रविवार, 9 अगस्त 2020

सनसनीः खेत में बिखरी मिलींं 11 लाशें

सुरेश उपाध्याय


जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आाया है। यहां खेत में 11 लोगों की लाश पड़ी मिली है। सभी मृतक पाकिस्तानी शरणार्थी बताए जा रहे हैं। क्षेत्र में मामला आग की तरह फैलते ही लोग सकते में आ गए हैं। पुलिस को इसकी जानकारी दे दी गई है जिसके बाद मौके से पुलिस घटनास्थल पहुंच जांच में जुट गई है। एक साथ 11 लोगों की लाश मिलने से हत्या की आशंका गहरा रही है।
जानकारी के मुताबिक देचू के लोड़ता अचलावता गांव की यह घटना है। सभी मृतक एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं। आसपास के ग्रामीणों ने पुलिस को घटना की सूचना दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने 11 लोगों के शव बरामद किए। साथ ही एक युवक घायल अवस्था में दिखा, जिसको पुलिस ने पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। मृतकों में 2 पुरुष, 4 महिला, 5 बच्चे बताए जा रहे हैं।  मौत के कारणों का पता नहीं लग पाया है। फिलहाल पुलिस इसकी जांच में जुटी हुई है।


योजना के 75 हजार करोड़ किसानों को मिलेंं

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। हलषष्टी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों को सौगात देते हुए देश में कृषि से जुड़ी सुविधाएं तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 1 लाख करोड़ रूपये के कृषि अवसंरचना कोष की शुरूआत की। इस अवसर पर साढ़े करोड़ किसान परिवारों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में 17 हज़ार करोड़ रुपए ट्रांसफर किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान बलराम की जयंती पर देशवासियों कोविशेष तौर पर किसान साथियों को हलछठ की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस फंड से गांवोंगांवों में बेहतर भंडारणआधुनिक कोल्ड स्टोरेज की चेन तैयार करने में मदद मिलेगी और गांव में रोज़गार के अनेक अवसर तैयार होंगे। इस अवसर पर उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि संतोष इस बात का है कि इस योजना का जो लक्ष्य थावो हासिल हो रहा है। उन्होंने बताया कि बीते डेढ़ साल में इस योजना के माध्यम से 75 हज़ार करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा हो चुके हैं। इसमें से 22 हज़ार करोड़ रुपए तो कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान किसानों तक पहुंचाए गए हैं।


पीएम मोदी ने कहा कि अब आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसान और खेती से जुड़े इन सारे सवालों के समाधान ढूंढे जा रहे हैं। एक देशएक मंडी के जिस मिशन को लेकर बीते साल से काम चल रहा थावो अब पूरा हो रहा है। पहले e-NAM के ज़रिएएक टेक्नॉलॉजी आधारित एक बड़ी व्यवस्था बनाई गई। अब कानून बनाकर किसान को मंडी के दायरे से और मंडी टैक्स के दायरे से मुक्त कर दिया गया। अब किसान के पास अनेक विकल्प हैं।


उन्होंने कहा कि अगर वो अपने खेत में ही अपनी उपज का सौदा करना चाहेतो वो कर सकता है। या फिर सीधे वेयरहाउस से, e-NAM से जुड़े व्यापारियों और संस्थानों कोजो भी उसको ज्यादा दाम देता हैउसके साथ फसल का सौदा किसान कर सकता है। इस कानून का उपयोग से ज्यादा दुरुपयोग हुआ। इससे देश के व्यापारियों कोनिवेशकों कोडराने का काम ज्यादा हुआ। अब इस डर के तंत्र से भी कृषि से जुड़े व्यापार को मुक्त कर दिया गया है।


प्रधानमंत्री ने बताया कि आज लांच किए गए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से किसान अपने स्तर भी गांवों में भंडारण की आधुनिक सुविधाएं बना पाएंगे। इस योजना से गांव में किसानों के समूहों कोकिसान समितियों को, FPOs को वेयरहाउस बनाने के लिएकोल्ड स्टोरेज बनाने के लिएफूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग लगाने के लिए लाख करोड़ रुपए की मदद मिलेगी। इस आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से कृषि आधारित उद्योग लगाने में बहुत मदद मिलेगी।


नरेंद्र मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत हर जिले में मशहूर उत्पादों को देश और दुनिया के मार्केट तक पहुंचाने के लिए एक बड़ी योजना बनाई गई है। अब हम उस स्थिति की तरफ बढ़ रहे हैंजहां गांव के कृषि उद्योगों से फूड आधारित उत्पाद शहर जाएंगे और शहरों से दूसरा औद्योगिक सामान बनकर गांव पहुंचेगा। यही तो आत्मनिर्भर भारत अभियान का संकल्प हैजिसके लिए हमें काम करना है।


