बुधवार, 19 फ़रवरी 2020

चंडीगढ़ प्रशासन नहीं कर पाया कोई फैसला

ट्रिब्यून फ्लाईओवर: प्रशासन नहीं ले पाया कोई फैसला, सांसद का मत- पक्ष में हो रिपोर्ट


आमित शर्मा


चंढीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा ट्रिब्यून फ्लाईओवर की जगह अन्य विकल्प तलाशने के आदेश पर चंडीगढ़ प्रशासन अब तक कोई फैसला नहीं ले पाया है। शहरवासियों की तरफ से दिए सभी सुझावों को प्रशासन रद्द कर चुका है, ऐसे में वह हाईकोर्ट को क्या विकल्प दें, इसको लेकर अधिकारी असमंजस की स्थिति में हैं। सांसद किरण खेर का मत है कि प्रशासन फ्लाईओवर के पक्ष में रिपोर्ट दे लेकिन प्रशासक वीपी सिंह बदनौर अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाए हैं।12 फरवरी को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में प्रशासन ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय की मांग की है। फ्लाईओवर के मुद्दे पर अमर उजाला ने प्रशासन के सभी वरिष्ठ अधिकारियों से बात की। अधिकारी भी असमंजस की स्थिति में हैं। उन्हें कोई अन्य विकल्प नहीं सूझ रहा। ऐसे में प्रशासन कोर्ट के सामने कई प्रस्ताव रखने वाला है। सूत्रों के अनुसार, प्रशासन के अधिकारी यह भी सोचकर चल रहे हैं कि रिपोर्ट कुछ भी हो, उसके खिलाफ कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट का रुख जरूर करेंगे। वहां पर केस लटक जाएगा और फिर पूरा प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला जाएगा। ऐसी स्थिति से बचने के लिए यूटी प्रशासन हाईकोर्ट में तीन-चार विकल्प देने की तैयारी कर रहा है। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह अपनी रिपोर्ट में यह बताएंगे कि ट्रिब्यून चौक पर सिग्नल फ्री इंटरचेंज का प्रस्ताव सफल नहीं हो पाएगा। इससे एक-दो साल लोगों को कुछ राहत जरूर मिलेगी लेकिन यह पक्का रास्ता नही होगा। कुछ ही सालों बाद वहां फिर से जाम लगने लगेगा। इसलिए वह कोई पक्का रास्ता निकालना होगा। कहा कि, अगर मंजूरी मिलती है तो वह हाईकोर्ट को बताएंगे कि कैसे वह विभिन्न चरणों में फ्लाईओवर का निर्माणकार्य पूरा करेंगे। इसके बाद वह हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट इस फ्लाईओवर के लिए पेड़ों की कटाई करने पर रोक लगा चुका है। सैकड़ों पेड़ों के काटे जाने पर चिंता जताते हुए कहा था कि पर्यावरण एक महत्वपूर्ण मामला है। लिहाजा पहले यहां की ट्रैफिक की समस्या के लिए फ्लाईओवर के अलावा कोई अन्य विकल्प है तो उस पर भी गौर किया जाना बेहद जरूरी है, ताकि इन सैकड़ों पेड़ों को बलि दिए जाने से बचाया जा सके। सांसद का मत, फ्लाईओवर के पक्ष में रिपोर्ट दे प्रशासन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सांसद किरण खेर चाहती हैं कि प्रशासन अपनी रिपोर्ट में साफ कहे कि उन्होंने हर तरह का सर्वे कर लिया है और ट्रिब्यून चौक पर लगने वाले जाम से निपटने के लिए फ्लाईओवर ही एकमात्र रास्ता है। हालांकि अभी तक प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने अपना रुख साफ नहीं किया है। जानकारी के अनुसार इस बारे प्रशासक से भी चर्चा की जाएगी और अगर वह भी फ्लाईओवर के पक्ष में दिखाई देते हैं तो प्रशासन फ्लाईओवर के पक्ष में रिपोर्ट कोर्ट में सौंप सकता है। एडवाइजरी काउंसिल में भी जा सकता है ट्रिब्यून फ्लाईओवर का मुद्दा हाईकोर्ट में ट्रिब्यून फ्लाईओवर को लेकर अगली सुनवाई 26 मार्च को है। ऐसे में ट्रिब्यून फ्लाईओवर का मुद्दा एडवाइजरी काउंसिल में भी जा सकता है। अधिकारी यह भी मानकर चल रहे हैं कि प्रशासक वीपी सिंह बदनौर इस मुद्दे पर आखिरी फैसला लेने के लिए इसे एडवाइजरी काउंसिल में भी भेज सकते हैं। इस काउंसिल में विभिन्न क्षेत्रों के लोग सदस्य हैं। ऐसी स्थिति में प्रशासन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए हाईकोर्ट से और भी समय की मांग कर सकता है। बता दें कि 23 दिसंबर को प्रशासन ने यूटी गेस्ट हाउस में जन सुनवाई की थी। इस दौरान 72 लोगों ने लिखित और बोलकर सुझाव दिए जबकि 8 लोगों ने प्रेजेंटेशन के जरिए अपनी बात कही। इसके बाद वित्त सचिव अजॉय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में एक टेक्निकल कमेटी का गठन किया गया, जिसने आठों प्रेजेंटेशन को देखा। कमेटी ने 7 प्रस्तावों को रद्द कर एक तरुण माथुर के सिग्नल फ्री इंटरचेंज को विस्तृत रुप से समझने के लिए अलग से बैठक रखी। बैठक के बाद कमेटी ने उस प्रस्ताव को भी रद्द कर दिया।


