शनिवार, 10 अगस्त 2019

जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने की होड़

जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने की मची होड़


श्रीनगर । अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए खत्म किए जाने के बाद देशभर के लोगों में जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए लोगों में होड़ मच गई है। हालात यह हैं कि जम्मू कश्मीर के हर डीलर के पास हर रोज पूरे देश से 20 से ज्यादा कॉल आ रही हैं। कॉल करने वाला हर व्यक्ति जम्मू और कश्मीर में जमीन के रेट पता कर रहा है।


अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए खत्म किए जाने से जम्मू कश्मीर के प्रॉपर्टी डीलर्स में खुशी का माहौल है। जम्मू में महाजन प्रॉपर्टी डीलर एंड बिल्डिंग मैटेरियल के मालिक कुणाल गुप्ता ने मनी भास्कर से बातचीत में बताया कि उन्हें अब स्थिति सामान्य होने का इंतजार है। कुणाल ने बताया कि दिल्ली, बंबई, लखनऊ समेत देश के सभी बड़े शहरों से उनके पास रोजाना 15 से 20 कॉल्स आ रहे हैं। फोन करने वाले सभी लोग जम्मू और कश्मीर में जमीनों का भाव पता कर रहे हैं।कुणाल ने बताया कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए खत्म होने से यहां प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने का कार्य करने वाले लोगों में खुशी का माहौल है। सभी लोगों का मानना है कि अब दूसरे राज्यों के लोग भी यहां पर जमीन खरीद सकेंगे और उनके कारोबार में बढ़ोतरी होगी। कुणाल का कहना है कि अधिकांश लोग कश्मीर में जमीन खरीदने के बारे में जानकारी ले रहे हैं, लेकिन वहां यह कारोबार अभी पूरी तरह से बंद पड़ा है। हालात सामान्य होने के बाद वहां पर जमीनों के रेट नए सिरे से तय होंगे।


जम्मू में प्रॉपर्टी डीलिंग का कारोबार करने वाले विक्की शाह ने मनी भास्कर से फोन पर बातचीत में कहा कि जम्मू शहर में खाली प्लॉट बड़ी मुश्किल से मिल पाते हैं। हां, यहां आप 1 बीएचके से लेकर 4 बीएचके का मकान आसानी से खरीद सकते हैं। शाह के अनुसार, शहर में 2बीएचके का घर 45 से 60 लाख रुपए में मिल जाता है। हालांकि, घर की बनावट, इंटीरियर, जमीन की उपलब्धता के आधार पर यह कीमत ज्यादा भी हो सकती है।


क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आदेश

लखनऊ ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार अफसरों से मीटिंग में तैयारी के साथ आने, मीटिंग के पहले जरूरी सूचनाएं उपलब्ध कराने और बैठक में लिए गए निर्णय पर कार्यवाही की तय समय पर सूचना देने का निर्देश देते रहे हैं। पर, अफसर हैं कि मानते ही नहीं। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की इस कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है और नए सिरे से दिशानिर्देश जारी कर अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। शासन के एक आला अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री की बैठक सर्वोच्च स्तर पर निर्णय के लिए होती है। ऐसे में वहां विभाग का नेतृत्व करने वाले विभाग और शासन के अफसरों को ही आना चाहिए। मगर, अभी भी कई बार कनिष्ठ अधिकारियों को बैठक में भेज दिया जाता है जो स्पष्ट राय भी नहीं दे पाते हैं। समय-समय पर यह बात भी सामने आती है कि जिस विषय पर मुख्यमंत्री बैठक ले रहे हैं, उसके विभागीय मंत्री को सूचना तक नहीं है। मुख्यमंत्री ने इस पर अप्रसन्नता व्यक्त की है। इसी तरह मुख्यमंत्री के सामने प्रजेंटेशन से जुड़े प्रकरण से जानकारी एक दिन पहले मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराने तथा बैठक में लिए गए निर्णय से जुड़े कार्यवृत्त को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए अधिकतम तीन दिन में भेजने के निर्देश हैं। इन निर्देशों का भी पालन नहीं हो पा रहा है। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में समस्त अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों को इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने को कहा है।
अफसरों को इस तरह करना होगा काम- मुख्यमंत्री की बैठक में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव स्तर के अधिकारी व विभागाध्यक्ष स्तर के अधिकारी ही विषय की संपूर्ण जानकारी के साथ उपस्थित हों। कनिष्ठ अधिकारी अपरिहार्य स्थिति में ही मुख्यमंत्री की बैठक में सम्मिलित हो सकेंगे। बैठक का एजेंडा, शामिल होने वाले अधिकारियों की सूची व प्रजेंटेशन एक दिन पहले सीएम कार्यालय भेजा जाए। बैठक के कार्यवृत्त अधिकतम तीन दिन में मुख्यमंत्री कार्यालय को अनुमोदन करना होगा। मुख्यमंत्री के स्तर पर लिए जाने वाले निर्णयों के मुद्दे स्पष्ट रूप से इंगित किए जाएं। अंतर-विभागीय समन्वय के लिए मुख्यमंत्री के स्तर से प्राप्त किए जाने वाले निर्देशों को स्पष्ट रूप से इंगित किया जाए।


