सोमवार, 19 अगस्त 2019

यूपी हाईकोर्ट ने आजम खां को दी राहत

अकांशु उपाध्याय


लखनऊ। सपा सांसद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से फौरी राहत मिल गई है। रामपुर में निर्माणाधीन रामपुर पब्लिक स्कूल के अवैध निर्माण को गिराने के मामले में उन्हें राहत दी गई है। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तक स्कूल की बिल्डिंग के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने रामपुर विकास प्राधिकरण को अगले 10 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा है। अदालत ने प्राधिकरण से 10 दिनों में हलफनामा दाखिल करने को भी कहा है। अदालत ने प्राधिकरण के आदेश पर रोक लगाने की आजम खान की अपील को फिलहाल ठुकरा दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी। आजम खान की तरफ से दलील दी गई कि तमाम लोगों के मकान, स्कूल व दुकानें उनसे भी आगे हैं, लेकिन प्राधिकरण सिर्फ उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। अदालत ने इसी बिंदु पर प्राधिकरण से जवाब दाखिल करने कहा है। प्राधिकरण के सचिव सोमवार को खुद भी सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थे। इससे पहले 16 अगस्त 2019 को आजम खान के हमसफर रिजॉर्ट की दीवार तोड़ दी गई थी, क्योंकि सिंचाई विभाग के नाले पर होटल की दीवार बनी हुई थी। इस कार्रवाई के बाद डीएम आंजनेय कुमार सिंह ने कहा है कि दीवार के मलबे में मिली ईंटों की प्रशासन जांच कराएगा। उन्होंने कहा कि सूचना मिली है दीवार के मलबे में पुरानी ईंटे भी मिली हैं। संभावना है कि किसी और बिल्डिंग को तोड़कर उसकी ईंटे लगाई गई हैं। डीएम ने कहा कि मलबे में मिली पुरानी ईंटों की कमेटी द्वारा जांच कराई जाएगी। बता दें कई बार इस संबंध में नोटिस देने के बावजूद भी आजम खान चुप थे। मौके पर भारी सुरक्षाबल की मौजूदगी में दीवार तोडऩे की कार्रवाई की गई। आरोप है कि अपने इस रिजॉर्ट के लिए आजम खान ने सिंचाई विभाग के नाले की 1000 गज जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। सिंचाई विभाग इस मामले में आजम खान को नोटिस भी जारी कर चुका है। रामपुर के जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिह ने बताया था कि हमसफर रिजॉर्ट में 1000 गज जमीन पर कब्जा किया गया है। यह जमीन पसियापुरा शुमाली से बड़कुसिया नाले की है। नाले पर कब्जे से पानी निकासी में दिक्कत हो रही है।


घाटी में खुले स्कूल,आतंकियों को करारा जवाब


कश्मीर घाटी में प्राइमरी स्कूल भी खुले। देशद्रोहियों को करारा जवाब। 

कश्मीर घाटी के अधिकांश क्षेत्रों में प्राइमरी स्कूल भी खुल गए। हजारों बच्चों ने स्कूल पहुंच आपस में खुशियां बांटी। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद यह पहला मौका रहा, जब घाटी में हालात सामान्य दिखे। इससे पहले लैंड लाइन फोन की सेवाएं भी शुरू कर दी गई थी। घाटी में प्रइमारी स्कूल खुलने और बच्चों की उपस्थिति दर्ज होने से देश द्रोहियों को करारा जवाब मिला है। देश में ऐसे कई लोग हैं जो अभी अनुच्छेद 370 को बनाए रखने के पक्ष में हैं। पाकिस्तान भी हाय तौबा मचा रहा है। पाकिस्तान का दर्द तो समझा जा सकता है,लेकिन अपने ही देश के कुछ लोग बेवजह हालात बिगाडऩे पर तुले हैं। जम्मू और लद्दाख में तो जन जीवन पूरी तरह सामान्य हो गया। अनुच्छेद 370 के हटने से जम्मू और लद्दाख में खुशियां मनाई जा रही है, लेकिन कश्मीर घाटी के कुछ जिलों में प्रशासन को अभी अनेक पाबंदियां लगानी पड़ रही है। यही वे इलाके हैं, जहां आतंकवाद चरम पर था। प्रशासन ने ऐसे चरमपंथियों को सख्त हिदायत दी है और अनेक चरमपंथियों को गिरफ्तार भी किया है। चूंकि अब जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश हो गया है, इसलिए सारे कानून केन्द्र सरकार के लागू हो रहे हैं। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे नेता पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। इन नेताओं की वजह से माहौल ज्यादा बिगड़ता था। अब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को भी समर्थन नहीं मिल रहा है। मुस्लिम देशों ने भी साफ कह दिया है कि कश्मीर का मुद्दा भारत का आतंरिक मामला है। असल में पाकिस्तान और उसके समर्थकों को उम्मीद थी कि कश्मीर घाटी में हालात बिगड़ेंगे, लेकिन पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद एक पखवाड़ा गुजर गया, लेकिन सुरक्षा बलों को कहीं भी गोली चलाने की जरूरत नहीं पड़ी। पाकिस्तान और देशद्रोहियों की ओर से सोशल मीडिया पर हिंसा के जो वीडियो पोस्ट किए जा रहे हैं वो पुराने हैं। पांच अगस्त के बाद किसी भी स्थान पर हिंसा नहीं हुई है। 
एस.पी.मित्तल


