शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

सेवा के 103 कार्यक्रम आयोजित हुए

भानु प्रताप उपाध्याय 


गौ सेवा भोजन सेवा का 103 वा कार्यक्रम पशु पक्षी जीव जंतु गौ माता सेवा समिति ने आयोजित किया


शामली। आज दिनाक 11 सितंबर को नगर की बड़ी गौशाला में गोवंशों गौमाताओ व मार्ग में मिलने वाले बेजुबान पशुओ को समिति ने भोजन सेवा की। समिति टीम भोजन वाहन गाड़ी द्वारा विभिन्न स्थानों पर जाकर हरा चारा आटा चोकर मिलाकर मूक जानवरो को सेवा कार्य किया गया।आज कार्यक्रम का 103 वा दिवस रहा। जमीन में चीटियों के भोजन हेतु गोला पेड़ के नीचे दबाया गया। पक्षियो को दाना खिलाया गया।यह सेवा कोरोना संकट काल से निरन्तर जारी है। आओ हम सब गौ सेवा व रक्षा अभियान में अपना योगदान अर्पित कर कर्तव्य पालन करे। समिति महामंत्री नन्द किशोर मित्तल गौ सेवा भोजन कार्यक्रम हेतु समर्पित भाव से सयोजन कर रहे है। कोरोना योध्या बनकर इनकी सेवा कोरोना महामारी में भी जारी हर दिन रही अब भी सेवा कार्य को बराबर देख रेख में कर रहे है। ट्रस्ट संस्थापक अमरीश संगल जी ने आज कार्यक्रम के दौरान अपने विचार रखे। आज के गौपालक समिति अध्यक्ष सतीश गोयल,सरक्षक अरुण जैन मैनेजर इंडियन बैंक,डॉ राजेन्द्र गोयल,सोनू सैनी, अर्पित मित्तल,ट्रस्ट अध्य्क्ष आशीष संगल,नत्थू सिंह गर्ग बुढ़ाना ,टेक चंद मित्तल ,नरोत्तम दास गर्ग,नीरज जैन गढ़ी पुख्ता,पराग संगल,उपस्थित रहे।       


भारत-चीन में 5 मुद्दों पर बनी सहमति

नई दिल्ली/ बीजिंग। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को मॉस्को में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से लद्दाख में जारी गतिरोध पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर आमने सामने बैठकर करीब 2 घंटे बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच 5 मुद्दों पर सहमति बनी है। बैठक के बाद दोनों देशों की ओर से शुक्रवार सुबह जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के साथ-साथ भारत-चीन संबंधों पर हुए घटनाक्रमों पर एक स्पष्ट और रचनात्मक चर्चा की।




दोनों मंत्रियों ने सहमति व्यक्त की कि दोनों पक्षों को भारत-चीन संबंधों को विकसित करने को लेकर नेताओं की आम सहमति की श्रृंखला से मार्गदर्शन लेना चाहिए, जिसमें मतभेदों को विवाद नहीं बनने देने पर सहमति बनी थी। दोनों विदेश मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। इसलिए वे सहमत हुए कि दोनों पक्षों के सीमा सैनिकों को अपना संवाद जारी रखना चाहिए, जल्दी से अग्रिम चौकियों पर तैनाती हटानी चाहिए, उचित दूरी बनाते हुए तनाव कम करना चाहिए।

 दोनों मंत्रियों ने सहमति व्यक्त की कि दोनों पक्ष चीन-भारत सीमा मामलों पर सभी मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करेंगे, सीमा क्षेत्रों में शांति और सामान्य स्थिति बनाए रखेंगे और ऐसी हरकतों से बचेंगे जिससे स्थिति और ज्यादा बिगड़े। दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र के माध्यम से बातचीत और संचार जारी रखने के लिए भी सहमति व्यक्त की। उन्होंने इस संदर्भ में भी सहमति व्यक्त की कि भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए बने कार्य तंत्र (डबल्यूएमसीसी) को भी अपनी बैठकें जारी रखनी चाहिए।

