शनिवार, 16 नवंबर 2019

किसान कि आय बढ़ाओ, कर्ज से मुक्ति

राणा ओबराय


किसानों की आमदनी इतनी बढ़ाओ, तांकि कर्ज माफी की जरूरत ही न पड़े;- मंत्री जेपी दलाल
चण्डीगढ़! हरियाणा के नवनियुक्त कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़ के संपादक राणा ओबराय के साथ वार्ताकार में बताया कि हमारी सरकार की यह सोच रहेगी। किसानों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिले और उनकी आय बढ़े। ताकि किसानों को सरकार से कर्ज लेने की जरूरत ही ना पड़े। उन्होंने कहा जब कर्ज ही नहीं होगा तो सरकार माफी किस बात की करेगी। इसलिए मेरा मानना है कि यदि हम किसान की आमदन के बारे में सोचेंगे तो ही किसान और प्रदेश तरक्की करेगा। दलाल ने कहा मेरा प्रयास रहेगा मेरा मंत्रालय साफ सुथरे तरीके से और इमानदारी से कार्य करें और प्रदेश की जनता को इसका लाभ पहुंचे। इस अवसर पर कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, आईएएस अजीत बालाजी जोशी ने कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल को गुलदस्ता देकर बधाई दी।


विद्युत-विभाग का 48 घंटे कार्य बहिष्कार

चित्रकूट! उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर 18 व 19 नवम्बर को पूरे प्रदेश में विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी 48 घण्टे का कार्य बहिष्कार करेगे। समिति के सदस्य चित्रकूट जिले के अधीक्षण अभियंता पीके मित्तल ने जानकारी देते हुए बताया कि 1600 करोड़ के हुए भविष्य निधि घोटाले के विरोध में यह विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को घोटाले की जवाबदेही तय करने,घोटाले की सीबीआई जांच करा कर घोटाले बाजो को जेल भेजने और भविष्य निधि का पैसा कर्मचारियों को दिलाये जाने की मांग की जायेगी।


भाजपा का 98 जिला अध्यक्षों का चुनाव

लखनऊ। बीजेपी संगठन के चुनाव की प्रक्रिया जोरों पर चल रही है, जिसमे बूथ से लेकर उच्च पदों तक चुनाव होना तय हुआ था। प्राथमिकी सदस्यता अभियान से शुरू हुई चुनावी प्रक्रिया मे लगभग यूपी के डेढ़ लाख से अधिक बूथों पर चुनाव सम्पन्न हो चुके है, और BJP ने जमीनी स्तर पर अपनी सबसे बड़ी और सबसे मजबूत फौज खड़ी कर दी है, जिसका भाजपा को सीधा लाभ जन जन तक पहुँचने मे मिलता है, यकीनन भाजपा का सांगठनिक स्वरूप सबसे मजबूत और जमीनी हकीकत एवं पकड़ को बयां करता है। मिशन 2022 की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में युवाओं पर बड़ा दांव खेलने की तैयारी कर ली है! पार्टी ने तय किया है कि इस बार जिलाध्यक्षों के चुनाव में नौजवानों को वरीयता दी जाएगी! अध्यक्ष के नाम पर शुक्रवार को सहमति बन जाएगी! इसके लिए बीजेपी कार्यालय पर बैठक बुलाई गई है! प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, महामंत्री संगठन सुनील बंसल, चुनाव प्रभारी आषुतोष टंडन सहित जिला चुनाव प्रभारी और सह जिला चुनाव प्रभारी बैठक में जिलाध्यक्षों का भविष्य तय करेंगे!


