बुधवार, 22 जनवरी 2020

कोर्ट ने आजम को दिया जोर का झटका

रामपुर। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व रामपुर से सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान को प्रयागराज स्थित राजस्व बोर्ड कोर्ट का झटका ज़ोर से लगा है। राजस्व बोर्ड कोर्ट ने योगी सरकार को निर्देश दिया है कि वो आज़म खान के मोहम्मद अली जौहर विश्विविद्यालय से 100 बीघा जमीन वापस ले। सपा सांसद आज़म खान इस विश्वविद्यालय के चांसलर हैं और 2006 में शुरू हुई ये यूनिवर्सिटी 500 एकड़ जमीन में बनी है।


100 बीघा जमीन वापस लेने का आदेशः राजस्व बोर्ड कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि सपा नेता व रामपूर सांसद ने ये 100 बीघा ज़मीन 12 दलितों से खरीदी है। इस खरीद में आज़म खान ने यूपी जमींदारी उन्मूलन और भूमि-सुधार कानून का उल्लंघन किया था। धारा 155-एए और 131-बी अधिनियम छोटे भूमि-स्वामी दलितों को अपनी भूमि को गैर-अनुसूचित जाति में स्थानांतरित करने से रोकता है और यदि वे ऐसा करते हैं, तो इसे जिला प्रशासन द्वारा मंजूरी मिलनी चाहिए। अदालत ने मुरादाबाद कमिश्नर कोर्ट के उस आदेश को भी रद्द कर दिया जिसमें 2013 में ज़मीन की बिक्री की अनुमति दी गई थी।


जमीन खरीद में सपा नेता ने कानून का उल्लंघन किया कोर्ट……


रामपुर के जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने कहा, कि 12 दलित किसान छोटे भू-स्वामी थे, इसलिए इसकी अनुमति नहीं थी, और यदि ज़मीन की बिक्री होती है, तो जिला प्रशासन से लिखित अनुमति की आवश्यकता होती है। इन सभी मानदंडों की धज्जियां उड़ाई गईं है।’ उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश की कॉपी प्राप्त होने के बाद ज़मीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।


12 दलितों से ली गई थी जमीनः आपको बताते चले कि इसके पहले, समाजवादी पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री व रामपूर सांसद आज़म खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म और पत्नी तंजीन फातिमा के खिलाफ कोर्ट ने कुर्की का आदेश जारी किया था। आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म के दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में आज़म खान उनकी पत्नी तंजिन फ़ातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को कोर्ट में पेश होना था लेकिन वे गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद कोर्ट में नही पहुंचे थे। इसके बाद स्थानीय कोर्ट ने कुर्की का आदेश जारी किया है। इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई 24 जनवरी को बताई है।


रेहान अंसारी की रिपोर्ट


आहः सड़क हादसे में 7 दोस्तो की मौत

फतेहपुर-सालासर बॉर्डर के पास एनएच-58 पर हुए हादसे


ने रोलसाहबसर गांव को गहरा जख्म दिया है। हादसे के शिकार हुए सभी युवक।


सीकर। आपस में बहुत अच्छे दोस्त थे। सुबह से लेकर रात तक सारे एक साथ रहते थे। फतेहपुर में रहने के दौरान अक्सर सभी को साथ ही देखा जाता था। रात को हादसा हुआ तब सभी लोग एक साथ ही थे। हादसे में सात दोस्तों की तो मौत हो गई व एक खुशी मोहम्मद हादसे में बच गया ।


हादसे की सूचना ग्रामीणों को लगी तो पूरा गांव स्तब्ध रह गया। फतेहपुर में बारी रोड पर मदरसे में शवों को रखा गया। इसके बाद गुसल की रस्म अदा की गई। पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। मृतकों के रिश्तेदारों के आने के चलते सभी को सुपुर्द ए खाक किया गया। इस दौरान विधायक हाकम अली खां, सीकर सभापति जीवण खां, आरपीएस महमूद खां, पीसीसी सचिव मोहम्मद शरीफ खां, गुलामू खां बेसवा सहित कई लोग जनाजे में शामिल हुए।


15 मिनट पहले बदला था ड्राइवर: उधर लग्जरी कार व ट्रोले की भिंड़त के बाद पड़ताल में सामने आया है कि कार का हादसे के पन्द्रह मिनट पहले ही ड्राइवर बदला था। पहले गाजी खां कार चला रहा था। हाइवे पर आने के बाद इमरान उर्फ गांधी ने खुद गाड़ी चलाने की कहा। इस पर गाजी सहित अन्य दोस्तों ने कहा था कि चला तो भले ही ले लेकिन ?धीरे-धीरे चलाना, कहीं ठोक मत देना। अगर गाड़ी कहीं ठोक दी तुझे पीटेंगे। इसके बाद भी गांधी तेज रफ्तार से कार चलाता रहा। हादसे के चंद सैकण्ड पहले ही ट्रोला दिखा तो दोस्तों ने कहा कि गाड़ी ट्रोले में घुसेगी। इस पर गांधी ने कहा कि साइड से निकाल लेंगे। साइड से दूसरी गाड़ी आने पर गाड़ी ट्रोले में घुस गई।


बता दें कि सालासर में खारिया कनीराम के पास फतेहपुर- नागौर हाइवे पर रविवार रात करीब 11 बजे एक कार ट्रक से टकरा गई। हादसे में कार में सवार सात जनों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक गंभीर घायल हो गया। इस दुर्घटना में कार चकनाचूर हो गई। हाइवे पर स्थित होटल संचालक ने इस घटना की जानकारी कंट्रोल रूम चूरू को दी। सालासर थानाधिकारी डॉ. महेंद्र सेन जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे व घायल खुशी खां को सालासर अस्पताल पहुंचा गया। प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने घायल को सीकर रैफर कर दिया। थानाधिकारी ने बताया कि कार सवार अन्य सात युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। कार सवार युवक लाडनूं शादी में शरीक होने जा रहे थे।


