बुधवार, 8 अप्रैल 2020

तनख्वाह-पेंशन को जमा कराना चाहिए

राणा ओबरा

हरियाणा के वर्तमान एवं भूतपूर्व सभी विधायकों को सीएम फण्ड में अपनी तनख्वाह व पेंशन का जमा कराना चाहिए तीसरा हिस्सा

चण्डीगढ़। देश में जिस कदर महामारी बढ़ती जा रही है उसको देखते हुए प्रदेश के सभी वर्तमान एवं पूर्व भूतपूर्व विधायकों को अपनी तनख्वाह व पेंशन की राशि में से तीसरा हिस्सा सीएम रिलीफ फंड में जमा कराना चाहिए। ऐसा पुण्य कार्य करने से मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों,


नए विधायकों और भूतपूर्व विधायकों की कीर्ति व यश बढ़ेगा। बल्कि हरियाणा सरकार में फंड की कमी भी दूर होगी। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री के निर्देश पर देश के सभी संसद सदस्यों ने कर दी है। परंतु अभी तक हरियाणा के 1- 2 विधायकों ने ही सीएम रिलीफ फंड में अपनी तनख्वाह का 30% राशि देने की घोषणा करी है। बाकी के सभी विधायक एवं भूतपूर्व विधायक इतनी कंजूसी क्यों कर रहे है! ऐसा सुना जाता है। यदि कोई व्यक्ति एक बार विधायक बन जाता है तो उसके पास करोड़ों रुपए की संपत्ति आ जाती है! किस तरह से आती है कहां से आती है यह आज तक भी कोई नहीं जान पाया है। यदि एक विधायक 5 वर्ष के कार्यकाल में बिना किसी उद्योग, बिना किसी व्यापार, खेती-बाड़ी के करोड़ों रुपए का स्वामी बन जाता है! तो ऐसी वैश्विक महामारी के चलते उसको अपना दायित्व निभाते हुए एक बड़े हिस्से की राशि का कुछ भाग सरकार के सीएम रिलीफ फंड में जमा कराना चाहिए। ऐसे धनाढ्य व्यक्ति भी जो नेता बनने के लिए राजनीति में आकर सिर्फ टिकट पाने के लिए लाखों करोड़ों रुपए का दान राजनीतिक पार्टी फंड में देते हैं। ऐसे नेता यदि वास्तविक जनता के नेता बनना चाहते हैं तो उनको इस भयंकर महामारी के चलते प्रदेश सरकार की सहायता करनी चाहिए। जिससे वे जनता की नजरों में हीरो बन सके। जनता प्रभावित होकर खुद ब खुद उनको विधायक या सांसद बना देगी। इसलिए देरी न करते हुए प्रदेश के सभी मंत्रियों,पूर्व मंत्रियों, विधायकों एवं पूर्व विधायकों को शीघ्र रूप से पुण्य कार्य की शुरुआत करते हुए अपनी कमाई का कुछ हिस्सा सरकार की सहायता के रूप में तुरंत देना चाहिए। ताकि हरियाणा सरकार प्रदेश में फैली इस महामारी का युद्ध स्तर से मुकाबला कर सकें।


कार के टायर पर किया हाथ साफ

अतुल त्यागी जिला प्रभारी, प्रवीण कुमार रिपोर्टर पिलखुआ


लॉक डाउन में भी चोरों के हौसले बुलंद चोरों को नहीं है साशन व प्रसाशन का कोई डर नही, शिवपुरी में घर के बाहर खड़ी कार से टायरों पर किया हाथ साफ


