बुधवार, 8 अप्रैल 2020

चीनः वुहान में पटरी पर लौटी जिंदगी

बीजिंग। चीन का वुहान जहां से कोरोना वायरस महामारी शुरू हुई और पूरी दुनिया में फैल गई, वहां 11 हफ्ते के बाद लॉकडाउन खत्म हो गया है। वुहान में लॉकडाउन को देखते हुए ही दुनिया के कई देशों ने इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन का यही मॉडल अपनाया था।अधिकारियों ने वुहान के लोगों को बाहर आने जाने की इजाजत दे दी है।


मध्य रात्रि से लॉकडाउन खत्म होने के बाद शहर के 1.1 करोड़ लोगों को अब कहीं भी आने-जाने के लिए विशेष अनुमति की जरूरत नहीं होगी बशर्ते अनिवार्य स्मार्ट फोन एप्लिकेशन में यह पता चलता हो कि वे स्वस्थ हैं और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं। इस मौके पर यांगतेज नदी के दोनों ओर लाइट शो हुआ, गगनचुंबी इमारतों और पुलों पर ऐसी छवियां तैर रहीं थीं जिनमें स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को ले जाते हुए दिख रहे थे, तो कहीं वुहान के लिए ‘हीरोइक सिटी’ शब्द दिख रहे थे। तटबंधों और पुलों पर नागरिक झंडे लहरा रहे थे और ‘वुहान आगे बढ़ो’ के नारे लगा रहे थे तथा चीन का राष्ट्रगान गा रहे थे। एक व्यक्ति तोंग झेंगकुन ने कहा, ‘मुझे बाहर निकले को 70 दिन से भी ज्यादा वक्त हो गया। वह जिस इमारत में रहते थे वहां संक्रमित व्यक्ति मिले थे जिसके बाद से पूरी इमारत को बंद कर दिया गया था।’ सड़कों पर गाड़ियां उतर आईं, सैकड़ों लोग शहर से बाहर जाने के लिए ट्रेनों और विमानों का इंतजार करते दिखे तो कई लोग नौकरी पर जाने को बेताब नजर आए। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ने इतनी जल्दी जश्न मनाने के खिलाफ चेतावनी दी है।


चीन के कुल 82 हजार कोरोना संक्रमितों में से 50 हजार केवल वुहान के थे। कुल 3331 मरने वालों में से 2500 वुहान में ही मरे। वुहान ही वह शहर है, जहां पिछले साल दिसंबर में कोराना वायरस से संक्रमित पहला व्यक्ति मिला था। वुहान सहित पूरे हुबेई प्रांत में करीब 5.6 करोड़ लोग रहते हैं।


विरोध के बाद ट्रंप के बदले सुर

वाश‍िंगटन। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात को मंजूरी देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महान नेता बताया है। ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी महान हैं और बहुत अच्‍छे हैं। कोरोना वायरस की मार से बेहाल अमेरिका के राष्‍ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने 29 मिलियन दवा की डोज खरीदी है। इसमें से ज्‍यादातर दवा भारत से मिलेगी। अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने फॉक्‍स न्‍यूज से बातचीत में कहा कि भारत ने अपने नागरिकों को बचाने के लिए दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी महान हैं और बहुत अच्‍छे हैं। भारत से अभी बहुत अच्‍छी चीजें आनी बाकी हैं। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका ने कोरोना वायरस से जंग के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की 29 मिलियन डोज खरीदी है। इसमें से बड़ी तादाद में दवा भारत से आएगी।


इससे पहले ट्रंप ने संकेत दिया है कि अगर भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर से प्रतिबंध नहीं हटाया तो अमेरिका कार्रवाई पर विचार कर सकता है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्‍तेमाल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। इससे पहले ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस दवा के लिए गुहार लगाई थी। व्‍हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में ट्रंप ने कहा था कि भारत ने अमेरिका के साथ बहुत अच्‍छा व्‍यवहार किया है और मैं समझता हूं कि इस बात के कोई कारण नहीं हैं कि भारत अमेरिकी दवा के ऑर्डर पर से बैन नहीं हटाएगा। ट्रंप ने कहा, ‘मैंने यह नहीं कहीं सुना कि यह उनका (पीएम मोदी) का फैसला था। मैं जानता हूं कि उन्‍होंने इस दवा को अन्‍य देशों के निर्यात के लिए रोक लगाई है। मैंने उनसे कल बात की थी। हमारी बातचीत बहुत अच्‍छी रही। भारत ने अमेरिका के साथ बहुत अच्‍छा व्‍यवहार किया है।’


भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इसके बाद उठे विवाद पर कहा कि यह किसी भी सरकार का दायित्व होता है कि पहले वह सुनिश्चित करे कि उसके अपने लोगों के पास दवा या इलाज के हर जरूरी संसाधन उपलब्ध हों। इसी के मद्देनजर शुरू में कुछ एहतियाती कदम उठाए गए थे और कुछ दवाओं के निर्यात को प्रतिबंधित किया गया था। भारत ने सोमवार को 14 दवाओं पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। हालांकि पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा लाइसेंस कैटेगरी में रहेगी और उसकी मांग पर लगातार नजर रखी जाएगी। लेकिन अगर मांग के अनुरूप आपूर्ति रही तो फिर कुछ हद तक निर्यात की अनुमति दी जा सकती है।


विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोरोनावायरस महामारी के समय भारत ने हमेशा कहा है कि ऐसे कठिन हालात में पूरे विश्व को एक होकर इससे लड़ना होगा। इसमें मानवीय पहलू के बारे में भी सोचना होगा। भारत ने कहा कि वह इन दवाओं को उन जरूरतमंद देशों को भी भेजेगा जो इस बीमारी से सबसे अधिक ग्रसित हैं। विदश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे कठिन परिस्थिति में किसी तरह के अनर्गल विवाद को खड़ा नहीं किया जाना चाहिए।


मिल गया मौलाना साद, जांच जारी

नई दिल्‍ली। मार्च के दूसरे हफ्ते में निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करने वाले मौलाना साद का पता चल गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मौलाना साद जाकिर नगर वाले अपने घर में क्‍वारंटीन है। मौलाना साद ने ही विरोध के बावजूद उस धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें हजारों लोगों ने हिस्‍सा लिया। नतीजतन देश में अचानक कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैला। आंकड़ों के मुताबिक अब तक देश में कोरोना के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें तकरीबन 30 प्रतिशत लोग तबलीगी जमात से जुड़े हैं।


उस कार्यक्रम में शामिल होने वाले कई लोगों की मौत हो गई है। हजारों लोगों को क्‍वारंटाइन करना पड़ा है। यह भी पता चला है कि कई विदेशी नागरिक टूरिस्‍ट वीजा पर यहां आते थे और जमात के धार्मिक कार्यक्रम में हिस्‍सा लेते थे। ऐसे सैकड़ों विदेशी लोगों को ब्‍लैकलिस्‍ट कर उनके वीजा को रद्द कर दिया गया है। देश में अब तक 1445 कोरोना संक्रमित मरीज तबलीगी जमात के पाए गए हैं. पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 20 नए कोरोना के केस आए हैं। इन 20 में से 10 मरकज के हैं। मौलाना साद पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। साद के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 26 सवालों की लिस्ट तैयार करके मौलाना साद के घर पर भेजी है. इसमें जानकारी मांगी गई है कि किस तरह इस मरकज में लोग आ रहे थे। जनवरी से लेकर अब तक कितने लोग आए हैं। किस तरह से मरकज का आयोजन होता था?


इस बीच सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए कई मुस्लिम नेताओं ने तबलीगी जमात के कार्यक्रम को निरस्त करने की सलाह दी थी। सूत्रों का कहना है कि कई इस्लामिक स्कॉलर और धर्मगुरुओं ने भी मौलाना साद से कार्यक्रम को टाल देने का आग्रह किया था। इस पूरे कार्यक्रम को लेकर तबलीगी जमात दो गुटों में बंटा हुआ था, एक गुट ने इस कार्यक्रम को टाल दिया था। लेकिन मौलाना साद अपनी जिद पर अड़ा रहा और निजामुद्दीन मरकज में धार्मिक कार्यक्रम किया।


