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मंगलवार, 8 जून 2021

बंगाल: आकाशीय बिजली गिरने से 26 की मौंत

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। इन दिनों देश के अलग-अलग राज्यों में बारिश हो रही है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड, ओडिशा और गुजरात के कुछ हिस्से में आंधी के साथ मध्यम से तेज बारिश हुई है। वहीं यूपी और राजस्थान में तेज आंधी तूफान के साथ छिटपुट बारिश का दौर चला। यूपी के बाराबंकी में सोमवार शाम तेज बारिश आंधी तूफान और ओलावृष्टि से काफी नुकसान देखने में आया है। वहां पर तूफान के कारण एक महिला के घर की दीवार उसके ऊपर गिर गई। इस हादसे में 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। कई जगहों पर पेड़ गिरे और फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। झारखंड में भी इन दिनों आकाशीय बिजली गिरने के कारण 3 लोगों की मौत की सूचना आई है। 

दरअसल झारखंड के रामगढ़ जिले के वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र के लाइओ पंचायत के घोसी गांव में बिजली गिरने से तीन व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है। जिसमें दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। इस वज्रपात के शिकार हुए तीनों युवकों के नाम अभिषेक महतो, गौतम कुमार और आलोक महतो बताए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा आकाशी बिजली से मौत पश्चिम बंगाल में हुई है। जहां पर पश्चिम बंगाल के तीन जिलों में अब तक 26 लोगों की मौत की सूचना मिली है। पश्चिम बंगाल के हुगली में सबसे ज्यादा आकाशीय बिजली गिरने से 11 लोगों की मृत्यु हुई है।वहीं मुर्शिदाबाद में 9 लोगों की आकाशीय बिजली से मृत्यु हुई है। पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर और बांकुरा में दो-दो लोगों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने मृतकों के परिवार वालों को 2-2 लाख के मुआवजा देने का ऐलान किया है।

अदालत से विशेष आहार व सप्लीमेंट की मांग की

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। हत्या के आरोप में जेल में बंद पहलवान सुशील कुमार की भूख जेल में मिल रहे खाने से नहीं मिट रही है। उसने अदालत से विशेष आहार और सप्लीमेंट दिये जाने की मांग की है। फिलहाल दिल्ली की अदालत पहलवान सुशील कुमार की विशेष आहार तथा सप्लीमेंट्स जेल के भीतर उपलब्ध करवाने की मांग वाली याचिका पर बुधवार को फैसला सुनाएगी।

ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार एक युवा पहलवान की कथित हत्या के मामले में आरोपी हैं और जेल में बंद हैं। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सतवीर सिंह लांबा ने अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। सुशील कुमार पर हत्या, गैर इरादतन हत्या और अपहरण के आरोप हैं और वह दिल्ली की मंडोली जेल में बंद हैं।याचिका में कुमार के वकील प्रदीप राणा, कुमार वैभव और सत्विक मिश्रा ने कहा कि उनका मुवक्किल आईसोलेट व्हे प्रोटीन, ओमेगा-थ्री कैप्सूल, जॉइंटमेंट कैप्सूल, प्री-वर्कआउट सी4, मल्टीविटामिन आदि सप्लीमेंट लेते हैं। इसमें कहा गया कि इन आवश्यक वस्तुओं को देने से इनकार करने का कुमार के करियर पर बुरा असर पड़ेगा क्योंकि विशेष पोषण आहार तथा सप्लीमेंट उनकी सेहत तथा प्रदर्शन को बनाए रखने के लिहाज से अत्यंत आवश्यक हैं।

जेल अधिकारियों ने अदालत में दिए जवाब में कहा है कि कुमार की चिकित्सीय अवस्था में फूड सप्लीमेंट या अतिरिक्त आहार के रूप में अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता नहीं है। इस पर राणा ने कहा कि विशेष आहार तथा सप्लीमेंट की मांग सुशील कुमार के निजी खर्चे पर की गई है, इसका खर्च जेल अधिकारियों को वहन नहीं करना पड़ेगा। सुशील कुमार को 23 मई को गिरफ्तार किया गया था और दो जून को नौ दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।

राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम, नई गाइडलाइन जारी

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की कोविड-19 टीकाकरण नीतियों में बदलाव की घोषणा की। इसके कुछ घंटों बाद भारत सरकार ने योग दिवस 21 जून से लागू होने वाले राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इन दिशानिर्देशों में कहा गया है कि “जनसंखया, बीमारी के बोझ और टीकाकरण की प्रगति के आधार पर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को वैक्सीन की खुराक आवंटित की जाएगी।”
1- भारत सरकार देश में निर्माताओं द्वारा उत्पादित किए जा रहे टीकों का 75% खरीद करेगी। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को टीके मुफ्त में दिए जाते रहेंगे।

2- केंद्र 21 जून से राज्यों को 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के टीकाकरण के लिए मुफ्त जैब प्रदान करेगा।

3- केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दी जाने वाली फ्री ऑफ कॉस्ट वैक्सीन को प्राथमिकता के आधार पर लगाया जाएगा।

4- 18 साल से अधिक आयु की जनसंख्या के ग्रुप के लिए राज्य या केंद्र शासित प्रदेश प्राथमिकता के आधार पर सप्लाई शेड्यूल तय करेंगे।

5- भारत सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवांस में उन्हें सप्लाई की जाने वाली वैक्सीन की डोज के बारे में जानकारी देगी। इसी तरह राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी एडवांस में डिस्ट्रिक्ट और वैक्सीनेशन सेंटर्स को उन्हें दी जाने वाली डोज के बारे में जानकारी देंगे। ताकि इसे और अधिक विजिबल और सुविधाजनक बनाया जा सके।

6- प्राइवेट अस्पतालों के लिए वैक्सीन डोज की कीमत प्रत्येक वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर द्वारा डिक्लेयर की जाएगी। और अगर कोई बदलाव किया जाता है तो वो पहले ही बताना होगा। प्राइवेट अस्पताल हर डोज के लिए ज्यादा से ज्यादा 150 रुपये सर्विस चार्ज के रूप में ले सकते हैं। राज्य सरकारें वैक्सीन की कीमत की मॉनिटरिंग करेंगी।

7- वैक्सीन निर्माताओं द्वारा उत्पादन को प्रोत्साहित करने और नए टीकों को प्रोत्साहित करने के लिए, घरेलू वैक्सीन निर्माताओं को भी निजी अस्पतालों को सीधे टीके उपलब्ध कराने का विकल्प दिया गया है। यह उनके मासिक उत्पादन के 25% तक सीमित होगा। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बड़े और छोटे निजी अस्पतालों और रीजनल बैलेंस के बीच समान डिस्ट्रीब्यूशन को ध्यान में रखते हुए निजी अस्पतालों की मांग को पूरा करेंगे। इस ओवरऑल डिमांड के आधार पर, भारत सरकार निजी अस्पतालों को टीकों की सप्लाई और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से उनके भुगतान की सुविधा प्रदान करेगी।

8- सभी नागरिक अपनी आय की स्थिति के बावजूद मुफ्त वैक्सीनेशन के हकदार हैं।

9- केंद्र की केंद्रीकृत मुफ्त टीकाकरण नीति 21 जून, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से शुरू होगी और सरकार 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिकों को मुफ्त कोविड-19 वैक्सीन प्रदान करेगी।

10- “लोक कल्याण” की भावना को बढ़ावा देने के लिए नॉन ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक वाउचर के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसे निजी टीकाकरण केंद्रों पर भुनाया जा सकता है। इससे लोग प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के टीकाकरण में फाइनेंशियली सपोर्ट कर सकेंगे।