रेहान अंसारी


सीएम आगमन से पूर्व सफाई में जुटा प्रशासन

कुंडा-प्रतापगढ़। ग्राम सभा गोतनी मैं हो रही सफाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आने पर अधिकारी और सफाई कर्मियों और ग्राम प्रधान पर लग गई फांसी क्यों की उन्होंने आज तक ना की सफाई नागौर साला पर कोई भी काम नहीं हो सका उनके आने पर जगह-जगह पर हो रहा काम और सफाई ग्राम सभा गौतमी चौराहा पर कई दिनों तक घुटनों घर पानी भरा था अभी तक काम नहीं हुआ था उनके आने पर अब वहां पर कीचड़ पानी खत्म करके  गिट्टी बिछाया गया और गांव में सफाई कर्मियों भी लगवाए गए और कुछ लोगों का खड़ी फसल भी कटवाए गए उसका मुआवजा भी नहीं  मिल  सका या फिर जो नुकसान हुआ है उस गरीब व्यक्ति को कुछ धनराशि देने का प्रधान भी नहीं दिया  use किसान जो कुछ  धनराशि  लगाई गई      है उतना ही देने का कष्ट करें बल्कि  किस लिए वहीं अन्य किसान साल भर कमाई करके धान आता  जुटाकर  वही उसका कमाई रहता है अब यहीं पर उस किसान का फसल नष्ट करके किसान  कैसे रहेगा सरकार से गुजारिश है उस व्यक्ति को नुकसान का मुआवजा दे।


 अनिल कुमार


भाई ने भाई को मौत के घाट उतारा

विकास शर्मा                            
भाई ने की भाई की धारदार हाथियार से  हत्या


नगीना-बिजनौर। घर में आपसी कहासुनी के बाद छोटे भाई ने अपने बड़े भाई की धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस हत्या की वजह की छानबीन कर रही है।


नगर के मोहल्ला लोहारी सराय निवासी सिराजुद्दीन का 30 वर्षीय बड़ा बेटा अलाउद्दीन मुरादाबाद के एक हैंडीक्राफ्ट कारखाने में कारीगर का काम करता था। वह एक दिन पहले ही मुरादाबाद से अपने घर आया था। मंगलवार रात 8.30 बजे घर में ही छोटे भाई जफर से उसकी किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। जफर ने अपने बड़े भाई अलाउद्दीन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया, जिससे अलाउद्दीन की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद आरोपी छोटा भाई मौके से फरार हो गया। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी।


मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी राजेश कुमार तिवारी ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बिजनौर भेज दिया। परिजनों ने बताया कि मृतक अपनी पत्नी से झगड़ रहा था। छोटा भाई जफर उसे बचाने आया। इसी दौरान दोनों में विवाद हुआ, जिसमें छोटे भाई जफर ने बड़े भाई की धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी। परिजनों की ओर से अभी कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई हैं। हत्या के कारणों की जांच की जा रही है।


पैसा गबन करने वाले प्रधान को जेल

आवास का पैसा गबन करने वाले प्रधान को डीएम ने भेजा जेल


जौनपुर। जिलाधिकारी दिनेश कुमान सिंह ने मुसहरों के आवास का पैसा हड़पने वाले ग्राम प्रधान और बैंक मित्र के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। डीएम का आदेश मिलते ही थानाध्यक्ष जलालपुर ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके क़ानूनी कार्यवाही शुरू कर दिया है। डीएम के सख्त तेवर से ग्राम प्रधानों और अफसरों में हड़कम्प मच गया। उधर आरोपी प्रधान ने अपने आप को बेकशुर बताते हुए विरोधियो की साजिस बताया है।
यह है पूरा मामला
केराकत तहसील के छातीडीह गांव के निवासी 19 लोगों ने आज डीएम दिनेश कुमार सिंह को शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया कि हम लोग अनुसूचित जाति के है सरकार द्वारा हम लोगो को प्रधान आवास योजना के तहत चयनित करते हुए मकान बनवाने के लिए मेरे खाते में पैसा भेजा गया था, उस पैसे को ग्राम प्रधान अशोक यादव ने धोखाधड़ी करके सारा पैसा निकाल लिया साथ ही हम लोगो की बैंक पास बुक और एटीएम कार्ड भी अपने पास रख लिया।
डीएम ने की पूछताछ
इस शिकायत को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल थानाध्यक्ष जलालपुर को इस मामले की जाँच करके आरोपी प्रधान और एसबीआई के बैंक मित्र को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। डीएम का आदेश मिलते ही थानेदार ने जाँच पड़ताल करने के बाद ग्राम प्रधान और बैंक मित्र को गिरफ्तार करके डीएम के सामने पेश किया। जिलाधिकारी ने आरोपियों से पूछताछ करने के बाद दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके जेल भेजने का आदेश दिया। डीएम ने साफ कहा कि अब गरीबो का हक़ मारने वाले व उनके पैसो पर डाका डालने वालो के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही किया जायेगा।
विरोधियों की साजिश
आरोपी प्रधान ने अपने आपको पाक साफ बताते हुए कहा कि लाभर्थियो ने खुद पैसा निकलवाकर मुझसे मकान बनवाने को कहा था।


12 हजार से अधिक लोग मलेरिया पॉजिटिव

रायपुर। मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल ने पुलिस महानिदेशक तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक के साथ मंत्रालय महानदी भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के समस्त संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, वनमण्डलाधिकारी तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीधी बात करते हुए निर्देश दिए।


श्री मण्डल ने मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की समीक्षा करते हुए कहा कि अभियान के पहले पांच दिनों में अब तक सर्वे टीमों द्वारा बस्तर के सात जिलों में घर-घर जाकर दो लाख 57 हजार लोगों की मलेरिया के लिए रक्त जांच की गई। जिसमें 12 हजार 108 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए। इसमें से ज्यादातर लोगों में पूर्व से मलेरिया का कोई लक्ष्य नहीं था।