नाबालिग रेप पीड़ित ने की आत्महत्या

आरोपियों से तंग आकर सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने की खुदकुशी, दो सगे भाइयों पर हुआ था केस दर्ज


रायपुरवा । शुक्रवार रात आरोपियों से तंग आकर सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। शव कमरे में फंदे से लटका मिला। पुलिस ने जब शव उठवाने की कोशिश की तो परिजन पुलिस से भिड़ गए। पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर करीब डेढ़ घंटे तक हंगामा किया। एसपी पूर्वी समेत अन्य अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन देकर सभी को शांत कराया। तब शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। रायपुरवा निवासी एक कारपेंटर की 13 वर्षीय बेटी को 13 जुलाई को इलाकाई निवासी दो सगे भाई वासिफ और वसाफ रात को अगवा कर ले गए थे। एक अन्य दोस्त श्यामू उर्फ सम्मू के साथ मिलकर किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। 14 जुलाई को किशोरी बेसुध हालत में घर पहुंची तो परिजन थाने गए। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। कई बार चक्कर लगाने के बाद 27 जुलाई को रायपुरवा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की पर, अभी एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई।
शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ बजे सभी परिजन घर के बाहर थे, तभी पीड़िता ने कमरे में दुपट्टे के सहारे फांसी लगा ली। एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल, सीओ अनवरगंज सहित आधा दर्जन थानों का फोर्स पहुंचा पर, आक्रोशित परिजन शव न उठाने पर अड़ गए। करीब डेढ़ घंटे तक बवाल चलता रहा। रात करीब दस बजे सभी को शांत कराया गया। तब शव उठाया गया। दो महिलाएं हिरासत में पुलिस ने पीड़िता के पड़ोस की दो महिलाओं को हिरासत में लिया है। एसएसपी अनंत देव का कहना है कि दो दिन पहले इन महिलाओं ने पीड़िता को दुष्कर्म की बात कहकर चिढ़ाया था। पुलिस के मुताबिक आशंका है कि इसी से क्षुब्ध होकर पीड़िता ने सुसाइड की। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की। उनकी धमकियों की डर से ही उनकी बेटी ने खुदकुशी की। दो महिलाएं हिरासत में हैं। जांच जारी है और आरोपियों की भी तलाश की जा रही है। जो तहरीर मिलेगी, उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


विधायक-सांसदों के लिए,आचार संहिता:नायडू

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि राजनीतिक दलों को अपने सांसदों और विधायकों के लिए आचार संहिता बनानी चाहिए ताकि संसद और विधानसभाओं में उनके व्यवहार पर निगरानी रखी जा सके। राज्यसभा के सभापति ने कहा कि राजनीतिक दलों को अपने चुनावी घोषणापत्र में एक संहिता शामिल करनी चाहिए जिससे मतदाताओं को मतदान से पहले उनका फैसला लेने में मदद मिलेगी।