सरकार ने हाई कोर्ट में अपनी गलती स्वीकारी

मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पर आखिर सरकार ने हाईकोर्ट में गलती स्वीकारी। 
अब स्टूडेंट को भुगतना होगा खामियाजा। काउंसलिंग पर रोक जारी। 
22 अगस्त को होगी सुनवाई
जयपुर । राजस्थान हाईकोर्ट की जयुपर पीठ में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया को लेकर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से गलती को स्वीकार कर लिया गया। यह माना गया कि द्वितीय चरण में जो ऑनलाइन काउंसलिंग की प्रक्रिया अपनाई गई वह दोषपूर्ण थी। इसी वजह से  705 सीट खाली रह गई। सरकार ने सुनवाई कर रहे जस्टिस आलोक शर्मा को बताया कि ताजा हालातों में मार्गदर्शन मांगने और काउंसलिंग की तिथि को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) को पत्र लिखा गया है। एमसीआई की गवर्निंग कमेटी की बैठक 21 अगस्त को होनी है। जस्टिस शर्मा ने सरकार के रूख को देखते हुए मामले की सुनवई के लिए 22 अगस्त की तारीख निर्धारित की और काउंसलिंग के रोक के आदेश को बनाए रखा। राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए जिस प्रक्रिया को निर्धारित किया उसमें ऑल इंडिया रेंक के तहत पहले चरण में कॉलेज ले चुके विद्यार्थियों ने भी आवेदन कर दिए। यही वजह रही कि द्वितीय चरण की ऑन लाइन काउंसलिंग के बाद 705 सीटें खाली रह गई। इन सीटों पर भर्ती के लिए ही 17 और 18 अगस्त को फिर से ऑनलाइन काउंसलिंग की जा रही थी, लेकिन तभी हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। इस मामले में राज्य सरकार की नीयत पर तब अंगुली उठी जब राज्य काउंसलिंग बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि हमने वो ही किया जो सरकार ने कहा। बोर्ड काउंसलिंग के पक्ष में नहीं था। जस्टिस शर्मा की अदालत में 19 अगस्त को कोई ढाई घंटे तक इस मुद्दे पर बहस हुई। इस बीच न्यायालय में वो स्टूडेंट भी पहुंच गए, जिन्हें द्वितीय चरण की काउंसलिंग में जयपुर का एसएमएस और अजमेर का जेएलएन मेडिकल कॉलेज अलोट हो गया था। ऐसे स्टूडेंटों का कहना रहा कि उन्होंने सरकार की निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप आवेदन किया है। कोर्ट से कहा गया कि फैसला देते वक्त उनके हितों का भी ध्यान रखा जाए। वहीं पीडि़त स्टूडेंट के वकीलों का कहना रहा कि सरकार की दोषपूर्ण प्रक्रिया से अधिक अंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट को पेमेंट सीट मिल रही है, जबकि कम अंक वाले स्टूडेंट जयपुर के एसएमएस और अजमेर के जेएलएन जैसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में प्रवेश पा रहे है। सरकार ने भले ही इस मामले में अपनी गलती को स्वीकार कर लिया हो, लेकिन इसका खामियाजा प्रदेश के विद्यार्थियों को उठाना पड़ेगा। यह पहला अवसर है जब काउंसलिंग के बाद मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की 705 सीटें रिक्त रह गई। इससे सरकार की नीयत पर शक हो रहा है। असल में इन दिनों चिकित्सा एवं स्वास्थ महकमें में लगाकार गड़बडिय़ां उजागर हो रही है। सरकार के दखल की वजह से ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ढाई हजार हेल्थ वर्कर के पद पर भर्ती नहीं हो सकी। लगातार गड़बडिय़ां उजागार होने से कांग्रेस सरकार की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। 
एस.पी.मित्तल


