रविवार, 14 जुलाई 2019

सड़क हादसे में पिता घायल पुत्री की मौत

तेज रफ्तार ट्रैक्टर की ठोकर से स्कूटी सवार पुत्री की मौत,पिता गंभीर रूप से घायल


कोरबा ! प्रशासन के अनेकों जतन के बाद भी जिले में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।आए दिन किसी न किसी मार्ग में सड़क हादसों से लोग मौत के ग्रास में समा रहे हैं।आज भी दोपहर को कटघोरा थाना क्षेत्र अंतर्गत छुरी कटघोरा मुख्य मार्ग में तेज रफतार ट्रैक्टर के चालक ने तेजी व लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए छात्रावास से अपनी पुत्री को लेकर वापस लौट रहे स्कूटी सवार पिता-पुत्री को अपनी चपेट में ले लिया।जिससे पुत्री की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पिता को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में दाखिल कराया गया है।उधर घटना से आक्रोशित बस्ती वासियों ने कटघोरा कोरबा मुख्य मार्ग में चक्का जाम कर दिया।जहाँ हादसे की सूचना मिलते ही कटघोरा थाना प्रभारी रघुनंदन शर्मा दलबल सहित मौके पर पहुंच गए।और समाचार लिखे जाने तक उनके द्वारा चक्काजाम पर अड़े ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा था।ग्रामीणों की मांग है कि मृत छात्रा के परिजनों को उचित मुआवजा दी जाए।वहीं इस मार्ग में वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाई जाने को लेकर ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े हुए थे।जिसकी वजह से कोरबा कटघोरा मुख्य मार्ग में वाहनों की लंबी कतार लग गई थी।और फिलहाल आगे की खबर अभी नही मिल पाई है।


ज्ञात रहे कि जिला पुलिस द्वारा लगातार हादसों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।लेकिन वाहनों की बढ़ती संख्या के चलते आए दिन किसी न किसी मार्ग में सड़क हादसे हो रहे हैं।और लोगों की जान जा रही है।शनिवार को करतला थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर पेट्रोल पंप के समीप चलाते हुए बाइक चालकों को अपनी चपेट में ले लिया था।जिससे बाइक सवार एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई थी।जबकि दूसरे युवक को गंभीर अवस्था में उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था।लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर प्रशासन और पुलिस को गहन चिंता करने की विषय है कि आखिर किस तरह इन हादसों को रोका जा सके ?


दलित प्रोफ़ेसर के साथ गाली-गलौच अभद्रता

दलित प्रोफेसर के साथ अभद्रता ब गाली गलौज की घटना


झांसी ! बुंदेलखंड कॉलेज झांसी के कार्यवाहक प्राचार्य डॉक्टर बाबू लाल तिवारी अचानक अपने साथियों के साथ b.Ed विभाग पहुंचे! जहां पर b.Ed विभाग के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉक्टर अश्वनी कुमार बैठे हुए थे !प्राचार्य महोदय ने डॉ अश्वनी कुमार की कॉलर पकड़कर, गाली गलौज करने लगे! b.ed प्रथम वर्ष के छात्रों को बुलाकर इनके सामने अपमानित किया!


धुबिया होकर पढ़ाने का कार्य करता है !इस धोबी से तुम छात्रों को पढ़ने की जरूरत नहीं है ! इसके बाद प्राचार्य महोदय दलित शिक्षक डॉ अश्वनी कुमार घसीटते हुए टीचर स्टाफ रूम के पास स्टेज पर लाकर खड़ा कर दिया ! गाली गलौज करने लगे बार-बार जाति सूचक शब्दों से अपमानित कर रहे थे और कह रहे थे ! कि कॉलेज परिसर है इस कारण छोड़ रहा हूं! कॉलेज के बाहर होते तो जान से मार डालते दलित शिक्षक डॉ अश्वनी कुमार डरे सहमे अपने घर की और चले गए! शिक्षक व कर्मचारियों में भय बा असंतोष का माहौल बन गया है!


सरकार और किसान (संपादकीय)


खेती की बढ़ती लागत बढ़ती आत्महत्या की घटनाएं और बेबस बेहाल छोटे किसानों पर विशेष



भारत जैसे देश में किसान को भगवान कहा जाता है और यहां पर समय समय ऐसी फिल्में भी बनी है जिसमें भगवान को भक्त किसान के घर आकर उसकी चाकरी भी करनी पड़ती है और लक्ष्मी जी को भी विवश होकर अपने पति परमेश्वर के साथ किसान के घर रूप बदलकर रहना पड़ा है। किसान को भगवान इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह जीव जंतु पशु पक्षियों से लेकर हर मनुष्यों तक का पेट भरता है और खुद नंगा भूखा सो जाता है। वह जिस कड़ी मेहनत से अपनी जान हथेली पर लेकर भगवान के सहारे खेती करता है यह जगजाहिर है। आज भले ही सरकार किसानों के खाद बीज दवा पानी और उसके विकास के नाम पर तमाम योजनाएं चलाती हो लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज भी देश के विभिन्न कोनों में हमारे किसानों को कर्ज के तले दबकर आत्महत्या करनी पड़ रही है।किसान और उसकी किसानी निम्न, मध्यम एवं उच्च तीन श्रेणी में विभाजित है। निम्न श्रेणी के किसान वह होते हैं जिनके पास एक हेक्टेयर या उससे कम खेती होती है जिन्हें खेतिहर किसान मजदूर कहा जाता है। ऐसे किसानों के यहां अगर बाहर से कोई कमाई करने वाला नहीं है तो वह खेती नहीं कर सकता है क्योंकि आजकल के जमाने में खेती करने में भी पर्याप्त धन की आवश्यकता होती है। एक हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों के पास साल भर खाने तक का अनाज कभी कभी नहीं पैदा हो पाता है।बीमारी आजारी शादी ब्याह जैसे घर गृहस्थी के कार्य चलाने के लिए अन्ततः एक कर्ज़ ही सहारा होता है और उसे न चाहते हुए भी मजबूरी में लेना पड़ता है। आज भले ही हमारी सरकार किसानों के लिए तमाम बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवा रही हो उसके बावजूद आज भी लोगों को प्राइवेट यानी साहूकारों का सहारा लेना पड़ता है कभी- कभी तो घर गृहस्थी चलाने में घर के सारे जेवर और खेती तक गिरवी रख देना या बेच देना पड़ता है। मध्यम वर्ग का किसान वह होता है जिसके पास 2 से ढाई हेक्टेयर भूमि होती है। इनमें वह लोग आते हैं जिनके घर में बाहर से आमदनी का थोड़ा बहुत जरिया होता है। वह बाहरी कमाई को खेती में लगाकर खेती से पैदा होने वाले अनाज से अपना पेट भर लेता हैं और किसी तरह घर गृहस्थी चला लेते हैं। तीसरा उच्च किसान वह होता है जिसके पास दो से 4-5 हेक्टेयर या उससे अधिक भूमि होती है।खेती में सबसे छोटे किसान को जहां अपनी लागत पूंजी बचाना मुश्किल हो जाता है वही मध्यमवर्ग के किसानों का हानि लाभ बराबर रहता है बशर्ते उसकी फसल देवी प्रकोप एवं अन्य किसी प्रकार से बच जाए। कहने का मतलब है कि खेती से लाभ 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसानों को ही मिल सकता है और वहीं व्यवसायिक खेती मी कर सकते हैं।यही कारण है कि छोटे एवं मध्यम वर्ग के किसानों की हालत आज भी दयनीय बनी हुई है क्योंकि खेती की लागत दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और दैवी प्रकोप ही नहीं जंगली एवं आवारा पशुओं से बरबादी का खतरा बढ़ता जा रहा है।जलवायु परिवर्तन के चलते करीब-करीब हर साल किसान को बाढ़ तूफान सूखा बीमारी का सामना करना पड़ता है ऐसी हालत में महंगी पूंजी लगाकर उसे वापस करने में उसे लाले लग जाते हैं। आज छोटे एवं मध्यम वर्ग के जो किसान मजदूर के सहारे खेती करते हैं उन्हें तेजी से बढ़ती मजदूरी के साथ ही साथ महंगी दवाइयों बीजों जुताई खाद पानी का भी सामना करना पड़ रहा है। धान की एक दो बीघा खेती करने के लिए आज की तारीख में कम से डेढ़ से दो हजार रुपए लग जाते हैं इसके बाद खाद दवा पानी के नाम पर भी डेढ़ से दो हजार रुपए लग जाते हैं। इस तरह कुल मिलाकर पांच हजार रुपए के आसपास लग जाते हैं जबकि 3 से 5 कुंटल ज्यादा पैदावार नहीं हो पाती है जबकि साधन संपन्न बड़े किसानों को कम लागत में अच्छी पैदावार मिल जाती है जिससे उनकी हालत सुधर जाती है। छोटे किसानों को लागत अधिक लगानी पड़ती है लेकिन फायदा उन्हें नहीं होता है क्योंकि वह साधन के अभाव में न तो समय पर जुताई बुवाई करा पाते हैं और न ही निकाई दवाई बीज सिंचाई ही कर पाते हैं। समय पर जुताई बुआई सिंचाई निकाई दवाई खाद पानी उपलब्ध न हो पाने के कारण उसकी हालत पतली रहती है। हमारी सरकार द्वारा किसानों की आमदनी दूनी करने का बीड़ा उठाया गया है साथ ही किसान सम्मान योजना की शुरुआत भी की गई है जिसका लाभ चुनाव के पहले ही तमाम भाग्यशाली किसानों को बिना किसी दौड़भाग के एक नहीं दो दो किस्त के रूप में मिल चुका है लेकिन जो किसान प्रधानमंत्री की सम्मान योजना से वंचित रह गए हैं अब उन्हें अपना पंजीकरण कराने के लिए इधर उधर नामित अधिकारियों कर्मचारियों के पास दौड़ना पड़ा रहा है। किसान को देश की रीढ़ माना जाता है इसलिए छोटे किसानों के वजूद को बचाए रखना राष्ट्रहित में जरूरी है क्योंकि उसी बेवश बेचारे किसान के त्याग बलिदान के बल पर देश हरा भरा सोन चिर्रैया जैसा बना हुआ है और जय जवान जय किसान कहा जाता है।



