गुरुवार, 7 नवंबर 2019

कारगिल युद्ध के हीरो बने संस्था के संरक्षक

कारगिल युद्ध के हीरो जीडी बक्शी बने संस्था के सरंक्षक


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद,लोनी। भारतीय सेनिको के लिए समर्पित संगठन सहयोग द हेल्पिंग हैंड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा नेता विजेन्द्र त्यागी के नेतृत्व में संस्था की टीम ने कारगिल युद्ध के हीरो रहे रिटायर्ड मेजर जरनल जीडी बक्शी से मिलकर उनको प्रतीक चिन्ह और शॉल देकर सम्मानित किया। विस्तार से देश के वर्तमान हालात पर चर्चा की। जरनल साहब ने सहयोग संस्था के कार्यो की सराहना की। अपना पूर्ण मार्गदर्शन और आश्रीवाद दिया। आगामी कार्यक्रमों के बारे में अपना सुझाव दिया।  इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी सुरेश लाला ,विश्व हिंदू परिषद लोनी नगर अध्यक्ष अमित गर्ग ,सहयोग संस्था की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मीना चौहान आदि उपस्थित रहे।


हरियाणा मंत्रिमंडल का जल्द विस्तार होगा

राणा ओबराय
शीघ्र अति शीघ्र हो सकता है हरियाणा मंत्रिमंडल का विस्तार?
चण्डीगढ़ । निजी सुत्रो के अनुसार शीघ्र अति शीघ्र हरियाणा मन्त्रिमण्डल के विस्तार होने की सम्भावना है! सुत्रो की माने तो इसी सप्ताह हरियाणा मंत्रिमंडल का विस्तार होगा! सुत्रो के अनुसार आधा दर्जन के आसपास हरियाणा में मंत्री बनाये जाने की सम्भावना बनी हुई है! सम्भावित मंत्रियों में चार भाजपा,दो जेजेपी और दो या तीन आजाद विधायकों को मंत्री पद मिल सकता है?


जिला अध्यक्ष ने पुलिस पर लगाए आरोप

सन्दीप मिश्रा
रायबरेली। सपा पूर्व जिलाध्यक्ष आरपी यादव की गिरफ्तारी के बाद समाजवादी पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें जिलाध्यक्ष राम बहादुर यादव, एडवोकेट ओपी यादव ,पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मोहम्मद इलियास,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विरेंद्र यादव और प्रदेश कमेटी की उपाध्यक्ष शीला सिंह मौजूद थी। प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए और पुलिस को जिले के सफेद पोश नेताओं की कठपुतली बताया । उनका कहना है कि पुलिस अनावश्यक आरपी यादव को परेशान कर रही।


टीचर को बाहर खींच, डंडों से की पिटाई

प्रिंसिपल के कमरे में छिपे टीचर को खिडकी दरवाजे तोड़कर उपद्रवियों ने बाहर निकाला और फिर बरसाये लाठी डंडे


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में मंगलवार को गुरू शिष्य परंपरा अराजकता की भेंट चढ़ गयी। जिले के सोरांव थाना क्षेत्र स्थित आदर्श जनता इंटर कालेज शास़्त्री नगर बलकरनपुर में टीचर से किसी बात पर नाराज छात्र अपने दर्जनों साथियों संग कालेज पहुंचा और कालेज में तोड़फोड़ शुरू कर दी। अपनी जान बचाने के लिये टीचर प्रींसिपल के कमरे में घुस गये और अंदर से दरवाजा व खिड़की बंद कर दी। लेकिन, खून सवार उपद्रवियों ने खिड़की दरवाजे तोड़कर टीचर को बाहर निकाला और उस पर बेरहमी से तब तक लाठी डंडे बरसाते रहे, जब तक कि वह अचेत होकर जमीन पर लुढ़क नहीं गये। इस दौरान स्कूल के दूसरे टीचर व प्रींसिपल किसी तरह छात्रों को कानून हाथ में न लेने और समझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन अपनी मनमानी करने तक उपद्रवी वहां जुटे रहे। आनन फानन में स्कूल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी तो मौके पर सोरांव थाने की फोर्स पहुंची। पुलिस ने उपद्रव करने वाले कुछ लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि घायल टीचर को इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 


