गुरुवार, 7 मई 2020

योगी सरकार के सख्त आदेश हुए खोखले

योगी सरकार में हो रहा पत्रकारों के साथ उत्पीड़न, नही हो रही कार्यवाही


योगी सरकार के आदेश साबित हो रहे खोखले


चौथे स्तंभ का हो रहा हनन


क्षेत्र में अवैध कारोबार की खबर प्रकाशित करने पर चौकी इंचार्ज ने पत्रकार के साथ की बर्बरता


लखनऊ/ प्रयागराज। थाना कौंधियारा के अन्तर्गत चौकी प्रभारी जारी शिखर उपाध्याय ने पत्रकार पर फर्जी मुकदमा कायम कर पत्रकार उत्पीड़न किया है।
गौरतलब है कि थाना कौंधियारा के अंर्तगत चौकी प्रभारी जारी पत्रकारों पर अवैध तरीके से दवाब बनाकर बेज्जत करते रहते है। जारी क्षेत्र के पत्रकारों को समाचार संकलन में अवरोध उत्पन्न करते चले आ रहे है । विगत दिनांक 4 मई को ग्राम गढ़ैया केवटान बस्ती में साधारण तरीके से शादी का प्रोग्राम था। जिसमे पांच पांच व्यक्ति वर व कन्या पक्ष से होना निश्चित हुआ था। जिसकी जानकारी चौकी प्रभारी जारी को हो गयी। चौकी प्रभारी जारी लड़की पक्ष के चार  व्यकित को व लड़का पक्ष से दो व्यक्ति को मौके से उठा ले गए। और चौकी में सौदेबाजी करने लगे पैसो की मांग शुरू कर दिया।चौकी प्रभारी जारी का कहना था कि पैसा खर्च करो नही तो जेल जाने को तैयार हो जाइए। इस बात की सूचना उनके एक रिश्ते को मिली तो वे जारी चौकी पहुच गए और चौकी प्रभारी से कहा कि विगत 3 मई को उत्तर प्रदेश सरकार ने एक शासनादेश जारी किया है कि पांच व्यकित जाकर शादी कर सकते हैं। प्रभारी ने पूछा आप की क्या तारीफ है।आप कौन है जैसे ही उस व्यक्ति ने अपने को पत्रकार बताया कि चौकी प्रभारी पत्रकार से मारपीट करने लगे कि किसी पत्रकार की हिम्मत नही है मेरे चौकी पर आने की तुम कैसे आ गए तुम्हारी हिम्मत कैसे पड़ गयी यह कहकर वे टूट पड़े।पत्रकार के खिलाफ भी मुकदमा कायम कर दिया।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हर रोज कह कह कर थक गए कि डॉक्टर व पत्रकारों व एम्बुलेंस कर्मी सफाई कर्मी का उत्पीड़न न हो अन्यथा कानूनी कार्यवाही होगी।प्रयागराज के चौकी प्रभारी जारी को यह शासनादेश की जानकारी नही थी या पत्रकार नाम से ईर्ष्या है ये समझ से परे है।


आश्चर्य की बात है कि पत्रकार के नाम से समाज मे क्या संदेश देना चाहते है पुलिस के चौकी प्रभारी! एक तरफ पत्रकारों  का कोरोना महामारी में प्रदेश के मुखिया द्वारा सुरक्षा की बात की जाती है एक तरफ सुरक्षा का जिम्मेदारी संभाल रहे चौकी प्रभारी ने स्वम पत्रकार से मारपीट किया।जिससे तहसील बारा के पत्रकारों में आक्रोश है।पत्रकारों ने उच्चाधिकारियों से आग्रह किया है कि दो दिन के अंदर जाच कर चौकी प्रभारी जारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की मांग किया है।


बृजेश केसरवानी


सख्तीः हिमाचल की सीमा पर लगाई रोक

चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने बृहस्पतिवार तड़के बिना कर्फ्यू पास के हिमाचल प्रदश में दाखिल होने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें सीमा पर ही रोक दिया। पुलिस ने बताया कि कोविड-19 से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान बिना कर्फ्यू पास के कोई भी राज्य में दाखिल नहीं हो सकता। बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा ने बताया कि पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी खैरा मोरा नाके से सुबह चार बजे अपनी निजी कार में दो अन्य लोगों के साथ हिमाचल प्रदेश में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। अधिकारी ने बताया कि सैनी सीएच-01-बीडब्ल्यू 0820 पंजीकरण नंबर की गाड़ी में पंजाब की ओर से आ रहे थे। शर्मा ने बताया कि बिलासपुर जिले के स्वारघाट में पंजाब-हिमाचल प्रदेश सीमा के पास नाके पर तैनात कर्मियों के पूछताछ करने पर डीजीपी के साथ मौजूद दो अन्य शख्स ने खुद को निरीक्षक और सहायक उप-निरीक्षक बताया। उन्होंने कहा, ‘‘ उनके अनुरोध पर कर्मियों ने नैना देवी के पुलिस उपाधीक्षक को जानकारी दी, जिन्होंने बाद में मुझे बताया और फिर मैंने बिना कर्फ्यू पास के उन्हें राज्य में दाखिल ना होने देने का निर्देश दिया।


