शनिवार, 19 अक्तूबर 2019

शांति के लिए अधिक प्रतिबंध लगाएंगे

अंकारा। अमेरिका के उपराष्ट्रपति माईक पेंस के नेतृत्व में अमेरिका के एक प्रतिनिधिमंडल मण्डल ने उत्तर सीरिया में हो रही सैन्य कार्यवाही को रोकने के लिये और तुर्की पर दबाव बनाने के लिये अंकारा पहुंचे हैं।


इस सैन्य कार्यवाही पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने कहा था हमने ने तुर्की के खिलाफ ''बहुत सख्त” रुख अपनाया है और उस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाए हैं,ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में कहा कि उनका प्रशासन अमेरिकी जवानों को वापस घर लाना चाहता है। इस बीच एर्दोआन ने उत्तरी सीरिया में संघर्ष विराम के अमेरिका के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि वह अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर चिंतित नहीं है। दैनिक समाचार पत्र 'हुर्रियत' ने एर्दोआन से हवाले से कहा, ''वे चाहते हैं कि हम संघर्ष विराम घोषित करें। हम संघर्ष विराम की घोषणा नहीं कर सकते।' सीरिया से अपने बलों को वापस बुलाने के अमेरिका के फैसले के बाद पिछले सप्ताह से शुरू हुए तुर्की हमलों का मकसद कुर्द नीत 'सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस' एसडीएफ को सीमा क्षेत्रों से खदेड़ना है।व्हाइट हाउस ने कहा कि क्षेत्र में जारी हिंसा 'आईएसआईएस को हराओ' मुहिम को बहुत कमजोर कर रही है, आम नागरिकों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों और पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। उसने कहा कि प्रशासन क्षेत्र और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध है।


सीरिया से बलों की वापसी को लेकर ट्रम्प की आलोचना हो रही है। इस मामले पर ट्रम्प ने कहा, ''हम कई वर्षों से वहां मौजूद अपने जवानों को वापस लाना चाहते हैं, वह विश्व में सबसे बड़े योद्धा हैं।”


उन्होंने कहा, ''वे पुलिस बल नहीं हैं, लेकिन उनका काम कर रहे हैं. वे अलग तरह का बल हैं। हम अपने जवानों को वापस लाना चाहते हैं और हम तुर्की एवं कई अन्य के खिलाफ बहुत कड़ा रुख अपना रहे हैं।” व्हाइट हाउस ने कहा कि जब तक समाधान नहीं निकलता है तब तक पेंस तुर्की पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की ट्रम्प की प्रतिबद्धता को दोहराएंगे।
ट्रम्प ने कहा, ''उन्हें शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी और हम देखेंगे कि प्रतिनिधिमंडल के साथ क्या होता है। हम संघर्षविराम की मांग कर रहे हैं।”


उन्होंने कहा, ''हमने सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए हैं जिनकी आप कल्पना कर सकते हैं, लेकिन यदि उन पर असर नहीं होता है तो हम इस्पात पर शुल्क समेत और प्रतिबंध लगाएंगे। वह अमेरिका में बहुत इस्पात भेजते है। वे इससे बहुत धन कमाते है. वे बहुत अधिक धन नहीं कमा पाएंगे।”


ट्रम्प ने तुर्की के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, उसने इस्पात शुल्क बढ़ाने एवं 100 अरब डॉलर के व्यापार समझौते पर वार्ता समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है। इस बीच ट्रम्प के सीरिया में फैसले के विरोध में कांग्रेस में द्विसदनीय, द्विदलीय प्रस्ताव पेश किया गया।


शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी:मिथुन

राशिफल


मेष:आज पराक्रम में वृद्धि का दिन है। रुके हुए कार्य गति पकड़ेंगे, यात्रा में लाभ होगा। भाइयों का पूरा साथ मिलेगा। तीर्थ दर्शन से मन प्रसन्न होगा। रुके हुए काम भी आज बनते हुए दिखेंगे। शाम को कहीं से शुभ समाचर प्राप्‍त हो सकता है। भाग्‍य आज 89 फीसदी साथ देगा।


वृषभ:शेयर आदि जोखिमपूर्ण कार्य में सोच-समझकर ही पहल करें। वाणी के प्रदर्शन से धर्नाजन अथवा रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे। ऑफिस में सीनियर भी आपके काम की प्रशंसा करेंगे। परिवार में भी हंसी-खुशी का माहौल रहेगा। व्‍यापारियों को धन लाभ होगा। नकारात्मक विचारों से दूर रहें। भाग्‍य आज 80 फीसदी साथ देगा।


मिथुन:आज शत्रुओं पर आपकी विजय सुनिश्चित है, कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी, आर्थिक लाभ के योग हैं। नौकरीपेशा लोगों के लिए भी आज का दिन अच्‍छा बीतेगा। दांपत्‍य जीवन में मधुरता आएगी। दोस्‍तों के आने से मन खुश रहेगा। भाग्‍य आज 85 फीसदी साथ देगा।


कर्क:खर्च के योग बन रहे हैं, सोच-समझकर ही धन-निवेश करें, व्यर्थ के वाद-विवाद से बचें, यात्रा से परहेज करें। सिरदर्द आपको परेशान कर सकता है। किसी व्‍यक्ति को उधार न दें। पैसे वानस मिलने की संभावना न के बराबर है। दुर्घटना से बचाव अपेक्षित है। भाग्‍य आज 57 फीसदी साथ देगा।


सिंह:आज जो भी कार्य करेंगे, उसमें पूर्ण लाभ की सम्भावनाएं सुनिश्चित हैं, मन प्रसन्न रहेगा, धन निवेश में लाभ के प्रबल योग हैं। आज ऑफिस में सहयोगियों के योगदान से आप अपना एक काम निपटाने में सफल रहेंगे। आज रचनात्‍मक कार्यों में सफलता मिलेगी। भाग्‍य आज 75 फीसदी साथ देगा।


कन्या:कार्य व्यापार में उन्नति का दिन है। आज किया हुआ कार्य दो दिन बाद अथवा लिया गया निर्णय आपको सफलता दिलाएगा। निवेश के लिए भी समय अच्‍छा है। आज आप व्‍यापार में कोई नई डील करने के बारे में यदि सोच रहे हैं तो बेहिचक कर सकते हैं। भविष्‍य में लाभ होगा। भाग्‍य आज 90 फीसदी साथ देगा।


तुला:भाग्य आज आपका साथ देने को बेताब है, कर्म करते जाएं और सब कुछ भाग्य पर छोड़ दें। धन लाभ, कार्यों में सफलता, मान-सम्मान वृद्धि का योग बन रहा है। विद्यार्थियों को किसी परीक्षा में पास होने का शुभ समाचार मिल सकता है। महिलाओं के लिए भी आज का दिन शुभ है। दांपत्‍य संबंधों में मिठास बढ़ेगी। भाग्‍य 95 फीसदी साथ देगा।


