रविवार, 2 फ़रवरी 2020

देश के कोने-कोने से पहुंचे प्रचारक

नई दिल्ली। हिमाचल बीजेपी नेता दिल्ली में बीजेपी प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। रविवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने ओखला और बदरपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार किया और सभाओं को संबोधित किया। सभाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद देश को पीएम नरेंद्र मोदी जैसा सशक्त नेता मिला है, जिसका लोहा पूरी दुनिया ने माना है। उन्होंने कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक लोगों में एक विश्वास पैदा किया है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनेगा।डॉ. राजीव बिंदल ने कहा नेतृत्व में बीजेपी ने पूरा देश जीता और दिल्ली के लोकसभा चुनावों में सभी सातों सीटों पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया। बिंदल ने कहा पिछले 22 सालों में दिल्ली में जो भी सरकार बनी उसने दिल्ली की जनता के साथ छलावा किया है। पिछले 22 सालों में भारत बदल गया पर दिल्ली नहीं बदली। अब दिल्ली के लोग विकास चाहते हैं। बिंदल ने कहा कि देश में जहंा भी बीजेपी की सरकार बनी वहां चैतरफा विकास हुआ है। आज पूरा देश पीएम नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा है। बिंदल ने दिल्ली वासियों से अपील की है।


कोरोना वायरस से चीनी नागरिकों के लिए रोक

नई दिल्ली। भारत ने रविवार को चीन से आने वाले चीनी एवं अन्य विदेशी यात्रियों के लिए ई-वीजा की सुविधा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी। भारत ने यह कदम चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण से 300 से अधिक लोगों की मौत, 14,562 लोगों के संक्रमित होने और भारत, अमेरिका, ब्रिटेन सहित 25 देशों में इसके प्रसार के मद्देनजर उठाया है।
भारतीय दूतावास ने यहां घोषणा की, ‘‘हाल की गतिविधियों के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से ई-वीजा के माध्यम से भारत की यात्रा पर रोक लगाई जाती है। दूतावास ने कहा कि यह फैसला चीनी पासपोर्ट धारकों और अन्य देशों के उन आवेदकों पर लागू होगा जो चीन की मुख्य भूमि में रहते हैं। इसी प्रकार से जिन लोगों को पहले ही ई-वीजा जारी किया जा चुका है वे ध्यान दें कि अब उनका ई-वीजा वैध नहीं है।
भारतीय दूतावास ने आदेश में कहा कि जिन लोगों के लिए भारत की यात्रा अपरिहार्य है वे बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास और शंघाई एवं ग्वांगझोउ स्थित महा वाणिज्य दूतावास और इन शहरों में स्थित भारतीय वीजा आवेदन केंद्रों से संपर्क कर सकते हैं। इस बीच, भारत ने दूसरी पाली में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित वुहान में फंसे 323 भारतीय और मालदीव के सात नागरिकों को रविवार को निकाला। इस प्रकार भारत ने दो विमानों से 654 लोगों को वुहान से निकाला है।


पार्टी निर्माण की ओर, डगर नहीं आसान

राणा ओबराय

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर नई पार्टी बंनाने की और अग्रसर,परन्तु डगर नही आसान!

