सोमवार, 14 सितंबर 2020

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण




यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)












 सितंबर 15, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-32 (साल-02)
2. मंगलवार, सितंबर 15, 2020
3. शक-1943, अश्विन, कृृष्ण-पक्ष, श्राद्ध पक्ष, तिथि- त्रयोदसी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:58, सूर्यास्त 06:40 ।


5. न्‍यूनतम तापमान 25+ डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै.। आद्रता के साथ, बरसात की संभावना बनी रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


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रविवार, 13 सितंबर 2020

चीन ने अमेरिका को ठहराया जिम्मेदार

बीजिंग/ वाशिंगटन डीसी। चीन के रक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग की विस्तारवादी सोच और महाशक्ति बनने की महात्वाकांक्षा को लेकर आई अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट की जमकर आलोचना की है। अमेरिका पर पलटवार करते हुए रक्षा मंत्रालय ने वाशिंगटन को अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। बता दें कि अमेरिकी रक्षा विभाग ने चीन की सैन्य महात्वाकांक्षा को लेकर दो सितंबर को संसद में एक रिपोर्ट पेश की थी। इसमें कहा गया था कि चीन के बढ़ते प्रभाव से ना केवल अमेरिका के राष्ट्रीय हित प्रभावित होंगे बल्कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा पैदा होगा। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने कहा कि रिपोर्ट पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और 140 करोड़ लोगों के बीच संबंधों की एक गलत तस्वीर पेश करती है। पिछले कई वर्षो के दौरान हुए घटनाक्रमों को देखें तो पता चलता है कि क्षेत्रीय अशांति के लिए पूरी तरह अमेरिका जिम्मेदार है। वह ना केवल अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का उल्लंघन करता है बल्कि उसके द्वारा उठाए गए कदम विश्व शांति को नुकसान पहुंचाते हैं।               


परमाणु बम से खतरनाक है रूसी हथियार

मॉस्को। अमेरिका के पास दुनिया सबसे विस्तृत एयर डिफेंस सिस्टम है लेकिन एक हथियार ऐसा है जिसे यह सिस्टम भी इंटरसेप्ट नहीं कर सकता है। रूस के पास है Avangard हाइपरसोनिक ग्लाइड वीइकल। देश का पहला स्ट्रैटिजिक मिसाइल फोर्स रेजिमेंट परमाणु क्षमता वाले इस वीइकल के साथ जंगी बेड़े में शामिल हुआ है।
चीन के न्यूज आउटलेट Sina के मुताबिक इस वीइकल की स्ट्राइक स्पीड और इंटरसेप्शन से बचने की ताकत इसे परमाणु बम से भी खतरनाक बनाती है। Sina के मुताबिक Avangard के जरिए रूस अमेरिका को संदेश देना चाहता है कि रूस की मिसाइलों के सामने अमेरिका का एयर डिफेंस किसी काम का नहीं है।

पिछले साल किया गया शामिल
पिछले साल ही रूस के रक्षा मंत्री सर्जेई शोइगू ने इस बात की पुष्टि की थी कि इसे जंगी बेड़े में शामिल किया गया है। रूस की स्ट्रैटिजिक मिसाइल फोर्स के कमांडर कर्नल जनरल सर्जेई काराकीव ने कहा था कि Avangard को यासनेन्स्की मिसाइल कंपाउंड में मॉस्को से 1,200 किमी दूर तैनात किया गया है।
वहीं, कुछ दिन पहले ही द वॉशिंगटन पोस्ट में छपे जर्नलिस्ट बॉब वुडवर्ड की किताब के अंश में यह पता चला था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा परमाणु हथियार सिस्टम बनाने का दावा किया था जो देश में पहले कभी नहीं देखा गया था। उन्होंने यहां तक कहा था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ऐसा कुछ पहले कभी सुना भी नहीं होगा।           


रूस में संक्रमितों की संख्या साढे 10 लाख

मास्को। (कोविड-19) संक्रमण के साढ़े पांच हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं और इसके साथ ही देश में संक्रमितों का कुल आंकड़ा साढ़े दस लाख के भी पार पहुंच गया है। रविवार को देश के कोरोना वायरस रेस्पोंस सेंटर (Russia Coronavirus Response Center) ने यह जानकारी दी है। सेंटर के अनुसार, रूस में एक दिन में संक्रमण के 5,449 नए मामले सामने आए हैं और संक्रमितों की कुल संख्या 10,62,811 हो गई है। ताजा मामलों में से 23.5 फीसद केसों में संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आए हैं।


सेंटर की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पिछले 24 घंटों में सामने आए कोरोना संक्रमण के 5,449 मामले, देश के 84 क्षेत्रों से दर्ज किए गए हैं। वहीं, इनमें से 1,238 मामलों में कोई लक्षण नजर नहीं आया है। पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के कारण 94 लोगों की मृत्यु हो गई है और इसके साथ ही देश में मौतों का आंकड़ा 18,578 तक पहुंच गया है। वहीं, इस दौरान 2,690 लोग संक्रमण से ठीक भी हुए हैं और ठीक होने वालों की कुल संख्या 8,76,225 हो गई है।            






 





बजट घाटा, 3,000 के उच्चस्तर पर पहुंचा

वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका का बजट घाटा चालू बजट वर्ष के पहले 11 माह में 3,000 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है। वित्त विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अमेरिका सरकार को कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए बड़ी राशि खर्च करनी पड़ी है, जिससे असर बजट घाटे पर पड़ा है।
कोरोना से अमेरिका में गई लाखों नौकरियां