वृश्चिक:आज यात्रा करने से परहेज करें, किसी से अनावश्यक वाद-विवाद अथवा चोट-चपेट की घटना चिन्ता का कारण हो सकती है। दूसरों के मामलों में पड़ने से दूरी बनाए रखें। अपने काम पर ध्‍यान दें। परिवार के लोगों का सहयोग मिलेगा। कोई दूर का रिश्‍तेदार आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। सावधान रहें। भाग्‍य आज 55 फीसदी साथ देगा।


धनु:उन्नतिदायक दिन, जीवनसाथी अथवा किसी प्रिय व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होगा, मन प्रसन्न रहेगा, रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे। आज जोखिमपूर्ण निवेश में भी लाभ होगा। दिन का समय परिवार के साथ मौज-मस्‍ती में बीतेगा। व्‍यस्‍तता कुछ अधिक रहेगी, लेकिन मेहनत सफल होने से मन प्रसन्‍न रहेगा। भाग्‍य आज 86 फीसदी साथ देगा।


मकर:रुका हुआ धन प्राप्त होगा। अचानक कोई शुभ समाचार मिलेगा, शत्रु एवं विरोधी आपसे दूर भागेंगे। बेहतर होगा कि आप किसी अजनबी पर भरोसा न करें। जीवनसाथी का सहयोग भरपूर प्राप्‍त होगा। स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में आज दिन मिला-जुला रह सकता है। खानपान में सावधानी रखें। भाग्‍य आज 80 फीसदी साथ देगा।


कुंभ:सुबुद्धि के बल पर कार्य बनेंगे और कुबुद्धि के कारण कार्य बिगड़ भी सकते हैं, अतः सोच-विचारकर बुद्धि बल का प्रयोग करें। आज दूर की यात्रा पर जाना हो तो टाल दें। वाहन धीमे चलाएं। दूसरों के ऊपर आज भरोसा न करें। भूमि-भवन या फिर रुपये-पैसे से जुड़ा कोई मामला आज टाल दें। भाग्‍य आज 60 फीसदी साथ देगा।


मीन:आज वाणी पर नियंत्रण रखें, रखेंगे तो दिन सुख-शांति से बीतेगा, वरना किसी व्यक्ति से वाद-विवाद के कारण मन दुःखी रह सकता है। आज कोई करीबी जिस पर आप सबसे ज्‍यादा भरोसा करते हैं, आपको धोखा दे सकता है। घर से बाहर जाने से पहले भगवान के दर्शन करके निकलें। दुर्घटना से सावधान रहें। भाग्‍य आज 62 फीसदी साथ देगा।


भोजन के अतं का मिष्ठान

भोजन के अंत में परोसा जाने वाला मिष्ठान्न, केक सेंककर तैयार किया हुआ भोज्य पदार्थ है। आमतौर पर कई किस्मों वाला केक का आटा, चीनी, अंडे, मक्खन या तेल का मिश्रण है जिसे घोलने के लिए तरल (आम तौर पर दूध या पानी) और खमीर उठाने वाले पदार्थ (जैसे कि खमीर या बेकिंग पाउडर) की ज़रूरत होती है। स्वाद व महक के लिए अक्सर फलों का गाढ़ा गूदा, मेवे या अर्क मिला दिए जाते हैं और मुख्य सामग्री के अनेक विकल्प सुलभ हैं। अक्सर केक में फलों का मुरब्बा या मिष्ठान्न वाली सॉस (जैसे पेस्ट्री क्रीम) भर दी जाती है, उसके ऊपर मक्खन वाली क्रीम या अन्य आइसिंग लगाकर बादाम और अंडे के सफ़ेद हिस्से का मिश्रण, किनारों पर बिंदियां और चाशनी में डूबे फल लगाकर सजाया जाता है।


विशेष रूप से शादी, वर्षगाँठ और जन्मदिन जैसे औपचारिक अवसरों पर अक्सर खाने के बाद मिठाई के तौर पर केक का चुनाव किया जाता है। केक बनाने की अनगिनत पाक विधियां हैं, कुछ रोटी की तरह, कुछ गरिष्ठ और बड़े परिश्रम से तैयार की जाने वाली और अनेक पारम्परिक हैं। किसी ज़माने में केक बनाने (विशेष रूप से अंडे की झाग उठाने में) में काफ़ी मेहनत लगा करती थी लेकिन अब केक बनाना कोई जटिल प्रक्रिया नहीं रही, सेंकने वाले उपकरण और विधियां इतनी सरल हो गई हैं कि कोई भी नौसिखिया केक सेंक सकता है।


विश्व का सबसे ऊंचा कैक्टस

पैकिसेरियस प्रिंगलेइ (Pachycereus pringlei), जिसे मेक्सिकी बड़ा कार्दन (Mexican giant cardon) या हाथी कैक्टस (elephant cactus) भी कहा जाता है, कैक्टस की एक जीववैज्ञानिक जाति है को मूल रूप से पश्चिमोत्तरी मेक्सिको में बाहा कैलिफ़ोर्निया, बाहा कैलिफ़ोर्निया सुर और सोनोरा राज्यों में पाई जाती है। इन क्षेत्रों के स्थानीय सेरी लोग (जो यहाँ की आदिवासी जनजाति है) इस कैक्टस के फल खाते हैं।यह कैक्टस जाति अपनी जड़ों में बैक्टीरिया और फ़ंगस की कुछ जातियों के साथ सहजीवनीय सम्बन्ध रखती है जिस से यह सीधा वायु से नाइट्रोजन प्राप्त करने में सक्षम है। इस कारणवश यह सीधा बिना मिट्टी के पत्थर पर भी उगी हुई पाई जाती है। इसके बीजों में भी यह बैक्टीरिया जातिया पाई गई हैं।


जीवाकृति व जीवन:-यह विश्व का सबसे ऊँचा कैक्टस है और ६३ फ़ुट (१९ मीटर) तक लम्बा पाया गया है। इसके तने का व्यास १ मीटर (३ फ़ुट) तक का और कई मोटी सीधी खड़ी हुई शाखों से साथ देखा जा सकता है। इसपर कई बड़े श्वेत फूल होते हैं जो रात्रि में खुलते हैं। देखने में यह सागुआरो नामक जाति से मिलता-जुलता है लेकिन कुछ अन्तर देखे जा सकते हैं। यह धीरे-धीरे उगने वाला वनस्पति है और सैंकड़ों साल जीवित रह सकता है।