क्या है मामला 
पुलिसक के अनुसार कालेज में जांच करने के लिये कुछ लोग आये हुये थे, जो बच्चों का स्वास्थ्य जांच कर रहे थे। इसी दौरान एक स्थानीय छात्र का वजन आदि क्लास में कराया गया और छात्र जब बाहर जाने लगा तो उसे वापस बुलाकर उनका नाम आदि दर्ज किया गया। इसी दौरान स्कूल में तैनात शिक्षक शिव बाबू शुक्ल ने छात्र को बार बार क्लास से बाहर आ जाने पर फटकार लगाई और छात्र से बहस होने लगी। आरोप है कि छात्र दलित बिरदरी का था और टीचर ने उसके साथ सख्ती दिखाई और पिटाई कर दी, जिससे नाराज छात्र अपने गांव चला गया और अपने दर्जनों साथियों संग स्कूल पहुंच गया और टीचर को सबक सिखाने के लिये बवाल करने लगा। बवाल की भनक लगते ही टीचर, प्रिंसिपल के केबिन में घुस गये तो उपद्रवियों ने खिडकी दरवाजे तोडने शुरू कर दिये और जमकर बवाल के बाद जब खिडकी दरवाजा तोड़कर टीचर को बाहर निकाला गया तो उन पर लाठी डंडे की बरसात कर दी गयी। 


मच गया हडकंप 
उपद्रव कर रहे लोगों को देखकर दूसरे टीचर भी सकते में आ गये और बीच बचाव के लिये लोगों को कानून हाथ में न लेने की अपील करते रहे। लेकिन, उपद्रवियों ने लाठी डंडा बरसाना तब ही बंद किया, जब वह अपनी मंशा में कामयाब हो गये। काफी देर तक चले इस पूरे घटनाक्रम के बाद कालेज में हडकंप मचा रहा। दहशत के बीच स्कूल में तैनात शिक्षक सकते रहे और पुलिस पहुंचने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। पुलिस ने बवाल कर रहे कुछ युवकों को हिरासत में लिया है। मामले की जानकारी देते हुये थानाध्यक्ष सोरांव ने बताया कि तहरीर घायल टीचर की ओर से दी जा रही है, उसी आधार पर मुकदमा दर्ज किया जायेगा। टीचर को इलाज के लिये अस्पताल ले जाया गया है। घटना क्यों हुई, अभी उसका कारण स्पष्ट नहीं है, मुकदमा लिखे जाने के बाद जानकारी दी जायेगी।


बृजेश केसरवानी


तीन बच्चों की मां आशिक के साथ फरार

तीन किशोर बच्चों की माँ हुई आशिक के साथ फरार


पीड़ित दिव्यांग पति लगा रहा है पुलिस अधिकारियों और नेताओं के दर पर चक्कर


कौशाम्बी। मसूरियादीन पुत्र स्व आनंदीलाल निवासी वार्ड नं 2 अम्बेडकर नगर ,नगर पंचायत अझुवा ने नवागत पुलिस अधीक्षक अभिनंदन को शिकायती पत्र देकर बताया कि पीड़ित प्रार्थी मसूरियादीन और उसकी पत्नी  माया सैनी क्षेत्र के सब्जी मंडी के पास दवाखाना खोलकर पीड़ित लोगों का इलाज करते थे। जहां पर आरोपी धर्मेंद्र सोनकर उर्फ धर्मा पुत्र अशर्फीलाल निवासी घड़ियाली पुर मजरा सौंराई थाना कड़ा धाम का आना जाना हुआ। कुछ समय बाद 6अक्टूबर 2019 को धर्मा माया को बहला फुसला कर कहीं भगा ले गया। जो कान का बाला, घर के जेवरात ,बैंक की चेकबुक सहित लाखों का माल लेकर अपने आशिक धंर्मेन्द्र के साथ फरार हो गयी। जिसकी शिकायत प्रार्थी मसूरियादीन ने कोतवाली सैनी में दिया तब कोतवाली पुलिस ने गुमसुदगी दर्ज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली।


