मंगलवार, 21 जुलाई 2020

कस्बे को गड्ढा मुक्त करने का दिया निर्देश

विधायक ने ईओ को कस्बे के सड़क को गड्ढा मुक्त करने का दिया निर्देश


लखनऊ। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व क्षेत्रीय विधायक अजय कुमार लल्लू ने नगर पंचायत सेवरही के मेन रोड को तत्काल गढ्ढ़ा मुक्त करने के लिये ईओ अजय कुमार को निर्देश दिये।


कस्बे के सड़को पर गिरे मिट्टी को तत्काल उठवा कर ईंट वाला कंकरीट सड़को पर डालने को कहा। दो दिन पूर्व नगर पंचायत प्रशासन द्वारा कस्बे मुख्य सड़कों पर टूटे गड्ढे को भरने के लिये मिट्टी गिराया गया था, जो कीचड़ में तब्दील हो गया था, जिसको लेकर दुर्घटना की प्रबल संभावना हो गयी थी, जिसको लेकर नगरवासियों ने विधायक अजय कुमार लल्लू ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए उसे हटा कर ईंट वाली कंकरीट डलवाने की मांग किया था। जिसका संज्ञान लेकर विधायक ने आज नगर पंचायत के ईओ को बुला वार्ता कर नगर के सड़को स्थलीय निरीक्षण कर ईओ को कस्बे के सड़क को गढ्ढ़ा मुक्त करने का निर्देश दिया।            



दिल्ली मयूर बिहार गोदाम में लगी आग

नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेस 3 घरौली गांव स्थित गोदाम में मंगलवार को भीषण आग लग गई। सूचना पर दमकल की करीब 25 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम शुरू कर दिया गया। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया है। मंगलवार तड़के इलेक्ट्रॉनिक सामान के गोदाम में अचानक आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि पास में बने एक दूसरे गोदाम को भी अपनी चपेट में ले लिया। बताया जा रहा है कि आग की वजह से दोनों गोदाम में रखा लाखों का सामान जलकर खाक हो गया। इस हादसे में किसी तरह ही हताहत नहीं हुई। दमकल और पुलिस आग के कारणों का पता लगाने में जुटे हैं।                                                                                                                  


गाजियाबाद में पत्रकार को मारी गोली

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बदमाशों के हौसले बुलंद हो रखे हैं। जहां पत्रकार पर गोली चलाने का मामला सामने आया है। दरअसल गाजियाबाद में पत्रकार ने अपनी भांजी के छेड़ने की तहरीर पुलिस को दी थी। इस मामले में न तो पुलिस ने कोई कार्रवाई की और न ही किसी की गिरफ्तारी की। तहरीर देने से नाराज बदमाशों ने पत्रकार को गोली मार दी। पत्रकार जिंदगी और मौत से अस्पताल में लड़ रहा है। गाजियाबाद में पत्रकार को छेड़खानी करने वालों का विरोध करना पड़ा भारी, जर्नलिस्ट विक्रम जोशी को बदमाशों ने मारी गोली, पत्रकार के सिर में लगी गोली,हालत गम्भीर,चल रहा है इलाज।


बदमाशों ने जिस पत्रकार को गोली मारी, उनका नाम विक्रम जोशी है। आरोप है कि बदमाशों द्वारा उनकी भांजी के साथ लगातार छेड़छाड़ की जा रही थी। जिसकी तहरीर उन्होंने थाने में दी थी। तहरीर देने से नाराज बदमाशों ने सोमवार रात विक्रम को गोली मार दी। विक्रम के सिर में गोली लगी है। वो गंभीर हालत में यशोदा अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहा है।


हालांकि पुलिस का कहना है कि जो भी आरोपी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। परिजनों का भी कहना है कि अगर विक्रम की तहरीर पर कार्रवाई होती, तो आज यह घटना ना होती। विक्रम की भांजी को लगातार छेड़ा जा रहा था और उसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।


