बुधवार, 1 अप्रैल 2020

मरकज से लौटे सभी 93 लोग संक्रमित

नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज से लौटे लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यहां से लौटे अब तक 93 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। सभी का सैंपल पॉजिटिव निकला है। इसमें से 45 तमिलनाडु, 9 अंडमान और 24 केस दिल्ली के हैं। वहीं, 303 ऐसे लोग हैं जिनमें कोरोना के लक्षण हैं।


इसके अलावा आंध्र प्रदेश से 4 और केस सामने आए हैं जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री मरकज की रही है। विशाखापट्टनम से भी 21 केस सामने आए हैं। वहीं, सरकार ने अब तक 740 लोगों की पहचान की है जो तबलीगी जमात के मरकज में हिस्सा लेने आए थे। उधर, मरकज से लौटे 10 लोगों को गाजियाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ये सभी गाजियाबाद के थाना मसूरी इलाके के मसूरी कस्बे में मिले थे। मरकज से लौटे लोग देश के अलग-अलग हिस्से में मिल रहे हैं जो कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। तेलंगाना में भी 15 लोगों का कोरोना का टेस्ट पॉजिटिव निकला है, जिसके बाद राज्य में मरीजों की संख्या 77 हो गई है।


जमात कार्यकर्ताओं की मेडिकल जांच


मरकज में रहने वाले जमात कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने मेडिकल स्क्रीनिंग के लिए अनुरोध किया। 29 मार्च तक, लगभग 162 जमात कार्यकर्ताओं को चिकित्सकीय रूप से जांचा गया और क्वारनटीन केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया।


निजामुद्दीन मरकज मामले में 6 पर केस

नई दिल्ली। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मरकज दिल्ली के चीफ मौलाना साद 28 तारीख से लापता हैं। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।


निज़ामुद्दीन मरकज़ मामले के FIR में इन 6 लोगों का नाम शामिल- मौलाना साद, डॉ. ज़ीशान, मुफ्ती शहज़ाद, एम. सैफी, यूनुस और मोहम्मद सलमान है। मोहम्मद अशरफ का भी नाम निज़ामुद्दीन मरकज़ मामले के FIR में शामिल है। मरकज़ को आज सुबह लगभग 3:30 बजे खाली किया गया। यहां लगभग 2100 लोग थे। इस जगह को खाली करने में 5 दिन लगे।


 


जमातीयो के पर्यटक वीजा पर प्रतिबंध

नई दिल्ली। सरकार ने विदेशी तबलीगी जमातियों को पर्यटन वीजा देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक अधिकारी ने बताया, “जिन लोगों के पास पर्यटन वीजा है और वे मिशनिरी गतिविधियों का प्रचार कर रहे है, उनके बारे में माना जाएगा कि उन्होंने वीजा शर्तों का उल्लंघन किया है।” पयर्टक वीजा पर आने वाले किसी भी विदेशी को तबलीगी गतिविधियां करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।


गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि विदेश मंत्रालय को सलाह दी गई है कि दूसरे देशों में भारतीय मिशनों से अनुरोध किया जा सकता है कि वे ऐसे विदेशी को पर्यटक वीजा देने से परहेज करें, जो तबलीगी गतिविधियों के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय से कहा कि उसे ऐसे आवेदकों को पर्यटक वीजा देने से पहले उनके भारत में ठहरने, वापसी के टिकट और खर्चों के संबंध में जानकारी सुनिश्चित करनी चाहिये।


बता दें कि सरकार ने मंगलवार को कहा कि इस साल 1 जनवरी से देश में तबलीगी गतिविधियों के लिये 2100 विदेशी भारत आए और उनमें से सभी ने पहले दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित उसके मुख्यालय में आमद दर्ज कराई. निजामुद्दीन स्थित तबलीगी मुख्यालय से कोरोना वायरस के कई मामले सामने आए हैं। गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि कुल 303 तबलीगी कार्यकर्ताओं में कोविड-19 के लक्षण थे और उन्हें दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया है।