     पीड़ित मसूरियादीन ने बताया कि मेरी पत्नी माया देवी ज्यादा पढ़ी लिखी नही थी। आज से 17 वर्ष पूर्व जब मेरे साथ माया का विवाह हुआ तभी से अपना और अपने परिवार का पेट काटकर मैंने उसे हाईस्कूल और इंटर करवाया, फिर कशिया ककोढा में स्थित कशिया पब्लिक स्कूल से एमएनएम का कोर्स करवाने के लिए अपना खेत भी बेंच दिया। जब लगा अब प्रार्थी की जिंदगी पटरी पर आ जायेगी तभी धर्मा और माया ने मेरे बच्चों का सहारा छीन लिया, और जब प्रार्थी अपने ससुराल मिर्जा की चक जाकर बताता है तो माया का भाई और बाप कहते है कि हमसे कोई सरोकार नही है !मेरी बड़ी बेटी 14वर्ष की है,उससे छोटा पुत्र 12 वर्ष और छोटी पुत्री 10 वर्ष की है।
जब इस संबंध में चौकी इंचार्ज पंधारी सरोज से बात की गई तो उन्होंने बताया जांच हो रही उपरोक्त आरोपी के मोबाइल सर्विसलांग में लगाया गया लेकिन दोनों के नंबर बंद जा रहे हैं, ज्योंहि दोनों का सुराग लगेगा! उचित एवं कठोर कार्रवाई की जाएगी


सन्तलाल मौर्य


डेंगू का मरीज मिलने से क्षेत्र में हडकंप

सिराथू तहसील क्षेत्र के भदवा गाँव मे डेंगू बीमारी का मरीज मिलने से गाँव में मचा हड़कम्प



कौशाम्बी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के कार्यो में शिथिलता पाए जाने के कारण कौशाम्बी जिले में एक के बाद एक गाँव डेंगू नामक गम्भीर बीमारी की चपेट में आता दिख रहा है जिससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से लेकर ग्राम प्रधानों की पोल खुल रही है कि गाँव की साफ-सफाई पर कितना ध्यान दिया जाता है यदि गाँव की साफ-सफाई सही तरीके से होती है तो डेंगू जैसी गम्भीर बीमारी कौशाम्बी जिले के एक के बाद एक गाँव में आखिर क्यों दस्तक दे रही है।सिराथू तहसील के दर्जनों गाँव में सिर्फ गाँव की साफ-सफाई सरकारी कागजो तक सीमित रह गई और साफ-सफाई व फॉगिंग ना होने की वजह से नालियों में बरसात का गंदा पानी जमा होने के कारण दूषित जल से डेंगू मच्छर उत्पन्न होकर गम्भीर बीमारी की समस्या बनकर उभर रहे हैं जिससे सिराथू तहसील के भदवा ग्राम मे डेंगू के प्रकोप से मानिक चंद्र नामक व्यक्ति के अचानक बीमार पड़ जाने पर आनन-फानन में परिजनों ने उनको एक निजी हॉस्पिटल में इलाज के लिए एडमिट कराया गया जांच के  दौरान डॉक्टरो ने डेंगू नामक गम्भीर बीमारी की पुष्टि की गई जिससे परिजनों के साथ-साथ गाँव के लोगो को डेंगू नामक गम्भीर बीमारी का डर सताने लगा है ग्रामीण लोगो का आरोप है कि गाँव में साफ-सफाई ना होने की वजह से जल जमाव की स्थिति बनी हुई है और डेंगू मच्छरों के लार्वा को मारने के लिए फॉगिंग भी नही की गई है।


इसी तरह आज से दो दिन पूर्व चायल तहसील क्षेत्र के सरवा काजी गाँव मे डेंगू नामक गम्भीर बीमारी से पीड़ित नीरज पुत्र शिवचरन व रूबी कुशवाहा पुत्री बच्चालाल कुशवाहा की मौत हो चुकी है और कई लोग डेंगू बुखार से पीड़ित लोगों का इलाज चल रहा है।एक के बाद एक कौशाम्बी जिले का ग्रामीण क्षेत्र डेंगू नामक गम्भीर बीमारी का शिकार हो रहा है।