04 नए जिला सहित 98 जिलाध्यक्षों का 20 नवंबर को होगा चुनाव


बीजेपी संगठन में डेढ़ लाख से अधिक बूथ अध्यक्षों और 1918 मंडल अध्यक्षों का चुनाव हो चुका है! बता दें इस बार संगठन में 451 मंडलों की संख्या बढ़ाई गई है! वहीं चार जिले भी बढ़ा दिए गए हैं, जिसके बाद 98 जिलाध्यक्षों का चुनाव 20 नवंबर को होना है! प्रदेश अध्यक्ष जिलाध्यक्षों की घोषणा करेंगे! पहली बार यूपी बीजेपी 98 जिलाध्यक्षों का चुनाव करेगी! पहले 94 महानगर अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष हुआ करते थे, लेकिन इस बार चार अधिक होंगे! ऐसे में माना जा रहा है कि जिम्मेदारी युवाओं की होगी! बीजेपी ने इसके संकेत दिए हैं कि पार्टी नौजवानों को आगे करेगी! पार्टी कार्यालय पर बैठक बुलाई गई है! बीजेपी हमेशा संगठन में मजबूती को लेकर सुधार करती रहती है!


गुस्साए दरोगा ने लगाई 65 किमी दौड़

ट्रांसफर से गुस्साए दरोगा ने लगा दी 65 किलोमीटर की दौड़,


लखनऊ। जनपद इटावा जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इटावा में ट्रांसफ़र किए जाने से नाराज़ दरोगा ने विरोध प्रदर्शन के रूप में 65 किलोमीटर की दौड़ लगाने की ठानी। दरोगा का कहना था कि अधिकारों का दुरुपयोग करके उनका ट्रांसफ़र किया है और इसका विरोध करते हुए वो 65 किमी तक दौड़ लगाएंगे और लोगों को जागरूक करेंगे, लेकिन कुछ ही दूर जाने के बाद दरोगा रास्ते में बेहोश हो गए! जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया! समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक दरोगा का नाम विजय प्रताप है, जो पुलिस लाइन में पोस्टेड थे! यहां से उनका तबादला बिठोली थाने कर दिया गया!


इसके बाद अपना विरोध दर्ज कराने के लिए विजय प्रताप ने पुलिस लाइन से बिठोली थाने तक दौड़ लगाने की ठानी! हालांकि दौड़ते-दौड़ते वह सड़क पर ही गिर पड़े! इसके बाद अानन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया! एसआई विजय प्रताप ने कहा कि, 'आरआई (रिजर्व इंस्पेक्टर ऑफ पुलिस) की तानाशाही की वजह से मेरा ट्रांसफर किया जा रहा है!


एसएसपी ने मुझे पुलिस लाइन में ही रहने को कहा था, लेकिन आरआई जबरन मेरा तबादला बिठोली थाने कर रहे हैं! आप इसे मेरा गुस्सा कहें या नाराजगी, मैंने दौड़ते हुए ही बिठोली जाने का निर्णय लिया है! गौरतलब है कि विजय प्रताप के बीच रास्ते में ही गिरने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और फिलहाल पूरे मामले की जांच चल रही है!


नगर पालिका में लालपट्टी,हरीपर्ची व्यवस्था

बलरामपुर! विधायक पल्टू राम जी द्वारा किया गया जनपद बलरामपुर में सभी थानों पर चल रहे लाल पट्टी, पीली पर्ची सिस्टम की ही तर्ज पर आज दिनांक 16 नवंबर 2019 को बलरामपुर नगर पालिका में भी लाल पट्टी, हरी पर्ची सिस्टम का शुभारंभ सदर विधायक पल्टू राम जी द्वारा किया गया। नगर पालिका बलरामपुर में आने वाले आवेदकों के प्रार्थनापत्र लेकर उनको रसीद के रूप में हरे रंग में छपी पर्ची देने की व्यवस्था शुरू की गई। दो जन सुनवाई अधिकारी तैनात किए गए हैं जो लाल रंग की पट्टी धारण करेंगे, जिस पर जन सुनवाई अधिकारी लिखा है और आवेदकों को रसीद के रूप में हरे रंग के कागज़ पर छपी हरी पर्ची देंगे।


थानों के डिजिटल वालंटियर्स ग्रुप्स की ही तर्ज पर नगर पालिका के सभी 25 वार्डों के लिए 25 व्हाट्सएप्प ग्रुप शुरू किए गए हैं। जिनके नामकरण की पद्धति इस प्रकार है: वार्ड बलुहा नगर पालिका आपके द्वार!


