गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

क्वॉरेंटाइन के बाद, घर भेजें गए 25 लोग

14 दिन क्वॉरेंटाइन के बाद वापस घर भेजे गए 25 लोग


भेजने के पहले सभी का चिकित्सीय परीक्षण किया गया


सभी लोगों को खाद्य सामग्री भी दी गई।


महाराष्ट्र के अहमदनगर से आए थे यह सभी भेजे गए देवमई गांव


फतेहपुर। 14 दिन पहले महाराष्ट्र के अहमदनगर से आए 25 लोगों को क्वॉरेंटाइन हेतु स्कूल में बने अस्थाई आश्रय स्थल में रखा गया था। जिनको चिकित्सा परीक्षण के बाद खाद्य सामग्री के साथ सभी को बस द्वारा उनके गांव भेज दिया गया। 25 लोगों में से एक महिला भी मौजूद थी। कोरोना वायरस संक्रमण और लॉक डाउन के दौरान 14 दिन पहले मलवा थाना क्षेत्र के देवमई गांव के रहने वाले 25 लोग जिनमें एक महिला भी शामिल थी महाराष्ट्र के अहमदनगर से गांव पहुंचे थे। जहां पर ग्रामीणों ने अंदर आने का विरोध किया था जिसके चलते उन्हें गांव के बाहर एक ही स्कूल में कई घंटे तक रखा गया था सूचना मिलने पर एसडीएम प्रहलाद सिंह ने सभी को बस के द्वारा नगर के निकट फरीदपुर मोड़ स्थित चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल में बने कोरोनावायरस की सुरक्षा के लिए अस्थाई आश्रय स्थल में भर्ती कराया था। भर्ती कराने के पहले सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई थी। जिसमें सभी का स्वास्थ्य सामान्य पाया गया था फिर भी इतिहास के तौर पर उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था 14 दिन पूरे होने के बाद एक बार फिर इनका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ सभी को खाद्य सामग्री दी गई और बस के द्वारा उनके गांव मलवा थाना क्षेत्र के देवमयी गांव भेजा गया। इस मौके पर एसडीएम पहलाद सिंह ने कहा कि सभी लोगों को खाने पीने की सुविधा के साथ इन्हें 14 दिन रखा गया बीच-बीच में भी स्वास्थ्य परीक्षण होता रहा जाते समय एक बार फिर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया जिसमें सभी का स्वास्थ्य सामान पाया गया है जिसके चलते इन्हें खाद्य सामग्री के साथ बस द्वारा उनके गांव भेजा जा रहा है इस मौके पर तहसीलदार गणेश सिंह चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल के संचालक संजय श्रीवास्तव प्रफुल्ल तिवारी संगीता तिवारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।


परिवर्तित संस्कार 'संपादकीय'

परिवर्तित संस्कार   'संपादकीय'


नकल से वफा, असल से बेवफाई चाहता हूं।
ये बद-मिजाजी है मेरी, ये मैं क्या चाहता हूं।
 


विश्व के हालात चिंताजनक होने के साथ-साथ दिन-प्रतिदिन मार्मिक होते जा रहे हैं। विश्व के विकसित देशों में कोरोना वायरस कोविड-19 ने तबाही मचा रखी है। जिंदगी के साथ, मौत का यह खेल किसी के भी मन को विचलित कर सकता है। देश के हालात भी ठीक नहीं है। संक्रमण पर अनुमानित नियंत्रण नहीं है। जिस को नियंत्रित करने में कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। वायरस का आतंक इतनी आसानी से कम होने का कोई आसार नजर नहीं आ रहा है। विश्व के लगभग 200 देश महामारी का दंश झेल रहे हैं। कहीं चिकित्सा उपकरण, दवाइयां और चिकित्सक आदि का अभाव है तो कई गरीब देशों में खाद्यान्न की समस्या खड़ी हो गई है। भारतवर्ष के मूल निवासियों में संस्कारों का अभूतपूर्व सामजस्य रहा है। लेकिन संस्कारों का भौतिक आवरण भी परिवर्तित हो गया है। हमारी धारणा बनी रहती थी कि यदि हमारा पड़ोसी कष्ट में है तो हम स्वयं भी उसकी आभा में रत रहते थे। पड़ोसी के परिवार के भूखा रहने पर, हमें भी भूख नहीं लगती थी। लेकिन आज सामाजिक परिवेश में बड़ा परिवर्तन हो गया है। शासन और नीति परिवर्तन में बड़ा बदलाव आया है।
 देश की गरीब और जरूरतमंद जनता की दुश्वारी पर खेद करने वालों का अकाल पड़ गया है। गरीब-मजदूर की मैली-कुचैली थाली से निवाले बीन-बीन कर खाने वाले रसूखदार अधिकारियों और नेताओं की बाढ़ आ गई है। सबसे भ्रष्ट कहे जाने वाली पुलिस फोर्स और चिकित्सक कर्तव्य का निष्ठा से पालन कर रहे हैं। बाकियों ने तो अपने आप से किए हुए वायदे भी भुला दिए हैं। पता नहीं वायरस जीवित छोड़ेगा भी या नहीं ?
देश के प्रतिष्ठित चैनल और अखबार सच दिखाने और सच को प्रकाशित करने से कतरा रहे हैं। बड़े-बड़े खुलासे करने वाले पत्रकारों की वरिष्ठता को वायरस सूंघ गया है। जनता के इतने बड़े जरूरतमंद तबके का शोषण हो रहा है। भूख-प्यास से त्रस्त गरीब, लाचार जनता को इस देश का नागरिक होने की यह कीमत अदा करनी पड़ेगी ? यह सच में कल्पना से भी परे है। 
भविष्य के गर्भ में क्या पोषित हो रहा है? यह तो ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता है। लेकिन वर्तमान की कालिख इतिहास के कई पन्नों पर अपना प्रभाव स्थापित करेगी।


