सोमवार, 2 सितंबर 2019

मोदी चाय की दुकान बनेगी टूरिस्ट हब

अहमदाबाद। गुजरात के वडनगर में चाय की जिस दुकान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बचपन में चाय बेचते थे, उसे पर्यटन स्थल के तौर विकसित करने का काम शुरू हो गया है। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृत मंत्री प्रह्लाद पटेल ने इसके मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए दुकान को शीशे से कवर करने के निर्देश दिए हैं। 


बता दें कि इस दुकान को पर्यटन केंद्र बनाने का फैसला 2017 में ही ले लिया गया था। वडनगर रेलवे स्टेशन के एक प्लैटफॉर्म पर चाय की यह दुकान है। गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित मोदी के जन्मस्थान वडनगर को दुनिया के नक्शे पर लाने की व्यापक परियोजना के तहत चाय की इस दुकान को पर्यटन केंद्र में तब्दील करने की योजना है। 


रैलियों में पीएम मोदी ने किया था जिक्र


इससे पहले 2017 में संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने रविवार को शहर का दौरा किया था। 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले पीएम मोदी रैलियों में अपने बचपन के दिनों में वडनगर रेलवे स्टेशन पर अपने पिता के साथ चाय बेचने का जिक्र किया था।अहमदाबाद मंडल के मंडलीय रेल प्रबंधक (डीआरएम) दिनेश कुमार ने भी पहले कहा था कि वडनगर और मेहसाणा जिले में उससे लगे इलाकों के विकास की पूरी परियोजना 100 करोड़ रुपये से अधिक की होगी।


ऐश्वर्या की खूबसूरती अब भी बरकरार

मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन भले ही 45 साल की हो चुकी हैं लेकिन उनकी खूबसूरती आज भी पहले की तरह ही बरकरार है। जब भी उनकी कोई नई तस्वीर सामने आती है सोशल मीडिया पर खूब वायरल होती है और उसे फैन्स का खूब प्यार मिलता है। अब हाल ही में ऐश्वर्या राय बच्चन ने एक मैगजीन के लिए फोटोशूट कराया है इसमें वो बहुत ही ब्यूटीफुल लुक में नजर आ रही हैं। 
दरअसल ऐश्वर्या राय ने मशहूर सेलिब्रिटी डिजाइनर डूओ फाल्गुनी एंड शेन पीकॉक की मैगजीन द पीकॉक के लिए फोटोशूट कराया है। हाल ही में इस शूट की कुछ नई फोटोज सामने आई हैं जिसमें ऐश्वर्या लाइट पिंक कलर के लहंगे में बहुत ही रॉयल दिख रही हैं। उन्होंने हैवी पिंक लहंगे के साथ मैंचिंग ब्लाउज और शीर दुपट्टा लिया हुआ है। इसे ऐश्वर्या ने न्यूड मेकअप और सटल लिपस्टिक से पूरा किया है। इस दौरान उन्होंने अपने बालों को स्ट्रेट करके स्लीक लुक में खुला रखा है।


हिरासत बढ़ी,जेल नहीं जाएंगे चिदंबरम

नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तिहाड़ जेल न भेजे जाने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट कोर्ट ने चिदंबरम को अतंरिम जमानत के लिए संबंधित कोर्ट जाने कहा है। साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि अगर ट्रायल कोर्ट उनकी जमानत याचिका खारिज करता है तो चिदंबमर की सीबीआई कस्टडी गुरुवार तक बढ़ा दी जाएगी।


चिदंबरम के पक्ष को रखते हुए उनके वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनकी उम्र 74 वर्ष है। उनके मुव्वकिल को घर में नजरबंद किया जा सकता है। यह बेहतर होगा कि किसी के खिलाफ पूर्वाग्रह से कार्रवाई न की जाए। बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर आरोप है कि वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने रिश्वत लेकर आईएनएक्स मीडिया को 2007 में 305 करोड़ रुपये लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी। सीबीआई का कहना है कि पी चिदंबरम जांच प्रक्रिया में सहयोग नहीं कर रहे हैं। सीबीआई के सवालों को वो सवालों के जरिए जवाब देते हैं। जांच एजेंसी के पास उनके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और ऐसा लगता है कि जानबूछ कर वो सवालों का जवाब देने से कतरा रहे हैं। सीबीआई का कहना है कि उनके पास तमाम ऐसी जानकारियां जिससे पता चलता है कि चिदंबरम ने अपनी ताकत का इस्तेमाल किया था।