डीएम ने की सड़क सुरक्षा समिति की बैठक

संजय मौर्य 


कानपुर! जिलाधिकारी ने आज सड़क सुरक्षा समिति की बैठक करते हुए कहां की शहर के पुराने ब्लैक स्पॉट का दोबारा सर्वे कराकर मरम्मत करा लिया जाये! नये 22 ब्लैक स्पॉटो पर भी समुचित कार्यवाही के सम्बन्ध में समस्त सम्बन्धित विभाग जिनकी भी सड़के हो वो आवश्यक कार्य करवाये, समस्त स्कूलों में विद्यालय यान परिवाहन सुरक्षा समितियों का गठन कर लिया जाये जिसमें प्राचार्य उसके अध्यक्ष, नायब तहसीलदार उपाध्यक्ष, ग्रामीण क्षेत्रों में एबीएसए उपाध्यक्ष होंगे! तथा सम्बन्धित थानों के थानेदार सचिव होंगे! सभी विद्यालयों में उक्त समिति का गठन कराकर बैठके अवश्य करायी जाये! उक्त समिति को यह जानकारों दे कि विद्यालय में कितनी बसे है वैन तथा कितने छात्र मोटर साइकिल से आते है कि सूची दे जिन भी विद्यालयों द्वारा विद्यालय यान परिवाहन सुरक्षा समिति का गठन नही होगा तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी!


जिन चौराहों पर या सड़को पर अवैध अतिक्रमण है वहां अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया जाये! एक बार अतिक्रमण हटाने के बाद दोबारा अतिक्रमण होता है तो सम्बन्धित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाये! पहले  समस्त मुख्य चौराहों पर विशेष अभियान चलाया जाये!


सीएम ने किया तलब, लगाई फटकार

लखनऊ! अंसल एपीआई धोखधड़ी और ठगी के मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में मंत्री स्वाति सिंह राजधानी लखनऊ कैंट सीओ बीनू सिंह को फोन पर धमकी दे रही हैं। स्वाति सिंह इस ऑडियो में सीओ कैंट डॉ. बीनू सिंह से यह कह रही हैं कि अगर यहां काम करना है तो एक दिन बैठ लीजिए मेरे साथ आकर।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए स्वाति सिंह को तलब किया है। ऑडियो में मंत्री स्वाति सिंह सीधे तौर पर सीओ को एफआईआर खत्म करने की हिदायत देती हुई सुनाई दे रही हैं। साथ ही वो ये भी कह रही हैं कि एक दिन आकर बैठ लीजिएगा, अगर यहां पर काम करना है तो।


उधर ऑडियो वायरल होने के बाद मामले में डीजीपी ओपी सिंह ने लखनऊ के एसएसपी से इस पर रिपोर्ट तलब कर ली है। न्यूज़ट्रैक वायरल हुए इस कथित ऑडियो की पुष्टि नहीं करता। गौरतलब है कि अंसल एपीआई के खिलाफ धोखाधड़ी और ठगी के सैकड़ों केस दर्ज हैं। अंसल ग्रुप के वाइस चेयरमैन प्रणव अंसल को 29 सितंबर को दिल्ली एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया था। वह लंदन जा रहे थे। स्वाति सिंह वायरल ऑडियो में लखनऊ कैंट सीओ से बातचीत में यह कह रही हैं कि अंसल एपीआई पर लगे आरोप झूठे हैं।


