शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

निर्दलीय विधायकों का खट्टर को समर्थन

राणा ओबराय

हरियाणा के निर्दलीय विधायकों ने बिना पैसा लिए खट्टर सरकार को दिया है समर्थन, हुड्डा सरकार में खरीदे जाते थे आजाद विधायक


सिरसा- चंडीगढ़। बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह बजट पर चर्चा करने के लिए बुलाए गए प्री बजट सत्र को लेकर की गई पहल की सराहना की है और कहा कि यह मुख्यमंत्री की अनोखी पहल है। उन्होंने कहा कि इस चर्चा में विधायक अपना अपना सुझाव रख सकेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि बजट सत्र लंबा होने से विधायकों को अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाने का मौका मिलेगा। बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह अपने आवास पर आज मीडिया से रूबरू हो रहे थे।
उन्होंने कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा द्वारा निर्दलीयों को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जो निर्दलीयों की बैसाखी पर चल रही सरकार गिरने का दावा कर रहे हैं, उनके शासन में निर्दलीयों को पैसों से खरीदा जाता था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच है कि केवल निर्दलीयों को कैसे से ही काबू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में विधायक खरीदे करते थे। उन्होंने कहा सभी निर्दलीय विधायकों ने अपने सिद्धांतों की वजह से बिना कोई रिश्वत लिए मौजूदा सरकार को समर्थन दे रखा है। सरकार के 100 दिन पूरे होने पर उन्होंने कहा कि सरकार सही दिशा में काम कर रही है और लोगों को भरोसा है कि सरकार उनके लिए काम कर रही है। साथियों की 100 दिन के शासनकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले मौजूदा सरकार ने लिए हैं। बिजली चोरी रोकने के लिए आयोजित बिजली पंचायतों को लेकर उन्होंने कहा कि इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सही समय पर बिजली बिल भरने वालों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा प्रोत्साहित करने के लिए नई घोषणा की जा सकती है। रानिया में डार्क डॉन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार इस मसले को लेकर गंभीर है और वो इस पर काम कर रहे हैं और सरकार इसका हल निकालने का प्रयास कर रही है।


लापताः बालक की कुँए में तैरती लाश

कोरबा। रामपुर चौकी अंतर्गत आरामशीन क्षेत्र से 4 दिन पूर्व लापता हुए 8 वर्षीय बालक की लाश स्थानीय कुएं से बरामद की गई है। मामले में परिजनों ने हत्या का संदेह जाहिर किया है। पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर विवेचना की जा रही है।
आरामशीन मोहल्ला निवासी अभिषेक साहू 8 वर्ष पिछले 4 दिन से लापता था, परिजन उसकी खोजबीन में जुटे हुए थे। रामपुर चौकी पुलिस को भी गुमशुदगी की सूचना दी गई थी। परिजनों व शुभचिंतकों से भी बालक के संबंध में पतासाजी की जा रही थी। इसी बीच लापता बालक अभिषेक साहू के खोजबीन के दौरान शनिवार की सुबह आरा मशीन क्षेत्र के एक कुएं में उसकी लाश मिली। बालक का शव कुएं में देखे जाने की सूचना जल्द ही आसपास में फैल गई और इसके साथ मौके पर काफी संख्या में लोगों की भीड़ लग गई। रामपुर चौकी प्रभारी राजेश चंद्रवंशी स्टाफ के साथ यहां पहुंचे। इसके बाद मृतक का शव कुएं से बाहर निकाला गया। पंचनामा और परिजनों के बयान के साथ शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। मृतक के परिजनों ने इस बात की आशंका जताई है कि अभिषेक की हत्या करने के बाद उसे कुएं में फेंक दिया गया ताकि मामले को सामान्य घटना से जोड़ा जा सके। पुलिस ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज कर लिया है। शव परीक्षण रिपोर्ट में तथ्यों का खुलासा हो सकेगा। इसके आधार पर आगे पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच करेगी।


