मंगलवार, 7 जुलाई 2020

शहीद की पत्नी को दिया नियुक्ति-पत्र

समस्तीपुर। भारत-चीन सीमा के गलवन घाटी में चीनी सेना के साथ झड़प में शहीद हुए मोहिउद्दीननगर के सुल्तानपुर निवासी अमन कुमार की पत्नी वीरांगना मीनू कुमारी को जिलाधिकारी ने नियुक्ति पत्र दिया। उसकी नियुक्ति समाहरणालय संवर्ग में की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प के द्वारा निदेशक,सैनिक कल्याण निदेशालय के पत्र के आलोक में यह नियुक्ति सरकार के निर्देश पर की गई है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि शहीद जवानों के परिवार के एक सदस्य को बिहार सरकार नौकरी देगी। इसी के आलोक में नियुक्ति करते हुए सोमवार को नियुक्ति पत्र दिया गया। समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में निम्न वर्गीय लिपिक के पद पर उसे नियुक्त करते हुए पत्र दिया गया। मीनू को अंचल कार्यालय मोहिउद्दीननगर में पदस्थापित किया गया है।


पत्र बांट कर सरकारी असफलता बताई

वाराणसी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पत्र को आज नैपुरा , नरोत्तमपुर , तारापुर टिकरी में पूर्व पार्षद वरुण सिंह , युवजनसभा पूर्व प्रदेश सचिव सत्यप्रकाश सोनकर सोनू , कैंट विधानसभा सचिव संजय यादव और नगर सचिव आलोक गुप्ता के नेतृत्व में बाँट कर सरकार की असफलताओं को बताने का कार्य किया । टिकरी गाँव मे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक संवाद का कार्यक्रम किया गया । उपस्थित लोगों को सरकार के असफलताओं को बताते हुए पूर्व पार्षद वरुण सिंह ने कहा आज भाजपा सरकार में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है आये दिन हत्या , लूट , बलात्कार , छेड़खानी , मारपीट की घटनाएं घटित हो रही और पुलिस को केवल विपक्ष के दमन में लगाया गया है जिससे अपराध पर अंकुश नही लग पा रहा । युवजनसभा पूर्व प्रदेश सचिव सत्यप्रकाश सोनकर सोनू ने कहा युवाओं के हाथों में सरकार को रोजगार देने चाहिए तो सरकार उन्हें धार्मिक भावनाओं में उलझा दे रही है । कैंट विधानसभा सचिव संजय यादव ने कहा प्रदेश सरकार को पिछली सरकार के कल्याणकारी योजनाओं को फिर से चालू करना चाहिए । भेदभाव करने में यह सरकार किसी का भला नही कर पा रही है । नगर सचिव आलोक गुप्ता ने कहा व्यापारियों को जी यस टी को सरलीकरण करना चाहिए , किसानों को पैदावार बढ़ाने के लिए सिंचाई के संसाधन सहजता से उपलब्ध कराना चाहिए । माली समाज के अध्यक्ष जीवन माली ने कहा सावन का पवित्र महीना शुरू है और ज्यादातर मंदिर बन्द होने से हम माली समाज के सामने जीवन यापन का संकट उतपन्न हो गया है सरकार मदिरा को बढ़ावा दे रही और मंदिर पर अंकुश लगा रही जो समझ से परे है । युवा नेता वीरेन्द्र यादव ने कहा अखिलेश सरकार ने 300 किलोमीटर की सड़क 23 महीने में बनाकर प्रदेश को समर्पित कर दिया जबकि वर्तमान सरकार इस आंकड़े के आस पास भी नही दिखती । काशी वेलफेयर चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष राकेश कुमार पॉल ने भी अखिलेश यादव सरकार के किए कार्य की सराहना करते हुई 2022 में बदलाव के लिए तैयार होने की अपील किया । आह्वान पत्र वितरण में प्रमुख रूप से वरुण सिंह , सत्यप्रकाश सोनकर सोनू , वीरेन्द्र यादव , संजय यादव , आलोक गुप्ता , जीवन माली ,राकेश कुमार पॉल , सतीश पाल , बाबू सोनकर , राजेश वर्मा गुड्डू , ब्यूटी सोनकर , विनय भट्ट मौजूद रहे।