मुख्य सचिव द्वारा इन सभी व्यक्तियों के ईलाज को पूर्ण करने पर जोर दिया गया। इस अभियान के अंतर्गत क्षेत्र के सभी हॉस्टल, छात्रावास, पैरामिलिट्री कैम्प इत्यादि में भी पूर्णत: कव्हर करने के निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि मलेरिया से पीडि़त व्यक्ति को खाली पेट मलेरिया की दवा न दी जाए। इस हेतु समस्त जिले में इसकी समुचित व्यवस्था की जाए। दंतेवाड़ा जिले में मलेरिया कव्हरेज केवल 10 प्रतिशत होने के कारण मुख्य सचिव द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई, इसके लिए जिले के अधिकारियों को अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। श्री मण्डल ने यह भी निर्देश दिए कि सुपोषण अभियान एवं मलेरिया मुक्त अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कहा कि कुपोषण एवं एनीमिया का मुख्य कारण मलेरिया भी है। मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल द्वारा समस्त संभागायुक्त तथा समस्त कलेक्टर को लोक सेवा गारंटी के प्रकरण समयबद्ध तरीके से निराकरण करने तथा समस्त सरकारी कार्यालय समय पर खुले, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।


मुख्य सचिव ने त्रिस्तरीय पंचायत आम चुनाव 2020 का सुचारू रूप से शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने तथा इस हेतु कानून व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए। वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के दौरान अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, सचिव स्वास्थ्य श्रीमती निहारिका बारिक, सचिव महिला एवं बाल विकास सिद्धार्थ कोमल परदेशी, खाद्य सचिव कमलप्रीत सिंह सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बैंकों का निरीक्षण

इंडो नेपाल बॉर्डर पर स्थित बैंकों की पुलिस ने किया जांच।
 सोनौली। भारत नेपाल सीमा पर स्थित राष्ट्रीयकृत बैंको की चौकी प्रभारी सोनौली ने गहन जांच किया । इस दौरान बैंक का अलार्म सीसी टीवी तथा गार्ड के बन्दूक का भी जांच किया ।
बुधवार की दोपहर को सोनौली कस्बे में स्थित यूनाइटेड बैंक, पूर्वांचल बैंक तथा भारतीय स्टेट बैंक की जांच के लिए चौकी प्रभारी सोनौली अशोक कुमार अपने दल बल के साथ पहुचे और कैम्पस में घूम रहे लोगो से पूछताछ किया।
बैंक के अंदर प्रबंधक से मिलकर सीसी टीवी तथा अलार्म के स्थिति की जानकारी ली ।
इसके उपरांत श्री कुमार ने बैक के सुरक्षा में लगे गार्ड तथा पुलिस कर्मियों को कड़ी चौकसी बरतने का निर्देश दिया ।


खूनी संघर्ष में 6 घायल एक की मौत

नौतनवा। करमहवा गांव में खूनी संघर्ष, छह घायल, एक की हालत चिंताजनक। थाना क्षेत्र के करमहवा गांव में जमीन विवाद में दो पक्षो में हुए खूनी संघर्ष को लेकर एक पक्ष 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। जिनमें एक की हालत चिंताजनक है।
खबरों के मुताबिक बुधवार की सुबह करीब 9 बजे अनीता घर के बगल में स्थित खेत में कुछ काम करने गई थी । इसी बीच उसके पड़ोसी काशी से विवाद हो गया और देखते ही देखते विवाद खूनी संघर्ष का रूप ले लिया। अनीता के बचाने के लिए पहुंची रिंकी, अवतारी, मंजू ,भरत यादव, भिखारी सभी ने कुल्हाड़ी और डंडे से पीटकर लहूलुहान कर दिया। जिसमें भारत यादव की हालत चिंताजनक हो गई है।पुलिस संजय यादव की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई में जुट गई है। जबकि सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए लाइफ केयर हॉस्पिटल सोनौली लाया गया। भरत यादव जिनकी हालत चिंताजनक है उन्हें गोरखपुर ले जाया जा रहा है।
घटना की खबर मिलते ही पुलिस टीम घटनास्थल की तरफ रवाना हो गई है।


संकट के दलदल में 'कृषि-कृषक'

कम आय, खेती की बढ़ती लागत और सरकारी उपेक्षा, किसान और खेती दोनों ही संकट के दलदल में!


कृषि हमारी अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार..!


तस्लीम बेनकाब


आजादी के सात दशक बाद भी भारत के किसानों की दशा में कोई बड़ा कांतिक्रारी बदलाव देखने को नहीं मिला है। बल्कि देश में किसान और खेती दोनों ही संकट के दलदल में धंसते जा रहे हैं। जिन अच्छे, समृद्ध किसानों की बात की जाती है, उनकी गिनती तो बहुत ही कम है। लेकिन ऐसे किसानों की संख्या बहुत अधिक है जो आज भी हाशिये का जीवन जीने को मजबूर हैं। किसान हमेशा से हमारे देश की अर्थव्यवस्था का आधार रहे हैं। लेकिन यही आधार जब कमजोर पड़ने लगेगा तो हमारी कृषि का क्या होगा, यह गंभीर सवाल है जिस पर हमें सोचने की जरूरत है।
किसानों की दुर्दशा को हम लंबे समय से देखते-सुनते आ रहे हैं। हालात कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले दो दशक में लगभग कई हजारों किसान आत्महत्या कर चुके हैं। यही कारण है कि आज जगह-जगह किसानों के उग्र आंदोलन हो रहे हैं। कम आय, खेती की बढ़ती लागत और सरकारी उपेक्षा ने कृषि संस्कृति को संकट में डाल दिया है। पिछले कई सालों से खेती करने की लागत जिस तेजी से बढ़ती जा रही है, उस अनुपात में किसानों को मिलने वाले फसलों के दाम बहुत ही कम बढ़े हैं।
सातवें दशक में ग्रामीण परिवार की तीन चौथाई आय का स्रोत कृषि हुआ करती थी। इसके पैंतालीस साल बाद 2015 में यह एक तिहाई से भी कम रह गई है। अब अधिकांश ग्रामीण परिवार गैर कृषि कार्यों से अधिक आय अर्जित कर रहे हैं। बेशक, हमारा देश आज भी कृषि प्रधान है, बावजूद इसके शहरीकरण और औद्योगीकरण के चलते खेती का रकबा लगातार घटता जा रहा है। यही वजह है कि हमारी कृषि गहरे संकट में फंसती जा रही है। किसानों की आत्महत्या के बढ़ते सरकारी आंकड़े भी इस हकीकत को बयां करते हैं। सवाल उठता है कि खेती-बाड़ी पर निर्भर लोग क्यों मौत को गले लगा रहे हैं और यह सिलसिला आखिर क्यों नहीं थम पा रहा है?
अभी तक किसानों के कल्याण की जो योजनाएं बनाई गई हैं और जिस तरह से उनका क्रियान्वयन किया गया है, वह सिर्फ वोट बैंक को ध्यान में रख कर किया गया है। जब तक कृषि को उद्योग का दर्जा नहीं दिया जाता, तब तक कृषि कराहती रहेगी, ग्रामीण युवा खेती-किसानी से पलायन करते रहेंगे और किसान आत्महत्या करते रहेंगे। इसलिए दम तोड़ती खेती को बचाना और उसे सुगम बनाना सरकारों का सबसे बड़ा आर्थिक सरोकार होना चाहिए। ऐसा तभी संभव है जब सत्ता में बैठे लोग विकास योजनाएं तय करते समय खेती और किसानी का खास ध्यान रखें। कृषि हमारी अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है, यह हम बरसों से सुनते आ रहे हैं। लेकिन नीतियों के क्रियान्वयन में शिथिलता अर्थव्यवस्था के इस अहम केंद्र की जड़ें कमजोर ही करती जा रही है। इस दिशा में समुचित प्रयास नहीं किए गए तो खेती-बाड़ी से किसानों का मोहभंग होता जाएगा। इसलिए किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को कई स्तरों पर नए सिरे से सुधार करने की जरूरत है।