मंत्री वायरल ऑडियो में सीओ कैंट से अंसल पर दर्ज एफआईआर के बारे में पूछ रही हैं और कह रही हैं कि एफआईआर क्यों लिखा आपने? वह सीओ से कहती हैं कि आपको पता नहीं ऊपर से आदेश है कि कोई एफआईआर नहीं लिखा जाएगा। सारे फेक एफआईआर लिखे जा रहे हैं उसके ऊपर (अंसल पर)। राज्य मंत्री स्वाति सिंह का कहना है कि लखनऊ कैंट सीओ को मैंने धमकाया नहीं है, उनसे मैंने पीड़ित के पक्ष में बात की थी। असंल हमारे क्षेत्र का रहने वाला है।


स्वाति सिंह के मुताकिब पैसे के लिए लखनऊ कैंट सीओ बीनू सिंह ने अंसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। मंत्री ने कहा कि बीनू सिंह जब सीओ मोहनलालगंज थी तो भी उन पर कई आरोप लगे थे। अंसल प्रकरण में तीन दिन पहले स्वाति सिंह ने लखनऊ कैंट सीओ बीनू सिंह के संबंध में डीजीपी से भी शिकायत की थी। कथित वायरल ऑडियो में सुनाई दे रहा है कि एक शख्स सीओ को फोन कर कह रहा है कि माननीय मंत्री स्वाति सिंह बात करेंगीं। इसके बाद कॉल पर स्वाति सिंह आती हैं…


स्वाति सिंह- सीओ साहब, क्या आपने अंसल पर कोई एफआईआर लिखी है?
सीओ- हां, एक एफआईआर लिखी है।


स्वाति सिंह- क्यों लिखा आपने? क्या आपको पता नहीं है कि ऊपर से आदेश है कि कोई एफआईआर लिखा नहीं जाएगा। सारे फर्जी एफआईआर लिखे जा रहे हैं उसके ऊपर।
सीओ- वो तो जांच कर के एफआईआर लिखी गई है।


स्वाति सिंह- कौन सी जांच हो गई भाई? इतना हाईप्रोफाइल केस है। जांच चल रही है, आपने कौन सी जांच कर दी, चार दिन हुआ आपको आए हुए?
सीओ- पहले की एप्लीकेशन है न, 5-6 महीने पहले की।


मंत्री- अरे फर्जी है ये सब, खत्म कीजिए इसको। एक दिन आकर बैठ लीजिएगा, अगर यहां पर काम करना है तो। ठीक है। मैं गलत काम नहीं बोलती हूं। पता कर लीजिएगा।
सीओ- ठीक है।


नगर-निगम भवन के लिए भूमि पूजन

गोरखपुर! सीएम योगी आदित्यनाथ दो दिन के दौरे पर शनिवार 12.45 बजे गोरखपुर नगर निगम परिसर पहुंचे। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गोरखपुर नगर निगम के नए बहुमंजिला भवन के निर्माण कार्य के लिए भूमिपूजन किया। उसके बाद उन्होंने गोरखपुरियों को 171 करोड़ रुपये की करीब 200 परियोजनाओं की सौगात दी। सीएम रविवार को गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन के बाद पिपराइच चीनी मिल के पेराई सत्र का शुभारंभ करते हुए लोकार्पण करेंगे। इसके बाद रविवार की शाम वह लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे।


शनिवार को नगर निगम परिसर में आयोजित समारोह में उन्होंने 23.45 करोड़ की लागत से बनने वाले निगम सदन और 14.15 करोड़ से इलेक्ट्रिक बसों के लिए बनने वाले चार्जिंग स्टेशन का शिलान्यास किया। समारोह में वह कुल 55.47 करोड़ रुपये के 53 कामों का लोकार्पण और 116.49 करोड़ के 163 कामों का शिलान्यास करेंगे। सीएम योगी रविवार को पिपराइच चीनी मिल का लोकार्पण करने के बाद जनसभा को संबोधित किया। सदन रहे कि दो साल में नगर निगम का नया भवन बन कर तैयार होगा। इसके निर्माण पर तकरीबन 23.45 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हो गया है।