चण्डीगढ़। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने करनाल में एक प्रेस वार्ता में बताया कि वह आगामी 16 तारीख को जन्मदिन के अवसर पर नई पार्टी बनाएंगे। प्रदेश में तीसरा मोर्चा बनाने का प्रयास करेंगे। अशोक तंवर कांग्रेस छोड़ने के कारण बताते हुए कहा कांग्रेस के नेताओ ने एक सोची-समझी षड्यंत्र के तहत राहुल और उसकी टीम को फेल करने की कोशिश की। उन्होंने बताया इसी कारण से उन्होंने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया था। अशोक तवर का एक नई पार्टी बनाने का प्रयास उनके हिसाब से अच्छा हो सकता है और हम कामना करते हैं कि वह कामयाब हो। परंतु राजनीतिक पार्टी बनाना और चलाना सरल बात नहीं है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल, भजनलाल और उनके पुत्र कुलदीप बिश्नोई आदि भी अपनी पार्टी बना कर प्रदेश में सत्ता वापसी करने का प्रयास कर चुके हैं। परंतु इसमें सफल नहीं हुए अभी हाल ही में इनेलो पार्टी सबसे पुरानी पार्टियों में से एक मानी जाती है। परंतु वह भी संघर्ष करते हुए नजर आ रही है। इनेलो पार्टी में सिर्फ एक ही विधायक बना है औऱ वो भी खुद अभय सिंह चौटाला। इसलिए अशोक तंवर ने नई पार्टी बनाने का जो सपना सोचा है उसको बड़े ध्यान से और धैर्य पूर्वक सोच विचार करके ही पूरा करना चाहिये। वैसे तो विधानसभा चुनाव लगभग 5 वर्ष के बाद ही होने हैं। परंतु इन 5 वर्षों में अशोक तवर क्या ऐसी मजबूत पार्टी खड़ा कर पाएंगे कि जिससे वह सरकार बना सके। कहीं ऐसा ना हो कि उनका स्वपन भी बंसीलाल और भजनलाल व उनके पुत्र कुलदीप जैसा साबित ना हो।


आदित्यनाथ यूपी की सत्ता में हुए 'काबिज'

कानपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब से उत्तर प्रदेश की सत्ता में काबिज हुए हैं तब से उन्होंने कानपुर शहर को जाम से निजात दिलाने को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। शहर के महत्वपूर्ण चौराहों पर ऑफिस खुलने और बंद होने के पीक आवर में जाम लगना अब आम बात हो चली है। इसके अलावा अब तो हालात यहां तक आ पहुंचे हैं कि आपको कब, किस समय, किस चौराहे पर कितने भयानक जाम का सामना करना पड़ जाए, यह कह पाना काफी मुश्किल है। हालांकि इस यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर कानपुर शहर के तकरीबन हर चौराहे पर सीसीटीवी से लेकर सिग्नल तक की व्यवस्था की गई है जिसमें हमारे और आपके करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए गए हैं। बावजूद इसके भी ई-चालान का खौफ कनपुरियों में कुछ खास नहीं दिखता है। जो थोड़ा बहुत डर बचता भी है तो कई रसूखदार अपने टाइट सिस्टम के जरिए कनपुरियों के इस डर पर अपनी मोहर लगाकर इस डर की सौदेबाजी कर लेते हैं। एक अनुमान के मुताबिक कानपुर शहर में फर्राटा मार रहे कमर्शियल वाहनों में करीब 80 फ़ीसदी वाहन यातायात नियमों समेत आरटीओ को ठेंगे पर रखते हुए शहर भर में दौड़ रहे हैं। इनमें ओवरलोडिंग की समस्या तो अब बहुत आम बात हो चली है जबकि कई वाहन तो ऐसे भी हैं जिनमें वाहन चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी के कागज  समेत फिटनेस संबंधी मानकों पर ये वाहन खरे नहीं उतरते। और अब जबकि यातायात नियम संबंधित जुर्माने में कई फीसदी की बढ़ोतरी की जा चुकी है। तब भी इस बढ़ोतरी का सीधा लाभ सरकारी राजस्व में न पहुंचाकर इन रसूखदारों और सिस्टमबाजों की झोली में डालने पर पूरा जोर यातायात विभाग के ही कुछ लोगों द्वारा दिया जा रहा है। शहर के अंदर रसूखदारों और सिस्टमबाजों की दुकानें तो काफी लंबे वक्त से चल रही थी लेकिन अब जबकि यातायात नियमों के उल्लंघन से संबंधित जुर्माने में काफी बढ़ोतरी हो गई है। तब से आम जनमानस समेत इन कामर्शियल वाहन चालकों में नियम कानून समेत जुर्माने का ऐसा डर बसा कि नियम कानून मानने की बजाय इन्हें इन रसूखदारों और सिस्टमबाजों का संरक्षण लेना ही पड़ा।
ऐसे ही एक रसूखदार हैं शकील सिद्दीकी जो जे एस ऑटोलोडर एसोसिएशन के नाम से मानकों के विपरीत शहर में फर्राटा मार रहे सैकड़ों की तादाद में कॉमर्शियल वाहनों को न सिर्फ सदस्यता देते है बल्कि उनसे मासिक 100 रुपए का शुल्क लेकर उनके नियमों और मानकों पर पर्दा डालने का काम भी करते हैं। हालांकि इनके इस एसोसिएशन के रजिस्ट्रेशन, रिन्यूअल और मान्यता से संबंधित नियम कानून खुद संदेह के घेरे में बने हुए हैं। कुछ भी हो.... मतलब साफ है यदि आप किसी भी प्रकार से यातायात विभाग के नियमों और मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं लेकिन आपके पास जे एस ऑटो लोडर एसोसिएशन की सदस्यता है तो आपके ऊपर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न करने को लेकर अन्ततः यातायात विभाग मजबूर हो जाएगा।
यातायात विभाग के एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार के मुताबिक पूर्व में प्रकाशित हमारी खबर को संज्ञान में लेते हुए आए दिन शकील सिद्दीकी के जे एस ऑटो लोडर एसोसिएशन की सदस्यता से संबंधित कमर्शियल वाहनों के जुर्माने काटे जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अब तक करीब 15 वाहनों से 5000 रुपए के हिसाब से जुर्माना वसूला गया है। लेकिन यह काफी नहीं है.... हमें इंतजार है कब यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए इन कॉमर्शियल वाहनों के चालानों की संख्या 150 पहुंचती है और फिर 1500 क्योंकि शहर में ऐसे कामर्शियल वाहनों की संख्या सैकड़ों से लेकर हजारों तक है जिनको शकील सिद्दीकी जैसे कई रसूखदार अपने उगाही तंत्र के माध्यम से संरक्षण देने का काम कर रहे हैं। हमारे अगले संस्करण में हम आपको ऐसे ही एक और रसूखदार के विषय में बताएंगे।