निष्ठाः भूखे गोवंश, मरने के कगार पर

अतुल त्यागी जिला प्रभारी, प्रवीण कुमार रिपोर्टर पिलखुआ


हापुड़। योगी सरकार के गोवंशों की दुर्दशा समय पर चारा नहीं मिलने पर गोवंश मरने की कगार पर गोवंशों की देखभाल करनेवाले कर्मचारी का नहीं मिला कई महिनों से वेतन। आपको बता दें मामला जनपद हापुड़ के कोतवाली बाबूगढ़ क्षेत्र के गांव विगास का है जहां 32 गोवंशो  में से मात्र 17 गोवंश बच्चे हैं बाकी सब भूखे और बीमार रहने की वजह से मर चुके हैं अभी भी कई गोवंश मरने की कगार पर जिससे परेशान ग्रामीणों ने अब हल्ला बोल दिया है ग्रामीणों ने दिया गौशाला के नाम पर ठगाई करा। स्थानीय ग्रामीणों का कहना यह गौशाला नहीं मृत साला है 32 गोवंशों में से केवल 17 ही गोवंश बचे है बाकी सब मर चुके हैं गोवंशों को देखने के लिए डॉक्टरों की टीम भी नहीं उपस्थित। खाने को चारा भी नहीं मौके पर ग्रामीणों का कहना गोवंशो को मुख्यमंत्री जी को छुड़वा देना चाहिए यहां बंधक बने रहने से तो गोवंश दिन पर दिन मरने की कगार पर दिखाई दे रहे हैं जिससे गांव वालों को दुख होता है। स्थानीय अधिकारी भी देखने के लिए तैयार नहीं है कई महीनों से गोवंशो की देखभाल करने के लिए लगाए गए कर्मचारी का वेतन नहीं मिला है ग्रामीण भी परेशान नहीं देखी जाती गोवंश की दुर्दशा।


टीचर पर अश्लीलता, वशीकरण का आरोप

राणा ओबराय


सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल ने महिला टीचर पर बच्चों को अश्लील वीडियो दिखाने व वंशीकरण करने का लगाया आरोप

पंचकुला। पंचकूला के सकेतड़ी गांव के सरकारी स्कूल में महिला टीचर पर बच्चों को अश्लील वीडियो दिखाने और बच्चों को कुछ खिलाकर वंशीकरण में करने का आरोप उसी स्कूल की प्रिंसिपल ने लगाए है। इन आरोपों के बाद स्कूल के छात्रों ने प्रिंसिपल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्कूल की प्रिंसिपल सुदेश सिंह ने सांइस टीचर पूजा चौधरी पर आरोप लगाए थे और कहा था कि पूजा चौधरी बच्चों को लेपटॉप पर अश्लील वीडियो दिखाती है और बच्चों को वंशीकरण में किया हुआ है। साथ ही कहा की महिला साइंस टीचर द्वारा बच्चों को खिड़की बंद करके लैपटॉप से गलत वीडियो दिखाई जाते हैं। इस घटना के बाद स्कूल के छात्रों ने स्कूल प्रिंसिपल के आरोपों का विरोध किया। स्कूल के छात्रों का कहना है कि उनकी साइंस टीचर ना केवल उन्हें सुबह 8:00 बजे विशेष रूप से एक्स्ट्रा क्लास में पढ़ाती है। बल्कि लैपटॉप के जरिए साइंस के विभिन्न पहलुओं को नई टेक्नोलॉजी के साथ उन्हें समझाती हैं। जो उन्हें आसानी से समझ आ जाते हैं।साथ ही सभी छात्रों ने एक सुर में साइंस टीचर पूजा चौधरी के पढ़ाने की शैली का समर्थन करते हुए कहा की प्रिंसिपल द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। यहां तक कि प्रिंसिपल सुदेश सिंह ने कक्षा नौवीं व दसवीं के छात्र छात्राओं को उनका रोल नंबर काट देने की धमकी तक दी थी। छात्रों का कहना है कि प्रिंसिपल उन्हें पिछले कुछ दिनों से साइंस टीचर पूजा चौधरी के खिलाफ गलत गलत बातें बोलकर भड़काने की कोशिश कर रही थी। वहीं इस मामले में साइंस टीचर पूजा चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह इन बच्चों को एक अच्छी शिक्षा देने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लेती है। ना केवल वह बल्कि स्कूल के अन्य टीचर भी लैपटॉप के जरिए आए दिन बच्चों को पढ़ाते रहे हैं। मामले में विवाद बढ़ने पर डिप्टी डीईओ भी मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों से बात करने के साथ मामले की जांच में जुट गई। वहीं स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची और मा्मले को शांत करवाया।


