मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा

नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा 
लखनऊ। कोरोनावायरस के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री के द्वारा 3 मई तक लोक डाउन सुनिश्चित करने की घोषणा कर दी गई है। बल्कि लॉक डाउन को पहले से सख्त करने का भी निर्देश दिया है। जिससे महामारी पर नियंत्रण पाया जा सके। लंबे खींचते लॉक डाउन को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने पत्रकारों के हित को ध्यान में रखते हुए। प्रत्येक पत्रकार का ₹5000000 का बीमा कराने की मांग की है। कोरोना के खिलाफ जंग में पत्रकारों के अहम योगदान को ध्यान में रखते हुए सरकार को पत्रकारों के हित में इस प्रकार के कदम उठाने की गुहार लगाई है। इस संदर्भ में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पत्रकार मान्यता प्राप्त है अथवा नहीं। नगरीय क्षेत्र में है अथवा ग्रामीण क्षेत्र में। प्रत्येक पत्रकार को 50 लाख का बीमा कवर प्रदान किया जाना चाहिए।


कोटाः थूक भर घरों में फेंकी पॉलिथीन

कोटा में सनसनीखेज घटना, महिलाओं ने थूक भरकर घरों में फेंकी पॉलीथीन


कविता गर्ग


कोटा। कोरोना वायरस के मामले देश में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। रोजाना कई पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं। कोरोना बढ़ते संक्रमण के बीच राजस्थान से सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहां कोटा में कुछ महिलाओं ने पॉलीथीन में थूककर उन्हें घरों के भीतर फेंक दिया।


वायरल वीडियो में कुछ महिलाएं एक पॉलीथीन बैग में थूकने के बाद उन्हें दरवाजे से अंदर फेंकती दिख रही हैं। इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि वीडियो के सामने आने के बाद नगर निगम से बोलकर पूरे इलाके को सैनिटाइज कराया जा रह है। वहीं, इससे पहले जोधपुर में कुछ घरों के लेटर बॉक्स के भीतर से दस रुपए के नोट मिले थे। इसके बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। हालांकि, बाद में पुलिस की जांच में ये नोट नकली पाए गए थे।


राजस्थान में अब तक कितने कोरोना केस?


राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण से संक्रमितों की संख्या सोमवार सुबह तक बढ़कर 815 हो गई है। राज्य में 11 नए मामले सामने आए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने बताया कि भरतपुर में दस और बांसवाड़ा में एक नया मामला सामने आया है। राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में दो इतालवी नागरिकों के साथ-साथ 52 वे लोग भी हैं जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर व जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया है। जयपुर में अब तक सबसे ज्यादा 341 मामले सामने आ चुके हैं। राज्यभर में 22 मार्च से लॉकडाउन है और कम से कम 40 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है।


ढील बरतने वाले डीएम पर कार्रवाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तब्लीगी जमात से जुड़े लोग अब भी सरकार का सहयोग नहीं कर रहे हैं। वह सामने आकर जांच कराने की बजाए अपनी बीमारी छिपा रहे हैं। इससे कोरोना मरीजों के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर सख्ती बरतते हुए कोरोना संक्रमण छिपाने या जानबूझ कर संक्रमण फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि इसमें शिथिलता बरती गई तो संबंधित जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होंगे।
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति और लॉकडाउन की व्यवस्थाओं की समीक्षा सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर की। तब्लीगी जमात में शामिल होने वालों की सक्रियता से तलाश के निर्देश के साथ ही उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सालयों में पूरी सुरक्षा और सर्तकता अपनाते हुए आपातकालीन सेवाओं को बहाल किया जाए। चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए भी सभी उपाय करने को कहा गया। उन्होंने कहा कि चिकित्सालयों को कोरोना संक्रमण से मुक्त रखना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हॉटस्पॉट क्षेत्रों में संक्रमण की जांच तेज करने के लिए कैटेगरी बनाने व टीमें लगाने को कहा। इन क्षेत्रों में डोरस्टेप डिलीवरी और सैनिटाइजेशन ठीक से कराने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। योगी ने कहा कि प्रदेश में रह रहे अन्य राच्य के नागरिकों और विदेशी व्यक्तियों से संपर्क कर उनकी समस्याओं का समाधान कराया जाए। वहीं, नकली शराब के मामलों को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने कहा कि अवैध शराब को हर हाल में रोका जाए। किसी भी क्षेत्र में अवैध शराब पाए जाने पर संबंधित एसडीएम और सीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी सहित संबंधित सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