एसएचओ आत्महत्या में ओएसडी से पूछताछ

नई दल्ली/जयपुर। राजस्थान के पुलिस अधिकारी आत्महत्या  मामले में कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया से पूछताछ के एक दिन बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) (CBI) ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के ओएसडी देवलाल सैनी से पूछताछ की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।


केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) (CBI) के सूत्रों ने आईएएनएस से कहा, दिल्ली से सीबीआई अधिकारियों की एक टीम ने चुरू जिले के राजगढ़ पुलिस के एसएचओ विष्णु दत्त विश्नोई की आत्महत्या मामले में जयपुर में सैनी से पूछताछ की। चुरू जिले के सादुलपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक कृष्णा पूनिया से सोमवार को चार घंटे पूछताछ की गई। सूत्रों ने कहा कि उनसे दोबारा पूछताछ किए जाने की उम्मीद है। साल 2010 में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा, वह तीन बार की ओलंपियन रही हैं और उन्हें पद्मश्री व अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय हो रहा है, जब अशोक गहलोत सरकार पार्टी नेता सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के विद्रोह का सामना कर रहे हैं।

विश्नोई 23 मई को अपने सरकारी आवास में पंखे से लटकते पाए गए थे। राजस्थान सरकार के आग्रह पर सीबीआई ने 26 जून को अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। राज्य ने 6 जून को मामले में सीबीआई जांच का फैसला किया था।चुरू पुलिस अधीक्षक को लिखे गए सुसाइड नोट में एसएचओ ने लिखा था कि वह अपने आसपास पैदा किए जा रहे दबाव को झेलने में सक्षम नहीं हैं। वहीं एसएचओ और उसके एक्टिविस्ट दोस्त के बीच वाट्सएप चैट भी वायरल हो गया था, जिसमें पुलिस अधिकारी ने दावा किया था कि उसे स्थानीय स्तर पर गंदी राजनीति में फंसाया जा रहा है।            


एमपी के राज्यपाल लाल जी का निधन

मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन, बेटे ने ट्वीट कर दी जानकारी- बाबूजी नहीं रहे



नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन अब इस दुनिया में नहीं रहे।उन्होंने 85 वर्ष की आयु में अपनी अंतिम सांस ली।लालजी टंडन के निधन की जानकारी उनके बेटे आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर दी।आशुतोष टंडन ने लिखा- बाबूजी नहीं रहे।


पिछले कई दिनों से स्वास्थ्य था गड़बड़…


राज्यपाल लालजी टंडन के स्वास्थ्य पिछले कई दिनों से गड़बड़ चल रहा था।वहीं, पिछले महीने उनकी हालत अचानक से ज्यादा बिगड़ जाने के कारण उन्हें लखनऊ के एक जानेमाने अस्पताल में भर्ती कराया गया था।यहां उनका इलाज चल ही रहा था कि उन्होंने दम तोड़ दिया।


हाल ही में हालत हो गई थी गंभीर…


डॉक्टरों के मुताबिक, लालजी टंडन का लिवर और किडनी सही से फंक्शन नहीं कर पा रहे थे।जिस कारण से उन्हें सांस लेने में परेशानी, पेशाब में परेशान हो रही थी।उनकी हालत धीरे-धीरे बिगड़ती चली जा रही थी।जहां हाल ही में उनकी हालत बहुत ज्यादा नाजुक हो गई थी।हमने उनको वेंटिलेटर पर रखा, उन्हें आराम देने का पूरा प्रयास किया लेकिन हमारी लाख कोशिशों के बावजूद हम उन्हें बचा नहीं सके।


इस समय लालजी टंडन की जगह आनंदीबेन पटेल संभाल रहीं…


लालजी टंडन अपने खराब स्वास्थ्य के चलते अपना कार्यभार नहीं देख पा रहे थे जिसके चलते उत्तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्‍य प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्‍त कार्यभार दिया गया था।इससमय आनंदीबेन पटेल उत्तर प्रदेश की राज्‍यपाल के साथ साथ मध्‍य प्रदेश की राज्‍यपाल का भी कार्यभार सम्भाल रही हैं।