'राष्ट्रीय प्रेस दिवस' मनाया गया

आज देश में राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जा रहा है।राष्ट्रीय प्रेस दिवस हर साल 16 नवंबर को मनाया जाता है। दरअसल प्रेस की आजादी की रक्षा के लिए प्रेस परिषद को 4 जुलाई 1966 को बनाया गया, लेकिन प्रेस परिषद ने 16 नंवबर 1966 को काम शुरू किया। इस वजह से हर साल 16 नंवबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है। विश्व में आज करीब 50 देशों में प्रेस परिषद है। कुछ देशों में प्रेस परिषद को मीडिया परिषद भी कहा जाता है। परिषद का मकसद था- देश में प्रेस की आजादी को बचाए-बनाए रखने और पत्रकारिता के उच्च मापदंडों की रक्षा में मदद करना। आज सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि वह अपने उद्देश्यों में कितनी सफल हुई है? देश की मीडिया कितनी आजादी से काम कर पा रही है और पत्रकारिता अपने उद्देश्य और सिद्धान्तों में कितनी सफल हो रही है? क्या प्रेस परिषद ने मीडिया जगत में ऐसी प्रतिष्ठा, पहचान और विश्वसनीयता बनाई है कि कोई भी आघात लगते ही मीडिया उसके पास जाए? क्या ऐसे मौकों पर प्रेस परिषद ने उन्हें सम्बल देते हुए उनके साथ न्याय सुनिश्चित किया है? अथवा फिर वह एक और सरकारी विभाग ही साबित हुई? इन सवालों के जवाब में ही राष्ट्रीय प्रेस दिवस की प्रासंगिकता निहित है। उसी से पता चलेगा कि प्रेस दिवस किसके लिए मन रहा है?


1- पत्रकारिता आजादी से पहले एक मिशन थी। आजादी के बाद यह एक प्रोडक्शन बन गई। हाँ, बीच में आपातकाल के दौरान जब प्रेस पर सेंसर लगा था। तब पत्रकारिता एक बार फिर थोड़े समय के लिए भ्रष्टाचार मिटाओं अभियान को लेकर मिशन बन गई थी। धीरे-धीरे पत्रकारिता प्रोडक्शन से सेन्सेशन एवं सेन्सेशन से कमीशन बन गई है।


2- परंतु इन तमाम सामाजिक बुराइयों के लिए सिर्फ मीडिया को दोषी ठहराना उचित नहीं है। जब गाड़ी का एक पुर्जा टूटता है तो दूसरा पुर्जा भी टूट जाता है और धीरे-धीरे पूरी गाड़ी बेकार हो जाती है। समाज में कुछ ऐसी ही स्थिति लागू हो रही है। समाज में हमेशा बदलाव आता रहता है। विकल्प उत्पन्न होते रहते हैं। ऐसी अवस्था में समाज अमंजस की स्थिति में आ जाता है।


3- इस स्थिति में मीडिया समाज को नई दिशा देता है। मीडिया समाज को प्रभावित करता है, लेकिन कभी-कभी येन-केन प्रकारेण मीडिया समाज से प्रभावित होने लगता है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर देश की बदलती पत्रकारिता का स्वागत है बशर्ते वह अपने मूल्यों और आदर्शों की सीमा-रेखा कायम रखें।


4- मीडिया को समाज का दर्पण एवं दीपक दोनों माना जाता है। इनमें जो समाचार मीडिया है, चाहे वे समाचारपत्र हो या समाचार चैनल, उन्हें मूलतः समाज का दर्पण माना जाता है। दर्पण का काम है समतल दर्पण का तरह काम करना ताकि वह समाज की हू-ब-हू तस्वीर समाज के सामने पेश कर सकें। परंतु कभी-कभी निहित स्वार्थों के कारण ये समाचार मीडिया समतल दर्पण का जगह उत्तल या अवतल दर्पण का तरह काम करने लग जाते हैं। इससे समाज की उल्टी, अवास्तविक, काल्पनिक एवं विकृत तस्वीर भी सामने आ जाती है।