एमपी के राज्यपाल की हालत बनी नाजुक

भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की हालत नाजुक बनी हुई है। वे फिर से वेंटिलेटर आ गए हैं। लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल के डायरेक्टर डा. राकेश कपूर ने हेल्थ बुलेटिन जारी कर कहा है कि लालजी टंडन की हालत नाजुक है, लेकिन नियंत्रण में है। इधर, अन्य बड़े डाक्टरों की भी सलाह ली जा रही है। मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन पिछले 11 जून से लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती है। 13 जून को टंडन को वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था। बीच में दो दिन बाई-पैप मशीन पर भी रहे। इसके बाद फिर हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया।गौरतलब है कि टंडन की हालत पिछले 30 जून से नाजुक बनी हुई है। हालांकि डाक्टरों ने उनकी हालत को स्थिर बताया है।


आनंदीबेन ने दिलाई शपथ


इससे पहले मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की हालत खराब होने के कारण मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए आनंदी बेन पटेल को मध्यप्रदेश का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। आनंदीबेन पटेल उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं। पिछले दो-तीन दिन मध्यप्रदेश में रहने के बाद वे शनिवार को ही लखनऊ रवाना हुई हैं।


11 जून को हुए थे भर्ती


राज्यपाल लालजी टंडन को 11 जून को तबीयत बिगड़ने पर लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 13 जून को पेट में रक्तस्राव होने के कारण उनका ऑपरेशन किया गया। इसके बाद से वे लगातार क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। बीच-बीच में दो तीन बार डाक्टरों ने वेंटिलेटर हटाया था, लेकिन फिर से श्वास लेने में दिक्कतों के कारण दोबारा वेंटिलेटर पर रखा गया। 27 जून को उन्हें प्रेशर में ऑक्सीजन देने के लिए बाई-पैप मशीन पर रखा गया था। लेकिन, उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ।


मेदांता अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने उनका हेल्थ बुलेटिन जारी कर बताया था कि राज्यपाल को कोमोर्बिटीज और न्यूरो मस्कुलर की समस्या है। सांस लेने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में फिर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया है।


बाई-पैप और वेंटिलेटर में अंतर


विशेषज्ञों के मुताबिक बाई-पैप और वेंटिलेटर दोनों मैके निकल वेंटिलेशन मशीनें हैं। मरीज यदि गंभीर हालत में है और बेहोशी में नहीं है। मगर, सांस लेने में असमर्थ है। कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर नहीं निकाल पा रहा है तो बाई-पैप मशीन का सपोर्ट लगाया जाता है। इसमें मुंह-नाक पर मास्क लगाकर प्रेशर में ऑक्सीजन दी जाती है। वहीं, मरीज में बेहोशी आने लगे, शरीर में अम्लता बढ़े, कॉर्बन डाई ऑक्साइड और बढ़ने लगे तो मरीज अति गंभीर होने लगता है। ऐसी स्थिति में उसे वेंटिलेटर सपोर्ट ही देना पड़ता है। इसमें मरीज के गले के पास ट्रैकियोस्टमी की जाती है। उसमें इंडोट्रैकियल ट्यूब डाल दी जाती है। इसके जरिए सीधे ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है।