भोलानाथ मिश्र


पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बैठक जारी

करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बैठक जारी


नई दिल्ली ! करतारपुर कोरॉडोर और इससे जुड़े तमाम तकनीकी मुद्दों को लेकर भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों की मुलाकात जारी। इस मुलाकात से पहले पाकिस्तान ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का पुनर्गठन किया है।इस कमेटी से खालिस्तान के नेता गोपाल सिंह चावला को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। बता दें कि भारत ने गोपास सिंह चावला के नाम पर आपत्ति जताई थी।जानकारी के अनुसार पाकिस्तान का 20 सदस्यों का डेलीगेशन मुलाकात के लिए पहुंच रहा है। जिसमे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉक्टर मोहम्मद फैसल भी शामिल हैं।


बता दें कि इससे पहले दो अप्रैल को भारत और पाकिस्तान के के बीच इस मसले को लेकर दूसरे दौर की बैठक होनी थी, लेकिन इसे स्थगति कर दिया गया था। लेकिन एक बार फिर से भारत इस मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर पाकिस्तान से बात करने के लिए तैयार है, जिसमे मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, श्रद्धालुओं के आवागमन, उनकी सुरक्षा अहम हैं। बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर तकरीबन तीन किलोमीटर लंबा है।


भारत पूरे प्रोजेक्ट को इस साल के 31 अक्टूबर तक पूरा करना चाहता है। करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण के लिए भारत 500 करोड़ खर्च करेगा। इसके साथ भारत उच्च तकनीक निगरानी प्रणाली का उपयोग करेगा और एक मजबूत सुरक्षा प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। यह कॉरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ेगा और भारतीय सिख श्रद्धालुओं की वीजा मुक्त आवाजाही को सुगम बनाएगा।


पुलिस ने फौजी के साथ की अभद्रता: रोस

औरैया ! कस्बा दिबियापुर में चंद्र नगर सेहुद बंबा के पास वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस कर्मियों की अभद्रता का विरोध करने पर पुलिस कर्मियों ने एक फौजी के साथ दिबियापुर की पुलिस ने की हाथापाई


मोहल्ला चंद्रनगर के पास दिबियापुर पुलिस के द्वारा चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था तभी कुछ देर के बाद वहाँ औरैया CO सिटी मौके पर आ गए तभी वहां कैनाल रोड की तरफ से पैशन प्रो गाड़ी से एक फौजी आ रहा था COसिटी के साथ तैनात सिफाही ने फौजी को रोका क्यों कि वो बिना हेलमेट था सिफाही के रोकने पर फौजी ने अपनी बाइक रोक दी सिपाही ने फौजी के साथ अभ्रदता की तो फौजी ने उसका विरोध किया तो दिबियापुर पुलिस ने फौजी के साथ हाथापाई शुरू कर दी इस मौके पर औरैया के CO साहब मौके पर थे पर उन्होंने रोकने की कोशिश नही की और फौजी को CO सिटी की गाड़ी में डाल कर दिबियापुर थाने ले गए जब दिबियापुर थाने में पत्रकार इस घटना की जानकारी लेने के लिए पहुचे तो CO सिटी ने पल्ला झाड़ते हुए ऐसा मामला न होने की बात कही!दिबियापुर पुलिस के सिपाही खुद बिना हेलमेट के रोड पर फर्राटा भर रहे है जो सिपाही व दरोगा जी चेकिंग अभियान चला रहे थे वो खुद बिना हेलमेट बाद में जाते दिखे जब खुद नियम का उल्लंघन करेंगे तो जनता क्यों नही करेगी!


क्या उत्तर प्रदेश की पुलिस को ऐसे महान फौजियों पर हाथ उठाने का हक है? जो फौजी दिन रात एक करके हमारे देश की रक्षा कर रहे है उनके साथ पुलिस इस तरह का व्यवहार कर रही है!


जांच करने गए पुलिसकर्मी की पीट-पीटकर हत्या

जमीन विवाद की जांच करने गए पुलिसकर्मी की पीट-पीटकरहत्या


 राजसमंद ! जिले में मॉब लिंचिंग की एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है। इस बार मॉब लिंचिंग का शिकार राजस्थान पुलिस का हेड कॉन्स्टेबल हुआ है। शनिवार को राजसमंद में एक हेड कॉन्स्टेबल की कुछ लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी।जानकारी के मुताबिक कॉन्स्टेबल गनी मोहम्मद मामले की जांच करने गांव में गए थे। इस दौरान मामले में लिप्त आरोपियों ने कॉन्स्टेबल की पिटाई शुरू कर दी। इस पूरी घटना के दौरान किसी ने भी पुलिस के सिपाही को नहीं बचाया।


पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण ने बताया कि भीम थाने में तैनात कॉन्स्टेबल अब्दुल गनी जमीन विवाद से जुड़े एक मामले की जांच के लिए हमेला की बेर गांव गये थे। इस दौरान उनकी अतिक्रमण कारियो से किसी बात पर बहस हो गई। जिसके बाद वहां मौजूद 4-5 लोगों ने गनी मोहम्मद को पीटना शुरू कर दिया। पिटाई के बाद कॉन्स्टेबल गनी मोहम्मद को घायल अवस्था में भीम अस्‍पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।


घटना ने राज्य के पुलिस विभाग में हडकंप मचा दिया दिया है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार इस प्रकरण में शामिल लोगों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। बताया जा रहा है कि कॉन्स्टेबल की पिटाई की सूचना पर डीएसपी राजेंद्र सिंह, सीआई लाभूराम विश्नोई और पुलिस टीम मौके पर पहुंची और पड़ताल शुरू की।