लैंडर्स को छोड़नी पड़ेगी बड़ी रकम

देविना सेनगुप्ता


मुंबई। रिलायंस कॉम्युनिकेशंस और इसकी दो यूनिट के स्पेक्ट्रम और टावर्स सहित ऐसेट्स से 9,000-10,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इससे कंपनी के फाइनैंशल लेंडर्स (बैंकों) को अपनी बकाया रकम का बड़ा हिस्सा छोड़ना पड़ सकता है। बैंकों ने 49,000 करोड़ रुपये का कुल क्लेम किया है। 


इस डिवेलपमेंट की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, 'शुरुआती वैल्यूएशन से पता चलता है कि अगर इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग अगले कुछ महीनों में पूरी हो जाती है तो ऐसेट्स से 9,000-10,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। टेलिकॉम कंपनी के ऐसेट्स, विशेषतौर पर स्पेक्ट्रम की वैल्यू समय के साथ घट जाती है। बिक्री की सफलता के लिए सभी अप्रूवल होने चाहिए।' 


आरकॉम और इसकी दो यूनिट्स के ऐसेट्स में देश के 22 में से 14 टेलिकॉम सर्कल में 850 MHz बैंड में स्पेक्ट्रम, लगभग 43,000 टेलिकॉम टावर शामिल हैं। इनमें रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, ATC टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर, एसेट केयर ऐंड रिकंस्ट्रक्शन एंटरप्राइज जैसी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। 


53 फाइनैंशल लेंडर्स ने लगभग 57,382 करोड़ रुपये का क्लेम किया था। इसमें से आरकॉम की रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल डेलॉयट ने 49,000 करोड़ रुपये से कुछ अधिक की पुष्टि की है। आरकॉम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के करीब 4,800 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा के लगभग 2,500 करोड़ रुपये, सिंडिकेट बैंक के 1,225 करोड़ रुपये, पंजाब नैशनल बैंक के लगभग 1,127 करोड़ रुपये बकाया हैं। कंपनी के विदेशी लेंडर्स में चाइना डिवेलपमेंट बैंक की सबसे अधिक 9,900 करोड़ रुपये की रकम फंसी है। 


एक अन्य सूत्र ने कहा कि रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल अक्टूबर के मध्य तक इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग समाप्त करने की कोशिश में हैं। इस बारे में ईटी की ओर से भेजे गए प्रश्नों का डेलॉयट ने उत्तर नहीं दिया। सूत्रों ने बताया कि दिलचस्पी दिखाने वाली कंपनियों ने ऐसेट्स का ड्यू डिलिजेंस शुरू कर दिया है। हालांकि, आरकॉम के सबसे कीमती एसेट स्पेक्ट्रम के कारण मुश्किलें हो सकती हैं। आरकॉम और टेलिकॉम डिपार्टमेंट के बीच स्पेक्ट्रम के मालिकाना हक को लेकर नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल में मामला चल रहा है। 


सरकार चाहती है कि आरकॉम स्पेक्ट्रम वापस करेगी। सरकार का कहना है कि स्पेक्ट्रम एक राष्ट्रीय संपत्ति है और कंपनी के बकाया रकम न चुकाने के कारण वह इसे रखने की हकदार नहीं है। हालांकि, आरकॉम की दलील है कि स्पेक्ट्रम नीलामी में खरीदा गया है और अभी इसी वैधता की अवधि जारी है और इस वजह से उसके पास ऐसे बेचकर फाइनैंशल लेंडर्स की रकम चुकाने का अधिकार है। आरकॉम का स्पेक्ट्रम जुलाई 2021 तक वैध है। इसकी बिक्री में और देरी से वैल्यू घट जाएगी। 


