गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

13 जिलों के जिला जजों का तबादला

13 जिले जिला जजों का हुआ तबादला,
एक एडीजे का हुआ प्रमोशन
लखनऊ। हाईकोर्ट प्रशासन ने तबादला आदेश किया जारी,
रजिस्टार जनरल की ओर से तबादले की जारी हुई अधिसूचना।
गौरव कुमार श्रीवास्तव बने चंदौली के जिला जज,
प्रमोद कुमार शर्मा आजमगढ़ के बने जिला जज,
सर्वेश कुमार सहारनपुर के बने जिला जज,
राजीव शर्मा बागपत के बने जिला जज,
राम मनोहर नारायण मिश्र बने अलीगढ़ के जिला जज,
जितेंद्र कुमार सिन्हा मऊ के बने जिला जज,
मुकेश मिश्र पीठासीन अधिकारी वाणिज्यिक अधिकरण गौतम बुद्ध नगर बनाये गये।अब्दुल सादिक ओएसडी अमेठी बने, कुलदीप कुमार द्वितीय जिला जज सीतापुर बने,
डॉ अजय कृष्ण विश्वेश हाईकोर्ट में ओएसडी विजिलेंस बनाए गए।
देवी शंकर प्रसाद श्रीवास्तव जिला जज मुरादाबाद बने,
राम अचल यादव प्रोन्नत होकर जिला जज बाराबंकी बने,
नीरजा सिंह को कमर्शियल टैक्स ट्रिब्यूनल लखनऊ में मिली तैनाती।


निशुल्क चिकित्सा शिविर, सम्मान समारोह

निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन वारसी दवाखाना


पत्रकार सम्मान समारोह


रायबरेली (लालगंज)। क्षेत्र-एन एम अब्दुल्ला माइनॉरिटी एजुकेशनल एंड डेवलपमेंट सोसाइटी के व्यवस्थापक डॉक्टर अलीम व डॉक्टर अब्दुल नदीम के द्वारा वारसी दवाखाना आचार्य नगर लालगंज में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें डॉक्टर नदीम ने कहा कि विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी निशुल्क कंबल वितरण का आयोजन 27 दिसंबर 2019 को उनके पैतृक निवास पूरे ओरी महा खेड़ा में गरीब, विधवा असहाय लोगों को कंबल वितरण किया जाएगा। जो कि हर साल की तरह हमारे बड़े भाई नसीम उर्फ बाबू जी के द्वारा संचालित किया जाता रहा है। वहीं दूसरी तरफ इस कार्यक्रम के बाद 29 दिसंबर 2019 को वारसी दवाखाना आचार्य नगर लालगंज में निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आंखों की जांच और महिलाओं के सभी प्रकार के रोगों का निशुल्क इलाज किया जाएगा। इसके लिए लखनऊ के विशेष प्रकार के डॉक्टर भी बुलाए गए हैं।कार्यक्रम का संचालन अब्दुल वसीम तथा मुन्ना लाल ने किया। जिसमें प्रमुख रुप से अब्दुल कफील,अब्दुल नसीम बाबू जी एवं प्रबुध शिक्षक वर्ग में पन्नालाल, दयाशंकर, विनोद कुमार, विष्णु शंकर दीक्षित, श्री राम, विनोद सिंह, राज कुमार तिवारी, असद अहमद, शिवम कुमार, करण कुमार, सुंदर, उमेश शर्मा, शिवलाल साहू मोहम्मद असलम आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्टिंग-संदीप कुमार


कांग्रेस का ऐलान,600 यूनिट बिजली फ्री

नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव की मुनादी में अभी हुई नहीं कि सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार की योजना को काउंटर करने के लिए कांग्रेस ने भी एक बड़ा ऐलान किया है, ताकि चुनाव में इसका फायदा मिल सके। दिल्ली कांग्रेस प्रमुख सुभाष चोपड़ा ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो दिल्ली में 600 यूनिट तक की बिजली मुफ्त मिलेगी। सुभाष चोपड़ा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली वासियों को केवल 200 यूनिट बिजली फ्री दे रही है। हमारी सरकार अगर दिल्ली में आई तो 600 यूनिट फ्री बिजली देंगे।


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बुधवार को कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो हम दिल्ली में 600 यूनिट बिजली से राहत देंगे। हम ऐसा इसलिए नहीं कह रहे, क्योंकि चुनाव है। यह आपका पैसा है और आपको इसका फायदा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि छोटी इंडस्ट्रीज के लिए 200 यूनिट बिजली मुफ्त देंगे। इन सबका जिक्र हमारे घोषणापत्र में होगा।
उनकी सरकार है जैसे पंजाब, राजस्थान, MP आदि। नहीं तो लोग समझ जाएँगे कि ये झूठा चुनावी जुमला है।


गौरतलब है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी सरकार 200 यूनिट तक की बिजली मुफ्त दे रही है। इस साल 1 अगस्त को अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया था कि दो सौ यूनिट  तक बिजली खपत पर कोई बिल नहीं देना होगा। वहीं, 200-400 यूनिट बिजली खपत पर 50 फीसदी की सब्सिडी देने का भी केजरीवाल ने ऐलान किया था। केजरीवाल की इस योजना से दिल्ली वालों को काफी लाभ मिल रहा है।


कभी भी हो सकता है चुनाव की तारीखों का ऐलान
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के साथ उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चुनाव तैयारियों में जुटी दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी को चुनाव आयोग ने गुरुवार (26 दिसंबर) को आखिरी समीक्षा बैठक के लिए बुलाया है। बैठक के बाद तैयारियों को देखते हुए कभी भी चुनावों की घोषणा की जा सकती है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद अगली सरकार का गठन 15 फरवरी 2020 तक करना है।
दिल्ली चुनाव को लेकर सभी दल मैदान में आ गई है, और सभी ने सियासी रणनीति के साथ चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।