5- दरअसल,प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एवं पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी। परिणाम स्वरूप 4 जुलाई, 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई,जिसने 16 नवंबर, 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया। तब से प्रतिवर्ष 16 नवंबर को 'राष्ट्रीय प्रेस दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 'राष्ट्रीय प्रेस दिवस'पत्रकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्वयं को फिर से समर्पित करने का अवसर प्रदान करता है।


300 करोड़ की आयकर को सूचना नहीं

नई दिल्ली! कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आयकर न्यायाधिकरण से झटका लगा है। न्यायाधिकरण ने यंग इंडिया को चैरिटेबल ट्रस्ट बताने के गांधी परिवार के दावे को खारिज कर दिया। अब उनके खिलाफ 100 करोड़ रुपये का आयकर का मामला फिर खुल सकता है।गांधी परिवार ने दावा किया था कि यंग इंडिया चैरिटेबल ट्रस्ट है और उसे आयकर में छूट मिलनी चाहिए। न्यायाधिकरण ने आदेश में कहा कि यह व्यावसायिक ट्रस्ट है। इसके द्वारा ऐसा कोई काम नहीं किया गया है जो चैरिटेबल श्रेणी में हो। न्यायाधिकरण ने सुनवाई के दौरान पाया कि कांग्रेस ने यंग इंडिया को कर्ज दिया, सोनिया और राहुल दोनों यंग इंडिया के निदेशक हैं। दोनों के पास कंपनी की 36 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास 600 शेयर हैं। कांग्रेस ने 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट अर्जी देकर बताया था कि यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चैरिटेबल कंपनी है। इस साल जनवरी में आयकर विभाग ने सोनिया और राहुल को नोटिस जारी कर 100 करोड़ रुपये कर चुकाने को कहा था। आयकर के आकलन के अनुसार, गांधी परिवार ने जो रिटर्न दाखिल किया था, उसमें 300 करोड़ रुपये के आयकर की जानकारी ही नहीं थी।


ओवैसी भारतीय संविधान-विभिन्नता के पक्ष में

नई दिल्ली। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े करने वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा है कि उन्हें मस्जिद वापस चाहिए।
ओवैसी ने अपने ट्वीट संदेश में एक समाचार मैगजीन को दिए इंटरव्यू का लिंक भी शेयर किया, इंटरव्यू की हेडलाइन में ओवैसी का बयान लिखा हुआ था ”मैं हर उस चीज का विरोध करूंगा जो भारत के संविधान और भारत की विभिन्नता के विरुद्ध होगी।”इस ट्वीट के बाद असदुद्दीन ओवैसी सोशल मीडिया पर लोगों ने निशाने पर आ गए। टि्वटर यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करते हुए उनकी जमकर क्लास लगाई। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असंतुष्टि जाहिर की थी। ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा था कि वे फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।ओवैसी ने साथ ही मुस्लिम पक्ष को उस 5 एकड़ जमीन को लेने से भी इनकार कर दिया था जिसके बारे में कोर्ट ने कहा था कि मस्जिद बनाने के लिए अलग जगह पर 5 एकड़ जमीन दी जाएगी। ओवैसी ने कहा था कि मस्जिद के लिए हम खैरात की जमीन नहीं ले सकते।


