गुरुवार, 5 मार्च 2020

32 सौ करोड़ की गड़बड़ी का लगा पता

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने तेल कंपनी के मामले में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) नहीं होने पर 3,200 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का पता लगाया है। वहीं दूरसंचार कंपनी के मामले में 324 करोड़ रुपये की टीडीएस भुगतान नहीं होने का पता चला है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने यह जानकारी दी। सीबीडीटी ने इन घटनाओं को बड़ी सफलता बताया। सीबीडीटी ने हालांकि इन कंपनियों के नाम नहीं बताए हैं। बोर्ड ने वहीं इसी तरह की एक अन्य कार्रवाई में पाया कि दिल्ली के कई अस्पताल टीडीएस नियमों का खुले तौर पर उल्लंघन कर रहे हैं और विभाग को कम कर का भुगतान कर रहे हैं। तेल कंपनी के मामले में विभाग ने कहा, भुगतान में जो गड़बड़ी है वह कर की कम कटौती और कर कटौती नहीं किया जाना शामिल है। आयकर कानून की धारा 194जे के तहत टीडीएस की अल्प कटौती का मामला बनता है। इसके तहत कई सालों के दौरान प्रतिष्ठानों और उच्च प्रौद्योगिकी की तेल रिफाइनरियों के रखरखाव और तकनीकी सेवाओं की फीस के भुगतान, एलएनजी परिवहन और पुन: गैसी करण के लिए होने वाली रासायनिक प्रक्रिया के लिए भुगतान के मामले में टीडीएस की कम कटौती की गई। वहीं उत्पादों की खरीद और सेवाओं सहित सकल अनुबंध में जहां दो प्रतिशत की दर से टीडीएस काटा जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। परिणामस्वरूप कंपनी से इसमें चूक हुई।


जेट एयरवेज के चेयरमैन के घर ईडी

नई दिल्ली। मुंबई में जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल के घर प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) का छापा पड़ा है। ईडी के घंटों पूछताछ के बाद बुधवार रात को उन्हें हिसासत में ले लिया गया। मिली जानकारी के अनुसार नरेश गोयल के खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नया मामला दर्ज करते हुए पूरा दिन पूछताछ की और देर शाम उनके आवास पर जाकर सर्च अभियान चलाया। प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत की है, जिसमें गोयल और जेट एयरवेज पर आपराधिक आरोप दर्ज किए गए हैं। एक ईडी अधिकारी ने बताया कि इससे पहले गोयल के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत जांच की जा रही थी, जिसमें उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के मुकाबले हल्के आरोप थे। अधिकारी ने बताया कि गोयल को बुधवार सुबह समन भेजकर ईडी ऑफिस तलब किया गया था, जहां उनसे देर शाम तक पूछताछ की गई। देर शाम एजेंसी के अधिकारी उन्हें साथ लेकर उनके आवास पर गए, जहां विभिन्न कागजातों की तलाश की गई। जेट एयरवेज के खिलाफ पिछले साल जुलाई में कॉरपोरेमेट मामलों के मंत्रालय के आदेश पर धोखाधड़ी की जांच चालू की गई थी।


होली अवकाश में भी काम करेगी पीठ

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में लंबित और कई महत्वपूर्ण याचिकाओं को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्य न्यायाधीश ने गुरुवार को बताया कि होली की सात दिनों की छुट्टी के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई के लिए एक सुप्रीम कोर्ट एक अवकाशकालीन पीठ गठित करेगा। बोबडे ने कहा कि सप्ताह भर चलने वाली होली की छुट्टियों के दौरान एक अवकाश पीठ यहां काम करेगी। सीजेआई ने कहा कि यह पीठ होली के दिन यानि 10 मार्च को छोड़कर पूरे सप्ताह काम करेगी। अब तक अवकाश पीठ केवल गर्मियों की छुट्टी के दौरान अदालत में बैठती थी। मुख्य न्यायाधीश ने यह बयान तब दिया जब एक वकील ने एक मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।