11- CoWIN प्लेटफॉर्म प्रत्येक नागरिक को सुविधाजनक और सुरक्षित रूप से प्री-बुकिंग वैक्सीनेशन अपाइंटमेंटकी सुविधा प्रदान करता है। सभी सरकारी और निजी वैक्सीनेशन सेंटर इंडीविजुअल के साथ ही साथ व्यक्तियों के समूहों के लिए ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी प्रदान करेंगे।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में घोषणा करते हुए कहा था कि केंद्र वैक्सीन खुराक के कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत खरीदेगा और राज्यों को मुफ्त प्रदान करेगा। कोई भी राज्य सरकार टीकों पर कुछ भी खर्च नहीं करेगी। प्रधान मंत्री ने आगे कहा था कि देश में 23 करोड़ से अधिक कोविड-19 वैक्सीन की खुराक दी गई है और आने वाले दिनों में टीकों की सप्लाई में और ज्यादा वृद्धि होगी।

गृहमंत्री-शुभेंदु की मुलाकात, कई मुद्दों पर चर्चा की

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं भाजपा विधायक शुभेन्दु अधिकारी ने मंगलवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। अधिकारी, पश्चिम बंगाल की पूर्व ममता बनर्जी नीत सरकार में मंत्री थे, लेकिन राज्य में इस साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए।

शाह के कार्यालय ने गृह मंत्री और पश्चिम बंगाल के नेता की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ” शुभेन्दु अधिकारी जी ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात की।” पार्टी के सूत्रों ने बताया कि राज्य विधानसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद शाह से अधिकारी की यह पहली मुलाकात थी। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडविया से भी मुलाकात की। वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात करेंगे।एक सूत्र ने बताया कि अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने शाह के साथ राज्य से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की और बंगाल के कल्याण के लिए उनका आर्शिवाद मांगा। उन्होंने कहा, ” माननीय गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह बंगाल के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे।”

पश्चिम बंगाल में इस साल मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक कड़े मुकाबले में मात दी थी। गौरतलब है कि मोदी और ममता के बीच चक्रवाती तूफान ‘यास’ के कारण हुए नुकसान की समीक्षा को लेकर हुई बैठक में अधिकारी की मौजूदगी से तृणमूल नेता नाराज हो गईं थी। इसके कुछ दिनों बाद ही अधिकारी भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी उक्त बैठक में देर से पहुंची थीं और चक्रवात के नुकसान संबंधी रिपोर्ट देकर वहां से चली गई थीं।

मानवता की कमी के कारण कई लोगों ने दम तोड़ा

अकांशु उपाध्याय                    
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन तथा मानवता की कमी के कारण जिस तरह से बड़ी संख्या में लोगों ने दम तोड़ा है। वह बहुत बड़ा अपराध है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए।नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन तथा मानवता की कमी के कारण जिस तरह से बड़ी संख्या में लोगों ने दम तोड़ा है।
वह बहुत बड़ा अपराध है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए।प्रियंका वाड्रा ने श्मशान घाटों तथा कब्रिस्तानों और कोविड मृतकों की संख्या के सरकारी आंकड़े के बीच फर्क पर सवाल उठाते हुए कहा, “कोविड से हुई मौतों के बारे में सरकार के आंकड़ों और श्मशानों-कब्रिस्तानों के आंकड़ों में इतना फर्क क्यों। मोदी सरकार ने आंकड़ों को जागरूकता फैलाने और कोविड वायरस के फैलाव को रोकने का साधन बनाने के बजाए प्रोपागैंडा का साधन क्यों बना दिया।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने अपने ‘जिम्मेदार कौन’ अभियान के तहत सरकार के विरोधाभासी बयानों को उद्धृत किया -“प्रधानमंत्री: ‘मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी।’ मुख्यमंत्री: ‘ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं। कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी।’ मंत्री: ‘मरीजों को जरूरत भर ऑक्सीजन दें। ज्यादा ऑक्सीजन न दें।’ आगरा अस्पताल ऑक्सीजन खत्म थी। 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल की। ज़िम्मेदार कौन।