अचानक ब्रेक लगाने से तीसरी कार पलटी

कार ने राहगीर को मारी टक्कर, 10 फुट उछला,दूसरी कार की छत पर गिरा, मौत


पंचकूला-शिमला। हाईवे पर मंगलवार रात दिल दहलाने वाला हादसा, अचानक ब्रेक लगाने से तीसरी कार पलटी। हादसे में घायल की मौत, पुलिस मृतक की पहचान में जुटी है, तीनों क्षतिग्रस्त कारों को कब्जे में लिया।करीब 10 फुट उछलकर दूसरी साइड गिरा व्यक्ति, गांव जुलमगढ़ के पास हुआ हादसा। पंचकूला-शिमला हाईवे पर मंगलवार रात गांव जुलमगढ़ के पास सड़क पार कर रहे व्यक्ति को एक कार ने जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि वह करीब 10 फुट ऊपर उछलकर डिवाइडर पार पिंजौर की तरफ से आ रही हरियाणा नंबर की कार की छत पर जा गिरा और लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। घबराए कार चालक ने तुरंत गाड़ी रोक दी। इसी दौरान पीछे आ रहे वैगनआर कार चालक ने भी तेजी से ब्रेक लगाया तो वैगनआर पलट गई। हादसे में लहूलुहान होकर सड़क पर गिरे व्यक्ति की मौत हो गई जबकि तीनों कार सवार कई लोग घायल हो गए। पुलिस जब तक मौके पर पहुंची घायल अस्पताल रवाना हो गए थे। खबर लिखे जाने तक मृतक की शिनाख्त नहीं हो सकी थी। शव को मोर्चरी में रखवाकर पुलिस ने क्षतिग्रस्त कारों को कब्जे में लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद सलाउद्दीन ने बताया कि हादसा उस वक्त हुआ जब एक व्यक्ति सड़क पार कर रहा था। पंचकूला से पिंजौर जा रही एक कार नंबर एचआ49जी-2340 के चालक ने सड़क पार कर रहे व्यक्ति को जोरदार टक्कर मार दी। इससे व्यक्ति करीब 10 फुट ऊपर उछलकर डिवाइडर पार कर दूसरी साइड पिंजौर से पंचकूला की ओर जा रही कार नंबर एचपी17ई-7675 की छत पर जा गिरा। व्यक्ति के अचानक ऊंचाई से कार की छत पर गिरने से एचपी नंबर की कार अचानक रुक गई। इसी बीच कार के पीछे पिंजौर से पंचकूला की ओर आ रही मारुति वैगनआर कार नंबर सीएच04जे-3194 के चालक ने अचानक ब्रेक लगाई तो कार पलट गई। गनीमत रही कि हादसे में वैगनआर कार का चालक और एचपी नंबर की कार के चालक बाल-बाल बच गए। पुलिस ने सभी क्षतिग्रस्त वाहनों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस फिलहाल मृतक की शिनाख्त के प्रयास में जुटी है। इसके अलावा पुलिस उक्त हरियाणा नंबर की कार के आरोपी चालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में जुटी है। लोग लगाते रहे फोन, नहीं लगा पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर  चश्मदीदों ने बताया कि उन्होंने पुलिस को हादसे की सूचना देने और मदद के लिए कई बार पुलिस कंट्रोल रूम को फोन लगाए लेकिन घटनास्थल से कंट्रोल रूम को कोई फोन नहीं लगा। लोगों ने चिंता व्यक्त कर कहा कि इससे पहले भी घटनास्थल के समीप से पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन लगने में परेशानी बनी रही है। यातायात हुआ प्रभावित:
पंचकूला-शिमला हाईवे पर सड़क हादसे के बाद वाहनों की गति धीमी हो गई। कई वाहन चालक मौके पर रुककर घायलों की मदद में जुट गए और उन्हें अस्पताल पहुंचाया। हालांकि पुलिस जब तक मौके पर पहुंची वहां कोई घायल नहीं मिला। एसएचओ चंडी मंदिर नवीन ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है। पुलिस जब तक मौके पर पहुंची, घायल अस्पताल रवाना हो चुके थे। जब पुलिस सेक्टर-6 सिविल अस्पताल पहुंची तो वहां भी कोई घायल नहीं मिला। मामले की जांच की जा रही है।