इससे पहले आरकॉम ने रिलायंस जियो को अपने वायरलेस ऐसेट्स बेचने की कोशिश की थी, लेकिन टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने इस डील के लिए अनुमति नहीं दी थी। बैंकों के अलावा टावर कंपनियों, इक्विपमेंट वेंडर्स जैसे ऑपरेशनल क्रेडिटर्स की भी आरकॉम पर रकम बकाया है।


स्वर्ण पदक विजेता ने अपना रिकॉर्ड तोड़ा

बर्लिन। पिछले साल जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के जिनसन जॉनसन ने रविवार रात बर्लिन में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। उन्होंने आईएसटीएएफ बर्लिन प्रतियोगिता में 1500 मीटर में रजत पदक जीता। अमेरिका के जोशुआ थॉम्पसन स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। जॉनसन ने रजत पदक जीतने के साथ ही 1500 मीटर में अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़ा।
जॉनसन ने इस प्रदर्शन के साथ ही दोहा में 28 सितंबर से 6 अक्टूबर तक होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए भी क्वालिफाई कर लिया। विश्व चैंपियनशिप का क्वालिफाइंग समय 3 मिनट 36.00 सेकंड था।
ओलंपिक स्टेडियम में हुई इस प्रतियोगिता में जॉनसन ने 3 मिनट 35.24 सेकंड के साथ 1500 मीटर की रेस पूरी की। यह उनका सर्वश्रेष्ठ समय भी है। इससे पहले इस साल जून में उन्होंने नीदरलैंड के निमेगेन में 3 मिनट 37.62 सेकंड के साथ यह रेस पूरी की थी। 800 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी जॉनसन (एक मिटन 45.65 सेकंड) के नाम है।
पदक जीतने के बाद जॉनसन ने कहा, 'मुझे नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने की उम्मीद थी, लेकिन मैंने रजत पदक जीतने की उम्मीद नहीं की थी। मैं आगे की ट्रेनिंग के लिए अब अमेरिका के कोलोराडो जाऊंगा। इसके बाद दोहा में विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लूंगा। मैं अपने इस प्रदर्शन से बहुत खुश हूं। हालांकि, मेरा लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक 2020 में अच्छा प्रदर्शन करना है।'


लालू की दोनों किडनी डैमेज, गंभीर

दिल्ली। कभी देश की राजनीति को अपने इशारे से चलाने वाले लालू यादव आज बेहद लाचार हाल में जिंदगी बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।


चारा घोटाले में 14 साल कैद की सजा पाने के बाद रांची स्थित रिम्स अस्पताल में लालू का इलाज किया जा रहा है। डाक्टरों का कहना है कि लालू की तबीयत हर रोज खराब होती जा रही है। उनकी दोनों किडनी संक्रमित हो गई हैं और सिर्फ बेहद मामूली सा हिस्सा काम कर रहा है। उसके साथ ही लालू को ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर के बढ़ने की वजह से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


दंपत्ति ने एक ही रस्सी से लगाई फांसी

कोरिया। जिले के लोटाबहरा गांव में पति-पत्नी की लाश एक ही रस्सी में लटकी मिली। बताया जा रहा है कि मृत दंपती के चार छोटे बच्चे हैं, जो उनकी मौत के बाद बेसहारा हो गए। मामला खड़गवां थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम लोटाबहरा की है। प्रथम दृष्टया आशंका जताई जा रही है कि दिकेश्वर ने अपनी पत्नी धर्मकुंवर ने एक ही रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार पति पत्नी धार्मिक प्रवित्ति के थे। दोनों का पूजा पाठ में समय व्यतीत होता था। पति का लगाव धर्म की ओर ज्यादा था। दोनों के चार बच्चे थे। थाना प्रभारी आनंद सोनी ने बताया कि 'घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा कर लाश को पोस्टमार्डम के लिये भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद खुलासा हो पायेगा।