शिवलिंग क्षतिग्रस्त, संप्रदायिकता की कोशिश

बहराइच। कुछ अराजक तत्वों ने शिवलिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया। मंदिर में मांस का टुकड़ा फेंक कर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की। पुलिस व प्रशासन की सतर्कता से माहौल बिगड़ने से बचा। इस मामले में दो ग्रामीणों की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है। एसडीएम, एएसपी व सीओ मौके पर कैंप किए हुए हैं।मामला कोतवाली नानपारा क्षेत्र के लखैया गांव का। यहां के निवासी पंकज सोनी के घर के पास मंदिर बना हुआ है। थोड़ी दूर पर ही एक और राधा-कृष्ण का मंदिर है।
बताया जा रहा है कि अराजक तत्वों ने शिवलिंग को क्षतिग्रस्त कर उसे कुएं में फेंक दिया। यही नहीं राधा-कृष्ण के मंदिर में प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर मांस का टुकड़ा फेंक दिया। घटना की जानकारी मंगलवार सुबह ग्रामीणों को हुई तो आक्रोश फैल गया। सूचना मिलते ही एसपी विपिन कुमार मिश्र ने एएसपी रवींद्र सिंह समेत भारी पुलिस बल मौके पर भेजा। पुलिस ने तत्काल क्षतिग्रस्त शिवलिंग को सही कराया। मंदिर में पड़े मांस के टुकड़ों को हटवाकर साफ-सफाई कराई। इसके बाद ग्रामीणों का आक्रोश शांत हुआ। मौके पर एसडीएम रामआसरे, सीओ अरुण कुमार, कोतवाली ओपी चौहान समेत भारी पुलिस बल मौजूद है।एसपी ने बताया कि मामले में गांव निवासी पंकज व मायाराम की तहरीर पर अलग-अलग दो मुकदमे अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सद्भाव बिगाड़ने वालों को चिह्नित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। भले ही वह कितना रसूखदार क्यों न हो।


कैबिनेट की राय,15 मई तक बंद

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से निपटने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन की अवधि खत्म होने वाली है। ऐसे में सरकार और आम लोगों में चर्चा शुरू हो गई है कि आगे क्या होगा। इस बारे में कैबिनेट ने अपनी राय बना ली है।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार द्वारा गठित मंत्रियों के समूह यानि ग्रुप आफ मिनिस्टर्स ने एक सुर में सरकार से 15 मई तक सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद रखने और सभी धार्मिक गतिविधियों को स्थगित रखने की सिफारिश की है। मंत्रियों के समूह ने एक सुर में कहा कि सरकार भले ही लॉकडाउन पीरियड को आगे ना बढ़ाए लेकिन सभी तरह की शैक्षणिक और धार्मिक गतिविधियों पर 15 मई तक रोक लगानी चाहिए।


 प्रधानमंत्री ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह का गठन किया था जिसे कि इस बारे में सरकार को सलाह देनी थी। इस मंत्री समूह ने एकमत से तय किया कि धार्मिक केंद्रों, शापिंग मॉल और शौक्षणिक संस्थानों को 14 अप्रैल के बाद कम से कम चार सप्ताह तक सामान्य गतिविधि शुरू करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। अब इस बारे में अंतिम फैसला प्रधानमंत्री को करना है। इससे एक बात तो साफ हो गई की पाबंदियों का ये दौर लंबा चलने वाला है।


सामान्य से बड़ा होता है 'सुपरमून'

नई दिल्ली। बुधवार को खगोलशास्त्रियों और नासा के अनुसार, इस बार पूर्णिमा चांद सुपरमून होगा। यानी सामान्य से कुछ बड़ा चांद। ऐसा भी कहा जा रहा है कि 8 अप्रैल को दिखने वाला चांद गुलाबी रंग का होगा। लेकिन आपको बता दें कि चांद गुलाबी रंग का नहीं होता बल्कि हल्की लालिमा लिए और कुछ चमकीला होता है। चंद्रमा का चमकीला दिखने का रहस्य यह है कि चांद की चमक सूर्य की स्थिति और पृथ्वी से दूरी पर निर्भर करता है। माना जा रहा है कि नासा इसका लाइव प्रसारण भी कर सकता है। हालांकि, इस खगोलीय घटना को भारत के लोग आसमान में नहीं देख पाएंगे, क्योंकि यह सुबह 8 बजकर 5 मिनट में नजर आएगा।


पंजाब में लॉक डाउन के बाद भी कर्फ्यू

राजेश शर्मा


चंडीगढ़। देश में लाक डाउन बढ़े या ना बढ़े पर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने इसकी तारीख़ को पंजाब में बढ़ा दिया है। कैप्टन ने कोरोना वायरस के पंजाब में बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कर्फ़्यू को 30 अप्रैल तक कर दिया गया है। कैप्टन ने साफ़ कर दिया कि बढ़ाए गए कर्फ़्यू में अब किसी प्रकार की लोगो को दी ढील में लापरवाही नही बरती जाएगी। उनहोने कहा कि घरों में रहकर ही सेफ़ है अगर कोई कर्फ़्यू नियमों को तोड़ते पाया गया तो प्रशासन सख़्त होगा।


वही आदेश जारी करने के कुछ समय बाद ही पंजाब सरकार ने फ़ैसला वापिस ले लिया है। फिलहाल कर्फ़्यू की तारीख़ लाक डाउन तक रहेगी।