अंधविश्वासः बच्चों को जमीन मे गाढ दिया

नई दिल्ली। साल 2019 के आखिरी सूर्य ग्रहण की शुरुआत हो चुकी है। देश के कई हिस्सों में सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा दिखना शुरू हो चुका है। इसी बीच कुछ सूर्यग्रहण के कारण कुछ दुर्भागयपूर्ण मान्यताएं भी सामने आ रही हैं।


सूर्यग्रहण पर अंधविश्वास की हद पार, बच्चों को जमीन में गाड़ा
ऐसी ही एक मान्यता सामने आ रही कर्नाटक के गुलबर्गा से, जहां जिंदा बच्चों को जमीन में ही गाड़ दिया गया। दरअसल, यहां ऐसा माना जाता है कि दिव्यांग बच्चों को जमीन में गर्दन तक गाड़ने से वे दिव्यांगता से बाहर आ जाते हैं।


इन बच्चों की तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीर में साफ़ दिख रहा है कि बच्चों के पूरे शरीर को जमीन में मिट्टी के अंदर गाड़ दिया गया है। उनका सिर्फ चेहरा दिख रहा है। बता दें कि भारत में गुरुवार को सुबह करीब 8 बजे शुरू हुए इस ग्रहण का असर दोपहर डेढ़ बजे तक रहेगा। ऐसे में देश के अलग-अलग हिस्सों में पूजा का कार्यक्रम जारी है।


सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 36 मिनट:भारतीय समयानुसार आंशिक सूर्यग्रहण सुबह आठ बजे आरंभ हुआ जबकि वलयाकार सूर्यग्रहण की अवस्था सुबह 9.06 बजे शुरू होगी। सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी जबकि ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर एक बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी।


सूर्यग्रहण पर अंधविश्वास की हद पार, बच्चों को जमीन में गाड़ा
सूर्य ग्रहण को लेकर नासा की चेतावनी:सूर्य ग्रहण को अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने चेतावनी जारी की है। नासा ने कहा है कि सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने की भूल ना करें। विकिरण से बचाने वाले चश्मे का इस्तेमाल करें।


सूरज ग्रहण की छाया: देश के अलग-अलग शहरों में सूर्य ग्रहण का नजारा दिखना शुरू हो गया है। तमिलनाडु के चेन्नई शहर में सूर्य ग्रहण का कुछ ऐसा नजारा दिख रहा है।


'रिंग ऑफ फायर' की तरह दिखा सूर्य ग्रहण:
इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण एक आग की अंगूठी की तरह नजर आया है। वैज्ञानिक इसे 'रिंग ऑफ फायर' का नाम दे रहे हैं। इस ग्रहण में सिर्फ सूरज का मध्य भाग ही छाया के क्षेत्र में आता है जबकि सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित है। देश के अलग अलग हिस्सों में सूर्यग्रहण दिख रहा है। लोग इसे देखने के लिए उत्सुक नजर आए। सोशल मीडिया पर भी लोग तरह तरह की तस्वीरें डाल रहे हैं।


जांच होने तक मृतकों को मुआवजा नही

मंगलुरु। कर्नाटक के मंगलुरु में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में मारे गए 2 व्यक्तियों के खिलाफ एक FIR दर्ज की गई थी। इसके कुछ दिन बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा कि यदि दोनों दंगों में लिप्त पाए जाते हैं तो उनके परिवारों को अनुग्रह राशि प्रदान नहीं की जाएगी। येदियुरप्पा ने मंगलुरु में कहा कि जांच में यदि यह साबित हो गया कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ 19 दिसंबर के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में दोनों की संलिप्तता थी तो सरकार उनके परिवारों को एक रुपया भी नहीं देगी। येदियुरप्पा प्राथमिकी में दोनों के नाम आने के बाद अनुग्रह राशि दिए जाने का विरोध किए जाने के मद्देनजर अनुग्रह राशि पर सरकार के रुख को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। घटना के तत्काल बाद सरकार ने नौशीन (23) और जालिल कुदरोली (49) के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की थी जो प्रदर्शनों के दौरान हुई पुलिस गोलीबारी में मारे गए थे। हिंसा के बाद तटीय नगर में 3 दिन के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा था। यद्यपि बाद में राज्य के मंत्रियों सहित कुछ बीजेपी नेताओं ने मृतकों के परिवरों को मुआवजा प्रदान करने पर आपत्ति की थी और कहा था कि मृतकों को मामले में आरोपी बनाया गया है।


पुलिस की फायरिंग में नौशीन और जलील की मौत हो गई थी।
FIR के अनुसार जालिल और नौशीन सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन का हिस्सा थे और उन्हें क्रमश: आरोपी नम्बर 3 और 8 है। प्रदर्शनों में कथित भूमिकाओं के लिए FIR में कुल 77 व्यक्तियों के नाम हैं। येदियुरप्पा ने कहा, 'यह आम विचार है कि उन्हें मुआवजा देना अनुचित होगा क्योंकि उनके खिलाफ कई आरोप हैं और अब इसके सबूत सामने आ रहे हैं कि वे हिंसा में लिप्त होने वालों में शामिल हैं।' उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने शहर में धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया जबकि संगठनों को 19 दिसम्बर को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई थी। उपद्रव बढ़ने पर पुलिस गोली चलाने को बाध्य हुई थी। इससे पहले केरल के निजी दौरे के बाद वापस आए मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने हिंसक घटनाओं और गोलीबारी में 2 व्यक्तियों की मौत को लेकर यहां दक्षिण कन्नड़ जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रात में और बुधवार सुबह बैठक की। शहर के हिंसा से प्रभावित होने के बाद येदियुरप्पा का शहर का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले येदियुरप्पा ने शनिवार को दोनों पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी और ईसाई, मुस्लिम समुदायों के प्रतिनिधियों, नेताओं और अधिकारियों से बैठक के बाद शांति की अपील की थी।