राजकुमार


7 आईपीएस अधिकारी जबरन रिटायर

लखनऊ ! उत्तर प्रदेश सरकार ने 7 डिप्टी एसपी रैंक के 7 आईपीएस पुलिस अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है । उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जारी किए गए आदेश के मुताबिक सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रांतीय पुलिस सेवा संवर्ग के 7 ऐसे पुलिस उपाधीक्षकों या सहायक सेनानायकों जिनकी उम्र 31 मार्च 2019 को 50 वर्ष पार कर गई है, उन्हें अनिवार्य रूप से रिटायर करने का फैसला किया गया है । स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला किया गया है । कमेटी ने भ्रष्टाचार और अक्षमता के आरोपों को आधार पर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की संस्तुति की थी ।


  गृह विभाग के आदेश के अनुसार 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा के सहायक सेनानायक अरुण कुमार, फैजाबाद में तैनात पुलिस उपाधीक्षक विनोद कुमार गुप्ता, आगरा में तैनात पुलिस उपाधीक्षक नरेन्द्र सिंह राना, 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी के सहायक सेनानायक रतन कुमार यादव, 27वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर के सहायक सेनानायक तेजवीर सिंह यादव, मुरादाबाद के मंडलाधिकारी संतोष कुमार सिंह और 30वीं वाहिनी पीएसी गोण्डा के सहायक सेनानायक तनवीर अहमद खां को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है । इन अफसरों के विरुद्ध लघु दंड, वृहद दंड, अर्थदंड, परिनिन्दा, सत्यनिष्ठा अप्रमाणित किए जाने, वेतनवृद्धि रोके जाने और वेतनमान निम्न स्तर पर किए जाने जैसी कार्रवाइयां पूर्व में ही हो चुकी हैं ।



बता दें कि पिछले 2 वर्षों में योगी सरकार विभिन्न विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर चुकी है  |  इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और डिमोशन जैसे दंड भी दिए हैं |  इतना ही नहीं, इस कार्रवाई के अलावा 150 से ज्यादा अधिकारी अब भी सरकार के रडार पर हैं |  गृह विभाग में सबसे ज्यादा 51 लोगों को जबरन रिटायर किए गए थे | बिजली विभाग इंजीनियरों और कर्मचारियों के ईपीएफ में करीब 2267.90 करोड़ के घोटाले के बाद विपक्ष के निशाने पर आई उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है | मिली जानकारी के मुताबिक, अभी और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है |  बताया जा रहा है कि 24 और अधिकारियों की फाइल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है |  जल्द ही इन अधिकारियों को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा |  


नक्शे में कालापानी,नेपाल का पारा हाई

भारत ने नए नक्‍शे में कालापानी को दिखाया अपनी सीमा में, नेपाल का पारा हाई
रिपोर्टर रतन गुप्ता
  
काठमांडू। पिछले दिनों भारत ने देश का नया नक्‍शा जारी किया है और इसे देखने के बाद नेपाल का पारा चढ़ गया है। इस नए नक्‍शे में कालापानी को भी भारत की सीमा में दिखाए जाने पर नेपाल नाराज है। नेपाल सरकार की तरफ से बुधवार को इस स्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि नेपाल के पश्चिमी इलाके में स्थित कालापानी उसके देश की सीमा में है। भारत ने पिछले शनिवार को नया राजनीतिक मैप जारी किया गया है।
कालापानी हमारा हिस्‍सा
इस नए नक्‍शे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी सीमाओं के साथ दिखाया गया है। वहीं, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके को भी जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के हिस्से के रूप में दिखाया गया है। वहीं, गिलगित-बाल्टिस्तान को लद्दाख के हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया गया है। नेपाल सरकार की तरफ से कहा गया है कि उसे मीडिया में आई खबरों के जरिए पता लगा कि भारत ने कालापानी को अपने नए मैप में दिखाया है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'नेपाल सरकार स्पष्ट है कि कालापानी का इलाका उसकी सीमा में आता है।' मंत्रालय के बयान के मुताबिक, 'विदेश सचिव स्तर की संयुक्त बैठक में भारत और नेपाल की सीमा संबंधी मुद्दों को संबंधित विशेषज्ञों की मदद से सुलझाने की जिम्मेदारी दोनों देशों के विदेश सचिवों को दी गई है। दोनों देशों के बीच सीमा संबंधित लंबित सभी मुद्दों को आपसी समझ से सुलझाने की जरूरत है और कोई भी एकतरफा कार्रवाई नेपाल सरकार को अस्वीकार्य है।'


अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि नेपाल सरकार अपनी अंतरराष्‍ट्रीय सीमा की रक्षा करने को लेकर प्रतिबद्ध है और दोनों मित्र देशों को कूटनीतिक माध्यम से ऐतिहासिक दस्तावेजों एवं सबूतों के आधार पर संबधित विवाद को सुलझाने की जरूरत है।' इस पूरे मसले पर काठमांडू में स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से अभी कोई भी टिप्‍पणी नहीं की गई है। गौरतलब है कि स्थानीय मीडिया ने खबर दी कि कालापानी नेपाल के धारचुला जिले का हिस्सा है जबकि भारत के मानचित्र में इसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा दिखाया गया है। विदेश मंत्रालय के अपर सेक्रेटरी से सुरेश अधिकारी से जब इस बाबत संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि मंत्रालय इस पूरे मामले की हकीकत जानने की कोशिश कर रहा है। नेपाल सरकार के लैंड डिपार्टमेंट के डायरेक्‍टर कमल घिमिरे ने कहा कि भारत सरकार ने घरेलू प्रयोग के लिए मानचित्र प्रकाशित किए हैं और यह अंतरराष्ट्रीय सीमांकन के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा को रेखांकित करने के लिए बड़े पैमाने पर सीमांकन होना चाहिए।


घातक आतंकी हमले में 37 लोगों की मौत

बुर्किना फासो! एक कनाडाई खनन कंपनी के कर्मियों के काफिले पर घात लगाकर किए गए हमले में 37 लोगों की मौत हो गई। यह पश्चिम अफ्रीकी देश में पिछले करीब पांच साल में हुआ सबसे घातक आतंकवादी हमला है। देश के इस्ट क्षेत्र के गवर्नर सैदोउ सानोउ ने बताया कि ''अज्ञात सशस्त्र लोगों'' ने बुधवार सुबह उन पांच बसों पर घात लगाकर हमला कर दिया जिनमें सेमाफो खनन कंपनी के स्थानीय कर्मी, ठेकेदार और आपूर्तिकर्ता सवार थे।
उन्होंने बताया कि इस हमले में कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य लोग घायल हो गए। खनन कंपनी सेमाफो इंक के मालिक ने बताया कि सेना की सुरक्षा में ले जाई जा रहीं पांच बसों पर उस समय हमला हुआ, जब वे तापोआ प्रांत में बौंगोउ सोने की खान से करीब 40 किलोमीटर दूर थीं।
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि काफिले के पीछे चल रहा सेना का एक वाहन विस्फोटक की चपेट में आ गया। सूत्रों ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि कर्मियों को ले जा रहीं दो बसों पर इसके बाद गोलीबारी की गई। बुर्किना फासो की सरकार ने बताया कि सुरक्षा बलों ने बचाव एवं तलाश अभियान शुरू कर दिया है।


एटीएस के हाथों में अयोध्या की सुरक्षा

लखनऊ। अयोध्या में कार्तिक मेला को लेकर चल रही चहल-पहल के बीच आतंकी खतरे ने सुरक्षातंत्र की नींद उड़ा दी है। नेपाल के रास्ते भारत में संदिग्धों की घुसपैठ का इनपुट मिलने के बाद रामनगरी में निगरानी बढ़ा दी गई है। इनकी नापाक नजर अयोध्या पर होने की आशंका है। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) अयोध्या पुलिस के सहयोग के लिए पहुंच चुका है। अयोध्या में चिह्नित स्थानों पर पैरामिलिट्री फोर्स के साथ एटीएस कमांडो तैनात कर दिए गए हैं। आतंकी इनपुट की सूचना मिलने के बाद अयोध्या पुलिस के जिम्मेदार एटीएस के उच्चाधिकारियों से लगातार संपर्क में है। एक पुलिस अधिकारी की मानें तो इनपुट है कि आतंकी भारत में प्रवेश करने की फिराक में हैं। हालांकि इनपुट पर पुलिस-प्रशासन के जिम्मेदार खुलकर नहीं बोल रहे हैं, लेकिन सतर्कता बढ़ाया जाना स्वीकार कर रहे हैं।