लखनऊ के हैं रहने वाले, बीजेपी पार्टी के थे नेता…


लालजी टंडन मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले थे यही कारण रहा कि वह बीजेपी पार्टी में रहकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी सक्रिय रहे।लालजी टंडन लखनऊ से सांसद रहे और कई बार मंत्री भी रहे।लालजी टंडन अटल बिहारी बाजपेयी के खास सहयोगी भी रहे थे।              


 



प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जुलाई 22, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-344 (साल-01)
2. बुधवार, जुलाई-22, 2020
3. शक-1943, श्रावण,शुक्ल-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:29,सूर्यास्त 07:23।


5. न्‍यूनतम तापमान 25+ डी.सै.,अधिकतम-38+ डी.सै.। भारी बरसात की संभावना।


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सोमवार, 20 जुलाई 2020

पीएम ने लागू किया नया उपभोक्ता कानून

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने आज से एक नया कानून लागू कर दिया है। ये खास कानून देश की जनता को और ज्यादा ताकतवर बनाएगी। ग्राहकों के साथ आए दिन होने वाले धोखाधड़ी को रोकने के लिए मोदी सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण का नया कानून आज से लागू करने का फैसला किया है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 को 20 जुलाई से लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दिया गया है। नए कानून ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की जगह ली है।


योजना के सम्बन्ध में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के सूत्रों का कहना है नया कानून 20 जुलाई यानि आज से लागू माना जाएगा। नया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 को सरकार ने अधिसूचित कर दिया है. इस नए कानून के लागू होते ही ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कई नए नियम लागू हो गए हैं। जो पुराने एक्ट में नहीं थे। खास तौर से पिछले कुछ सालों में आए नए बिजनेस मॉडल्स को भी इसमें शामिल किया गया है।


नए कानून की ये हैं खासियत



  • नए कानून में उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर भी कार्रवाई की जाएगी।

  • उपभोक्ता देश के किसी भी कंज्यूमर कोर्ट में मामला दर्ज करा सकेगा।

  • नए कानून में Online और Teleshopping कंपनियों को पहली बार शामिल किया गया है।

  • खाने-पीने की चीजों में मिलावट होने पर कंपनियों पर जुर्माना और जेल का प्रावधान।

  • कंज्यूमर मीडिएशन सेल का गठन. दोनों पक्ष आपसी सहमति से मीडिएशन सेल जा सकेंगे।

  • PIL या जनहित याचिका अब कंज्यूमर फोरम में फाइल की जा सकेगी. पहले के कानून में ऐसा नहीं था।

  • कंज्यूमर फोरम में एक करोड़ रुपये तक के केस दाखिल हो पाएंगे।

  • स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में एक करोड़ से दस करोड़ रुपये तक के केसों की सुनवाई होगी।

  • नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में दस करोड़ रुपये से ऊपर केसों की सुनवाई।


 