सरकार को विशेष छूट दे देनी चाहिए

देहरादून। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रविन्द्र सिंह आनन्द ने अपना एक बयान जारी करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने के आदेश का स्वागत आप पार्टी स्वागत करती है। फिलहाल अभी उत्तराखंड कोरोना को लेकर ऑरेंज जोन में है। क्योंकि लगातार बीते पांच दिनों से उत्तराखंड में कोई भी केस कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया। इसलिए प्रदेश में त्रिवेन्द्र सरकार को विशेष छूट दी देनी चाहिए।


रविन्द्र ने अपने ब्यान में यह भी कहा कि, कोरोना के चलते सभी छोटे-मोटे उद्योग, धंधे, प्राइवेट एवं सरकारी कार्यालय आदि बंद पड़े है। जिसका सीधा प्रभाव आम जनमानस पर पड़ रहा है। कई लोग काम न मिलने के चलते भुखमरी का शिकार भी हो सकते हैं। इसीलिए उत्तराखंड अब ऑरेंज जोन में है। यहां कोरोना पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। तो सरकार को चाहिए कि, यहां निजी एवं सरकारी कार्यालयों को छूट दे दी जाए। जिससे सरकारी कार्यो, व्यापार एवं बाजार को गति मिल सके और वे वेतन आदि के संकट से निपट सकें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, छूट पूरे एहतियात एवं पूर्ण तरीके से नियमों का पालन कर यानी मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग रखना आदि नियमों का ध्यान रखकर ही दी जानी चाहिए। अक्सर देखा गया है कि, हर महामारी या आपदा के बाद जीवन को नए सिरे से शुरू करना पड़ता है। अतः राज्य सरकार इच्छाशक्ति जागृत करते हुए कुछ निजी दफ्तरों सहित सरकारी दफ्तरों को खोलने के लिए अपने विवेक द्वारा निर्णय लें।


साथ ही पार्टी के उत्तराखंड संगठन प्रभारी डीके पाल ने भी केंद्र सरकार द्वारा देश में लोकडॉउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ाने का स्वागत किया। साथ ही केंद्र की मोदी से सरकार से अनुरोध किया कि, दिल्ली प्रदेश को जनमानस के हित में बजट बढ़ाकर समय पर दे। क्योंकि केंद्र सरकार कही न कही भाजपा शासित राज्य के बजट पर ज्यादा ध्यान दे रही है। इसीलिए केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को पिछले बजट की अनुदान राशि अभी तक नही दी है। इस बात की चिंता और नींदा भी हम करते है, और उम्मीद करते है की इस बार केंद्र सरकार ऐसी गलती करने से पहले दिल्ली की जनता के सहयोग का ध्यान रखे।


यूपी-दिल्ली बॉर्डर पूरी तरह सील

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाजियाबाद साहिबाबाद दिल्ली-यूपी बॉर्डर को डबल बैरिकेडिंग लगाकर सील कर दिया गया है। वह किसी भी वाहन को बिना चेक किए दिल्ली से यूपी में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। जिन वाहनों व कर्मचारियों के पास पास है। उन्हीं को बॉर्डर पार करने की अनुमति दी जा रही है। आपको बता दें कि आज हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 10:00 बजे देश को संबोधित करते हुए करोना महामारी के चलते लॉक डाउन को अगले महीने की 3 तारीख यानी 3 मई तक बढ़ा दिया गया है व 20 अप्रैल तक पूरे देश में सख्ती बरती जाएगी। प्रधानमंत्री की बात को मद्दे नजर रखते हुए दिल्ली यूपी बोर्ड को सील कर दिया गया है। वही मौके का जायजा लेने एसडीएम डी पी सिंह, सीओ बॉर्डर राकेश कुमार मिश्र ,टीला मोड़ थानाध्यक्ष रणसिंह ,व चौकी प्रभारी तुलसी निकेतन शिवमंगल सिंह ने मौके पर खुद पहुंचे व बॉर्डर पर तैनात फोर्स को दिशा निर्देश दिए और अलर्ट रहने के लिए कहां कि किसी भी बिना परमिशन वाले वाहनों को बॉर्डर पार न करने दिया जाए। सिर्फ उन्हीं वाहनों को बॉर्डर पार करने दिया जाए जो रोजमर्रा की चीजों को लोगों तक पहुंचा रहे हैं।


 


