गुरुवार, 14 नवंबर 2019

प्रवासीयो को चाहिए खाना-सुरक्षा

रूस, साइबेरिया, उज्बेकिस्तान चीन और आर्कटिका के ठण्डे स्थानों में रहने वाले पक्षी लगभग 12 हजार किलो मीटर का सफर तय कर, जल भराव वाले क्षेत्रों में आते हैं। यूरोप से यूरेशियन वेगान तो रूस और मंगोलिया से ब्लेक रेड स्टार्ट और लैसर वाइट थ्रोट जैसे बडर््स आते हैं। विसलिंग टील ने नवंबर में ही यहाँ के तालाब में डेरा जमा लिया है। इतना ही नहीं, वूली नेट स्टार्क प्रजाति ने तो यहाँ स्थायी रूप से घर बना लिया है।


पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार प्रवासी पक्षी पानी, खाना और सुरक्षा देखकर अपना ठिकाना बनाते हैं। जिले में पिछले कुछ सालों में लगातार प्रवासी पक्षियों की संख्या कम होती जा रही है। इसका कारण जल भराव वाले क्षेत्रों में पानी का अभाव माना जा सकता है। इस बार हुई जबर्दस्त बारिश के बाद पक्षियों की तादाद बढ़ने की उम्मीद पक्षी विशेषज्ञों ने जतायी है।


ये प्रजातियां हैं खास : पक्षियों में दिलचस्पी लेने वालों का कहना है कि जिले में लगभग 300 पक्षी प्रजातियों के देखा जा सकता है। भीमगढ़ बांध, दलसागर, पेंच पार्क के तालाबों, रूमाल, बिजना जलाशयों सहित बैनगंगा नदी के उन स्थानों पर जहाँ का पाट चौड़ा है वहाँ इन पक्षियों की आमद देखी जा सकती है।


जानकारों के अनुसार स्थलीय प्रवासी पक्षियों को भी यहाँ पर देखा जा सकता है जिनमें ब्लेक रेड स्टार्ट, ब्लू थ्रोट, बूटेड वार्बलर, रेड हेडेड बंटिंग, ग्रे हेडेड बंटिंग आदि प्रमुख रूप से देखे जा सकते हैं। ये प्रवासी पक्षी साइबेरिया के साथ दक्षिण पूर्व एशिया से भी पहँुचते हैं। वहीं, स्थानीय प्रवासी पक्षियों को भी सिवनी का मौसम बहुत रास आता है। स्थानीय पक्षियों की लगभग 200 प्रजातियां यहाँ विभिन्न मौसम में प्रवास करने आती हैं। इनमें पैराकीट, किंगफिशर, बारबेट, कोयल, मैना, बगले आदि प्रमुख हैं।