हापुड़। सिटी कोतवाली नगर क्षेत्र का मामला,हापुड़ शहर शिवपुरी में चोर ने घर के बाहर खड़ी सेंट्रो कार में किया हाथ साफ,गाड़ी के टायरों पर किया हाथ साफ,शिवपुरी क्षेत्र में पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश शर्मा जी, की खड़ी संट्रो कार मंगलवार की रात को चोरों ने किया हाथ साफ,सेंट्रो गाड़ी के पिछले के दो टायरों को खोलर हुए चोर फरार ,सुबह देख दी पुलिस को सूचना,सूचना मिलते ही क्षेत्रीय पुलिस मौके पर। घर के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधर पर की जा रही है। जाँच पड़ताल,देर रात दो बजे के लगभग दिया घटना को अंजाम,हैरत की बात ये है कि इस वक़्त लॉकडॉउन है। घरों से निकलने पर सख्ती है। गली गली पुलिस का कड़ा पहरा है। लेकिन फिर भी एक कार में बैठ कुछ लोग रात में सड़क पर निकलते हैं और चोरी कि वारदात को अंजाम देते हैं। ये पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। ये वारदात शिवपुरी की मेन रोड पर होती है,आधे घंटे तक चोर वहां रहते हैं और टायर निकाल कर फरार हो जाते है जबकि रात में भी पुलिस यहां पेट्रोलिंग करती है उसके बावजूद अगर चोर इस तरह की वारदात को अंजाम देते हैं।


कैसे निकलेंगे समंदर में फंसे लोग ?

नई दिल्‍ली। वैश्विक व्यापार का एक बहुत बड़ा हिस्सा समंदर के रास्ते होता है और समुद्री जहाज़ों पर काम करने वाले लोग कितनी मेहनत करते हैं, इसका अंदाज़ा ज़मीन पर रहने वाले लोग कम ही लगा पाते हैं। मर्चेंट नेवी के हजारों कर्मचारी इस समय अपने जहाजों पर हैं और वो कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से दुनिया भर में जारी लॉकडाउन से जूझ रहे हैं। ये लोग इतने बड़े खतरे का सामना करते हुए भी दुनिया की ज़रूरतें पूरी करने में जुटे हैं। एक आंकलन के अनुसार तकरीबन 40 हज़ार लोग इस समय दुनिया भर में फैले उन समुद्री जहाज़ों पर फंसे हुए हैं जो भारत के सागर तटों तक पहुंचने का इंतज़ार कर रहे हैं।


वैसे तो शिपिंग इंडस्ट्री और उसमें काम करने वाले लोगों के संगठनों को भारत सरकार ने इनकी हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है, पर जमीनी सच्‍चाई इसके काफी विपरीत है। सूत्रों के अनुसार एम.वी एपीजे अंगद 2 नामक एक जहाज जो कि एप्पीजे सिप्पिंग नामक एक भारतीय कम्‍पनी का है और आगामी 12 अप्रैल 2020 को कृष्णा पिटरम पोर्ट आंध्र प्रदेश पर पहुंचेगा। उक्‍त जहाज से कुछ भारतीय कर्मचारियों को यहां साइन ऑफ करना है, परन्‍तु स्‍थानीय एजेन्‍सी के प्रतिनिधि वेणुगोपाल का कहना है कि पोर्ट के हेल्‍थ अफसर वेनकटा रामायण (फोन नम्‍बर - 09440930229) यहां पर नाविकों को उतरने की परमीशन नहीं दे रहे हैं। इससे उक्‍त शिप के नाविकों में भय का माहौल है और नाविकाें के परिजन भी बेहद डरे हुये हैं। शिप के कई कर्मचारियों का कॉन्‍ट्रैक्‍ट भी खत्‍म हो गया है और अब घर जाने का भी कोई भरोसा नहीं है। ये तो केवल एक जहाज का हाल है सूत्रों की माने तो लगभग 40 हज़ार भारतीय नाविक अपना अनुबंध ख़त्म होने के बाद घर वापसी का इंतज़ार कर रहे हैं। सरकार ने इनको कथित भरोसा दिलाया है कि लॉकडाउन हटने के बाद वे सुरक्षित घर वापस लौट सकेंगे. हालांकि भारत वापस लौटने पर इन नाविकों को कोरोना टेस्ट कराना होगा और क्वारंटाइन की प्रक्रिया से गुज़रना होगा। लॉकडाउन की वजह से इन Seafarers पर गहरा असर पड़ा है। लोग यहां फंस चुके हैं। घर नहीं जा सकते हैं क्योंकि सारे एयरपोर्ट्स बंद हैं. नौ-दस महीने घर से दूर रहकर ये लोग यहां दिन-रात काम करते हैं। इस लॉकडाउन की वजह से जिनका समय पूरा हो चुका है, वे भी घर नहीं जा पा रहे हैं। कुछ शिपिंग कंपनियां इनकी ज़िम्मेदारी तो उठा रही हैं लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू ये भी है कि कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म होने के बाद की अवधि के लिए इन नाविकों को सैलरी नहीं मिल रही है। हालांकि कुछ कंपनियों ने अनुबंध की अवधि बढ़ाई भी है। इन नाविकाें के घरवालों का बुरा हाल है, तमाम नाविकाें के घर पर अकेली महिलायें हैं जो घर के साथ साथ बच्‍चों की भी जिम्‍मेदारी उठा रही हैं और इस भययुक्‍त माहौल में ये नयी टेन्‍शन भी सर पर आ गयी है। अब देखना ये है कि माेदी सरकार इस प्रकरण में क्‍या कार्यवाही करती है।