पूर्ण बंदी में जन स्वास्थ्य को प्राथमिकता

नई दिल्ली। आज जब देश का नेतृत्व कोरोना के कारण हुई तीन सप्ताह की देश व्यापी बंदी के बाद, अर्थव्यव्स्था को पुन: पटरी पर लाने के रास्तों पर विचार कर रहा है, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आग्रह किया कि बंदी के बाद भी जन स्वास्थ्य को आर्थिक स्थिरता की तुलना में प्राथमिकता दी जाएगी।


आज पूर्ण बंदी के दो सप्ताह बाद अपने विश्लेषण में नायडू ने विचार व्यक्त किया कि आने वाला तीसरा सप्ताह पूर्ण बंदी के बारे में सरकार द्वारा निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि इस संक्रमण के प्रसार के आंकड़े और इसके प्रसार की गति, पूर्ण बंदी से निकालने के किसी भी निर्णय को प्रभावित करेंगे। पूर्ण बंदी को खोलने के विषय में प्रधान मंत्री तथा राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच हुए विचार विमर्श का जि़क्र करते हुए नायडू ने लोगों से आग्रह किया कि वे यदि 14 अप्रैल के बाद भी सरकार जो भी निर्णय ले जिससे कुछ कठिनाई हो, तो भी वे सरकार के निर्णयों को अपना समर्थन देते रहें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सरकारें वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करेंगी तथा दुर्बल वर्गों को पर्याप्त राहत और सहायता पहुंचाई जाएगी।


22 मार्च को जनता कर्फ्यू या 25 मार्च से जारी बंदी या फिर 5 अप्रैल को दीप प्रज्वलन को प्राप्त व्यापक जन समर्थन की चर्चा करते हुए, नायडू ने कहा कि यह भारतीय परम्परा में निहित अध्यात्मिकता के गुणों को प्रतिलक्षित करता है। उन्होंने कहा कि अध्यात्मिकता का अर्थ ही वृहत्तर समाज के हित के लिए स्वार्थ का शमन करना है और इस कठिन घड़ी में देशवासियों ने अपने इस संस्कारगत आध्यात्मिक चरित्र को दिखाया है जिससे इस संकट से उबरने में सहायता मिलेगी। राजधानी में हुए तबलीगी जमात तथा देश व्यापी अभियान की सफलता पर उसके प्रभाव के बारे में नायडू ने कहा कि यह घटना एक अपवाद थी जिससे दूसरों को भी सबक लेना चाहिए।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वे भविष्य में ऐसी किसी भी आपदा से पहले इस अनुभव से सही सीख ले और संस्थागत, इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी, सूचनाओं के आदान प्रदान संबंधी,  अंतरराष्ट्रीय सहयोग और निजी स्तर पर प्रयास संबंधी, सभी कमियों को दूर करे।


अनुमति मिलने पर बटेंंगी राहत सामग्री

नैनीताल। जनपद में समाज सेवियों एवं संगठनों को खाद्यान्न एवं पका-पकाया भोजन वितरित करने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए उन्हें निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन करना होगा। इसके बाद ही उन्हें नगर मजिस्टेªट या संबंधित एसडीएम से ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी। उसके उपरान्त ही कोई समाज सेवी संगठन या गैर सरकारी संगठन खाद्य समाग्री का वितरण कर पायेंगे।
डीएम सविन बंसल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान असंगठित श्रमिकों को विभिन्न समाज सेवी संगठनों द्वारा खाद्यान एवं भोजन वितरण में अत्यधिक जन समूह के एकत्रित होने एवं इस कारण सोशल डिस्टेसिंग यानी जरूरी सामाजिक दूरी का अनुपालन नहीं होने की शिकायतें आ रही हैं। इससे संक्रमण का खतरा भी उत्पन्न हो रहा है। इसलिए नयी व्यवस्था की जा रही है। साथ ही डीएम बंसल ने कहा कि जिस समाज सेवी संगठन अथवा गैर सरकारी संगठनों को प्रशासन द्वारा पास जारी किये गये है वे निर्धारित तिथि एवं चिन्हित स्थल में ही पुलिस बल की मौजूदगी में ही घर पर जाकर खाद्यान एवं भोजन वितरित करेंगे। इसकी मॉनिटरिंग नगर मजिस्टेªट, उपजिलाधिकरी, अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा की जाएगी। सामाजिक दूरी के मानकों का उल्लघन करने पर उनकी वितरण की अनुमति तत्काल निरस्त करते हुयें उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही भी की जाएगी।