एक बयान में गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि अब तक तबलीगी जमात के 1,339 कार्यकर्ताओं को नरेला, सुल्तानपुरी और बक्करवाला पृथक केंद्रों के अलावा दिल्ली के एलएनजेपी, आरजीएसएस, जीटीबी, डीडीयू अस्पतालों के साथ ही एम्स, झज्जर (हरियाणा) भेजा गया है। बाकी लोगों की अभी कोविड-19 संक्रमण को लेकर चिकित्सा जांच की जा रही है। बयान में कहा गया कि एक आकलन के मुताबिक जनवरी के बाद से तबलीगी गतिविधियों के लिये करीब 2100 विदेशी भारत आए। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 21 मार्च तक उनमें से लगभग 824 देश के विभिन्न हिस्सों में चले गए, 216 निजामुद्दीन मरकज में रह रहे हैं, जिनमें से कई कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं।


अन्य लोग हो सकता है कि 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी बंद की घोषणा से पहले ही देश से चले गए हों। यह बंद घोषणा के अगले दिन से प्रभावी हुआ था। तबलीगी जमात के देसी और विदेशी कार्यकर्ता वर्ष भर देश के अलग-अलग इलाकों में उपदेश देने या ‘चिल्ला’ के लिये दौरे पर रहते हैं। इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यामां, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान समेत विभिन्न राष्ट्रों से लोग तबलीगी गतिविधियों के लिये आते हैं।


बयान में कहा गया कि ऐसे सभी विदेशी नागरिक सामान्य तौर पर अपने आने की सूचना सबसे पहले हजरत निजामुद्दीन स्थित बंगलेवाली मस्जिद में तबलीगी मरकज में देते हैं। यहां से उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में चिल्ला गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाती है. चिल्ला गतिविधियों का समन्वय सभी राज्यों में विभिन्न जिलों में जिला समन्वयकों द्वारा किया जाता है। जिनकी निगरानी का काम कुछ राज्यों में ‘प्रदेश अमीर’ के द्वारा किया जाता है।


इसमें कहा गया, “इसके साथ ही, 21 मार्च को देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 824 विदेशी चिल्ला गतिविधियों में शामिल थे।” गृह मंत्रालय ने कहा कि बड़ी संख्या में भारतीय तबलीगी जमात कार्यकर्ता देश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि 21 मार्च को 824 विदेशियों का विवरण सभी राज्य पुलिस बलों से साझा किया गया। जिससे उनकी पहचान हो सके और चिकित्सा जांच के बाद उन्हें पृथक रखा जा सके। इसके अलावा, 28 मार्च को सभी राज्यों की पुलिस से कहा गया है कि वे स्थानीय समन्वयक से सभी तबलीगी कार्यकर्ताओं के नामों की सूची तैयार करें, उनका पता लगाएं और चिकित्सा जांच के बाद उन्हें पृथक करें। बयान में कहा गया, “अब तक विभिन्न राज्यों में ऐसे 2,137 लोगों की पहचान हुई है।”


उन्हें पृथक किया गया है और उनकी जांच की जा रही है। यह प्रक्रिया अब भी चल रही है तथा ऐसे और लोगों की पहचान कर उनका पता लगाया जाएगा। मंत्रालय ने कहा, ‘’21 मार्च को हजरत निजामुद्दीन मरकज में करीब 1,746 लोग रह रहे थे। इनमें से 216 विदेशी थे और 1530 भारतीय।’’ मंत्रालय के मुताबिक 28 मार्च को गृह मंत्रालय की तरफ से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को विस्तृत परामर्श जारी किया गया था। यह परामर्श दिल्ली के पुलिस आयुक्त को भी भेजा गया था। खुफिया ब्यूरो के निदेशक द्वारा 29 मार्च को एक बार फिर राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को यह परामर्श दिया गया कि वे अपने इलाकों में ऐसे सभी तबलीगी कार्यकर्ताओं की आवाजाही पर नजर रखें, उनके संपर्क में आने वालों पर भी नजर रखी जाए और उनकी चिकित्सा जांच के लिये कदम उठाए जाएं।


