सोमवार, 30 मार्च 2020

जमीयत उलेमा ने राशन वितरण किया

इकबाल अंसारी 
गाजियाबाद/लोनी। लॉक डाउन में उत्पन्न हुई समस्याओं से सभी वर्ग अपने-अपने सामर्थ के अनुसार संघर्षरत है। सबसे बड़ा संकट वायरस का संक्रमण फैलने से रोकना और भूख अथवा अभावग्रस्त लोगों की सहायता करना है। इसके लिए सभी जिम्मेदार नागरिक अनेक प्रकार से संभव सहयोग कर रहे हैं। इसी के तहत लोनी नगर के सदर हाजी अब्दुल अजीज कुरैशी जमीयत उलेमा एवं महासचिव मौलाना फैजुद्दीन आरिफ के सहयोग से सैकड़ों जरूरतमंद लोगों को जरूरी सामान वितरित किया।


सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति सतर्क नहीं

अतुल त्यागी जिला प्रभारी, प्रवीण कुमार रिपोर्टर पिलखुआ


हापुड़। पुलिस विभिन्न स्थानों वह गली मोहल्लों में लोगों की सुरक्षा हेतु कोरोना संक्रमित वायरस से लोगों को बचाव के लिए अपनी ड्यूटी निर्वाह कर रही है और लोगों से आग्रह कर रही है कि बेवजह अपने घर से बाहर ना निकले। उसके बावजूद भी पब्लिक कोरोना संक्रमित घातक बीमारी को समझ नहीं पा रही है। कुछ लोग दवाई का बहाना, तो कुछ लोग बैंक से पैसे निकालने का बहाना बनाकर सड़कों पर देखे जा रहे हैं। और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के बहार देखने को मिला। वहां लोग बैंक से पैसा निकालने के लिए बिना दूरी बनाए हुए खड़े दिखाई दिए जबकि सरकार ने इस महामारी से बचने के लिए भारत को लॉक डाउन किया हुआ है। उसी कड़ी में मेरठ किराए पर यातायात पुलिस वसिविल पुलिस ने लॉक डाउन उल्लंघन करने पर पुलिस ने 10 बाइक सीज की  तथा कई के चालान भी काटे गए मेरा जनपद हापुड़ की जनता से अनुरोध है कि यदि कोई जरूरी काम नहीं है तो  घर से  बाहर  बिल्कुल ना निकले क्योंकि  हापुड़ के पड़ोसी  जनपदों मैं कोरोना संक्रमित वायरस तेजी से फैल रहा है। ईश्वर की कृपा से व हापुड़ पुलिस की कड़ी मेहनत करने से अभी हमारे हापुड़ में कोई भी  व्यक्ति कोरोना संक्रमित से पॉजिटिव नहीं मिला है।जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनपद में 510 लोगों की जांच  कराई जा चुकी है जो कि सभी नेगेटिव पाए गए हैं।


हर जिले में 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड

रायपुर। कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार सभी जिलों में 100 बिस्तर वाले आईसोलेशन वार्ड स्थापित किए जा रहे हैं। यह आईसोलेशन वार्ड जिला चिकित्सालय परिसर में उपयुक्त स्थान पर बनेंगे, जहां सिर्फ कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों के इलाज की व्यवस्था होगी।


सभी जिला कलेक्टरों को इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने आज यहां राज्य स्तरीय कमाण्ड कंट्रोल सेन्टर में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में दी। बैठक में सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक श्री भुवनेश यादव, स्वास्थ्य संचालक श्री नीरज बंसोड,़ संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डाॅ. प्रियंका शुक्ला, डीएमई डाॅ. आदिले सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में सचिव श्रीमती सिंह ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति के साथ ही उनके परिजनों एवं सम्पर्क में आए लोगों के स्वास्थ्य के बारे में सर्विलेंस टीम के प्रभारी अधिकारियों से जानकारी ली। सचिव श्रीमती सिंह ने राज्य के जिला चिकित्सालयों में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक सामग्री एवं वीटीएम किट की उपलब्धता के बारे में भी पूछताछ की। श्रीमती सिंह ने सर्विलेंस टीम के प्रभारी अधिकारी को होम कोरेन्टाइन में रखे गए लोगों की स्थिति पर भी निरंतर निगरानी रखने के निर्देश दिए।