चुनौतियों को 'चुनौती का मौका' नहीं छोड़ा

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर यहां पहुंचे मोदी ने लोकभवन परिसर में स्थित उनकी करीब 25 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की भी आधारशिला रखी। इस विश्वविद्यालय के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने 50 एकड़ भूमि दी है। यहां पीएम मोदी ने एक कार्यक्राम को संबोधित भी किया।



 
“झूठी अफवाहों में आए कुछ लोगों ने हिंसा की”
संबोधन में पीएम मोदी ने CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में हुई हिंसा को लेकर कहा कि “कुछ लोगों ने झूठी अफवाहों में आकर हिंसा की। हिंसा करने वाले खुद से पूछे क्या हिंसा सही थी। जो कुछ भी जलाया गया क्या वह उनके काम नहीं आने वाला था। देश की संपत्ति को सुरक्षित रखना लोगों की जिम्मेदारी है।” पीएम मोदी ने मंच से लोगों से हिंसा नहीं करने की अपील भी की है।



“विरासत में मिली समस्याओं का समाधान कर रहे हैं”
प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर यहां आयोजित कार्यक्रम में कहा, ”हमें विरासत में जो भी सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक समस्याएं और चुनौतियां मिली हैं, उनके समाधान की हम निरन्तर कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ”अनुच्छेद 370 कितनी पुरानी बीमारी थी। कितनी कठिन लगती थी, मगर हमारा दायित्व था कि हम ऐसी कठिन चुनौतियों से पार पायें और यह आराम से हुआ। सबकी धारणाएं चूर-चूर हो गयीं। राम जन्मभूमि के इतने पुराने मामले का शांतिपूर्ण समाधान हुआ।”


“हम चुनौती को चुनौती देने के स्वभाव के साथ निकले हैं”
पीएम मोदी ने कहा कि विभाजन के बाद लाखों गरीब लोग अपनी बेटियों की इज्जत बचाने के लिये पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत की तरफ आने को मजबूर हो गये। उन्हें नागरिकता देने का रास्ता साफ किया गया। ऐसी अनेक समस्याओं का हल देश के 130 करोड़ भारतीयों ने निकाला है। उन्होंने कहा कि अभी जो चुनौतियां बाकी हैं, उनके समाधान के लिये भी पूरे सामर्थ्य से साथ हर भारतवासी प्रयास कर रहा है। चाहे हर गरीब को घर देना हो या फिर हर घर जल पहुंचाना हो। कितनी भी बड़ी चुनौती हो, हम चुनौती को चुनौती देने के स्वभाव के साथ निकले हैं।


सरकार के लिए सुशासन का अर्थ?
पीएम मोदी ने कहा कि “हमारी सरकार के लिए सुशासन का अर्थ 'सुनवाई, सबकी हो। सुविधा, हर नागरिक तक पहुंचे। सुअवसर, हर भारतीय को मिले। सुरक्षा, हर देशवासी अनुभव करे और सुलभता, सरकार के हर तंत्र की सुनिश्चित हो' है।” पीएम ने कहा कि “आज सुशसन दिवस पर जब हम नए वर्ष और नए दशक में प्रवेश करने जा रहे हैं तब हमें अटल जी की एक और बात अवश्य याद रखनी चाहिए। अटल जी कहते थे कि हर पीढ़ी भारत की प्रगति में योगदान का मूल्यांकन दो बातों के आधार पर होगा। पहला- हमें जो विरासत में मिली कितनी समस्याओं को हमने सुलझाया है और दूसरा- राष्ट्र के भावी विकास के लिए हमने अपने खुद के प्रयासों से कितनी मजबूत नींव रखी है।”


“अपने हक और दायित्व को हमेशा याद रखें”
उन्होंने कहा कि “आज अटल सिद्धि की इस धरती से मैं यूपी के युवा साथियों को, यहां के हर नागरिक को एक और आग्रह करने आया हूं। आजादी के बाद के वर्षों में हमने सबसे ज्यादा जोर अधिकारों पर दिया है, लेकिन अब हमें अपने कर्तव्यों, अपने दायित्वों पर भी उतना ही बल देना है।”  पीएम मोदी ने कहा कि “हक और दायित्व को हमें साथ-साथ और हमेशा याद रखना है। उत्तम शिक्षा, सुलभ शिक्षा हमारा हक है, लेकिन शिक्षा के संस्थानों की सुरक्षा, शिक्षकों का सम्मान, हमारा दायित्व है। हम अपना दायित्व निभाएं, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें, यही सुशासन दिवस पर हमारा संकल्प होना चाहिए, यही जनता की अपेक्षा है, यही अटल जी की भी भावना थी।”


दुनिया की सबसे लंबी, डरावनी गुफा

वियतनाम। दुनिया में कई तरह की गुफाएं मौजूद हैं और हर गुफाओं की अपनी खासियत भी है। आपने अपनी जिंदगी में कई गुफाएं देखी भी होंगी, लेकिन वियतनाम में जैसी गुफा है वैसी तो पक्का नहीं देखी होगी। यह दुनिया की सबसे बड़ी गुफा है, जिसके अंदर एक अलग ही दुनिया बसी हुई है। सबसे खास बात ये है कि इस गुफा के अंदर से ऐसी-ऐसी डरावनी आवाजें आती हैं जिसे सुनकर ही लोग कांप जाते हैं।


नौ किलोमीटर लंबी, 200 मीटर चौड़ी और 150 मीटर ऊंची इस गुफा का नाम है हैंग सोन डूंग। इस गुफा के अंदर पेड़-पौधों से लेकर जंगल, बादल और नदी तक सबकुछ हैं। लाखों साल पुरानी इस गुफा को साल 2013 में पहली बार पर्यटकों के लिए खोला गया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि हर साल सिर्फ 250-300 लोगों को ही यहां जाने की इजाजत मिलती है