आजम के खिलाफ 23 मामले,हो सकती है गिरफ्तारी

आजम खान के खिलाफ 23 मामले दर्ज, कभी भी हो सकते हैं गिरफ्तार


रामपुर ! समाजवादी पार्टी के नेता और लोकसभा सांसद आजम खान की मुश्किल काफी बढ़ गई है और कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं। पुलिस ने बताया कि आजम खान ने दो दर्जन से अधिक किसानों को कई दिनों तक जबरन गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाया गया, उनका शोषण किया गया और उनकी जमीन को हथिया लिया गया। आजम खान के खिलाफ जो आपराधिक मामला दर्ज हुआ है उसके अनुसार फर्जीवाड़ा करके जमीन पर कब्जा किया गया।रामपुर के अजीम नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले के अनुसार आजम खान और उनके करीबी, पूर्व डीएसपी आलेहसन खान ने दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया और सैकड़ों करोड़ रुपए की जमीन को आजम खान के निजी विश्वविद्यालय मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए कब्जा किया।


रामपुर के एसपी अजय पाल शर्मा ने बताया कि इस बाबत 26 किसानों ने शिकायत में कहा है कि आजम खान और आलेहसन ने जबरन उन्हें बंधक बनाया और उनपर दबावा डाला कि वह फर्जी दस्तावेज पर अपनी जमीन को बेचने के लिए हस्ताक्षर करें।


शर्मा ने बताया कि जब किसानों ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया तो उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया। आलेहसन उस वक्त रामपुर के सीओ थे, उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और किसानों की जमीन पर कब्जा किया, ये किसान काफी गरीब थे।तथ्यों की पुष्टि के बाद हमने आजम खान और आलेहसन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा जांच के बाद यह मामला दर्ज किया गया है। रामपुर के पुलिस मुखिया ने बताया कि राजस्व विभाग की मुख्य शिकायत के आधार पर 26 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं।


मंत्री ने वायरल वीडियो को बताया फर्जी

स्वास्थ्य मंत्री ने वायरल वीडियो को फर्जी करार दिया


संवाददाता-विवेक चौबे


गढ़वा ! बड़ी तेजी से शोशल मिडिया पर एक लेन-देन का वीडियो वायरल हो रहा है।वायरल वीडियो में विपक्षी पार्टी के अनुसार लेवी,रिश्वत,पिसी,घुस आदि कई शब्दों का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।जिस वायरल वीडियो की हम बात कर रहे हैं,वह किसी आम-अवाम,प्रशाशन,अधिकारी व पदाधिकारी की नहीं बल्कि झारखण्ड के सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सह विश्रामपुर विधायक-रामचंद्र चंद्रवंशी की है।


जी हाँ,जिनका नाम ही हो ऐसा,भला क्यों करेंगे काम वैसा


बीजेपी का दामन तो पाक है।दामन पर कालिख पोतने का कार्य तो मंत्री के कुछ नासमझ विरोधी के द्वारा बात का बतकड़ बनाकर बल्कि यों कहें की वीडियो को तोड़-मरोड़ कर वायरल किया गया।मंत्री-रामचंद्र चंद्रवंशी ने स्वयं साफ-साफ शब्दों में वायरल वीडियो को फर्जी करार देते हुए बताया की वे बरडीहा प्रखण्ड के आदर गांव में ग्यारह जुलाई को एक योजना का शिलान्यास करने पहुंचे थे।वहां प्रशाशन के पदाधिकारियों के अलावे दो हजार की संख्या में लोग उपस्थित थे।ग्रामीणों ने मंत्री से पचास हजार रु की लागत से एक चबूतरा का निर्माण कराने की मांग रखे।इसके आगे आप खुद हीं मंत्री का ब्यान सुनें।


मंत्री ने कहा की दो युवकों के द्वारा फर्जी वीडियो वायरल कर बदनाम करने की कोशिश की गयी है।फर्जी वीडियो वायरल करने में राहुल ठाकुर व सतीश यादव का नाम शामिल है।मंत्री ने दोषी युवकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश पुलिस को दे दिया है।अब मंत्री को रिश्वतखोर कहना तो बिल्कुल गलत होगा।वैसे वायरल वीडियो को छोड़ कर ऐसे भी समझा जा सकता है की रामचंद्र चंद्रवंशी एक स्वास्थ्य मंत्री हैं,नासमझ थोड़े हैं की भरी सभा में रिश्वत लेंगे।


नैनीताल डीएम का संस्था ने किया स्वागत

नैनीताल ! एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू कोषाध्यक्ष बलराम हालदार के नेतृत्व में संस्था के माध्यम से नवनियुक्त डीएम सविन बंसल को संस्था पदाधिकारियों ने शॉल ओढ़ाकर व भगवान गणेश जी की प्रतिमा देकर स्वागत किया!
इस दौरान एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था के अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू उपाध्यक्ष लोकेश कुमार साहू ने संयुक्त रूप से कहा की हम नैनीताल जिले में नवनियुक्त डीएम सविन बंसल से आशा करते हैं कि नैनीताल जिले को नशा मुक्त अपराध मुक्त भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में आपका अहम योगदान होगा क्योंकि पिछले कुछ दिनों में हल्द्वानी शहर सहित पूरे नैनीताल जिले में जिस तेजी से अपराध,नशा व भ्रष्टाचार आगे बढ़ रहा है ! यह बहुत चिंता का विषय है ! जिस पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाना बहुत जरूरी है और हम सबकी भारतीय होने के नाते यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने क्षेत्र व शहर व जिले को प्रदेश व देश को नशा मुक्त अपराध मुक्त भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए हम सबको अपने अंदर जागरुकता उत्पन्न करनी होगी! क्योंकि किसी भी अपराध नशा भ्रष्टाचारी बीमारी से मुक्ति पाने के लिए इंसान का जागरूक होना बहुत जरूरी है! और जिस दिन हम भारतवासी अपराध की जड़ नशा के प्रति जागरूक हो गये उस दिन हमारे भारत में नशे के साथ साथ अपराध भ्रष्टाचार का नामोनिशान नहीं होगा तभी हम अपने आने वाली पीढ़ियों को अच्छे वातावरण व संस्कार दे सकेंगे तभी हमारा भारत विश्व गुरु बनेगा और एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था क्षेत्रवासियों व भारत वासियों को नशा मुक्त भ्रष्टाचार मुक्त अपराध मुक्त अभियान के अंतर्गत जागरूक करने का लगातार प्रयास कर रही है! और आगे भी करती रहेगी क्योंकि नशा मुक्त भारत हर भारतीय नागरिक की आवश्यकता है! साथ ही साथ संस्था प्रशासन के सभी अच्छे कार्यों में सहयोग करने के लिए सदैव तैयार रहेगी!
इस दौरान नवनियुक्त डीएम सविन बंसल का स्वागत करने में संस्था महिला अध्यक्ष नम्रता सिंह उपाध्यक्ष लोकेश कुमार साहू कोषाध्यक्ष बलराम हालदार अनूप सिंह मुकेश सरकार सूरज मिस्त्री मुकेश कुमार आदि लोग उपस्थित रहे!


मेरठ: भीड़ हिंसा का मामला प्रकाश में आया

मेडिकल के कालियागढ़ी में दबंगों के हौंसले बुलंद, युवक को लाठी-डंडों से पीटते हुए वीडियो वायरल, जान भी जा सकती थी युवक की


 


मेरठ ! दो दिन पहले का एक वीडियो वायरल हो रहा है जो देश में चल रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं की भयावहता को एक बार फिर से उजागर कर रहा है। पांच मिनट के इस वायरल वीडियो में दो युवक लाठी से युवक को नीचे गिराकर बेहरहमी से पिटाई नहीं बल्कि कूट रहे हैं। पीड़ित युवक की चीखें पूरे मोहल्ले में सुनाई दे रही है लेकिन लोग अपने छतों, घर के दरवाजो पे खड़े ये खौफनाक मंजर चुपचाप देख रहे हैं। युवक रो रहा है और चिल्ला रहा है! लेकिन उस पर लाठी बरसाने वालों को जरा सी दया नहीं आ रही। एक बुर्जुग जो पायजाम पहने है वो पूरे मोहल्ले को चैलेंज यानि की चुनौती दे रहा है,है कोई जो इसे बचाने आए,देखता हूं कौन है इसका हिमायती,ये शब्द जताते हैं कि इस बुर्जुग का पीटने वालों से सीधा नाता है, वायरल वीडियो में  ये बुर्जुग पिटने वाले युवक को कह रहा है कि ये तेरी मां नहीं,जिससे पता लगता है कि पिटने वालों और पीटने वालों का आपस में कोई नाता भी है!


