मंगलवार, 31 मार्च 2020

उत्तराखंड से जमात में 34 लोग शामिल

देहरादून। दिल्ली की तबलीगी जमात में उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों के लोग शामिल हुए थे। यूपी के 18 जिलों से जमात में शामिल 157 लोग वापस अपने गांवों और क्षेत्रें में पहुंच चुके हैं। इस जमात में शामिल 24 लोग कोरोना से पॉजिटिव पाए गए हैं। अब तक 7 लोगों की मौत भी हो चुकी है। चिंता की बात ये है कि उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के 34 लोग इसमें शामिल होने दिल्ली गए थे। कोरोना से लड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं। पूरे देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन किया गया है। इस बीच दिल्ली से एक ऐसी खबर आई, जिसने पूरे देश को चिंता में डाल दिया। उत्तराखंड को भी इस बात की चिंता सता रही थी कि कहीं उत्तराखंड के लोग भी तो उस तबलीगी जमात में शामिल नहीं हुए हैं। सरकार चिंता सच साबित हुई। दिल्ली से मिली जानकारी के बाद एक बात सामने आई है कि हरिद्वार जिले के 11लोग तबलीगी जमात में शामिल हुए थे और वापस हरिद्वार लौट चुके हैं। इनसे अब अन्य लोगों में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।प्रशासन अब उन लोगों की जानकारीजुटाने में लगा हुआ है।


डासना जेल से 89 बंदियों को किया रिहा

गाजियाबाद। गाजियाबाद की डासना जेल से सोमवार को 89 बंदियों को रिहा किया गया। इसमें एक महिला भी शामिल है. रिहा होने वाले बंदियों ने बताया कि उन्हें कोरोना वायरस के कारण 2 महीने की परोल पर छोड़ा जा रहा है।इतना ही नहीं सरकार इन सभी बंदियों को उनके घर तक पहुंचाएगी। देशभर में कोरोना वायरस का खौफ मंडराया हुआ है। इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है। वहीं, सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला लिया है कि जो बंदी अंडर ट्रायल के चलते पिछले काफी समय से जेल में बंद हैं उन्हें 2 महीने की परोल पर रिहा किया जाए।


जेलों में बंदियों की संख्या में कमी लाने का यह फैसला सोशल डिस्टेंस और जेल में कोरोना से बचाव के लिए लिया गया है। जेल से घर जा रहे बंदियों से आजतक ने बात की। लंबे समय तक जेल की सलाखों के पीछे गुजार चुके ये कैदी सरकार के इस फैसले से बेहद खुश हैं। उनके मुताबिक, लंबे समय बाद वे अपने परिवार के साथ रह पाएंगे। वहीं, 2 महीने की रिहाई पर छूटे कुछ कैदियों का कहना है कि उनसे कुछ गलती हुई जिसके चलते उन्हें जेल में रहना पड़ा। अब अपने साथियों को भी ये मैसेज देना चाहते हैं कि कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे जेल जाना पड़े।


तेलंगाना में 6 लोगों की मौत, अलर्ट जारी

सरवन कुमार सिंह


हैदराबाद। उत्तर प्रदेश पुुलिस ने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में एक जमात में एकत्र हुए छह लोगों की तेलंगाना में मौत के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी यूपी के जिलों में पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि निजामुद्दीन में हुई जमात में शामिल अपने इलाके के लोगों की पहचान कर उनकी मेडिकल जांच कराई जाए।