उन्होंने कहा कि आचार संहिता में ये शर्त शामिल होनी चाहिए कि सदस्य आसन के समीप नहीं आएंगे, नारेबाजी नहीं करेंगे तथा कामकाज अवरुद्ध नहीं करेंगे या कागज फाडऩे और सदन में उन्हें उछालने जैसा अशोभनीय बर्ताव नहीं करेंगे। नायडू ने सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के बीच संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह अधिक समन्वय की वकालत की ताकि महत्वपूर्ण विधेयकों पर सहमति बनाने में मदद मिल सके। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मेरा सुझाव है कि राजनीतिक दलों को अपने सांसदों के लिए एक आचार संहिता बनानी चाहिए ताकि उनके व्यवहार पर निगरानी रखी जा सके। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि सभी राजनीतिक दलों के नेता और सांसद संसद में कामकाज के महत्व की सराहना करेंगे और हाल ही में संपन्न सत्र के सकारात्मक माहौल को कायम रखेंगे। नायडू ने कहा कि राजनीतिक दल केवल प्रतिद्वंद्वी होते हैं, दुश्मन नहीं। उनकी राय है कि सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों को संसद तथा विधानसभाओं में सुगम कामकाज के लिए लगातार बातचीत करनी चाहिए। राज्यसभा सभापति ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र जनता के प्रति जवाबदेही के माध्यम से शासन करने से जुड़ा है। नायडू ने कुछ राज्यों की विधानसभाओं में विपक्षी दलों के कामकाज का बहिष्कार करने की प्रवृत्ति पर ङ्क्षचता जाहिर की। उन्होंने विपक्ष को बाहर निकाले जाने की कुछ घटनाओं का भी उल्लेख किया। उपराष्ट्रपति ने सभी राजनीतिक दलों से संसद और विधायिकाओं में प्रभावी तरीके से कामकाज सुनिश्चित करने और गुणवत्तापूर्ण चर्चा पर ध्यान देने को भी कहा। उन्होंने कहा कि जनता के बीच भावना पनपी है कि सार्वजनिक विमर्श का स्तर गिर रहा है। नायडू ने संसद सत्र के समापन पर आयोजित एक अनौपचारिक कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत में सत्र की सफलता पर संतोष प्रकट किया, जिसमें कई अहम विधेयक पारित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस सत्र ने संसद के कामकाज के बारे में लोगों का नजरिया बदलने में मदद की है।


मनमोहन एक बार फिर पहुंचेंगे राज्यसभा

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक बार फिर संसद के उच्च सदन, राज्यसभा में पहुंचेंगे। इस बार वे राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार होंगे। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेतृत्व ने राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव के लिए सिंह को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। इसी के साथ एक संक्षिप्त अंतराल के बाद सिंह का राज्यसभा फिर से पहुंचना लगभग तय हो गया है।


सूत्रों का कहना है कि सिंह आगामी 13 अगस्त को जयपुर पहुंचकर नामांकन दाखिल करेंगे। सिंह कुछ समय पहले राजस्थान विधानसभा में विधायकों के एक कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। इसके बाद से ही ये अटकलें शुरू हो गई थीं कि सिंह इस बार राजस्थान से ही राज्यसभा पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री रहते हुए सिंह असम से राज्यसभा सदस्य थे और गत 14 जून को उनका कार्यकाल पूरा हुआ था। वह 1991 से 2019 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष रहे मदन लाल सैनी के निधन के कारण राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है।