संक्रमित पत्रकार ने कर ली खुदकुशी


दैनिक भास्कर के पत्रकार ने एम्स से कूदकर दे दी जान




आकाश नागर


नई दिल्ली। गत 18 मई को जो पत्रकार कोरोना महामारी के साथ जीने का ढंग बता रहा था और अपने अखबार दैनिक भास्कर में काफी बड़ा आर्टिकल लिख रहा था। वह आज कोरोना महामारी के सामने हिम्मत हार गया। आखिर में वह दिल्ली स्थित एम्स की चौथी बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर लेता है। अभी कुछ दिन पहले की ही बात है जब वह पत्रकार दिल्ली सरकार का सच उजागर कर रहा था कि दिल्ली में कोरोना से जितनी मौत हो रही है, उन सभी मौतों का आंकड़ा सरकार पेश नहीं कर रही है।


बकायदा तथ्य और सबूत के साथ खबर पेश कर अपनी तटस्थ और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाने वाले दिल्ली के पत्रकार तरुण सिसोदिया में आखिर आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम क्यों उठाया, इसको लेकर हर कोई हतप्रभ है। हालांकि, कहा जा रहा है कि दैनिक भास्कर संस्थान ने उसे पूर्व में नौकरी से बाहर कर दिया था। इसके बाद से ही वह तनाव में रहने लगा था। हालांकि उसके बाद फिर संस्थान ने उसे अपने आप नौकरी पर रखा। लेकिन अपनी नौकरी जाने का भय उसको अंत समय तक सताए रहा। एक तो नौकरी जाने का अंदेशा और दूसरा कोरोना से पीड़ित होना पत्रकार की मौत का कारण बताया जा रहा है।


दैनिक भास्कर के प्रमुख संवाददाता तरुण सिसोदिया ( 37 ) दिल्ली के भजनपुरा में रहते थे। अभी 4 साल पूर्व भी उनकी शादी हुई थी। वह दिल्ली में दैनिक भास्कर की सामाजिक सरोकारों की पत्रकारिता के लिए जाने जाते थे। गत 27 मई को तरुण सिसोदिया को एम्स में एडमिट कराया गया था।


बताया जा रहा है कि तरुण को कोरोना महामारी की कवरेज करने के काम पर लगाया गया था। जहां पर उसको बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद वह एम्स में अपना इलाज करा रहा था आज दोपहर 2 बजे एम्स की चौथी मंजिल से उसने अचानक खिड़की से कूदकर अपनी जान दे दी। बताया जा रहा है कि तरुण सिसोदिया को कोरोना बीमारी के पहले एक बीमारी ने भी अपनी चपेट में लिया हुआ था।


तरुण सिसोदिया के बारे में बता दें कि उन्होंने पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों को लेकर ही रिपोर्टिंग की थी। उनकी अंतिम खबर 10 जून की है। जिसमे उन्होंने ख़बर में बताया था कि दिल्ली सरकार कह रही है कि अब तक 982 मौत कोरोना से हुई है, जबकि 1500 से ज्यादा डेडबॉडी का अंतिम संस्कार श्मशान और कब्रिस्तानों में हो चुका है। उन्होंने प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ भी सोशल मीडिया में कुछ ट्वीट्स का समर्थन किया था। कहा जा रहा है कि तरुण दोहरे डिप्रेशन में आ गए थे। उन्हें कोरोना तो हुआ ही, साथ ही दैनिक भास्कर से छंटनी की आशंका सता रही थी। गौरतलब है कि दैनिक भास्कर प्रबंधन तेजी से अपने कर्मियों की नौकरियों से निकाल रहा है।