डॉक्टर की अनुशंसा पर मिलेगी शराब

तिरुवंतपुरम। केरल में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आये हैं। यहां संक्रमण से तो एक ही मौत हुई, जबकि लॉकडाउन के चलते शराब नहीं मिलने पर कई लोगों ने जान दे दी। इसके बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि डॉक्टर्स की पर्ची के साथ लोग शराब खरीद सकते हैं।


शराब की इस जानलेवा लत को छुड़वाने के लिए राज्य सरकार ने राज्य में नशा मुक्ति केंद्र भी बनवाए हैं और लोगों से इन केंद्रों में अपना इलाज करवाने की अपील भी की थी। केरल मेंटल हेल्थ सर्वे, 2018 के अनुसार, लगभग 50 हजार पुरुष शराब से संबंधित समस्याओं से पीड़ित हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली (UDF) और BJP की बार-बार दलीलों के बावजूद, विजयन सरकार  ने बुधवार को मोदी के 21 दिन की लॉकडाउन की घोषणा के एक दिन बाद तक राज्य के पेय पदार्थ निगम की सभी दुकानों को खुली रखने का फैसला किया था। विजयन ने कहा कि सभी दुकानों के अचानक बंद होने से अन्य सामाजिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। हालांकि दूसरा बड़ा कारण यह है कि राजस्व का नुकसान हो रहा था। केरल के 14 जिलों में कुल 301 खुदरा शराब की दुकानें हैं, जिनमें से 265 केरल राज्य पेय निगम के अधीन हैं। एक मौत दिल का दौरा पड़ने से, एक मौत शेविंग लोशन का सेवन करने से और 7 मामले आत्महत्या के हैं। गौरतलब है कि दक्षिणी राज्य केरल में कोरोना संक्रमण के लगभग 200 मामले सामने आ चुके हैं और अब तक इससे एक मौत भी हो चुकी है। लॉकडाउन में केरल में भी सभी होटल, बार और शराब की दुकानें बंद हो चुकी हैं जिससे वहां एक अलग ही ट्रेजडी देखने को मिल रही है। शराब न मिल पाने की वजह से आत्महत्या के मामलों में एक मामला त्रिसूर जिले के कोडंगलूर के 32 वर्षीय सुनील का है, जिसने नदी में कूदकर जान दे दी। पुलिस जांच में पता चला है कि शराब न मिल पाने की वजह से सुनील काफी परेशान हो गया था और वह देर रात घर से निकला और नदी में कूद गया। उसका शव त्रिसूर जिले के इरिनजलाकुडा से निकाला गया। दूसरा मामला 34 वर्षीय नौशाद का है जिसने शेविंग लोशन पीकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। वहीं कोल्लम के मुरलीधरन आचार्य की शराब न मिलने से हार्ट अटैक से मौत हो गयी। 46 वर्षीय एक व्यक्ति ने एक इमारत से कूदकर जान देने की कोशिश की जिसका कोट्टायम के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। एक मामला 38 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर सनोज का भी है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के चलते शराब न मिल पाने से ही पेड़ से लटककर जान दे दी।


मास्क-सैनिटाइजर की कालाबाजारी रोके

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और सभी जिलों के कलेक्टरों को हैंड सेनेटाइजर, मास्क सहित जरूरी चीजों की कालाबाजारी पर रोक लगाने और बाज़ार में आसानी से उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं। रायपुर की लॉ स्टूडेंट ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर हैंड सैनिटाइजर व फेस मास्क की उपलब्धता को लेकर हाईकोर्ट को चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने इस मामले को पी आई एल के रूप में स्वीकार किया था।