एसपी कानून-व्यवस्था अभय शंकर की ओर से गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुुड़, बिजनौर, बागपत, वाराणसी, भदोही, मथुरा, आगरा, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, बहराइच, गोण्डा व बलरामपुुर के पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट किया गया है। पत्र में कहा गया है कि दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन इलाके में फारेन टीम्स आफ तब्लीगी जमात में उत्तर प्रदेश के आने वालों की सूूची संलग्न कर भेजी जा रही है। कृपया सूची के मुताबिक सभी व्यक्तियों की कोरोना वायरस के मद्देनज़र जांच की जाए। सूची में दिए गए लोगों के नाम के मुताबिक अगर वे संक्रमित पाए जाएं तो उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाए। इस संबंध में डीजीपी मुख्यालय ने सभी पुलिस अधीक्षकों से मंगलवार दोपहर 3 बजे तक रिपोर्ट भी मांगी है। बता दें कि दक्षिणी दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में करीब दो हजार लोग शामिल हुए थे, जहां से अब देशभर में कोरोना के संक्रमण फैलने का मामला सामने आया है। मरकज में आए लोगों में से अब तक सिर्फ राजधानी दिल्ली में ही 24 में कोरोना पॉजिटिव केस सामने आया है। इनमें कोरोना पॉजिटिव के छह मामले रविवार को सामने आए थे जबकि सोमवार को 18 मामले आए हैं। मरकज में शामिल होने आए लोगों में करीब 100 से ज्यादा विदेशी थे, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मलेशिया, सऊदी अरब, इंग्लैंड और चीन से थे। वहीं, तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि मरकज में शामिल होने के लिए दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में 13 और 15 मार्च को कई लोग गए थे। उनमें से कुछ लोग तेलंगाना के भी थे। इनमें से छह लोगों की मौत हो गई है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि जिन छह लोगों की मौत हुई है, वे सभी कोरोना पॉजिटिव थे।


महामारी के खिलाफ जंग में 'हिटमैन'

नई दिल्ली। जानलेवा बीमारी का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि दुनिया भर में 37,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में 35 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।


कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के खिलाफ जंग के मैदान पर अब टीम इंडिया के धाकड़ बल्लेबाज ‘हिटमैन’ रोहित शर्मा उतर आए हैं। टीम इंडिया के वनडे और टी-20 उपकप्तान रोहित शर्मा ने इस जानलेवा वायरस से लड़ने के लिए अपना योगदान देने का ऐलान किया है।


धोनी को अभी खेलने की जरूरत

नई दिल्ली। पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान का मानना है कि दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी को अभी क्रिकेट खेलने की जरूरत है और अगर वह खेलते हैं तो उन्हें भारत के लिए खेलना चाहिए। इरफान पठान ने कहा, ‘महेंद्र सिंह धोनी को खेलने की जरूरत है। अगर वह ऐसा करते हैं तो निश्चित रूप से उन्हें भारत के लिए भी खेलना चाहिए। वह भारत के सबसे बेहतरीन क्रिकेटरों में से हैं।


उन्होंने कहा, ‘महेंद्र सिंह धोनी ने विश्व क्रिकेट को काफी कुछ दिया है, लेकिन अगर धोनी को टीम में शामिल किया जाता है तो क्या ये उन खिलाड़ियों के साथ सही होगा जो नियमित तौर पर उनकी जगह टीम इंडिया का हिस्सा हैं।’ इरफान पठान ने कहा, ‘लोकेश राहुल और ऋषभ पंत नियमित तौर पर करीब एक साल से भारतीय टीम में खेल रहे हैं। ऐसे में बोर्ड को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। अब धोनी का वक्त खत्म हो चुका है और इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में उनका खेलना संभव नहीं है। महेंद्र सिंह धोनी ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच जुलाई 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल खेला था। पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने कहा था कि सेलेक्टर्स अब आगे की सोच रहे हैं। केएल राहुल अब बल्लेबाजी के साथ विकेटकीपिंग में अच्छा कर रहे हैं। वहीं, ऋषभ पंत भी इस लिस्ट में शामिल हैं. सहवाग के मुताबिक धोनी अगर IPL में अच्छा प्रदर्शन करते भी हैं तो टीम इंडिया में उनकी वापसी आसान नहीं। वीरेंद्र सहवाग ने कहा था कि IPL 2020 भी एमएस धोनी की वापसी की गारंटी नहीं होगा। ‘मुझे नहीं लगता कि धोनी इस साल अक्टूबर में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में खेल पाएंगे। हो सकता है कि धोनी का आईपीएल अच्छा हो, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि शायद यह काफी नहीं, यह इससे आगे की बात है। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने हाल ही में कहा था कि मैं निश्चित रूप से धोनी को टी-20 वर्ल्ड कप टीम में देखना चाहूंगा, लेकिन ऐसा संभव नहीं होगा। गावस्कर ने कहा था, ‘अब टीम इंडिया आगे बढ़ गई है। धोनी कोई बड़ी घोषणा करने वाले नहीं हैं, इसलिए मुझे लगता है कि वह चुपचाप क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे।