टाटा मोटर्स ने लॉन्च की दमदार अल्ट्राज

नई दिल्ली। देश की बड़ी कार निर्माता Tata Motors ने अपनी हैचबैक कार Altroz लांच किया है। पेट्रोल वर्ज़न वाली अल्ट्रॉज की एक्सशोरूम कीमत 5.29 लाख रुपए से शुरू है। वहीं, डीजल कार की शुरुआती कीमत 6.99 लाख रुपए (एक्सशोरूम रेट) है। बतादें, अल्ट्रॉज देश की सबसे सुरक्षित हैचबैक कार है। जिसे हाल ही में (ग्लोबल एनसीएपी) क्रैश टेस्ट में 5-स्टार रेटिंग दी गई ​है। टाटा मोटर्स (Tata Motors) की प्रीमियम हैचबैक अल्ट्रॉज (Premium Hatchback Altroz) पहली कार है जो कि टाटा के नए ALFA (Agile Light Flexible Advanced) आर्किटेक्चर के आधार पर बनी है।


अल्ट्रॉज के एक्सई मॉडल की शुरुआती कीमत 5.29 लाख रुपए है। वहीं, XZ (O) मॉडल की कीमत 7.69 लाख रुपए है। इसके साथ डीजल की शुरुआती मॉडल XE की कीमत 6.99 लाख रुपए तय की गई है। वहीं, XZ (O) मॉडल की कीमत 9.29 लाख रुपए है। कार के पेट्रोल वर्ज़न में 1.2 लीटर बीएस-6 तीन सिलिंडर नेचुरली ऐस्पिरिटेड इंजन है जिससे 86 पीएस का आउटपुट और 113 एनएम का टार्क जेनरेट होता है. इसमें 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन मिलेगा।


दो विदेशी सहित तीन महिला गिरफ्तार

मुबंई। मायानगरी मुंबई में पुलिस ने एक होटल में छापेमारी कर बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। बताया जा रहा है कि इस सेक्स रैकेट में फिल्म में काम करने वाली कुछ अभिनेत्रियां भी शामिल हैं। सेक्स रैकेट और जिस्मफरोशी के धंधे में पुलिस ने जिन तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है उसमें दो मूल तौर पर तुर्केमिनिस्तान की रहने वाली हैं और मुंबई में रहकर फिल्मों में छोटे-मोटे रोल किया करती थीं।


दरअसल मुंबई पुलिस को खबर मिली थी कि शहर के इंपीरियल होटल में सेक्स रैकेट का धंधा फल फूल रहा है जिसमें विदेशी लड़कियां शामिल हैं। पुलिस ने जब होटल में छापा मारा तो वहां से तीन युवतियों को गिरफ्तार किया, जिसमें दो विदेशी और एक मुंबई की महिला शामिल थी। पुलिस ने इनके 2 एजेंट को भी गिरफ्तार किया है।
ये दोनों ही महिलाएं फिल्मों में काम करने के अलावा पुणे की एक कॉलेज से एमबीए भी कर रही थीं। पुलिस ने इसके साथी ही इनके एजेंट जावेद और नावेद को भी गिरफ्तार किया जो इनके लिए ग्राहक लाने का काम करते थे। पुलिस ने पकड़ी गई विदेश महिलाओं के बयानों के आधार पर बताया कि फिल्मों में काम दिलाने और एक रात में लाखों रुपये कमाने का लालच देकर इनसे जिस्मफरोशी का धंधा कराया जाता था। पुलिस के मुताबिक ग्राहकों को खुश करने पर इन्हें एक रात के लिए एक लाख रुपये तक दिए जाते थे।


अलर्टः फोर्स का 'ऑपरेशन सर्द हवा'

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के अवसर पर पूरा देश अलर्ट पर है। खासतौर पर अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) ने ‘ऑपरेशन सर्द हवा’ शुरू किया है। इसके लिए जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के बॉर्डर पर 15 दिन का अलर्ट जारी किया गया है। किसी भी तरीके के आतंकी हमले से निपटने के लिए बीएसएफ ने बॉर्डर पर ट्रूप्स की संख्या बढ़ा दी है।