ढाई हजार बोगियां आइसोलेशन बदली

नई दिल्ली/रायपुर। कोविड 19 से पार पाने के प्रयासों में सहयोग देने भारतीय रेलवे ने अपनी पूरी ताकत और संसाधन लगा दिए हैं। इतने कम समय में 5,000 कोच को आइसोलेशन (एकांत) कोच में तब्दील करने के शुरुआती लक्ष्य में मंगलवार की स्थिति में 2500 कोच को आइसोलेशन बोगियों कर दिया गया है। यानी लक्ष्य का आधा रेलवे ने हासिल कर लिया है। इसी तरह रायपुर रेल मंडल ने लक्ष्य 50 कोच का आधे से अधिक 30 आइसोलेशन कोच तैयार कर दिया है। लॉक डाउन के दौरान कार्यबल संबंधी संसाधन सीमित बने हुए हैं और उनका समझ-बूझ से इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। ऐसे में रेलवे के विभिन्न मंडल कार्यालयों ने इतने कम समय में असंभव से लग रहे इस कार्य का आधा लक्ष्य हासिल कर लिया है। लगभग 2,500 कोचों में बदलाव के साथ अब 4,000 आइसोलेशन बेड आपात स्थिति के लिए तैयार हैं।


रेलवे ने आपात स्थिति से निपटने आइसोलेशन कोच तैयार कर आधा लक्ष्य किया हासिल, हजारों बिस्तर भी तैयार  
बता दें कि एक तैयार कोच को मंजूरी मिलते ही,मंडल रेलवे कार्यालयों ने तेजी से बदलाव का काम शुरू कर दिया था। भारतीय रेलवे के रोजाना औसतन 375 कोचों में बदलाव किया जा रहा है। देश के 133 स्थानों पर यह काम किया जा रहा है। पूर्व में जारी किए गए चिकित्सा परामर्शों के तहत इन कोचों में सभी सुविधाएं हैं। जरुरतों और नियमों के तहत सर्वश्रेष्ठ विश्राम और चिकित्सा निगरानी तय करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से किए जा रहे प्रयासों के पूरक के तौर पर इन आइसोलेशन कोचों को सिर्फ आपात स्थिति के लिए तैयार किया जा रहा है।


स्थिति सुधरने पर खेला जाएगा आईपीएल

नई दिल्ली। पूरा विश्व कप इस वक्त कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से परेशानी में घिर गया है। तमाम बड़े देशों में लॉकडाउन की स्थिति है और इसमें भारत भी शामिल है। कोरोना महामारी की वजह से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भी इंडियन प्रीमियर लीग को स्थगित कर दिया है। 14 अप्रैल को भारत में लॉकडाउन खत्म हो रहा है इसके बाद ही इसके आयोजन पर कोई फैसला हो पाएगा।


चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलने वाले स्पिनर हरभजन सिंह ने इस साल के होने वाले आईपीएल के आयोजन पर अपनी राय दी है। आईपीएल के मैचों का प्रसारण करने वाले चैनल स्टार स्पोर्ट्स के नए शो क्रिकेट कनेक्टेंड पर बात करते हुए उन्होंने अपना राय दी। उन्होंने बताया कि कैसा आईपीएल का आयोजन कराया जा सकता है और इसको कराने के लिए क्या- क्या तैयारी करनी पड़ेगी।


भज्जी ने बताया, “दर्शक सबसे ज्यादा अहम हैं, लेकिन स्थिति ऐसी होती है तो मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं अगर बिना दर्शकों के मैच का आयोजन होता है। हां, एक खिलाड़ी के तौर पर मुझे वो चीज नहीं मिल पाएगी लेकिन इससे यह तो पक्का हो जाएगा कि दर्शकों को घर पर बैठे टीवी पर आईपीएल देखने का मजा मिल पाएगा।”


“हमें हर एक चीज को लेकर बहुत ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होगी। खिलाड़ियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। यह तय करना होगा कि वो जगह जहां मुकाबलों को खेला जाएगा, हो होटल और फ्लाइट्स अच्छे से लेनेटाइज हों। बहुत सारी जिंदगी इस वक्त ऑनलाइन है लिहाजा हमें आईपीएल का आयोजन कराना चाहिए लेकिन तब जब कि सबकुछ ठीक हो जाता है।”


“मैं मैच खेलना बहुत मिल करता हूं, उम्मीद करता हूं कि एक साल के अंतराल के बाद मैं 17 मैच (आईपीएल फाइनल मिलाकर) खेल पाउंगा। मैं मैदान पर जाने को बहुत मिस करता हूं, दर्शकों का हुजुम हमारे लिए शोर मचाकर अभिवादन करने के लिए इंतजार कर रहा है। वो बाइक जो हमारी टीम बस के साथ चलता था मुझे यकीन है वो भी इन सभी चीजों को मिस करता होगा। मुझे उम्मीद है आईपीएल जल्दी ही शुरू हो, तब तक तो मैं अपने आप को फिट रखूंगा।”


चीनः वुहान में पटरी पर लौटी जिंदगी

बीजिंग। चीन का वुहान जहां से कोरोना वायरस महामारी शुरू हुई और पूरी दुनिया में फैल गई, वहां 11 हफ्ते के बाद लॉकडाउन खत्म हो गया है। वुहान में लॉकडाउन को देखते हुए ही दुनिया के कई देशों ने इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन का यही मॉडल अपनाया था।अधिकारियों ने वुहान के लोगों को बाहर आने जाने की इजाजत दे दी है।


मध्य रात्रि से लॉकडाउन खत्म होने के बाद शहर के 1.1 करोड़ लोगों को अब कहीं भी आने-जाने के लिए विशेष अनुमति की जरूरत नहीं होगी बशर्ते अनिवार्य स्मार्ट फोन एप्लिकेशन में यह पता चलता हो कि वे स्वस्थ हैं और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं। इस मौके पर यांगतेज नदी के दोनों ओर लाइट शो हुआ, गगनचुंबी इमारतों और पुलों पर ऐसी छवियां तैर रहीं थीं जिनमें स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को ले जाते हुए दिख रहे थे, तो कहीं वुहान के लिए ‘हीरोइक सिटी’ शब्द दिख रहे थे। तटबंधों और पुलों पर नागरिक झंडे लहरा रहे थे और ‘वुहान आगे बढ़ो’ के नारे लगा रहे थे तथा चीन का राष्ट्रगान गा रहे थे। एक व्यक्ति तोंग झेंगकुन ने कहा, ‘मुझे बाहर निकले को 70 दिन से भी ज्यादा वक्त हो गया। वह जिस इमारत में रहते थे वहां संक्रमित व्यक्ति मिले थे जिसके बाद से पूरी इमारत को बंद कर दिया गया था।’ सड़कों पर गाड़ियां उतर आईं, सैकड़ों लोग शहर से बाहर जाने के लिए ट्रेनों और विमानों का इंतजार करते दिखे तो कई लोग नौकरी पर जाने को बेताब नजर आए। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ने इतनी जल्दी जश्न मनाने के खिलाफ चेतावनी दी है।