 बहरहाल, मामला क्या है ये  वायरल वीडियो से तो साफ नहीं हो रहा है लेकिन जो दिख रहा है वो बेहरम चेहरे और पिटाई की खौफनाक तस्वीरें जरूर हैं। इस वीडियो को देखकर सवाल भी उठते हैं, जैसे मान लिया जाए कि पिटने वाले ने कोई बहुत बड़ा जुर्म किया हो,हो भी सकता है लेकिन सवाल ये है कि आम आदमी को कानून हाथ में लेने और इस बेरहमी से पीटने का क्या हक है ! क्या ये अपने आप में बड़ा अपराध नहीं है ! सवाल ये 
भी है कि थाने में अगर पुलिस इस तरह किसी अभियुक्त को पीटती है तो पुलिसकर्मी सस्पैंड होतेहैं!
एसे में इस पिटाई से झारखंड के तरबेज की तरह इस युवक की भी जान चली जाती तो उसका जिम्मेदार कौन होता हैै? 
वीडियो में देखा जा सकता है कि इस युवक पर एक नहीं दो नहीं पूरी ताकत के साथ 21 लाठी मारी गईं जिसमें पूरी ताकत के साथ एक लाठी इस युवक के सिर पर भी लगी है, थप्पड़ अलग से बरसाए गए हैं, वीडियो में दिख रहा है कि कुछ औरतें इस युवक को बचाने के लिए कुछ कदम बढ़ाती हैं लेकिन पायजामे वाला बुर्जुग दबंग उन्हें गाली देकर वापस भेजता है ! ये भी कहता है लाना लाठी इन्हें भी बताता हूं! ये सुनकर महिलाएं वापस हो जाती हैं ! ये रौंगटे खड़ा कर देने वाला वीडियो मेरठ के थाना मेडिकल कालेज की कालियागढ़ी कोलानी में दीप ज्योति स्कूल के बराबर की बताई जाती है।


पुलिस भी भीड़ हिंसा का शिकार: मायावती

अब तो पुलिस भी भीड़ हिंसा की शिकार : मायावती



लखनऊ ! भीड़ हिंसा (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं को लेकर बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। राज्य विधि आयोग द्वारा तैयार उप्र कांबेटिंग ऑफ मॉब लिंचिंग विधेयक-2019 का स्वागत करते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार को सख्त कानून बनाने के साथ-साथ उसे सख्ती से हर स्तर पर लागू कराने की इच्छाशक्ति भी दिखानी होगी। मायावती ने इसके लिए बसपा सरकार से सबक लेने की सलाह भी दी।
मायावती ने कहा कि भीड़ हिंसा की घटनाएं देश भर में एक भयानक बीमारी की तरह उभर रही है। यह रोग भाजपा सरकारों की कानून का राज स्थापित न करने की नीयत व नीति की देन है!


जिससे अब केवल एससी, आदिवासी, धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ही नहीं, बल्कि सर्वसमाज के लोग व पुलिस भी भीड़ हिंसा का शिकार बन रही है। इन घटनाओं का संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकारों को निर्देश दिये हैं, लेकिन उन्हें लेकर सरकारें गंभीर नहीं हैं। मायावती ने कहा कि उप्र राज्य विधि आयोग की भीड़ हिंसा की घटनाओं की रोकथाम के लिए नया सख्त कानून बनाने की सिफारिश का वह स्वागत करती हैं। कहा कि आयोग ने ऐसे मामलों में दोषियों को उम्र कैद की सजा दिये जाने की सिफारिश की है।


विधिक सेवा प्राधिकरण ने 1864 मामले निपटाए

सुलह समझौते से निपटे 1864 मामले



औरैया ! जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को जनपद न्यायाधीश सुशील कुमार की अध्यक्षता में लगी राष्ट्रीय लोक अदालत में राजस्व विभाग व न्यायालयों के कुल 1864 मुकदमे सुलह समझौते से तय किए गए।
प्राधिकरण के नोडल अधिकारी प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय राज बहादुर सिंह मौर्या एवं सचिव अर्चना तिवारी ने बताया कि इस लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम के कुल 67 वाद तय हुए तथा 32.75 लाख रुपये प्रतिकर एवार्ड हुआ। विद्युत निगम के अधिवक्ता भूपेश मिश्र व अधिकारियों ने 247 मुकदमे निस्तारित कर 4.17 लाख रुपये का सेटिलमेंट किया।


मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रामनेत ने कुल 153 वाद तय कर करीब 1.71 लाख रुपये अर्थदंड वसूला। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों ने 76 एमवी एक्ट के चालान से करीब 77 हजार रुपये अर्थदंड वसूला। जिला जजी में सभी बैंकों व विभिन्न सरकारी विभागों ने विशेष 121 बैंक वसूली के मामले तय किए। परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राज बहादुर सिंह मौर्या ने सुखी दाम्पत्य जीवन व्यतीत करने के लिए कई जोड़ों में समझौता कराया। जिला जज सुशील कुमार, अपर जिला जज राजेश चौधरी, प्रथम कांत, मीनू शर्मा, रजत सिंह, सचिव अर्चना तिवारी आदि न्यायिक अधिकारियों ने सभी जोड़ों को विदा किया। अधिवक्ता कुलदीप दुबे, डीजीसी अभिषेक मिश्र रहे।(यूए)


₹1400नहीं 1300मे मिलेगी एक बोरी डीएपी

1400 नहीं अब 1300 में मिलेगी एक बोरी डीएपी

औरैया ! खरीफ की फसल के लिए सरकार की ओर से सरकारी डीएपी की बोरी में 100 रुपये कम किए गए हैं। जिससे किसानों को कुछ राहत मिलेगी। अभी तक 1400 रुपये में मिलने वाली बोरी अब 1300 में मिलेगी।
कृषि विभाग की मानें तो इससे जनपद के किसानों के एक करोड़ की बचत होगी। अभी तक किसानों को 50 किलो डीएपी की बोरी 1400 रुपये में मिल रही थी, लेकिन प्रदेश सरकार के अनुरोध पर राष्ट्रीय सहकारी संस्था इफ्को, क्राफ्को, आरसीएफ ने डीएपी में प्रति बोरी 100 रुपये कम किए हैं। जिसके चलते अब किसानों को 50 किलो डीएपी की बोरी 1300 में मिलेगी।


जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार सिंह ने बताया कि खरीफ की दलहन, तिलहन समेत धान की फसल में लगभग पांच हजार मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता होती है, जिसके सापेक्ष नौ हजार आठ सौ 51 मीट्रिक टन स्टॉक जनपद में उपलब्ध है। प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने पत्र एवं ऑडियो क्लिप के माध्यम से बताया कि सभी जगह पर डीएपी की बिक्री अब नई दर से की जाएगी। उन्होंने सभी से ई-पॉस मशीन से ही बिक्री करने एवं सभी किसानों से 1300 रुपये का भुगतान कर बिल लेने को कहा है।(यूए)


आज का दिन शुभ नहीं है :सिंह

राशिफल 



मेष ---आज का दिन सामान्य है। किसी बात को लेकर भाइयों के बीच तनाव हो सकता है। परिवार में अस्थिरता का वातावरण रहेगा। माता का सहयोग प्राप्त होगा। धन संबंधी कार्यों में परेशानियां आएगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। रक्त संबंधी परेशानी आ सकती है। अपने क्रोध पर नियंत्रण बनाए रखें। जीवनसाथी से विवाद होने के संकेत मिलते हैं। ससुराल पक्ष में कोई धार्मिक कार्य संपन्न हो सकता है।