शारीरिक संरचना में परिवर्तन

चींटी फ़ोरमिसिडाए कुल और हाइमेनोप्टेरा गण के अंतर्गत आती है। इसमें मधुमक्खी और वाशीभी भी शामिल हैं। एंटियल वाशिप के भीतर एक वंश से चींटियों का क्रमविकास हुआ और 2013 के एक अध्ययन से पता चला कि वे एपोइडिया की एक बहन समूह हैं। सन् 1966 में ई.ओ. विल्सन और उनके सहयोगियों ने चाकमय कल्प (क्रिटेशियस) में रहने वाले एक चींटी (स्केकेमॉर्मा) के जीवाश्म अवशेषों की पहचान की। आज से 9.2 करोड़ वर्ष पूर्व कहरुवे (ऐम्बर) में फंसे हुए नमूने में, कुछ अपशिष्टों में पाया गया है, लेकिन आधुनिक चींटियों में पाया नहीं गया है। स्पैकोमिमा संभवत: एक भूरा था, जबकि हेमीमिरमेक्स और हैडोमिरमोड्स, सबफ़ैमली स्पेलकोमिमाइनी में संबंधित पीढ़ी, सक्रिय पौधों के शिकारियों के रूपमें पुनर्निर्मित हैं।


जीनस स्पाइकोमिरेड्स में पुराने चींटियों को म्यांमार से 9.9 करोड़ वर्षीय कहरुवे में पाया गया है। लगभग 10 करोड़ वर्ष पहले फूलदार पौधों के उदय के बाद, वे लगभग 6 करोड़ वर्ष पूर्व पारिस्थितिक प्रभुत्व को विविध और ग्रहण कर चुके थे। कुछ समूहों, जैसे लपटानिलिने और मार्शिआनी, को प्रारंभिक आदिम चींटियों से अलग करने का सुझाव दिया जाता है, जो मिट्टी की सतह के नीचे शिकारियों की संभावना थी। चाकमय अवधि के दौरान, आदिम चींटियों की कुछ प्रजातियां लौरासियन अतिमहाद्वीप (उत्तरी गोलार्ध) पर व्यापक रूप से फैली हुई थीं। वे अन्य कीटों की आबादी की तुलना में दुर्लभ थे, और पूरी कीट आबादी का केवल 1% का प्रतिनिधित्व करते थे। पेलेोजेन कालकी शुरुआत में अनुकूली विकिरण के बाद चींटियों का प्रभाव बढ़ गया। ओलिगोसीन और माओसिन द्वारा, चींटियों के प्रमुख जीवाश्म जमाओं में पाए गए सभी कीड़ों के 20-40% का प्रतिनिधित्व करने के लिए आ गया था। प्रजातियों में से जो इओसीन युग में रहते थे, वर्तमान में 10 प्रजातियों में से एक जीवित रहते हैं। आज जीना में बाल्टिक एम्बर जीवाश्मों (प्रारंभिक ओलिगोसीन) में 56% पीढ़ी और डोमिनिकन एम्बर जीवाश्म (जाहिरा तौर पर जल्दी मिओसीन) में 9 2% प्रजाति शामिल है। दीमक, हालांकि उन्हें कभी-कभी 'सफेद चींटियों' कहा जाता है, जीववैज्ञानिक दृष्टि से चींटियाँ नहीं हैं।


नींबू जाति की मौसमी

मौसंबी (Citrus limetta) एक फल है। यह नींबू जाति का ही फल है परन्तु नींबू से अनेक गुना लाभदायक है। मौसमी का फल नांरगी के बराबर आकार का होता है। मुम्बई और गुजरात में इसे मुसम्मी या मौसमी कहते हैं। उत्तर प्रदेश मे इसे 'मीठा नींबू' कहते हैं। मौसमी का रस साबुन, शराब तथा अन्य पेयों में डाला जाता है। इसके छिलके से निकाला हुआ तेल जल्दी उड़ जाता है। इसलिए इसके तेल को जैतून के तेल के साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है।


मौसमी का उपयोग पोषक आहार के रूप में होता है। मौसमी की तीन किस्में-नेवल, जुमैका और माल्टा हैं। मौसमी की कलम लगाने से आजकल इसकी अनेक उपजातियां हैं। नेवल किस्म अमेरिका में उत्तम मानी जाती है। माल्टा का छिलका व रस लाल रंग का होता है। मौसमी के फल एक-आधा महीना तक बिना बिगड़े ज्यों-के-त्यों बने रहते हैं।


भारतीय पक्षी प्रियवंद

खीहा एक भारतीय पक्षी है। इसे संस्कृत में प्रियंवद कहते हैं।


इस पक्षी के दो स्पष्ट प्रादेशिक भेद है। एक तो ललमुँही खीहा (रक्तकपोल प्रियंवद) जो हिमालय में गढ़वाल से सिक्किम तक प्राय: २ से ७ हजार फुट की ऊँचाई पर पाए जाते हैं। कभी कदा ये १० हजार फुट तक की ऊँचाई पर भी देखे जाते हैं। इस वर्ग का खीहा ११ इंच का होता है। इसकी चोंच टेढ़ी होती है, ऊपरी पूँछ और डैने का घिरा हुआ भाग काही भूरा होता है और निचला भाग अखरोटी तथा सफेद होता है। ठुड्ढी और गले पर धूमिल भूरे रंग की धारियाँ होती है। यह झाड़ियों में निवास करता है और पहाड़ियों पर ही अधिकांश जीवन व्यतीत करता है। इसकी बोली मधुर होती है। नर पक्षी की बोली दुहरी होती है। दूसरी बोली पहली बोली के तत्काल बाद ध्वनित होती है। यदि मादा उसके निकट होती है तो दूसरी ध्वनि के बाद अपनी मधुर ध्वनि से तत्काल उत्तर देती है। यह पक्षी दूसरे पक्षी की बोलियों का भी प्रत्युत्तर देते हैं। यह पक्षी नाचता भी है। गुबरीला, केंचुआ, कीड़े आदि इसके मुख्य भोजन हैं।



श्वेत-भौंह खीहा
दूसरी जाति का खीहा मुख्यत: दक्षिण भारत के पर्वतों में पाया जाता है। किंतु आबू की पहाड़ियों, मध्य प्रदेश और खानदेश के आसपास भी ये देखे जाते है। यह ललमुँही खीहा से कुछ छोटा होता है। इसका ऊपरी भाग भूरा और माथा काला होता है। आँख के ऊपर एक सफेद पट्टी सी होती है, जिसके ऊपर काली काली किनारी होती है। छाती और पेट पर एक पतली काली भूरी लकीर होती हे। चोंच पीली होती है। इसकी बोली सामान्यत: कर्कश होती है पर कभी कभी यह मधुर सीटी भी बजाता है। लोग सीटी बजाकर अपने निकट रखने का प्रयास करते हैं। यह अपनी लंबी तलवारनुमा चोंच से फूलों का रस चूसता है। वैसे, कीड़े मकोड़े भी इसके भोजन हैं।