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'


थाईलैंडः 50 की मौत, 2839 संक्रमित

बैंकाक। थाईलैंड में कोरोना वायरस से गुरुवार को एक और मौत हो गई है। मिली रिपोर्ट के मुताबिक, 78 वर्षीय महिला की मौत कोरोना के चलते हुई, लेकिन उन्हें पहले से स्वस्थ्य संबंधी दिक्कतें थी। इस मौत के साथ ही 13 नए और संक्रमित मामले यहां पर दर्ज किए गए हैं।


इसमें से पांच केस पिछले केस के चलते सामने आए हैं जबकि अन्य पांच लोगों को कोई भी लिंक नहीं है। वहीं तीन अन्य मामले साउथ आइसैंलड फुकेत से दर्ज किए गए हैं। इसके बाद कोविड-19 की समीक्षा करने प्रवक्ता ने बताया कि फुकेत से तीन नए केस आने के बाद अधिकारी वहां की जनता का परीक्षण कर रही है। जनवरी में थाललैंड में कोरोना वायरस ने दस्तक दी थी। अब तक यहां पर कुल 2,839 मामले सामने आए हैं जबकि और 50 मौतें हुई हैं। इसमें से  2,430 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। बता दें कि इस वायर से पूरी दुनिया परेशान है। 200 से ज्यादा देश इस वायरस का सामना कर रहा है। वक्त 26 लाख से ज्यादा लोग इस वैश्विक तौर पर इस वायरस से संक्रमित हैं। वहीं मरने वालों का आंकड़ा 1 लाख से ऊपर पहुंच चुका है।


अटलांटिका पर संक्रमितो की संख्या- 48

कोस्टर। जापान के नागासाकी प्रान्त में मरम्मत के लिए डॉक के पास खड़े इतालवी क्रूज में कोरोना वायरस संक्रमण के चौदह और मामलों की पुष्टि हुई है।


इसके बाद कोस्टा अटलांटिका पर कोरोनोवायरस संक्रमणों की संख्‍या 48 हो गई है, जिससे कि स्थानीय समुदाय के लोगों को लेकर चिंता बढ़ गई है। एक लाइव न्‍यूज कॉन्‍फ्रेंस में अधिकारी ने कहा कि इतालवी क्रूज जहाज 623 चालक दल के सदस्यों को ले जा रहा था और इसमें कोई यात्री नहीं है। इनमें से आधे रसोइये थे और दूसरे आधे कर्मचारी दल को खाना परोसने वाले थे।


प्रदूषण में भारी कमी की उम्मीद जगी

पेरिस। यूरोप महाद्वीप के लिए वर्ष 2019 इतिहास का काफी गर्म साल रहा और वर्ष 2020 शुरुआत से ही नॉवेल कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हो गया है लेकिन इससे काफी हद तक पर्यावरण में सुधार देखा जा रहा है। कोविड-19 के कारण आर्थिक मंदी के कारण इस साल कॉर्बन से होने वाले प्रदूषण में भारी कमी की उम्मीद है। साथ ही यह भी आशंका और भय है कि इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए टीका मिल जाने के बाद उत्सर्जन में अचानक वृद्धि हो सकती है।