वृष ------आज का दिन शुभ है। मन प्रसन्न रहेगा। रुके हुए कार्य पूर्ण होने के संकेत हैं। वाणी पर नियंत्रण रखें। अति आत्मविश्वास में किसी को अपशब्द ना कहें, किसी का अपमान ना करें, क्योंकि इससे आपका भाग्य कमजोर होगा और आपके कार्य बिगड़ सकते हैं। छोटे भाई-बहन का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा एवं परिवार में भी सम्मान मिलेगा।


मिथुन ----आज का दिन सामान्य है। मन में अस्थिरता बनी रहेगी। कार्य करने में रुचि नहीं होगी एवं कार्यों में अनिर्णय की स्थिति बनेगी। परिवार में विवाद होने की स्थिति है। वाणी पर नियंत्रण रखें, आपके कठोर बोलने से आप के बने हुए कार्य बिगड़ सकते हैं। पिता से मतभेद हो सकते हैं। कार्य क्षेत्र में पिता यदि उचित सलाह दें तो उसे अवश्य मानें, नहीं मानने पर बड़ा नुकसान संभव है।


कर्क ----आज का दिन शुभ है। मन में विश्वास बना रहेगा। कार्यों को आत्मविश्वास पूर्ण करने से सभी कार्य में सफलता मिलेगी। शत्रुओं के इरादे कमजोर पड़ेंगे। जीवनसाथी से पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी से विचार-विमर्श में किसी प्रकार का विवाद ना करें। नई योजनाएं सफल होगी।


सिंह -----आज का दिन शुभ नहीं है। मन में अनिर्णय की स्थिति बनेगी। कार्य करने में आत्मविश्वास की कमी महसूस होगी। माता के विचारों का सम्मान करें एवं विवाद ना करें। हड्डी, जोड़ो एवं पैर के निचले हिस्से में कोई परेशानी हो सकती है। कार्य क्षेत्र में दी गई पिता की सलाह का सम्मान करें।



कन्या---- आज का दिन शुभ है। मन में प्रसन्नता रहेगी एवं सभी परिस्थितियों में सही निर्णय ले पाएंगे। सफलता मिलने के कारण मन में आत्मविश्वास बना रहेगा। हर क्षेत्र में सफलता मिलने के योग हैं। धन में स्थायित्व प्राप्त होगा। स्थायी संपत्ति के अच्छे योग बनते हैं एवं नौकरी में पदोन्नति होने के योग बनते हैं।


तुला -----आज का दिन सामान्य है। मन में तनाव रहेगा। कार्य करने में ऊर्जा की कमी महसूस होगी। सही निर्णय न ले पाने की वजह से कार्य करने के प्रति उदासीनता रहेगी। धन संबंधी परेशानी रहेगी। भाइयों से किसी बात को लेकर विवाद हो सकता है। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पिता में आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। पिता की सलाह का सम्मान करें।



वृश्चिक----- आज का दिन शुभ है। मन में आत्मविश्वास बना रहेगा। मन प्रसन्न रहेगा एवं दिमाग सक्रिय रहेगा। कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी एवं पुरानी बनाई हुई योजनाओं का क्रियान्वयन करने में लग जाएंगे। समाज एवं घर परिवार से बहुत सम्मान प्राप्त होगा। नौकरी वाले लोगों की पदोन्नति होने के योग हैं। व्यवसाय में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी एवं प्रभुत्व बढ़ेगा। धन संबंधी समस्या हल होगी।


धनु--- आज का दिन शुभ नहीं है। मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न होंगे। जीवनसाथी से किसी बात को लेकर मतभेद हो सकता है। परिवार में किसी समस्या को लेकर मन उदास रहेगा। भाग्य कमजोर रहने से कार्य आगे टल जाएंगे। किसी धार्मिक कार्य में धन खर्च होने के योग हैं। भाई-बहनों के ग्रह अभी अधिक प्रभावशाली है।



मकर ---आज का दिन शुभ है। मन में आत्मविश्वास बना रहेगा। आत्मविश्वास पूर्वक कार्य करने से सफलता मिलेगी एवं मन प्रसन्न रहेगा। भाइयों द्वारा पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी के द्वारा सही सलाह मिलने पर सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकेंगे। आय के साधन मजबूत होंगे। घर परिवार से पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।


कुंभ ----आज का दिन सामान्य है। मन में कुछ और स्थिरता रहेगी। कार्य करने में कुछ अधिक ऊर्जा महसूस होगी। सारे क्षेत्र में पहले की तरह ही कार्य सुचारू रूप से करते रहेंगे। परंतु कुछ मन में अस्थिरता रहेगी। संतान के ग्रह वर्तमान में अधिक प्रभावशाली होने के कारण संतान से वैचारिक मतभेद होते रहेंगे। परंतु स्वयं के विवेक बुद्धि का उपयोग करते हुए संतान से सामंजस्य बनाकर रखें।


मीन---- आज का दिन शुभ है। माता का आशीर्वाद पूर्ण रूप से बना रहेगा। धन संबंधी कार्य पूर्ण होंगे। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार में सम्मान बढ़ेगा। संतान को सफलता प्राप्त होने से मन में हर्ष की अनुभूति होगी। शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकेंगे। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। ह्रदय संबंधी परेशानी हो सकती है।


दैनिक जीवन में आदतों का महत्व

स्वस्थ जीवनशैली को कुछ समय की जरूरत है। हालांकि यह पहले की पीढ़ियों के लिए आसान था, लेकिन इन दिनों लोगों को तेजी से भागती जिंदगी के कारण इसका पालन करना कठिन लगता है। लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं, कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने के अलावा सब कुछ कर रहे हैं। यह समय है कि हमें अपने स्वास्थ्य को गंभीरता से लेना चाहिए। कुछ स्वस्थ आदतें आपको समय पर स्वस्थ जीवन शैली विकसित करने में मदद कर सकती हैं।


स्वस्थ आदतें जिनका पालन करना चाहिए:


एक स्वस्थ आहार योजना का पालन करें: जब आप एक स्वस्थ जीवन जीने की कोशिश कर रहे हैं तो एक स्वस्थ आहार योजना का अत्यधिक महत्व है। एक स्वस्थ आहार योजना का पालन करना शुरू करें जिसमें सभी आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल हैं और जंक फूड से स्पष्ट हैं।


जल्दी उठो: ज्यादातर लोग व्यायाम करने में असमर्थ होते हैं, सुबह का नाश्ता करते हैं और अपने प्रियजनों के साथ कुछ गुणवत्ता के क्षण बिताते हैं क्योंकि वे समय पर नहीं उठते हैं। प्रत्येक सुबह जल्दी उठने की आदत बनाएं ताकि आपके पास इन सभी कार्यों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त समय हो।


व्यायाम करें: अपनी पसंद के शारीरिक व्यायाम में लिप्त होने के लिए प्रत्येक दिन कम से कम आधे घंटे का समय निकालें। आप टहलने, तैरने, योग का अभ्यास करने, गहरी सांस लेने या ऐसा कोई भी काम करना चुन सकते हैं जिसमें आपकी रुचि हो। यह डी-स्ट्रेसिंग में मदद करता है।


समय पर सोएं: चूंकि आपको जल्दी उठना है, इसलिए समय पर सोना जरूरी है। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।


अपना मोबाइल एक तरफ रखें: आपको उत्पादकता बढ़ाने के लिए काम करते समय अपने फोन को अलग रखने की आदत डालनी चाहिए। जब आप घर पर हों तो अपने फोन को कुछ दूरी पर रखें और अपने परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं। मोबाइल फोन द्वारा उत्सर्जित किरणें हानिकारक होती हैं, इस प्रकार इसे दूर रखने का सुझाव दिया जाता है विशेषकर जब आप रात को सोते हैं।


सकारात्मक मन से जुड़ें: ऐसे लोगों से दोस्ती करना हमेशा अच्छा होता है जो आपके जीवन में सकारात्मकता लाते हैं और उन लोगों से दूर रहते हैं जो नकारात्मक बातों में लिप्त रहते हैं। इसके अलावा उन लोगों के साथ मेलजोल बढ़ाएं जो नियमित रूप से स्वस्थ जीवन शैली का पालन करते हैं, जो नियमित रूप से धूम्रपान या शराब पीने जैसी अस्वस्थ आदतों में लिप्त होते हैं।


