलिदान और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए हमेशा उनका ऋणी रहेगा।                


पाक के राज्यों में खपाएं जा रहे नकली नोट

इस्लामाबाद। पाकिस्तान भारत में सिर्फ आतंकवादी ही नहीं भेजता है, वो भारत की अर्थव्यवस्था को खराब करने के लिए नकली नोट भी भेज रहा है। अभी तक वो बांग्लादेश के रास्ते पश्चिम बंगाल में ही नकली नोट भेजता था, लेकिन अब उसके भेजे गए नकली नोट देश के अलग-अलग 16 राज्यों में पकड़े गए हैं।नकली नोट इतनी तादाद में आ रहे हैं कि पश्चिम बंगाल अब पीछे छूट गया है। यह नोट 2000, 500 और 200 रुपये के नोट की शक्ल में भारत (India) भेजे जा रहे हैं. हालांकि देश की अलग-अलग एजेंसियां हर साल बड़ी संख्या में नकली नोट पकड़ रही हैं।


नकली नोट मामले में गुजरात, बंगाल और पंजाब हैं टॉप पर
हाल ही में गृह मंत्रालय ने नकली नोटों से जुड़े कुछ आंकड़े जारी किए हैं। यह आंकड़े बीते चार साल के हैं। 2016 से लेकर 2019 तक के आंकड़े जारी किए गए हैं। आंकड़ों में बताया गया है कि कब और कहां कितने नकली नोट पकड़े गए। पाकिस्तान 2000, 500 और 200 रुपये के नोट की शक्ल में नकली नोट भेज रहा है।                


केवल 11 दिन में दस लाख कोरोना मरीज

देश में महज 11 दिन में 40 से 50 लाख हुए कोरोना संक्रमित।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर रोज कोई न कोई रिकॉर्ड बन रहा है।और दिनों-दिन बड़ी संख्या में संक्रमण के नये मामले सामने आने के कारण संक्रमितों की संख्या 40 से 50 लाख पहुंचने में महज 11 दिन लगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान 90123 नये मामलों के साथ संक्रमितों की कुल संख्या 50 लाख को पार कर 50,20,360 पर पहुंच गई।
मंगलवार के आंकड़ों में कोरोना मृतकों की संख्या 80 हजार को पार कर गई थी। देश में कोरोना संक्रमण फैलने के बाद मात्र नौ दिन में दस हजार मरीजों की मौत हुई और संख्या 70 हजार से बढ़कर 80 हजार के पार पहुंच गई।
कोविड-19 देश में कैसे बेतहाशा फैला है इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि केवल दो महीने के अंदर ही 40 लाख लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
देश में कोरोना का पहला मामला इस वर्ष 30 जनवरी को सामने आया था। इसके बाद 01 से 10 लाख की संख्या पहुंचने में साढ़े पांच माह का समय लगा। पहले दस लाख मामले 167 दिन में हुए। इसके बाद तो यह जानलेवा वायरस सुरसा की तरह मुंह फैलाते हुए ऐसा बढ़ा कि अब देश रोजाना सर्वाधिक नये मामलों मे विश्व में पहले नंबर पर है।
कोरोना के मरीजों का आंकड़ा मात्र 21 दिन में 10 से 20 लाख हो गया। इसके बाद यह अंतर बराबर कम होता चला गया तथा 20 से 30 लाख मामले 16 दिन, 30 से 40 लाख 13 दिन और 40 से 50 लाख मात्र 11 दिन में पहुंच गए।
कोरोना मामले में विश्व में देश दूसरे नंबर पर है। अमेरिका पहले और ब्राजील तीसरे नंबर है।
देश में कुल संक्रमित 50 लाख 20 हजार 360 हैं। मृतक 82066 हो गये हैं तथा सक्रिय मामले नौ लाख 95 हजार 933 है जबकि 39 लाख 42 हजार 361 ने वायरस को मात दी है।
कोरोना के देश में भयावह रूप के बीच सुकून की बात यह है कि रिकवरी दर 78.33 प्रतिशत और मृत्यु दर मात्र 1.63 प्रतिशत है। सक्रिय मामले कुल मामलों के 20 प्रतिशत से भी कम 19.84 प्रतिशत हैं।                 