मामले पर सुनवाई करते हाइकोर्ट ने राज्य सरकार और सभी जिलों के कलेक्टरों को हैंड सेनेटाइजर, मास्क सहित ज़रूरी चीज़ो की कालाबाजारी पर रोक लगाने और बाज़ार में आसानी से उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं। दरअसल, रायपुर की लॉ स्टूडेंट ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर हैंड सैनिटाइजर व फेस मास्क की उपलब्धता को लेकर हाईकोर्ट को चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने इस मामले को पीआईएल के रूप में स्वीकार किया था। सोमवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार सहित जिलों के कलेक्टरों से इस मामले में गंभीरता बरतने और जरूरी सामानों को आसानी से उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। इसके साथ कोर्ट ने कहा है कि जो बच्चे बाल सुधार ग्रहों में बंद हैं, उनका जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सुरक्षा का खास खयाल रखा जाए। उन्हें मास्क व हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने जिन मामलों की सुनवाई पर अंतरिम स्थगन का आदेश 14 अप्रैल तक जारी किया था, उनकी अवधि 15 मई तक बढ़ा दी है। पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच द्वारा कि गई। पूरे मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई।


300 बसों से 15 हजार आए उत्तर-प्रदेश

नई दिल्ली। लॉकडाउन के ऐलान के बाद से ही दिल्ली में काम करने वाले लोग अपने राज्यों की ओर जाने लगे थे। लेकिन, शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पैदल आ रहे लोगों को उनके गांवों और शहरों तक पहुंचाने की घोषणा कर दी। इस घोषणा के बाद दिल्ली से हजारों लोग शनिवार शाम अपने घरों से निकलने लगे। लोगों को लगा कि वे बसों से घरों तक आसानी से पहुंच जाएंगे। नतीजा यह हुआ कि आनंद विहार अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर शनिवार रात 15 से 20 हजार लोग इकट्ठा हो गए थे। लोगों को तो परेशानी हो ही रही थी, पर इतनी भीड़ देखकर प्रशासन के भी हाथ-पैर फूल गए।


लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए दिल्ली सरकार ने शनिवार रात से ही लोगों को डीटीसी की बसों से उत्तर प्रदेश बॉर्डर से लगने वाले लाल कुंआ इलाके के पास छोड़ना शुरू किया। इसके लिए लगभग 600 बसें लगाई गईं। केजरीवाल सरकार ने प्राइवेट बस संचालकों से भी बात कर करीब 300 बसें हायर की हैं। ये बसें सुबह 6 बजे से गोरखपुर, आगरा, एटा, इलाहाबाद, लखनऊ जैसे शहरों में मुसाफिरों को पहुंचाने में लग गईं।


रविवार को भी सुबह से ही दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से लोग आनंद विहार अंतरराज्यीय बस टर्मिनल आने लगे। दिल्ली पुलिस बैरिकेड लगाकर इन लोगों को यहां आने से रोक रही है। इन्हें अपने वर्तमान ठिकानों पर लौटने के लिए कहा जा रहा है। कुछ लोग लौट भी रहे हैं, लेकिन अभी भी करीब 500 के आसपास लोग यहां खड़े हैं। दिल्ली पुलिस, प्रशासन के साथ ही एनडीआरएफ, दिल्ली नागरिक सुरक्षा की टीम यहां मौजूद है। ये तमाम लोग यहां व्यवस्था बनाने में लगे हुए हैं।बस टर्मिनल पर इकट्ठा हो रहे लोगों को पुलिस जवान लगातार समझाइश दे रहे हैं। लोगों को समझाया जा रहा है कि ‘आप लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। सभी के लिए उचित व्यवस्था की गई है।’ इन्हें मास्क लगाने और एक-दूसरे से दूर-दूर खड़े रहने के लिए भी लगातार कहा जा रहा है। एनडीआरएफ की टीमें यहां लोगों के हैंड सेनिटाइज करने के काम में भी लगातार जुटी हुई हैं।