'समाजवादी पार्टी' कार्यकर्ताओं में उत्साह

समीर मिश्रा


कानपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश मिश्रा के जन्मदिन के अवसर पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में विशेष उत्साह देखने को मिला और बारादेवी चौराहा, साइड नंबर वन चौराहा, किदवई नगर चौराहा, बर्रा, आनंदपुरी की तरह 21 जगहों समेत अपने कार्यालय पर केक काटकर सैकड़ों की तादाद में मौजूद कार्यकर्ताओं ने अपने प्रिय नेता का जन्मदिन मनाया। जन्मदिन के अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे ओम प्रकाश मिश्रा ने सभी युवाओं को नई ऊर्जा, नई किरण परोसी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेरणा पर चलने को कहा। इस मौके पर पूर्व जिला अध्यक्ष समाजवादी पार्टी चंद्रेश सिंह हसन रूमी, पूर्व महासचिव समाजवादी पार्टी पूर्व नगर अध्यक्ष युवजन सभा प्रवीण कुमार, बंटी यादव,
 वीरेंद्र त्रिपाठी पूर्व प्रदेश सचिव लोहिया वाहिनी,
 बृजेंद्र यादव नगर सचिव समाजवादी पार्टी,
 सलमान खान सेवक समाजवादी पार्टी, सैफ वारसी युवा सपा नेता, एजाज मंसूरी युवा सपा नेता,  मनी मिश्रा, मोनू वर्मा, मिंटू यादव, आयुष मिश्रा समेत समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद रहे।


पतित-पावन 'उपन्यास'