पुलिस:चलाया स्कूल बस चेकिंग अभियान

हरिद्वार पुलिस द्वारा चलाया स्कूली बसों की चैकिंग अभियान


हरिद्वार । पुलिस द्वारा चैकिंग अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत स्कूल बसों की चैकिंग की गई। दौराने चेकिंग कागजात से लेकर उसमें मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं की भी पूरी जांच की गई। ताकि बच्चों की सुरक्षा को पुख्ता किया जा सके। इसमें किसी भी स्तर पर कोई भी ढिलाई अथवा छूट नहीं दी जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशनुसार स्कूली वाहनों की दुर्घटनाओं तथा निजी बस संचालकों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। महोदय द्वारा निर्देशित किया गया है कि निर्धारित नियमों की उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर संबंधित बस पर कार्रवाई की जाएगी। इसी क्रम में वाहन चालकों के ड्राईविंग लाईसेंस और गाड़ी के अन्य दस्तावेज भी चैक किए गए तथा बसों में फर्स्टएड बॉक्स लगवाने को कहा गया तथा बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले स्कूली बस चालकों के खिलाफ आगे भी कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी। 


भगवा पहने मुस्लिम,प्रकाश का प्रतीक:रजा

लखनऊ । देश के स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर मदरसों में तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता दिवस मनाने की मदरसा बोर्ड की एडवाइजरी का जोरदार समर्थन करने वाले प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने मुसलमानों को भगवा वस्त्र पहनने की सलाह भी दी है। मंत्री ने कहा कि भगवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देन नहीं है बल्कि अल्लाह की देन है और भगवा प्रकाश का प्रतीक है।योगी आदित्यनाथ सरकार में हज तथा अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने मुस्लिमों को सलाह दी है कि वह भगवा वस्त्र भी पहनें। उन्होंने कहा कि भगवा वस्त्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देन नहीं है बल्कि अल्लाह की देन है और भगवा प्रकाश का प्रतीक है। मोहसिन रजा का कहना है कि अगर मदरसों के मौलाना और छात्र भगवा वस्त्र धारण करने लगें तो उनकी जिंदगी में उजाला आ जाएगा।मोहसिन रजा ने कहा खुदा की कसम मैं चाहता हूं कि मौलाना लोग जाएं और अच्छे-अच्छे, बड़े-बड़े अपने आलिमों से मिलें और उनसे पूछें कि भगवा जो है, वह प्रकाश का प्रतीक है। अगर वह भगवे में चले जाएं तो मुझे लगता है कि उनकी जिंदगी में उजाला आ जाएगा। मंत्री रजा ने कहा कि मुस्लिमों में एक संप्रदाय है चिश्तिया…। चिश्तिया संप्रदाय के लोग दरगाह आदि पर होते हैं। अनेक धर्मगुरु भी भगवा पहनते हैं। इसी कारण मुस्लिमों को भगवा पहनने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।


यूपी सरकार ने मदरसों के लिए एडवाइजरी जारी की है कि वे 15 अगस्त को तिरंगा फहराएं, राष्ट्रगान गाएं और महापुरुषों के किस्से सुनाएं. नए सरकारी नियम में गैर उर्दू भाषी भी अब मदरसे में टीचर बन सकेंगे। कई मदरसे वालों को लगता है कि यह भाजपा समर्थकों को मदरसों में टीचर बनाने की योजना का हिस्सा है। मंत्री से सवाल यह था कि आपके विरोधी कहते हैं कि सरकार मदरसों का भगवाकरण करना चाहती है। भगवा वस्त्र पर उनके जवाब इसी को लेकर था। मोहसिन रजा ने कहा कि यह तो कुदरत की देन है। अल्लाह की देन है भगवा। योगी आदित्यनाथ जी की देन नहीं है। योगी आदित्यनाथ जी ने इसको धारण किया है। तभी तो आज पूरे उत्तर प्रदेश में उजाला है योगी जी की वजह से। यह तो ईश्वर की देन है। अल्लाह की देन है।इससे पहले राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने ने एक अन्य बयान में मदरसा बोर्ड की इस एडवाइजरी का समर्थन किया है कि मदरसों में भी तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता दिवस मनाया जाए और राष्ट्रगान हो। इस दिन वहां के बच्चों को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताया जाए। उनको भी पता होने चाहिए कि देश को आजाद कराने में किनका कितना योगदान था।


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...