भारत का निर्णय सार्थक और सटीक

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा कर दी है। पीएम मोदी के इस फैसले की विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सराहना की है।
डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को भारत में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की सराहना करते हुए कहा है कि भारत की यह पहल कोरोना को परास्त करने के लिए समय से उठाए गए कठोर कदम का परिचायक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 25 मार्च को लागू किए गए लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल से बढ़ाकर तीन मई तक करने की घोषणा की है। डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए, समय से किए गए भारत के कठोर फैसले की डब्ल्यूएचओ सराहना करता है। संक्रमण को रोकने के लिए मरीजों की संख्या में कितनी कमी आएगी, अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन लोगों के बीच सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) बनाए रखने सहित अन्य प्रभावी उपायों को करने में छह सप्ताह का देशव्यापी लॉकडाउन, वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मददगार साबित होगा।
डॉ. सिंह ने कहा कि बहुत सी बड़ी चुनौतियों के बावजूद, इस महामारी को परास्त करने में भारत पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस वायरस को परास्त करने के लिए परीक्षा की इस घड़ी में प्रत्येक व्यक्ति से अधिकतम योगदान अपेक्षित है।


मरने वालों में महाराष्ट्र से हर दूसरा

मनोज सिंह ठाकुर


मुम्बई। कोरोना वायरस के मामले देश में लगातार बढ रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में बढते जा रहे हैं। भारत में कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या 10 हजार से ज्यादा हो गई है जबकि 339 मरीजों ने दम तोड दिया है। देश में कोरोना का संक्रमण सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में फैल गया है। महाराष्ट्र में कोरोना के केस बढ़कर 2334 हो गए हैं और मरने वाले लोगों का आंकड़ा 160 तक छू गया है, जिनमें से 101 की मौत सिर्फ मुंबई में हुई है।


मुंबई में 1540 कोरोना वायरस के मरीज हैं। सोमवार को महाराष्ट्र में कुल 352 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 242 नए केस मुंबई से ही हैं। वहीं, सोमवार को कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में 11 लोगों की मौत गई है, जिनमें 9 लोग मुंबई से हैं। इस तरह से देखा जाए तो देश में कोरोना से मरने वाला हर दूसरा शख्स महाराष्ट्र से है और हर तीसरा शख्स मुंबई से माना जाएगा। मुंबई को चीन के वुहान शहर की तरह कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बताया जा रहा है।
कोरोना मरीजों की संख्या मुंबई में बेतहाशा बढ़ रही है और मरीजों की मौत की संख्या भी सर्वाधिक हो रही है। महाराष्ट्र सरकार की मुश्किलें और इसलिए बढ़ रही है क्योंकि यह वायरस धीरे-धीरे झुग्गियों में फैल रहा है।एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी कही जाने वाली धारावी के अलावा अब कोरोना का संक्रमण बांद्रा टर्मिनस से सटे बेहरामपाड़ा और कुर्ला के जरीमरी आदि झुग्गियों तक फैल गया है।


देशवासी लॉक डाउन का पालन करें।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के खिलाफ जारी जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। लॉकडाउन को लेकर पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, ”साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा। यानि 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा।” गृहमंत्री अमित शाह ने पीएम के संबोधन के बाद अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कई ट्वीट किए और उनके इस फैसले की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया।


गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ”आज जहां पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से जूझ रहा है वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की जनता ने इससे लड़ने में एक उदहारण प्रस्तुत किया है. सरकार द्वारा समय पर लिए गए सभी निर्णय और जनता की उसमें सहभागिता इसकी परिचायक हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा COVID-19 को फैलने से रोकने व इसको समाप्त करने के लिए देशभर में किये गए लॉकडाउन को 03 मई तक बढाने का निर्णय भारत और भारतवासियों के जीवन और उनकी रक्षा के लिए लिया गया निर्णय है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।” गृहमंत्री ने कहा, ”सभी प्रदेश सरकारें जिस प्रकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रहीं हैं वह सचमुच प्रशंसनीय है। अब हमें इस समन्वय को और अधिक प्रगाढ़ करना है जिससे सभी नागरिक लॉकडाउन का अच्छे से पालन करें और किसी भी नागरिक को जरुरत की चीज़ों की समस्या भी ना हो।”