इस गुफा की खोज साल 1991 में 'हो खानह' नाम के स्थानीय शख्स ने की थी, लेकिन उस वक्त पानी की भयंकर गर्जना और गुफा में घोर अंधेरा होने के कारण कोई भी अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया था।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साल 2009 में इस गुफा को पहचान मिली, जब एक ब्रिटिश रिसर्च एसोसिएशन ने पहली बार दुनिया को इस गुफा की झलक दिखाई। बाद में साल 2010 में वैज्ञानिकों ने एक 200 मीटर ऊंची दीवार, जिसे 'वियतनाम की दीवार' भी कहते हैं, को पार कर गुफा के अंदर जाने के रास्ते का पता लगाया।


हर साल पर्यटक अगस्त महीने से पहले ही इस गुफा के अंदर जाकर फिर लौट आते हैं, क्योंकि इसके बाद गुफा के अंदर मौजूद नदी का जलस्तर बढ़ जाता है। गुफा के अंदर जाने के लिए प्रति व्यक्ति टिकट लगभग दो लाख रुपये का आता है। गुफा के अंदर जाने वाले पर्यटकों को पहले छह महीने की ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें कम से कम 10 किलोमीटर पैदल चलने और छह बार रॉक क्लाइंबिंग यानी चट्टानों पर चढ़ना सिखाया जाता है। इसके बाद ही उन्हें गुफा में ले जाया जाता है।


जागा प्रशासन, हजारो अंडे-चूजे किए नष्ट

कोरिया। जिला मुख्यालय बैकुंठपुर स्थित शासकीय हेचरी की मुर्गियों में फैली बर्ड फ्लू जैसी गम्भीर का मामला सामने आते ही जागी जिला प्रशासन। इससे पहले भी मुर्गी दाना खराब आने एवं भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ था। इसके बावजूद भी प्रशासन नहीं जागा था। जब संक्रामक बीमारी कारण मुर्गी और बटेर की मौत जारी हुई तब भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैचरी विभाग मुर्गी दाना वापस करने के लिए पत्र लिख रही है। अब ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। इस गम्भीर बीमारी की रोकथाम के लिए कलेक्टर डोमन सिंह लगातार मानिटरिंग कर रहें हैं। इसके रोकथाम के लिए जिला प्रशासन के द्वारा हर तरीके से इससे फैलने से रोकने प्रयास शुरू कर दिया है।


शासकीय हेचरी में उस समय खलबली मच गई थी जब एक साथ 32 सौ से 4000 हजार मुर्गियों और बटेर की मौत हो गई थी। जब इसकी पुष्टि भोपाल के विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा बर्ड फ्ल्यू की पुष्टि किया। इसके बाद पूरे वैज्ञानिक तरीके मुर्गियों अंडों और चूजों को नष्ट किया गया। इसी कड़ी में प्रशासन द्वारा हेचरी के समस्त 2700 मुर्गी, 13,000 चूजे, 30000 अंडे तथा दाना को जमीन में दबाकर नष्ट करने के बाद हेचरी के 1 किलोमीटर के दायरे में निजी व्यक्तियों के पास की 841 मुर्गियों को नष्ट करने के लिए मालिकों को लगभग 75000 राशि मुआवजा के तौर देने की बात कही गई। बैकुंठपुर एसडीएम पैकरा ने बैकुंठपुर के सभी दुकानों में मटन मार्केट में जाकर सभी अंडे मुर्गी कोठा कर नष्ट किया गया। उन्होंने सभी दुकान होटलों में में निर्देशित किया है कि 1 सप्ताह तक अंडे मुर्गी ना खाएं। हालांकि शासकीय हेचरी के बाहर संक्रमण की कोई सूचना प्राप्त नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर यह कार्यवाही की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कल रायपुर से राज्य स्तरीय टीम डॉ धर्मेंद्र गहवई और डॉ जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्वास्थ्य अमले को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।


आस पास के लोगो पर इसके प्रभाव की शंका को देखते हुए स्वास्थ विभाग द्वारा लगभग 500 व्यक्तियों का सर्वे कर चिकित्सकीय जानकारी दिया गया। उनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखाई दिए, लेकिन एहतियात के तौर पर आगामी 7 दिनों तक लगातार मेडिकल टीम को उपचार हेतु निर्देशित किया गया। कलेक्टर सिंह ने नगर पालिका बैकुंठपुर को शहर के बाजार में अंडा, मुर्गी, बत्तख बिक्री ना हो ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु कहा है। आज भी कलेक्टर ने लोगों से अनुरोध किया है कि एहतियात के तौर पर अंडा, मुर्गी, बत्तख का उपयोग ना करें। इस व्यवसाय से जुड़े हुए सभी व्यापारियों से भी कलेक्टर ने सहयोग की अपील की है। मुख्य स्वास्थ्य एवम चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रामेश्वर शर्मा द्वारा पर्याप्त संख्या में शासकीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जिसे एहतियात के तौर पर मेडिकल टीम को डोर टू डोर सर्वे करने हेतु निर्देशित किया गया है। उनके द्वारा लोगों को कहा गया है कि सर्दी खांसी तेज बुखार आदि की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेने कहा गया है।


पीएम 'भारत माता' से झूठ बोलते है

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी का नागरिकता संशोधन एक्ट के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करना लगातार जारी है। गुरुवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम मोदी को झूठा करार दिया। असम में डिटेंशन सेंटर से जुड़े एक वीडियो को ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा, 'RSS का प्रधानमंत्री भारत माता से झूठ बोलता है।'


