लंदन (एजेंसी)। शेफ़ील्ड स्टडी ग्रुप के वैज्ञानिकों ने ब्रह्माण्ड में तारा बनाने वाले क्षेत्रों की विशिष्टता का अध्ययन करने के लिए मिल्की वे में बने नए सितारों के बारे में जांच-पड़ताल की। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने नए सितारों अध्ययन के दौरान मैग्मा ओशन प्लॉनेट के बारे में पता लगाया है जिससे अंतरिक्ष में नए सितारों और ग्रहों के बनने की गुत्थी सुलझ सकती है। इतना ही नहीं, वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि स्टेलर नर्सरीज जहां गैस और धूलकणों के मिलने से नए तारों का निर्माण होता है वहां सूर्य से बड़े और तारे भी मौजूद हैं। इस दौरान उन्होंने पाया कि मैग्मा ओशन प्लॉनेट में से एक ग्रह बेबी अर्थ के समान है। इस शोध से अंतरिक्ष में तारे और ग्रह बनने की प्रक्रिया को समझने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि ये मैग्मा ओशन प्लॉनेट सूर्य जैसे अन्य तारों का पता लगाने में भी काम आ सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये ग्रह इतनी गर्मी उत्सर्जित करते हैं कि हम नेक्स्ट जेनरेशन की इन्फ्रा-रेड टेलिस्कोप का उपयोग करके उनसे चमक देख पाएंगे। जिन स्थानों पर हमें ये ग्रह मिले रहे हैं उन तारों की उम्र 100 मिलियन वर्ष से कम है। ऐसे तारों को युवा श्रेणी में रखा जाता है।शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय के खगोलविद रिचर्ड पार्कर ने कहा कि मैग्मा ओशन प्लॉनेट चट्टानों और छोटे ग्रहों की क्रमिक टक्कर से बनते हैं। जिसके प्रभाव से उनकी सतह इतनी गर्म हो जाती है कि वह पिघली हुई चट्टान बन जाती है, जिससे उन्हें खोजने में मदद मिलती है।
मंगलवार, 9 जून 2020
'कम्युनिटी स्प्रैड' केंद्र कर सकेगा ऐलान
- केंद्र और दिल्ली के बीच तकरार बढ़ी
- सत्येंद्र जैन बोले- कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड केंद्र ही कर सकती है ऐलान
नई दिल्ली । दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और तीखी होती राजनीति के बीच कम्युनिटी स्प्रेड को लेकर चर्चा तेज हो गई है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को ऐलान किया कि एम्स डायरेक्टर ने दिल्ली में कोरोना वायरस के कम्युनिटी स्प्रेड को मान लिया है, लेकिन केंद्र ही इसका ऐलान कर सकता है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ने जो दिल्ली के अस्पतालों को लेकर फैसला किया था, उसे LG साहब ने खत्म कर दिया है ऐसे में अब दिल्ली वालों का इलाज कहां होगा। दिल्ली में पूरी दुनिया से फ्लाइट यहां आई हैं, ऐसे में यहां केस बढ़ रहे हैं। सत्येंद्र जैन ने फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अब अगर दिल्ली में बाहर से लोग आएंगे तो राज्य के लोगों का इलाज कहां होगा। केंद्र सरकार के जो 10 हजार बेड हैं, उनमें इलाज करवा लें। केंद्र ने हमारी मांग नहीं मानी कि फ्लाइट बंद की जाए, दिल्ली के अंदर बाहर के लोगों को आने से रोका नहीं गया, जिससे केस बढ़ गए।
स्वास्थ्य मंत्री बोले कि हम लगातार बेड बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, AIIMS के डायरेक्टर ने कम्युनिटी स्प्रेड को मान लिया है लेकिन केंद्र सरकार इसको नहीं मान रही है। दिल्ली में बहुत से ऐसे केस हैं, जिनका कोई सोर्स नहीं है। कम्युनिटी स्प्रेड है या नहीं, वो केंद्र मानेगी तभी होगा।
दिल्ली के अस्पतालों का हाल.. सरकारी आंकड़ा
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच इन दिनों कोरोना संकट को लेकर आर-पार की लड़ाई छिड़ गई है। पहले दिल्ली सरकार ने फैसला लिया था कि अब दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ राज्य के निवासी का इलाज होगा, लेकिन उपराज्यपाल ने इस फैसले को तुरंत बदल दिया। जिसके बाद से दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल आमने-सामने है।
बता दें कि दिल्ली में पिछले एक हफ्ते से रोज़ ही एक हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में चिंता बढ़ती जा रही है। दिल्ली में मंगलवार सुबह तक कुल कोरोना वायरस के मामले 29943 हैं, जबकि 874 लोगों की मौत हो चुकी है।
हिमाचल में कम नहीं हो रहा संक्रमण
नाहन। हिमाचल प्रदेश के कोरोना वायरस के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। मंगलवार सुबह सिरमौर जिले से कोरोना के आठ नए मामले सामने आए हैं। ये सभी औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब स्थित ओरिसन फार्मा इकाई में काम करते हैं। इनमें मालिक दंपति व उनका बेटा भी शामिल है, जो इस समय पंचकूला में रह रहे हैं। प्रशासन ने पहले ही इस फार्मा कंपनी (Pharma Company) को सील करने के आदेश दे दिए थे।
इसी फार्मा इकाई में काम करता था पशोग निवासी संक्रमित