नेपाली मस्जिद में 3 भारतीय संक्रमित

पटना। बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण के लिए जिम्‍मेदार माने जा रहे तब्‍लीगी जमात के दर्जनों सदस्‍य अभी भी जगह-जगह छिपे हुए हैं। उन्‍हें खोजकर कोरोना की जांच कराने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं। इस बीच लखीसराय के कजरा स्थित जंगल में कुछ संदिग्‍ध देखे गए हैं। सीमावर्ती नेपाल की मस्जिदों में भी कुछ कोरोना संदिग्‍ध पकड़े गए हैं।
मस्जिद से धराए एक दर्जन लोग, तीन कोरोना संदिग्‍ध :-
नेपाल के पर्सा जिला (वीरगंज) में एक सप्ताह पूर्व छपकहिया मस्जिद से हिरासत में लिए गए दर्जनभर लोगों में तीन के कोरोना संदिग्ध होने की सूचना है। तीनों भारतीय बताए गए हैं। हालांकि, नेपाल प्रशासन यह नहीं बता रहा कि वे भारत के किस प्रदेश के हैं।
आइसोलेशन वार्ड में भर्ती, जांच रिपोर्ट का इंतजार :-
पर्सा के सहायक जिला प्रमुख अधिकारी ललित कुमार बस्नेत ने बताया कि भारत से आकर तीन लोग मस्जिद में छिपे थे। उन्‍हें नारायणी उप क्षेत्रीय अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भेजा गया है। मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनोज कुमार उपाध्याय ने बताया कि तीनों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट का इंतजार है।
लखीसराय जंगल में दिखे चार-पांच अनजान लोग :-
उधर, बिहार के लखीसराय जिले के कजरा जंगल में शनिवार की शाम ग्रामीणों ने कुछ अपरिचित लोगों को देखा। ग्रामीणों ने बताया कि चार-पांच लोग कुछ दिनों से इलाके में रह रहे थे। वहां के जनजाति समुदाय के लोगों ने जब उनसे पूछताछ शुरू की तो सभी शिवडीह गांव की तरफ भाग गए। राजघाट कोल के ग्रामीणों की सूचना पर शिवडीह के ग्रामीणों ने घेराबंदी कर उनमें से एक को कब्जे में किया।
ग्रामीणों ने एक को पकड़ा, शेष को खोज रही पुलिस :-
घटना की बाबत कजरा थानाध्यक्ष रंधीर कुमार ने बताया कि पकड़ा गया व्‍यक्ति नवादा का है। उसके अनुसार वह भटककर आ गया है। स्‍वजन उसे लेने आ रहे हैं। लेकिन थानाध्‍यक्ष यह नहीं बता सके कि जब वह व्‍यक्ति भटककर आ गया था तो उसके साथ देखे गए लोग कौन थे और वे जंगल में क्‍यों भाग गए? पुलिस के अनुसार भागे लोगों की खोज की जा रही है। उनके मिलने के बाद ही स्थिति स्‍पष्‍ट होगी। हालांकि, ग्रामीणों का मानना है कि वे दिल्‍ली से लौटे तब्‍लीगी जमात के सदस्‍य हो सकते हैं।


दिल्लीः 24 लोगों की मौत,1510 संक्रमित

नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना वायरस के 356 नए मामले सामने आए और चार लोगों की मौत हुई। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमितों की तादाद बढ़कर 1510 हो गई। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, कुल मामलों में से 1071 वे हैं जिन्हें विशेष अभियान के जरिए केंद्रों में लाया गया है। सरकार ने पिछले महीने निजामुद्दीन इलाके में हुए एक धार्मिक कार्यक्रम से संबंधित लोगों को पृथकवास में भेजने के उपाय किए थे। रविवार रात तक संक्रमितों की तादाद 1154 थी। इनमें से 24 लोगों की मौत हो गई थी। कोरोना वायरस से चार और मौत हुई हैं, जिसके बाद मृतकों की संख्या 28 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि 30 मरीज इलाज के बाद ठीक हो गए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि एक मरीज देश से बाहर चला गया है।


आईपीएल पर सभी संभावनाएं खत्म

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया। इसके बाद अब दुनिया की सबसे अमीर टी-20 क्रिकेट लीग आईपीएल पर किसी भी समय फैसला लिया जा सकता है।BCCI ने IPL को 15 अप्रैल तक स्थगित किया था, इस उम्मीद में कि अगर हालात सुधरते हैं तो कोई उपयुक्त विंडो देखकर टूर्नामेंट को आयोजित किया जा सके, लेकिन लॉकडाउन के 3 मई तक बढऩे से सभी संभावनाएं खत्म हो गईं। आईपीएल टूर्नामेंट पर कभी भी फैसला होने की संभावना है। टूर्नामेंट को रद्द भी किया जा सकता है। कोरोना की वजह विंबलडन और ओलंपिक खेलों पर पहले ही ग्रहण लग चुका है। ऐसे में आईपीएल का आयोजन कैसे हो सकता है यह बड़ा सवाल है।