6 तरीके से आतंकी हमला


खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस 26 जनवरी पर पाकिस्तान बॉर्डर पर 6 तरीके से आतंकी हमला कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, आतंकी लॉन्च पैड से मसरूर बड़ा भाई के जरिए पाकिस्तान अफगानी और तालिबानी आतंकियों की घुसपैठ करा सकता है। इन आतंकियों की मदद पाकिस्तान रेंजर्स कर रहे हैं। इसके अलावा पाकिस्तान ड्रोन के जरिए हथियार भी भेज सकता है। बीएसफ सूत्र बताते हैं कि आतंकी कमांडर पाक आर्मी और ISI की मदद से प्री प्रोग्राम्ड ड्रोन का इस्तेमाल हथियार भेजने के लिए कर सकते हैं।


दीवाना कर देगी मल्लिका की फिटनेस

मुबंई। मल्लिका शेरावत बॉलिवुड की ऐसी अदाकारा हैं, जिन्होंने करियर में पीक पर रहने के दौरान कई ट्रेंड्स सेट किए और कई रुढिय़ों को तोड़ा। मल्लिका की हॉटनेस, ऐक्टिंग और डांस को लाइव बनाने में उनकी बॉडी और फिटनेस का खासा रोल रहता था। उस वक्त में मल्लिका हर किसी के लिए एक फिटनेस इंस्पिरेशन थीं। खास बात यह है कि उन्होंने अपनी इस फिटनेस को आज भी ऐसे ही बना रखा है। 


हालही मल्लिका ने सोशल मीडिया पर अपना एक विडियो पोस्ट किया है, जिसमें योग के प्रति उनका प्यार देखा जा सकता है। मल्लिका शेरावत का कहना है कि वे अपनी फिटनेस को मेंटेन रखने के लिए कुछ प्रॉप्स के साथ योग करना पसंद करती हैं। इससे पहले भी मल्लिका योग के अलग-अलग आसन करते हुए अपनी फोटोज और विडियोज अपने फैंस के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करती रही हैं।
ताजा विडियो में मल्लिका अपनी योग टीचर ज्योति के साथ मिलकर बैकबेंड्स की प्रैक्टिस कर रही हैं। इससे पहले उत्तासन करते हुए उन्होंने अपनी एक विडियो शेयर की थी और लिखा था कि वे फॉरवर्ड बेंडिंग की प्रेक्टिस कर रही हैं, अपनी योग टीचर की देखरेख में।


हॉरर थ्रिलर में भूमि-माही एक साथ

मुबंई। पिछले साल नवंबर में ही अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने यह खुलासा किया था कि उनकी अगली फिल्म एक हॉरर थ्रिलर होगी। इस फिल्म का नाम दुर्गावती है। इस फिल्म के जरिए साउथ के फिल्ममेकर जी अशोक निर्देशक के रूप में पहली बार सामने आ रहे हैं। अब यह जानकारी सामने आई है कि इस फिल्म में भूमि पेडनेकर के साथ अभिनेत्री माही गिल भी होंगी। फिल्म में अक्षय कुमार भी हैं। 
दुर्गावती में भूमि एक आईएएस ऑफिसर की भूमिका में हैं। सूत्रों के मुताबिक इस महीने की शुरुआत में ही माही इस फिल्म से जुड़ी हैं। इससे पहले माही और फिल्म निर्देशक जी अशोक के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं।
23 जनवरी से फिल्म की शूटिंग होने जा रही है। फिल्म की ज्यादातर शूटिंग मध्य प्रदेश में होगी। सूत्रों के मुताबिक भूमि पेडनेकर पहले फिल्म की शूटिंग शुरू होगी। माही बाद में टीम को जॉइन करेंगी। दुर्गावती साउथ रीमेक है। साउथ में इस फिल्म में मुख्य भूमिका अनुष्का शेट्टी ने निभाई थी। अब इस फिल्म को जी अशोक हिंदी में बना रहे हैं। मुख्य भूमिका के लिए उन्होंने भूमि को चुना है। 
बता दें कि भूमि पेडनेकर और अक्षय कुमार इससे पहले टॉइलट एक प्रेम कथा में काम कर चुके हैं। वहीं हे ब्रो फिल्म में अक्षय माही गिल के साथ नजर आए थे। बता दें कि माही गिल अनुराग कश्यप की फिल्म देव डी से चर्चा में आई थीं। वहीं, भूमि पेडनेकर दम लगाके हईशा फिल्म से रातोंरात स्टार बन गई थीं। हाल ही में बाला फिल्म में भी भूमि की खूब तारीफ हुई है।


गुस्सा-चिड़चिड़ापन रोग के लक्षण

अगर आप भी अपने आप को थकान भरा और चिड़चिड़ा महसूस करती है और वो भी बिना कोई ऐसा काम किये तो हो सकता है कि आप कुछ ऐसी समस्या से गुजर रही है जिसकी ओर आपका ध्यान देना जरुरी है क्युकी ये एक तरह का सिंड्रोम है जिसे बर्न आउट कहा जाता है। जी हां जब आप लम्बे समय तक स्ट्रेस या तनाव की स्थिति में रहते है या ऐसी स्थिति से बाहर नहीं आ पाते है तो आप बर्न आउट के शिकार है।
आमतौर पर ये सुनने में डिप्रेशन की तरह ही लगता है लेकिन ये डिप्रेशन से अलग होता है क्योंकि डिप्रेशन की स्थिति में ग्रसित व्यक्ति हर समय आत्मविश्वास की कमी और बिना वजह ही हीन भावना से भरा महसूस करता है जबकि बर्न आउट में हर समय थकान और चिड़चिड़ापन देखने को मिलता है।
इन लोगों को ज्यादा परेशान करती है ये बीमारी
एक शोध में ये बात सामने आई है की बर्न आउट की स्थिति में ज्यादातर वे लोग पाए जाते है जो घर पर या ऑफिस में लम्बे समय से तनाव में कार्य करते रहते है बहुत अधिक थकान, शरीर में सूजन और सायकॉलजिकल तनाव का बढऩा एक दूसरे से लिंक है। जब यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो हार्ट टिश्यूज को डैमेज करने के का काम करती है। इसी कारण अरिद्मिया की स्थिति बनने लगती है और दिल की धड़कने कभी कम और कभी ज्यादा होती रहती हैं।
बढ़ता है अन्य बीमारियों का खतरा
इस स्थिति में हार्ट बीट्स रेग्युलर तरीके से काम नहीं पाती हैं और ब्लड क्लॉट्स, हार्ट फेल्यॉर और दिल संबंधी दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि इस खतरे की दर को अभी मापा नहीं जा सका है।
पहचानिए ये लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बर्न आउट जैसी बीमारी प्रोफेशनल लोगों से जुड़ी हुई है। खासकर जो महिलाएं घर और ऑफिस दोनों का काम करती हैं उन्हें बर्न आउट होने के चांस ज्यादा रहते हैं। डब्लूएचओ के मुताबिक बर्न आउट के लक्षण निम्नलिखित है।


