शनिवार, 10 अगस्त 2019

विधायक-सांसदों के लिए,आचार संहिता:नायडू

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि राजनीतिक दलों को अपने सांसदों और विधायकों के लिए आचार संहिता बनानी चाहिए ताकि संसद और विधानसभाओं में उनके व्यवहार पर निगरानी रखी जा सके। राज्यसभा के सभापति ने कहा कि राजनीतिक दलों को अपने चुनावी घोषणापत्र में एक संहिता शामिल करनी चाहिए जिससे मतदाताओं को मतदान से पहले उनका फैसला लेने में मदद मिलेगी।


उन्होंने कहा कि आचार संहिता में ये शर्त शामिल होनी चाहिए कि सदस्य आसन के समीप नहीं आएंगे, नारेबाजी नहीं करेंगे तथा कामकाज अवरुद्ध नहीं करेंगे या कागज फाडऩे और सदन में उन्हें उछालने जैसा अशोभनीय बर्ताव नहीं करेंगे। नायडू ने सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के बीच संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह अधिक समन्वय की वकालत की ताकि महत्वपूर्ण विधेयकों पर सहमति बनाने में मदद मिल सके। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मेरा सुझाव है कि राजनीतिक दलों को अपने सांसदों के लिए एक आचार संहिता बनानी चाहिए ताकि उनके व्यवहार पर निगरानी रखी जा सके। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि सभी राजनीतिक दलों के नेता और सांसद संसद में कामकाज के महत्व की सराहना करेंगे और हाल ही में संपन्न सत्र के सकारात्मक माहौल को कायम रखेंगे। नायडू ने कहा कि राजनीतिक दल केवल प्रतिद्वंद्वी होते हैं, दुश्मन नहीं। उनकी राय है कि सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों को संसद तथा विधानसभाओं में सुगम कामकाज के लिए लगातार बातचीत करनी चाहिए। राज्यसभा सभापति ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र जनता के प्रति जवाबदेही के माध्यम से शासन करने से जुड़ा है। नायडू ने कुछ राज्यों की विधानसभाओं में विपक्षी दलों के कामकाज का बहिष्कार करने की प्रवृत्ति पर ङ्क्षचता जाहिर की। उन्होंने विपक्ष को बाहर निकाले जाने की कुछ घटनाओं का भी उल्लेख किया। उपराष्ट्रपति ने सभी राजनीतिक दलों से संसद और विधायिकाओं में प्रभावी तरीके से कामकाज सुनिश्चित करने और गुणवत्तापूर्ण चर्चा पर ध्यान देने को भी कहा। उन्होंने कहा कि जनता के बीच भावना पनपी है कि सार्वजनिक विमर्श का स्तर गिर रहा है। नायडू ने संसद सत्र के समापन पर आयोजित एक अनौपचारिक कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत में सत्र की सफलता पर संतोष प्रकट किया, जिसमें कई अहम विधेयक पारित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस सत्र ने संसद के कामकाज के बारे में लोगों का नजरिया बदलने में मदद की है।


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