समय पर आहार लें: स्वस्थ आहार योजना का पालन करना जितना महत्वपूर्ण है, समय पर भोजन करना भी उतना ही आवश्यक है। सुनिश्चित करें कि आप अपने नाश्ते या दिन के किसी अन्य भोजन को नहीं छोड़ते हैं और अपने भोजन को सही अंतराल पर करते हैं। यह भी सुझाव दिया जाता है कि तीन बड़े वाले होने के बजाय दिन में 5-6 छोटे भोजन करें।


अपनी रुचि का पालन करें: हम में से अधिकांश इन दिनों अपने काम में इतने तल्लीन हैं कि हम अपने हितों और शौक का पालन करने के लिए समय निकालना भूल जाते हैं। अपने शौक का पालन करने के लिए कुछ समय में निचोड़ करना अच्छा होता है जैसे बागवानी, पढ़ना, लिखना या अपनी पसंद का कुछ भी। ये अस्वास्थ्यकर आदतों के लिए एक अच्छा प्रतिस्थापन के रूप में कार्य करते हैं और खाड़ी में तनाव को बनाए रखने में भी मदद करते हैं।


(यूए)


ब्रह्म परतत्व (ऋग्वेद)


ब्रह्म - वेद का पाठक अथवा ब्रह्म परमात्मा का ज्ञाता।


ऋग्वेद की अपेक्षा अन्य संहिताओं में यह साधारण प्रयोग का शब्द हो गया था, जिसका अर्थ पुरोहित है। ऋग्वेद के 'पुरुषसूक्त' (10.90) में वर्णों के चार विभाजन के सन्दर्भ में इसका जाति के अर्थ में प्रयोग हुआ है। वैदिक ग्रन्थों में यह वर्ण क्षत्रियों से ऊँचा माना गया है। राजसूय यज्ञ में ब्राह्मण क्षत्रिय को कर देता था, किन्तु इससे शतपथ ब्राह्मण में वर्णित ब्राह्मण की श्रेष्ठता न्यून नहीं होती। इस बात को बार-बार कहा गया है कि क्षत्रिय तथा ब्राह्मण की एकता से ही सर्वागींण उन्नति हो सकती है। यह स्वीकार किया गया है कि कतिपय राजन्य एवं धनसम्पन्न लोग ब्राह्मण को यदि कदाचित दबाने में समर्थ हुए हैं, तो उनका सर्वनाश भी शीघ्र ही घटित हुआ है। ब्राह्मण पृथ्वी के देवता ('भूसुर') कहे गये है, जैसे कि स्वर्ग के देवता होते हैं। ऐतरेय ब्राह्मण में ब्राह्मण को दान लेने वाला (आदायी) तथा सोम पीने वाला (आपायी) कहा गया है। उसके दो अन्य विरूद 'आवसायी' तथा 'यथाकाम-प्रयाप्य' का अर्थ अस्पष्ट है। पहले का अर्थ सब स्थानों में रहने वाला तथा दूसरे का आनन्द से घूमने वाला हो सकता है।[3]



पाणिनि काल में ब्राह्मण
कात्यायन ने चार वर्णों के भाव या कर्म को चातुर्वर्ण्य कहा है।[4] आनुपूर्वी क्रम से चारों वर्णों के लिये 'ब्राह्मणक्षत्रियविट् शूद्रा:' यह समस्त पद प्रयुक्त होता था।[5] पाणिनि ने 'ब्रह्मन्' और 'ब्राह्मण' दोनों शब्दों को पर्याय रूप में प्रयुक्त किया है। ब्रह्मन् के लिए हितकारी इस अर्थ में ब्रह्मण्य पद बनता था।[6] पतंजलि ने इसका अर्थ 'ब्राह्मणेभ्य: हितम्' किया है। उनका कहना है कि ब्रह्मन् और ब्राह्मण पर्यायवाची हैं।[7], किंतु यत् प्रत्यय ब्रह्मन शब्द से ही होता है, ब्राह्मण से नहीं। ज्ञात होता है कि पाणिनि-काल में ब्रह्मन शब्द ब्रह्मणोचित अध्यात्मिक गुण-सम्पत्ति के लिए प्रयुक्त होता था और ब्राह्मण जन्म पर आश्रित जाति के लिए। ब्राह्मण के भाव (आदर्श) और कर्म (आचार) के लिये ब्राह्मण्य पद सिद्ध किया गया है।[8] नाम मात्र के आचारहीन ब्राह्मण 'ब्रह्मबंधु' कहलाते थे। ऐतरेय ब्राह्मण, छन्दोग्य उपनिषद, श्रौतसूत्र एवं गृह्यसूत्रों में 'ब्रह्मबंधु' शब्द पाया जाता हैं। सूत्र 6।3।44 की काशिका वृत्ति में उदाहृत 'ब्रह्मबंधुतर' और 'ब्रह्मबंधुतम' प्रयोग बताते हैं कि 'ब्रह्मबंधु' पद के पीछे कुत्सा परक व्यंग्य की कई कोटियाँ थीं। पाणिनि के समय में केवल जाति का अभिमान करने वाले कर्म-विहीन ब्राह्मणों के लिए ब्रह्मबंधु की तरह 'ब्राह्मणजातीय' यह नया विशेषण भी प्रचलित हो गया था।[9]


जनपदों के अनुसार ब्राह्मणों के नाम
'ब्रह्मणो जानपदाख्यायां'[10] सूत्र से ज्ञात होता है कि भिन्न-भिन्न देशों में बस जाने के कारण ब्राह्मणों के अलग-अलग नामों की प्रथा चल पड़ी थी। कंबोज जनपद से लेकर कलिंग-अश्मक-कच्छ-सौवीर जनपदों तक फैले हुए विस्तृत प्रदेश में ब्राह्मण फैल चुके थे। स्वभावत: पृथक्-पृथक् भूखंडों के अनुसार उनके अलग नाम भी पड़े होंगे। काशिका में सुराष्ट्र ब्रह्म (सुराष्ट्रेषु ब्रह्म) और अवंति ब्रह्मा ( अवंतिषु ब्रह्मा) ये दो उदाहरण हैं। अवंतिब्रह्म मालव ब्राह्मणों के पूर्ववर्ती थे, क्योंकि उज्जयिनी के साथ शब्द का सम्बंध गुप्त काल के लगभग आरम्भ हुआ। इसी प्रकार गुजराती और कच्छी ब्राह्मणों के पूर्ववर्ती सुराष्ट्र के ब्राह्मण रहे होंगे। जनपदों के अनुसार नाम पड़ने के कारण ब्राह्मणों के पंचगौड़ और पंचद्राविड़ दो मुख्य भेद कालांतर में प्रसिद्ध हुए।


वित्त मंत्रालय की मंसा (संपादकीय)

वित्त मंत्रालय की मंसा (संपादकीय)
भारत गणराज्य में लिए गए निर्णय के लिए सरकार उत्तरदायी है ! सरकार का प्रत्येक फैसला न्याय उचित एवं संविधान- संगत होना चाहिए! जनता को समृद्ध सूचनाएं प्राप्त होनी चाहिए! राष्ट्रीय विकास और निर्माण की सामान्य जानकारी जनता को समय-समय पर मिलती रहनी चाहिए !
लोकतंत्र की स्वायत्तता के लिए यह जरूरी है! लेकिन वित्त मंत्रालय की मंशा कुछ ठीक नहीं है! वित्त मंत्रालय को किससे और क्यों पर्दा चाहिए ? पारदर्शिता को खत्म करने की साजिश क्यों रची जा रही है? बजट से आम जनता खफा है! जनता भी आपकी है और बजट भी आपकी ही सरकार का है! यदि बजट में जनता कहीं विरोध कर रही है, तो सरकार को जनता या विरोधियों की समस्या का समाधान तलाशना चाहिए! पत्रकारों को वित्त मंत्रालय से दूर रखने से कोई हल होने वाला नहीं है ! जो पत्रकार इसके विरोध में कार्य कर रहे हैं! जो जनता के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे हैं !वे पीछे नहीं हटते हैं ,वह वास्तव में लड़ते रहेंगे और वास्तविकता की तह तक जाएंगे! आखिर वित्त मंत्रालय को वह कौन सी समस्या है? जो पत्रकारों पर खींज रहा है ! पत्रकारों को रात्रि भोज में जाकर वित्त मंत्रालय की मंसा को भापने का प्रयास करना था! बहिष्कार केवल तिरस्कारी गई नीतियों का करना चाहिए ! यह संबंध की खाई को चोडी करने के समान है ! जो हमारे कर्तव्य के विरुद्ध हो सकता है! इसमें हमारे स्वार्थ जुड़े हो,लेकिन हमें अपने कर्तव्य की सार्थकता का अनुसरण करना ही होगा! इसके विपरीत वित्त मंत्रालय की मंशा और अवस्था को जानना और समझना होगा! वित्त मंत्रालय में ऐसा क्या अनैतिक हो रहा है, जो छुपाया जा रहा है! ऐसी कौन सी सूचना है, जिसके सार्वजनिक हो जाने का भय वित्त मंत्रालय को सता रहा है ! जनता से क्या छुपाना चाहता है वित्त मंत्रालय !यह सभी के लिए जाना आवश्यक बनता जा रहा है ! वित्त मंत्रालय को इसका जवाब देना ही होगा!