शरीर का काफी थका हुआ महसूस करना
कुछ घंटे काम करने के बाद शरीर में एनर्जी का स्तर गिरा हुआ महसूस करना।
काम करते वक्त दिमाग का आउट ऑफ फोकस होना.
दिमाग में हमेशा नेगेटिव विचारों का आना।


कई रोगों से रक्षा करता है अंगूर

फलों और सब्जियों से भरपूर डाइट आपको गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा दिला सकती है। इन रोगों में हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर और मोटापा शामिल हैं। अन्य फलों और सब्जियों की तरह, अंगूर फाइबर और पानी का एक अच्छा स्रोत है। अंगूर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व व्यक्ति को विशेष रूप से स्वस्थ बनाते हैं। अंगूर आजकल हर मौसम में मिलते हैं, इसमें कई विटामिन भी पाए जाते हैं।
खून में शुगर की मात्रा को घटाता है
मुलायम और रसीले होने के कारण ये बच्चे और बड़े, दोनों के मन को खूब भाते हैं। अंगूर में हेरोस्टिलवेन नामक पदार्थ पाया जाता है जो एंटीआक्सीडेंट होता है। ये खून में शुगर की मात्रा को घटाता है, इसलिए यह डायबिटीज और कैंसर रोगियों के लिए फायदेमंद है। हरे अंगूरों की तुलना में, काले अंगूरों में हेरोस्टिलवेन की मात्रा अधिक होती है, जिसे खाने से रक्त संचार बढ़ता है। स्वादिष्ट होने के साथ-साथ ये आपके शरीर को कई फायदे पहुंचाते हैं। आइए जानते हैं अंगूर के कुछ खास फायदे।
अक्सर आप जुकाम में, कई नुस्खे अपनाने के बाद भी निजात नहीं पाते हैं. अगर आप रोजाना 50 ग्राम अंगूर खाएंगे, तो जल्द ही जुकाम से छुटकारा पा सकते हैं।
अंगूर खाने से ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है और इसमें पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है। ये हाई बीपी वाले लोगों में, सोडियम की मात्रा कम करने में मदद करता हैं।
कैंसर रोगी, शुरुआत में तीन दिन थोड़े से अंगूर के रस का सेवन करें और फिर धीरे-धीरे एक ग्लास पानी की आदत डालें. ये आपके लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है।
अंगूर खाने से पेट साफ रहता है और पाचन तंत्र भी अच्छा रहता है।
चेचक के रोगी को अंगूर खिलाने से आराम मिलता है।
हर्ट में दर्द हो तो अंगूर का रस पीने से काफी हद तक राहत मिलती है।
अंगूर को नमक और काली-मिर्च के साथ खाने से कब्ज की परेशानी भी दूर हो जाती है। किडनी के दर्द में अंगूर के ताजा पत्ते पानी में पीसकर, थोड़ा नमक मिलाकर छान लें, रोगी को पिलाने से दर्द ठीक हो जाता है। अंगूर का सेवन कई तरह के एलर्जी को कम करने में मदद कर सकता है।अंगूर को किसी भी रूप में खाने से फायदा होता है लेकिन अंगूर को खाने से पहले उसे अच्छी तरह धो लें क्योंकि अंगूर की खेती के समय इन पर कई सारे कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है जो आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।


कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट तैयार

नई दिल्ली। दिल्ली चुनाव में प्रचार के लिए कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू का भी नाम है। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मतभेद के बाद किनारे लगाए सिद्धू को दिल्ली के चुनाव में पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। स्टार प्रचारकों की लिस्ट में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का भी नाम शामिल है।


सिद्धू के साथ शत्रुघ्न सिन्हा और सिंधिया भी
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में सोनिया और राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह हैं। नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए नेताओं को भी स्टार प्रचारक बनाया गया है। बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आए शत्रुघ्न सिन्हा, उदित राज और कीर्ति आजाद का नाम भी स्टार प्रचारकों की लिस्ट मे हैं। पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ शर्मिष्ठा मुखर्जी और रागिनी नायक जैसे चेहरों को भी जगह दी गई है।



कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी स्टार प्रचारक
लोकप्रिय चेहरों के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी स्टार प्रचारक की लिस्ट में हैं। कपिल सिब्बल, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंदर सिंह हुड्डा, उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत भी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में हैं। मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पार्टी के लिए वोट मांगते नजर आएंगे।


एससी का रोक न लगाने का आदेश जारी

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर दाखिल 144 याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट नागरिकता कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन करेगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र का पक्ष सुने बिना सीएए पर कोई स्थगन आदेश जारी नहीं करेगा। नागरिता कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है और कहा है कि अब अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र का पक्ष सुने बिना सीएए पर कोई स्थगन आदेश जारी नहीं करेगा। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा है कि हम अभी कोई भी आदेश जारी नहीं कर सकते हैं, क्योंकि काफी याचिकाओं को सुनना बाकी है। अटॉर्नी जनरल ने अपील की है कि कोर्ट को आदेश जारी करना चाहिए कि अब कोई नई याचिका दायर नहीं होनी चाहिए।
केंद्र सरकार ने कहा कि सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली उन याचिकाओं पर जवाब देने के लिए उसे समय चाहिए जो उसे अभी नहीं मिल पाई हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय से सीएए के क्रियान्वयन पर रोक लगाने और एनपीआर की कवायद फिलहाल टाल देने का अनुरोध किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीएए की संवैधानिक वैधता तय करने के लिए वह अपीलों को वृहद संविधान पीठ के पास भेज सकता है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि हम सरकार से कुछ अस्थायी परमिट जारी करने के लिए कह सकते हैं। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने असम में अधिनियम के कार्यान्वयन के संबंध में एक पूर्व-भाग आदेश की मांग की। उन्होंने कहा कि असम की स्थिति अलग है, पिछली सुनवाई के बाद से 40 हजार लोग असम में प्रवेश कर चुके हैं।