सोमवार, 7 जून 2021

सभी राज्यों को मुफ्त वैक्सीन दी जाएंगीं: पीएम

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीनेशन पर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी। उन्हें इसके लिए कुछ खर्च नहीं करना होगा। मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी वेव और इससे हमारी लड़ाई जारी है। दुनिया के अनेक देशों की तरह भारत भी इस लड़ाई के दौरान बड़ी पीड़ा से गुजरा है। हममें से कई लोगों ने अपने परिजनों और परिचितों को खोया है। ऐसे सभी परिवारों के साथ मेरी पूरी संवेदनाएं हैं। बीते 100 साल में आई ये सबसे बड़ी महामारी है, त्रासदी है। 
इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी और न अनुभव की थी।मोदी ने कहा कि इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ रहा है। कोविड अस्पताल बनाने से लेकर आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़ाना, वेंटिलेटर बनाने से लेकर टेस्टिंग लैब का नेटवर्क तैयार करना हो। बीते सवा साल में ही देश में एक नया हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। दूसरी लहर के मिस-मैनेजमेंट और केंद्र की भूमिका पर सवाल उठने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों की मांग पर ही उन्हें कोरोना नियंत्रण और वैक्सीनेशन के अधिकार दिए गए।
एक अच्छी बात रही कि समय रहते राज्य पुनर्विचार की मांग के साथ फिर आगे आए। राज्यों की इस मांग पर हमने भी सोचा कि देशवासियों को तकलीफ न हो। सुचारु रूप से उनका वैक्सीनेशन हो। इसके लिए 16 जनवरी से अप्रैल अंत वाली व्यवस्था को फिर लागू किया जाए। आज ये फैसला लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25% काम था, उसकी जिम्मेदारी भारत सरकार उठाएगी। ये व्यवस्था दो हफ्ते में लागू की जाएगी। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर नई गाइडलाइन के अनुसार जरूरी तैयारी कर लेगी। संयोग है कि 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी है। 21 जून सोमवार से देश के हर राज्य में 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराएगी। वैक्सीन निर्माताओं से कुल उत्पादन का 75% हिस्सा खुद खरीदकर राज्य सरकार को मुफ्त देगी। किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन को कुछ भी खर्च नहीं करना होगा।

मुफ्त टीकाकरण की मांग को स्वीकार किया: कांग्रेस

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस ने सभी नागरिकों के टीकाकरण के लिए राज्यों को मुफ्त टीका मुहैया कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा पर सोमवार को कहा कि यह ‘देर आए। लेकिन पूरी तरह दुरुस्त नहीं आए’ की तरह है। क्योंकि मुफ्त टीकाकरण की मांग को सरकार ने आंशिक रूप से स्वीकार किया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री ने देश में पहले के टीकाकरण के कार्यक्रमों के बारे में टिप्पणी करके अतीत की चुनी हुई सरकारों और वैज्ञानिकों का अपमान किया है। 
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने पिछले कई महीनों में बार बार यह मांग रखी कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त टीका लगना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार ने इसे इनकार कर दिया। फिर उच्चतम न्यायालय ने मोदी और उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। कांग्रेस महासचिव ने कहा, ”फिलहाल खुशी है कि हर नागरिक को मुफ्त टीका मुहैया कराने की मांग सरकार ने आंशिक रूप से मान ली है। प्रधानमंत्री आज भी अपने मुंह मियां मिट्ठू बने। देर आए, लेकिन पूरी तरह दुरुस्त नहीं आए।” उन्होंने सवाल किया, ”छह महीने में टीकाकरण की तीन बार नीतियां बदलकर लाखों लोगों के जीवन को खतरे में डालने के लिए मोदी को जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जाए।
पहले के टीकाकरण कार्यक्रमों के संदर्भ में की गई प्रधानमंत्री की टिप्पणी का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा, ”आज आपने टीका बनाने वाले वैज्ञानिकों और अतीत की चुनी हुई सरकारों को अपमानित किया। देश 1970 में चेचक से मुक्त हो गया था। देश 2011 में पोलियो से मुक्त हो गया। हैजा और कई दूसरी बीमारियों से पहले ही मुक्ति पा ली गई थी। इस दौरान कांग्रेस की सरकारें थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि अब 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के टीकाकरण के लिए राज्यों को 21 जून से मुफ्त टीका उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में यह ऐलान भी किया कि ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की सुविधा दीपावली तक बढ़ा दी गई है।