बनास नदी के किनारे बसे 54 गांवों में अलर्ट

आखिर खोले जा रहे बीसलपुर बांध के रेडियल गेट।
6 हजार क्यूसेक पानी की निकासी। 
बनास नदी के किनारे बसे 54 गांवों में अलर्ट।

अजमेर । शहरी क्षेत्रों में अभी भी भले ही तीन दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई हो रही हो, लेकिन  बीसलपुर बांध से 6 हजार क्यूसेक पानी निकालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 19 अगस्त को दोपहर तीन बजे बांध का जल स्तर पर 315.50 मीटर मापा गया। चूंकि बांध की भराव क्षमता भी इतनी है, इसलिए तय कार्यक्रम के अनुसार बांध के दो गेट खोले जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले दौर में बांध से 6 हजार क्यूसेक पानी की निकासी होगी, बांध में रेडियल तकनीक के 18 गेट लगे हैं, लेकिन फिलहाल दो गेट ही खोले जा रहे हैं। यदि पानी की आवक बढ़ती है तो दो से अधिक गेट भी खोले जा सकते हैं। बांध के जल स्तर पर निगरानी रखने वाले सहायक अभियन्ता मनीष बंसल ने बताया कि त्रिवेणी पर दो मीटर से भी कम का गेज रह गया है, इसलिए पानी की आवक बहुत कम है। फिलहाल मौसम विभाग ने भी वर्षा की चेतावनी नहीं दी है। बीसलपुर बांध के गेट खुलने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए टोंक के जिला प्रशासन ने बनास नदी के किनारे बसे 54 गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है। असल में बनास नदी को बीसलपुर बांध में रोककर बांध का निर्माण किया गया है। गत तीन वर्षों में यह पहला अवसर है, जब बांध का पानी बीसलपुर गांव से आगे बनास नदी में जाएगा। वर्ष 2016 में बांध के भरने पर गेट खोले गए थे। बनास नदी का मिलन आगे चलकर चम्बल नदी में होता है। चूंकि बांध से तेज रफ़्तार से पानी की निकासी होगी, इसलिए ग्रामीणों को पहले ही अलर्ट कर दिया गया है। 
अजमेर की सप्लाई पर निर्णय नहीं:
एक ओर बीसलपुर बांध से पानी की निकासी हो रही है तो दूसरी ओर अजमेर में पेयजल की सप्लाई  के अंतराल को कम करने का निर्णय अभी तक भी जलदाय विभाग ने नहीं लिया है। बीसलपुर बांध ही अजमेर की पेयजल सप्लाई का एक मात्र स्त्रोत है। बांध में पानी की कमी के चलते हुए अजमेर के शहरी क्षेत्रोंमें तीन दिन में तथा ग्रामीण क्षेत्रों में दस दिन में एक बार पेयजल सप्लाई निर्धारित की गई। लेकिन अब जब बीसलपुर बांध क्षमता के अनुरूप भर गया है, तब भी अजमेर में सप्लाई के अंतराल को कम नहीं किया जा रहा है।  सूत्रों की माने तो इस संबंध में सरकार के स्तर पर कोई निर्णय होना है।  
एस.पी.मित्तल