जानकारी के अनुसार सिरमौर जिला से सोमवार को जांच के लिए भेजे गए 41 सैंपलों में से 33 नेगेटिव और आठ की रिपोर्ट पॉजिटिव (Report positive) आई है। सभी संक्रमित उसी फार्मा इकाई में कार्यरत थे जिसमें गांव बाग पशोग का निवासी कार्यरत था और बाद में पॉजिटिव पाया गया था। व्यक्ति फिलहाल सराहां के कोविड हेल्थ सेंटर में भर्ती है। आठ संक्रमितों में से सात लोग फिलहाल हरियाणा में ही हैं, जिनमें कंपनी का मालिक, उसकी बीवी और बेटा पंचकूला में और इकाई का सीईओ यमुनानगर में, दो लोग साढौरा में और एक व्यक्ति नारायणगढ़ में हैं। इसके अलावा एक व्यक्ति को त्रिलोकपुर स्थित कोविड केयर सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया है। डीसी सिरमौर डॉ. आरके परुर्थी ने इसकी पुष्टि की है। इसी के साथ सिरमौर में कुल संक्रमितों की संख्या 20 हो गई है, जबकि सक्रिय मामलें 16 हैं और चार ठीक हुए हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश में अब तक कुल 429 मरीज आ चुके हैं। एक्टिव केस एक्टिव 197 हैं। अब तक 227 लोग ठीक हुए हैं वहीं पांच की मौत हुई है।
लगातार तेज रफ्तार का 'कहर' जारी
कोरोना लक्ष्ण दिखने के बाद भर्ती कराऐंं
नई दिल्ली। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भाजपा नेता संबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा है कि अब वह घर आ चुके हैं, लेकिन उनको ठीक होने में अभी वक्त लगेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मुश्किल समय में पार्टी ने उनकी का ध्यान रखा और पार्टी का नेतृत्व परछाई बनकर उनके पीछे खड़ी रहा है। ऐसे में वह यही कहना चाहते हैं कि पार्टी ही उनका परिवार है।
ध्यान रहे संबित पात्रा को अस्पताल से रविवार देर रात ही डिस्चार्ज कर दिया गया था। उनमें कोरोना के लक्षण दिखने के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन दोबारा जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डॉक्टरों ने उन्हें अभी उन्हें कुछ दिन होम कवरेन्टीन रहने की हिदायत दी है। गौरतलब है कि पात्रा को कोरोना के लक्षण मिलने पर 28 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
हादसा होने से बचा, चालक की बची जान
प्रवासियों के लिए विशेष ट्रेनों की मांग की
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अन्य राज्यों से संबंध रखने वाले प्रवासी श्रमिकों को वापस भेजने के लिए अधिक श्रमिक विशेष ट्रेनों की मांग की है। ईंट भट्टों में कार्यरत श्रमिकों की एक बड़ी संख्या अब अपने राज्यों में वापस जाना चाहती है, जिसमें खास तौर पर बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के हैं।
गृह विभाग के अधिकारियों ने ईंट भट्ठा संचालकों के साथ बैठक की और सभी जिलों में जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ऐसे श्रमिकों का डेटा एकत्र करें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि अपने घर लौटने से पहले ईंट भट्ठा मालिकों से अपनी बकाया राशि पा सकें। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि राज्य में लगभग 12 हजार ईंट भट्टे क्रियाशील हैं लेकिन मानसून के साथ-साथ यह बंद हो जाएंगे। इन ईंट भट्टों पर काम करने वाले श्रमिक घर लौटना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “ईंट भट्टे लॉकडाउन के दौरान काम कर रहे हैं, लेकिन अब मानसून आ रहा है, इससे वे बंद हो जाएंगे। मालिकों और सभी जिला मजिस्ट्रेटों के साथ एक बैठक आयोजित की गई है। जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि श्रमिकों को घर भेजे जाने से पहले उन्हें सभी बकाया राशि का भुगतान किया जाए।” उत्तर प्रदेश सरकार ने भट्ठा मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए केंद्र से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग की है। अवस्थी ने कहा कि सरकार तब तक मुफ्त ट्रेन और बस सेवाओं का संचालन करती रहेगी, जब तक कि उत्तर प्रदेश के लोग जो दूसरे राज्यों में अटके हुए थे वे वापस नहीं आ जाते। वहीं राज्य के लोग जो दूसरे राज्यों के हैं वे संबंधित राज्यों में नहीं पहुंच जाते।
सरकार ने एक बार फिर से उन लोगों से अपील की है कि जो वापस लौटने की इच्छा रखते हैं वे विशेष राज्य के लिए प्रतिनियुक्त नोडल अधिकारी से संपर्क करें। बस-ट्रेन से अब तक 31 लाख से अधिक लोगों को उत्तर प्रदेश में वापस लाया गया है। वहीं कई अपने दम पर यात्रा कर यहां वापस आ चुके हैं। इस बीच, राज्य के मुख्य सचिव आर.के. तिवारी ने सोमवार से नोएडा प्रशासन को नोएडा-दिल्ली सीमा पर भीड़ को कम करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है क्योंकि दिल्ली ने सोमवार से दोनों राज्यों के बीच मुक्त आवाजाही करने की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग को अगले दो दिनों के भीतर पास के लिए एक उचित तंत्र लगाने के लिए कहा है।
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