बयान में कहा गया कि कई राज्यों ने पहले ही यह करना शुरू कर दिया है। हजरत निजामुद्दीन मरकज में रह रहे तबलीगी जमातके सभी कार्यकर्ताओं की 26 मार्च से ही चिकित्सा जांच की जा रही है। अब तक 1203 तबलीगी जमात कार्यकर्ताओं की जांच हो चुकी है। मंत्रालय ने कहा कि आव्रजन ब्यूरो राज्यों से प्रभावित देशों से आए लोगों के बारे में जानकारी (एक फरवरी से) साझा कर रहा है। इसके अलावा आव्रजन ब्यूरो राज्यों के साथ छह मार्च से सभी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर आने वाले भारतीयों और विदेशियों की जानकारी साझा कर रहा है।


मरकज से नैनीताल पहुंचे 11 जमाती

नैनीताल। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज की घटना के बाद उत्तराखंड सरकार के बाद नैनीताल पुलिस-प्रशासन हरकत में है। उत्तराखंड सरकार द्वारा मंगलवार को दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में एक से 15 मार्च के बीच एक धार्मिक आयोजन में उत्तराखंड के भी कुछ लोगों के हिस्सा लेने की खबरों का संज्ञान लेते हुए सभी जिलों के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को ऐसे लोगों की पहचान करने के आदेश दिये गए हैं। वहीं अभिसूचना मुख्यालय उत्तराखंड देहरादून द्वारा 31 मार्च को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों व पुलिस अधीक्षकों को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार नगर की मल्लीताल स्थित जामा मस्जिद में मरकज निजामुद्दीन दिल्ली से 13 से 20 मार्च तक 11 सदस्यीय जमात आई थी। इस जमात में नई दिल्ली के तीमारपुर, मदनपुर, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी, पुरानी ईदगाह, मीर विहार, सहारनपुर यूपी आदि के 11 जमाती आए थे। नैनीताल में 12 लोग-मल्लीताल निवासी मो. वसीम व हामिद अली, हिना टूर एजेंसी मल्लीताल के मो. जुहैब, राशिद, काशिफ व दिलशाद, नईम मैकेनिक निवासी बसेरा होटल के पीछे मल्लीताल, तल्लीताल बूचड़खाना निवासी मो. बसी, सानिब और महबूब तथा हरिनगर निवासी शहनवाज इन जमातियों के संपर्क में आए हैं। इनके साथ ही पुलिस इनके संपर्क में आये लोगों की भी पड़ताल कर रही है। बुधवार को अब तक 46 लोगों को मल्लीताल कोतवाली पुलिस और 6 परिवार के 21 लोगों को तल्लीताल पुलिस यानी कुल 67 लोगों जांच के लिए बीडी पांडे जिला चिकित्सालय पहुंचा चुकी है। मल्लीताल कोतवाल अशोक कुमार सिंह ने बताया कि अभी भी ऐसे लोगों की तलाश की जा रही है। साथ ही यह अपील भी की जा रही है कि वह स्वयं भी अस्पताल जाकर अपनी जांच करवाएं। इधर जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. केएस धामी ने बताया कि मरकज से संबंधित 44 लोगों को जिला चिकित्सालय के सूखाताल स्थित संस्थागत क्वारन्टाइन सेंटर में लाया गया है। इनमें से किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। फिर भी इन्हें 14 दिन पूरे होने की अवधि के शेष बचे दिनों के लिए एकांतवास में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां पहले रखे गए पांच में से तीन लोगों को घर भेज दिया गया है। इस प्रकार दो पुराने एवं 44 नये मिलाकर कुल 46 लोगों को एकांतवास में रखा गया है।
 