राहुल गांधी ने अपने ट्वीट के साथ "झूठझूठझूठ" हैशटैग का भी इस्तेमाल किया। इसी के साथ उन्होंने जो वीडियो साझा है वो असम में तैयार किए जा रहे डिटेंशन सेंटर का है। साथ ही उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वो भाषण भी ट्वीट किया, जिसमें पीएण मोदी बोले थे कि देश में एक भी डिटेंशन सेंटर नहीं है।बता दें कि राजधानी नई दिल्ली में हुई धन्यवाद रैली में पीएम मोदी ने नागरिकता संशोधन एक्ट, नेशनल रजिस्टर ऑफ रजिस्टर पर सफाई दी थी।


इसी दौरान सभा में पीएम ने कहा था, 'अब भी जो भ्रम में हैं मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई। डिटेंशन सेंटर की अफवाहें सरासर झूठ हैं, बदइरादे वाली हैं, देश को तबाह करने के नापाक इरादे से भरी पड़ी हैं. ये झूठ हैं, झूठ हैं और झूठ हैं'।


गौरतलब है कि एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि देश में एक भी डिटेंशन सेंटर नहीं है, वहीं दूसरी ओर असम में देश के पहले और सबसे बड़े डिटेंशन सेंटर का काम जोरों पर जारी है। राहुल गांधी के इस ट्वीट पर बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने पलटवार किया। नकवी बोले कि इनको भारत माता का याद आई, ये आश्चर्य की बात है क्योंकि इनके लिए एक ही माता है। जो सांप-सीढ़ी का ये खेल खेल रहे हैं, उसमें औंधे मुंह गिरेंगे। इन्होंने पहले CAA, फिर NRC, फिर NPR पर सवाल खड़ा किया। ये भय और भ्रम का भूत खड़ा करने की कोशिश है।


केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि ये तीनों प्रक्रिया भारत के नागरिकों पर सवाल खड़े ही नहीं करती है। ये गुमराही गैंग और गाली गैंग है, जो सुपारी लेकर गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी By Accident कांग्रेस नेता हैं। ये बंद दिमाग की खिड़की खोलें, इन्होंने गुमराह किया कि पूरे देश में डिटेंशन सेंटर है, कोई बचेगा नहीं। असम के बारे में तो सबको पता है कि डिटेंशन सेंटर है, जो कांग्रेस कह रही है कि खुद उन्होंने बनाया।


फिर दिल्ली में आग, 40 की जान बचाई

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एक बार फिर आग ने भगदड़ मचाया है। बुधवार देर रात करीब दो बजे कृष्णा नगर की एक बिल्डिंग में अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही दमकल कर्मी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू कर दिया। बताया गया कि जिस इमारत में आग लगी वह कबाड़ का गोदाम है। तीन मंजिला गोदाम में देर रात आग लगने से भगदड़ मच गई, जिसकी सूचना मिलते ही दमकल कर्मियों ने सूझबूझ और तत्परता दिखाते हुए 40 लोगों को सकुशल रेस्क्यू कराया। गोदाम में प्लास्टिक के समान ज्यादा होने के कारण आग फैल गई। फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है। हालांकि राहत की बात यह है कि घटना में किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ और एक बड़ा हादसा होते होते टल गया।


आग के छल्ले के जैसे दिखा 'सूर्य ग्रहण'

आग के छल्ले की तरह दिखा सूरज


नई दिल्ली। सिंगापुर की साइंस सेंटर ऑब्जरवेटरी से यूं दिखाया गया सूर्य ग्रहण का नजारा।भारत समेत दुनिया के कई देशों में दिखा सूर्य ग्रहण। गुजरात के अहमदाबाद में इस तरह दिखा सूर्यग्रहण। भारत के कई शहरों में दिखा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, आसमान में ऐसा रहा 'रिंग ऑफ फायर' का नजारा।
ओडिशा के भुवनेश्नर में कुछ ऐसा रहा सूर्यग्रहण का नजारा। भारत के कई शहरों में दिखा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, आसमान में ऐसा रहा 'रिंग ऑफ फायर' का नजारा
केरल के कोच्चि में भी सुबह-सुबह सूर्यग्रहण का असर दिखा। भारत के कई शहरों में दिखा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण। आसमान में ऐसा रहा 'रिंग ऑफ फायर' का नजारा।
तमिलनाडु के चेन्नई में ऐसा रहा सूर्यग्रहण का नज़ारा। भारत के कई शहरों में दिखा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, आसमान में ऐसा रहा 'रिंग ऑफ फायर' का नजारा।
भारत के अलावा दुबई में भी कुछ इस तरह दिखा सूर्य ग्रहण।


दोषियों की दया याचिका प्रशासन को दी

नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट से फांसी सजा पाए दोषी अक्षय, विनय और पवन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दया याचिका भेजी है। दोषियों ने तिहाड़ जेल प्रशासन को अपनी-अपनी दया याचिका सौंप दी है। वहीं दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में तीनों की ओर से क्यूरेटिव याचिका भी लगाई गई है। एक दोषी की याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है।


वकील सिंह ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज हुई तो अंतिम विकल्प आजमाया जाएगा। कोर्ट के आदेश पर तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को नोटिस जारी किया था। निर्भया गैंगरेप के गुनाहगार अक्षय ठाकुर की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि निर्भया केस में जांच और ट्रायल बिल्कुल सही हुआ।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


दिसंबर 27, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-143 (साल-01)
2. शुक्रवार, दिसंबर 27, 2019
3. शक-1941, मार्गशीर्ष- कृष्ण पक्ष, तिथि- अमावस्या, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:13,सूर्यास्त 05:37
5. न्‍यूनतम तापमान -5 डी.सै.,अधिकतम-16+ डी.सै., शीत लहर के साथ बरसात की संभावना।
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बुधवार, 25 दिसंबर 2019