जापान में गाइडलाइन्स की बहुत जरूरत

तोक्यो। जापान में नाइट लाइफ़ वर्कर्स के लिए काम करने वालों ने कहा है कि इनके लिए ऐसी गाइडलाइन्स की ज़रूरत है जिनसे सुरक्षित भी रहा जा सके और ये अपना काम भी कर सकें। जापान सरकार ने बार में होस्ट और होस्टेस की सर्विस रोक दी थी। जापान में संक्रमण फैलाने के अड्डे के तौर पर देखा जा रहा है। यूरोलॉजिस्ट और पब्लिक हेल्थ वकील शिन्या ल्वामुरो ने कहा कि बारकर्मियों के लिए व्यावहारिक नियम बनना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि ग्राहकों से कैसे बात करनी है। उन्होंने कहा, ‘’इसका मतलब यह हुआ कि किसिंग नहीं होनी चाहिए और प्लेट भी एक दूसरे से साझा करने पर पाबंदी लगनी चाहिए। इसके अलावा बातचीत का एंगल भी ऐसा होना चाहिए जिससे संक्रमण फैलाने वाले ड्रॉपलेट्स से बचा जा सके। जहां तक संभव हो किस केवल पार्टनर के साथ ही हो और गहरे चुंबन से बचना चाहिए। ल्वामुरो नाइटस्पॉट में टीचिंग इन्फेक्शन कंट्रोल के भी प्रमुख हैं। उन्होंने किस करने और संक्रमण से बचने के तरीक़े एक न्यूज़ कॉन्फ्रेंस में बताए। नाइटलाइफ़ से जुड़े जो लोग जापान में संक्रमित हो रहे हैं उनकी उम्र 20 से 30 के बीच है। जापान में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फेक्शन डिज़ीज में वायरोलॉजी के निदेशक मासायुकी साइजो ने कहा है कि महामारी के कारण कौन क्या काम करता है और कब करता है इस आधार पर भेदभाव नहीं किया जाा सकता। उन्होंने कहा, ‘’रात और दिन में काम करने में कोई फ़र्क़ नहीं है। हमारी रणनीति ये होनी चाहिए कि इंसान से इंसान में संक्रमण को फैलने से कैसे रोका जाए। नाइटलाइफ़ बिज़नेस एसोसिएशन की रिप्रेजेंटेटिव डायरेक्टर काओरी खोगा ने कहा कि उन्होंने नाइटलाइफ़ वर्कर्स के लिए गाइडलाइन ख़ुद से बनाई है। इनमें म्यूज़िक सुनने वाले माइक्रोफ़ोन को डिसइन्फेक्ट करना भी शामिल है। 


शिवांशु 'निर्भयपुत्र'       


रायपुरः पहली बार तराजू पर आया गोबर

रायपुर। मुख्यमंत्री निवास में अभनपुर से आए इन किसानों ने ‘गोधन न्याय योजना‘ प्रारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह योजना किसानों और छोटे पशुपालकों के लिए बहुत अच्छी योजना है। चक्रधारी ने बताया कि उनके पास पांच मवेशी है। हर रोज लगभग एक झउहा 20 किलो तक गोबर निकलता था, जो कचरे में जाता था। अब इसकी बिक्री होने से हम जैसे हजारों लोगों को इसका लाभ मिलेगा।  


मुख्यमंत्री निवास में पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ हरेली का त्यौहार मनाया गया। हरेली पर्व में परंपरा है कि किसान और उनके परिवार की महिलाएं अपने खेत और बाड़ी की सब्जियां अपने सियान लोगों को भेंट करते हैं। जय धरती मां महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष दुर्गा बाई चक्रधारी सहित लक्ष्मी धु्रव, आरती साहू सहित समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री बघेल को सब्जियां भेंट की। लौकी, रमकेलिया, कोहड़ा, बरबट्टी, करेला, तरोई सहित चेचभाजी, पटवा भाजी, अमारी भाजी का गुलदस्ता बनाकर भेंट किए। महिलाओं ने उनकी बाड़ी के भुट्टे भी मुख्यमंत्री को भेंट किए।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली पर्व पर आज यहां अपने निवास में चार किसानों से 48 किलो गोबर की खरीदी की और किसानों को दो रूपए के हिसाब से 96 रूपए का भुगतान कर गोधन न्याय योजना की प्रदेशव्यापी शुरूआत की। ये किसान रायपुर जिले के अभनपुर विकासखण्ड के ग्राम नवागांव से आए थे।


मुख्यमंत्री ने नवागांव गौठान समिति के जय छत्तीसगढ़ महिला स्व-सहायता समूह के लिए नवागांव के कृष्ण कुमार चक्रधारी, पीलू राम ध्रुव, सेवक राम साहू और शिव नारायण साहू से गोबर खरीदा। मुख्यमंत्री ने स्वयं गौठान समिति के रजिस्टर में गोबर खरीदी की मात्रा भी दर्ज की और गोबर विक्रेता किसानों को गोबर बिक्री का कार्ड भेंट किया। विक्रेता किसानों को दिए गए कार्ड में उनके द्वारा रोज बेचे जाने वाले गोबर की मात्रा दर्ज की जाएगी।


छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों, लोक नर्तकों, लोक गायकों ने पारंपरिक वेशभूषा में वाद्य यंत्रों एवं साज सज्जा के साथ प्रस्तुति दी। हरेली के दिन मुख्यमंत्री निवास में बांस गीत भी गूंजा। गरियाबंद जिले से बांस गीत कलाकारों को विशेष तौर पर बुलाया गया है। बांस गीत की प्रस्तुति लत्ती यादव और साथी कलाकार ने दी।  छत्तीसगढ़ की परम्परा के अनुरूप हरेली पर्व पर घर के पशुओं गाय, बैल को निरोगी रखने के लिए जड़ी-बूटी के साथ लोंदी खिलाई जाती है। हरेली के दिन घरों में गुलगुला भजिया और गुरहा चील विशेष रूप से तैयार किया जाता है। यादव समाज के लोग इस दिन गांव में घूम कर घरों में लोगों को बीमारियों से रक्षा के लिए घरों के दरवाजे पर नीम की डाली लगाते हैं। लोहार समाज के लोग अनेक प्रकार के कृषि यंत्र बनाते हैं। गांव की जरूरत के मुताबिक कृषि में उपयोग में आने वाले यंत्र इनके द्वारा ही बनाए जाते हैं। लोक और सामाजिक परम्परा के अनुरूप लोहार समाज के लोग अनिष्ट से रक्षा के लिए घरों में कील ठोंकते हैं।              


यूके में फटा बादल, 3 की मौत 9 लापता

कमलेश निषाद


पिथौरागढ़। बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई है और 9 लोग लापता हैं। मौसम विभाग की मानें तो यहां अगले दो दिनों तक भारी बारिश परेशानी का सबब बन सकती है। मामला उत्तराखंड के पिथौरागढ़ का है।


रविवार की रात हुई भारी बारिश के बाद यहां मुनस्यारी के टागा गांव और बंगापानी के गेला गांव मे बादल फटने से तबाही मच गई। कई घर देखते ही देखते जमींदोज हो गए। गेला गांव में 3 लोगों के घर के मलबे में दबने से मौत हो गई वहीं, यहां 3 अन्य घायल हो गए। इसके अलावा टागा में 9 लोग लापता हैं और एक व्यक्ति घायल के घायल होने की खबर है। बादल फटने के बाद रास्ते के बह जाने से यहां के लोग गांव में ही फंस गए हैं। उनके बाहर किसी भी इलाके से जुड़ने का कोई रास्ता नहीं बचा है।घटना के बाद राहत-बचाव कार्य टीम को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया है। उत्तराखंड के अलावा हिमाचल में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।


वायरस से 12 देश अभी भी सुरक्षित है

नई दिल्ली। चीन के वुहान शहर से पिछले साल के आखिर में फैले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। आज के वक्त में दुनियाभर में इस बीमारी के 52 लाख से अधिक एक्टिव केस हैं। 7 महीने से अधिक वक्त से दुनिया इस महामारी से जूझ रही है और इससे राहत मिलने की फिलहाल उम्मीद किसी को नहीं है। यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक्सपर्ट अगले महीने से दुनिया में इस वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका जता रहे हैं।


वर्ल्ड मीटर के आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर के 215 देश और स्वतंत्र द्वीप इस वायरस के संक्रमण से जूझ रहे हैं। अबतक 6 लाख से अधिक लोगों की इसके संक्रमण के कारण जान जा चुकी है और अब तक 1 करोड़ 44 लाख से अधिक केस सामने आ चुके हैं। कोरोना वायरस के रोज दुनिया भर में 2 लाख 40 हजार से अधिक केस सामने आ रहे हैं और 5 हजार से अधिक मौतें हो रही हैं। अमेरिका-ब्राजील और भारत में सबसे तेजी से ये वायरस फैल रहा है। भारत में 11 लाख से अधिक केस सामने आ चुके हैं। अमेरिका में तो ये आंकड़ा 38 लाख और ब्राजील में 20 लाख से भी ऊपर है।