पतित-पावन      'उपन्यास' 
गतांक से...
 अचानक दोनों एक दूसरे के सामने आकर ठहर जाती है। दोनों ही एक दूसरे से कुछ कहना चाहती है, लेकिन दोनों ही कुछ भी नहीं कह पाती है। कुछ समय दोनों एक दूसरे को विचार पूर्ण भाव से देखती रहती है। 
शांति को भंग करते हुए जया ने विचार पूर्ण ही कहा- तुम्हें तितलियों से डर नहीं लगता? क्या तुम्हें काटती नहीं है? इनके काटे का तुम्हें मंत्र याद है? कल्पना भाव विभोर-सी बोली-जी नहीं, मैं तितलियों के कांटे का मंत्र तो नहीं जानती, लेकिन इतना जरूर जानती हूं। तितलियों के काटने के लिए ना तो दांत होते हैं ना कोई डंक होता है। ये तो रंग-बिरंगी, मनचली तितलियां है। प्यारी-प्यारी नाजुक तितलियां। जया ने अनभिज्ञता से ही कहा- तुम कल्पना हो? 
कल्पना ने भी आश्चर्य से कहा- तुमको मेरा नाम पता है? 
जया ने विनम्रता से कहा- अभी मेरी मां ने बताया था। 
कल्पना हिचककर बोली- तुम जया हो, मैं जानती हूं। पर तुम तो कभी खेत में नहीं आती हो। आज कैसे आना हुआ? 
जया भावुकता से बोली- मुझे पता होता कि इतनी सारी खुशियां, इतना सुंदर खेल, इतना खुलापन, इतनी आजादी, इतनी मस्ती, तुम अकेले यह सब लूट रही हो। मैं कभी तुम्हें अकेले नहीं लूटने देती। यह सारी खुशियां अपने दामन में समेट लेती और हां कभी चूकती नहीं। खैर, अब तो हमें भी खबर हो गई है। लेकिन इन भंवरो को, तितलियों को और मधुमक्खियों को बता दो कि अब एक नहीं, दो लुटेरे आ पहुंचे।
 दोनों खिलखिला कर हंस पड़ी, बहुत सारी बातें होने के बाद अब दोनों एक दूसरे से चित परिचित हो गई थी और एक दूसरे को समझने का प्रयास भी कर रही थी। कुछ समय बाद कल्पना को उसके पिताजी ने बुला लिया। जया सरसों के पीले खेत में उस समय फूलों के साथ अटखेलियां करती रही। 
आज भी बड़ी जद्दोजहद के बाद आने दिया है। अब तो हम रोज पकाएंगे और खाएंगे। चलो दोनों तितलिया पकड़ते हैं।
 कल्पना संकोच से बोली- पहले बताओ ये सूट-सलवार कहां से लिया है और कितने का लिया है? कितनी अच्छी कढ़ाई है इस पर? जया दया भाव से बोली- तुम्हें पसंद आ गया है तो तुम पहन लो,कीमत से क्या मतलब है? तुम घर पर क्यों नहीं आती हो, घर पर भी आओ तुम्हें बहुत अच्छा लगेगा। वैसे ये सूट-सलवार मेरे पिताजी बता रहे थे ₹7 का आया है। 
कल्पना ने ख्यालों से बाहर आकर कहा- मेरे बाबू मेरे लिए भी लाएंगे,पर वो सुबह ही मुझे अपने साथ खेत में ले आता है। बहुत काम करवाता है। कभी घास कटवाता है, कभी बाड़ी के फूल बिनवाता है। मेरी कमर में भी कभी-कभी दर्द होने लगता है। मैंने तो कई बार कहा भी है सुनता कौन है? बापू कहते हैं पांच बहने है। मैं अकेला क्या करूं? मेरी मां भी तुम्हारे घर पर रोटी टुकड़े का काम करती है जो बचता है उसको बटौर ले आती है। मेरे बापू बहुत अच्छे हैं, मेरी मां मुझसे बहुत प्यार करती है। हम पांचों बहनें शाम को बैठकर बहुत सारी कहानियां सुनते हैं और खूब मजे करते हैं। तुम भी कुछ कहो, क्या मैं ही बोलती रहूंगी? 
जया ने गंभीरता से कहा- मैं क्या कहूं? 
कल्पना ने खीजकर कहा- बहुत बोलती हूं, सब कहते हैं। जानती हो हम गेहूं की रोटी नहीं खाते हैं। सुबह चने की रोटी हरी मिर्च की चटनी के साथ और दोपहर को भी चटनी रोटी खाते हैं। मेरी सारी बहनें मुझसे छोटी है, इसी कारण मुझ पर काम का भी बहुत ज्यादा दबाव रहता है। 