कच्चा तेल पहुंचा 20 डॉलर प्रति बैरल

नई दिल्ली। कोरोनावायरस से लॉकडाउन के हालात ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। इस महामारी के रोज फैलने की खबरों के बीच अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें 20 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई हैं। पिछले 18 वर्षों में अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें इतनी नीचे आई हैं। दूसरी ओर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार 14 दिन से कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि राज्य में चलने वाले ईंधन खुदरा विक्रेता रोजाना सुबह 6 बजे कीमतों की समीक्षा करते हैं, लेकिन लगभग 14 दिनों से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस महीने ईंधन की दरें 2 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा सस्ती हो गई हैं।


तेल खुदरा विक्रेताओं IOC, HPCL और BPCL ने ग्राहकों को भरोसा दिलाया है कि 21 दिनों की लॉकडाउन अवधि के दौरान देश में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर का पर्याप्त स्टॉक है।उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगातार सोशल डिस्टेंसिंग के दिशानिर्देशों पर जोर दे रहे हैं। इससे नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले कई तेल उत्पादक इस बिजनेस से बाहर हो सकते हैं। भारत अमेरिका से एलएनजी और कच्चा तेल का आयात करता है। भारतीय कंपनियों ने अमेरिकी शेल गैस संपत्ति में 4 अरब डॉलर का निवेश किया है।


कच्चे तेल की कीमतें नीचे आने के बीच वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) सोमवार को 20.51 डॉलर प्रति बैरल के हाल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर कारोबार कर रहा था, जबकि अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट 26.86 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, यह जुलाई 2008 के 147 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर से नीचे था। गोल्डमैन सैच्स का अनुमान है कि कच्चा तेल 20 डॉलर प्रति बैरल के निशान को छू सकता है।हालांकि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारत जैसे प्रमुख उपभोक्ताओं को लाभ है, लेकिन भारतीय रिफाइनर्स ने भी अपने उत्पादन को धीमा कर दिया है और पश्चिम एशियाई उत्पादकों से कच्चे तेल की खरीद पर ज्यादा फोकस करने की घोषणा की है। क्योंकि भारत में लॉकडाउन की वजह से परिवहन ईंधन की मांग लगातार कम हो रही है। COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए भारत ने तीन सप्ताह के लॉकडाउन की घोषणा की है जिससे कि देश में घरेलू रसोई गैस की मांग में वृद्धि हो गई है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल खरीदार और चौथा सबसे बड़ा LNG आयातक है।


महाराष्ट्र में 8 की मौत, हालात बिगड़े

नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस के चलते हालात बिगड़ते जा रहे हैं। रविवार को पांच और मौतें हो गईं। मुंबई में 40 साल की महिला की जान चली गई। वह हाईपरटेंशन की मरीज भी थी। इसके अलावा राज्य के बुलढाणा में भी 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत संक्रमण के चलते हुई थी। इन्हें पहले निमोनिया की शिकायत बताई गई थी। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। रविवार को आई रिपोर्ट में पता चला कि वे कोरोना से संक्रमित थे।


रविवार को अहमदाबाद में 45 साल के व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। यह पहले से डायबिटीज से पीड़ित था। गुजरात में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 5 पर पहुंच गया है। जम्मू-कश्मीर में भी संक्रमण से 62 साल के व्यक्ति की जान चली गई। वह तंगमार्ग का रहने वाला था। डॉक्टर के मुताबिक उसे लीवर से जुड़ी बीमारी थी। इसके साथ राज्य में मरने वालों की तादाद 2 हो गई है। वहीं, पंजाब में रविवार को कोरोनावायरस से दूसरी मौत हुई। अमृतसर में 62 साल के व्यक्ति ने दम तोड़ दिया।