हिमकेयर के तहत उपचार की सुविधा

पीजीआई चण्डीगढ़ में हिमकेयर योजना के तहत उपचार की सुविधा उपलब्ध


आमित शर्मा


चंडीगढ़। पीजीआई चण्डीगढ़ में हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी हिमकेयर योजना के तहत उपचार की सुविधा उपलब्ध है। यह जानकारी आज यहां जिला विकास समन्वयक एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में प्रदान की गई। बैठक की अध्यक्षता शिमला लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप ने की। बैठक में जानकारी दी गई कि पीजीआई चण्डीगढ़ में हिमकेयर योजना स्वास्थ्य कार्ड से सम्बिन्धित सहायता के लिए सहायता काउंटर स्थापित किया गया है। यहां पर इस कार्य के लिए कर्मी नरेन्द्र से मोबाईल नम्बर 076967-59990 पर सम्पर्क किया जा सकता है। यह सहायता काउंटर पीजीआई चण्डीगढ़ के न्यू ओपीडी एक्सटेंशन ब्लाॅक में स्थापित किया गया है।  
हिमकेयर योजना से प्रदेश के वे सभी नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं जो महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना के दायरे से बाहर हैं। इस योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपए तक का निःशुल्क उपचार उपलब्ध है।
बैठक में बताया गया कि हिमकेयर योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया 31 मार्च, 2020 तक पुनः आरम्भ की गई है।


सचिवालय एंट्री मे बनवाने पड़ेंगे पास

राणा ओबराय

सिविल सचिवालय चंडीगढ़ में वीआईपी एंट्री पर मंत्रियों, एमएलए के साथ आये लोगो को भी बनवाना होगा पास

चण्डीगढ़। हरियाणा सिविल सचिवालय चंडीगढ़ में वीआईपी लोगों जैसे मंत्रियों एमएलए एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आए लोगों को सचिवालय में वीआईपी गेट से एंट्री नहीं मिलेगी। सभी वीआईपी के साथ आए लोगों को अब वीआईपी गेट पर पास बनवाना होगा। उक्त जानकारी देते हुए राकेश कुमार ने बताया पहले लोग मंत्रियों, एमएलए और वीआईपी के साथ बिना पास के चले जाते थे। परंतु अब वीआईपी के साथ आये लोगो को एंट्री पास बनवाना अनिवार्य है।