गांधी परिवार के चहेते रहे हैं गहलोत

राजीव गांधी की पुण्य तिथि पर राजस्थान में दो दिवसीय कार्यक्रम। 
अशोक गहलोत इसलिए हैं गांधी परिवार के चहेते। 
लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संवाद। 
भगवंत यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने भी दिखाई दक्षता।
जयपुर। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर राजस्थान में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयंती को सरकारी स्तर पर मनाने के खास निर्देश दिए हैं। 19 अगस्त को दैनिक समाचार पत्रों में पूरे पृष्ठ के विज्ञापन देकर स्व. राजीव गांधी की उपलब्धियां बताई गई। जयपुर के बिड़ला ऑडीटोरियम में विज्ञापन और तकनीक से जुड़ी प्रदर्शनी भी लगाई गई। प्रदर्शनी में निजी संस्थानों ने भी अपनी स्टॉलें लगाई। प्रदर्शन का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री गहलोत स्वयं एक स्टॉल पर गए और स्टॉल पर लगी तकनीक और वस्तुओं के बारे में समझा। स्टॉल पर खड़े विद्यार्थियों के साथ फोटो भी खिंचवाएं। 20 अगस्त को भी कई सत्र रखे गए हैं, जिनमें विशेषत: देश की कम्प्यूटर तकनीक और उसमें पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के योगदान के बारे में बताएंगे। मुख्यमंत्री का स्वयं का फोकस है कि युवा पीढ़ी को राजीव गांधी की सूचना क्रांति की अधिक से अधिक जानकारी दी जाए। 18 अगस्त को अपने संबोधन में गहलोत ने कहा भी कि जब कम्प्यूटर के बारे में सोचना भी मुश्किल था तब राजीव गांधी भारत में इस तकनीक को लाए। आज हम देख रहे हैं कि यह तकनीक मनुष्य के जीवन में कितनी जरूरी हो गई है। मोबाइल पर घर बैठे सारे कार्य हो रहे हैं। आज देश जिस ऊंचाई पर खड़ा है, उसमें राजीव गांधी का बड़ा योगदान है। अपने संबोधन में गहलोत ने देश के विकास में जवाहरलाल नेहरू से लेकर श्रीमती सोनिया गांधी तक का योगदान बताया। श्रीमती सोनिया गांधी ने यूपीए के चेयरपर्सन रहते हुए किस प्रकार आम लोगों को अधिकार दिलवाए। इस मौके पर गहलोत ने सोनिया गांधी का संदेश भी पढ़ा कर सुनाया। 
इसलिए है गांधी परिवार के चहेते:
अशोक गहलोत गांधी परिवार का सम्मान करने में कभी पीछे नहीं रहते। कई बार केन्द्रीय मंत्री, तीन बार कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, तीन बार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष और अब तीसरी बार मुख्यमंत्री बनवाने का श्रेय अशोक गहलोत हमेशा गांधी परिवार को ही देते हैं। सब जानते हैं कि दिसम्बर 2018 में किन परिस्थितियों में गहलोत को तीसरी बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया गया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के मजबूत दावे के बाद भी गांधी परिवार ने गहलोत पर भरोसा जताया। अब जब गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है तो स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। सूत्रों की माने तो श्रीमती सोनिया गांधी के फिर से कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर अशोक गहलोत की स्थिति मजबूत हुई है। 
लाभार्थियों से संवाद:
गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला स्तर पर सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से भी संवाद किया। लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि ईमित्र प्रक्रिया के तहत उन्हें कितनी जल्दी ऋण की प्राप्ति हुई तथा सरकारी योजनाओं का लाभ मिला। गहलोत ने लाभार्थियों से सवाल जवाब भी किए। गहलोत का कहना रहा कि ईमित्र के संचालक ग्राहकों से अधिक राशि वसूलते हैं, ऐसी शिकायतें प्राप्त हो रही है। जिला कलेक्टरों की यह जिम्मेदारी है कि अधिक राशि वसूलने वाले संचालिकों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करें। 
भगवंत यूनिवर्सिटी ने भी दिखाई दक्षता:
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. राजीव गांधी की जयंती पर जयपुर में लगी इनोवेशन एक्सपो में अजमेर की भगवंत यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के भी दो प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए। दोनों ही प्रोजेक्टों की मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रशंसा की। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर वीके शर्मा ने बताया कि प्रदर्शनी में यूनिवर्सिटी के छात्र यादराम सिंह, अनिल चौरसिया व रोहित पनजी ने थ्रीडी प्रिंटर तथा छात्र अजय गौड, जयंत जांगिड़ व जसवीर सिंह ने जल संरक्षण के प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए। इन प्रोजेक्टों पर विद्यार्थी लगातार मेहनत कर रहे थे। इन्हें यूनिवर्सिटी का पूरा सहयोग दिया गया। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के छात्र हर क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने के बाद युवाओं को बड़ी कंपनियों में मोटे पैकेज की नौकरियां मिल रही हैं। 
एस.पी.मित्तल


लाखों के कर्जदार हुए सरपंच और सचिव

सरकार की महती योजना नरवा,गरुवा,घुरुवा,बारी के तहत गौठान निर्माण के लिए राशि का अभाव,आदर्श गौठानों का बुरा हाल,लाखों का कर्जदार हो चले सरपंच-सचिव