प्रवासी नहीं जा सकेंगे अपने घर

चंदौली। लॉकडाउन के बाद आनन-फानन में दूसरे राज्यों से अपने घरों को निकले मजदूर अपने जिले में पहुंचने के बाद भी 14 दिनों तक घर नहीं जा सकेंगे। पहले तो इन्हें जिला मुख्यालय पर बने क्वारंटाइन सेंटर में ही रोका जाएगा। यदि किसी तरह गांव पहुंच गए तो वहां पर भी अपने घर नहीं रह सकेंगे। गांवों में भी ऐसे लोगों के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं। गांव के प्रधान और पंचायत सचिव ऐसे लोगों के रहने और खाने पीने का प्रबंध करेंगे।


स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांवों में पहुंचकर ऐसे लोगों की जांच करेगी। 14 दिनों तक अलग-थलग रहने और स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वस्थ घोषित किए जाने के बाद ही ऐसे लोग अपने घरों में जा सकेंगे। दूसरी ओर पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि दूसरे राज्यों व विदेश से आने वाले लोगों की तलाश में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की भी मदद लें।दिल्ली से आनन फानन में बड़ी तादाद में प्रदेश लौटे मजदूरों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए थे कि जो भी राज्य में आए हैं या पहले से हैं उनकी पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। उन्हें भोजन, पानी, दवा देंगे। ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि ऐसे लोगों के कारण बाकी लोगों के स्वास्थ्य को कोई खतरा ना हो। वहीं मुख्य सचिव आरके तिवारी ने जिलों के डीएम और पुलिस कप्तानों को यह निर्देशित किया है कि अन्य जिलों से लौटने वाले लोगों को क्वारंटाइन में रखा जाए। क्वारंटाइन के दौरान उनका चिकित्सीय परीक्षण कराया जाए और खाने पीने का इंतजाम किया जाए। इन निर्देशों के बाद ग्रामीण स्तर तक काम शुरू हो गया है। राज्य के हर गांव में प्रधान, पंचायत सचिव, स्थानीय पुलिस, स्वास्थ्य विभाग की टीम मिलकर सुरक्षा घेरा तैयार कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक 21 मार्च के बाद दिल्ली व अन्य राज्यों से अपने गांव पहुंचे लोगों की सूची तैयार कर प्रधान और पंचायत सचिव के स्तर से स्थानीय प्रशासन के अधिकारी तैयार करा रहे हैं। गांव के सरकारी स्कूल, पंचायत भवन, सामुदायिक भवन तथा अन्य ऐसे ही सा‌र्वजनिक स्थलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है।


जम्मू-कश्मीर मेंं संक्रमितो की संख्या 38

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में रविवार को पांच और पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 38 हो गई है। सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा, “कश्मीर में पांच और पॉजिटिव मामलों की पुष्टि की गई, जिसमें 2 श्रीनगर, 2 बडगाम, 1 बारामूला से हैं।”


इससे पहले एक कोविड-19 रोगी ने श्रीनगर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पीड़ित मरीज लगभग 60 साल का था, जो बारामुला जिले के तंगमर्ग इलाके का रहने वाला था। पांच पॉजिटिव मामों के साथ राज्य में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 38 हो गई है, जिनमें से 29 कश्मीर में और नौ जम्मू के अस्पतालों में हैं।


दिल्ली में कोरोना का प्रकोप, स्टेज 2

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ‘कोविड-19′ को लेकर दिल्ली में मंगलवार को राहत भरी खबर रही। पिछले 40 घंटों के दौरान राजधानी में वायरस से संक्रमित कोई नया मरीज सामने नहीं आया है। केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप अभी स्टेज-2 पर है। ईश्वर से दुआ है कि यह स्टेज-3 पर न पहुंचे लेकिन ऐसा होता है तो हमारी तैयारियों में कमी नहीं रहनी चाहिए।