साध्वी ने 'मस्जिद' में हवन करने का ऐलान किया

सुनील चौबे   
अलीगढ़। विवादित टिप्पड़ियों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाली वीएचपी नेता साध्वी प्राची ने एक बार फिर से कुछ ऐसा कह दिया है, जिसे लेकर हड़कंप मचा हुआ है। अलीगढ़ के टप्पल से हिंदू परिवारों के पलायन के बीच साध्वी प्राची ने मस्जिद में हवन किए जाने की बात कही है। उनके इस ऐलान के बाद गांव में हड़कंप मचा हुआ है। हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि गांव में पुलिस फोर्स की तैनाती करनी पड़ी है। साध्वी प्राची के हवन की बात सुनकर गांव का माहौल काफी खराब हो गया है।
बतादें कि मुस्लिमों द्वारा दलितों की बारात पर हमला किए जाने की खबर के बाद साध्वी प्राची ने गांव की मस्जिद में हवन का ऐलान कर दिया था। रविवार को साध्वी प्राची खुद तो टप्पल के नूरपुर गांव नहीं पहुंची लेकिन भगवा दलों के कई कार्यकर्ताओं ने गांव के भीतर घुसने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस ने उन्हें भीतर जाने से रोक दिया। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ तीखी बहस भी हो गई। हालांकि सभी को गांव में नहीं घुसने दिया गया। साध्वी प्राची का दौरा अब तक कैंसिल नहीं हुआ है इसीलिए मामला अब भी संजीदा बना हुआ है।
बारात पर मस्जिद के सामने हुआ था हमला
खबर के मुताबिक 26 मई को नूरपुर गांव में एक हिंदू की बारात मस्जिद के सामने से होकर गुजर रही थी तभी बारात पर लाठी-डंडों से हमला किया गया था। मजिस्द के सामने गाना बजाए जाने को लेकर मुस्लिमों ने आपत्ति जताई थी। बारात पर हुए हमले में कई लोग घायल भी हो गए थे। इस घटना से डरे लोगों ने गांव छोड़ने के लिए घर के आगे मकान बिकाऊ है के पोस्टर्स लगा दिए थे।
दोषियों की सजा दूसरों के लिए बनेगी मिसाल’
जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो अलीगढ़ के बीजेपी सांसद सतीश गौतम और विधायक अनूप प्रधान गांव पहुंचे थे। सांसद ने पीड़ितों को भरोसा देते हुए कहा था कि सीएम योगी के राज में किसी को भी पलायन करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। उन्होंने कहा था कि दोषियों को ऐसी सजा मिलेगी जो दूसरों के लिए मिसाल बनेगी। वहीं आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उन्हें गिरफ्तार करने की लगातार कोशिश की जा रही है।

कोरोना टीकों का बच्चों पर परीक्षण शुरू किया गया

 अविनाश श्रीवास्तव   

पटना। कोरोना वायरस संक्रमण से बच्चों के बचाव की तैयारी की जा रही है। स्वदेश निर्मित कोवैक्सीन के टीके के बच्चों में परीक्षण के लिए, यहां के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सोमवार से दो वर्ष के बच्चे से 18 साल तक के किशोर की जांच शुरू हो गई।