2000 के बाद 11 साल रहे गर्मः बीते वर्ष महाद्वीप के हर क्षेत्र में गर्म हवाएं चली और तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। उपग्रह के जरिए पृथ्वी के तापमान पर नजर रखने वाली यूरोपीय संघ की एक एजेंसी ने यह जानकारी दी। कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) ने कहा कि महाद्वीप के 12 सबसे गर्म वर्षो में 11 साल 2000 के बाद रहे हैं, क्योंकि ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन जारी है।


फ्रांसः 1 करोड़ कर्मचारी बेरोजगार

फ्रांस में भी निजी क्षेत्र की कंपनियों के एक करोड़ से अधिक कर्मचारी बेरोजगार हो चुके हैं।


पेरिस। निजी क्षेत्र के प्रत्येक दो कर्मचारियों में से एक को नौकरी से हटा दिया गया है। हालांकि, बेरोजगार हुए इन कर्मचारियों को संकट के इस दौर में सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति का लाभ दिया जा रहा है। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी है। फ्रांस के श्रम मंत्री मुरिएल पेनिकॉड ने बीएफएम टेलीविजन से कहा, 'फ्रांस में आज की तारीख में एक करोड से अधिक कर्मचारियों को उनका वेतन सरकार की तरफ से दिया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि करीब 8 लाख 20 हजार नियोक्ताओं, या फिर यों कह सकते हैं कि प्रत्येक दस में से छह से अधिक ने सरकार के सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के तहत आवेदन किया है।


फ्रांस-हॉलैंड में दोबारा खुलेंगे 'स्कूल'

पेरिस। कोरोना वायरस से बुरी तरह से जूझ रहे यूरोप में उम्मीद की किरण दिखी है। यूरोप के कुछ देश संक्रमण से उबरते दिख रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक फ्रांस और हॉलैंड अपने यहां के स्कूल को दोबारा खोलने जा रहे हैं। कोरोना वायरस की वजह से हफ्तों तक बंद रहने के बाद अब फ्रांस और हॉलैंड के स्कूल खुलने जा रहे हैं।


द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस के प्राइमरी स्कूल 11 मई से खुलेंगे। हालांकि क्लास में छात्रों की संख्या को लेकर खास दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। एक क्लास में सिर्फ 15 बच्चे ही होंगे।


पोलैंड के सबसे बड़े उध्दान में आग

पोलैंड के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यान के माध्यम से वाइल्डफायर पक रहे हैं।


वारसॉ। पोलैंड में लगभग 7,000 हेक्टेयर में बने बृजब्राज़ा नेशनल पार्क - लगभग 10% - वर्तमान में आग की लपटों के रूप में मौजूद हैं, क्योंकि सैकड़ों दमकल कर्मी नियंत्रण में हैं।


पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि आग किसानों द्वारा अवैध रूप से घास जलाने के कारण लगी। इस तथ्य के कारण स्थिति खराब हो गई है पोलैंड वर्तमान में दशकों में अपने सबसे खराब सूखे का सामना कर रहा है। "यह संभव नहीं है कि आग के लिए खुद को प्रज्वलित करना - यह गर्मी का मध्य नहीं है, कोई गर्मी या तूफान नहीं है," पार्क निदेशक आंद्रेज ग्राईगोरुक ने कहा। "मुझे नहीं पता कि इसे क्या कहा जाना चाहिए। मूर्खता? अतार्किकता?" छवि कॉपीराइटईपीएपोलैंड में आगः छवि कॉपीराइटरायटरपोलैंड में फायर फाइटर हमले की लपटें। टीवीएन ब्रॉडकास्टर ने कहा, "स्प्रिंग जीवन का एक अचानक विस्फोट है। नुकसान की गणना करना असंभव है। यह एक त्रासदी है, इसका वर्णन नहीं किया जा सकता है," पार्क के एक टूर गाइड जेनिना एग्निज़का ज़च ने टीवीएन ब्रॉडकास्टर को बताया। "हमें इस आग से महीनों तक जूझना पड़ सकता है।" बेलारूस के साथ सीमा के पास, बेज़ेब्रा नेशनल पार्क देश के उत्तर-पूर्व में स्थित है। निचले इलाके में, यह अपने पीट बोग्स और वेटलैंड्स के लिए जाना जाता है, जो समृद्ध पक्षी जीवन, बीवर और एल्क द्वारा बसा हुआ है।


खेलने के लिए क्वॉरेंटाइन को तैयार

क्रिकेट खेलने के लिए क्वारंटाइन के लिए तैयार हैं इंग्लैंड के खिलाड़ी, क्रिस वोक्स ने किया दावा