बताया जा रहा है कि तरुण सिसोदिया का भी नंबर आने वाला था। इसी आशंका ने उसे बेहद कमजोर कर दिया। वह इन पूरे हालात से बेहद घबरा गए और तनाव व डिप्रेशन की हद पार कर गए। तरुण को हालांकि नौकरी से अभी निकाला नहीं गया था। लेकिन उसे लग रहा था कि शायद निकाल देंगे। इसी टेंशन में शायद उसने सुसाइड के लिए छत से कूदने जैसा कदम उठाया है।साथी पत्रकारों का कहना है कि ‘दैनिक भास्कर’ ने 2 महीने पहले उनका इस्तीफा ले लिया था । लेकिन बाद में उनकी नौकरी बच गई थी। दैनिक भास्कर’ के पत्रकार तरुण सिसोदिया के साथियों की मानें तो वह काफी मिलनसार व्यक्ति थे और सबसे हँस-बोल कर मिला करते थे। इससे पहले वह ‘संडे टाइम्स’ में कार्यकर्त थे। ‘दैनिक भास्कर’ में उन्हें सामान्यतः एमसीडी और एजुकेशन से जुड़ी बीट कवर करनी होती थी। फिलहाल वह दैनिक भास्कर में कोरोना महामारी के की खबरे भी लिख रहे थे। साथ ही वह अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी खबरें पोस्ट करते रहते थे।



नंदी के पेट से निकाली 150 किलो पॉलिथीन

रोहतक। बहादुरगढ़ के विवेकानन्द नगर में एक नंदी की हालत खराब होने की सूचना पर गोधन सेवा समिति की एम्बुलेंस से नंदी को सांखोल गोउपचार केंद्र लाया गया। पशु चिकित्सकों की टीम ने देखा कि नंदी के मुंह से लगातार पानी व लार बह रहा है। उन्होंने देखा कि नंदी के पेट का सारा दबाव उसकी छाती पर आ रहा है और उसको सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है. इसके बाद नंदी का ऑपरेशन किया गया।


ऑपेरशन में नंदी के पेट से 150 किलो पॉलीथिन


इसके पश्चात पशु चिकित्सक डॉ. राहुल भारद्वाज (वीएस) ने टीम के वीएलडीए रविन्द्र कुमार, रमेश, कृष्ण और ओम प्रकाश के सहयोग से नंदी का ऑपरेशन शुरू किया। करीब पांच घंटे चले इस सफल ऑपेरशन में नंदी के पेट से 150 किलो पॉलीथिन, लोहे की स्क्रैप व सिक्के निकले. इस तरह नंदी की जान बचा ली गई। पशु चिकित्सक डॉ. राहुल भारद्वाज ने बताया कि अगर नंदी को समय पर गोधन सेवा समिति के उपचार केंद्र में नहीं लाया जाता तो कुछ समय पश्चात यह नंदी सड़क पर ही दम तोड़ देता।


गोवंश की आंतों में फस जाती है पॉलीथिन


पशु चिकित्सक डॉ. राहुल भारद्वाज ने बताया कि पॉलीथिन तो गोवंश की आंतों के लिए इस कदर जानलेवा है कि इन्हें तिल-तिलकर मारने जैसा काम करती है। पॉलीथिन गोवंश की आंतों में फंस जाती है। इससे इनका समूचा पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है। इनके द्वारा खाया जाने वाला चारा पच नहीं पाता। शरीर में पॉलीथिन की संख्या बढ़ने के साथ-साथ इनका पेट फूलता रहता है, जो अंत में इन गोवंश की असमय मौत का कारण बनता है।


डॉक्टरों ने लोगों से की यह अपील


डॉक्टर ने बताया कि लोगों द्वारा खाने की चीजों को पॉलीथिन में बांधकर सड़कों पर फेंक दिया जाता है। बेसहारा भूखा गोवंश पॉलीथिन समेत इन खाने की चीजों को खा जाते हैं। इस प्रकार धीरे-धीरे इन गोवंशों के पेट में यह पॉलीथिन बढ़ती जाती है और अंत में इनकी मौत का कारण बन जाती है। हम भी लोगों से अपील करते है कि वे खाने की चीजों को पॉलीथिन में बांधकर ना फेंके। पॉलीथिन के प्रयोग को अपने जीवन में पूरी तरह बंद कर दें। इसके अलावा बेसहारा गोवंश के लिए हम सभी को हरे चारे की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि भूखे बेसहारा गोवंश कूड़ा-कर्कट ब पॉलीथिन खाने को विवश ना हो।