क्रेडिट कार्डः कर्ज चुकाने में मिलेगी राहत

एसबीआई क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए खुशखबरी,कर्ज चुकाने को लेकर राहत की उम्मीद।


नई दिल्ली। एसबीआई कार्ड धारकों के लिए एक राहत देने वाली खबर है। दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मार्च से 31 मई 2020 तक कर्ज लौटाने को लेकर छूट दी थी। फिर बाद में इस अवधि को अगस्त तक बढ़ा दिया गया, लेकिन ग्राहक अब भी अपने कर्ज का भुगतान नहीं कर पाए हैं, जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के भी ग्राहक हैं। इसे देखते हुए एसबीआई अपने ग्राहकों को कर्ज चुकाने के लिए और समय देने की सोच रहा है। इसके साथ ही कई ग्राहक मोरेटोरियम के पहले तीन महीने का भुगतान नहीं कर रहे हैं। कंपनी उन्हें स्टैंडर्ड खाता मान रही है। आपको बता दें कि रिस्ट्रक्चरिंग उस ग्राहक के लोन की होगी, जिसने पिछले कुछ समय से किश्तों का भुगतान नहीं किया है। जो ग्राहक रेगुलर ईएमआई दे रहे हैं, वे इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएंगे। रिस्ट्रक्चरिंग के तहत मान लीजिए आपकी ईएमआई 10 हजार महीने की है।
अगर आपने 4 महीने किश्त नहीं भरा है और आपका लोन का समय 5 साल बाकी है। तो बैंक आपकी यह 4 महीने की ईएमआई उसी 5 साल में बांट देगा। यही नहीं, आप चाहते हैं कि आपकी ईएमआई की राशि कम हो जाए तो आप बैंक से अपने कर्ज भरने की समयसीमा बढ़वा सकते हैं। इससे आपको यह फायदा होगा कि आपकी ईएमआई मासिक कम हो जाएगी।
एसबीआई कार्ड दे सकता है बड़ी राहत- एसबीआई कार्ड के सीईओ अश्विनी कुमार तिवारी ने इसकी जानकारी दी है। एसबीआई कार्ड के अनुसार मई में उसके 7,083 करोड़ रुपए मोरेटोरियम में फंसे थे।
यह आंकड़ा कम होकर अब 1,500 करोड़ रुपये पर आ गया है। जो ग्राहक आरबीआई के बजाए कंपनी की पुनर्गठन योजना का चयन करेंगे, उन्हें लाभ होगा क्योंकि ऐसे मामलों की जानकारी सिबिल को नहीं दी जाएगी।
रिस्ट्रक्चरिंग बिलकुल घाटे का सौदा है। यह सिर्फ तभी कराना चाहिए जब आपकी आर्थिक दिक्कतें बढ़ गई हों। घाटा इस तरह से है कि आप जितना ज्यादा कर्ज की समय सीमा बढ़ाएंगे उतना ज्यादा आपको ब्याज देना होगा। भले ही आपकी मासिक ईएमआई कम हो लेकिन लंबी अवधि में वह एक बहुत बड़ी राशि हो जाती है जो आप ब्याज के रूप में बैंक को देते हैं।
नहीं ऐसा नहीं है। रिस्ट्रक्चरिंग बैंक की मर्जी है। रिस्ट्रक्चरिंग की सुविधा आपको तभी मिलेगी जब आपका रिकॉर्ड सही होगा। आपका लोन एनपीए नहीं होगा। आप डिफॉल्ट नहीं होंगे। आरबीआई ने कहा कि उसने वन टाइम विंडो शुरू की है। आप बैंक से रीपेमेंट का एक नया टर्म पूछ सकते हैं। आपको अतिरिक्त क्रेडिट की सुविधा मिल जाएगी। इसके लिए आपको एक मार्च 2020 तक किसी भी लोन में डिफॉल्ट नहीं होना चाहिए।                   