लंदन। इंग्लैंड के खिलाड़ी हफ्ते-दो हफ्ते नहीं, बल्कि एक महीने के लिए भी क्वारंटाइन होने के लिए तैयार हैं, बस अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू होनी चाहिए। इंग्लिश ऑलराउंड क्रिस वोक्स ने कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए कहा है कि इंग्लैंड की टीम हर कसौटी पर खरी उतरने के लिए तैयार है, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट फिर से शुरू होनी चाहिए, क्योंकि कोविड 19 के प्रकोप की वजह से क्रिकेट समेत बाकी खेलों पर ब्रेक लगा हुआ है।


क्रिकेट बंद है और अधिकारी लोग योजना बना रहे हैं कि किस तरह खेलों को दोबारा से पटरी पर लाना चाहिए। वोक्स ने टेलीग्राफ से बात करते हुए कहा है, "क्रिकेट को शुरू करने के लिए अगर खिलाड़ियों को कुछ समय के लिए क्वारंटाइन में रखना पड़ता है, तो मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को ऐसा करने में खुशी होगी, लेकिन इस बात पर निर्भर है कि कितने समय के लिए रखा जाएगा।" वोक्स ने कहा है, "अगर वे कहते हैं कि यह तीन महीने के लिए होने जा रहा है, तो मुझे लगता है कि खिलाड़ी बहुत उत्सुक नहीं होंगे, लेकिन अगर यह तीन से चार सप्ताह के लिए किया जाता है तो फिर मुझे लगता है कि किसी को भी समस्या नहीं होनी चाहिए।" गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी की चपेट में अब तक दुनिया भर में 20 लाख से ज्यादा लोग आ चुके हैं, जिनमें से डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की जान भी जा चुकी है।


चीनः मदद की राशि बढ़ाने का ऐलान

बीजिंग। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के विवादों में चल रहे विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन डब्ल्यूएचओ को चंदा देने पर बैन लगाने के बाद अब चीन ने मदद की राशि बढ़ाने का ऐलान किया है। चीन ने कहा कि वह कोरोना वायरस के वैश्विक महासंकट से निपटने के लिए डब्‍ल्‍यूएचओ को 3 करोड़ डॉलर की अतिरिक्‍त राश‍ि दान करेगा। इससे पहले चीन ने डब्‍ल्‍यूएचओ को 2 करोड़ डॉलर दिया था।


चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता गेंग शुआंग ने कहा, 'चीन ने डब्‍ल्‍यूएचओ को 3 करोड़ डॉलर अतिरिक्‍त दान करने का फैसला किया है। यह राशि पहले दी गई 2 करोड़ डॉलर की राशि से अलग होगी। इसका मकसद कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक जंग में सहायता देना और विकासशील देशों के हेल्‍थ सिस्‍टम को मजबूत करना है।' उन्‍होंने कहा कि चीन का यह योगदान संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसी पर चीन सरकार और हमारे लोगों के भरोसे को दर्शाता है। इससे पहले डब्‍ल्‍यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस ने कुछ अमेरिकी सांसदों की ओर से उनके इस्तीफे की मांग को नजरअंदाज करते हुए बुधवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका उनकी एजेंसी के वित्त पोषण पर रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करेगा।


10 हफ्ते से कम लॉक डाउन तो खतरा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए भारत में इस समय लॉकडाउन लागू है और लोग 3 मई का इंतजार कर रहे हैं कि देश में जारी लॉकडाउन खत्म हो। लेकिन दुनिया के अग्रणी मेडिकल जर्रनल लॉसेट के एडिटर इन चीफ रिचर्ड हॉर्टन का कहना है कि भारत को लॉकडाउन हटाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए बल्कि कम से कम 10 हफ्ते के लि लॉकडाउन किया जाना चाहिए।
भारत में इस समय लॉकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है जो 3 मई को खत्म होगा। लोगों को उम्मीद है कि 3 मई के बाद से लॉकडाउन से निजात मिल जाएगी। हालांकि इंडिया टुडे टीवी के साथ खास बातचीत में रिचर्ड हॉर्टन ने सुझाव दिया कि भारत को लॉकडाउन हटाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और उसे कम से कम 10 हफ्ते लॉकडाउन पर विचार करना चाहिए।