अयोध्या विवाद का फैसला आने वाला है। इसे लेकर अयोध्या में पहले से ही सरगर्मी है। बड़ी संख्या में फोर्स अयोध्या पहुंच चुकी है और भी फोर्स के आने की संभावना है। मंगलवार से 14कोसी परिक्रमा के साथ कार्तिक मेले का उल्लास भी शुरू हो चुका है। ऐसे में सुरक्षा तंत्र बेहद सतर्क है। राज्य के साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भी अयोध्या में डेरा डाल रखा है। नेपाल के रास्ते सात आतंकियों के भारत में घुसने का इनपुट मंगलवार को सार्वजनिक हुआ है। रामनगरी पहले से ही आतंकियों के निशाने पर है। पांच जुलाई 2005 को अधिगृहीत परिसर पर आतंकी हमला हो चुका है। इससे पूर्व अयोध्या में कई आतंकी साजिश बेनकाब हो चुकी है। ऐसे में सुरक्षातंत्र ने पड़ताल तेज कर दी है। सीओ अयोध्या का कहना है कि एटीएस कमांडो लगाए गए हैं। उन्हें अलग-अगल तैनाती दी गई है।



आतंक से निपटने की तैयारी


अयोध्या में चप्पे-चप्पे पर निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिले में 18 हजार स्थानों पर पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर पहले ही लिखवाए जा चुके हैं। पुलिस सोशल मीडिया का सहारा लेकर आम लोगों से सूचना संकलन कर रही है। अयोध्या में 80 से अधिक स्थानों पर मोर्चा लेने के लिए सैंडबैग बनाए गए हैं। आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए विशेष स्कीम के तहत पुलिस कार्य कर रही है।


कार्तिक मेला व परिक्रमा में कड़ी होगी सुरक्षा : डीजीपी 


कार्तिक पूर्णिमा मेला व चौदह कोसी/पंचकोसी परिक्रमा पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अयोध्या में चौदह कोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा व कार्तिक पूर्णिमा मेला का आयोजन 12 नवंबर तक चलेगा। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर अयोध्या, प्रयागराज, हापुड़, अमरोहा, एटा, बरेली, रायबरेली, कानपुर नगर, वाराणसी व बलिया में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जाने के साथ ही गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी नजर रखी जाए। महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा को लेकर खास सतर्कता बरती जाए और सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर लगाया जाए। रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर भी सघन चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं।



पुलिस प्रदर्शन से गृह मंत्रालय नाराज

नई दिल्ली। तीस हजारी अदालत में वकीलों के साथ झड़प के बाद मंगलवार को पुराने पुलिस मुख्यालय के बाहर पुलिसकर्मियों के धरने को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिसकर्मियों को अपनी शिकायत को सही जगह और सही तरीके से उठाना चाहिए था। वहीं गृह मंत्रालय इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों और वकीलों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई सुनिश्चित करने के पक्ष में है। धरने से नाराज गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की मांग जायज हो सकती है, लेकिन इसे उचित तरीके से उठाना जरूरी है। हम एक अनुशासित बल में भीड़ की मानसिकता पनपने नहीं दे सकते हैं।


उन्होंने कहा, 'स्थिति की गंभीरता को समझने और उसे सही समय पर नियंत्रित करने में दिल्ली पुलिस का नेतृत्व बुरी तरह विफल रहा है।' जाहिर है उनका इशारा जल्द ही वरिष्ठ अधिकारियों के फेरबदल किए जाने की ओर था। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस एक अनिवार्य सेवा के अंतर्गत आता है और इसके तहत किसी स्थिति में उन्हें अपनी सेवा देने की बाध्यता है। कानून-व्यवस्था संभालने के कारण पुलिस की जिम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है। दूसरी तरफ अदालत में अपनी जिम्मेदारी निभाने वाले वकीलों में भी भीड़ की मानसिकता उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि तीस हजारी कोर्ट मामले में जिम्मेदार पुलिसकर्मियों और वकीलों दोनों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। वहीं दिल्ली पुलिस की ओर से तीस हजारी अदालत की घटना की विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी गई है।