महर्षि वशिष्ठ का राष्ट्रवाद उपदेश

गतांक से...
 मेरे प्यारे देखो जब माताएं उसी मंत्र को  के दृष्टा बन करके उसी देवता की उपासना कर रही है। उपासना करते हुए प्राण को अपान से मिलान करते हुए वह अपने गर्भ की आत्मा से वार्ता प्रकट करती है। जो माता अपने गर्भ में रहने वाले शिशु से वार्ता करना जानती है। तो वह देवी धन्य है वे मेरी माता धन्य है। जिनके तरफ से महान पुत्रों का जन्म होता है। इसलिए मम्त्वाम् ब्रह्मा: वे माताए ऋषि-मुनियों को जन्म देकर के अपने जीवन को कृतार्थ बना लेती है। वही तो सौभाग्य झलकने लगता है। विचार आता रहता है मुनिवरो, आज में विशेष चर्चा देने नहीं आया हूं। केवल विचार यह है कि परमात्मा वशिष्ठ मुनि महाराज ने राम से बहुत सी चर्चाए की। उन्होंने कहा यह विद्याए राजा के राष्ट्र में होनी चाहिए। राजा के राष्ट्र में जब यह विद्या होती है तो उसे राष्ट्रवाद कहते हैं। वह ब्रबस ब्रव्हे, वह भी विद्या होनी चाहिए। जब वह तपस्या में परिणत होता हुआ अपनी आत्मा का परमात्मा से मिलन करता हुआ ब्रह्मांड की उसमें पुट लगाकर के ब्रह्मा की चेरी को जानने लगता है। मेरे प्यारे वही तो ब्राह्मणत्व कहलाता है। विचार केवल यह है कि मुनवरो राष्ट्रवाद अपनी आभा में गमन करता रहा है। यदि राजा के राष्ट्र में विवेकी पुरुष नहीं हैं, महापुरुष नहीं है। मेरी पुत्री आप बुद्धिमान नहीं है तो वह राजा अपने राष्ट्र को उन्नत नहीं बना सकता। यह विधाऐ परंपरागतो से ही मानवीय मस्तिष्क में पंडितव के रूप में रमण करती रहती है। ब्रह्मा वेता इस संसार से उपराम हो जाता है। महात्मा वशिष्ठ ने भगवान राम से कहा कि राष्ट्रवाद कहते हैं जिस राष्ट्र की तुम चर्चा कर रहे थे। उसके पश्चात उन्होंने कहा कि प्रभु यह तो मैंने जान लिया कि इसे राष्ट्रवाद कहते हैं। परंतु इसे कार्य रूप कैसे दिया जाएगा। उन्होंने कहा इस प्रकार के बन जाओ तो कार्य रूप स्वत: दिया जाता है। जब अपने में सूक्ष्मता रहेगी तो जगत सूक्ष्म बनेगा। अपने में जब मानवता रहेगी तो जगत मानव बनेगा। जब मानव स्वयं दार्शनिक बनेगा तो मानव दार्शनिक बन जाएगा। जब अपनेपन में मृत्यु को विजय करने वाले बनेंगे तो यह संसार मृत्युंजय बन जाएगाू। जब हम अपने में ब्रह्म ज्ञान की चर्चा करेंगे ब्रह्मज्ञानी बनेंगे तो संसार ब्रह्मज्ञानी बन जाएगा। अपने विचार पर हुए परमात्मा के जगत में अपने को स्वीकार करो। राष्ट्र अपने मे पवित्र बनता है। प्रजा उसी के अनुसार व्यवहार बरतने लगती है और जब राजा इस प्रकार का नहीं होगा तो प्रजा नहीं बरतेगी और जब प्रजा नहीं बरतेगी तो राजा केवल अपने आलस्य प्रमाद में परिणत हो जाएगा। समाज भी उसी प्रकार की अधिकार की पुकार करने लगेगा। अधिकार ही चाहने लगेगा परंतु कर्तव्य नष्ट हो जाएगा। जब अधिकार ही अधिकार को पूर्ण करेगा तो आज तक सृष्टि के प्रारंभ से लेकर के कोई भी मानव किसी का अधिकार को पूर्ण नहीं कर सकता है। कर्तव्य करते रहो अधिकार स्वेत: प्राप्त होता है। उसे आवश्यकता नहीं है पुकारने की । परंतु जब कर्तव्य करता है तो वह अपनी उस आत्मा को प्रसन्न करता है। जो आत्मा प्रभु से मिलान करती है। तो उसके मन में जो इछिंत फल होते हैं वह उसे प्राप्त हो जाते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


हिंदी दैनिक


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


October 20, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-77 (साल-01)
2. रविवार,20 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन,कृष्णपक्ष, तिथि-सप्तमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:18,सूर्यास्त 06:00
5. न्‍यूनतम तापमान -20 डी.सै.,अधिकतम-30+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2019

दमखम के साथ नेता उतरे मैदान में

चंडीगढ़। हरियाणा में चुनाव प्रचार आखिरी दौर में है। अब केवल 48 घटें से भी कम समय बचा है। आज चुनाव के आखिरी वक्त में दिग्गज नेता पसीना बहाने के लिए हरियाणा की धरती पर आ रहे हैं। हरियाणा में 21 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। सभी पार्टियों के नेता पूरे दमख़म के साथ चुनाव मैदान में डटे है।


आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिसार और गोहाना में रैलियां करेंगे। नरेंद्र मोदी की साढे बारह बजे गोहाना और ढाई बजे हिसार में रैली होगी। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की आज हरियाणा में तीन जनसभाए हैं। राजनाथ सिंह की बेरी विधानसभा में सुबह साढे दस बजे, साढ़े बारह बजे पृथला विधानसभा और ढाई बजे तावडू में रैली होनी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भी आज मुलाना विधानसभा, लाडवा विधानसभा, चरखी दादरी, भिवानी, झज्जर, और रोहतक में रैलियां होगी। वहीं स्टार प्रचारक हेमामालिनी ओर सन्नी देओल भी आज रैलियां करेंगे।


सीताफल का स्वाद कौन लेना चाहता है

रायपुर। सीताफल का स्वाद आखिर कौन नही लेना चाहता। इसकी मिठास और स्वाद इतना बढ़िया है कि सीजन में इस फल को हर कोई स्वाद चखना चाहता है। यह फल जितना मीठा है, उतना ही स्वादिष्ट और पौष्टिक भी है। कांकेर जिले में इस फल की न सिर्फ प्राकृतिक रूप से खूब पैदावार हो रही है, हर साल उत्पादन एवं विपणन भी बढ़ रहा है। कांकेर के सीताफल की अपनी अलग विशेषता होने की वजह से ही अन्य स्थानों से भी इस फल की डिमांड आ रही है। स्थानीय प्रशासन द्वारा सीताफल को न सिर्फ विशेष रूप से ब्रांडिंग, पैकेजिंग एवं मार्केटिंग में सहयोग कर इससे जुड़ी महिला स्व सहायता समूह को लाभ पहुंचाने का काम किया जा रहा है। उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी दिया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि इस वर्ष सीताफल का ग्रेडिंग और संग्रहण करने वाली स्व सहायता की महिलाओं एवं इससे जुड़े पुरुषों को लगभग 25 लाख रुपये तक की आमदनी होने की उम्मीद है। प्रशासन द्वारा कांकेर वैली फ्रेश सीताफल के रूप में अलग-अलग ग्रेडिंग कर 200 टन विपणन का लक्ष्य रखा गया हैं।