सोने-चांदी की मांग के साथ भाव गिरा

कविता गर्ग


नई दिल्ली। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने सोमवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की कीमतों के बारे में जानकारी दे दी है। आज दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने के दाम में 42 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, आज चांदी के भाव में 1,217 रुपये प्रति किलोग्राम की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज दोनों ही कीमती धातुओं के भाव में तेजी देखने को मिल रही है।


सोने की नई कीमतें सोमवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने के भाव में 42 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज की गई, जिसके बाद यहां सोने का नया भाव 48,964 रुपये हो गया है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, इसके पहले 10 ग्राम सोने का भाव 49,006 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।चांदी की नई कीमतें चांदी की बात करें तो आज ​इसकी कीमतों में 1,217 रुपये प्रति किलोग्राम की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इसके बाद चांदी का नया भाव लुढ़ककर 49,060 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गया है। इसके पहले कारोबारी दिन चांदी का भाव 50,277 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर बंद हुआ था।


अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो यहां दोनों कीमती धातुओं की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज सोने का भाव 1,776 डॉलर प्रति आउंस रहा जबकि चांदी का भाव 18.10 डॉलर प्रति आउंस रहा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियन एनालिस्ट (कमोडिटीज) तपन पटेल ने बताया कि अमेरिका समेत दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्था में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से सोने के भाव को सपोर्ट मिलेगा।


सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इन्वेस्ट करने का मौका


बता दें कि आज सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड  के 2020-21 सीरीज के चौथे चरण के स​ब्सक्रिप्शन भी खुल चुका है। ऐसे में अगर आप भी इसमें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आपके पास 10 जुलाई तक का मौका है। इस बार इश्यू प्राइस 4,852 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। साथ ही, ऑनलाइन आवेदन करने और पेमेंट करने वाले इन्वेस्टर्स के लिए हर ग्राम के सोने पर 50 रुपये की छूट भी मिलेगी। ऑनलाइन इन्वेस्टर्स के लिए इश्यू प्राइस 4,802 रुपये प्रति ग्राम होगा।


सुशांत की आत्महत्या में आया नया मोड़

मुंबई। सोशल मीडिया में ये मैसेज बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर दिशा सालियान (Disha Salian) बॉलीवुड एक्टर सूरज पंचोली के बच्चे की मां बनने वाली थी, इसलिए उन्होंने 14 मंजिला इमारत से कूदकर अपनी जान दे दी। इस पर दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान (Disha Salian) के परिवार ने सोशल मीडिया पर दिवंगत मैनेजर (दिशा) के बारे में लगाए जा रहे कयासों पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बयान जारी किया है।


बयान में कहा गया है, “जो कोई भी यह पढ़ रहा है, आप शायद हमें और दिशा को व्यक्तिगत रूप से जानते होंगे या नहीं जानते होंगे, लेकिन हम सभी में एक चीज समान है। हम सभी इंसान हैं और महसूस करने की क्षमता रखते हैं। इस प्रकार हम आशा करते हैं कि आप सभी हमारे दर्द को समझते हैं।


लालू यादव के डॉक्टर भी निकले संक्रमित

रायपुर। झारखंड में सोमवार को 9 जिलों में कोरोना के 39 नए संक्रमित मरीज मिलने के साथ ही राज्य में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़कर 2854 हो गई है। 6 जुलाई को मिले 39 नए कोरोना पॉजिटिव में लोहरदगा के सिविल सर्जन भी Covid-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। लोहरदगा सिविल सर्जन के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद कोरोना के राडार पर लोहरदगा जिले का पूरा स्वास्थ्य महकमा के साथ-साथ जिला प्रशासन भी आ गया है, क्योंकि कोरोना काल में सिविल सर्जन कई महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लेते रहे हैं। ऐसे में उनकी कांटेक्ट ट्रेसिंग लिस्ट काफी लंबी हो सकती है। वहीं, इलाज के दौरान अभी तक 20 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हुई है। सोमवार को प्रदेश में मिले 39 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 4 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, इनमें से एक RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद की सुरक्षा में तैनात जवान भी शामिल है। गनीमत यह रही कि पुलिसकर्मी छुट्टी से लौटा था और ड्यूटी जॉइन करने से पहले उसकी जांच कराई गई तो वह कोरोना पॉजिटिव निकल गया।