पानी उपयोग में बरते सावधानी

हर रोज इस्तेमाल किया जाना वाला पानी आर्सेनिक, नाइट्रेट और फ्लोराइड से प्रदूषित हो जाता है! इससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है! आज हमारे देश के कई शहरों में पानी की गुणवत्ता की चिंताजनक स्थिति है! ऐसे में देश के कई क्षेत्रों में भूजल (जमीन से निकलने वाला पानी) आर्सेनिक प्रदूषण से भरा हुआ है यानि उनमें विषैलापन काफी बढ़ गया है! इसके अलावा, पानी में नाइट्रेट और फ्लोराइड प्रदूषण को भी काफी उच्च स्तरों पर दर्ज किया गया है!
गंध या अजीब स्वाद से रहित हो पानी: दैनिक उपयोग के लिए पानी में प्रदूषित तत्वों की तलाश करने और उनसे बचने के कई विकल्प हैं! इसके अलावा, लोगों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वह जिस पानी और नल का उपयोग करते हैं, वह पानी और नल दोनों ही गंध या अजीब स्वाद से रहित होने चाहिए! यदि नल का पानी ब्रश करते समय किसी धातु का स्वाद देता है तो यह असुरक्षित प्रदूषित तत्वों की मौजूदगी का संकेत है!
सिंक बैक्टीरिया से रहें सावधान और अपनाएं ये उपाय
आज के समय में कई लोग एडवांस्ड वाटर प्यूरीफायर का उपयोग करते हैं, जो कि शुद्ध पानी पीने के लिए आवश्यक  ले!किन वॉशबेसिन और किचन सिंक के माध्यम से मिलने वाले पानी की गुणवत्ता को अनदेखा नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है!
पानी को साफ करने के लिए क्लोरिन का करें इस्तेमाल
घरों के ओवरहेड टैंक में पानी वायरस और बैक्टीरिया के लिए प्रजनन का मुख्य आधार है! इसलिए समय-समय पर उनकी सफाई करना जरूरी है और वाटर टैंक में पानी को साफ करने के लिए क्लोरिन का इस्तेमाल करें!
प्रतिरक्षा स्तर को कमजोर करते हैं: इसके अलावा लोग ब्रश करना, सब्जियां धोना भी सिंक के पानी से करते हैं जो कि स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता ! दरअसल सिंक वाटर बैक्टिीरिया आपके रोगों से लडऩे वाली प्रतिरक्षा स्तर को कमजोर करते हैं! कोशिश करें कि कुल्ला करने, ब्रश करने या सब्जी धोने के लिए भी साफ पानी का इस्तेमाल किया जाए!
वाटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें: गंदे पानी की वजह से सर्दी, वायरल संक्रमण, इन्फ्लूएंजा, निमोनिया, मलेरिया, डेंगू, डायरिया, गैस्ट्रोएंटेरोसाइटिस, टाइफाइड और हेपेटाइटिस या पीलिया जैसी आम बीमारियां हो सकती हैं! इन सभी बीमारियों का कारण ज्यादातर दूषित पानी ही होता है! इसलिए आप कोशिश करें कि वाटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल किया जा सके!
सिंक में खास उपकरणों का करें इस्तेमाल: इसके अलावा, आपको अपने सिंक के पानी की शुद्धि के लिए कुछ खास उपकरणों को स्थापित करने और जलजनित रोगों से सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है! ऐसे उपकरणों को बाथरूम सिंक, रसोई सिंक और वॉशबेसिन में स्थापित किया जाना चाहिए ताकि उनमें माइक्रोस्कोपिक कंटेमीनेंट्स फंस सकें और हानिकारक बैक्टीरिया को बाहर निकाल सकें!
बुनियादी सावधानियों का पालन करें: पानी के बैक्टीरिया से बचने के लिए हर व्यक्ति को अपने और अपने परिवार के सदस्यों की अच्छी देखभाल करने की जरूरत है और बुनियादी सावधानियों का पालन करना जरूरी है! विशेष रूप से उस पानी के साथ जो वह रोजाना पी रहे हैं! सिंक या वॉशबेसिन के पानी का उपयोग जितना हो सके कम करें!


पूर्व सांसद पत्नी घुड़सवारी की विश्व-चैंपियन

सांसद नंबर वन रहे दिपेंद्र हुड्डा की जीवन संगिनी श्वेता हुड्डा विश्व घुड़सवारी चैंपियनशिप में बनीं विश्व विजेता
चंडीगढ़! हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पुत्र वधू और दीपेंद्र हुड्डा की पत्नी श्वेता हुड्डा ने विश्व घुड़सवारी चैंपियनशिप में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली श्वेता हरियाणा की प्रथम महिला घुड़सवार हैं। गौरतलब है हरियाणा की राजनीति के दिग्गज पूर्व मुख्यमंत्री स्वयँ भी खेल और खिलाडियों से बेहद
लगाव रखते हैं


एफईआई द्वारा दिल्ली में आयोजित इस प्रतियोगिता में श्वेता हुड्डा ने 62456 अंक प्राप्त कर अपने प्रतिद्वंदी घुड़सवार एमएस राठौर को 73 अंको से जीत हासिल की। इस प्रतियोगिता में विश्व भर से 50 देशों के घुड सवारों ने भाग लिया था जिसमें उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
आपको बता दें कि श्वेता हुडा ने गत वर्ष भी राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल हासिल किया था। दुनिया भर में देश व प्रदेश व महिला शक्ति का नाम ऊँचा करनें के लिये समस्त हुड्डा परिवार व श्वेता हुड्डा को हार्दिक शुभकामनायें!