पीएम मोदी ने लिट्टी-चोखा का लिया स्वाद

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित ‘हुनर हाट’ में बुधवार को अचानक पहुंचे। वहां लिट्टी-चोखा खाया एवं कुल्हड़ की चाय पी,जिसका भुगतान उन्होंने खुद किया। सूत्रों के मुताबिक मोदी दिन में करीब डेढ़ बजे इंडिया गेट के निकट राजपथ पर लगे ‘हुनर हाट’ में पहुंचे और वहां लगभग 50 मिनट तक रहे। मोदी ने विभिन्न स्टॉल पर जाकर उत्पादों को देखा और उनके बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री पहली बार किसी हुनर हाट में पहुंचे हैं। सूत्र के अनुसार,‘प्रधानमंत्री का यह दौरा तय नहीं था। वह बुधवार की दोपहर अचानक ही हुनर हाट पहुंचे। इससे वहां सभी लोग हैरान रह गए। उनके पहुंचने की जानकारी पाते ही अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तत्काल वहां पहुंचे और उनकी अगवानी की।’ सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने ‘हुनर हाट’ में मौजूद एक स्टॉल पर रुककर लिट्टी-चोखा खाया,जिसके लिए उन्होंने 120 रुपये का भुगतान किया। इसके साथ ही उन्होंने दो कुल्हड़ चाय भी ली,जिसमें से एक उन्होंने स्वयं ली और दूसरी चाय नकवी को दी। मोदी ने चाय के लिए भी 40 रुपये का भुगतान किया। बता दें कि “कौशल को काम” थीम पर आधारित यह ”हुनर हाट” 13 से 23 फरवरी तक आयोजित किया गया है,जहां देश भर के “हुनर के उस्ताद” दस्तकार, शिल्पकार, खानसामे भाग ले रहे हैं। विदित हो कि अगले “हुनर हाट” का आयोजन रांची में 29 फरवरी से 8 मार्च, 2020 तक होगा। इसके बाद चंडीगढ़ में 13 से 22 मार्च, 2020 तक किया जाएगा।  आने वाले दिनों में “हुनर हाट” का आयोजन गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, देहरादून, पटना, भोपाल, नागपुर, रायपुर, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, अजमेर आदि में किया जाएगा।


अगले 3 साल सभी प्रारूप खेलूंगा: विराट

वेलिंग्टन। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली खुद को तीन मुश्किल वर्षों के लिए तैयार कर रहे हैं। इन तीन वर्षों में वह सभी तीनों प्रारूपों में खेलेंगे। इसके बाद वह अपने वर्कलोड का आकलन करेंगे। कोहली चाहते हैं कि ट्रांजेशन पीरियड सेट हो जाए और उसके बाद वह इस पर विचार करें। दुनिया के चोटी के बल्लेबाज की नजर अगले तीन साल में होने वाले दो टी20 वर्ल्ड कप और एक 50 ओवरों के वर्ल्ड कप पर है। इसके बाद वह तीन में से किन्हीं दो प्रारूपों में खेलने पर विचार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, मेरी नजर बड़ी तस्वीर पर है। मैं खुद को अगले तीन साल के लिए तैयार कर रहा हूं। उसके बाद शायद मैं अलग बात करूंगा। शुक्रवार से न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू हो रही टेस्ट सीरीज से पहले प्रेस क्रॉन्फ्रेंस में थकान और वर्कलोड मैनेजमेंट पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, इस विषय से आप छुप नहीं सकते। करीब 8 साल से मैं साल में लगभग 300 दिन खेल रहा हूं, इसमें सफर और प्रैक्टिस सेशन शामिल हैं। और हर बार उतने ही जोश और जुनून के साथ मैदान पर उतरता हूं। इससे आप पर काफी दबाव पड़ता है। कोहली इस साल 31 वर्ष के हो जाएंगे, उन्होंने माना कि बीच-बीच में ब्रेक लेते रहने से उन्हें फायदा हुआ है। उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि खिलाड़ी हर समय इसी के बारे में सोचते रहते हैं। हम निजी रूप से बीच-बीच में ब्रेक लेते रहते हैं हालांकि कई बार शेड्यूल आपको ऐसा करने की इजाजत नहीं देता। यह उन खिलाडिय़ों के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है जो तीनों प्रारूपों में खेलते हैं। कोहली के लिए यह सिर्फ प्रदर्शन की बात नहीं है लेकिन कप्तानी की भी बात है जिसमें आपको रणनीति बनाने के लिए लगातार दिमाग ऐक्टिव रखना पड़ता है। उन्होंने कहा, कप्तान होना, प्रैक्टिस सेशन में भी वही जोश दिखाना, यह सब आसान नहीं है। इससे आप पर काफी जोर पड़ता है। बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना अच्छा रहता है। उन्होंने कहा, जब मेरा शरीर और दबाव नहीं झेल पाएगा, जब मैं 34 या 35 साल का हो जाऊंगा, तब शायद हम अलग बात करेंगे। अगले दो-तीन साल तक कोई समस्या नहीं है। 2023 विश्व कप तक अपनी मौजूदगी और फॉर्म की अहमियत को कोहली बखूबी समझते हैं। उन्होंने कहा, मैं इसी जज्बे से खेल सकता हूं और समझता हूं कि टीम को अगले दो-तीन साल तक मेरे सहयोग की जरूरत है, तो मैं चाहता हूं कि एक ओर ट्रांजिशन पीरियड से टीम आसानी से गुजर जाए।