महाराष्ट्र में 8 लोगों की जान गई


महाराष्ट्र में कोरोना से अब तक 8 लोगों की जान गई। राज्य में लगातार तीसरे दिन संक्रमण के चलते मौतें हुईं। शनिवार को यहां संक्रमण से 4 मौतें हुई थीं। शनिवार को केरल के कोच्चि में 69 साल के बुजुर्ग की मौत हुई। यह राज्य में संक्रमण से मौत का पहला मामला है। तेलंगाना में भी इसी दिन संक्रमण के चलते पहली मौत हुई थी।10 हजार नए वेंटिलेटर खरीदने का फैसला गुरुवार को देश के अलग-अलग राज्यों में 7 संक्रमितों की जान गई थी। इनमें से दो सिर्फ राजस्थान के भीलवाड़ा में थीं। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने शुक्रवार को बताया था- ‘‘वेंटिलेटर की कमी दूर करने के लिए 10 हजार नए वेंटिलेटर खरीदने का फैसला लिया गया है। साथ ही सरकारी उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से 30 हजार वेंटिलेटर तैयार करने को कहा गया है।


पेट्रोल की बिक्री में 90 फीसदी गिरावट

नई दिल्ली। लाॅकडाउन का सबसे बुरा असर पेट्रोल पंपाें पर पड़ रहा है। इनकी बिक्री 90% तक घट गई है। दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमत गिरना और मांग में कमी को सरकार के लिए राहत की बात माना जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर लॉकडाउन जून तक चला तो सरकार का तेल अायात बिल 25 से 30% तक कम हाे सकता है। यानी करीब दो लाख करोड़ रुपए बचेंगे।


ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (एआईपीडीए) के अध्यक्ष अजय बंसल और सचिव गोपाल माहेश्वरी ने बताया कि देश में सरकारी कंपनियों के 68 हजार, निजी कंपनियों के 10 हजार पेट्रोल पंप हैं। अाम दिनों में राेजाना औसतन 32.5 करोड़ लीटर डीजल, 10 करोड़ लीटर पेट्रोल बिकता है। अब लॉकडाउन से बिक्री 10% ही बची है। ऑइल एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने बताया कि देश में कुल खपत का 86% तेल आयात होता है। लाॅकडाउन जब खत्म होगा तो डिमांड 4 से 6 हफ्ते में 10% बढ़ जाएगी। वहीं, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि अभी मांग घटने के साथ क्रूड ऑइल के दाम घटकर 27 डॉलर प्रति बैरल पर हैं। देश में 2018-19 में आॅइल इंपोर्ट 112 अरब डॉलर (7.83 लाख करोड़ रु.) था। अगर लॉकडाउन जून तक चले तो इससे इंपोर्ट बिल 25-30% घट सकता है। यानी करीब 2 लाख करोड़ रुपए की बचत हो सकती है। नुकसान: बिक्री गिरने से रोजाना 750 करोड़ रु. का राजस्व गंवा रहे। क्रूड ऑइल के इंपोर्ट बिल में बड़ा फायदा होने के साथ ही सरकार को िबक्री 90% घटने से एक्साइज ड्यूटी का नुकसान भी हो रहा है। केंद्र डीजल पर प्रतिलीटर 18.83 रुपए और पेट्रोल पर 22.98 रुपए एक्साइज ड्यूटी लेता है। इस हिसाब से डीजल पर उसे रोजाना करीब 550 करोड़ रुपए और पेट्रोल पर करीब 206 करोड़ रुपए का नुकसान रहा है। जबकि राज्य सरकारों को भी वैट के रूप में मिलने वाले राजस्व का नुकसान अलग से हो रहा है। आईओसी का भराेसा- डीजल-पेट्रोल रसोई गैस का देश में पर्याप्त स्टाॅक है।
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑइल (आईओसी) ने कहा है कि देश में पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि हमारे पास पेट्रोल-डीजल और एलपीजी का इतना स्टॉक उपलब्ध है कि पूरे अप्रैल प्रत्येक ग्राहक को आपूर्ति के बाद भी खत्म नहीं होगा। हमारे सभी एलपीजी बॉटलिंग प्लांट क्षमता से ज्यादा काम कर रहे हैं।