नेता सहित कई लोगों के खिलाफ मुकदमा

देहरादून। उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले में रुद्रपुर के निकट मलसा गिरधरपुर गांव में हाल में हुए गोलीकाण्ड के बाद वहां लॉकडाउन का उल्लंघन कर पहुंचने और सभा करने के आरोप में कांग्रेस नेता तिलकराज बेहड़ सहित कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले, गांव में दो पक्षों के बीच विवाद के बाद एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष के घर में घुसकर हमला कर दिया गया था और जमकर फायरिंग की गई थी जिसमें दो लोग घायल हुए थे। इसके बाद उत्तराखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलकराज बेहड़ जानकारी लेने के लिए घटनास्थल की ओर निकले लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया । हालांकि, पुलिस का आरोप है कि पूर्व मंत्री फिर गांव पहुंच गए और वहां लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए सभा भी की। पुलिस की ओर से दर्ज मामले में कहा गया है कि पूर्व मंत्री बेहड़ 20-25 अन्य लोगों के साथ अलग-अलग वाहनों से मलसा गिरधपुर पहुंचे और वहां पीड़ित पक्ष के समर्थन में सभा करने लगे। आरोप है कि इस दौरान लॉकडाउन का उल्लंघन करने के साथ ही भौतिक दूरी का भी पालन नहीं किया गया। पुलिस बल के काफी समझाने के बाद वे बमुश्किल वहां से गए। पुलिस ने बेहड़ समेत सात लोगों के खिलाफ नामजद तथा 20—25 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।


ट्रेनें शुरू करने का किया फैसला

बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार ने लॉकडाउन के कारण फंसे हुए प्रवासी कामगारों को उनके मूल स्थानों तक भेजने के लिए शुक्रवार से विशेष ट्रेनें शुरू करने का फैसला किया है और इसके लिए संबंधित राज्यों से सहमति मांगी है। कर्नाटक सरकार ने अपने पहले के फैसले को पलटते हुए यह निर्णय लिया है। इससे पहले उसने विशेष ट्रेनों के लिए भेजा गया अनुरोध रेलवे से वापस ले लिया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने बृहस्पतिवार को झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा को पत्र लिखकर उन्हें इस फैसले से अवगत कराया और और कामगारों को भेजे जाने के संबंध में उनसे सहमति मांगी है। राज्य के प्रमुख राजस्व सचिव तथा प्रवासी श्रमिकों से संबंधित मुद्दों के लिए नोडल अधिकारी एन मंजूनाथ प्रसाद ने विभिन्न राज्यों में अपने समकक्षों को पत्र लिखा और उनसे शुक्रवार से शुरू होने वाली विशेष ट्रेनों की आवाजाही के लिए सैद्धांतिक मंजूरी देने को कहा।


महान समाज सुधारक छत्रपति शाहू महाराज को एक ट्वीट में ‘‘सामाजिक कार्यकर्ता’’ के तौर पर उल्लेख करने को लेकर विवाद में घिरे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने गुरुवार को इस पोस्ट के लिए माफी मांगी और कहा कि महान शासक का अपमान करने का विचार उनके दिमाग में कभी नहीं आ सकता। भाजपा द्वारा मनोनीत राज्यसभा सदस्य छत्रपति संभाजी राजे ने इससे पहले फड़नवीस से अपने ट्वीट के माध्यम से छत्रपति शाहू महाराज के अनुयायियों की ‘‘भावनाओं को ठेस’’ पहुंचाने के लिए माफी मांगने के लिए कहा था। मराठा राजा छत्रपति शिवाजी के वंशज संभाजी राजे को लगभग चार साल पहले राष्ट्रपति के कोटे से राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल ‘@युवराज संभाजी’ पर एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को कल के प्रकरण के लिए माफी मांगनी चाहिए। इससे मेरे सहित शिव-शाहू के अनुयायियों की भावनाएं आहत हुई हैं।’’ संभाजी के ट्वीट का जवाब देते हुए, फडणवीस ने कहा, ‘‘जब मुझे गलती के बारे में पता चला, तो मैंने अपने कार्यालय से ट्वीट में बदलाव करने के लिए कहा था। उनका (शाहू महाराज) अपमान करने का विचार कभी मेरे दिमाग में नहीं आ सकता। मैं मानता हूं कि लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।


महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित

जयपुर। महिलाओं के खिलाफ छेड़खानी एवं अन्य अपराधों की रोकथाम के लिए गठित जयपुर पुलिस की 'निर्भया स्क्वैड' की सदस्य कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान एक अन्य भूमिका में सामने आईं और उन्होंने शहर के प्रभावित इलाकों में महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित किए। गैर सरकारी संगठन 'जयपुर पैडमैन' के साथ मिलकर निर्भया स्क्वैड की टीम शहर के कर्फ्यू वाले इलाकों में रह रही महिलाओं को नि:शुल्क सेनेटरी पेड उपलब्ध करवा रही है। शहर के परकोटे वाले इलाके के में रह रही जरूरतमंद महिलाओं को संयुक्त दल ने अब तक सेनेटरी पैड के 3,000 पैकेट बांटे हैं। बाइक से चलने वाले दस्ते 'निर्भया स्क्वैड' का गठन मार्शल आर्ट में प्रशिक्षित महिला सिपाहियों के साथ किया गया है। इस दस्ते को स्कूल, कॉलेज, मॉल या बस स्टॉप पर महिलाओं के साथ किसी भी खतरे का सामना करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है । इस दल में शामिल 80 महिला कांस्टेबल ने हाल ही में कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में फ्लैग मार्च निकाल कर लोगों को घर में रहने और सामाजिक मेल जोल से दूरी के नियमों का पालन करने का संदेश दिया । जयपुर पैडमैन के सदस्य आशीष पाराशर ने बताया कि पिछले एक माह से चल रहे लॉकडाउन के कारण महिलाओं की समस्याओं के बारे में हमें पता चला और कुछ सामाजिक कार्यकर्ता भी इस पहल में शामिल हुए।


06:37 PM


लॉकडाउन के बीच, दक्षिण-पूर्व दिल्ली के ओखला फेज-1 में एक कंपनी में चोरी के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान राजेश (20), राम बाबू (20), चंदन (22) और शिवम (18) के रूप में हुई है, सभी ओखला फेज-1 के तेहखंड के रहने वाले हैं। पुलिस ने बताया कि उनके पास से 187 आई-फोन, 90 टैबलेट, आठ आई-पैड और 37 अन्य मोबाइल फोन बरामद किए गए। ओखला फेज-1 में रीब्वॉइट्स सिस्टम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अंशुमान साहा ने पांच मई को पुलिस को मामले की सूचना दी। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया। पुलिस के अनुसार, कंपनी अन्य कंपनियों से पुराने मोबाइल फोन, टैबलेट और आई-पैड प्राप्त करती है और बाजार में फिर से उसे बेचने के लिए उन्हें रिबूट करती है। साहा ने 23 मार्च को लॉकडाउन के कारण अपनी कंपनी को बंद कर दिया था।


प्रदेश अध्यक्ष दीपक को दिल का दौरा

रांची। भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को बृहस्पतिवार को दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें यहां राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान :रिम्सः के हृदय रोग विभाग में भर्ती कराया गया जहां सफल एंजियोप्लास्टी कर उन्हें एक स्टेंट लगाया गया और अब वह स्वस्थ हैं। रिम्स में कार्डियक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अंशुल कुमार ने बताया कि दीपक प्रकाश को आज रिम्स में भर्ती कराया गया जहां उनकी एंजियोप्लास्टी की गयी। उन्होंने बताया कि दीपक प्रकाश को एंजियोप्लास्टी कर एक स्टेंट लगाया गया और अब वह स्वस्थ हैं तथा रिम्स की कार्डियक केयर यूनिट में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। कुमार ने बताया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की एंजियोप्लास्टी डॉ. प्रशान्त और डॉ. प्रकाश ने की। उनकी हृदय गति बहुत धीमी गयी थी जिसे देखते हुए उन्हें पेस मेकर लगाया गया। उन्होंने बताया कि दीपक प्रकाश अब बिलकुल स्वस्थ हैं और उनके स्वास्थ्य की देखभाल कम से कम 48 घंटे तक करने के बाद शनिवार या सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दिए जाने की संभावना है। इस बीच, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को देखने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रिम्स पहुंचे और उन्होंने इलाज करने वाले चिकित्सकों से मुलाकात कर दीपक प्रकाश का हाल जाना। मुख्यमंत्री ने बाद में पत्रकारों को बताया कि अब दीपक प्रकाश स्वस्थ हैं। उन्होंने भाजपा नेता तथा उनके परिजनों को अपनी शुभकामनाएं दीं। इस बीच, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और पूर्व महासचिव बालमुकुंद सहाय ने भी अस्पताल पहुंचकर दीपक प्रकाश का हालचाल जाना। दूसरी ओर, दिल्ली से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी फोन कर दीपक प्रकाश का स्वास्थ्य जाना और उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित कीं।


प. बंगालः वायरस की जांच के लिए 'किट'

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अनुसंधानकर्ताओं के एक समूह ने कोरोना वायरस की जांच के लिए किफायती किट विकसित की है, जिसे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) से भी अनुमति मिल गई है और जल्द ही नमूनों की जांच के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। एक आधिकारिक बयान में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई। कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने वाली इस किट के जरिए देश में जांच उपकरण की बढ़ती मांग को काफी हद तक पूरा करने में मदद मिल सकती है। बयान में आईसीएमआर की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया कि करीब 500 रुपये की कीमत वाले इस उपकरण से सिर्फ 90 मिनट के अंदर लगभग शत-प्रतिशत सही नतीजे प्राप्त हुए हैं। अपने देश में ही विकसित की गई इस एक किट के जरिए 160 मरीजों की जांच की सकती है। बयान के मुताबिक, सीएसआईआर के पूर्व वैज्ञानिक समित अध्याय की देखरेख में अनुसंधानकर्ताओं ने करीब डेढ़ महीने में यह किट विकसित करने में सफलता हासिल की।


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...