डॉ. सरीन की अध्यक्षता में गठित पांच डॉक्टरों की टीम मुझे 24 घंटों में रिपोर्ट देगी की हमें स्टेज-3 के लिए तैयार रहने के लिए कौन से कदम उठाने चाहिए।” मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाददाताओं से कहा कि पिछले 40 घंटों के दौरान राजधानी में कोरोना वायरस से संक्रमित कोई नया मरीज नहीं आया है। उन्होंने कहा कि हमें सतर्क रहना है और पूरी ऐहतियात बरतनी है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कुल 31 मरीज सामने आये, जिनमें से वर्तमान में 23 संक्रमितों का उपचार चल रहा है जबकि छह ठीक होकर घर भेजे जा चुके हैं। दिल्ली में कोरोना वायरस के असर से एक महिला की मौत हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा,“ मुझे यह देखकर बहुत प्रसन्नता हो रही है कि लोग कैसे एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। लोग एक-दूसरे को खाद्य पदार्थ उपलब्ध करा रहे हैं, किराये की वसूली स्थगित करने के साथ ही बीमारों की भी सहायता कर रहे हैं। मैं पूरी तरह निश्चिंत हूं कि हम कोरोना वायरस के संकट से जल्दी ही सफलतापूर्वक पार पा लेंगे।” उन्होंने मकान मालिकों से आग्रह किया कि यदि कुछ किरायेदार कोरोना वायरस की वजह से वर्तमान में किराया चुका पाने में समर्थ नहीं है तो उन्हें दो-तीन माह की रियायत दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार सभी दिहाड़ी मजदूरों और निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों को एक माह के लिए पांच हजार रुपए देगी जिससे कि काम नहीं होने की वजह से उनके समक्ष जीवनयापन का संकट नहीं हो। सरकार दिल्ली में रात्रि आश्रय गृहों की संख्या भी बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि इटली और कुछ अन्य देशों में कोरोना वायरस का जो प्रकोप हुआ उसको देखते हुए हमें पहले से ही तैयार रहना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से आगे लड़ने के लिए हमनें पांच बड़े डाक्टरों की टीम बनाई है जो अगले 24 घंटे में कोरोना वायरस के प्रकोप के स्टेज-3 की तैयारियों पर रिपोर्ट देगी। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण दिल्ली में लॉकडाउन है और राजधारी में धारा 144 लागू है। इस दौरान केवल दूध, सब्जी और राशन की दुकानों को खोलने की इजाजत है और कुछ आवश्यक सेवाओं में जुटे कर्मियों को आने-जाने की छूट है। दिल्ली की सभी सीमाएं सील की जा चुकी हैं और केवल आवश्यक सामान लाने वाले वाहनों को कर्फ्यू पास दिए गए हैं।


मरकज में क्वॉरेंटाइन सुविधा की पेशकश

नई दिल्ली। दिल्ली स्थित मरकज निजामुद्दीन में विभिन्न राज्यों से आए लोगों में तेलंगाना कुछ लोगों की कथित मौत के बाद मंगलवार को मरकज निजामुद्दीन ने अपने परिसर को संगरोध सुविधा के रूप में इस्तेमाल करने की सरकार को पेशकश की है।


मरकज ने जारी एक बयान में कहा है, “मर्कज निजामुद्दीन पूरे परिसर को वर्तमान में महामारी की चुनौती से निपटने में अधिकारियों की मदद करने के लिए एक संगरोध सुविधा के रूप में विनम्रतापूर्वक पेश करना चाहेगा।” बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि तब्लीगी जमात का कार्यक्रम राजधानी और बाद में देश भर में तालाबंदी की घोषणा से पहले ही शुरू हुआ था। बयान में आगे कहा गया है, “जब माननीय प्रधानमंत्री ने 22 मार्च, 2020 को जनता कर्फ्यू की घोषणा की, केंद्र में चल रहे कार्यक्रम को तुरंत बंद कर दिया गया। हालांकि 21 मार्च, 2020 को देश भर में रेलवे के अचानक रद्द होने के कारण आगंतुकों का एक बड़ा समूह परिसर में फंस गया।” मरकज ने बयान में आगे कहा है, “जनता कर्फ्यू के दौरान आगंतुकों को सलाह दी गई कि वे रात नौ बजे तक बाहर न निकलें। लेकिन इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अगले दिन यानी 23 मार्च को दिल्ली में एक सप्ताह की तालाबंदी की घोषणा की, जो कि 31 मार्च तक थी। इससे आगंतुकों की घर वापसी की संभावना कम हो गई।” मरकज ने बयान में पूरे प्रकरण का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया है, और कहा है कि संस्था देश में कोरोना वायरस महामारी के बीच जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन में अधिकारियों का पूरा सहयोग किया। मरकज ने साथ ही मीडिया पर आरोप लगाया कि संक्रमित लोगों और कथित तौर पर धार्मिक सभा में शामिल होने वालों की मौत के जे आंकड़े पेश किए गए, वे आधारहीन थे।