अंबाला से सोनीपत पहुंचा छोटा बच्चा

सोनीपत। कोरोना कोविड-19 के दौरान किए गए। लॉकडाउन के दौरान कुछ प्रवासी श्रमिक अपने घरों के लिए निकल लिए। इसी दौरान एक दस वर्षीय बच्चा अपने परिजनों से बिछड़ गया।


इस बच्चे को सोनीपत में जिला बाल कल्याण सोसायटी द्वारा रेस्क्यू किया गया और खाना खिलाकर इसके परिजनों की तलाश की गई। एक बच्चा गोलू अंबाला से अपने परिजनों की तलाश में पैदल निकल लिया। सोनीपत में प्रशासनिक अधिकारियों को यह बच्चा लावारिश हालत में मिला। चाईल्ड हैल्पलाईन की सूचना के बाद इस बच्चे को रात को रैन बसेरे में रखा गया और खाना खिलाया गया। इसके बाद इसके परिजनों की तलाश कर टीकरी बार्डर इस बच्चे को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया।


विधिवत जांच और क्वॉरेंटाइन के साथ

कोरोना वायरस पर जिला प्रशासन का प्रेसनोट


अयोध्या। अभी तक जनपद में कोरोना वायरस का एक भी केस पॉजिटिव नहीं पाया गया है। जिला प्रशासन का यह पूरा प्रयास होगा आगे भी यह रिकॉर्ड कायम रहे। जिला प्रशासन ,पुलिस प्रशासन के लोग सतर्क दृष्टि बनाए हुए हैं। जनपद में अन्य राज्यों से कार्य करने वाले प्रदेश के निवासी आ रहे हैं, उन सभी की विधिवत जांच कराने के साथ उन्हें क्वॉरटाइन किया जा रहा है।


उक्त जानकारी देते  हुए जिला मजिस्ट्रेट श्री अनुज कुमार झा ने बताया कि जनपद में बाहर से आने वाले व्यक्तियों की सूची बनाई जा रही है तथा उनकी सतत निगरानी  भी की जा रही है। किसी को घबराने और परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि जनपद वासियों का विगत 1 सप्ताह से मिले सहयोग का परिणाम है ,कि अभी तक जनपद में संक्रमण का कोई भी केस सामने नहीं आया है। जिला प्रशासन को जनपद वासियों  पर पूरा भरोसा है ,वे इसी तरह आगे भी सहयोग प्रदान करेंगे । जिला मजिस्ट्रेट ने आगे बताया कि संपूर्ण जनपद कि 95 से 98% जिला प्रशासन का पूरा सहयोग कर रही है ।हर क्षेत्र में कतिपय लोग लॉक डाउन के नियम को तोड़ रहे हैं ,ऐसे में नियम तोड़ने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी को सख्त कदम उठाने के निर्देश दे दिए गए हैं। जिसमें  अनाधिकृत रूप से दुकान खोलने, सड़क के किनारे पटरी पर सब्जी एवं फलों की दुकान लगाने के साथ अनावश्यक रूप से पैदल एवं वाहनों से बाहर निकलने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। लॉकडाउन के दौरान उन्हीं को छूट रहेगी जिनके लिए अलग से आदेश जारी किए गए हैं  जिला मजिस्ट्रेट ने आगे बताया कि जिला प्रशासन तहसील प्रशासन तथा पुलिस के लोग हर क्षेत्र में खाद्यान्न दूध दवा पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हैंहर स्थल हर सामग्री की होम डिलेबरी हो रही है। लॉक डाउन के नियम को तोड़ने वालों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी ।प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज की जा सकती है