9 सितंबर को मनेगी शहादत की रात

नई दिल्ली। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार वर्ष 1441 का पहला माह मोहर्रम का पवित्र महीना रविवार से शुरू हो गाया है।इस लिहाज से आगामी 09 सितंबर को देश भर में शहादत की रात मनाई जाएगी। एक सितंबर से इमामबाड़ों, जमातखानों, दरगाहों में जलसे और मजलिसें शुरू की जाएगी, जबकि 10 सितंबर को ताजियों का जुलूस निकाला जाएगा। इनमें इस्लामी परचम, ताजिए, सवारियां, अखाड़े, अलम मुबारक आदि शामिल होंगे।


ममता की छत, मातृ स्नेह

जानवरों की संवेदनशीलता भरी कहानी
बारिश से बचाने के लिए छत बन गई मां

मां तो मां होती है। अपने बच्चों की तकलीफ भला वो कैसे सहन कर सकती है ।यह संवेदना मानव जाति तक ही सीमित नही है। जानवर भी अपने बच्चों की सुरक्षा में अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए तैयार रहते है।


राष्‍ट्रीय बांधवगढ़ पार्क उमरिया में मां की ममता और संवेदना का एक सुखद नजारा देखने मे आया। अचानक तेज बारिश के दौरान एक दिन नेशनल पार्क के ताला गेट के पास स्थित हाथी कैंप में यह सुखद नजारा देखने को मिला जब बारिश बचाने के लिए हाथिनी मां ने अपने एक साल से भी कम उम्र के बच्चे को अपनी आगोश में छिपा लिया। उसने बच्चे को अपने विशाल शरीर के नीचे कुछ इस तरह से छिपाया कि वह उसके सिर पर छत की तरह हो गई। अपने बच्चे के प्रति हाथिनी के इस प्रेम भाव को जिसने भी देखा उसका ह्दय भाव विभोर हो गया।


'कैप्टन गोगो' के सामने नारकोटिक्स फैल

युवा वर्ग की नसों में दौड़ता हारमोंस उसे प्रयोगवादी बना देता है । वह हर क्षेत्र में नए-नए प्रयोग करना क्रांतिकारी समझने लगता है। नशा भी इसी का एक हिस्सा है। अधिकांश युवा प्रयोग के तौर पर नशे को ट्राई करते हैं और देखते ही देखते उसकी गिरफ्त में अपनी जिंदगी तबाह कर लेते हैं । इन दिनों दबे छुपे एक नशा तेजी से युवा वर्ग को अपनी आगोश में ले रहा है और वह है कैप्टन गोगो। वैसे तो कैप्टन गोगो खुद में एक नशा नहीं है लेकिन यह नशे का बड़ा जरिया जरूर बन चुका है।


कैप्टन गोगो का नाम शायद आपने पहली बार सुना होगा लेकिन युवा वर्ग के लिए यह जाना पहचाना नाम है। किसी जमाने में सुट्टा लगाने के लिए चिलम का प्रयोग किया जाता था। समझ लीजिए यह चिलम का नया स्वरूप है। जिस तरह डिस्पोजल ग्लास और प्लेट आ गए हैं उसी तरह का यह भी एक आइटम है, जिस तरह डिस्पोजल सिरिंज का प्रयोग एक बार किया जाता है उसी तरह कागज के इस चिलम का प्रयोग भी एक ही बार करते हैं। आज का युवा कैप्टन गोगा का इस्तेमाल भांग, चरस ,गांजा, अफीम को इसमें भरकर पीने में कर रहे हैं। किशोर वर्ग इस कैप्टन गोगो का सबसे बड़ा खरीदार है।


चोरी-छिपे पान दुकानों में इसे ग्राहकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। कई ब्रांड के बारीक पेपर इसके लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। दरअसल कैप्टन गोगो एक बहुत ही बारीक़ पारदर्शी कागज है, जिसका पैक बाजार में 10 से 15 रुपये में उपलब्ध है । पीले रंग की पैकिंग में बारीक कागजों की संख्या 2 या इससे अधिक होती है। जिसमें मोटे कागज की स्ट्रिप भी होती है। बारीक कागज को रोल करके भांग चरस स्मैक आदि नशीली पदार्थ को सिगरेट जैसा रूप देकर इसे सरेआम पिया जाता है । अगर आप कैप्टन गोगो से परिचित नहीं है तो आपको लगेगा कि सामने वाला सिगरेट पी रहा है, लेकिन उसका नशा सिगरेट से कहीं गुना अधिक खतरनाक होगा। मोटे कागज की स्ट्रिप को रोल बनाकर फिल्टर बनाया जाता है ।