उन्होंने बताया कि इसमें भी ज्यादा हिस्सेदारी हमारे छोटे किसानों के बड़े समूहजिनको हम FPO कह रहे हैंया फिर किसान उत्पादक संघ कह रहे हैंइनकी होने वाली है। इसलिए बीते साल से FPO-किसान उत्पादक समूह का एक बड़ा नेटवर्क बनाने का अभियान चलाया है। अभी तक लगभग साढ़े सौ कृषि Startups को मदद दी जा रही है। ये स्टार्ट अपफूड प्रोसेसिंग से जुड़े हैंआर्टिफिशियल इंटेलिजेंसइंटरनेट ऑफ थिंग्सखेती से जुड़े स्मार्ट उपकरण के निर्माण और रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़े हैंकिसानों से जुड़ी ये जितनी भी योजनाएं हैंजितने भी रिफॉर्म हो रहे हैंइनके केंद्र में हमारा छोटा किसान है। यही छोटा किसान हैजिस पर सबसे ज्यादा परेशानी आती रही है।


101 रक्षा उपकरणों का आयात किया बैन

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज महत्वपूर्ण ऐलान किया है। रक्षा मंत्री ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर की पहल को आगे बढ़ान के लिए तैयार है। रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए एमओडी 101 से अधिक वस्तुओं पर आयात एम्बार्गो पेश करेगा। लद्दाख में एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) पर चीन के साथ तनाव के बीच रक्षा मंत्री के इस ऐलान को काफी अहम माना जा रहा है।


इससे पहले, मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज सुबह 10 बजे एक महत्वपूर्ण ऐलान करेंगे। फिलहाल, कयास लगाए जा रहे थे कि रक्षा मंत्री चीन से आयात को लेकर निगेटिव सूची के संदर्भ में कोई ऐलान कर सकते हैं। माना जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय जल्द ही एक नेगेटिव आर्म्स लिस्ट लेकर आने वाला है। इसके तहत कुछ हथियारों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। माना जा रहा है कि हथियारों के प्रोडक्शन को लेकर घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़ने पर हर साल इसका विस्तार किया जाना चाहिए।


गतिरोध जारी रहने की संभावना


बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने चीन के साथ गतिरोध के लंबे समय तक बने रहने की संभावना जताई थी। क्योंकि भारत और चीन के बीच एलएससी पर पैंगोंग झील को लेकर बातचीत के बावजूद अभी कोई हल नहीं निकल पाया है। इसकी वजह से डिसएंगेजमेंट को लेकर चल रही चर्चा में गतिरोध जारी है।


भारतीय रक्षा मंत्रालय ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए कहा था कि डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया अटक गई है। रक्षा मंत्रालय ने पहली बार चीनी घुसपैठ को अतिक्रमण (transgression) के रूप में स्वीकार करते हुए आधिकारिक रूप से जानकारी वेबसाइट पर डाली थी। हालांकि राजनीतिक तौर पर विवाद बढ़ने के बाद गुरुवार को वेबसाइट से इस रिपोर्ट को अब हटा लिया गया। बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ दिन पहले लद्दाख दौरे के दौरान लुकुंग में गलवान के उन जांबाज सैनिकों से मिले थे जो चीन के साथ हिंसक झड़प में घायल हो गए थे। इन सैनिकों में कई अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं और अपनी ड्यूटी पर लौट गए हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)


 अगस्त 10, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-361 (साल-01)
2. सोमवार, अगस्त 10, 2020
3. शक-1943, भाद्रपद, कृष्ण-पक्ष, तिथि- सप्तमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:15,सूर्यास्त 07:15


5. न्‍यूनतम तापमान 27+ डी.सै.,अधिकतम-39+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


www.universalexpress.in


https://universalexpress.page/
email:universalexpress.editor@gmail.com
संपर्क सूत्र :-935030275


(सर्वाधिकार सुरक्षित)                      