 जिला मजिस्ट्रेट श्री अनुज कुमार झा ने बताया कि कोरोना वायरस से हर स्तर पर हर व्यक्ति ,शासन, व प्रशासन ,हर कोई जंग लड़ रहा है ।शासन एवम  जिला प्रशासन नागरिक सुविधाओं सहित रोजमर्रा की वस्तुएं दूध दवा रसद को घर -घर पहुंचाने का कार्य सफलतापूर्वक कर रही है। इस बीच शासन द्वारा  गरीब तबकों श्रमिक व मजदूरों, दिहाड़ी कामगारों को तात्कालिक सहायता प्रदान करने के दृष्टिकोण से धनराशि उनके खाते में सीधे जमा कराई जा रही है, साथ ही  संक्रमित  एवं  संदेहास्पद मरीजों  का निशुल्क  इलाज की व्यवस्था के साथ  उनके रहने  एवं  स्वास्थ्यवर्धक  भोजन  पानी की  व्यवस्था  भी कराई जा रही है ।ऐसे बहुत से लोग हैं जो स्वेच्छा से कोरोना वायरस की इस लड़ाई में अपना तन मन व धन से सहयोग प्रदान कर सामाजिक कर्तव्यों को निभाना चाहते हैं ।उक्त बाते जिला मजिस्ट्रेट श्री अनुज कुमार झा ने प्रेस/ मीडिया के मध्य करते हुए ऐसे सभी सामाजिक लोगों से अपील की है कि वे अपनी सहायता राशि मुख्यमंत्री पीड़ित सहायता कोष में जमा करा सकते हैं। उक्त कोष का खाता सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा सीबीआई कैंट रोड लखनऊमें है जिसका खाता संख्या              1378820696 IFSC कोड़ CBIN0281571 ब्रांच कोड   281571 है। लोग उक्त खाते में स्वेच्छा से दी जाने वाली राशि जमा करा सकते हैं। जिला मजिस्ट्रेट  श्री अनुज कुमार झा ने बताया कि जनपद में प्रचलित राशन कार्ड धारकों में से पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों में सम्मिलित मनरेगा जॉब कार्ड धारक, श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक ,दिहाड़ी मजदूर जो नगर निकाय विभाग में पंजीकृत हो, को एक माह का निशुल्क राशन उपलब्ध कराए जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है ।जिला मजिस्ट्रेट ने आगे बताया कि उपरोक्त के अतिरिक्त ऐसे दिहाड़ी मजदूर जिनके पास राशन कार्ड नहीं है ,का पात्रता के अनुसार उनका राशन कार्ड बनाया जाना है ।और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्राप्त खाद्यान्न उक्त माह  में उपलब्ध होने की स्थिति में नए राशन कार्ड धारकों को अनुमन्य खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि इस संबंध में सभी उप जिलाधिकारियों को पूर्व में 25 मार्च को ही आवश्यक   समस्त कार्रवाई समय से पूर्ण करने हेतु आदेश  जारी कर दिए गयेहै। साथ ही प्रत्येक उचित दुकान पर खाद्यान्न वितरण हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त करने वह संबंधित  विभागों से इन लाभार्थियों की सूची उचित दर विक्रेतावार प्राप्त कर उचित दर दुकानों को शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गए है। खाद्यान्न वितरण के रिकॉर्ड हेतु चार प्रारूप उचित दर के दुकानदारों को भेज दिया गया है।जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारीको व्यक्तिगत रूप से रुचि लेकर नोडल अधिकारियों का सघन पर्यवेक्षण करते हुए त्रुटि रहित खाद्यान्न वितरण कराना सुनिश्चित करेंगे तथा वितरण की सत्यापित सूची संकलित कर जिला पूर्ति अधिकारी श्री सोमनाथ यादव के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे। जिला मजिस्ट्रेट श्री अनुज कुमार झा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा घोषित   महामारी कोविड  19  के  परिपेक्षय में असंगठित क्षेत्रों के मजदूर व श्रमिकों को