पूर्व प्रधानमंत्री की मूर्ति का किया अनावरण

तरून कुमार


लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लखनऊ में लोकभवन परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। अटल बिहारी वाजपेयी की ये प्रतिमा कांस्य से बनी है, जो 25 फीट ऊंची व पांच टन वजनी है। अटलजी की प्रतिमा को जयपुर की एक कंपनी ने बनाया है और इसकी लागत 89 लाख रुपये है। यह प्रतिमा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संस्कृति विभाग ने निर्मित करवाई है। प्रतिमा अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकभवन के प्रेक्षागृह में अटल बिहारी चिकित्सा विश्वविद्यालय का बटन दबाकर शिलान्यास किया। इस अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आदि मौजूद थे।


भाजपा शासन में दुष्कर्म-लूट की घटनाएं बढ़ी

उन्नाव। हसनगंज थाना क्षेत्र में दुष्कर्म पीड़िता की मौत मामले में मंगलवार की दोपहर सपा पूर्व सीएम अखिलेश यादव पीड़िता के घर पहुंचे। उन्होंने पीड़िता के परिजनों से बातचीत कर हालचाल लिया। अखिलेश ने परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए आरोपित को सजा दिलवाए जाने की बात कही। पीड़ित परिजनों को पांच लाख रुपए का चेक दिया। उन्होंने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में लगातार दुष्कर्म, लूट व चोरी की वारदातें बढ़ती ही जा रहा है। सरकार अपराधियों पर नकेल कसने में अक्षम साबित हो रही है।


पूर्व सीएम अखिलेश यादव के 12.44 मिनट पर दुष्कर्म पीड़िता के गांव पहुंचते ही सपा पदाधिकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। दस मिनट पर परिजनों से मुलाकात करने के बाद पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद करते हुए चेक प्रदान किया। उसके बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि परिजनों को न्याय नहीं मिला तो सपा पदाधिकारी धरना प्रदर्शन करेंगे। पुलिस की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए बोले कि अगर पुलिस सजग होती तो घटना नहीं होती। पीड़िता चौकी से लेकर सीएम तक न्याय के लिए गुहार लगाती रही। मगर उसे न्याय नहीं मिला तो घटना को अंजाम दे डाला था। बिल के विरोध प्रदर्शन को लेकर बोले कि सरकार झूठ बोल रही है। बिल भारतीय लोगों के लिए नुकसानदायक है। इस दौरान पूर्व सीएम के संग पूर्व विधायक उदयराज यादव, एमएलसी सुनील साजन आदि एक दर्जन पदाधिकारी मौजूद रहे।



बेटी की मौत के बाद मां की हालत बिगड़ी-
एसपी कार्यालय के अंदर खुद को आग लगाने से झुलसी दुष्कर्म पीड़िता की मौत के तीन दिन बाद मंगलवार की सुबह मां की हालत बिगड़ गई। जानकारी होने पर प्रशासन ने सीएचसी व पीएचसी के डॉक्टरों की छह सदस्यीय टीम सुबह पीड़िता के घर पहुंच गई। जहां जांच के बाद डॉक्टर से दवाईयां मुहैय्या करवाई गई। टीम में हसनगंज पीएचसी से डॉ. पवन, डॉ. पंकज, राजीव और मियांगंज पीएचसी से डॉ. राजेश वर्मा, शोयब निसार तथा मोहान पीएचसी से डॉ. सचिन आदि मौजूद रहे। डॉक्टरों के मुताबिक मां की सर्दी लगने से बीमार हुई और अब हालत सामान्य है।



सपा पदाधिकारियों से पुलिस की हुई नोंकझोंक-
सपा अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव के पहुंचने को लेकर सपा जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र यादव व एमएलसी सुनील साजन, पूर्व मंत्री सुधीर रावत व पूर्व विधायक उदय राज यादव तथा पदाधिकारी राजेश यादव, मंटू कटियार, राजेश मिश्र और डॉ. शकील आदि अपने वाहनों से पीड़िता के परिजनों से मिलने गांव जा रहे थे। पूर्व सीएम के आने को लेकर गांव में भारी मात्रा में फोर्स मौजूद था। वाहनों के गांव के अंदर घुसते ही तैनात फोर्स ने रोक दिया। जिसको लेकर सपा पदाधिकारियों व पुलिस कर्मियों के बीच नोंकझोंक शुरू हो गई। मामला बढ़ने से पहले ही पुलिस बैकफुट पर आ गई और वाहनों को अंदर जाने की अनुमति दे दी। उसके बाद मामला शांत हुआ और सपा पदाधिकारियों ने पीड़िता के घर पहुंच कर उनके परिजनों का हालचाल लिया।


इतिहास के छात्र ने डिग्री लेने से किया मना

वाराणसी। बीएचयू के 101वें दीक्षांत समारोह में नागरिकता कानून का विरोध दिखाई दिया। मंगलवार को हिस्ट्री ऑफ आर्ट्स के छात्र रजत सिंह ने नागरिकता कानून के विरोध को लेकर बनारस में हुई गिरफ्तारियों के खिलाफ अपनी डिग्री लेने से मना कर दिया। रजत ने संकाय स्तपर पर आयोजित दीक्षांत समारोह में भाग लिया और मंच पर भी गया लेकिन डिग्री नहीं ली। रजत ने कहा कि आज कई छात्रों को यहां डिग्री लेनी थी लेकिन वह जेल में हैं। गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा किया जाना चाहिए।