 

मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि जैसे ही स्थिति ठीक हो, दोनों पक्षों को सीमा क्षेत्रों में शांति और सामान्य स्थिति बनाए रखने और बढ़ाने के लिए नए कॉन्फिडेंस बिल्डिंग उपायों पर तेजी से काम करते हुए उन्हें अमल में लाना चाहिए। माना जा रहा था कि दोनों नेताओं की इस बैठक का मुख्य उद्देश्य लगातार वार्ता प्रक्रिया को जारी रखना है ताकि सीमा विवाद कोई बड़ा रूप ना ले ले। 

 इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सरगेई लावरोव और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ त्रिपक्षीय वार्ता भी की थी। इसमें जारी संयुक्त वक्तव्य में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही गई थी जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और स्थिरता कायम रह सके।           




सभी देशो को वैक्सीन देना चाहते हैंः रूस

मॉस्को। रूस की कोरोना वायरस को भले ही दुनियाभर में शक की निगाह से देखा जाता हो, वह हर देश को यह वैक्सीन देना चाहता है। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के CEO किरिल दिमित्रीव का कहना है कि बिना किसी भेदभाव के रूस हर देश को वैक्सीन देना चाहता है। उन्होंने कहा है कि दूसरे देशों के साथ पार्टनरशिप करके वैक्सीन बनाई जा सकती है। उन्होंने दूसरे देशों के साथ काम करने की रूस की इच्छा पर भी जोर दिया।
अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ कर रहे हैं काम
दिमित्रीव ने कहा है, 'रूस का रुख काफी खुला है, अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से पार्टनरशिप और सहयोग के लिए। हम GAVI और CEPI के साथ-साथ WHO और अग्रणी अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ समझौते कर रहे हैं जो वैक्सीन बनाते हैं और रिसर्च-डिवेलपमेंट में काम करते हैं।' Sputnik V को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 अगस्त को रजिस्टर किया था। यह रजिस्टर होने वाली दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन है।             


चीन को लेकर ट्रंप ने बाइडेन पर बोला हमला

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देश के राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी एवं डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन पर चीन के मामले में ‘‘कमजोर’’ रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका परिवार सीधे चीनी सेना को देश ‘‘बेच रहा’’ है।


ट्रम्प ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘बाइडेन चीन को लेकर कमजोर हैं। इस बात का कल खुलासा हुआ कि एक ऐसी कंपनी ने एक बड़े चीनी सैन्य रक्षा ठेकेदार को मिशिगन की एक ऑटो पार्ट्स निर्माता कंपनी की बिक्री संभव बनाई, जिसका आंशिक मालिकाना हक जो बाइडेन के बेटे हंटर के पास है।           


ट्रंप की चेतावनी पर मंत्रालय ने दी प्रतिक्रिया

बीजिंग/ वाशिंगटन डीसी। अमेरिका ने टिकटॉक (TikTok) की स्वामित्व वाली कंपनी बाइटडांस (Bytedance) को साफ शब्दों में कह दिया है कि या तो 15 सितंबर से पहले किसी अमेरिकी कंपनी को अपना कारोबार बेच दो या फिर बोरिया-बिस्तर बांधकर चीन लौट जाओ। इस पर चीन की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन (Zhao Lijian) ने कहा है कि अमेरिका अपनी राष्ट्रीय शक्ति का उपयोग करके अन्य देशों की विशिष्ट कंपनियों पर अत्याचार करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा का दुरुपयोग करने और अन्य देशों की विशिष्ट कंपनियों पर अत्याचार करने के लिए अपनी राष्ट्रीय शक्ति का उपयोग करने के अमेरिका के प्रयासों का चीन विरोध करता है।


ट्रंप की टिकटॉक को चेतावनी


इससे पहले ट्रंप ने अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने और इसे किसी अमेरिकी कंपनी को बेचने की समय सीमा बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है। ट्रंप ने कहा है कि टिकटॉक डेडलाइन के भीतरअपना स्वामित्व किसी अमेरिकी कंपनी को सौंपे नहीं तो अमेरिका में यह ऐप पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी।             