शनिवार, 8 अगस्त 2020

6 महा में दूसरा वायुयान हादसा, 18 की मौत

तिरूवनंतपुरम।  केरल के कोझिकोड में शुक्रवार रात एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737-800 विमान जिस प्रकार रनवे पार कर खाई में जा गिरा, यह छह महीने में इस विमान का इस तरह का दूसरा हादसा है। तुर्की के इस्ताम्बुल में 05 फरवरी को पेगासस एयरलाइंस का बोइंग 737-800 विमान भी इसी प्रकार दुर्घटना का शिकार हो गया था। दोनों दुर्घटनाओं में बहुत कुछ समान है और यदि उस हादसे से सीख ली गई होती तो संभवत: कोझिकोड के हादसे को टाला जा सकता था। वहाँ भी खराब मौसम के बीच विमान रनवे पर उतरा और रनवे पार कर 30 मीटर नीचे जा गिरा। उस दुर्घटना में भी विमान के टुकड़े हो गये थे और तीन यात्रियों की मौत हो गई थी। एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान दुबई से भारतीय नागरिकों को लेकर कोझिकोड पहुँचा था और लैंडिंग के वक्त रनवे पार कर 35 मीटर नीचे जा गिरा। विमान में चालक दल के छह सदस्यों समेत 190 यात्री सवार थे जिनमें दोनों पायलट सहित अब तक 18 की मौत हो चुकी है और एक सौ से अधिक लोगों का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है। यह विमान करीब 14 साल पुराना था। इस्ताम्बुल हवाई अड्डे पर हुए हादसे में विमान 11 साल पुराना था। यह उड़ान तुर्की के ही अजमीर अदन मेंदेरेस हवाई अड्डे से इस्ताम्बुल आई थी। लगातार दिशा बदल रही तेज हवाओं के बीच पायलट ने विमान को रनवे पर उतारा, लेकिन उसकी दिशा हवा के साथ होने के कारण विमान की गति अपेक्षित रूप से कम नहीं हुई। विमान तीन किलोमीटर रनवे पार कर दीवार तोड़ता हुआ 30 मीटर गहरी खाईं में जा गिरा। गिरने के बाद विमान दो टुकड़ों में बँट गया। हादसे में तीन यात्रियों की मौत हो गई। विमान के अलावा दोनों हादसों में मौसम की परिस्थितियां और रनवे की लंबाई लगभग एक समान थी। दोनों ही मामलों में रनवे के आगे खाईं थी। बहुत हद तक संभव है कि दोनों मामलों में दुर्घटना का कारण एक सा ही रहा हो।         


पीडितो की नहीं सुनती अंधी-बहरी सरकार

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आशा कार्यकर्ताओं की स्थिति को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वह अंधी-बहरी है इसलिए आशा बहिनों की बात नहीं सुनती।
गांधी ने ट्वीट किया, आशा कार्यकर्ता देशभर में घर-घर तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुँचती हैं। वो सही मायने में स्वास्थ्य वॉरियर्स हैं लेकिन आज ख़ुद अपने हक़ के लिए हड़ताल करने पर मजबूर हैं। सरकार गूँगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी हो गयी है। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को कोरोना योद्धा बताते हुए कहा कि छह लाख आशा कार्यकर्ता सरकार की अनदेखी के कारण हड़ताल पर जाने को मजबूर है।           

चीन के खिलाफ खडे होने का विश्वास

बीजिंग। गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़प के बाद भारत ने भविष्य में किसी सीमा विवाद के दौरान चीन के खिलाफ अकेले खड़े होने का विश्वास दिखाया है। भले ही अमेरिका ने बीजिंग के खिलाफ 'क्वॉड अलायंस' बनाने का ऑफर दिया है, लेकिन भारत के अकेले तन जाने से ड्रैगन भी हैरान है। एक यूरोपीय थिंक टैंक ने यह बात कही है। पूर्वी लद्दाख में झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इसके कुछ अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं और दोनों देशों की सेनाएं कुछ विवादित जगहों से पीछे हटी हैं, लेकिन चीनी सैनिक देपसांग, गोरा,  फिंगर इलाकों में टिकी हुई हैं। 



यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) ने एक समीक्षा में कहा, ''पैंगोंग त्सो में डिसइंगेजमेंट की शुरुआती प्रक्रिया में चाइनीज फिंगर 2 से फिंगर 5 इलाकों में पीछे हटे, लेकिन रिज लाइन पर तैनाती बनी रही। भारत जोर दे रहा है कि चीनी सैनिक फिंगर 5 से फिंगर 8 तक से हटें। भारत ने चीनी सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने तक अग्रिम इलाकों से हटने पर विचार से इनकार कर दिया है।''


थिंक टैंक ने कहा, ''2017 में डोकलाम की तरह, ड्रैगन की आक्रामकता के खिलाफ भारतीय राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व की ओर से दिखाए गए दृढ़ता और संकल्प ने चीन को हैरान कर दिया है।'' भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए EFSAS ने कहा कि जब तक सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बीतचीत के जरिए सहमति नहीं बन जाती, तनातनी लंबे समय तक रह सकती है। दूसरे शब्दों में, बेहद कठिन मौसम के बावजूद दोनों देश सर्दी में भी टिकने की तैयारी में हैं। EFSAS ने कहा कि भारत ने सियाचिन ग्लेशियर की तरह यहां बड़े पैमाने पर सैन्य सामान और रसद एकत्रित कर लिया है। भारत की ओर से तैयारी से पता चलता है कि भारत सीमा पर किसी गंभीर टकराव का मुकाबला करने के लिए काफी मजबूत है।             


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...