रिचर्ड हॉर्टन ने कहा कि किसी भी देश में यह महामारी हमेशा के लिए नहीं है। यह अपने आप ही खत्म हो जाएगी। हमारे देश में वायरस पर नियंत्रण के लिए सही दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि भारत में लॉकडाउन सफल होता है तो आप देखेंगे कि 10 हफ्ते में यह महामारी निश्चित तौर पर खत्म हो जाएगी। यदि इसके अंत में, वायरस बंद हो जाता है, तो चीजें फिर से सामान्य हो सकती हैं। रिचर्ड हॉर्टन ने कहा कि यह सही है कि हालात सामान्य नहीं हैं। हमें शारीरिक दूरी को बनाए रखना होगा। हमें मास्क पहनना होगा। साथ ही निजी तौर पर हाइजीन को लेकर बेहद सतर्क रहना पड़ सकता है।


भारत में लॉकडाउन जल्द ही समाप्त होने वाली तारीख पर प्रतिक्रिया देते उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि आपको आर्थिक गतिविधि फिर से शुरू करनी होगी, लेकिन कृपया इसके लिए जल्दबाजी न करें। यदि आप लॉकडाउन को जल्दबाजी में उठाते हैं और तो आपके पास बीमारी का दूसरा चरण होगा जो पहले चरण की तुलना में और खराब हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि हर कोई काम पर जाना चाहता है, लेकिन मैं आपसे अपील करता हूं कि आप जल्दबाजी न करें। रिचर्ज हार्डन ने कहा कि इस तरह के मामलों में आपको अपने लॉकडाउन के बेहद शुरुआती दौर में जाना होगा। आपने अपने लॉकडाउन में काफी समय और प्रयास खर्च किया है। इसे बर्बाद मत करिए। जितना संभव हो उतना इसे जारी रखें। कम से कम 10 हफ्ते तक चलाइए।


चीन का उदाहरण देते हुए रिचर्ड हॉर्टन ने बताया कि कैसे महज 10 हफ्ते के आक्रामक लॉकडाउन की बदौलत चीन के वुहान (जहां से कोरोनो वायरस की उत्पत्ति हुई) बीमारी के संचरण को रोक सका था। उन्होंने बताया कि वुहान ने लॉकडाउन को लेकर बेहद आक्रामक तरीके से व्यवहार किया और 23 जनवरी से लेकर अप्रैल के पहले हफ्ते तक वहां खुद को बंद कर लिया और वायरस के फैलने की संभावना को खत्म कर दिया। वे अब सामान्य होते जा रहे हैं। वास्तव में, सभी एपीडिमिओसॉजिकल मॉडल दिखाते हैं कि उन्हें ऐसा करने की जरुरत है क्योंकि वायरस का नेचर ही यही है। यह आबादी में तेजी से फैलता है यदि आप शारीरिक रूप से दूरी बनाए नहीं रखते हैं।


'लॉक डाउन' को धत्ता बता, मार्च किया

मास्को। रूस की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख गेनाडी ज़ुगानोव के नेतृत्व में कम्युनिस्टों ने कोरोनोवायरस लॉकडाउन को धता बताते हुए बुधवार को लेनिन की 150वीं जयंती मनाने के लिए उनकी कब्र तक मार्च किया।


करीब दर्जनों लोग लेनिन के मकबरे पर फूल बिछाने के लिए मॉस्को के रेड स्क्वायर से परेड करते हुए गए, यह एक वार्षिक परंपरा है जो 22 अप्रैल को लेनिन के जन्मदिन के अवसर पर मनाई जाती है। लेनिन रूसी क्रांति के नेता थे और 1917 से 1924 तक सोवियत संघ सरकार के प्रमुख रहे।अंग्रेजी अखबार रॉयटर्स के अनुसार, एक पुलिसकर्मी ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी को कार्यक्रम आयोजित करने की विशेष अनुमति मिली थी। मॉस्को पिछले तीन हफ्तों से लॉकडाउन में है और रूस के उन शहरों में से है जो बुरी तरह कोरोनोवायरस की चपेट में हैं। लोगों को केवल किराने का सामान और दवाइयां खरीदने, कुत्तों को टहलाने या कचरा निकालने के लिए बाहर जाने की अनुमति है। राष्ट्रवादी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख व्लादिमीर झिरिनोवस्की ने परेड में भाग लेने वालों की गिरफ्तारी का आह्वान किया।


'विश्व कप' का फैसला जुलाई में होगा

ऑकलैंड/ सिडनी। न्यूजीलैंड क्रिकेट के मुख्य कार्यकारी डेविड वाइट ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण टी20 विश्व कप स्थगित करने को लेकर कोई भी फैसला जुलाई से पहले नहीं लिया जाएगा।