जम्मू-कश्मीर में 13 हजार करोड़ निवेश

जम्मू-कश्मीर से 370 हटने के बाद प्राइवेट कंपनियों ने दिए 13 हजार करोड़ निवेश के प्रस्ताव

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। जल्द ही उन्हें अपने ही सूबे में रोज़गार के सैकड़ों मौके मिलने लगेंगे और यह सब मुमकिन होगा प्राइवेट कंपनियों के हजारों करोड़ रुपये के निवेश से अर्टिकल 370 हटने के बाद से सिर्फ 5 महीने में निवेश के दर्जनों प्रस्ताव आए हैं। अब जम्मू-कश्मीर वालों को रोज़गार के लिए अपने घर और शहर को छोड़कर नहीं जाना होगा। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने हाल ही मेंलोकसभा में एक सवालके जवाब में बताया है कि अर्टिकल 370 हटने के बाद 5 अगस्त से लेकर 31 दिसम्बर 2019 तक जम्मू-कश्मीर में निवेश के 44 प्रस्ताव मिले हैं। यह सभी प्रस्ताव 13120 करोड़ रुपये के हैं। सभी प्रस्तावों की अलग-अलग विभागों में जांच चल रही है। जांच पूरी होते ही निवेश की मंजूरी दे दी जाएगी।
गृह राज्‍यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने एक बयान देते हुए बताया था कि 370 हटने के बाद 5 अगस्त 2019 से लेकर 24 जनवरी 2020 के बीच जम्मू-कश्मीर में 173 दिन में सिर्फ 22 सुरक्षाकर्मी ही शहीद हुए हैं। जबकि 13 फरवरी 2019 से 4 अगस्त तक 82 जवान शहीद हुए थे। दूसरी ओर 370 हटने के बाद से 32 आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया तो 10 को ज़िंदा पकड़ा गया है। जम्मू-कश्मीर से अर्टिकल 370 हटाने की चर्चा पर सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार ने कश्मीर घाटी में हिंसा का हवाला देते हुए कहा था कि कई साल से सीमा पार से आतंकवादियों को यहां भेजा जाता था। स्थानीय उग्रवादी और अलगाववादी संगठनों ने पूरे क्षेत्र को बंधक बना रखा था। ऐसे हालात में अगर सरकार नागरिकों की सुरक्षा के लिये एहतियाती कदम नहीं उठाती तो यह ठीक नहीं होता। केंद्र सरकार ने पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अर्टिकल-370 के कई प्रावधान खत्म कर दिए थे। साथ ही राज्‍य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में बांट दिया था।


ईरान में काम करने गए ,बनाए बंधक

पटना। ईरान में काम करने गए बिहार के कई युवाओं को बंधक बनाकर रखा गया है। बिहार के सारण सहित अन्य जिलों से ईरान की एक कंपनी के लिए काम करने गए बिहारी मजदूरों को वहां जागरण रोक कर रखा गया है। विधान परिषद में इस मामले को बीजेपी के विधान पार्षद संजय मयूख ने उठाया। विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल की कार्यवाही खत्म होने के बाद बीजेपी एमएलसी संजय मयूख ने  इसकी जानकारी सदन में दी। उन्होंने कहा कि  एक तरफ कोरोना वायरस को लेकर देश भर में अलर्ट की स्थिति है तो वहीं ईरान में काम करने गए बिहारियों को बंधक बनाकर रखा गया है। सरकार को इस दिशा में ठोस पहल करते हुए उन्हें छुड़ाना चाहिए।