कर्ज लेकर खा-खिला सकते हैं पिज्जा-बर्गर

नई दिल्ली। अब आप कर्ज लेकर पिज्जा-बर्गर खा और खिला सकते हैं। ऑनलाइन वित्तीय कंपनियां (फिनटेक) अब ई-कॉमर्स से छोटी-मोटी खरीदारी के साथ एप के जरिए खाना मंगाने के लिए भी तुरंत कर्ज की पेशकश कर रही हैं। इसे कंपनियों ने ‘अभी खर्च करो और बाद में चुकाओज् (बाई नाऊ पे लेटर) नाम दे रखा है।
कंपनियां कर्ज देने से पहले आपके और दोस्तों के सोशल मीडिया प्रोफाइल देखती हैं। मोबाइल या टेलीफोन बिल चुकाने का इतिहास, ऑनलाइन शॉपिंग का तरीका और इंटरनेट पर बिताए जाने वाले वक्त पर भी नजर रखी जाती है। खर्च करने के तरीके को भी देखा जाता है। अगर प्रोफाइल इन बातों के मुताबिक होता है तो पैन और आधार कार्ड अपलोड करते ही कर्ज मिल जाता है।
फिनटेक कंपनियां स्पेंड नाऊ पे लेटर के तहत किसी पर्यटन स्थल पर छुट्टियां बिताने जाने के लिए टिकट और होटल की बुकिंग तक के लिए कर्ज दे रही हैं।


इस पेशकश के जरिए कंपनियां 100 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक की खरीदारी की सुविधा देती हैं। हालांकि, ग्राहकों की वित्तीय स्थिति के मुताबिक कुछ कंपनियां 30 हजार से दो लाख रुपये तक खर्च करने की सीमा देती हैं।
ऑनलाइन खाते से लेनदेन कंपनियां शुरुआत में उन युवाओं को आसानी से कर्ज देती हैं जिन पर पहले से कोई कर्ज नहीं होता है। ये ऑनलाइन खाते खोलती हैं, जो आईडी और पासवर्ड से संचालित होते हैं। आपकी क्रेडिट सीमा के अनुसार उसमें कंपनियां राशि पहले से डाल देती हैं। कंपनियां खर्च राशि पर 36 फीसदी तक ब्याज वसूलती हैं। देरी से बिल चुकाने और अन्य जुर्माने को जोड़ लें तो यह काफी महंगा पड़ता है। कंपनियां 10 रुपये प्रतिदिन से बिल की राशि का 30 फीसदी तक शुल्क वसूलती हैं।


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...