सिक्किम के सचिव ने आभार व्यक्त किया

रायपुर। सिक्किम के मुख्य सचिव श्री एस.सी. गुप्ता ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान उनके राज्य के कलाकार पदम गंधर्व को आकस्मिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया है। 
उल्लेखनीय है कि सिक्किम से आए कलाकारों के दल के सदस्य पदम गंधर्व की अचानक तबीयत बिगडऩे पर उसे तत्काल रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। तबीयत में सुधार नहीं होने पर मुख्यमंत्री की पहल पर एयर एम्बुलेंस के जरिए इलाज के लिए तत्काल दिल्ली भेजा गया। 
सिक्किम के मुख्य सचिव श्री गुप्ता ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव आर.पी. मंडल को भेजे अर्ध-शासकीय पत्र में छत्तीसगढ़ सरकार की इस मानवीयता और संवेदनशील पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि कलाकार पदम गंधर्व को एयर एम्बुलेंस के जरिए त्वरित चिकित्सा सहायता से न केवल उनकी जीवन की रक्षा हो पाई, बल्कि इस कार्य से छत्तीसगढ़ ने सिक्किम की जनता का भी दिल जीत लिया है। उन्होंने 27 से 29 दिसम्बर 2019 तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव जैसे बड़े आयोजन में सिक्किम राज्य के कलाकारों को मौका देने के लिए भी आभार व्यक्त किया और छत्तीसगढ़ में भविष्य में होने वाले ऐसे आयोजनों में सिक्किम के कलाकारों की भागीदारी के लिए भी आश्वस्त किया है।


अमित की परछाई से निकल पाएंगे नड्डा ?

तकरीबन सात माह से जेपी नड्डा भाजपा की राष्ट्रीय इकाई में कार्यकारी अध्यक्ष की हैसियत से काम कर रहे थे, अब वे भाजपा के पूर्ण कालिक अध्यक्ष बन चुके हैं। उनका कार्यकाल 2023 तक रहेगा। पिछले सात माहों के कार्यकाल पर अगर गौर फरमाया जाए तो जेपी नड्डा के खाते में कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है। वे अब तक निर्वतमान अध्यक्ष अमित शाह की परछाई के रूप में ही काम करते दिखे। नरेंद्र मोदी की दूसरी पारी में जब अमित शाह के द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री का पदभार संभाला गया, उसके बाद जे.पी. नड्डा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। उनके द्वारा लिए गए कमोबेश हर फैसले में कहीं न कहीं अमित शाह का हस्ताक्षेप और उनकी छाप भी दिखाई दी। अब उनके लिए यह जरूरी है कि वे अमित शाह और नरेंद्र मोदी की छतरी से बाहर निकलें और दमदारी के साथ कुछ निर्णय लेकर पार्टी को मजबूत करने की कवायद करें तो ही वे सफल और कद्दावर अध्यक्ष की फेहस्ति में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं, अन्यथा उन्हें भी रिमोट कंट्रोल से चलने वाले अध्यक्षों की सूची में शुमार कर दिया जाएगा।