 राधेश्याम  'निर्भयपुत्र'


शनिवार, 13 जुलाई 2019

प्रधानमंत्री मोदी सितंबर में अमेरिका का दौरा करेंगे

सितंबर में अमेरिका जाएंगे PM मोदी, संयुक्त राष्ट्र महासभा को दोबारा कर सकते हैं संबोधित



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर में अमेरिका का दौरा करेंगे।


नई दिल्ली ! जहां वो संयुक्त राष्ट्र महासभा(UNGA) में शामिल होंगे।माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकबार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर सकते हैं। यह दूसरे कार्यकाल में पीएम मोदी की संयुक्त राष्ट्र महासभा(UNGA) की पहली बैठक है। इससे पहले 2014 में भी पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था। अपने दूसरे कार्यकाल में यह पीएम मोदी की पहली अमेरिका यात्रा होगी। वह 2015 में वर्ल्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क गए थे।सके अलावा वहां वे संयुक्‍त राष्‍ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस द्वारा आयोजित किए जाने वाले जलवायु कार्रवाई सम्‍मेलन (क्‍लाइमेट एक्‍शन समिट) में हिस्‍सा लेंगे। इस दौरान वे ह्यूस्‍टन में भारतीय समुदाय को भी संबोधित कर सकते हैं।


गुटेरस द्वारा जलवायु सम्‍मेलन का आयोजन 23 सितंबर को किया जाएगा। जलवायु सम्‍मेलन में उनके हिस्‍सा लेने की योजना उनके आगामी दौरे की लिस्‍ट में सूचिबद्ध है लेकिन ह्यूस्‍टन मीटिंग के बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। पीएम मोदी न्‍यूयार्क में होने वाली संयुक्त राष्‍ट्र महासभा की बैठक में हिस्‍सा लेने के लिए 20-23 सितंबर को अमेरिका का दौरा करेंगे। इसके बाद वह ह्यूस्‍टन भी जाएंगे, वहां वे टेक्‍सास में रहने वाले भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। वह वाशिंगटन डीसी जाएंगे या नहीं, इस बारे में कुछ भी स्‍पष्‍ट नहीं है, पर माना जा रहा है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र के विभिन्‍न सत्रों से इतर पीएम मोदी की ट्रंप सहित दुनिया के कई देशों के नेताओं से मुलाकात होगी।


अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के दो शहरों शिकागो और ह्यूस्‍टन में भारतीय-अमेरिकी लोगों से मुलाकात कर सकते हैं। अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी जलवायु परिवर्तन पर 23 सितंबर को होने वाली संयुक्‍त राष्‍ट्र की विशेष बैठक से पहले ह्यूस्‍टन में होंगे और यूएन सत्र को संबोधित करने के लिए वह ह्यूस्‍टन से ही न्‍यूयार्क जाएंगे। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार जब उन्‍होंने अमेरिका का दौरा किया था, तब भी न्‍यूयार्क के मेडिसन स्‍क्वायर पर भारी संख्‍या में लोगों की भीड़ जुटी थी। यहां तकरीबन 20,000 भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग जुटे थे, जिनमें भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात को लेकर जबरदस्‍त उत्‍साह देखा गया।_


2010 की जनगणना के अनुसार, टेक्‍सास इस मामले में चौथे नंबर पर है जहां सबसे अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं। अपने विदेशी दौरे में वहां रह रहे भारतीय समुदाय से जुड़ने का मौका तलाशने वाले प्रधानमंत्री मोदी न्‍यू यार्क सैन जोस और वाशिंगटन में तीन बड़े भारतीय समुदायों से मुलाकात कर चुके हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर उनका ये छठा अमेरिका दौरा होगा।


जीजेयू के वीसी का नियंत्रण हुआ फेल: हरियाणा

राणा ओबराय
जीजेयू के वीसी का नियंत्रण हुआ फेल*
जीजेयू द्वारा संचालित दूरस्थ शिक्षा केंद्र एफसी कॉलेज केंद्र में आज फिर हुआ हंगामा" 85 बच्चों को नहीं मिला शिक्षा देने का अभी तक मौका!
हिसार ! जीजेयू द्वारा संचालित दूरस्थ शिक्षा परीक्षा केंद्र में आज फिर हुआ हंगामा" 85 बच्चों को नहीं मिला शिक्षा देने का अभी तक मौका! परीक्षार्थी और उनके माता पिता का आरोप है कि परीक्षा केंद्र के अधीक्षक और उनके स्टाफ ने उनके साथ धक्के मुक्की की और केंद्र से बाहर निकलने के लिए कहा। बच्चो के माता पिता ने इस दुर्व्यवहार का दोषी यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर टंकेशेवर सचदेवा को माना है। एक बच्चे की माता ने कहा जीजेयू के उपकुलपति का नियंत्रण।बिल्कुल ही फेल है।


नए नियम -नियमावली से होगी पत्रकारिता

देशभर में पत्रकारों के लिए लागू होने जा रही है नियमावली,प्रेस कार्ड जारी करने से लेकर पंजीकरण और शैक्षणिक योग्यता का होगा निर्धारण