रजत ने आरोप लगाया कि बनारस में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे 70 लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया था। इसमें कई बीएचयू के छात्र हैं। बनारस के प्रदर्शन में किसी भी प्रकार की कोई हिंसा नही हुई थी। इसके बावजूद पुलिस ने बीएचयू के छात्रों को डराने के लिए फर्जी मुकदमे लगाए हैं। वहीं, बीएचयू के कई छात्रों ने संकाय स्तर पर आयोजित दीक्षांत में मिली डिग्री को मालवीय जी की प्रतिमा के समीप रखकर प्रदर्शन किया। छात्र नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान विश्वविद्यालय से गिरफ्तार कर जेल भेजे गए छात्रों को रिहा करने की मांग कर रहे थे। रजत सिंह ने बताया कि इस समय बीएचयू के करीब 15 छात्र जेल में हैं। विश्वविद्यालय उनकी रिहाई के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है। छात्र के समर्थन में बीएचयू के समान विचारधारा वाले छात्रों ने संयुक्त रूप से बीएचयू परिसर में विश्वनाथ मंदिर में बीएचयू के संस्थापक महामना पं मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा के पास अपनी डिग्री, पगड़ी और अंगवस्त्रम रखकर छात्रों के गिरफ्तारी का विरोध किया।उन्होंने सर्वसम्मति से गिरफ्तार छात्रों की रिहाई की मांग की। छात्र प्रियेश ने कहा कि 19 दिसम्बर को कुछ छात्र बेनिया क्षेत्र में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में भाग लेने के लिए जा रहे थे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वे फिलहाल जेल में बंद हैं। उन्हें छोड़ देना चाहिए क्योंकि वे छात्र हैं।


यूपी में 43 कांग्रेस जिलाध्यक्ष किए नियुक्त

लखनऊ। कांग्रेस यूपी में प्रियंका गाँधी की एजेंडे पर तेजी से आगे बढ़ रही है। मिशन 2022 को देखते हुए कांग्रेस ने आज 43 जिला/ महानगर अध्यक्ष घोषित किये हैं। अलीगढ में कांग्रेस ने चौ सुरेंद्र सिंह बालियान को जिलाध्यक्ष और परवेज अहमद को महानगर अध्यक्ष मनोनीत किया है। गाजियाबाद का जिलाध्यक्ष बिजेंद्र यादव, बागपत का यूनुस चौधरी को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।


आईएएस तुलसी के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस

लखनऊ। पूर्व आईएएस अधिकारी तुलसी गौड़ के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस चलेगा। इसके लिए शासन ने विजिलेंस को अनुमति दे दी है। विजिलेंस के एक अधिकारी ने बताया कि 2001 में तुलसी गौड़ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था जिसके बाद तुलसी के खिलाफ लोकायुक्त ने जांच की थी। लोकायुक्त ने अपनी जांच में तुलसी को दोषी पाया था और शासन से किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने 2011 में लोकायुक्त की सिफारिश को मानते हुए इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी थी। 1980 बैच के आईएएस रहे तुलसी गौड़ पर निर्यात निगम में तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे थे। इसमें से एक मामला अपनी पत्नी के नाम फर्म बनाकर उन्हें सरकारी ठेका दिलाने का था। जबकि एक अन्य मामला विदेश यात्रा के खर्चों में हेर फेर का था। गौड़ पर आरोप था कि सरकारी विदेश यात्रा केखर्च का ब्यौरा उन्होंने बढ़ा चढ़ा कर पेश किया और उसका भुगतान ले लिया। इतना ही नहीं जब शासन ने विदेश खर्च का ब्यौरा मांगा तो उन्होंने विदेशी करंसी और हवाई टिकट चोरी होने की झूठी कहानी गढ़ दी।कई साल तक चली जांच में विजिलेंस ने तुलसी पर लगे आरोपों को सही पाया। विजिलेंस ने 2014 में शासन से मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। पांच साल बाद तुलसी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति शासन ने दे दी है।


जल्द दायर की जाएगी चार्जशीट-डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि एक पुराने मामले में तुलसी गौड़ के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है। इस मामले में आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी की जा रही है। गौड़ पांच साल पहले ही रिटायर हो चुके हैं। वह अब कहां हैं, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।


'फाइल कल्चर' को खत्म करने की तैयारी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार अब रेल मंत्रालय (Ministry of Railway) से फाइल कल्चर को पूरी तरह से समाप्त करने की तैयारी में हैं। रेल मंत्रालय को पेपर लेस बनाने के लिए रेलवे ने मेगा प्लान बनाया है। इस प्लान से फाइलों का जंजाल खत्म होगा सभी मैनुअल फाइलों को ई फाइलों में तब्दील किया जाएगा। पहले चरण में रेल मंत्रालय ने 72 हजार से ज्यादा ई-फाइल को तैयार किया है। रेलवे के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है। ऐसी भी खबर है कि रेल मंत्रालय के 50,000 से ज्यादा कर्मचारी ई फाइल सिस्टम में काम करने लगे हैं और अब धीरे-धीरे रेल मंत्रालय का वर्क कल्चर बदलने लगा है।


खबर है अब सभी कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग दी जानी है। इसकी ट्रेनिंग का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि डिजिटल तरीके से काम होने पर मैनुअल फ़ाइल नहीं होगी, लिहाजा पेपर की बचत होगी और दूसरा बड़ा फायदा होगा कि फाइल अधिकारियों की टेबल पर पेंडिंग नहीं रहेंगी और जहां फाइल पेंडिंग होगी उसका पता लगाना आसान होगा।


E-फ़ाइल सिस्टम होने से फाइलों को जल्दी निपटाने में मदद मिलेगी पहले चरण में रेलवे ने अपने 58 संस्थानों में ई ऑफिस बनाया है। इसके जरिए भारतीय रेलवे इफेक्टिव तरीके से फाइलों को हैंडल कर पाएगी और फाइलें पेंडिंग नहीं रहेंगी। भारतीय रेलवे के 58 संस्थानों की 6 महीने से कम समय में 72000 से ज्यादा डिजिटल फाइल बनाई गई है और मैनुअल फ़ाइल को e फ़ाइल में बदला गया है।