जया हमदर्दी से बोली- कल से तुम्हें फुर्सत ही फुर्सत होगी। कल से तुम्हें यह भारी काम नहीं करना पड़ेगा। तुम्हारा बापू कहां है? कल्पना ने हाथ से इशारा करते हुए घबराकर कहा- वह सामने मिट्टी खोदकर मेंढ़ बना रहा है ना हमे पढ़ाता है ना लिखाता है। मुझे पढ़ने का बहुत शौक है। लेकिन हम गरीब है इसलिए हम पढ़ नहीं सकते।
 जया गंभीर हो कर बोली- तुम्हारे बापू की अभी खबर लेती हूं।
 जय रतिराम के पास गई और गुस्से में बोली- तुम अपनी लड़कियों को पढ़ाते क्यों नहीं हो? रतिराम हड़बड़ा कर बोला- इतनी औकात कहां है। 12:00 बजे तक काम करने पर 5 शेर गोचनी मिलती है एक गुड़ की भेली और एक वक्त की रोटी मिलती है। इतने में क्या-क्या हो सकता है? दो शेर तो रोज घर में ही लग जाता है। 
जयापुर आश्चर्यचकित  होकर बोली-क्या दो शेर अनाज बस, इतनी मेहनत करके। यह तो मजदूरों के साथ ज्यादती की जा रही है। जय का लहजा़ सख्त हो चला था। कल से आपको दोगुना मेहनताना मिलेगा। अगर तुम्हें नहीं मिलता तो काम मत करना। एक-दो दिन भूखा रहना पडे तो रह लेना। अगर मिले तो काम करना और अपने सभी साथियों से भी कह दो। यदि कोई नहीं मानता है उसको मार-मार कर भरता बना दो। वैसे भी तुम जीते नहीं हो, दो शेर अनाज के लिए चार शेर पसीना बहाने के बाद तो दो शेर अनाज मिलता है। क्या तुम्हारी आत्मा तुम्हें धिक्कारती नहीं है। तुम्हें तुम्हारे होने का कोई एहसास नहीं है। यदि तुम्हारे एहसास मर चुके हैं तो फिर तुम्हारे जीवन जीने का कोई फायदा नही है।अपने परिवार का दायित्व पूर्ण रूप से नहीं निभा पा रहे हो तो तुम्हारे दायित्व का क्या अभिप्राय है। तुम्हारा होना, ना होना' इससे क्या फर्क पड़ता है? इस जीने से मर जाना बेहतर है।तुम्हारे बदन पर कपड़े हैं? और जो भी हैं। इससे तो कपड़े ना पहनो, यदि कोई कुछ कहेगा तो कहना कि मैं गरीब हूं ऐसे ही रहूंगा। अपने बच्चों को तुम पढ़ा नहीं सकते हो। फिर बच्चे पैदा क्यों करते हो? गलूरी के साथ माधुरी भी बातें चुपचाप सुन रहे थे। किसी ने चूं तक न की थी। जया बोलती जा रही थी- एक साबुन की टिक्की तुम ला नहीं सकते,बच्चे तुम पढ़ा नहीं सकते, घरों में तुम्हारा चूल्हा जलता नहीं है। कपड़े नहीं पहन सकते हो तो तुम्हारे होने का क्या आधार है? किस लिए जी रहे हो, तुम्हें जीने का कोई अधिकार नहीं है। तुम्हारे जीने का कोई महत्व ही नहीं है। जाओ यहां से चले जाओ और यहां जब आना तुम, जब तुम्हें उचित मजदूरी मिले। अगर तुम्हारी रोजमर्रा की जरूरत के सामान भी तुम्हें नहीं मिल पा रहे हैं तो इस मजदूरी का क्या फायदा? इस मेहनत का क्या फायदा है? तुम्हारा सब कुछ बेकार है।
 उसी क्रोधित मुद्रा में कल्पना को कहा- कल से तुम शाम को 4 बजे कोठी पर आना। कल से तुम्हारी पढ़ाई शुरू होगी। 
माधुरी क्रोध में बोली-  क्या कह रही हो जया? 
जया शालीनता से बोली-मां आपने जो साड़ी पहन रखी है 25 -30 रूपये की होगी। ये लोग रोज मजदूरी करते हैं खेतों में काम करके हमें सब कुछ दे रहे हैं। कहीं तो समानता होनी चाहिए। इंसान से इंसान इतना अलग, इतना अंतर रखता है। जानती हो ये लोग अपने पसीने से मिट्टी को गिली करके मेंढ़ बांधते है और आटा गूंथने के लिए इन्हें हमारे कुंए से पानी लाना पड़ता है। कैसा जीवन जी रहे हैं लोग?