चीन के कुल 82 हजार कोरोना संक्रमितों में से 50 हजार केवल वुहान के थे। कुल 3331 मरने वालों में से 2500 वुहान में ही मरे। वुहान ही वह शहर है, जहां पिछले साल दिसंबर में कोराना वायरस से संक्रमित पहला व्यक्ति मिला था। वुहान सहित पूरे हुबेई प्रांत में करीब 5.6 करोड़ लोग रहते हैं।


विरोध के बाद ट्रंप के बदले सुर

वाश‍िंगटन। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात को मंजूरी देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महान नेता बताया है। ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी महान हैं और बहुत अच्‍छे हैं। कोरोना वायरस की मार से बेहाल अमेरिका के राष्‍ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने 29 मिलियन दवा की डोज खरीदी है। इसमें से ज्‍यादातर दवा भारत से मिलेगी। अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने फॉक्‍स न्‍यूज से बातचीत में कहा कि भारत ने अपने नागरिकों को बचाने के लिए दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी महान हैं और बहुत अच्‍छे हैं। भारत से अभी बहुत अच्‍छी चीजें आनी बाकी हैं। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका ने कोरोना वायरस से जंग के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की 29 मिलियन डोज खरीदी है। इसमें से बड़ी तादाद में दवा भारत से आएगी।


इससे पहले ट्रंप ने संकेत दिया है कि अगर भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर से प्रतिबंध नहीं हटाया तो अमेरिका कार्रवाई पर विचार कर सकता है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्‍तेमाल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। इससे पहले ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस दवा के लिए गुहार लगाई थी। व्‍हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में ट्रंप ने कहा था कि भारत ने अमेरिका के साथ बहुत अच्‍छा व्‍यवहार किया है और मैं समझता हूं कि इस बात के कोई कारण नहीं हैं कि भारत अमेरिकी दवा के ऑर्डर पर से बैन नहीं हटाएगा। ट्रंप ने कहा, ‘मैंने यह नहीं कहीं सुना कि यह उनका (पीएम मोदी) का फैसला था। मैं जानता हूं कि उन्‍होंने इस दवा को अन्‍य देशों के निर्यात के लिए रोक लगाई है। मैंने उनसे कल बात की थी। हमारी बातचीत बहुत अच्‍छी रही। भारत ने अमेरिका के साथ बहुत अच्‍छा व्‍यवहार किया है।’


भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इसके बाद उठे विवाद पर कहा कि यह किसी भी सरकार का दायित्व होता है कि पहले वह सुनिश्चित करे कि उसके अपने लोगों के पास दवा या इलाज के हर जरूरी संसाधन उपलब्ध हों। इसी के मद्देनजर शुरू में कुछ एहतियाती कदम उठाए गए थे और कुछ दवाओं के निर्यात को प्रतिबंधित किया गया था। भारत ने सोमवार को 14 दवाओं पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। हालांकि पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा लाइसेंस कैटेगरी में रहेगी और उसकी मांग पर लगातार नजर रखी जाएगी। लेकिन अगर मांग के अनुरूप आपूर्ति रही तो फिर कुछ हद तक निर्यात की अनुमति दी जा सकती है।


विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोरोनावायरस महामारी के समय भारत ने हमेशा कहा है कि ऐसे कठिन हालात में पूरे विश्व को एक होकर इससे लड़ना होगा। इसमें मानवीय पहलू के बारे में भी सोचना होगा। भारत ने कहा कि वह इन दवाओं को उन जरूरतमंद देशों को भी भेजेगा जो इस बीमारी से सबसे अधिक ग्रसित हैं। विदश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे कठिन परिस्थिति में किसी तरह के अनर्गल विवाद को खड़ा नहीं किया जाना चाहिए।


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...