बारीक और मोटे कागज दोनों के सिर पर लगी गोंद ईसे आसानी से चिपका देती है। बेहद आसानी से इन दिनों उपलब्ध कैप्टन गोगो का इस्तेमाल स्थानीय युवा धड़ल्ले से कर रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि कैप्टन गोगो के इस्तेमाल में युवतियां भी पीछे नहीं है। खासकर कॉलेज गोइंग स्टूडेंट इसका धड़ल्ले से प्रयोग कर रही है। हुक्का बार कल्चर को इसकी जननी कह सकते हैं। नशे के नाम पर नई पीढ़ी धीरे-धीरे कैप्टन गोगो की गिरफ्त में फंसती जा रही है। नशेड़ीयों के लिए कैप्टन गोगो का नाम आज जाना पहचाना नाम है ।एक जमाने में जिस तरह लोग हैंड मेड सिगरेट बनाकर पिया करते थे, कुछ उसी तरह का प्रयोग नई पीढ़ी चरस गांजा , स्मैक जैसे नशे के लिए कर रहे हैं ।10 से 15 रु में मिलने वाले कैप्टन गोगो के कागज के चिलम का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है, जो चिंता का विषय है।


खतरनाक नशे के आदी पहले सिगरेट से तंबाकू निकालकर उसकी जगह नशीले पदार्थ मिलाकर पिया करते थे। लेकिन अब कैप्टन गोगो के आ जाने से उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ती। कैप्टन गोगो खाली सिगरेट का विकल्प बन चुका है । छत्तीसगढ़ में भी यह नशा तेजी से पांव पसार रहा है । इस कारोबार में अच्छा-खासा मुनाफा होने की वजह से अधिकांश पान दुकान वाले इसे बेच रहे हैं। महज दो से ढाई रुपए में मिलने वाले कागज को आराम से 10 से 15 रु और कभी-कभी तो इससे भी अधिक में बेचा जाता है । नई शक्ल और आकर्षण की वजह से नई पीढ़ी इसकी लत में फंसती जा रही है । परेशानी की बात तो यह है कि कि यह सिर्फ एक कागज होता है। इसलिए इन पर कोई कानूनी कार्यवाही भी नहीं की जा सकती। असली बुराई तो उन नशीले पदार्थों में है जिन्हें कैप्टन गोगो में भरकर पिया जाता है और इन दिनों बिलासपुर और मुंगेली में भी यह नशीली सामग्रियां आसानी से मिल रही है। क्षेत्र में अधिकांश गांजे की आपूर्ति उड़ीसा से होती है तो वही मुंगेली क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर गांजे की खेती की जाती है और छोटी छोटी पुडियो की शक्ल में इन्हें बेचा जाता है। कारोबार छोटा होने की वजह से पुलिस भी इस पर खास ध्यान नहीं देती और यही कोताही नई पीढ़ी को नशे के गर्त में धकेल रही है। सरेआम कॉलेज परिसर में नशाखोरी हो रही है और बिना किसी शोर-शराबे के इसकी बिक्री जारी है। अधिकांश कॉलेज के शिक्षकों और प्रबंधकों को इसकी जानकारी तक नहीं है। केवल नई पीढ़ी इससे वाकिफ है। इसमें सफेद या भूरे या किसी और रंग का एक महीन कागज होता है । जिसके अंदरूनी सिरे पर गोंद की परत लगी रहती है । इस हिस्से को लेमिनेशन कर देते हैं ,साथ में मोटे कागज का टुकड़ा भी दिया जाता है। पतले कागज को रोल कर नीचे मोटा कागज जोड़ दिया जाता है। इसमें पहले से मौजूद गोंद की वजह से दोनों हिस्से आपस में चिपक जाते हैं। नीचे वाला मोटा कागज फिल्टर और धुआं खींचने की चुल्ली की तरह काम करता है जबकि ऊपर का हिस्सा खाली सिगरेट की तरह। कैप्टन गोगो की बिक्री कॉलेज, कोचिंग सेंटर, डिस्को थिक और थीम पार्टियों वाले क्षेत्रों में की जा रही है। इसका अच्छा खासा बाजार खड़ा हो चुका है। घर वाले भी जब इसे देखते हैं तो आम तौर पर पहचान नहीं पाते। मुश्किल यह है कि अब लड़कियां भी यह नशा करने लगी है । चूँकि नारकोटिक्स विभाग नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्यवाही करता है इसलिए सिर्फ कागज बेचे जाने पर उसके भी हाथ बंध जाते हैं । ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी अहम हो जाती है । उन्हें अपने बच्चों पर खास निगाह रखनी होगी । अगर बच्चा गुमसुम है और अधिक बातें नहीं करता तो फिर माता-पिता को अलर्ट होने की जरूरत है। अगर बच्चे के पास इसी तरह का कागज नजर आए तो भी सावधान होना पड़ेगा। खतरे को दूर भगाने के लिए उसकी आहट ही काफी है। जिसे समझ कर अभिभावकों को संघर्ष करना होगा। वही नई पीढ़ी को भी समझना होगा कि क्षणिक आनंद के लिए किया जा रहा नशा, जीवन में अभिशाप बन सकता है। याद रखिए, कैप्टन गोगो नाम जितना मजेदार है उसके नतीजे उतने ही खतरनाक है।