 


सड़क दुर्घटना में 3 की मौत, 1 घायल

हैदराबाद। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के करमनघाट क्षेत्र में रविवार तड़के एक कार दुर्घटना में तीन युवकों की मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। संदिग्ध रूप से नशे में धुत ये युवक 20-25 आयुवर्ग के थे। इनकी कार एक पेड़ से टकराने के बाद एक दीवार से टकरा गई। मृतकों में कार चालक भी है।


ये युवक शहर के निकट गुरमगुडा से पार्टी करके घर लौट रहे थे। घायल यात्री को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वहीं शवों को पोस्टमार्टम के लिए उस्मानिया अस्पताल भेज दिया गया था। एक मृतक इंजीनियर था, वहीं शेष दो मृतक एक प्रमुख कंपनी में मार्केटिंग अधिकारी थे। शहर में एक अन्य मामले में रविवार तड़के ही पॉश बंजारा हिल्स के पास एक कार ने सड़क किनारे लगी एक रेहड़ी में टक्कर मार दी। हालांकि उसमें कोई हताहत नहीं हुआ। पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि दुर्घटना के बाद कार चालक और अन्य सवार मौके से भाग गए। पुलिस कार की पंजीकरण संख्या से उनका पता लगाने की कोशिश कर रही है।


जम्मू-कश्मीर के लिए नीति बनाएगी सरकार

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को घोषणा की कि सरकार जम्मू और कश्मीर के लिए अधिवास (डोमिसाइल) नीति बनाएगी। पिछले साल जब से राज्य से विशेष दर्जा छिना है, तभी से इस बारे में मांग की जा रही है। शाह ने अल्ताफ बुखारी के नेतृत्च में हाल ही में गठित हुई ‘अपनी पार्टी’ के 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को नई दिल्ली में इस बारे में आश्वस्त किया।


अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि जम्मू-कश्मीर के लिए देश के अन्य राज्यों से बेहतर डोमिसाइल नीति बनाई जाएगी। साथ ही व्यापक आर्थिक विकास नीति का मसौदा भी जल्द तैयार किया जाएगा। शाह ने कहा, सरकार केन्द्रीय कानूनों को जम्मू-कश्मीर में लागू करन में कोई भेदभाव नहीं करेगी। सूत्र ने बताया कि शाह ने प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए करीब 40 मामलों पर चर्चा की। साथ ही उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार का इस क्षेत्र में जनसांख्यिकी को बदलने का कोई इरादा नहीं है। शाह ने कहा, “ऐसी बातों का कोई आधार नहीं है।” शाह ने शीघ्र औद्योगिक विकास के लिए एक औद्योगिक नीति बनाने की बात भी कही। इसके लिए एक लैंड बैंक भी बनाया जा चुका है। उन्होंने कहा, “पिछले 70 सालों में जम्मू-कश्मीर ने 13,000 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त किया है। इससे क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या का समाधान होगा।” बंदियों को निरोधात्मक हिरासत से मुक्त करने, इंटरनेट की बहाली, कर्फ्यू में ढील देने जैसी बातों का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा, “यहां तक कि राजनीतिक कैदियों को भी सरकार के इस मुख्य उद्देश्य के पूरा होते ही आने वाले समय में मुक्त कर दिया जाएगा कि एक भी व्यक्ति को नहीं मरना चाहिए, चाहे वह एक आम कश्मीरी हो या सुरक्षाकर्मी।” शाह ने कहा कि वो उप राज्यपाल को कहेंगे कि वो एक नोडल अफसर को तैनात करें जो हफ्ते में दो बार लोगों से मिले। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि सरकार उनके फीडबैक और सलाहों का स्वागत करती है। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और अन्य अधिकारी शामिल रहे। मीटिंग के बाद अल्ताफ बुखारी ने कहा, “हमने अपनी समस्याओं और आशंकाओं को साझा किया।


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...