आहः बस-माजदा की भिड़ंत, दो की मौत

जुगून तंबोली


रतनपुर। शनिवार को पेंड्रा मार्ग में दर्दनाक सड़क हादसे ने एक पूरे परिवार को बिखेर कर रख दिया। शनिवार दोपहर करीब 2.30 बजे रतनपुर पेंड्रा मार्ग पर बस और माजदा के बीच हुए इस जबरदस्त भिड़ंत में माजदा चालक सहित एक अन्य की मौत हो गई। जबकि चालक के साथी की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। तो वही यात्री बस में सवार यात्रियों को भी बड़ी संख्या में चोटे आई है। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर रतनपुर से पेंड्रा जाने वाले सड़क मार्ग पर केंदा छतौना के पास बिलासपुर की तरफ से आ रही जयसवाल सर्विस की बस केंदा की ओर से आ रही माजदा में टक्कर हो गई। आमने सामने हुई इस भिड़न्त में माजदा का सामने कैबिन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। तो वही जयसवाल सर्विस की लाल बस पलट गई। जिससे करीब डेढ़ दर्जन यात्रियों को गंभीर चोटें आई है।घटना के तुंरत बाद 112 कि मदद से सभी घायलों को स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर लाया गया। जहाँ इस हादसे में मानिकपुर केंदा निवासी माजदा चालक रज्जू टेकाम,अमोल सिंह मरकाम को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। तो वही मानिकपुर केंदा निवासी सूरज सिंह टेकाम की हालत गंभीर बनी हुई है। बताया जा रहा है की माजदा वाहन स्वामी व चालक रज्जू टेकाम अपने परिवार के साथ किसी काम से अपने गांव मानिकपुर केंदा से बिलासपुर की ओर जा रहा था। इसी बीच इस सड़क हादसे ने रज्जू टेकाम के भरे पूरे परिवार को अस्त व्यस्त कर दिया।


पीएम करेंगे पंडित जी की मूर्ति का अनावरण

प्रशांत कुमार


चंदौली। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 फरवरी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोपहर 1 बजे उत्तर प्रदेश के जनपद चंदौली में पडाव होगा। जनपद में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 63 फीट लंबी मूर्ति का अनावरण करने के पश्चात ,लोकार्पण करेंगे। जिसके बाद लोगों को संबोधित करेंगे। पीएम कुल 1 घंटे जनपद में रहेंगे। इसी के तहत एक दिन पूर्व आज शाम प्रदेश के मुखिया ने लोकार्पण स्थल पहुंचकर तैयारियों का जायजा लेते हुए सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों से बातचीत की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।


कमजोर-आमदनी (समसामयिक)

 एक नया सर्वेक्षण सामने आया है कि आर्थिक स्थिति, कीमतों और पारिवारिक आमदनी को लेकर लोगों का रुख पिछले साल की तुलना में कमजोर है| अर्थव्यवस्था में कमजोरी के मौजूदा दौर से उबरने के लिए उपभोग में बढ़ोतरी करना बहुत जरूरी है, लेकिन ऐसा कर पाना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं  है| रिजर्व बैंक के ताज़ा सर्वे के मुताबिक उपभोक्ताओं की मनोदशा निराशा से ग्रस्त है और हालत यह कि यह निराशा मार्च, २०१५ के बाद से सबसे उच्च स्तर पर है| निराशा का यह सूचकांक जनवरी में ८३.७ तक आ गया है| सरकार को सोचन चाहिए | 
 