मोदी सरकार 6 कंपनियों को करेगी बंद

मोदी सरकार इन 6 कंपनियों को करेगी बंद।


नई दिल्ली।केंद्र सरकार ने कहा है कि वह 20 सरकारी कंपनियों (सीपीएसइएस) और उनकी इकाइयों में हिस्सेदारी बेच रही है।जबकि छह को बंद करने पर विचार किया जा रहा है। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार विनिवेश के लिए रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री नीति का पालन करती है।
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 2.10 लाख करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि विनिवेश से जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार पब्लिक सेक्टर कंपनियों के विनिवेश के जरिए 1.20 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी। वहीं, वित्तीय संस्थाओं की हिस्सेदारी की बिक्री के जरिए अन्य 90,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। अनुराग ठाकुर ने कहा, नीति आयोग की ओर से तय किए गए मानदंडों के आधार पर सरकार ने 2016 से 34 मामलों में रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी है। इनमें से 8 में विनिवेश की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सीपीएसइएस को बंद करने पर विचार किया जा रहा है और 20 अन्य में प्रक्रिया अलग-अलग चरण में है।जिन कंपनियों को सरकार बंद करने पर विचार कर रही है उनमें हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन लिमिटेड एचएफएल स्कूटर्स इंडिया, भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड, हिंदुस्तान प्रीफैब, हिन्दुस्तान न्यूजप्रिंट और कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्टूकिल्स लिमिटेड शामिल हैं।
जिन कंपनियों में विनिवेश की प्रक्रिया अलग-अलग चरणों में हैं, वे हैं- प्रोजेक्ट एंड डिवेलपमेंट इंडिया लिमिटेड, इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट (इंडिया) लिमिटेड, ब्रिज एंड रूफ को इंडिया लिमिटेड, यूनिट्स ऑफ सीमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड।(सीसीआई), सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड, नागरनर स्टील प्लांट, अलोय स्टील प्लांट, दुर्गापुर,सालेम स्टीम प्लांट,भद्रावती यूनिट्स ऑफ एसएआईएल, पवन हंस, एयर इंडिया और इसकी पांच सब्सिडियरी और एक जॉइंट वेंचर।
इसके अलावा एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड, इंडियन मेडिसिन एंड फार्माशूटिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड, इंडियन टूरिज्म डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (आईटीडीसी), हिन्दुस्तान एंटीबायोटिक्स, बंगाल केमिकल्स और फार्माशूटिकल्स, भारत पेट्रोलियम लिमिटेड, नूमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड में बीपीसीएल की हिस्सेदारी, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और नीलांचल इस्पात लिमिटेड में रणनीतिक बिक्री चल रही है।
जिन कंपनियों में रणनीतिक हिस्सेदारी की बिक्री हो चुकी हैं वे हैं- एचपीसीएल, आरईसी, हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी, नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन, द्रेदजिंग कॉर्पोरेशन, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड और कामाराजार पोर्ट।                   


जियो का नया क्रिकेट प्लान हुआ चालू


नई दिल्ली। रिलायंस जियो ने 598 रुपये वाला नया प्रीपेड प्लान पेश किया है। यह कंपनी का हर दिन 2 जीबी डेटा वाला प्लान है। इसमें ग्राहकों को 56 दिन के लिए डेटा और कॉलिंग की सुविधा मिलती है। साथ ही यूजर्स डिज्नी + हॉटस्टार वीआईपी मेंबरशिप का भी फायदा उठा सकते हैं।



क्या है Jio का ₹598 वाला प्लान
कंपनी ने इसे नया क्रिकेट प्लान नाम दिया है। 598 रुपये वाले प्लान की वैलिडिटी 56 दिन की है। कॉलिंग की बात करें तो इसमें जियो से जियो पर अनलिमिटेड कॉलिंग और अन्य नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 2000 नॉन-जियो मिनट्स मिलते हैं। इसमें हर दिन 2 जीबी डेटा मिलता है, इस तरह यूजर्स कुल 112 जीबी डेटा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा रोज 100 एसएमएस और जियो ऐप्स के मुफ्त सब्सक्रिप्शन का लाभ ले सकते हैं।


प्लान में एक साल के लिए डिज्नी + हॉटस्टार वीआईपी की मेंबरशिप मिलती है, जिसकी कीमत 399 रुपये है। IPL 2020 नजदीक है, ऐसे में जियो का यह प्लान कई यूजर्स का आकर्षित कर सकता है। 598 रुपये के नए प्लान के साथ अब कंपनी के ऐसे कुल चार प्लान (401 रुपये, 598 रुपये, 777 रुपये और 2,599 रुपये) हो गए हैं जिनमें Disney+ Hotstar VIP मेंबरशिप दी जा रही है।