 
भारतीय जनता पार्टी को इस मुकाम तक लाने में अटल बिहारी बाजपेयी, लाल कृष्ण आड़वाणी, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह आदि नेताओं के योगदान को शायद ही कभी भुलाया जा सके। इसके बाद अमित शाह ने जबसे भाजपा की ममान संभाली उसके बाद से पार्टी में मुखर फैसले लिए जाने लगे। अमित शाह के कार्यकाल में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि राज्यों की सत्ता भाजपा के हाथ से फिसली तो उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में भाजपा का परचम लहराया गया। उत्तर प्रदेश मं जातिगत समीकरणों के हिसाब से भाजपा की जीत की उम्मीदें बहुत ही कम थीं। इसके अलावा आम चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन जिस तरह का रहा, वह भी अमित शाह के खाते की एक बहुत बड़ी उपलब्धि ही मानी जाती है। अमित शाह को एक कुशल प्रशासक के रूप में देखा जाता है। अमित शाह की छवि सख्त मिज़ाज नेता के रूप में स्थापित हुई है। वैसे भी किसी दल में अनुशासन बनाए रखने के लिए शीर्ष नेता का कुछ हद तक सख्त होना भी बहुत जरूरी होता है।
अब अमित शाह के बाद जब जे.पी. नड्डा को भाजपा की कमान सौंपी गई है तब के परिदृश्य में स्थितियां जे.पी. नड्डा के अनुकूल ही दिख रही हैं। वर्तमान में पार्टी बहुत ही सशक्त रूप में उभर चुकी है। केंद्र में पूरी बहुमत की सरकार है। यह अलहदा बात है कि 2017 के मुकाबले अनेक राज्य अब भाजपा के हाथों से फिसल चुके हैं। अमित शाह कड़क मिज़ाज तो जे.पी. नड्डा बहुत ही कोमल हृदय वाली छवि के इंसान माने जाते हैं। भाजपा के अंदर भी अन्य दलों की तरह ही अंदर ही अंदर एक दूसरे की जड़ें काटने वाले नेताओं की कमी नहीं है। राज्य स्तर पर गुटबाजी भी भाजपा में आम है। इस तरह की बातों से निपटने के लिए जे.पी. नड्डा को बेहतर रणनीति बनाना होगा।
अब अमित शाह और जे.पी. नड्डा के कार्यकाल की कदम कदम पर समीक्षा के साथ ही साथ तुलना भी की जाएगी। अभी तक तो जे.पी. नड्डा कार्यकारी अध्यक्ष थे, इसलिए उनके उस कार्यकाल में कार्यकर्ताओं को उनसे बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं थी, पर अब जब वे पूर्णकालिक अध्यक्ष बन चुके हैं तब सबकी निगाहें उन पर जा टिकी हैं। कार्यकारी अध्यक्ष रहते हुए जे.पी. नड्डा ने किसी तरह की छाप नहीं छोड़ी है। उनके कार्यकारी अध्यक्ष रहते हुए अनेक राज्यों में हुए विधान सभा चुनावों में भाजपा ने मुंह की खाई है। कार्यकारी अध्यक्ष रहने के बाद भी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में कमोबेश हर फैसले पर अमित शाह और नरेंद्र मोदी की छाप दिखाई देती थी। इस दौरान जे.पी. नड्डा अपनी सशक्त मौजूदगी दर्ज नहीं करवा पाए।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर हुए नाटकीय घटनाक्रम में भी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की फजीहत हुई। यह असफलता भी जे.पी. नड्डा के खाते में ही आई। महाराष्ट्र में भाजपा को अपने दशकों पुराने साथी शिवसेना से दूर रहना पड़ा। शिवसेना के साथ रिश्ते बिगड़ना भी एक बड़ा फेक्टर बनकर उभरा। इधर, झारखण्ड में भाजपा के सहयोगी आल झारखण्ड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) से रिश्ते संभाल नहीं पाई और दोनों ने अलग अलग चुनाव लड़े। यहां भी भाजपा को सत्ता से दूर होना पड़ा। हरियाणा की अगर बात की जाए तो हरियाणा में भाजपा को सीटें कम आने पर जननायक जनता पार्टी के साथ समझौता कर सरकार बनाने पर मजबूर होना पड़ा।
भाजपा के खाते में उपलब्धियां तो हैं। मामला चाहे धारा 370 एवं 35ए हटाने का हो या जम्मू काश्मीर को तोड़कर नए राज्यों के निर्माण का या राम मंदिर पर सरकार का कदम हो, हर मामले में सारा का सारा श्रेय अमित शाह के खाते में ही जाता दिखा। भाजपा के अध्यक्ष होने के नाते पार्टी के खाते में श्रेय आया तो वह भी अमित शाह के रास्ते ही आता दिखा।
जे.पी. नड्डा ने जब अध्यक्ष की कमान संभाली है तब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौति दिल्ली विधान सभा के चुनाव के रूप में ही सामने खड़ी दिख रही है। दिल्ली में पार्टी सालों से सत्ता से बाहर है। पिछली मर्तबा 70 सीटों वाली दिल्ली विधन सभा में भाजपा के हाथ महज तीन सीट ही लगीं थीं। अब दिल्ली में सातों लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है। इस लिहाज से भाजपा से कार्यकर्ता यही उम्मीद करेंगे कि 1998 के बाद राजनैतिक वनवास काट रही भाजपा को इस बार सत्ता के शिखर तक पहुंचाया जाए। देश की राजनैतिक राजधानी के विधान सभा चुनावों में जे.पी. नड्डा की अग्नि परीक्षा ही होना माना जा सकता है।
इसके साथ ही साथ बिहार और पश्चिम बंगाल के चुनाव भी जे.पी. नड्डा के लिए चुनौति से कम नही होंगे। इतना ही नही सीएए, एनआरसी, एनपीआर भी केंद्र में भाजपानीत सरकार की प्राथमिकताएं हैं। इन मामलों में देश भर में हो रहा विरोध किसी से छिपा नहीं है। इस विरोध के शमन के लिए भाजपा की केंद्रीय सरकार तो प्रयास कर रही है किन्तु संगठन स्तर पर इसके लिए प्रयास करना भी जे.पी. नड्डा के लिए कम मुश्किल नहीं होगा।
देश भर के सूबाई संगठनों में नेताओं के बीच आपसी खींचातान भी जमकर मची हुई है। आपसी रार अब तक गाहे बेगाह ही सामने आती थी, क्योंकि अमित शाह का अनुशासन का डंडा नेताओं को बैकफुट पर रहने के लिए मजबूर कर देता था। अब अपेक्षाकृत लिबरल छवि वाले जे.पी. नड्डा के लिए सूबाई नेताओं को समन्वय बनाकर चलने की नसीहत देना भी चुनौति से कम नहीं होगा।
केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्रियों की पत्रकार वार्ताओं को कम ही देखा गया है। मीडिया के सामने सबसे ज्यादा आने वालों की फेहरिस्त में केंद्र के अनेक मंत्रियों का तो अब तक नंबर ही नहीं लग पाया है। सरकार की नीतियों के बखान में भी भाजपा का जमीनी संगठन कसरत करता नहीं दिखता। देश के नागरिकों को सीएए का मतलब समझाने निकले भाजपा के सांसदों को पसीना आ गया था।
कुल मिलाकर 2014 में अमित शाह जबसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, उसके बाद से लगातार ही उनके द्वारा जिस तरह से फैसले लिए गए, वे सदा ही चर्चाओं में बने रहे। उनके कार्यकाल में भाजपा ने ऊॅचाईंयां को स्पर्श किया है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। अभी जे.पी. नड्डा को उनकी परछाईं के अंदर ही देखा जाता रहा है। अब जे.पी. नड्डा को उनकी परछाईं से मुक्त होकर अपना स्वतंत्र अस्त्तित्व बनाने की जरूरत है, ताकि वे अमित शाह के बाद भाजपा को और अधिक बुलंदियों तक ले जा सकें।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


जनवरी 23, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-166 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, जनवरी 23, 2020
3. शक-1941, माघ - कृष्ण पक्ष, तिथि- त्रयोदशी-चतुर्दशी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:09,सूर्यास्त 05:30
5. न्‍यूनतम तापमान -4 डी.सै.,अधिकतम-15+ डी.सै., बरसात के साथ शीतलहर की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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cont.:-935030275
 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ

रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख के पार हुआ  पंकज कपूर  देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2024 को लेकर यात्रियों में गजब का उत्साह देखा जा...