ऐसे वक्त में जब पूरी दुनिया पर कोरोना का कहर हावी है ऐसे में कई देश ऐसे भी हैं जहां कोरोना वायरस का एक भी केस सामने नहीं आया है। ये 12 देश कौन हैं और कहां स्थित हैं इसे जानना रोचक होगा.-


1. किरिबाती (Kiribati)


किरिबाती गणराज्य प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीप देश है। यह बिखरे हुए 32 द्वीपों और एक उठे हुए प्रवाल द्वीप से बना देश है। ओशिआनिया क्षेत्र के इस देश की आबादी सिर्फ 1 लाख 10 हजार है। 1979 में यह ब्रिटेन से आजाद हुआ था। 1999 में यह देश संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बन गया। इस देश की सीमा किसी भी देश से नहीं लगती लेकिन फिजी, नाउरु, मार्शल आईलैंड इसके करीबी द्वीपसमूह हैं। इन देशों की आबादी मुख्य रूप से समुद्री संसाधनों और पर्यटन पर निर्भर है। अलग भौगोलिक हालात की वजह से कोरोना काल में भी ये देश वायरस के संक्रमण से अबतक मुक्त है।


2. मार्शल आइलैंड्स (Marshall Islands)


मार्शल द्वीपसमूह प्रशांत महासागर के मध्य में स्थित एक माइक्रोनेशियाई राष्ट्र है। इसकी जनसंख्या केवल 58,413 है। यह नाउरु और किरिबाती के उत्तर में स्थित है। यहां कि आधिकारिक मुद्रा अमेरिकी डॉलर है। यहां अंग्रेजी और मार्शलीज भाषा बोली जाती है। ये 29 कोरल और 1156 द्वीपों से मिलकर बना द्वीपसमूह देश है। इसके क्षेत्रफल में सिर्फ 3 फीसदी हिस्सा जमीन का है और सबसे बड़ा शहर माजूरो आईलैंड है।


3. माइक्रोनेशिया (Micronesia)


माइक्रोनेशिया 2100 द्वीपों का एक समूह है। प्रशांत महासागर का ये प्रमुख द्वीपसमूह देश है। यह 2700 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला है. गुआम इसका सबसे बड़ा द्वीप है। कैरोलीन आईलैंड, गिलबर्ट आईलैंड, मारियाना आईलैंड खासकर दुनियाभर से प्राकृतिक सौंदर्य देखने आने वाले सैलानियों के लिए बड़ा आकर्षण रहता है।


4. नाउरु (Nauru)


दक्षिणी प्रशांत महासागर के देश नाउरु की आबादी सिर्फ 12,704 है। यह मार्शल आईलैंड के दक्षिण में स्थित है। यह आबादी के हिसाब से तुवालू के बाद दुनिया का दूसरा सबसे छोटा देश है जबकि क्षेत्रफल के हिसाब से मोनाको के बाद दूसरे नंबर पर। प्रशासनिक मामलों में यहां ऑस्ट्रेलिया का अच्छा खासा प्रभाव है। यहां की करेंसी भी ऑस्ट्रेलियन डॉलर है। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद नवंबर 1947 में यह संयुक्त राष्ट्र के तहत ट्रस्ट क्षेत्र बना था। आम दिनों में यहां कुछ पर्यटक आते भी हैं लेकिन कोरोना काल में सब बंद है। कोई भी दूसरा देश या द्वीप यहां से कम से कम 200 मील दूर है।


5. उत्तर कोरिया (North Korea)