दरोगा पॉजिटिव, पुलिस कॉलोनी सील

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। रिपोर्ट आते ही दिल्ली पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। मामले के सामने आते ही उस कालकाजी पुलिस कालोनी को सील कर दिया गया है, जहां एएसआई रहता है।दक्षिण पूर्वी दिल्ली जिला के एक आला पुलिस अफसर ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव एसएसआई की उम्र 49-50 साल के आसपास है। पीड़ित को फिलहाल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कोरोंटाइन किया गया है। जबकि पत्नी और बच्चों को घर में ही एहतियातन क्वारेंटीन कर दिया गया है। जिला पुलिस सूत्रों और कालकाजी पुलिस कालोनी में ही रहने वाले एक पुलिसकर्मी के मुताबिक, सहायक सब इंस्पेक्टर कई दिन से अवकाश पर था। उसे बुखार खांसी की शिकायत हुई थी। जब संदेह होने पर जांचें कराई गई तो दो दिन पहले ही रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव की निकली।


इस बारे में दिल्ली पुलिस मुख्यालय के आला अफसरों को भी बता दिया गया है। साथ ही एहतियातन कालकाजी पुलिस कालोनी को भी सील कर दिया गया है। जिला पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि, इस परेशानी की घड़ी में पूरा महकमा पीड़ित के साथ खड़ा है। हम लोग पीड़ित परिवार का पूरा ख्याल रख रहे हैं। कालकाजी थाना पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कालोनी में आने जाने वालों पर फिलहाल पूर्ण पाबंदी रहेगी। कालोनी को स्वास्थ्य विभाग की टीमों की निगरानी में निरंतर सेनेटाइज भी कराया जा रहा है। सहायक सब इंस्पेक्टर फिलहाल दिल्ली पुलिस की ट्रैफिक यूनिट में तैनात बताया जाता है।


उद्धव की कुर्सी पर कोरोना का ग्रहण

मुंबई। कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है और भारत में महाराष्ट्र इस संक्रमण की सबसे ज्यादा चपेट में है। ऐसे में महाराष्ट्र में एक तरफ लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के संकेत मिल रहे हैं, तो दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर संकट के बादल गहरा गए हैं। उद्धव महाराष्ट्र के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं यानी न तो विधानसभा (एमएलए) और न ही विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य हैं। अब कोरोना के खतरों की वजह से महाराष्ट्र में एमलसी का होना वाला चुनाव टाल दिया गया है, जिसके चलते उद्धव के सामने सीएम पद को बचाए रखने की मुश्किल खड़ी हो गई है। दरअसल उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संविधान की धारा 164 (4) के अनुसार उद्धव ठाकरे को 6 माह में राज्य के किसी सदन का सदस्य होना अनिवार्य है। ऐसे में उद्धव ठाकरे को अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी को बचाए रखने के लिए 28 मई से पहले विधानमंडल का सदस्य बनना जरूरी है।


उद्धव ठाकरे विधानसभा का सदस्य बनने के लिए उनकी पार्टी के किसी विधायक को अपने पद से त्यागपत्र देना होगा। इसके बाद फिर चुनाव आयोग को 29 मई से 45 दिन पहले उपचुनाव की घोषणा करनी होगी। महाराष्ट्र में शिवसेना के विधायकों की संख्या का जो आंकड़ा है, ऐसे में वो अपने किसी विधायक का इस्तीफा नहीं दिलाना चाहेंगे। दूसरा जरिया विधान परिषद की सदस्यता प्राप्त करने का है। इसके लिए चुनाव आयोग को सिर्फ 15 दिन पहले अधिसूचना जारी करनी होगी।


उत्तराखंड में लॉक डाउन बढ़ाने पर मुहर

देहरादून। जहाँ अभी कोरोना सक्रमण लगातार उत्तराखंड में बढ़ता ही जा रहा हैं ,वही कोरोना संकट के बीच आज उत्तराखंड कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। बैठक में 6 बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस दौरान प्रदेश में कोरोना की ताजा स्थितियों पर चर्चा की गई। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।


राज्य सरकार केंद्र सरकार से लॉकडाउन को लेकर करेगी वार्ता। राज्य सरकार ने सारे निर्णय के सरकार पर छोड़ा। जमातियों के चलते राज्य में बढ़ने वाले मरीजों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि वह भारत सरकार से लॉकडाउन को आगे बढ़ाने को लेकर वार्ता करेंगे।चर्चा के बाद यह तय किया गया है कि केंद्र सरकार को लाॅकडाउन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।


'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा

'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा  संदीप मिश्र  शाहजहांपुर। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि मौजूदा...