401 रुपये वाला प्लान: इसकी वैलिडिटी 28 दिन की है। इसमें रोज 3 जीबी डेटा, जियो से जियो पर अनलिमिटेड कॉलिंग, 2000 नॉन-जियो मिनट्स और रोज 100 एसएमएस मिलते हैं।




777 रुपये वाला प्लान: इसकी वैलिडिटी 84 दिन की है। इसमें रोज 1.5 जीबी डेटा, जियो से जियो पर अनलिमिटेड कॉलिंग, 2000 नॉन-जियो मिनट्स और रोज 100 एसएमएस मिलते हैं।


2599 रुपये वाला प्लान: इसकी वैलिडिटी 365 दिन की है। इसमें रोज 2 जीबी डेटा, जियो से जियो पर अनलिमिटेड कॉलिंग, 2000 नॉन-जियो मिनट्स और रोज 100 एसएमएस मिलते हैं।             


राज्यसभा में ऑक्सीजन का मुद्दा उठाया

दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में कोविड मरीजों को ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाया।


नई दिल्ली। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में ऑक्सीजन सिलेंडर की ऊंची कीमतों और कालाबाजारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने दावा किया कि ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से कई मरीजों की मौत हो रही है।
दिग्विजय सिंह ने कहा, “सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम को बदल रही है और ऑक्सीजन सिलेंडर को भी इसके अंतर्गत लाया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “ऑक्सीजन की कीमत 10 रुपये प्रति घन मीटर है जो अब बढ़कर 50 रुपये प्रति घन मीटर हो गई है।” उन्होंने आगे कहा, इसके कारण कई मरीजों की जान चली गई है और सरकार को इस संबंध में कदम उठाना चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री ने अपने भाषण के दौरान इस मुद्दे का उल्लेख नहीं किया।24 घंटे में 1,290 मौतों सहित 90,123 नए मामले सामने के साथ बुधवार को भारत में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 5,020,359 तक पहुंच गई।
भारत में 17 जुलाई को कोरोना मामले 10 लाख तक पहुंचे थे, जो फिर 7 अगस्त को 20 दिनों में 20 लाख हो गए। ये 23 अगस्त को 30 लाख, 5 सितंबर को 40 लाख के पार और फिर 11 दिनों में आखिरकार कुल मामले 50 लाख तक पहुंच गए। महाराष्ट्र में 10,97,856 मामलों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बना हुआ है, जिसमें 30,409 मौतें शामिल हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हैं।                 


यूपीः 9 आईएएस अधिकारियों का तबादला

यूपी में नौ आईएएस अधिकारियों का तबादला।


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार देर रात भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के नौ अधिकारियों का तबादला कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि महोबा के जिलाधिकारी अवधेश तिवारी को कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा में विशेष सचिव बनाया गया है।जबकि विशेष सचिव बेसिक शिक्षा सत्येन्द्र कुमार महोबा के नये जिलाधिकारी बनाए गए हैं।
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक राजशेखर को कानपुर का मंडलायुक्त बनाया गया है वहीं परिवहन आयुक्त धीरज साहू को राजशेखर की जगह प्रबंध निदेशक का भी प्रभार सौंपा गया है। लखनऊ के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन बनाये गये हैं वहीं लाेक निर्माण विभाग के सचिव रंजन कुमार को लखनऊ का कमिश्नर नियुक्त किया गया है।
कानपुर के मंडलायुक्त को सुधीर बोबडे को सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद के पद पर भेजा गया है। बोबड़े श्रम आयुक्त के साथ कानपुर मंडल के आयुक्त भी थे जबकि अब मोहम्मद मुस्तफा प्रदेश के नए श्रम आयुक्त बन गये हैं। प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन एवं राष्ट्रीय एकीकरण जितेंद्र कुमार से पर्यटन व संस्कृति का प्रभार ले लिया गया है। इससे पहले सरकार ने दिन में जिलाधिकारी के पद से हटा कर प्रतीक्षा सूची में डाले गये आठ आईएएस अधिकारियों को नई तैनाती दी थी।               


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...