कोरबा। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को गति देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा "नरवा,गरुवा,घुरुवा,बारी" जैसे महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की गई है।मुख्यमंत्री ने इस योजना पर अधिकारियों को गंभीरता से काम करने के लिए निर्देशित किया है।लेकिन जिले में इसका बुरा हाल है।छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने "नरवा,गरुवा,घुरुवा अउ बारी" जैसे महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ कर राज्य के विकास में नई पहल की शुरुआत की है।लेकिन राशि के अभाव के कारण सरपंच-सचिव इस योजना को मूर्त रूप देने में कंगाल हो गए है।और उधार के निर्माण सामाग्री से गौठानों का निर्माण कराने के साथ कर्जदार भी हो चले है।कारण यह है कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन द्वारा गौठान निर्माण कराने वाले किसी भी पंचायत को निर्माण राशि स्वीकृत नही की गई है।और दूसरी और इसका निर्माण कार्य जल्द से जल्द कराने के प्रशासनिक दबाव के बीच उक्त हालात निर्मित हुई है।भले ही जिले के अधिकारी इस योजना के कार्यों में तेजी को लेकर अपने हाथों अपनी पीठ थप-थपा रहे हो।किन्तु पंचायतों पर लाखों-लाखों का कर्ज हो चला है।और तगादे से परेशान सरपंच-सचिव भुगतान राशि पाने जनपद से लेकर जिले तक सम्बंधित विभागों का चक्कर पर चक्कर काट रहे है।लेकिन इस कार्य के राशि भुगतान को लेकर जिले के किसी भी सम्बंधित अधिकारी के पास कोई जवाब ही नही है।


आदर्श गौठान में ना गाय,ना चारा,ना चरवाहे
गत 4 जून को प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल द्वारा पाली विकासखंड के ग्राम पंचायत केराझरिया में 43 लाख से निर्मित आदर्श गौठान का उद्घाटन करने के बाद इसकी सुध किसी प्रशासनिक अधिकारी ने नही ली और स्थिति यह है कि उसमें ना तो गायें है,ना गायों को खिलाने के लिए चारा,और ना ही उसकी देखरेख करने वाले चरवाहे।निर्माण के दौरान कार्यरत मनरेगा मजदूरों का भुगतान राशि आज तक लंबित है।तथा यहां नियुक्त 4 चरवाहों ने मजदूरी नहीं मिलने के कारण काम छोड़ दिया।और चारा ना होने के कारण पालतू मवेशी खुले में इधर-उधर घूम रहे है।इस संबंध पर सरपंच सत्यनारायण पैकरा ने बताया कि उधार के मटेरियल सामाग्री के लाखों का भुगतान आज तक नही हो पाया है।वहीं इस योजना के संचालन हेतु पंचायत खाते में राशि नही है।ऐसे में चारे पानी की व्यवस्था नही होने के कारण मवेशियों को गौठान में भूखा नही रखा जा सकता इसलिए उन्हें खुले में छोड़ दिया गया है।वहीं नियोजित चरवाहों ने भुगतान राशि के अभाव में काम छोड़ दिया है।योजना के संचालन से जुड़े अधिकारियों को हालात से अवगत करा दिया गया है।लेकिन पहल नही हो पाया है।अब कहा जाए तो केराझरिया में निर्मित आदर्श गौठान प्रशासनिक अव्यवस्था का एक उदाहरण है।जहाँ जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी द्वारा इस गौठान के दयनीय हालत को लेकर पार्टी पदाधिकारियों को दिए गए जांच के निर्देश के बाद हरकत में आए प्रशासन द्वारा जिला पंचायत सीईओ के माध्यम से औचक निरीक्षण कराने के बाद 250 से 300 मवेशियों की लाभान्वित संख्या बताई गई।जबकि सच्चाई इसके विपरीत है।और मौके पर गिनती के मवेशी उक्त गौठान में नजर आ रहे है।जबकि ज्यादातर खुले में स्वछंद विचरण कर रहे है।अमूमन जिले में निर्मित हर आदर्श गौठान में यही हालात निर्मित है।छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी "नरवा,गरुवा,घुरुवा अउ बारी" का नारा राज्य में इन दिनों जोर-शोर से चल रहा है।ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को गति देने के लिए इस महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की गई है।इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री की सोच बेशक अच्छी है।और इस योजना पर अधिकारियों को गंभीरता से काम करने के लिए निर्देशित भी किया है।लेकिन मुख्यतः राशि अभाव के कारण जिले में इसका बुरा हाल है।जिसके कारण यह योजना पूरी तरह फ्लॉप होता नजर आ रहा है।