किस-किस जिले में मिले कितने मरीज


चतरा में 03, पूर्वी सिंहभूम में 12, हजारीबाग में 04, कोडरमा में 02, लातेहार में 01, लोहरदगा में 02, पलामू में 01, रांची में 10 और सरायकेला में 04 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। हालांकि, लोहरदगा में 03 और पॉजिटिव केस मिले हैं पर उसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने अभी नहीं की है।


राज्य में कोरोना के अभी 766 एक्टिव मरीज


सोमवार को जहां कोरोना के 39 नए केस मिले हैं, वहीं अलग-अलग जिलों के 23 कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक भी हुए हैं। इस तरह अभी राज्य में कोरोना के 766 एक्टिव केस है और सभी का इलाज अलग-अलग कोविड सेंटर में चल रहा है। राज्य में आज ठीक हुए 23 संक्रमितों को मिलाकर 2068 कोविड संक्रमित ठीक होकर घर लौट गए हैं।


राज्य में सबसे ज्यादा संक्रमित हैं प्रवासी


राज्य में कोरोना संक्रमितों में सबसे अधिक संख्या प्रवासियों की है। 2854 संक्रमितों में से 2109 प्रवासी हैं जो कि लॉकडाउन में अपने राज्य लौटे और कोरोना पॉजिटिव पाए गए। राज्य में 45643 संदिग्ध को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में जबकि 281305 संदिग्ध को होम क्वारंटाइन में रखा गया है।


झारखंड में कोरोना के आंकड़े


राज्य में कोरोना का 7डेज ग्रोथ रेट है 2.32. वहीं देश में यह 3.5 प्रतिशत है। राज्य में अभी 30.17 दिन में दुगुणा होने की रफ्तार है, जबकि देश का आंकड़ा 20.17 दिन का है। राज्य में कोरोना का रिकवरी रेट 72.46 प्रतिशत है. वहीं, देश का औसत कोरोना रिकवरी रेट 60.86 प्रतिशत है। सूबे कोरोना पीड़ितों की मृत्यु दर 0.70 प्रतिशत है जबकि देश का यह 2.82 प्रतिशत है।


अपराधियों को उनकी जगह पहुंचाइए

बृजेश केसरवानी


लखनऊ। कानपुर कांड के बाद शनिवार रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफिया और आपराधिक गिरोह पर टूट पड़ो की नीति के तहत कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस दुर्दांत वारदात के बाद सीएम योगी ने एक बार फिर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से साफ कहा कि अपराधियों को वहीं पहुंचाइए, जहां उनकी जगह है।