कोरोना महामारी के कारण 18 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं। वाइट ने पत्रकारों से एक कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘आपात योजना बनाई जा रही है और काफी बातचीत हो रही है लेकिन कोई फैसला नहीं होगा। कोई भी फैसला जुलाई में लिया जाएगा।’ आईसीसी मुख्य कार्यकारियों की समिति की बैठक में कोरोना संकट के आर्थिक प्रभावों और टी20 विश्व कप समेत आईसीसी के वैश्विक टूर्नमेंटों को लेकर आपात योजना पर चर्चा की जाएगी। फरवरी में न्यूजीलैंड में होने वाले महिला विश्व कप के बारे में पूछने पर वाइट ने कहा, ‘उसके स्थगन पर कोई बात नहीं की गई। महिला विश्व कप न्यूजीलैंड के लिए काफी अहम है। उसे स्थगित करने पर बातचीत अजेंडे में भी नहीं थी।


न्यूजीलैंडः मृतक संख्या-16, 3 नए केस

वेलिंगटन/ ऑकलैंड। न्यूजीलैंड में गुरुवार को कोरोना वायरस के सिर्फ तीन नए मामले सामने आए, जबकि दो और लोगों की मौत हो गई। देश में नए मामलों की संख्या लगातार कम हो रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1,451 तक पहुंच गई है और मरनेवालों की संख्या 16 हो गई है। न्यूजीलैंड में पिछले एक महीने से सख्त लॉकडाउन लागू है।


हालांकि अधिकारियों ने अगले सप्ताह से इसमें थोड़ी छूट देने की योजना बनाई है। सरकार ने उन समाचार मीडिया कंपनियों की मदद करने के राहत उपायों की भी घोषणा की, जिनमें कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद से विज्ञापन के स्तर पर गिरावट देखी गई है। सरकार ने प्रसारणकर्ताओं के लिए अस्थायी रूप से प्रसारण शुल्क में कटौती करने के साथ ही उनके लिए पांच करोड़ न्यूजीलैंड डॉलर की घोषणा की है।एपी कृष्ण नेत्रपाल, यह आर्टिकल एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड हुआ है। इसे नवभारतटाइम्स.कॉम की टीम ने एडिट नहीं किया है।


बांग्लादेशः 5 मई तक बढ़ा लॉक डाउन

ढाका। बांग्लादेश ने कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के देश में लॉकडाउन लगाया है। इस बीच स्थानीय मीडिया की ओर से जानकारी मिली है कि देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन को 5 मई तक बढ़ा दिया है।


करीब 16 करो़ड़ की आबादी वाले देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 3,772 हो गई है, जबकि अबतक 120 लोगों की जान जा चुकी है। इसमें से 92 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।बांग्लादेश प्रशासन ने लोक प्रशासन मंत्रालय के राज्य मंत्री फरहाद हुसैन के हवाले से कहा है कि छुट्टियों को 26 अप्रैल से 5 मई तक बढ़ाया जाएगा। सरकार गुरुवार को इस संबंध में एक गजट जारी करेगी। हालांकि, मंत्री ने कहा कि 6 मई को देश के अल्पसंख्यक बौद्ध समुदाय के धार्मिक अनुष्ठानों या बौद्ध पूर्णिमा की छुट्टी के कारण एक सरकारी अवकाश भी है।


'क्रिकेटर' वूलवर्थस में नौकरी की तलाश

सिडनी। कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक दिक्कतों के चलते जून अंत तक नौकरी से हटाए जाने वाले अपने स्टाफ के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया मशहूर सुपरमार्केट और अपने प्रायोजकों में से एक वूलवर्थस में नौकरी तलाश रहा है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इस समय संघीय सरकार की जॉबकीपर सपोर्ट योजना की पात्रता के मानदंडों पर खरा नहीं उतरता। इसके मुख्य कार्यकारी केविन राबर्ट्स ने से कहा, ‘मैने वूलवर्थस के सीईओ ब्राड बेंदुची को लिखा है। उन्हें इस समय स्टाफ की जरूरत भी है। हमारी टीम दूसरे संगठनों से भी बात कर रही है जिन्हें स्टाफ की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि दर्शकों के बिना घरेलू अंतरराष्ट्रीय मैच कराने से उनके राजस्व को नुकसान पहुंचेगा।


बेहद रोमांचक मैच का जिक्र किया

नई दिल्ली/ सिडनी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले मैच अक्सर बेहद रोमांचक होते हैं। टेस्ट सीरीज में ये रोमांच कई बार कड़े मुकाबले और खिलाड़ियों के बीच गर्मा-गर्मी तक पहुंच जाता है। बीते कुछ सालों में ये स्थिति कई बार देखने को मिली है। ऐसे ही एक मैच का जिक्र पूर्व अंपायर इयान गोल्ड ने किया और उसे ‘युद्ध जैसी स्थिति’ बताया। गोल्ड ने ये बात 2014 के एडीलेड टेस्ट को लेकर कही।