अमेरिका के जंगलों में लगी भयानक आग


एस्टाडा। अमेरिका के उत्तर पश्चिमी प्रशांत (पैसिफिक नॉर्थवेस्ट) के जंगलों में लगी भीषण आग तेज हवाओं के कारण फैल गई और ओरेगन स्थित सैकड़ों घर जलकर खाक हो गए। इस भयावह घटना में एक बच्चे समेत सात लोगों की मौत हो चुकी है। ओरेगन और कैलिफोर्निया में इसका असर ज्यादा है। ओरेगन में कार से सफर कर रहे दो लोग इसकी चपेट में आ गए। तेज हवा के कारण आग उन तक इतनी तेजी से पहुंची कि उन्हें बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिल सका। 14 हजार फायर फाइटर्स आग बुझाने में जुटे हैं। उनकी सहायता के लिए 60 से ज्यादा हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं। लेकिन, 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाएं इंतजामों को नाकाम कर रही हैं। इस बीच ओरेगन की गवर्नर केट ब्राउन ने गुरुवार को आगाह किया कि जंगलों में लगी आग के कारण राज्य के इतिहास में जानमाल का अभी तक का सबसे अधिक नुकसान हो सकता है। दमकल कर्मियों को आग पर काबू पाने में बहुत परेशानी हो रही है, क्योंकि वहां 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही आंधी के कारण आग ने भीषण रूप ले लिया है। ओरेगन के पश्चिम में कुछ इलाकों में लोगों को तत्काल घर खाली करने को कहा गया है। सभी सतर्क रहें। आने वाले कुछ दिन बेहद कठिन होने वाले हैं। जंगलों में लगी आग के कारण राज्य के इतिहास में जानमाल का अभी तक का सबसे अधिक नुकसान हो सकता है।






चीनी घुसपैठ से पीडित जापान ने मदद मांगी

चीन की टाइपिंग से परेशान जापान ने भारत से मदद मांगी।
 
नई दिल्ली / टोक्यो। कोरोना काल में चीन अपने जियादतर पड़ोसियों के खिलाफ विस् अवतारवाद की नीति अपनाए हुए हैं, जिसके बारे में दुनिया की उसपर कड़ी नजर है। ताइवान, फिलीपिंस, भारत और जापान पूरी तरह से ड्रैगन के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। ऐसे में चीन की तेजी से परेशान जापान ने भारत से मदद की गुहार लगाई है।
पूर्वी चीन सागर में चीनी युद्धपोतों की बढ़ती संख्या के साथ जापान ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। जापान के रक्षा मंत्री तारो कोनो ने कहा कि चीन जापान की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया था। जापानी विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। उन्होंने चीन की विस्तारवादी नीतियों का मुकाबला करने के लिए एक व्यापक क्षेत्रीय तंत्र स्थापित करने के लिए भारत की सिफारिश की है।
जापान ने कहा कि चीन अपने प्रभाव का विस्तार करने और रणनीतिक वर्चस्व स्थापित करने के लिए कोरोना महामारी का भी उपयोग कर रहा है। यह जापान और इस क्षेत्र के लिए एक बड़ा खतरा है। पूर्वी चीन सागर को लेकर चीन का सभी पड़ोसी देशों के साथ विवाद है। इसे दबाने के लिए चीनी नौसेना क्षेत्र में लगातार युद्धाभ्यास भी कर रहा है। जिसके कारण आसपास के देशों को सटकर समुद्र में जाने से रोका जा रहा है।
उन्होंने कहा कि चीन की क्षमता और इरादे दोनों गलत तरीके से हैं, जिससे चीन को आंतरिक नियमों और मानकों का उल्लंघन करने के लिए कुछ अतिरिक्त कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जापान और अमेरिका अकेले ऐसा नहीं कर सकते। जापानी प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद कानो के पीएम बनने की उम्मीद है।                


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...