चंद्रयान 3 कार्यक्रम में जुटा इसरो

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सितंबर 2019 में पहली बार में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने में असफल रहा। अब जल्द ही इसरो चंद्रयान 3 को चंद्रमा की तरफ रवाना कर सकता है। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए नवंबर 2020 तक की समयसीमा तय की गई है। इसरो ने कई समितियां बनाई हैं। इसके लिए इसरो ने पैनल के साथ तीन सब समितियों की अक्टूबर से लेकर अब तक तीन उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है। इस नए मिशन में केवल लैंडर और रोवर शामिल होगा क्योंकि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर ठीक तरह से कार्य कर रहा है। बीते दिनों ओवरव्यू (समीक्षा) कमिटी की बैठक हुई। जिसमें विभिन्न सब समितियों की सिफारिशों पर चर्चा की गई। समितियों ने संचालन शक्ति, सेंसर, इंजिनियरिंग और नेविगेशन को लेकर अपने प्रस्ताव दिए हैं।


एक वैज्ञानिक ने कहा कि कार्य तेज गति से चल रहा है। इसरो ने अब तक 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं का खाका खींच लिया है। जिसमें लैंडिंग साइट, नेविगेशन और लोकल नेविगेशन शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि पांच अक्टूबर को एक आधिकारिक नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस में कहा गया है, 'यह जरूरी है कि चंद्रयान-2 की विशेषज्ञ समिति द्वारा लैंडर सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए की गई सिफारिशों पर ध्यान दिया जाए। जिन सिफारिशों को चंद्रयान-2 के एडवांस फ्लाइट प्रिपरेशन की वजह से लागू नहीं किया गया था।' दूसरे वैज्ञानिक ने कहा कि नए मिशन की प्राथमिकता लैंडर के लेग्स को मजबूत करना है। ताकि वह चांद की सतह पर तेज गति से उतरने पर क्रैश न हो। सूत्रों का कहना है कि इसरो एक नया लैंडर और रोवर बना रहा है। लैंडर पर पेलोड की संख्या को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। बात दें कि सितंबर में इसरो ने चंद्रयान-2 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की थी जिसमें उसे सफलता नहीं मिल पाई। हालांकि ऑर्बिटर ठीक तरह से काम कर रहा है और वैज्ञानिकों का कहना है कि वह सात सालों तक अपना काम करता रहेगा।


भारत के खिलाफ कश्मीरियों को दी ट्रेनिंग

नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ के नए कबूलनामे ने पाक का एक बार और पर्दाफाश कर दिया है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि भारतीय सेना के खिलाफ लड़ने के लिए कश्मीरियों को पाकिस्तान में ट्रेनिंग दी जाती थी। ऐसे कश्मीरी जो आतंकी गतिविधियों की ट्रेनिंग लेते थे उन्हें हीरो कहा जाता था। मुशर्रफ ने कहा कि ओसामा बिन लादेन और जलालुद्दीन हक्कानी जैसे आतंकवादी पाकिस्तानी नायक हुआ करते थे। पाकिस्तान के राजनेता फरहतुल्लाह बाबर द्वारा बुधवार को ट्विटर पर साझा किए गए एक वीडियो में मुशर्रफ ऐसा कहते हुए सुने गए।