अक्सर अपनी स्लेजिंग के जरिए विपक्षी टीम को अस्थिर करने की कोशिश करने वाली ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को हाल के सालों में भारतीय टीम से इस मामले में भी कड़ी टक्कर मिली है। भारतीय खिलाड़ी भी मैदान में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से जुबानी जंग में उलझने से बचते नहीं हैं।


इंडोनेशिया में 3, 383 केसों की पुष्टि

जकार्ता/ बैंकॉक। दुनिया के सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में रमजान की तैयारी शुरू होने के साथ ही राजधानी जकार्ता में सामाजिक पाबंदियों का विस्तार कर दिया गया है। जकार्ता के गवर्नर एनीज बस्वेदान ने बताया कि गुरुवार को खत्म होने वाली पाबंदियों को 22 मई तक बढ़ा दिया गया है। जकार्ता में बुधवार तक संक्रमण के 3,383 मामलों की पुष्टि हुई जिनमें से 301 लोगों की मौत हो चुकी है।


जकार्ता के गवर्नर बस्वेदान ने बुधवार देर रात एकः संवाददाता सम्मेलन में मुस्लिमों से कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए रमजान के दौरान मस्जिद से संबंधित गतिविधियों को स्थगित करने का अनुरोध किया। इस्लाम के पवित्र महीने रमजान की शुरुआत शुक्रवार को हो सकती है जो चांद के दिखाई देने पर निर्भर करेगा। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने पिछले महीने स्वीकार किया था कि सरकार ने दहशत को रोकने के लिए देश में कोरोना वायरस फैलने के बारे में जानकारी छिपाने का फैसला किया था। लेकिन सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियमों में देरी और कम संख्या में जांच होने से इस संक्रामक रोग के बड़े पैमाने पर फैलने का डर पैदा हो गया है।


स्पेनः वायरस संक्रमित जमाती फरार

मेड्रिड। स्पेन का रहने वाला 60 वर्षीय कोरोना संक्रमित जमाती एलएनजेपी अस्पताल से फरार हो गया। उसे निजामुद्दीन स्थित मरकज से निकालकर यहां भर्ती कराया गया था। आईपी एस्टेट थाने में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है।


थाने में दी शिकायत में मेडिसिन विभाग के डॉ. सत्यजीत ने बताया कि यह स्पेनिश नागरिक मार्च के अंतिम सप्ताह से एलएनजेपी अस्पताल के मेडिसिन वार्ड नंबर-31 में था। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद इसका इलाज जारी था। 17 अप्रैल की सुबह अचानक यह वार्ड से चुपचाप गायब हो गया। डॉक्टरों ने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी। पता न चलने पर सूचना एलएनजेपी अस्पताल की पुलिस चौकी में दी गई। छानबीन के बाद उसके खिलाफ सरकारी आदेश के उल्लंघन, महामारी अधिनियम समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया।


गाजियाबाद में 4 और बढे, 50 संक्रमित

चार और संक्रमित मिलने से बढ़ी विभाग की चिंता


50 पर पहुंची पॉजिटिव की संख्या 14 हुए ठीक
मुकेश सिंघल 
ग़ाज़ियाबाद। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी पूरे विश्व में लगातार अपने पैर पसार रही है गाजियाबाद जनपद भी इससे अछूता नहीं है। बुधवार को एक बार फिर कोरोना संक्रमित ओके चार और नए मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व प्रशासन की टीमें लगातार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही हैं, जिससे कोरोना के संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनके गुप्ता ने बताया कि बुधवार को कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 50 पर पहुंच गई, जिनमें 14 मरीज ठीक हो कर घर जा चुके हैं जबकि 36 संक्रमित लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है। ज्ञात हो कि मंगलवार को संक्रमित लोगों का आंकड़ा 46 था जिसमें 13 लोग ठीक होकर जा चुके थे, जबकि 33 लोगों का इलाज चल रहा था। लेकिन बुधवार को चार और नए मामले प्रकाश में आने से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं हालांकि पूर्व में भर्ती थे 33 लोगों में से एक मरीज ठीक होकर जा चुका है। जिसके चलते पूर्व के 32 मरीज व 4 मरीज बुधवार के जोड़ कर कुल 36 मरीज वर्तमान में भर्ती हैं।
3 दिन पूर्व एक ही दिन में कोरोना संक्रमित कई मरीज प्रकाश में आने से जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने जनपद में पहले से ज्यादा सख्ती बरतने शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस वह प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर दिल्ली गाजियाबाद बॉर्डर को सील कर दिया था। बीते 2 दिन से दिल्ली गाजियाबाद बॉर्डर सील होने के चलते गाजियाबाद से दिल्ली तथा दिल्ली से गाजियाबाद कोई भी व्यक्ति मूवमेंट नहीं कर पा रहा। इस दौरान केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को ही आने-जाने की इजाजत मिली हुई है।