वैसे तो सीताफल का उत्पादन अन्य जिलों में भी होता है लेकिन कांकेर जिला का यह सीताफल राज्य में प्रसिद्ध है। यहाँ प्राकृतिक रूप से उत्पादित सीताफल के 3 लाख 19 हजार पौधे हैं, जिससे प्रतिवर्ष अक्टूबर से नवम्बर माह तक 6 हजार टन सीताफल का उत्पादन होता है। यहां के सीताफल के पौधौ में किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद या कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया जाता है। यह पूरी तरह जैविक होता है। इसलिए यह स्वादिष्ट होने के साथ पौष्टिक भी होता हैं। यहां से प्राकृतिक रूप से उत्पादित सीताफल को आसपास की ग्रामीण महिलाएं एवं पुरूष संग्रह कर बेचते आ रहे हैं। इससे थोड़ी बहुत आमदनी उनको हो जाती थी। लेकिन उन्हें पहले कोई ऐसा मार्गदर्शक नही मिला जो मेहनत का सही दाम दिला सके। कुछ कोचिए और बिचौलियों द्वारा औने-पौने दाम में वनवासी ग्रामीण संग्राहकों से सीताफल खरीदकर अधिक दाम में बेचा जाता था। इसे देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा संग्राहकों को आर्थिक लाभ के साथ आत्मनिर्भर बनने की राह बताई गई। स्वसहायता समूह के माध्यम से सीताफल को बाजार तक पहुचाने के उपाय बताए गए। इसके लिए महिलाओं को प्रशिक्षण और साधन उपलब्ध कराकर स्थानीय लोगों को वास्तविक फायदा पहुंचाने की पहल की गई।


अब स्थानीय संग्राहक गांव में ही सीधे स्वसहायता समूह की महिलाओं को सीताफल विक्रय कर उचित दाम प्राप्त करते है। समूह से जुड़ी महिलाएं रायपुर, धमतरी सहित दुर्ग भिलाई के मरीन ड्राइव, मंडी एवं अन्य शहरों में सीताफल बेचकर लाभ कमा रही है। शासन की पहल पर वन विभाग द्वारा स्वसहायता समूह की महिलाओं को पैकेजिंग और वाहन की सुविधा प्रदान की गई है। एक अलग मिठास लिए इस सीताफल का स्वाद अन्य राज्यों के लोगों तक भी पहुंच चुकी है। यही वजह है कि कुछ बड़े व्यवसायी इसे कोलकाता तक विक्रय के लिए ले जाना चाहते है। इस संबंध में शासन की ओर से कलकत्ता और वारंगल में सीताफल विक्रेताओं की बात हो रही है, वहां लगभग 5 से 10 टन सीताफल की मांग की गई है।


राज्य सरकार द्वारा स्वसहायता समूह की महिलाओं को सीताफल के पैकेजिंग, विपणन और सीताफल पल्पिंग के प्रशिक्षण के लिए कार्यशालाओं का आयोजन भी किया गया। सीताफल संग्रहण के लिए 28 सीताफल कलेक्शन सेंटरो में विशेष ट्रैनिंग दिया गया है। वर्तमान में काँकेर, चारामा और नरहरपुर विकासखंड के 77 ग्रामों में कलेक्शन पॉइन्ट बनाकर महिला समूहों के माध्यम से सीताफल संग्रह का कार्य शुरू कर दिया गया है तथा सड़क के किनारे बैठने वाले सीताफल विक्रेताओं को भी स्वसहायता समूह के माध्यम से सीताफल बेचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सीताफल का दुगुना व्यवसाय महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से किया जाएगा।


काँकेर वेली फ्रेश सीताफल के ब्रांड नाम से सीताफल की ग्रेडिंग कर मार्केटिंग के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जा रहा है। काँकेर वेली फ्रेश का सीताफल 20 किलोग्राम के कैरेट और एक किलोग्राम के बॉक्स में बिक्री के लिए उपलब्ध है। प्रशासन द्वारा सीताफल की खरीदी महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से हो सके इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई हैं। संग्राहकों के साथ ग्रेडिंग करने वाली महिलाओं को लाभ पहुंचाने और सीताफल आसानी से सभी लोगों तक पहुंच सके इस दिशा में भी कदम उठाया गया हैं। यहाँ संग्रहण एवम ग्रेडिंग से जुड़े लोगों के अलावा कांकेर के लोगों को भी खुशी है कि प्रशासन के इस पहल से स्थानीय लोगों को लाभ मिलने के साथ उनके जिले के सीताफल की पहचान लगातार बढ़ती जा रही है।


मतदाता सूची में नाम अंकित कराएं

इलाहाबाद-झाँसी खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में अपना नाम रजिस्ट्रीकृत किये जाने के लिए प्रत्येक हकदार व्यक्ति फार्म-18 भरकर 06 नवम्बर तक अपना नाम सम्मिलित करायें