दूरसंचार के कर्मचारी भुखमरी की कगार पर

कुशीनगर। दूरसंचार विभाग के मानदेय कर्मचारियों का हाल यह है कि 14 माह से वेतन ना मिलने के कारण भुखमरी का शिकार बने हुए हैं। हाल यह है कि चाय पीने के लिए मोहताज हैं। बीएसएनल मे कार्यरत जनरेटर ऑपरेटर पिछले 14 माह से वेतन नहीं मिल सका है। हम मानदेय कर्मचारियों से 12 से 24 घंटे तक का काम लिया जाता है व 12:00 सौ से 15 सौ तक मिलता है। लेकिन वह भी समय से नहीं मिल पा रहा हैl हम मानदेय कर्मचारीयों को बेरहमी से कार्य कराते हैं जिस संबन्ध में दूरसंचार मंत्री भारत सरकार नई दिल्ली 13 6 2019 को डाक विभाग द्वारा रजिस्टर भी किया गया है। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। हम मानदेय मजदूरों को 1200 से 1500 सौ तक दिया जाता है वह भी नहीं मिल पाताl


मजदूरों ने पत्र में लिखा है कि जब टेंडर होता है तो अधिकारियों के चहेतों को मिल जाता है इनसे मजदूरी मांगने पर इनका जवाब होता है कि हम अधिकारी के आदमी हैं। रोब दिखाते हुए कहा जाता है कि हम मजदूरी नहीं देंगे इस तरह हम कर्मचारी विवश होकर ही रह जाते हैंl लेकिन मामला यह बनता है कि हमारी फरियाद आखिरकार सुने तो कौन सुने हार थक कर हम प्रार्थी अमर तिवारी, चंद्रभान सिंह, मुंद्रिका प्रसाद व अन्य कर्मचारी दूरसंचार मंत्री, जिलाधिकारी कुशीनगर पुलिस अधीक्षक, महाप्रबंधक दूरसंचार देवरिया, सांसद कुशीनगर, उपमंडल अभियंता पडरौना तक गुहार लगा चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है।


कोई नौनिहाल बीमारी से पीड़ित ना हो:योगी

महराजगंज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेई-एईएस की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पीड़ितों की संख्या में कमी आई है। हमारी सरकार का प्रयास है कि अब कोई नौनिहाल इस बीमारी से पीड़ित न हों। मुख्यमंत्री महराजगंज जिले के चेहरी स्थित आइटीएम कालेज में आइटीवी फाउंडेशन द्वारा आयोजित जेई एईएस के चिकित्सा शिविर को संबोधित कर रहे थे।


सीएम ने कहा कि इंसेफ्लाइटिस ने बीते 40 वर्षों में हजारों मासूमों को निगला है। पूर्व की सरकारों ने इसे लाइजाल बीमारी मानकर भगवान भरोसे छोड़ा था। सांसद रहते मैने इसकी रोकथाम के लिए सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाई। दो वर्ष पांच माह के अंदर भाजपा सरकार ने इस बीमारी की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक कर बेहतर कार्य किया। स्वास्थ्य विभाग को नोडल बना कर सभी विभागों को इस जागरूकता अभियान से जोड़ा। दो वर्ष में एक करोड़ 60 परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराया गया। स्वच्छता के लिए भी विशेष अभियान चलाया गया। बीआरडी मेडिकल कालेज में अगस्त माह में बीते वर्षों में 500 से 700 मरीज भर्ती होते थे, लेकिन अब मरीजों की संख्या नाम मात्र की रह गई है। जागरूकता अभियान में ग्राम प्रधानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। खुले में कोई शौच न करे इसके लिए जागरूकता अभियान गांव-गांव चलाएं। स्वच्छ भारत को स्वस्थ भारत की तरफ ले जाएं। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि इस बीमारी की रोकथाम के लिए आवश्यक है कि लोग प्रदूषित पानी का सेवन न करें। खुले में शौच व गंदगी पर भी अंकुश लगे, इस दिशा में जन-जन को जागरूक करना होगा।


योगी आदित्यनाथ ने आइटीएम कालेज में आइटीवी फाउंडेशन द्वारा आयोजित जेई, एईएस हेल्थ कैंप में शामिल हो मरीजों का हाल जाना। उन्होंने यहां कालेज परिसर में स्थित विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारंभ किया। सीएम ने महराजगंज में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना व आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों से मुलाकात कर योजना के क्रियान्वयन के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर सांसद पंकज चौधरी, विधायक ज्ञानेंद्र सिंह, बजरंग बहादुर सिंह, अमन मणि त्रिपाठी, प्रेम सागर पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष अरुण शुक्ला, विनय श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।