आज मिलेगी स्विस खाताधारको की सूची

नई दिल्ली। पिछले पाँच सालों में मोदी सरकार ने ब्‍लैकमनी पर नकेल कसने के लिये नोटबंदी और बेनामी प्रॉपर्टी से जुड़े कई अहम फैसले लिये हैं। अब सरकार के दूसरे कार्यकाल में ब्‍लैकमनी को लेकर जो खबर आई है वो थोड़ी राहत देने वाली है। स्विस बैंकों में किन भारतीयों के बैंक खाते हैं इस बात से आज पर्दा उठने वाला है। स्विट्जरलैंड में बैंक खाते रखने वाले भारतीय नागरिकों की जानकारी आज से टैक्स अधिकारियों के पास उपलब्ध हो जायेगी। इस कदम को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा, 'काले धन के खिलाफ सरकार की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है और स्विस बैंकों के गोपनीयता का युग आखिरकार अब खत्म हो जायेगा। ' सीबीडीटी आयकर विभाग के लिये नीति बनाता है वहीं सीबीडीटी ने बताया कि भारत को स्विट्जरलैंड में भारतीय नागरिकों के साल 2018 में बंद किये खातों की जानकारी भी मिलेगी।
सीबीडीटी का कहना है कि सूचना आदान-प्रदान की यह व्यवस्था शुरू होने के ठीक पहले भारत आये स्विट्जरलैंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व सचिव एबी पांडेय, बोर्ड के चेयरमैन पीसी मोदी और बोर्ड के सदस्य (विधायी) अखिलेश रंजन के साथ बैठक की। 29-30 अगस्त के बीच आये इस प्रतिनिधिमंडल की अगुआई स्विट्जरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्त मामलों के राज्य सचिवालय में कर विभाग में उप प्रमुख निकोलस मारियो ने की।


कितना है काला धन?


इस साल लोकसभा में जून महीने में वित्त पर स्टैंडिंग कमिटी की एक रिपोर्ट पेश की गयी थी। इसके मुताबिक साल 1980 से साल 2010 के बीच 30 साल के दौरान भारतीयों के जरिये लगभग 246.48 अरब डॉलर यानी 17,25,300 करोड़ रुपये से लेकर 490 अरब डॉलर यानी 34,30,000 करोड़ रुपये के बीच काला धन देश के बाहर भेजा गया।


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...