 प्रयागराज। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिये इलाहाबाद-झाँसी खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावलियों को तैयार करने हेतु 01 नवम्बर, 2019 की अर्हता दिनांक के आधार पर् नामावली तैयार कराये जाने के निर्देश दिये गये है। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम-1960 के नियम-31 (3) के अधीन दिनांक 01 अक्टूबर, 2019 को लोक सूचना जारी करने करने के बाद दिनांक 15 अक्टूबर, 2019 को नियम-31 (4) के अधीन समाचार पत्रों में सूचना का पहला पुनः प्रकाशन, नियम-31 (4) के अधीन समाचार पत्रों में सूचना का दूसरा पुनः प्रकाशन 25 अक्टूबर, 2019 को, फाॅर्म-18 में नामों को सम्मिलित करने का अंतिम दिनांक 06 नवम्बर, 2019 निर्धारित की गयी है। हस्तलिखित प्रतियों की तैयारी एवं मतदाता सूचियों का मुद्रण 19 नवमबर, 2019 कराया जाना निर्धारित है। निर्वाचक नामावलियों का आलेख्य प्रकाशन 23 नवम्बर, 2019 को, दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अवधि 23 नवम्बर, 2019 से 09 दिसम्बर 2019 निर्धारित की गयी है। दावे और आपत्तियों का निस्तारण और पूरक सूचियों की तैयारी एवं निर्वाचक नामवलियों की छपाई दिनांक 26 दिसम्बर, 2019 निर्धारित की गयी है। निर्वाचक नामावली के अंतिम प्रकाशन का दिनांक 30 दिसम्बर, 2019 कराया जायेगा।
निर्वाचक नामावली में रजिस्ट्रीकृत किये जाने के हकदार प्रत्येक व्यक्ति से यह अपेक्षा की जाती है कि अपना नाम सम्मिलित किये जाने के लिये निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम-1960 के अन्तर्गत फाॅर्म-18 में अपना आवेदन पत्र 06 नवम्बर, 2019 (बुधवार) तक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के कार्यालय (आयुक्त कार्यालय, झाँसी) एवं संबंधित जिला निर्वाचन कार्यालयों/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/अतिरिक्त सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र)/पदाभिहित केन्द्रों में भेज दें या परिदत्त कर दें। अर्हक तारीख के संदर्भ में निर्वाचक नामावलियां निर्धारित तरीके से नयी बनायी जायेंगी।
आवेदन पत्र फाॅर्म-18 संबंधित जिला निर्वाचन कार्यालयों एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/पदाभिहित अधिकारियों के कार्यालयों से प्राप्त किये जा सकते हैं। पाण्डुलिपि, टंकित, साईक्लोस्टाइल किये गये अथवा व्यक्तिगत रूप से मुद्रित/डाउनलोड किये गये फाॅर्म भी स्वीकार किये जायेंगे।
पात्र व्यक्तियों को सहायक दस्तावेज, जो आयोग की वेबसाइट  http://eci.nic.in/ecimain/ form/ form18E.pdf पर उपलब्ध है, के साथ निर्धारित फाॅर्म (फाॅर्म-18 स्नातकों के लिये) में अपने नामों के नामांकन के लिये आवेदन करना चाहिये। आवेदन पत्र सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/पदाभिहित अधिकारी, जिनकी विशिष्टियां प्रथम अनुसूची में दर्शायी गयी हैं, को भेजे जा सकते हैं।
ऐसा प्रत्येक व्यक्ति जो भारत का नागरिक है, उस निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य रूप से निवासी है तथा 01 नवम्बर 2019 से कम से कम तीन वर्ष पहले या तो भारत के राज्य क्षेत्र में किसी विश्वविद्यालय का स्नातक है अथवा समतुल्य अर्हता रखता है तो वह निर्वाचक नामावली में शामिल होने का पात्र है। तीन वर्ष की अवधि का परिकलन उस तारीख से किया जायेगा जब से विश्वविद्यालय या अन्य संबंधित प्राधिकरण द्वारा अर्हक डिग्री परीक्षा का परिणाम घोषित और प्रकाशित किया गया हो।
निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा थोक में प्राप्त आवेदनों, चाहे डाक द्वारा भेजा गया हो अथवा स्वयं जमा किया गया हो, पर नाम सम्मिलित करने के लिये विचार नहीं किया जायेगा। फिर भी, संस्थानों के प्रमुख अपने अधीन कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों के आवेदन पत्रों को अग्रसारित कर सकते हैं। परिवार का एक सदस्य उस परिवार के अन्य सदस्यों के फाॅर्म-18 को जमा कर सकते हैं तथा प्रत्येक सदस्य के संदर्भ में मूल प्रमाण-पत्रों को प्रस्तुत करके प्रमाण-पत्र सत्यापित करा सकते हैं।
यह भी ध्यान मे रखा जाये कि यदि कोई व्यक्ति अपने आवेदन में ऐसी कोई सूचना या घोषणा प्रस्तुत करता है जो गलत हो तथा जिसे वह या तो गलत समझता है, या गलत मानता हो अथवा जिसे वह सही नहीं समझता हो उस स्थिति में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 के अधीन दण्डनीय होगा। यह जानकारी अपर जिलाधिकारी प्रशासन/उप जिला निर्वाचन अधिकारी, प्रयागराज ने दी है।
रिपोर्ट-बृजेश केसरवानी


क्षय रोगियों की पहचान के लिए सक्रिय

204 टीम घर घर जाकर सक्रिय कर रही सक्रीय क्षय रोगियों की पहचान 
अब तक 41 चिन्हित हुए सक्रिय क्षय रोगी   


प्रयागराज। सक्रिय क्षय रोगियों की पहचान के लिए चलाये गये सक्रिय टीबी खोज अभियान की शुरुवात की गयी |
इस अभियान के अंतर्गत गठित 201 टीमों ने घर–घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति की जाचं कर रही हैं , अगर टीम द्वारा किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण प्रतीत हुए तो उनका बलगम लेकर जाचं के लिये भेजा गया। अभियान के अंतर्गत पूरे जनपद की जनसंख्या के 10% जनसंख्या का लक्ष्य निर्धारित किया गया जिसमे  6 लाख 64 हज़ार 405 लोगो को कवर करने का लक्ष्य रखा गया।
पब्लिक प्राइवेट मिक्स कोऑर्डिनेटर आशीष सिंह ने बताया की इस अभियान को सफल बनाने के लिए जनपद में कुल 204 टीमों का गठन किया गया था, जो घर घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति की जाचं कर रही हैं  एक टीम एक दिन में पचास घरो का भ्रमण करेगी साथ ही इन टीमों की निगरानी करने के लिए 45 सुपरवाइजरो को लगाया गया हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया की ऐसे क्षेत्र जहाँ पहले से ही टीबी के मरीज चिनिह्त थे, उन क्षेत्रो में जाकर समूह बैठक करके लोगो को जागरूक किया गया | उन्होंने बताया की जिस व्यक्ति में टीबी की पुष्टि होती है, उस मरीज को तुरंत दवा उपलब्ध कराई जाती है। इस अभियान के तहत कुल 31 टीयू (ट्रीटमेंट यूनिट) में सक्रिय टीबी खोज का कार्यक्रम चलाया गया था | उन्होंने बताया कि अब तक 175582 लोगो की स्क्रीनिग की गई जिसमे से 41 सक्रीय मरीज पायें गए सबसे ज्यादा  11 सक्रिय मरीज शंकरगढ़ में पाए गए हैं |
डॉ. ए. के जिला क्षय रोग अधिकारी प्रयागराज ने बताया की सक्रिय टीबी खोज कार्यक्रम को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बहुत मेहनत कार्य को करते हुए लोगो को टीबी के प्रति जागरूक किया जा रहा हैं निगरानी टीम द्वारा समय समय पर निरक्षण तथा सहयोग भी डोर टू डोर की टीम को दिया जा रहा हैं |  पिछले चरण में समुदाय के लोगो ने बहुत अच्छा सहयोग किया और विभागीय स्टाफ ने कड़ी मेहनत से कार्य को करते हुए लोगो को टीबी के प्रति जागरूक किया।
रिपोर्ट-बृजेश केसरवानी