पटना स्थित एम्स में बच्चों में यह पता लगाने के लिए परीक्षण शुरू हो गया है कि क्या भारत बायोटेक के टीके बच्चों के लिए ठीक हैं ? जांच रिपोर्ट आने के बाद ही बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। यह परीक्षण 525 स्वस्थ बच्चों पर किया जाएगा जिसके तहत बच्चों को टीके की दो खुराकें दी जाएगीं। इनमें से पहली खुराक के 28वें दिन दूसरी खुराक दी जाएगी। एम्स के ‘सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन’ के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने कहा, ‘‘कोवैक्सीन के परीक्षण के लिए बच्चों की जांच शुरू कर दी गई है और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही बच्चों को टीके की खुराक दी जाएगी।’’ भारत के दवा नियामक ने कोवैक्सीन का दो साल के बच्चे से ले कर 18 साल की उम्र के किशोरों पर परीक्षण करने की मंजूरी 12 मई को दे दी थी। देश में टीकाकरण अभियान में वयस्कों को कोवैक्सीन के टीके लगाए जा रहे हैं।

सरकार ने पिछले सप्ताह आगाह किया कि कोरोना वायरस संक्रमण का अभी तक भले ही बच्चों में गंभीर प्रभाव नहीं हुआ है, लेकिन वायरस के व्यवहार में परिवर्तन होने पर उनमें इसका प्रभाव बढ़ सकता है । इसके साथ ही सरकार ने कहा कि इस तरह की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी जारी है। निति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि बच्चों में संक्रमण की समीक्षा करने और इससे नई तैयारियों के साथ निपटने के लिए एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस समूह को ऐसे लक्षणों की जांच की है, जो चार-पांच माह पहले नहीं थे। इस दल ने मौजूद आंकड़े, बीमारी के आयाम, वायरस की प्रकृति सहित तमाम चीजों पर गौर किया है और इसके आधार पर नए दिशा निर्देश बने हैं जो शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।

पॉल से पूछा गया कि अगर फाइजर का टीका भारत आ जाता है तो क्या 12 से 15 वर्ष की उम्र के बच्चों को इसे लगाया जा सकता है, जैसा कि ब्रिटेन में हो रहा है ? इस पर पॉल ने कहा था कि देश के पास अपने टीके हैं और उन्हें ही बच्चों के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा,‘‘बच्चों की आबादी कोई कम नहीं है। मेरे अनुमान के मुताबिक, 12 से 18 वर्ष के बीच आयु वर्ग के बच्चों की संख्या 13 से 14 करोड़ है और इसके लिए हमें टीके की 25-26 करोड़ खुराकें चाहिए होंगी।’’ उन्होंने यह भी कहा कि जायडस कैडिला के टीकों का बच्चों पर परीक्षण शुरू हो चुका है।