सदन में संजय मयूख की तरफ से इस बाबत जानकारी दिए जाने के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहां है कि वह इस मामले में केंद्र सरकार से बातचीत कर जल्द ही बंधक बनाए गए मजदूरों को छुड़ाने के लिए पहल करेंगे। सुशील मोदी ने कहा कि सरकार पहले भी अन्य जगहों पर बंधक बनाए गए बिहारी मजदूरों को सफलतापूर्वक छुड़ा चुकी है और उन्हें उम्मीद है कि ईरान में कैसे बिहारी मजदूरों को भी जल्द वापस बुला लिया जाएगा। इस बाबत संजय मयूख ने कहा कि इरान में छपरा, गोपालगंज के लोगों को बंधक बनाया गया है। इसपर मैने आज सवाल उठाया। मेरी सरकार से मांग से है कि जिनका वीडियो वायरल हुआ है और उनके साथ- साथ वैसे लोग जिनका वीडियो नहीं वायरल हुआ है सभी को जल्द वापस बुला लिया जाए। मेरे इस सवाल पर डिप्टी सीएम ने कहा है कि जल्द ही सभी मजदूरों को वापस भारत लाया जाएगा।  


अनामिका


सरकारः 6 करोड़ कर्मचारियों को झटका

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 6 करोड़ कर्मचारियों को झटका दिया है। पीएम मोदी की सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के करीब छह करोड़ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पीएफ पर ब्याज दरें घटा दी है।


0.15 की कटौतीः पहले पीएफ पर 8.65 फीसदी ब्याज मिलता था, लेकिन केंद्र सरकार ने इसको घटना दिया। अब 8.5 प्रतशित ही ब्याज मिलेगा। ब्याज दरों में  0.15 फीसदी कटौती की गई है। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने दी है। बताया जा रहा है कि ईपीएफओ के लिए इस साल ब्याज दरें बनाए रखना मुश्किल हो रहा था। क्योंकि,  बॉन्ड, लॉन्ग टर्म एफडी से ईपीएफओ को जो रिटर्न मिलता है उसमें सालभर में  कमी आई है। जिसके बाद केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है. जिसका खामियाजा 6 करोड़ कर्मचारियों को भुगतना पड़ेगा।


मंत्री ने बताया कारणः केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि पिछली बार जो हमने रेट दिया था वो लोगों की अपेक्षाओं से बढ़कर दिया था। पर सारी व्यवस्थाओं को ध्यान में रखकर हमने इस बार 8.5 प्रतिशत रेट तय किया है। जिससे कि भविष्य में कोई समस्या हमारे सामने न आए। केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 2019-2020 के लिए कर्मचारियों की भविष्य निधि दर को कम करके 8.5 प्रतिशत करने का फैसला किया है. पहले यह दर 8.65 प्रतिशत थी।


मनीष कुमार


नितीश ने रात में बुलाई बैठक, की समीक्षा

पटना। बिहार में कोरोना वायरस के संकट को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीती रात अधिकारियों की बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार और अन्य अधिकारियों के साथ हाई लेवल बैठक के बाद आवश्यक निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना वायरस को लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने राज्य के ग्रामसभा को कोरोना वायरस पर सतर्कता के लिए बैठक बुलाने का आदेश दिया है। 


कोरोना वायरस को लेकर हाई लेवल मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने सरकार की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी का पालन कराने क्या निर्देश दिया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को सभी जरूरी उपाय करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव दीपक कुमार को यह भी कहा है कि सभी अस्पतालों में कोरोना वायरस के मद्देनजर समुचित व्यवस्था हो इस बात को तय कर लिया जाए। मुख्यमंत्री ने नेपाल से सटे बिहार के जिलों पर खास निगरानी बरतने की भी जरूरत बताई है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वह भीड़भाड़ वाली जगहों पर खास सतर्कता बरतें।  स्वच्छता का ख्याल रखें और लोगों को भी इसके बारे में जागरूक करें मुख्यमंत्री ने सभी ग्राम पंचायतों और ग्राम सभा की बैठक कराने का निर्देश देते हुए कहा है कि कोरोनावायरस के संबंध में निचले स्तर से जागरूकता आवश्यक है।


अनामििका


 


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...