कृतः- चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भय-पुत्र'


रेप पीड़ित पर एसिड अटैक, नहीं मानी

अतुल त्यागी जिला प्रभारी     


रेप पीड़िता पर दबंगों ने किया जानलेवा एसिड अटैक, 
हापुड़ के बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव की घटना
पीड़िता पर रेप केस में फैसले का दबाव बना रहे थे आरोपी 
फैसले से इनकार करने पर किया एसिड अटैक


हापुड़। उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में दुष्कर्म पीड़िता पर एसिड अटैक का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है, कि कुछ दबंग रेप पीड़िता पर फैसला करने का दबाव बना रहे थे। पीड़िता ने फैसले से इनकार किया तो दबंगों ने युवती के परिजनों पर लाठी-डंडों से हमला करते हुए रेप पीड़िता पर एसिड अटैक कर दिया। घटना को अंजाम देकर आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हापुड़ के बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में जून 2019 नाबालिग युवती से दुष्कर्म हुआ था। पीड़िता से गांव के ही रहने वाले दिलशाद नाम के आरोपी ने रेप किया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पीड़ित युवती व उसके परिजनों का आरोप है, कि आज यानी रविवार को आरोपी युवक के परिजनों ने उनके घर पर पहले तो रेप के मामले में फैसला करने का दबाव बनाया और जब उन्होंने फैसले से इनकार के दिया तो आरोपी युवक के दबंग परिजनों ने उन पर हमला कर दिया। इतना ही नहीं रेप पीड़िता के पैरों पर तेजाब से हमला कर दिया। बताया जा रहा है, कि इस हमले में पीड़ित युवती के पैर एसिड की चपेट में आने से झुलस गए हैं। पीड़िता को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस का कहना है। तहरीर मिलने पर आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद से पीड़िता व उसके परिजन दहशत में हैं। घटना के संबंध में एएसपी हापुड़ सर्वेश मिश्रा ने बताया कि प्रथम दृष्टया कूड़ा डालने का विवाद सामने आया है। वहीं उनका यह भी कहना है कि दाेनों पक्षों के बीच पहले से विवाद चला आ रहा है। पूर्व में रेप का केस भी दर्ज कराया गया था। पुलिस पीड़िता पर एसिड अटैक की वारदात को गंभीरता से ले रही है। सभी बिंदुओं पर गंभीरता से जांच की जा रही है।


सर्वेश मिश्रा


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...