कोविड के बाद ब्लैक फंगस का अटैक जारी, बचाव

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। कोविड के बाद ब्लैक फंगस का अटैक जिस तरह से बढ़ा है। उसमें बार-बार यह बात कही जा रही है कि जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर हुई है। ब्लैक फंगस उन पर अटैक कर रहा है। साथ ही यह भी कि स्टेरॉयड लेने की वजह से इम्युनिटी कमजोर होती है और इसके गलत इस्तेमाल की वजह से दिक्कत बढ़ रही है।
इस सवाल पर फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में जॉइंट रिप्लेसमेंट डायरेक्टर और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. कौशल कांत मिश्रा ने कहा कि स्टेरॉयड एक तरह का केमिकल है। जो बॉडी में खुद ही हॉर्मोन की तरह बनता है। जब भी किसी को इमरजेंसी होती है उस वक्त ये लाइव सेविंग हार्मोन की तरह काम करता है। जैसे अगर आप सड़क पार कर रहे हैं और अचानक आपके सामने एक गाड़ी आ जाए और एक्सिटेंड होते होते बचे। उस वक्त दिल की धड़कन तेज हो जाती है और तुरंत एक्शन करके आप खुद को बचाने की कोशिश करते हैं।
यह रेस्पॉन्स बॉडी के अंदर स्टेरॉयड के निकलने से होता है जो एड्रीनल ग्लैंड से निकलता है। जब स्टेरॉयड को बाहर से दिया जाता है तो एड्रीनल ग्लैंड अपना काम करना बंद कर देती है और बॉडी के अंदर से बनने वाला स्टेरॉयड नहीं बनता है। बाहर से दिए गए स्टेरॉयड के असर की वजह से इंफ्लेमेशन बहुत कम हो जाता है। इसी वजह से इम्युनिटी कम होती है क्योंकि इम्युनिटी एक तरह का इंफ्लेमेशन ही होता है।
धर्मशिला सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. अंशुमान कुमार ने कहा कि अगर शरीर में कहीं इंफ्लामेशन हो रहा है तो स्टेरॉयड उसे कम करने का काम करता है। तो पहले यह समझा जाए कि ये इंफ्लामेशन क्या होता है? डॉ. अंशुमान ने बताया कि जब भी कोई एंटीजन यानी कि बाहरी एलिमेट बॉडी में आता है, जैसे कोरोना वायरस तो इसमें तीन तरह की संभावना रहती है। पहली ये कि कुछ नहीं होगा यानी कोई लक्षण नहीं होंगे इसका मतलब है कि बॉडी में एंटीबॉडी बहुत कम मात्रा में बन रही है और एंटीजन के साथ कोई लड़ाई नहीं हुई है बल्कि बॉडी ने उस वायरस को स्वीकार किया है और धीरे धीरे एंटीबॉडी बना रहा है।
दूसरी आशंका होती है कि हल्की सर्दी खांसी या बुखार हो। यानी हल्का इंफ्लामेटरी रिस्पॉन्स आया। मतलब यह कि बॉडी ने एंटीबॉडी बनाया और वायरस के साथ लड़ाई हुई और बॉडी को उसका अहसास भी हुआ। तीसरी संभावना होती है गंभीर केस। यानी कि वायरस और एंटीबॉडी के बीच लड़ाई इतना ज्यादा हो गई कि उससे शरीर के दूसरे हिस्सों में भी डैमेज होने लगा। जब यह इंफ्लेमेटरी रिस्पॉन्स बहुत ज्यादा हो जाता है तो लंग्स में भी इंजरी होती है। ऐसे में स्टेरॉयड मदद करता है। स्टेरॉयडी एंटी इंफ्लामेटरी काम करता है। 
इंफ्लामेटरी का मतलब यह कि एंटीजन और एंटीबॉडी के बीच जो लड़ाई हो रही है और इसमें प्रतिरोधक क्षमता बनने की प्रक्रिया में शरीर में जो चेंज होने लगते हैं। यह कम भी हो सकते हैं और ज्यादा भी। डॉ. अंशुमान कुमार कहते हैं कि स्टेरॉयड की यह प्रॉपर्टी होती है कि अगर बिना जरूरत के स्टेरॉयड दिया तो वह इम्यून सिस्टम पर काम करने लगता है। जब लोग बिना जरूरत के, लंबे वक्त तक या फिर गलत तरीके से स्टेरॉयड लेते हैं तो यह इम्यून सिस्टम को दबाने लगता है। अगर डॉक्टर की देखरेख में स्टेरॉयड लेंगे तो वह घातक नहीं होगा क्योंकि डॉक्टर तभी स्टेरॉयड देंगे जब बॉडी का इंफ्लामेटरी रिस्पॉन्स ज्यादा होगा। ऐसे में स्टेरॉटड इंफ्लामेटरी रिस्पॉन्स को कम करने में ही खप जाता है और इम्युनिटी पर गलत असर नहीं डालता। हालांकि स्टेरॉयड ब्लड शुगर भी बढ़ाता है। ऐसे में डॉक्टर की निगरानी में स्टेरॉयड लिया जाए तो ब्लड शुगर भी मॉनिटर होती है।