अफगानिस्तान में धार्मिक आतंकवाद की बात भी स्वीकारी


मुशर्रफ ने यह भी स्वीकार किया कि अफगानिस्तान में भी पाक ने ही धार्मिक आतंकवाद की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि 1979 में हमने पाकिस्तान को लाभ पहुंचाने और सोवियत संघ (वर्तमान रूस) को वहां से बाहर निकालने के लिए अफगानिस्तान में धार्मिक उग्रवाद की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के मुजाहिदीनों (आतंकवादियों) को हमने प्रशिक्षित किया, उन्हें हथियारों की आपूर्ति की। वे हमारे नायक थे। हक्कानी हमारे नायक थे। ओसामा बिन लादेन हमारे नायक थे। तब का माहौल अलग था लेकिन अब यह अलग है। नायक बाद में खलनायक बन गए।


पाकिस्तान आने वाले कश्मीरियों का नायक की तरह करते थे स्वागत


कश्मीर में अशांति के बारे में बात करते हुए मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्तान आने वाले कश्मीरियों को यहां नायक की तरह स्वागत मिला। हम उन्हें प्रशिक्षित करते थे और उनका समर्थन करते थे। हम उन्हें मुजाहिदीन मानते थे जो बाद में भारतीय सेना के साथ लड़ते थे। लश्कर ए तैय्यबा जैसे कई आतंकवादी संगठन इस दौरान मजबूत बने। वे हमारे नायक थे।


राहुल को नसीहत,भाषण में सतर्कता बरतें

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में फैसला सुनाते हुए उनकी माफी को स्वीकार कर लिया है। अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया को बंद कर दिया है। साथ ही ऐसे लोगों को चेतावनी दी है, जो बिना सोचे-समझे सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अपने राजनीतिक हित साधते हैं। अदालत ने राहुल गांधी को भविष्य के लिए चेताया। आपको बता दें कि 'चौकीदार चोर है' बयान पर राहुल ने माफी मांग ली थी। शीर्ष अदालत ने राहुल गांधी के माफीनामे को स्वीकर करते हुए राहुल गांधी को नसीहत दी कि भविष्य में कोर्ट से जुड़े किसी भी मामले में किसी भी प्रकार का राजनीतिक भाषण देने में सतर्कता बरतें।


बता दें कि यह याचिका भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने उनके खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई टिप्पणी चौकीदार चोर है मामले में दर्ज कराई थी। उन्होंने इस अवमानना याचिका को उच्चतम न्यायालय से जोड़कर दाखिल किया थी। अदालत ने इसपर सुनवाई के बाद 10 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पूर्व की सुनवाई में अदालत ने राहुल गांधी की इस टिप्पणी को गलत ठहराया था। राहुल गांधी ने इस बयान को लेकर अदालत से इसे 'गैर-इरादतन, गैर-इरादतन और अनजाने में दिया गया' बताते हुए माफी भी मांगी थी।


सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश जारी

नई दिल्ली। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर दाखिल की गई पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सूना दिया है। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश जारी रहेगा। बता दें कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सर्वोच्च अदालत ने पिछले साल फैसला दिया था। अदालत ने 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी, अदालत के इसी फैसले पर कई पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई थी। गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट कुल 65 याचिकाओं पर अपना निर्णय सुनाएगा, इनमें 56 पुनर्विचार याचिका, 4 नई याचिका और 5 ट्रांसफर याचिकाएं हैं।


इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस आर.एफ. नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा कर रहे हैं। पीठ ने 6 फरवरी को अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। पुनर्विचार याचिकाओं में फैसला देते समय पांच जजों की बेंच में से 3 जजों का मानना था कि इस मामले को सात जजों की बेंच को भेज दिया जाए। लेकिन जस्टिस नरीमन और जस्टिस चंद्रचूड़ ने इससे अलग विचार रखे। अंत में पांच जजों की बेंच ने 3:2 के फैसले इसे 7 जजों की बेंच को भेज दिया।  हालांकि, सबरीमाला मंदिर में अभी महिलाओं की एंट्री जारी रहेगी। जस्टिस नरीमन ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही अंतिम होता है। फैसला अनुपालन करना कोई विकल्प नहीं है। संवैधानिक मूल्यों की पूर्ति करना सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए।


दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...