उत्तर कोरिया में किम जोंग उन का शासन है। इस देश में कोरोना का एक भी केस दर्ज नहीं किया गया है। किम के तानाशाही शासन के कारण उत्तर कोरिया दुनिया के बाकी हिस्सों से कटा हुआ है और कोई भी सूचना बाहर नहीं आ पाती। उत्तर कोरिया से किसी और देश आने-जाने वाले लोगों की तादाद भी नहीं के बराबर है इसलिए भी कोई इस देश के बारे में कुछ जान नहीं पाता। एक तरफ जहां पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया में 13 हजार से अधिक कोरोना केस हैं वहीं उत्तर कोरिया में शून्य का आंकड़ा सबको चौंका रहा है।


6. पलाऊ (Palau)


पलाऊ प्रशांत महासागर के इलाके का हिस्सा है। 340 द्वीप इसके हिस्से हैं। उत्तर में इसकी समुद्री सीमा जापान से लगती है जबकि पूर्व में माइक्रोनेशिया, दक्षिण में इंडोनेशिया से और पश्चिम में फिलीपिंस से. यहां की आबादी 17,907 है। 29 नवंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र में यह देश शामिल हुआ।


7. समोआ (Samoa)


दो बड़े द्वीपों को मिलाकर बने देश समोआ की आबादी 1,96,130 है। हवाई द्वीप और न्यूजीलैंड के बीच में यह स्थित है। विंटर वैकेशन के लिए ये आईलैंड खासकर लोगों का पसंदीदा है। ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड और अमेरिका में रहने वाले यहां के प्रवासियों के भेजे पैसे से यहां की इकॉनोमी चलती है। कोरोना काल में यहां पर्यटन का काम काफी हद तक बंद हो गया है।


8. सोलोमन आईलैंड (Solomon Islands)


ओशिआनिया क्षेत्र में स्थित सोलोमन आईलैंड 6 बड़े द्वीपों और 900 छोटे द्वीपों को मिलाकर बना है। पापुआ न्यू गिनिया के पूर्व में ये स्थित है। यहां की आबादी 652,858 है। दुनियाभर के पर्यटकों की ये पसंदीदा जगह है लेकिन कोरोना काल में सब बंद है। इस देश में अबतक कोरोना का एक भी केस नहीं आया है, बल्कि देश में कोरोना की एंट्री की बात फेसबुक पर लिखने वाले एक शख्स पर अदालत में अफवाह फैलाने का केस भी चल रहा है।


9. टोंगा (Tonga)


टोंगा गणराज्य 169 द्वीपों को मिलाकर बना देश है। यहां की आबादी 100,651 है. 1970 तक यह ब्रिटिश प्रोटेक्शन में था। लेकिन उसके बाद सिर्फ विदेश मामले ब्रिटेन के पास थे। 2010 में इस देश ने प्रशासनिक बदलाव किए और खुद को पूरी तरह से आजाद घोषित कर दिया। ये देश फिजी के करीब है। साइक्लोन और भीषण तूफान यहां की बड़ी समस्या है। रविवार सुबह टोंगा आईलैंड पर 6.2 तीव्रता का भूकंप भी आया था। लेकिन भौगोलिक रूप से दुनिया के बाकी हिस्सों से कटे होने के कारण टोंगा अभी कोरोना महामारी से पूरी तरह मुक्त है।


10. तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan)


मध्य एशिया का देश तुर्कमेनिस्तान 1991 में सोवियत संघ से अलग होकर स्वतंत्र देश बना था। यहां की आबादी 59 लाख के करीब है। एक तरफ जहां रूस में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं वहीं ये देश अभी तक कोरोना संक्रमण से मुक्त है। इसके उत्तर पश्चिम में कजाकिस्तान और उत्तर में उजबेकिस्तान स्थित है।


11. तुवालू (Tuvalu)