कोरोना वायरस के कारण भारत में 10,000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। जबकि इनमें से 339 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने IPL को लेकर बड़ा बयान दिया था। सौरव गांगुली ने कहा था कि मौजूदा हालात में इस पर सोचा भी नहीं जा सकता है।


सौरव गांगुली ने कहा, अभी जो हालात हैं उनमें IPL का आयोजन होना मुश्किल है। इस समय एयरपोर्ट बंद हैं, लोग घरों में फंसे हैं, दफ्तर बंद हैं, कोई भी कहीं नहीं जा सकता और ऐसा लग रहा कि मई के मध्य तक ऐसा ही चलता रहेगा। गांगुली ने कहा था कि जब पूरी दुनिया में सबकुछ बंद है तो खिलाड़ी कैसे आएंगे और अगर खिलाड़ी नहीं आते हैं तो फिर टूर्नामेंट का आयोजन कैसे कराना संभव हो पाएगा। आपको खिलाड़ी कहां से मिलेंगे, खिलाड़ी यात्रा कहां से करेंगे। यह तो बेहद साधारण कॉमन सेंस की बात है, पूरी दुनिया में किसी भी तरह से खेल के पक्ष में इस वक्त कुछ भी नहीं है, आईपीएल तो भूल ही जाइए।


बेलारूस के राष्ट्रपति का अजीब दावा

मिन्स्क। वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस ने लगभग पूरी दुनिया में पांव पसार लिये हैं। इस वासरस से दुनिया 19 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं और 1.20 लाख के करीब लोगों की मौत हो गई है। वहीं भय के इस माहौल में कई ऐसी जानकारियां सोशल मीडिया पर चल रही हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि इनके इस्तेमाल से कोरोना वायरस के असर को कम किया जा सकता है और इसको फैलने से रोकने के लिए और इसके इलाज के लिए कई तरह की बातें सुनने को मिल रही हैं। वहीं अब वोडका को कोरोना की दवा बता चुके बेलारूस के राष्ट्रपति ने एक और अजीबोगरीब दावा किया है। अलेक्जेंडर लूकाशेन्को ने कहा है कि उनके देश में कोरोना से किसी की मौत नहीं हुई है और ना ही आगे कोई मरेगा। हालांकि, बेलारूस में आधिकारिक तौर से कोरोना वायरस से हुई मौतों का आंकड़ा दो दर्जन से अधिक है। इतना ही नहीं, कोरोना वायरस को लेकर अलेक्जेंडर ने कहा है कि वोडका पीने, ट्रैक्टर चलाने, बकरियों के साथ खेलने और साउना से यह बीमारी ठीक हो जाती है।



ब्रिटिश मीडिया में अलेक्जेंडर को तानाशाह कहा जाता है। अलेक्जेंडर पर यह भी आरोप लग रहे हैं कि वे डॉक्टर और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की चेतावनी को नजरअंदाज कर रहे हैं और वायरस को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इससे बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो सकती है। राष्ट्रपति अलेक्जेंडर ने लॉकडाउन लगाने से इनकार कर दिया है और देश के 95 लाख लोगों को संबोधित करते हुए कहा- हमने उन दवाओं की खोज कर ली है जिससे लोग कोरोना से ठीक हो जाते हैं। 65 साल के अलेक्जेंडर 25 सालों से अधिक समय से देश की सत्ता पर काबिज हैं। हालांकि, उन्होंने विस्तार से नहीं बताया कि किन दवाओं से वे कोरोना बीमारी को ठीक करने की बात कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि लोग डरे हुए हैं। इसलिए लोगों से कहा कि देश में कोरोना से किसी की मौत नहीं हुई। कोरोना वायरस से पीडि़त लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति अलेक्जेंडर ने कहा- चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। हमारे देश में कोरोना वायरस से किसी की मौत नहीं हुई है। मैं इसे सार्वजनिक तौर से कह रहा हूं। राष्ट्रपति ने मौत के आंकड़ों के संबंध में कहा कि उन लोगों की मौत किसी अन्य बीमारी से हुई है जिनसे वे पहले से जूझ रहे थे। राष्ट्रपति अलेक्जेंडर ने यहां तक दावा किया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी उनसे सहमत है। 


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...