इसमें शनिवार को पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच झड़प शुरू होने की परिस्थितियों और उसके बाद उठाए गए कदमों के बारे में बताया गया है। लेकिन, इसमें शनिवार के बाद की घटनाओं के बारे में नहीं बताया गया है। जाहिर है कि सोमवार को साकेत कोर्ट के बाहर एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट का भी जिक्र नहीं है। पूरी घटना पर नजर रख रहे वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने न्यायिक जांच का आदेश दिया गया है और उसकी रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। हाई कोर्ट ने रविवार को छह हफ्ते में न्यायिक जांच पूरी करने का निर्देश दिया था। इस बीच, पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों के धरने को देखते हुए गृह मंत्रालय की ओर से दिल्ली के उपराज्यपाल को हस्तक्षेप करने को कहा गया है।


प्रियंका गांधी ने संभाली दिल्ली की कमान

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए आम आदमी पार्टी के साथ भारतीय जनता पार्टी भी जोर-शोर से जुट गई है। दिल्ली में भाजपा-AAP के खिलाफ अब प्रियंका वाड्रा ने अब दिल्ली की कमान संभाल ली है। उन्होंने न केवल पार्टी की मोटी-मोटी रणनीति तय कर ली है बल्कि प्रदेश कांग्रेस को यह प्रस्ताव भी दे दिया है कि जहां उनकी जरूरत हो, उन्हें बुलाया जा सकता है। हरियाणा में पार्टी के प्रदर्शन से उत्साहित प्रियंका वाड्रा का कहना है कि अगर बेहतर ढंग से चुनाव लड़ा गया तो दिल्ली में सरकार कांग्रेस की ही बनेगी। मंगलवार की शाम प्रियंका वाड्रा ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) के वार रूम में दिल्ली के सभी जिला अध्यक्षों और सभी फ्रंटल संगठनों के अध्यक्षों के साथ पहली बार लंबी बैठक की। बैठक में वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एआइसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी पीसी चाको, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष कीर्ति आजाद भी मौजूद रहे।


पौने दो घंटे चली इस बैठक में प्रियंका ने दिल्ली के सभी नेता और पदाधिकारियों से कहा कि जनसंपर्क और सोशल मीडिया के जरिये पार्टी के कार्यो को घर- घर तक पहुंचाने का अभियान शुरू कीजिए। उन्होंने कहा कि इस वक्त प्रदूषण शहर का सबसे बड़ा मुद्दा है, इसको भी भुनाइए। जनता के बीच जाइए, धरने-प्रदर्शन कीजिए और मास्क भी बांटिए। प्रदेश कांग्रेस को दिसंबर माह के पहले सप्ताह में एक जनसभा या रैली रखने के लिए भी कहा है जिसे पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी भी संबोधित करेंगी। इसके माध्यम से दिल्ली में चुनावी बिगुल फूंका जाएगा। प्रियंका ने चाको और सुभाष चोपड़ा की सराहना भी की कि दिल्ली में पार्टी अब अच्छा कर रही है, सभी नेता-कार्यकर्ता संगठित हो रहे हैं।


सोनिया ने बनाया प्रभारी प्रचार प्रदेश कांग्रेस ने कर दिया लाचार


हालांकि दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस में चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष कीर्ति आजाद इस समय उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। सीधे सोनिया गांधी द्वारा नियुक्त किए जाने के बावजूद करीब दो सप्ताह बाद भी उन्हें प्रदेश कार्यालय में बैठने की जगह नहीं दी गई है। एक दिन उन्हें दूसरी मंजिल पर बैठने को कहा गया तो दूसरे दिन तीसरी और तीसरे दिन चौथी मंजिल पर बैठने को कह दिया गया। सूत्र बताते हैं कि कीर्ति के साथ कामकाज में भी असहयोग किया जा रहा है। न उन्हें पार्टी पदाधिकारियों के नंबर दिए जा रहे हैं और न ही उनकी बैठकें रखी जा रही हैं। मंगलवार को हुई शत्रुघ्न सिन्हा की पत्रकार वार्ता की भी उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। बताया जाता है कि इस सारी स्थिति के विरोध में उन्होंने मंगलवार से प्रदेश आना भी बंद कर दिया है। यही नहीं, उन्होंने अपने साथ किए जा रहे इस व्यवहार को लेकर एआइसीसी में भी बात की है और सोनिया गांधी से भी मुलाकात का समय मांगा है।


दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...