सम्बंधित क्षेत्रों को किया विसंक्रमित 
उधर नगर स्वास्थ्य निरीक्षक कुलदीप कुमार ने बताया कि सूखाताल, चीना बाबा, आवागढ़, हरिनगर आदि वार्डों में निजामुद्दीन मरकज से संबंधित सक्रियता के बाद बुधवार को दवा का छिड़काव कर सेनिटाइजेशन करवा दिया गया है। आगे मेट्रोपोल-रॉयल होटल क्षेत्र की बस्ती भी सेनिटाइजेशन कार्य कराया जाएगा।


सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

सावधान रहें, सतर्कता बरतें।


लापरवाह इंस्पेक्टर दरोगा निलंबित

बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। लापरवाह और वेईमानों के कृत्यों से सख्त नफरत रखने,उन्हें सजा देने में निःसंकोच सजा देने दृढ़ विश्वासी ,तेज तर्रार वरिष्ठ पुलिस कप्तान सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज द्वारा अपने मातहतों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर लापरवाहों एवं वेइमानों को तत्काल सुधरने की चेतावनी दी है।
बता दें कोतवाली इंस्पेक्टर बच्चेलाल प्रसाद, चौकी इंचार्ज बहादुर गंज, मनीष सिंह और दो सिपाहियों को एसएसपी सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज ने तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।एसएसपी ने बताया  कि सोमवार सुबह साऊथ मलाका चौराहे के पास सरेराह दो युवतियों से छिनैती की कोशिश हुई थी। जिसमें क्षेत्रीय पुलिस की लापरवाही बरतने का मामला प्रकाश में आने पर इंस्पेक्टर, दरोगा और बीट के सिपाहियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाही की गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी , प्रयगराज सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज ने यह कार्वाही कर बेइमानों, लापरवाहों को उनके कृत्यों में सुधार लाने की प्रेरणा / संदेश / चेतावनी भी दे डाली है। कप्तान की यह कार्यवाही, सुघरों अन्यथा कर्मदण्ड भुगतने की कहावत को चरिचार्थ कर रही है।



बिजली करंट से पति-पत्नी की मौत

 पत्‍नी को लगा करंट तो बचाने आए पति की भी मौत
मनसा। जिले की हरनाम कॉलोनी में कूलर में करंट आने से दंपति की मौत हो गई। दंपति पंजाब में मानसा के रहने वाले है। जानकारी के अनुसार हरनाम सिंह कॉलोनी में 25 वर्षीय मंगल सिंह मजदूरी का कार्य करता था। वह अपनी छह माह की बच्ची और पत्नी 24 वर्षीय पूनम के साथ रहता था। काफी सालों से हरनाम कॉलोनी में रहकर मजदूरी करते थे। रात को पूनम पानी पीने के लिए उठी। गर्मी अधिक होने के कारण अंदर कूलर लगा रखा था। जैसे ही पूनम बाहर निकली तो कूलर पर हाथ लग गया। जिससे उसे जोरदार करंट लगा। करंट लगते ही कूलर उसके ऊपर गिर गया।


पूनम ने शोर मचाया तो उसका पति मंगल उसे बचाने के लिए आ गया। पत्नी को बचाने के लिए जैसे ही उसने हाथ लगाया तो उसे भी करंट लग गया और मौके पर ही मौत हो गई। सुबह पड़ोसियों ने देखा कमरे के अंदर से बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी।


पुलिस ने शवों का करवाया पोस्टमार्टम
पड़ोसी ने घर के अंदर गए तो देखा कि दंपति जमीन पर पड़े थे और उनकी मौत चुकी थी। पड़ोसियों ने बच्ची को संभाला और परिजनों को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को नागरिक अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया है। एएसआई जगदीश ने बताया कि दपंति पंजाब का रहने वाला है और सूचना दे दी है। फिलहाल पुलिस ने दोनों के शवों का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों के हवाले कर दिया है।


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...