मुंह पोतना,मल-मूत्र खिलाना,आरोप दर्ज

भिलाईनगर। शहर के एक उद्योगपति ने दूसरे उद्योग पति के साथ  मारपीट कर  मुंह पर कालिख पोतने और उसे जबरदस्ती मल खिलाने व चेहरे पर पेशाब  करने के मामले मे काफी मशक्कत के बाद खुर्शीपार पुलिस ने उद्योग पति व भिलाई अग्रवाल समाज के अध्यक्ष नेहरू नगर पूर्व निवासी बंशी अग्रवाल, होटल संचालक उद्योग पति आशीष गुप्ता सहित 5_6 लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 323,341,342,355,506,व34 के तहत अपराध दर्ज कर मामले की विवेचना कर रही है ।घटना की लिखित शिकायत पीड़ित ने की है मामला दो औधोगिक घरों का पारिवारिक मामला है।आरोपी की एमबीबीएस कर रही पुत्री ने पीड़ित के पायलट पुत्र के साथ ग्वालियर मध्यप्रदेश मे विगत दिनो शादी कर ली थी।


डीआरडीओ के प्रौद्योगिकी से जुड़े 30 समझौते


डीआरडीओ ने प्रौद्योगिकी हस्‍तातंरण से जुड़े 30 समझौते किये
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तीन स्‍टार्टअप्‍स सहित 16 भारतीय कंपनियों के साथ प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण के 30 समझौतों पर हस्‍ताक्षर किये हैं। यह करार गोवा में चल रहे वाइब्रेंट गोवा ग्‍लोबल एक्‍सपो एंड समिट 2019 के मौके पर किये गये। यह एक्‍स्‍पो 17 से 19 अक्‍टूबर, 2019 तक गोवा विश्‍वविद्यालय में आयोजित किया गया है।
डीआरडीओ देश के सशस्‍त्र बलों के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के साथ ही सैन्‍य बलों के अंतिम उपयोग के लिए रक्षा उद्योग को प्रौद्योगिकी का हस्‍तांतरण भी करता है।


भारतीय सशस्‍त्र बल तैयार खाना और आपा‍त स्थितियों के लिए राशन आदि जैसी चीजें डीआरडीओ से प्रौद्योगिकी हासिल करने वाली कंपनियों से खरीदते हैं। ये चीजें उन सैनिकों के लिए खास काम में आती है, जिनकी तैनाती विपरीत मौसम और दुर्गम स्‍थानों में होती है। ऐसे खाद्य उत्‍पाद पौष्टिक होने के साथ ही काफी दिनों तक खराब भी नहीं होते।


वाइब्रेंट गोवा समिट ने ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करने वाले डीआरडीओ के वैज्ञानिकों के साथ दूसरी कंपनियों को जुड़ने का अवसर दिया है। समिट का उद्घाटन कल गोवा के मुख्‍यमंत्री श्री प्रमोद सावंत ने किया। इस अवसर पर राज्‍य सरकार और डीआरडीओ के कई वरिष्‍ठ अधिकारी भी मौजूद थे।


कबड्डी में हाथ आजमाते कलेक्टर-एसपी

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में पदस्थ कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने एसपी डॉ अभिषेक पल्लव को पटखनी दी तो मौके पर मौजूद लोग दंग रह गए। मौका था जिले के नक्सल प्रभावित गांव चिकपाल में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता का


दक्षिण बस्तर के धुर नक्सल प्रभावित इस गांव में गुरूवार को पुलिस विभाग द्वारा कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसमें शिरकत करने कलेक्टर, एसपी से लेकर तमाम अफसर पहुंचे थे। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा और एसपी अभिषेक पल्लव ने यहां कबड्‌डी प्रतियोगिता का उद्घाटन किया।


 कबड्‌डी के मैदान में हाथ आजमाते कलेक्टर व एसपी


 कबड्‌डी स्पर्धा के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित लोगों के अनुरोध पर कलेक्टर और एसपी भी मैदान में दो-दो हाथ करने उतर गए। अफसरों को 'कबड्‌डी-कबड्‌डी' बोलते देख लोग भी खुश हो रहे थे। इसी बीच कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने एसपी डॉ अभिषेक पल्लव को ऐसी पटखनी दी कि सभी देखते रह गए


बता दें कि कटेकल्याण ब्लाक के चिकपाल गांव में पहली बार जिले के कलेक्टर पहुंचे थे। बुधवार कोे यहां सीएएफ कैम्प का उद्घाटन भी किया गया। वहीं कलेक्टर और एसपी समेत अन्य अफसरों ने आश्रम के बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर भोजन भी किया। इस दौरान सीआरपीएफ के डीआईजी डीएन लाल, जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक समेत अन्य अफसर मौजूद रहे।


भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट जारी

नई दिल्ली। दीपावली पर आतंकी हमले की आशंका और गोरखपुर के पास 5 संदिग्ध देखे जाने की सूचना के बाद भारत-नेपाल बॉर्डर और उससे सटे यूपी के 7 जिलों में पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट कर दिया गया है। 16 सितंबर को इन पांचों को नकहा जंगल रेलवे स्टेशन के पास देखा गया था। इसे लेकर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने पहले 5 और फिर 14 अक्टूबर को नेपाल से सटे यूपी, बिहार के जिलों के लिए अलर्ट जारी किया था।


जानकारी के मुताबिक, आरपीएफ को सूचना मिली थी कि 16 सितंबर को नकहा रेलवे स्टेशन के पास अंकित सर्विस सेंटर पर 5 संदिग्ध लोग एकत्र हुए हैं। सूचना के मुताबिक, इन पांचों की उम्र 35 से 45 वर्ष के बीच थी। उनमें से 4 ने कुर्ता-पायजामा और एक ने जींस व कुर्ता पहना हुआ था। 3 ने दाढ़ी रखी हुई थी और 2 क्लीन शेव थे। एक व्यक्ति के दाहिने गाल पर कटे का निशान था।
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि बिहार के समस्तीपुर के आरपीएफ के डिविजनल सिक्यॉरिटी कमिश्नर द्वारा इस संबंध में अलर्ट जारी किया गया था। एटीएस और एसटीएफ से अलर्ट में दी गई जानकारियां सत्यापित करने को कहा गया है। नेपाल सीमा से सटे जिलों में खास सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।


'धमाकेदार होगी दिवाली'
आरपीएफ सूत्रों के मुताबिक, ये लोग आपस में बात कर रहे थे कि इस बार दिवाली काफी धमाकेदार होगी। पूरा हिंदुस्तान देखेगा और याद रखेगा। ये लोग नेपाल जाने और फिर 17 अक्टूबर को दिल्ली में मीटिंग करने की भी बात कर रहे थे। बातचीत के मुताबिक, दिल्ली की मीटिंग में कुछ लोगों को कश्मीर से भी आना था। ये लोग सफेद रंग की कार से यहां आए थे।