तीन पत्थरबाज आतंकवादियों को किया ढेर

श्रीनगर । अबतक का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी कार्य है, अगर आप कर्नल पठानिया समेत 5 सैनिको का किस्सा नहीं जानते तो आपको बता दें की 2010 में कर्नल दिनेश पठानिया जम्मू कश्मीर के माछिल में तैनात थे। 2010 में आये दिन कश्मीरी मुस्लिम पत्थरबाजी कर सैनिको को घायल कर देते थे। उस ज़माने में न पैलेट गन की छूट थी, और न ही सैनिको को किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने की इज़ाज़त थी।


रोज रोज सैनिक घायल होकर अपना इलाज करवाते थे, इसी के बाद 2010 में कर्नल पठानिया ने पत्थरबाज आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश दे दिया। उनकी टीम ने 3 पत्थरबाज आतंकियों को ढेर कर दिया, 2010 में सोनिया-मनमोहन की सरकार थी, फ़ौरन रक्षामंत्रालय ने आर्मी कोर्ट से कर्नल पठानिया समेत 5 सैनिको का कोर्ट मार्शल करते हुए उम्रकैद की सजा सुना दीl अब 2017 में मोदी सरकार के दौरान आर्मी कोर्ट ने रक्षामंत्रालय के सिफारिश पर कर्नल पठानिया समेत सभी 5 सैनिको को जमानत दे दी, और उनकी उम्रकैद की सजा भी ख़त्म कर दी, 7 सालों से कर्नल पठानिया और उनके साथी जेल में सड़ रहे थे, क्योंकि इनहोने आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही की थी। इसलिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इन सैनिकों को जेल मे डाल दिया गया था। और मोदी सरकार ने 2015 से ही क़ानूनी कार्यवाही शुरू कर दी थी और अब तमाम क़ानूनी कार्यवाई ख़त्म हुई और कर्नल पठानिया समेत सभी 5 सैनिको की उम्रकैद की सजा ख़त्म और सभी को जमानत दे दी गयी। और इन पांच सैनिकों को कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई नारकीय जिन्दगी से झुटकारा मिला । याने कि इन पांच सैनिकों का पुनर्जन्म हुआ हैं।


विधायक समेत 138 लोगों पर केस दर्ज

कुशीनगर। अहिरौली बाजार थाना क्षेत्र के जगदीशपुर बरडीहा में शनिवार को हुए सड़क जाम व आगजनी के मामले में भारतीय समाज पार्टी के रामकोला विधायक रामानंद बौद्ध समेत 138 लोगों पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। 78 नामजद और 60 अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने विभिन्न मामलों में मुकदमा दर्ज कर धरपकड़ की कार्रवाई तेज कर दी है।
जगदीशपुर बरडीहा निवासी संतोष पांडेय ने पुलिस को तहरीर देकर बताया है कि गांव के ही नौरंग सिंह समेत काफी लोगों द्वारा पुलिस व राजस्व कर्मियों की टीम पर ईंट पत्थर से मारते हुए सरकारी कार्य में बाधा डालने का प्रयास किया था। इस मामले में पूर्व में ही नौरंग सिंह समेत तमाम लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। आरोप है कि नौरंग सिंह द्वारा गांजा भी बेचा जाता है। इसी मामले में पुलिस ने गांजे के साथ नौरंग सिंह को गिरफ्तार कर 14 अगस्त को जेल भेज दिया था। शिकायकर्ता का आरोप है कि इससे नाराज रामकोला विधायक रामानंद बौद्ध की अगुवाई में लोगों ने बीते शनिवार को जगदीशपुर बरडीहा में जाम कर आगजनी, लूटपाट एवं तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया। तहरीर के आधार पर अहिरौली बाजार थाने की पुलिस ने विधायक रामानंद बौद्ध, रामसिंह, ज्योतिरादित्य सिंह, राजकुमार कन्नौजिया, व्यास कन्नौजिया, उत्तम सिंह समेत 78 नामजद व 60 अज्ञात समेत 138 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। केस दर्ज होने के बाद अहिरौली बाजार थाने की पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी में जुटी हुई है।
7 आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने भेजा जेल
दर्ज किए केस में आरोपी बने 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इसमें एनडीपीएस एक्ट में जेल भेजे गए नौरंग सिंह की पत्नी भी शामिल है। गिरफ्तार कर जेल भेजे गए आरोपियों में आजम, यशवंत सिंह, दुष्यंत सिंह, अंजान, अनिल कुमार, सुरेन्द्र गुप्ता, शिवपूजन एवं नौरंग सिंह की पत्नी चन्द्रकला शामिल है।
पुलिस ने विरोधी दलों की साजिश में दर्ज किया है केस : विधायक
रामकोला के विधायक रामानंद बौद्ध ने कहा कि पुलिस ने विरोधी दलों की साजिश में उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। वे शनिवार को हाटा में थे तभी उन्हें किसी ने बताया कि जेल में बंद नौरंग सिंह की मौत हो गयी है। इस पर जब उन्होंने किसी माध्यम से जेल अधीक्षक देवरिया से पता लगाया तो वह स्वस्थ बताया गया। फिर वे जगदीशपुर पहुंचकर आक्रोशित लोगों से इसे अफवाह बता कर उन्हें शांत कराते हुए अपने आवास चले गए। बाद में वहां क्या हुआ पता नहीं है।