उन्होंने माफिया को नए सिरे से सूचीबद्ध कर अभियान के तहत उन पर शिकंजा कसने का भी कड़ा निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर कांड में फरार हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे व उसके साथियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए पुलिस को एक सप्ताह का समय दिया है। कानपुर कांड के बाद अब एक बार फिर सूबे में अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन चलने के साफ संकेत हैं।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार रात डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी व सभी एडीजी जोन के साथ समीक्षा बैठक की। सभी जोन में अपराधियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की समीक्षा भी की। वाराणसी जोन व गौतमबुद्धनगर में अपराधियों के विरुद्ध हुई कार्रवाई पर संतोष जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्य जोन में भी इसी तर्ज पर कार्रवाई का कड़ा निर्देश दिया। जिन जोन में कार्रवाई कम रही, उन्हें अल्टीमेटम भी दिया। कहा कि कोरोना के चलते बीते दिनों बहुत कुछ प्रभावित रहा। अब पुलिस माफिया को नए सिरे से सूचीबद्ध करे और लगातार कार्रवाई की जाए। अपराधियों में पुलिस का भय कायम रहना चाहिए।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी एडीजी जोन फील्ड में जाएं। जिलों में जाकर बैठक करें और अपराधियों की सूची व उनके विरुद्ध की जा रही कार्रवाई की नियमित समीक्षा भी जरूर करें। डीजीपी ने भी अधीनस्थों को बड़े से लेकर छोटे अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखने का कड़ा निर्देश दिया है। कहा कि वांछित आरोपितों से लेकर पुराने अपराधियों के विरुद्ध दर्ज मामलों की समीक्षा के साथ ही कोर्ट में प्रभावी पैरवी की जाए। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कानपुर कांड में अब तक 150 से अधिक स्थानों पर दबिश दिए जाने से लेकर अन्य बिंदुओं पर की जा रही कार्रवाई की पूरी जानकारी दी। बताया कि हर स्तर पर फरार आरोपितों की तलाश कराई जा रही है।


महिला पीसीएस ने फांसी लगा दी जान

ड्राइवर से किसी बात पर नाराज थीं मणि मंजरी…


लखनऊ/बलिया। बलिया में पीसीएस अधिकारी मणिमंजरी ने फांसी लगाकर जान दे दी। उनकी तैनाती मनियर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी (ईओ) के पद पर थी। आवास विकास कालोनी में पंखे के हुक से लटकती उनकी लाश मिली। सूचना मिलते ही डीएम हरि प्रताप शाही व एसपी देवेन्द्र नाथ के साथ ही फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया एवं साक्ष्य जुटाए। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट और अधिशासी अधिकारी की कॉल डिटेल के जरिए आत्महत्या की वजह की जांच में जुट गई है।
गाजीपुर के भांवरकोल की रहने वाली (30 वर्षीय) मणिमंजरी राय की तैनाती करीब दो साल पहले मनियर नगर पंचायत के ईओ पद पर हुई थी। वह जिला मुख्यालय पर आवास विकास कॉलोनी में किराये के मकान में रहती थी और यहीं से मनियर आना-जाना था।
दरवाजा तोड़कर फंदे से उतारा गया शव…..
कई फ्लैट वाले बड़े मकान में तीसरे तल पर अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय का फ्लैट था। सोमवार को वह घर में अकेले ही थी। उनके फ्लैट के बगल वाले फ्लैट में रहने वाली एक महिला को ईओ के कमरे की खिड़की के शीशे से कुछ हिलता हुआ दिखाई दिया। आसपास के लोगों को किसी अनहोनी की आशंका हुई। उसके बाद डायल 112 और पुलिस को इसकी सूचना दी गई। दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर पहुंची तो बेड के ऊपर ही फंदे पर मणि मंजरी राय का शव लटक रहा था। टीम ने पूरी जांच पड़ताल करने के बाद शव को नीचे उतारा। देर रात तक डीएम-एसपी मौके पर मौजूद रहे।
शव के पास ही मिला सुसाइड नोट…..
पीसीएस अधिकारी द्वारा आत्महत्या किए जाने की खबर मिलने पर संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन कुमार जैन व अन्नपूर्णा गर्व के अलावा सदर तहसीलदार शिवसागर दुबे, नायब तहसीलदार जया सिंह, ईओ बांसडीह सीमा राय, ईओ सिकंदरपुर संजय राव समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिशासी अधिकारीके शव के पास एक सुसाइड नोट मिला। इसमें उन्होने लिखा- मैं दिल्ली-मुंबई से बचकर बलिया में चली आई। लेकिन, यहां मुझे रणनीति के तहत फंसाया गया है। इससे मैं काफी दुखी हूं, लिहाजा मेरे पास आत्महत्या करने के लिए अलावा कोई विकल्प नहीं है। हो सके तो मुझे माफ कर दीजिएगा।पुलिस सूत्रों के मुताबिक अधिशासी अधिकारी को किसने जान-बूझकर और किस मामले में फंसाया, इसमें कौन-कौन लोग हैं, यह सब जांच का विषय है।
ड्राइवर को भगा दूसरे चालक को बुलाया था…..
मनियर नगर पंचायत से जुड़े लोगों के अनुसार बीते शनिवार को अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय व उनके चालक के बीच कोई बात हुई थी, वह अपने चालक से काफी नाराज थीं। नगर पंचायत पहुंचते ही उन्होने अपने चालक को भगा दिया था और नगर पंचायत अध्यक्ष को फोन कर दूसरा चालक बुलाया था। वह चालक राय को मनियर से लगभग चार किलोमीटर दूर छितौनी ग्राम सभा तक छोड़कर लौट गया था। वहां से मणि मंजरी राय अपनी गाड़ी स्वयं ड्राइव करते हुए बलिया स्थित आवास विकास कॉलोनी के अपने मकान में पहुंची थी। इसके बाद वह मनिया नगर पंचायत नहीं गईं और सोमवार की देर रात फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया।
पीसीएस अधिकारी मणि मंजरी राय ने सुसाइड क्यों किया यह अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि उन्होने कमरे में सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें स्वयं को साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया है। एसपी देवेंद्रनाथ का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, जल्द खुलासा किया जाएगा। (8 जुलाई 2020)


विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा


नेपाल ने तटीय बांध तोड़ने की धमकी दी

कविता गर्ग


नई दिल्ली। नेपाल के रौतहट जिला प्रशासन ने बंजरहा के पास भारतीय सीमा में नो मेंस लैंड से सटे हुए लालबकेया नदी के तटबंध के एक हिस्से को हटाने को कहा है। नेपाल ने इसे नहीं हटाने पर इसे तोडऩे की धमकी दी है।


नेपाल का दावा है कि बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग ने दो मीटर चौड़ा और 200 मीटर लंबा तटबंध नो-मेंस लैंड को अतिक्रमित कर बनाया है। नेपाल ने कहा है कि इसे हटाया नहीं गया तो इसे तोड़ कर हटा देंगे। इधर खतरा इस बात का है कि बरसात के इस मौसम में अगर तटबंध को हटाया गया, तो इलाके के लोगों को बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। रौतहट के डीएम वासुदेव घिमिरे ने प्रेस कॉन्फे्रंस कर नेपाली मीडियाकर्मियों से कहा है कि दोनों देशों की भू-मापक टीम द्वारा की गयी पैमाइश में पाया गया है कि  11 स्थानों पर पिलर बनाया गया है। मापी में पाया गया है कि बांध को कहीं दो मीटर तो कहीं एक मीटर नो-मेंस लैंड को अतिक्रमित कर बनाया गया है।


बताया कि दोनों देशों के सुरक्षाकर्मियों व अधिकारियों की उपस्थिति में नो-मेंस लैंड को अतिक्रमण कर बागमती तटबंध बनाने की पुष्टि के बाद नो-मेंस लैंड को खाली करने पर सहमति बनी है। नो-मेंस लैंड के बीच में बने पिलर से 9.1 मीटर उत्तर व दक्षिण अथाज़्त 18.2 मीटर नो-मेंस लैंड की जमीन पहले से ही निर्धारित है। नो-मेंस लैंड की जमीन पर कोई निर्माण कार्य नहीं होना है। इसके बावजूद भी वहां तटबंध बना दिया गया है। रौतहट डीएम ने यहां तक कह दिया कि नो-मेंस लैंड पर बने बांध को हटाने पर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच सहमति बन गयी है। इसके बावजूद भी बांध को नहीं हटाया गया, तो नेपाल सरकार स्वयं बांध हटा देगी।


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