महामारी की वजह से अमेरिका में लाखों नौकरियां चली गई हैं। चालू बजट वर्ष की अक्टूबर से अगस्त की 11 माह की अवधि में बजट घाटा 3,000 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।इससे पहले 11 माह की अवधि में बजट घाटे का रिकॉर्ड 2009 में बना था। उस समय बजट घाटा 1,370 अरब डॉलर रहा था। यह 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट का दौर था।मौजूदा बजट घाटा पिछले रिकॉर्ड से दोगुना से अधिक हहै।मेरिका का 2020 का बजट वर्ष 30 सितंबर को समाप्त होना है। अमेरिकी कांग्रेस के बजट कार्यालय का अनुमान है कि पूरे बजट वर्ष में बजट घाटा 3,300 अरब डॉलर रहेगा।          


झड़पः चीन के 60 से अधिक सैनिक मारें

बीजिंग/ नई दिल्ली। अपने आर्टिकल में गलवान को लेकर चौंकाने वाली बातें लिखीं हैं। इस आर्टिकल के मुताबिक, 15 जून को गलवान में हुई झड़प में चीन के 60 से ज्यादा सैनिक मारे गए। दुर्भाग्य से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ही भारतीय क्षेत्र में आक्रामक मूव के आर्किटेक्ट थे, लेकिन उनकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) इसमें फ्लॉप हो गई। पीएलए से ऐसी अपेक्षा नहीं की जा रही थी।


आर्टिकल में कहा गया है कि भारतीय सीमा पर चीन की सेना की विफलता के परिणाम सामने आएंगे। चीनी आर्मी ने शुरुआत में शी जिनपिंग से इस विफलता के बाद फौज में विरोधियों को बाहर करने और वफादारों की भर्ती करने की बात कही है। जाहिर है, बड़े अफसरों पर गाज गिरेगी। सबसे बड़ी बात यह कि विफलता के चलते चीन के आक्रामक शासक जिनपिंग जो कि पार्टी के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष भी हैं और इस नाते पीएलए के लीडर भी, वो भारत के जवानों के खिलाफ एक और आक्रामक कदम उठाने के लिए उत्तेजित होंगे।


जिनपिंग के जनरल सेक्रेटरी बनने के बाद पीएलए की घुसपैठ बढ़ी
दरअसल, मई की शुरुआत में ही लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के दक्षिण में चीन की फौजें आगे बढ़ीं। यहां लद्दाख में तीन अलग-अलग इलाकों में भारत-चीन के बीच टेम्परेरी बॉर्डर है। सीमा तय नहीं है और पीएलए भारत की सीमा में घुसती रहती है। खासतौर से 2012 में शी जिनपिंग के पार्टी का जनरल सेक्रेटरी बनने के बाद।


जून में चीन के सैनिकों ने भारत को चौंकाया


मई में हुई घुसपैठ ने भारत को चौंका दिया था। फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के क्लिओ पास्कल ने बताया कि मई के महीने में रूस ने भारत को यह बताया था कि तिब्बत के स्वायत्तशासी क्षेत्र में चीन का लगातार युद्धाभ्यास किसी इलाके में छिपकर आगे बढ़ने की तैयारियां नहीं हैं। लेकिन, 15 जून को चीन ने गलवान में भारत को चौंका दिया। यह सोचा-समझा कदम था और चीन के सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए।


गलवान में बहादुरी से लड़े भारतीय जवान


गलवान में भारत-चीन के बीच हुई झड़प दोनों देशों में 40 साल बाद पहली खतरनाक भिड़ंत थी। विवादित इलाकों में घुसना चीन की आदत है। दूसरी ओर, 1962 की हार से लकवाग्रस्त हो चुकी भारतीय लीडरशिप और जवान सुरक्षात्मक रहते हैं। लेकिन, गलवान में ऐसा नहीं हुआ। यहां चीन के कम से कम 43 सैनिकों की जान गई। पास्कल ने बताया कि यह आंकड़ा 60 के पार हो सकता है। भारतीय जवान बहादुरी से लड़े और चीन खुद को हुए नुकसान को नहीं बताएगा।


भारतीय जवान अब बोल्ड एंड बेटर
अगस्त के आखिर में 50 साल में पहली बार भारत ने आक्रामक रवैया अपनाया। हाल ही में जिन ऊंचाई वाले इलाकों को चीन ने हथिया लिया था, भारत ने उन पर फिर से अपना कब्जा कर लिया। चीन की सेना तब चौंक गई, जब उनकी ऊंचाई वाले इलाकों पर कब्जे की कोशिशों को भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया। चौंके हुए चीनी सैनिकों को वापस लौटना पड़ा।


ज्यादातर दक्षिणी इलाके अब भारत के पास हैं, जो कभी चीन के पास थे। अब चीन की सेना ऐसे इलाकों की तरफ बढ़ सकती है, जहां कोई उनकी रखवाली के लिए नहीं है। लेकिन, युद्ध में ये इलाके कितने काम के होंगे, ये अभी साफ नहीं है। भारत घुसपैठियों को मौका नहीं दे रहा है। पास्कल ने बताते हैं कि आप भारतीय जवानों को ज्यादा आक्रामक या रक्षात्मक तौर पर आक्रामक कह सकते हैं। पर, वास्तव में वो बोल्ड एंड बेटर हैं।           


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