इसमें १००  की संख्या निराशा व आशा के बीच के विभाजन को इंगित करती है|  देश के १३  बड़े शहरों के परिवारों के सर्वेक्षण के आधार पर बैंकों का कहना है कि आर्थिक स्थिति, कीमतों और पारिवारिक आमदनी को लेकर लोगों का रुख पिछले साल की तुलना में कमजोर है तथा वे जरूरी चीजों के अलावा अन्य खरीद पर कम खर्च कर रहे हैं| इसका नकारात्मक असर उत्पादन पर भी पड़ा है और कंपनियां इसमें कटौती कर रही हैं|  केंद्रीय बैंक के एक अन्य सर्वेक्षण में बताया गया है कि कंपनियों की क्षमता के उपयोग का स्तर गिर कर ६९.१ प्रतिशत रह गया है, जो पिछले साल अप्रैल-जून की अवधि में ७३.६ प्रतिशत था| इसका मतलब यह है कि वास्तविक उत्पादन और संभावित उत्पादन के बीच दरार बढ़ती जा रही है|  
 
यह सब इस बात को प्रमाणित करती है कि कुल मिला कर हमारी अर्थव्यवस्था के विस्तार की गति २००९  के बाद सबसे कम है| इन आंकड़ों के साथ अगर बचत में कमी को भी रख लें, तो अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और उसे तेज गति देने से जुड़ी आशाएं कुछ कमजोर पड़ती दिखाई दे रही  हैं| इस संदर्भ में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट बेहद अहम हो जाता है और उसमे कोई दिशा नहीं सूझती है |
 
आयकर दरों में कटौती और चुकौती के लिए दो विकल्प देने जैसे उपायों से आगामी वित्त वर्ष में उपभोग बढ़ाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि तब लोगों के हाथ में नकदी की मात्रा बढ़ने की उम्मीद है, जिसे वे बाजार में खर्च कर सकेंगे, पर यह भी देखना होगा कि आयकर की निचली श्रेणियों में से कितने लोग नया विकल्प चुनते हैं, जिसमें बचत पर छूट नहीं मिलेगी| खर्च करने लायक नकदी कम होने का सीधा असर उपभोक्ता वस्तुओं के बाजार पर पड़ा है| 
 
कई वर्षों से यह सेक्टर अर्थव्यवस्था के सबसे तेज विस्तार के क्षेत्रों में रहा है, लेकिन जहां इसकी वृद्धि दर २०१८  में १३.५ प्रतिशत थी, वह २०१९  में घट कर ९.७ प्रतिशत रह गयी थी|  कुछ श्रेणियों में तो यह गिरावट बेहद गंभीर रही है | चालू वित्त वर्ष में इसके और कम होने की आशंका है|  इस क्षेत्र में ग्रामीण मांग का हिस्सा बाजार का एक-तिहाई है और बहुत समय से उसकी बढ़ोतरी शहरी इलाकों से अधिक दर से होती रही थी, लेकिन खेती से होनेवाली आमदनी घटने और ग्रामीण संकट का प्रभावी समाधान न हो पाने की वजह से उसमें लगातार कमी आ रही है| सरकार और वित्त विशेषग्य कोई नया विकल्प भी नहीं सुझा प् रहे हैं |बजट में किसानों को प्राथमिकता दी गयी ह,परन्तु  हमें इसके नतीजों का इंतजार करना पड़ेगा और करना भी चाहिए| कृषि तो हमारी आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ है , रोजगार, आमदनी और खर्च का हिसाब एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है| ऐसे में सरकार और कारोबारी जगत को तालमेल के साथ आगे बढ़ना चाहिए| मंदी का राग ज्यादा दिन नहीं चलेगा कुछ करना होगा और जल्दी करना होगा।


राकेश दुबे


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