अनियंत्रित बस पलटी, 22 बच्चे घायल

होशंगाबाद। मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में एक स्कूल बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। छात्रों से भरी यह स्कूल बस अनियंत्रित होकर पलट गई। यह घटना शुक्रवार सुबह बाबई के सांगाखेड़ा तिराहे के पास हुई। बताया जा रहा है कि होशंगाबाद कैंपियन स्कूल की यह बस बच्चों को लाने गई थी। इस बस में तकरीबन 35 बच्चे सवार थे।
बस में सवार 22 स्कूली बच्चों को इस दुर्घटना में चोट लगी है। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बस पहले पेड़ से टकराई फिर अनियंत्रित होकर पलट गई। प्रथम दृष्टया यह बताया जा रहा है कि कैंपियन स्कूल की बस में सुरक्षा साधनों का अभाव था। तेज गति के कारण बस अनियंत्रित होकर पलट गई।
 


सैनिक पर छोड़ा हाथ, दरोगा की मरम्मत

मऊ। पुलिस का गैर व्यवहारिक रवैया उस पर ही कभी कभी भारी पड़ जाता है। कुछ ऐसा ही एक मामला गुरुवार को मऊ जिले में सामने आया जब दारोगा ने सेना के सिपाही पर हाथ छोड़ा तो आर्मी मैन ने चौकी  में ही चैकी प्रभारी की जमकर पिटाई कर दी। पूरा मामला सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो महकमे में हड़कंप मच गया। पूरे मामले में चौकी  में दारोगा दल प्रताप सिंह की पिटाई होते देखकर मौके पर लोगों ने हस्तक्षेप कर दारोगा को और पिटने से बचाया।


दरअसल किसी वाहन को पुलिस द्वारा उठाने के मामले में आर्मी मैन पुलिस चौकी  में शिकायत करने गया था तो चैकी प्रभारी दल प्रताप सिंह ने अभद्रता करते हुए लड़ाई झगड़ा शुरू कर दिया और विवाद शुरू होने के बाद पहला थप्पड़ आर्मी मैन को जड़ दिया। इसके बाद आर्मी मैन का भी गुस्सा पुलिस पर फूट पड़ा और थप्पड़ के बदले दारोगा को चौकी  में ही जमकर पीट दिया। पिटाई में आर्मीमैन के भारी पड़ने के बाद दारोगा पीछे हटते गए और भारी साबित हो रहे आर्मी मैन ने जमकर चौकी  प्रभारी की पिटाई कर दी। वहीं मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद महकमे में चौकी  इंचार्ज के पहले थप्पड़ की गूंज और पुलिस कर्मी की पिटाई चर्चा का केंद्र बनी हुई है। मामले की पंचायत इसके बाद कोतवाली में शुरू हुई तो देर शाम तक आपसी विवाद का नतीजा नहीं निकल सका।
पूरा मामला मऊ में नगर कोतवाली के सारहू चौकी  का है जहां पर किसी वाहन को उठा ले जाने की बात पर विवाद बढ़ गया और चौकी  इंचार्ज ने आर्मी मैन से अभद्रता करते हुए हाथ छोड़ दिया। वहीं दारोगा के हाथ छोड़ने के बाद मिलिट्रीमैन ने भी ताबड़तोड तरीके से दारोगा पर घूंसों और थप्प्ड़ों की बौछार कर दी। इस अप्रत्याशित पलटवार की उम्मीद दारोगा को भी नहीं रही होगी। देखते ही देखते आर्मी मैन ने दारोगा को पीटकर बेदम कर दिया। इस दौरान एक मोबाइल कैमरे में पूरी वारदात कैद हो गई। जिसमें साफ दिख रहा है कि पहला वार दारोगा ने आर्मी मैन पर किया इसके बाद सामने से दारोगा पर पलटवार किया गया।


सर सैयद डे:कश्मीरी छात्रों ने किया बहिष्कार

अलीगढ। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हर साल की तरह इस बार भी सर सैयद डे का आयोजन किया जा रहा है, जिसका विश्वविद्यालय के कश्मीरी छात्रों ने बहिष्कार किया है। आयोजन का विरोध करते हुए अमुवि छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष व कश्मीरी छात्र सज्जान सुभान राथर बाबे सैयद गेट पर भूख हड़ताल पर बैठ गए। उनका कहना है कि पिछले चार महिनों से कश्मीर की हालत बेहद खराब है, इसलिए वो विश्वविद्यालय के इस आयोजन का बहिष्कार कर रहे हैं और उसके खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं ।


दरअसल विश्वविद्यालय में आज एएमयू के संस्थापक सैयद अहमद खान की याद में सर सैयद डे मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में तमाम छात्र-प्रोफेसर इत्यादि शामिल होते हैं। लेकिन कुछ कश्मीरी छात्रों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करते हुए विश्वविद्यालय के बॉबे सैयद गेट पर जाकर धरने पर बैठ गए। छात्रों ने गेट को भी बंद कर दिया।


इसके बाद हरकत में आए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने जबरदस्ती उन कश्मीरी छात्रों को वहां से हटाकर गाड़ी में बिठाकर कहीं और भेज दिया। हिरासत में लिए गए छात्रों में पूर्व छात्रसंघ नेता सज्जाद शुभान राथर भी हैं। उन्हें प्रॉक्टर कार्यालय में रखा गया है। कश्मीरी छात्र लगातार कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।


चंदौली अब से पंडित दीनदयाल नगर

लखनऊ। योगी सरकार एक और जिले का नाम बदलने जा रही है। जल्द ही जिले का नाम चंदौली की जगह पंडित दीनदयाल नगर होगा। नाम बदलने के लिए शासन से रिपोर्ट मांगी गई, जिसे जिला प्रशासन ने भेज दिया है। शासन की अंतिम मुहर लगने की औपचारिकता भर रह गई है। उम्मीद की जा रही है कि राजकीय मेडिकल कालेज के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ इसकी घोषणा कर सकते हैं।कुछ दिनों पहले शासन स्तर से जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई थी कि जिले का नाम दीनदयाल नगर में परिवर्तित करने में कोई दिक्कत तो नहीं है। जिला प्रशासन ने भी रिपोर्ट भेजकर स्थानीय स्तर से मुहर लगा दी है। साथ ही अपनी ओर से किसी प्रकार की दिक्कत या परेशानी का उल्लेख नहीं किया है।


चंदौली के डीएम नवनीत सिंह चहल ने बताया कि जिले का नाम परिवर्तित करने के लिए शासन की ओर से भेजे गए पत्र के क्रम में स्थानीय स्तर से रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई है। नाम परिवर्तन करने की घोषणा शासन स्तर से होनी है। वहां से जो भी निर्देश होगा उसका पालन कराया जाएगा।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...