ओशेनिया क्षेत्र का देश तुवालू कोरोना संक्रमण से अबतक बचा हुआ है। यह हवाई द्वीप और ऑस्ट्रेलिया के रास्ते में स्थित देश है। यहां की आबादी 11,508 है। इसका पूरा क्षेत्रफल 26 वर्ग किलोमीटर है। इसके नजदीकी द्वीप हैं फिजी, सोलोमन आईलैंड, नाउरु, समोवा द्वीप समूह वर्ष 2000 से यह संयुक्त राष्ट्र का सदस्य है. विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक का भी ये हिस्सा है।


12. वानूआतू (Vanuatu)


वानूआतू प्रशांत क्षेत्र का एक देश है। 1980 में यह फ्रांस और ब्रिटेन के प्रभाव से आजाद हुआ। संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता इसे 1981 में मिली। यहां की आबादी 292,680 है। ऑस्ट्रेलिया, न्यू गिनिया, सोलोमन आईलैंड और फिजी के पास यह स्थित है। दुनियाभर के सैलानियों के बीच यह काफी पॉपुलर है। लेकिन कोरोना काल में उड़ानों के बंद होने से यहां भी आवाजाही बंद है। हालांकि ये देश अबतक कोरोना संक्रमण से मुक्त है।


बाकी दुनिया का क्या है हाल?


इन 12 देशों को छोड़ दें तो दुनिया के बाकी देशों में हालात गंभीर हैं। डब्ल्यूएचओ के एक्सपर्ट दुनियाभर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चेतावनी दे रहे हैं। केवल अमेरिका के 50 में से 43 राज्यों में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। अमेरिका में हर हफ्ते 5 हजार से अधिक लोगों की वायरस के कारण मौत हो रही है। इटली ब्रिटेन-फ्रांस-स्पेन जैसे यूरोप के देशों में जहां कोरोना की पहली लहर ने कहर बरपाया था वहीं अब ब्राजील, भारत, दक्षिण अफ्रीका और रूस वो देश हैं जहां तेजी से वायरस का प्रसार हो रहा है। यहां तक कि चीन में नए केस फिर से सामने आने लगे हैं।


WHO ने दी ये चेतावनी


WHO प्रमुख टेड्रोस गेब्रेयेसस का कहना है कि महामारी अभी बद से और बदतर होने वाली है। WHO ने चेतावनी देते हुए कहा कि स्थितियां जल्द सामान्य होने वाली नहीं हैं क्योंकि कुछ देश कोरोना वायरस महामारी को रोकने की अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नही निभा रहे हैं। WHO प्रमुख ने कहा कि जो देश लॉकडाउन में ढील दे रहे थे वो अब अपने यहां एक बार फिर वायरस को फैलता देख रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वो इस खतरे को कम करने के लिए किसी भी नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।


धरती के नजदीक से गुजरेगा एस्ट्रॉयड

नई दिल्ली। 24 जुलाई को धरती के नजदीक एक विशालकाय एस्टेरॉयड होगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह एस्टेरॉयड संभावित रूप से खतरनाक हो सकता है। उसके मुताबिक आकार में भी यह पिछले एस्टेरॉयड की तुलना में काफी बड़ा है। इसकी गति भी तेज है।


वैज्ञानिकों के मुताबिक यह एस्टेरॉयड ब्रिटेन के प्रसिद्ध लैंडमार्क- लंदन आई के आकार का कम से कम डेढ़ गुना बड़ा है। उन्हें यह भी आशंका है कि यह लंदन आई की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत बड़ा निकले। लंदन आई 443 मीटर ऊंचा एक व्हील है, वैज्ञानिकों की माने तो इस एस्टेरॉयड के इससे भी बड़ा होने की आशंका है। नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने इस एस्टेरॉयड को खतरनाक करार दिया है। उसने चेतावनी दी है कि जिस तरह से यह विशाल क्षुद्रग्रह पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है, उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इसे संभावित खतरे का आंकलन किया जा रहा है। नासा के मुताबिक यह पृथ्वी के लिए एक खतरनाक प्रभाव पैदा कर सकता है। नासा ने इसे एस्टेरॉयडल 2020ND नाम दिया है।             


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