नईदिल्ली ! पत्रकारिता जगत में असामाजिक तत्वों के प्रवेश से चिंतित केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा समाचार पत्रों के पंजीकरण, समाचार पत्र-पत्रिका व टीवी चैनल तथा न्यूज एजेंसी द्वारा जारी प्रेस कार्ड के लिए नियमावली तैयार की जा रही है तथा मौजूदा नियमावाली में संशोधन किए जाने पर गंभीरता से मंथन चल रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार देशभर में बढ़ रहे अखबारी आंकड़े और पत्रकारों की बढ़ रही संख्यां से पाठकों की जागरूकता में वृद्धि हुई है। वहीं कुछ ऐसे चेहरों ने भी पत्रकारिता जगत में दस्तक दे दी है, जिसके कारण पत्रकारिता पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए है।
*पत्रकारिता क्षेत्र में होगी शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य*
बता दें कि समाचार पत्र, पत्रिका के पंजीकरण के बाद प्रकाशक व संपादक एक-दो अंक प्रकाशित कर अनगिनत लोगों को प्रेस कार्ड जारी कर देते है, जिनका पत्रकारिता से कोई लेना देना नहीं होता। ऐसे चेहरों की बदौलत पत्रकारिता पर जरूर उंगलियां उठती है।
हर गावं शहर मे कुछ तथाकथित पत्रकार या समाचार पत्र मालिको ने कुछ लोगो को पैसे लेकर प्रेस कार्ड जारी कर रखे है जो पुलिस एवं टोलटेक्स नाको पर धोंस जमाते हैं. एेसे तथाकथित पत्रकारो से असली पत्रकार भी परेशान हो रहे है । पुलिस, प्रशासन एवं टोलटेक्स नाके वाले असली नकली मे फर्क नही कर पाते है। अब इस नियम के लागू होने पर तथाकथित फर्जी पत्रकारो से पुलिस प्रशासन पुछताछ कर उन सरगनाओ तक पहुचं सकेगी जिन्होने पैसे लेकर प्रेसकार्ड जारी कर रखे हैं.।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय समाचार पत्र, पत्रिका के पंजीकरण के लिए आवेदक की शैक्षणिक योग्यता पत्रकारिता में डिग्री की शर्त को अनिवार्य करने जा रहा है।
*समाचार पत्रों का प्रकाशन बंद कर सकती है केंद्र सरकार*
दैनिक समाचार पत्रों, न्यूज एजेंसियों व टीवी चैनल के रिपोर्टर के लिए संबंधित जिला मैजिस्ट्रेट की स्वीकृति उसकी पुलिस वैरीफिकेशन होने उपरांत जिला सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रेस कार्ड तथा प्रैस स्टीकर जारी किए जाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अन्य समाचार पत्र, पत्रिकाओं के प्रकाशक व संपादक का प्रैस कार्ड सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किया जाएगा। सरकारी तंत्र द्वारा जारी प्रेस कार्ड व प्रेस स्टीकर ही मान्य होंगे।
केंद्र सरकार द्वारा उन समाचार पत्र व पत्रिकाओं का प्रकाशन बंद किया जा सकता है जिन्होंने पिछले तीन वर्ष से अपनी वार्षिक रिपोर्ट जमा नहीं करवाई।
*प्रेस कार्ड बेचने वालों पर दर्ज होगा अपराधिक मामला*
चर्चा तो यह भी है कि किसी भी क्षेत्र से अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने वाला दैनिक समाचार पत्र, न्यूज चैनल, न्यूज एजेंसीज को प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिए जिला मैजिस्ट्रेट को आवेदन करना होगा, जो जिला सूचना व संपर्क अधिकारी की तस्दीक उपरांत स्वीकृति प्रदान करेंगे।
जिला सूचना व संपर्क अधिकारी अपनी रिपोर्ट में दर्शाएंगे कि अमूक दैनिक समाचार पत्र, न्यूज चैनल, न्यूज एजेंसीज को इस क्षेत्र से प्रतिनिधि की जरूरत है।
संशोधित नियमावाली के चलते प्रैस कार्ड की खरीद-फरोख्त तथा प्रेस लिखे वाहनों पर सरकारी तंत्र की नजर रहेगी। तथ्य पाए जाने उपरांत अपराधिक मामला कार्ड धारक, कार्ड जारी करने वाले हस्ताक्षर तथा प्रैस लिखे वाहन के मालिक पर दर्ज होगा। जाहिर है केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की इस संभावित योजना पर अमल होने से पत्रकारिता का मानचित्र बदल जाएगा।
क्या कहती है पुलिस?
हम खुद प्रेस कार्ड वालो से परेशान है कैसे पता किया जाये की कौन सही पत्रकार है और कौन फर्जी इसके लिये जैसे ही आदेश आते है प्रेस लिखे सभी वाहनों की जाँच की जायेगी और जो भी सूचना जनसम्पर्क विभाग की लिस्ट मै नही होगा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।


लेखन का लाभ? (संपादकीय)

 


अपनी किस से यारी है , आज इसकी तो कल उसकी बारी है - ब्लॉग लेखन विशेष


एक मित्र ने मुझसे कहा कि - क्या मधुकर जी आप गाय पर भी ब्लॉग लिख सकते हो ?क्या शहर में दूसरी कोई समस्या या विषय नहीं मिला क्या आपको ?


मैंने कहा भाई ! गाय ?तुम गाय कह रहे हो मैं तो कुत्ते पर भी ब्लॉक लिख सकता हूं । बशर्ते कोई शहर का नेता अथवा अधिकारी कुत्ते से भी गई गुजरी कोई हरकत कर दे तो । अपनी किस से यारी है आज इसकी तो कल उसकी बारी है।


गाय तो फिर भी एक 'धार्मिक' पशु है। और यदि मेरे ब्लॉग लिखने से एक घायल पशु का भला होने की संभावना उत्पन्न होती है, तो इसमें हर्ज ही क्या है ?और वैसे भी लिखने के लिए मुझे कौन से पैसे देने पड़ते हैं । शहर में लोग पैसे दे देकर ब्लॉग लिखवा रहे हैं । किराये के पत्रकार साथ बिठाकर।और अपने नाम से चला रहे हैं। ऐसे में मैं अगर खुद प्रयास करके रोज एक दो ब्लॉग लिख लेता हूं । तो उसमें विषय क्या है , इस पर मेरे ख्याल से कोई बहुत विशेष सोचने वाली बात नहीं है।
क्या घटित हुआ है वह तो लोग अन्य मीडिया माध्यमों से जान हीं लेते हैं । और उन माध्यमों में जिस तरह से लिखा जाता है वह केवल घटना का ब्यौरा मात्र होता है। जिसमें केवल यह बताया जाता है कि क्या घटित हुआ है। और कहां घटित हुआ है । थोड़ा और अच्छा लिखने वाले यह भी लिख देते हैं कि कैसे और किन कारणों से घटित हुआ है। परंतु जो घटित हो रहा है उसके बारे में अपने विचार रखना मेरे ख्याल में ब्लॉग लेखन है। और यह कर पाना उसी के लिए संभव है जो सब खबरें पड़ता है , और उन पर विचार करके अपना मत या नजरिया लिख कर लोगों तक पहुंचाता है। ताकि लोग उस नजरिया से उस घटना को देखकर अपनी राय बना सके। सच पूछो तो खबर लिखने वाले और ब्लॉग लिखने वाले में यही एक बहुत बड़ा अंतर है। जो कि अधिकांश लोग नहीं समझ पाते हैं। और अपुन तो ठहरे कलाकार आदमी ... जो ब्लॉग लिखने से पहले ग़ज़ल और कविताएं ही लिखा करते थे। वह भी कितनी अच्छी लिखते थे, उसका अता पता नहीं । बस अपना मन खाली करने के लिए लिखा करते थे। जब देखा कि सोशल मीडिया पर लोग कविताएं और ग़ज़ल जैसी चीजें पढ़कर हल्की-फुल्की तारीफ करने लगे। तो एक दिन विचार आया कि क्यों ना ज्वलंत मुद्दों पर भी अपना विचार लिखकर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाए। यह यात्रा कोई 3 साल पहले शुरू हुई होगी। जिसके अंतर्गत तकरीबन 21 सौ ब्लॉग अब तक लिख चुका हूँ। बहुत संतुष्टि का अनुभव करता हूं। इस यात्रा के बीच में मैंने यह पाया है कि जो कुछ भी आपके आसपास घटित हो ,उसे यदि आप ध्यानपूर्वक देखकर उसके बारे में लिखकर लोगों तक पहुंचाएं , तो भी वह एक तरह से आपके अनुभव को लोगों से साझा करने से लोगों का ज्ञान बढ़ाने के ही काम आता है। और कुछ नहीं तो अपने अनुभव साझा करने से असीम संतुष्टि ज़रूर मिलती है।ब्लॉग लेखन के दौरान अब महसूस होने लगा है की , लोग अपनी समस्याएं कॉल कर के मुझ तक पहुंचाने लगे हैं । और उम्मीद भी करते हैं कि मैं उनके दिए हुए विषय पर भी कुछ लिखूं।अधिकांश लोगों के दिए हुए विषयों पर मैं पूरा प्रयास करता हूं कि जल्द से जल्द लिख कर आप लोगों के साथ साझा करूं। परंतु सभी पर नहीं लिख पाता हूँ। क्योंकि अकेले इंसान के लेखन की भी कुछ सीमाएं होती हैं। इसलिए बाकी लोगों से माफी मांग लेता हूँ।फिर भी मैं राजनीति के दल दल से दूर हटकर इस लेखन क्षेत्र में आकर बहुत खुश हूँ। क्योंकि राजनीति की तरह इस क्षेत्र में आपको आपसे कम योग्य इंसान के सामने शीश झुकाना नही पड़ता। और आपकी अंतरात्मा सदैव जीवित रहती है।


नरेश राघानी


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...