जम्मू कश्मीर:तेजी से हो रहे हालात सामान्य

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को संसद की एक समिति को बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं तथा पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा किया जाएगा! लेकिन इसके लिए उन्होंने कोई समय सीमा नहीं बताई। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली गृह मामलों की संसद की स्थायी समिति को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार और अन्य अधिकारियों ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हालात से अवगत कराया।
माना जाता है कि समिति के कुछ सदस्यों ने सरकारी अधिकारियों से कहा कि उन्हें कश्मीर जाने दिया जाने दिया जाना चाहिए लेकिन इस मांग को खारिज कर दिया गया। लोकसभा और राज्य सभा के सदस्यों ने सरकार के शीर्ष अधिकारियों से हिरासत में लिए गए नेताओं खासतौर पर तीन बार मुख्यमंत्री रहे और श्रीनगर से सांसद फारूक अब्दुल्ला के बारे में सवाल किए जिन्हें 17 सितंबर को जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था।


गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने संसदीय समिति को बताया कि जिन्हें जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत हिरासत में लिया गया है वे इसे अधिकृत न्यायाधिकरण में चुनौती दे सकते हैं और उसके आदेश से अंसतुष्ट होने पर उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं। अब्दुल्ला एकमात्र नेता हैं जिन्हें कश्मीर में पीएसए कानून के तहत हिरासत में रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक सांसदों ने लंबे समय तक अब्दुल्ला के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को लंबे समय तक हिरासत में रखने का विरोध किया। दोनों पांच अगस्त से हिरासत में हैं जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था।


सूत्रों ने बताया कि हिरासत में लिए गए नेताओं को छोड़ने के सवाल पर भल्ला और उनकी टीम के अधिकारियों ने बताया कि कुछ नेताओं को रिहा किया जा चुका है और बाकी को धीरे-धीरे रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन वे समयसीमा बताने से बचते रहे। सूत्रों के मुताबिक गृह सचिव ने सांसदों को बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं, स्कूल खुल गए हैं और सेब का कारोबार हो रहा है। सांसदों ने कश्मीर घाटी में पांच अगस्त से इंटरनेट सेवाओं पर अंकुश लगाने का मुद्दा उठाया जिस पर अधिकारियों ने बताया कि यह प्रतिबंध आतंकवादियों को विध्वंसक कार्रवाई को अंजाम देने से रोकने और असामाजिक तत्वों को अफवाह फैलाने से रोकने के लिए लगाया गया है।


सांसदों को अधिकारियों ने बताया कि 1990 से अबतक जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हिंसा की 71,254 घटनाएं हुई जिनमें 14,049 नागरिकों की मौत हो गई और 5,293 सुरक्षा कर्मी शहीद हो गए। इसी दौरान 22,552 आतंकवादी भी मारे गए। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने समिति के सदस्यों को बताया कि सभी केंद्रीय कानून नए केंद्र शासित प्रदेश में लागू होंगे। जिन राज्य कानूनों का अधिकार क्षेत्र केंद्रीय कानून के अधिकार क्षेत्र में दखल देता हैं, वे निरस्त हो गये हैं। राज्य के अन्य कानूनों को भारतीय संविधान के अनुकूल बनाया जाएगा। सांसदों के सामने दी गई प्रस्तुति के दौरान अधिकारियों ने भारत के नए राजनीतिक मानचित्र को भी प्रदर्शित किया जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेशों के रूप में दिखाया गया है तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान को भी इन केंद्रशासित प्रदेशों में शामिल किया गया है।


प्रस्तुति के दौरान अधिकारियों ने बताया कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 22 जिले हैं और कुल आबादी करीब एक करोड़ 22 लाख है। वहीं केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में दो जिले कारगिल और लेह हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में लैंडलाइन फोन सेवा और पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। घाटी में रात के प्रतिबंध को छोड़कर धारा 144 के तहत आवाजाही पर लगी रोक हटा ली गई है। बैठक में मौजूद सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर समिति में चर्चा के दौरान भाजपा और कांग्रेस सांसदों के बीच मतभेद देखने को मिला। भाजपा सांसदों ने नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि कार्यपालिका के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। वहीं, कांग्रेस सांसदों का कहना था कि चूंकि मामला गंभीर है इसलिए उस पर चर्चा होनी चाहिए।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...