 


सात दिन में खाली होंगे सरकारी बंगले

नई दिल्ली । देश के कई पूर्व सांसदों को 7 दिनों के भीतर सरकारी बंगले खाली करने को कहा गया है। कई पूर्व सांसदों ने 16वीं लोकसभा के भंग होने के दो महीने बाद भी सरकारी आवास खाली नहीं किए। कथित तौर पर 200 से अधिक ऐसे सांसद हैं जिन्हें अपने बंगले खाली करने हैं। आर पाटिल, अध्यक्ष, आवास समिति ने कहा, 'सभी पूर्व सांसदों को दिल्ली स्थित सरकारी आवास खाली करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है। अधिकारियों ने तीन दिनों के भीतर इन आवासों को बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करने को कहा गया है । नियमों के अनुसार पूर्व सांसदों को पिछली लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर अपने-अपने बंगले खाली करने थे। लोकसभा के 200 से अधिक पूर्व सांसदों ने अब तक अपने सरकारी बंगलों को खाली नहीं किया है। इन सांसदों को 2014 में ये बंगले आवंटित किए गए थे। लोकसभा चुनाव में जीतने वाले नवनिर्वाचित सांसद अस्थायी आवास में रह रहे हैं ।


नवनिर्वाचित सांसदों को वेस्टर्न कोर्ट में अस्थायी आवास उपलब्ध कराए गए हैं और जब तक उन्हें लुटियंस दिल्ली में पूर्णकालिक आवास आवंटित नहीं किया जाता, तब तक कई अतिथि गृह हैं। पहले नव-निर्वाचित सांसद पांच-सितारा होटलों में तब तक रुकते थे, जब तक उन्हें एक पूर्णकालिक सरकारी बंगला आवंटित नहीं किया जाता था ।
17वीं लोकसभा में 260 से अधिक सांसद हैं, जो पहली बार निचले सदन के लिए चुने गए हैं, जिनमें क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी, सूफी गायक हंस राज हंस और बंगाली अभिनेत्रियां मिमी चक्रवर्ती और नुसरत जहां शामिल हैं।


पाक सेना प्रमुख का कार्यकाल 3 साल बड़ा

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल 3 साल के लिए बढ़ा दिया है। जनरल कमर जावेद बाजवा अब अगले 3 साल तक पाकिस्तानी सेना के प्रमुख   बने रहेंगे। पाकिस्तानी सरकार ने ये फैसला क्षेत्रीय सुरक्षा वातावरण बनाए रखने के लिए लिया है। प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यालय से जारी की गई एक अधिसूचना में कहा गया कि  जनरल कमर जावेद बाजवा को वर्तमान कार्यकाल पूरा होने की तारीख से तीन साल के लिए एक और कार्यकाल के लिए सेनाध्यक्ष नियुक्त किया जाता है। खबर मिली है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 3 साल के लिए बाजवा का कार्यकाल बढ़ाए जाने के पक्ष में नहीं थे। वह चाहते थे कि बाजवा का कार्यकाल सिर्फ 1 साल के लिए बढ़ाया जाए लेकिन बाजवा ने कार्यकाल बढ़ाने के लिए इमरान खान पर दबाव बनाया जिसके कारण यह फैसला लिया गया। बता दें 58 साल के बाजवा इस साल रिटायर होने वाले थे।


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...