तात्कालिक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने हेतु स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फंड  से 3 करोड रुपए का शासन द्वारा जनपद आयोध्या को आवंटित किया गया है। जिसमें से  एक करोड़ 8लाख  रुपए की धनराशि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों एवं श्रमिकों को ₹1000  प्रति व्यक्ति की दर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु नगर आयुक्त नगर निगम अयोध्या को आवंटित कर दी गई है। जिला मजिस्ट्रेट श्री अनुज कुमार झा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान खाद्य पदार्थों की उचित मूल्य पर बिक्री करने हेतु खाद्यान्न फलों एवं सब्जियों कुल 36 पदार्थों के मूल्य जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित कर दिया गया है। ताकि कालाबाजारी और मुनाफाखोरी को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने बताया कि फुटकर में गेहूं 22 से ₹24 आटा ₹27  से 29 दाल अरहर 90 से ₹100 छिलका देसी अरहर दाल  ₹80 चना दाल 65 से ₹70 चना खड़ा 62 से ₹65 मूंग दाल 105 से ₹110 मसूर दाल 63 से ₹ 66 चावल का मन 25 से ₹28 चीनी ₹38 सरसों तेल 105 से ₹112 रिफाइंड आयल फार्च्यून ₹105 नेचर फ्रेश ₹100 डालडा ₹90 नमक सेंधा 38 से ₹40 मटर दाल 65 से ₹70  प्रति किलो निर्धारित किया गया है ।जबकि नमक ,पराग दूध पैकेट, माचिस व एलपीजी गैस एमआरपी या कंपनी द्वारा निर्धारित मूल्य पर बिक्री की जाएगी। फल एवं सब्जियों में आलू  26 से ₹28 प्याज 28 से ₹30 लहसुन 80 से 85 टमाटर 25 से ₹28 ,हरा मिर्च 40 से ₹45 ,गोभी 20 से ₹22 बैगन 20 से ₹22 लोकी  23 से ₹25 कद्दू 20 से 22 रुपये करेला 30 से ₹32 अदरक 55 से ₹60 नींबू 45 से ₹50 नारंगी 40 से ₹42 प्रति किलो, केला ₹50 प्रति दर्जन अनार  65 से ₹70 पपीता 43 से ₹50 सेब 100 से 110 अंगूर 75 से ₹80 प्रति किलो निर्धारित किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि  यदि कोई विक्रेता या दुकानदार अधिक दर पर बिक्री करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट,व भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जाएगी।


नमाज पढ़ने गए 8 लोग गिरफ्तार

मस्जिद में एक साथ नमाज पढ़ने गए 8 लोग गिरफ्तार
               
अयोध्या। अयोध्या जिले में लॉक डाउन नियम तोड़ने वाले लोगों पर पटरंगा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। 
मना करने के बावजूद नमाज के लिए मस्जिद पर भीड़ लगाने वाले आठ लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।


पुलिस का कहना है कि मना करने के बावजूद मखदूमपुर गांव के कुछ लोग समूह बनाकर मस्जिद के बाहर इकट्ठा थे।पटरंगा थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह पुलिस बल के साथ लाकडाउन के पालन के लिए गश्त पर निकले थे। इसी दौरान मखदूमपुर के समीप एक मस्जिद से दर्जन भर लोग समूह बनाकर निकल रहे थे। पुलिस टीम को देखकर यह लोग मौके से भागे लेकिन इतने में पुलिस ने आठ लोगों को पकड़ लिया। एसओ संतोष कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आठों व्यक्ति के विरुद्ध धारा-3 महामारी अधिनियम 1897 व धारा-51 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत धारा 269, 271 व 188 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है।


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इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...