जरूरतमंदों को ₹15-15 हजार वितरित

सूरत। गुजरात में कोरोना-लॉकडाउन के बीच गरीबों-भिखारियों एवं अन्य वंचित तबके लिए कई सामाजिक संस्थाएं और संपन्न सेठ खाने-पीने की मदद दे रहे हैं। यहां सूरत में गोराट स्थित कॉजवे रोड क्षेत्र के कुछ नेकदिल लोगों ने मदद का अनूठा तरीका अपनाया। उन्होंने गरीबों-भिखारियों को 1-1 किलो आटा देने की घोषणा की। जरूरतमंद लोग उन पैकेट्स को लेकर रवाना हो गए। उसके बाद जैसे ही उन्होंने आटे के पैकेट खोले तो आटे के साथ ही 15 हजार रुपए निकले। यह देख वे दंग रह गए और खुशी का ठिकाना नहीं रहा।


सूरत के रांदेर में ट्रक से बांटे गए 500 से ज्यादा आटे के कट्टा


इस तरह की नेकदिली का एक वीडियो सामने आया है।
इसमें आप देख सकते हैं कि, कैसे आटे के साथ रुपए निकले। संवाददाता ने बताया कि, यह वाकया रांदेर क्षेत्र में देर रात का है, जब एक ट्रक इलाके से गुजरा। ट्रक में बैठे शख्स ने 1-1 किलो आटा देने की घोषणा करते हुए जरूरतमंदों को बुलाया गया। कुछ लोग आकर 1-1 किलो आटे का पैकेट ले गए। लेकिन इस पैकेट को खोलने पर उसमें से आटे के साथ 15 हजार रुपये देखकर वे दंग रह गए और ऐसी मदद करने वाले को दिल से दुआएं देने लगे।


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जरूरतमंद ये पैकेट लेकर खुश हुए, दुआ देने लगे
कई लोगों ने कहा कि, कोरोना के कारण हॉट स्पॉट्स घोषित किए जा चुके गोराट इलाके में 3 दिनों पहले भी एक ट्रक आया था। उस ट्रक में बैठा व्यक्ति 1-1 किलो आटा वाले पैकेट वितरित कर रहा था। सिर्फ एक किलो आटे के लिए कई लोगों ने तो उठने की कोशिश ही नहीं की, लेकिन सही मायनों में जरूरतमंद लोग आटे का पैकेट ले गए।


गुजरात : मदद का अनूठा तरीका, मजदूर ले गए 1-1 किलो आटा, हर पैकेट से निकले 15 हजार रुपये
जिन लोगों ने आटे के पैकेट नहीं लिए वो खुद को कोसने लगे
ट्रक कुछ-कुछ दूरी पर रुकती रहा और उससे तकरीबन 500 से ज्यादा आटे के पैकेट बांटे गए। इन पैकेट को खोलने पर आटे के साथ-साथ ही 15 हजार रुपये नकद निकलने पर इसे लेने नहीं गए लोग खुद को कोसने लगे। हालांकि यह ट्रक किसका था, या किसने भेजा इसका किसी को पता नहीं लगा। कुछ लोगों ने कहा कि, मजीद पठान नामक व्यक्ति ने लोगों की मदद के लिए यह अनूठा तरीका अपनाया।


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बंदा ऐसा कि खुद की पहचान भी नहीं बताई
इस मामले में खास बात यह भी है कि, अमूमन मदद करने वाला व्यक्ति अपनी प्रसिद्ध के लिए फोटो-वीडियो बनाता है, लेकिन ऐसी मदद देने वाले व्यक्ति ने जानबूझकर किसी को अपना नाम तक नहीं बताया। उसने 500 से भी ज्यादा लोगों को 15 हजार बांट दिए। उसकी इस दिलेरी की चर्चा पूरे राज्य में होने लगी है। सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर वीडियो चल रहे हैं। लोग उसे दाद दे रहे हैं।


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