इस पर रेलवे का काम जोर शोर से चल रहा है रेलवे का इरादा सभी मैनुअल फाइल को डिजिटल फाइल में तब्दील करना है और आगे का वर्क कल्चर पेपरलेस बनाना है। यानी आने वाले वक्त में रेलवे का सभी कामकाज डिजिटल तरीके से होगा। मैनुअल फाइल की कोई जगह नहीं होगी यानी लंबी चौड़ी कागजी कार्रवाई से रेल मंत्रालय को मुक्ति मिलेगी।


रेल मंत्रालय में 1300000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं और रेल मंत्रालय पेपरलेस होने से कई टन पेपर की बचत हर दिन होगी इसका बड़ा फायदा यह होगा कि इससे पेड़ों की कटाई कम करने में मदद मिलेगी। रेलवे का पैसा बचेगा अलग से। रेलवे की इस प्रोजेक्ट को रेलवे का ही संस्थान रेलटेल (RAILTEL) लागू कर रहा है।


रेलटेल (RAILTEL) के सीएमडी पुनीत चावला ने ZEE न्यूज़ को बताया कि ई-ऑफिस बनाने और सभी मैनुअल फाइल को ई फाइल में बदलने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि रेलवे में काम करने की क्षमता बढ़ेगी, दक्षता आएगी। उन्होंने कहा कि  250000 से ज्यादा ई रिसिप्ट क्रिएट कर लिए गए हैं और इसके पहले फेज का काम पूरा हो गया है। रेलटेल दूसरे फेज में रेल मंत्रालय के 39 संस्थानों में डिजिटल वर्कप्लेस के तहत ऑफिस बनाएगा और सभी मैनुअल फाइलों को डिजिटल फाइल में कन्वर्ट करेगा।


पुनीत चावला ने बताया, 'ये हमारे लिए एक बड़ी चुनौती थी जिसकी हमने शुरुआत की है, रेल मंत्रालय जैसे बड़े मंत्रालय में मैनुअल फाइल को ई फाइल सिस्टम में कन्वर्ट करना एक मुश्किल काम था। लेकिन इस काम की शुरुआत हमने कर दी है, पहला चरण पूरा हो चुका है और जल्द ही रेल मंत्रालय की सभी मैनुअल फाइलों को ई-फाइल में कन्वर्ट कर दिया जाएगा। इसके चलते आगे रेल मंत्रालय का पेपर लेस बनाने का सपना पूरा हो सकेगा।'


यह भी पढ़ें- अब कोहरे-बारिश में नहीं थमेगी ट्रेनों की रफ्तार, रेलवे ने शुरू किया सबसे बड़ा मॉर्डनाइजेशन प्रोजेक्ट


रेल मंत्रालय ने कहा है कि रेलटेल (RAILTEL) पूरी क्षमता से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और तय टाइम लाइन से पहले ही रेलटेल इस प्रोजेक्ट को पूरा कर देगा। इससे रेलवे में एक नया वर्क कल्चर मिसाल बनेगा। ये भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए क्योंकि रेल मंत्रालय में 1300000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं यह दुनिया के बड़े सरकारी संस्थानों में से एक है।


खाकी वाली पत्नी ने पति से की बेवफाई

अलीगढ़। अलीगढ़ का एक युवक खाकी वाली प्रेमिका से प्रेमविवाह करने की सजा भुगत रहा है। सिपाही बीबी ने 8 साल बाद अब दूसरा विवाह कर लिया है । फिरोजाबाद के थाना दक्षिण में तैनात महिला सिपाही पूजा त्यागी द्वारा 8 साल बाद पति को छोड़ दूसरे युवक से विवाह करने की खबर अलीगढ़ से लेकर फिरोजाबाद तक चर्चाओं में हैं। अब पति ने महिला सिपाही पर कार्यवाही न करने पर डीजीपी आफिस लयकनऊ में आत्महत्या करने का एलान किया है।


एनपीआर को लेकर फैलाई जा रही है अफवाह

नई दिल्ली। यह बात तो हम सभी जानते है कि पिछले कई दिनों से देशभर में एनआरसी और सीएए के विरोध पर बवाल मचा हुआ था। वहीं एनपीआर, एनआरसी, सीएए, पुलिस की बर्बरता और हिरासत केंद्रों की रिपोर्ट पर गृह मंत्री अमित शाह इन सारे सवालों के दिए।


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नागरिकता संशोधन कानून पर देशभर में हुए विरोध को लेकर अमित शाह ने कहा कि नागरिकता कानून को लेकर सबसे ज्यादा उत्तर पूर्वी राज्यों में विरोध की उम्मीद थी, लेकिन वहां तुलनात्मक रूप से शांति रही। बाकी जगहों पर राजनीतिक विरोध हुआ है। डिटेंशन सेंटर के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि मेरी जानकारी के हिसाब से एक ही डिटेंशन सेंटर है, कोई और डिंटेशन सेंटर हमने शुरू नहीं किया है। केरल और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के द्वारा नागरिकता संशोधन कानून लागू करने से मना करने के सवाल पर बोले अमित शाह ने कहा कि मैं राज्यों से बात कर उन्हें समझाऊंगा।


वहीं इस बात का पता चला है कि NPR को लेकर विस्तृत में बताते हुए गृह मंत्री ने कहा कि देश की जनगणना का संवैधानिक प्रोविजन 10 साल में करने का है। 2011 में पिछली जनगणना हुई थी, इसलिए अगली 2021 में होनी है। जनगणना की प्रक्रिया अप्रैल 2020 में शुरु होगी लेकिन तब मकानों की मैपिंग शुरु होगी। पूरी जनगणना और एनपीआर 2021 में होगा। जहां इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनपीआर को लेकर कहीं पर भी देश के किसी भी नागरिक को मन में ये संका लाने का कोई कारण नहीं है और जहां खासकर अल्पसंख्यकों के भाई-बहनों को कि इसका उपयोग एनआरसी बनाने के लिए होगा, इसका इससे कोई लेना-देना नहीं है। NPR को लेकर कोरी अफवाहें फैलाई जा रही हैं।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...