डॉ. कौशल कांत मिश्रा ने कहा कि जब कम वक्त के लिए मरीज को स्टेरॉयड देने से उसकी बॉडी की रिकवरी तेज होने लगती है और शरीर का दर्द कम होता है। फिर मरीज इसे बिना डॉक्टर की सलाह के भी खाने लगता है जिसकी वजह से उसके साइड इफेक्ट होते हैं। इम्युनिटी कम हो जाना, शरीर में सूजन आ जाना, बॉडी में पानी भर जाना इसके साइडइफेक्ट हैं। 
कभी कभी डॉक्टर एनाबोलिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हैं जिसका मतलब है कि बॉडी के मेटाबॉलिजम को बेहतर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसका कई लोग बॉडी बिल्डिंग में गलत इस्तेमाल करते हैं। एथलीट में स्टेरॉयड का गलत इस्तेमाल न हो इसलिए नैशनल- इंटरनैशनल गेम्स में डोप टेस्ट का प्रावधान है।
कुछ बीमारियों में स्टेरॉयड का इस्तेमाल लंबे वक्त तक किया जाता है। जैसे गठिया (रियुमेटॉइड आर्थराइटिस), ऑटो इम्यून डिसऑर्डर। कभी कभी कुछ बीमारियों में जब बॉडी में स्टेरॉयड बनना कम होता है तो थोड़ी मात्रा में डॉक्टर की सलाह पर स्टेरॉयड लेने से बॉडी नॉर्मल काम करती है। जब एक्सिडेंट के बाद मरीज शॉक में जाता है तब भी हम स्टेरॉयड का इस्तेमाल कर मरीज की जान बचाते हैं। 
उन्होंने कहा कि जब किसी भी बीमारी की वजह से या किसी और वजह से शरीर में स्टेरॉयड कम हो जाता है तो इसे हम दवा की तरह देते हैं। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल गर्भ निरोधक गोलियों में होता है। इन गोलियों में भी स्टेरॉयड होता है। किसी को अगर गंभीर कोरोना हुआ है और स्टेरॉयड से इलाज किया गया है तो फिर इम्युनिटी ठीक होने में कितना वक्त लगता है? डॉक्टर्स के मुताबिक आम तौर पर हम चार हफ्ते का वक्त रखते हैं। कोविड से रिकवरी हो गई है तो 4 हफ्तों तक सावधानी बरतते हैं। स्टेरॉयड लिया है तो दो हफ्तों तक इम्युनिटी कम होगी और उसके बाद दो हफ्ते रिकवरी में लगते हैं। इसलिए हम चार हफ्ते एहतियात बरतने को कहते हैं। लेकिन अगर किसी की डायबिटीज अनकंट्रोल्ड है तो उसे लंबा वक्त भी लग सकता है। वैसे 4 हफ्ते बाद सामान्य तौर पर इम्युनिटी सिस्टम नॉर्मल काम करने लगता है।
इम्युनिटी का ऐसे कोई अलग टेस्ट नहीं होता। 
डॉक्टर्स के मुताबिक शरीर में सेल्स और एंटीबॉडी होती है। खून में वाइट ब्लड सेल्स होते हैं और उसमें फिर पांच टाइप के सेल होते हैं। वाइट ब्लड सेल्स की सामान्य संख्या प्रति क्यूबिक मिलीमीटर खून में 4 हजार से 11 हजार तक होती है। इसके अलावा शरीर में पांच टाइप के एंटीबॉडी होते हैं। इनका अलग टेस्ट होता है। यह भी हो सकता है कि वाइट ब्लट सेल की संख्या ठीक हो लेकिन फिर भी इम्युनिटी कम हो। हो सकता है कि एंटीबॉडी नहीं हो। इन सबकी मात्रा हर मरीज पर टेस्ट नहीं कर सकते हैं। इसलिए हम ये मान सकते हैं कि जिनको गंभीर तौर पर कोविड हुआ है तो उन्हें सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर डायबिटीज के मरीज, कैंसर के मरीज या फिर ऐसे किसी शख्स को कोविड हुआ है जिसका कोई ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ है या वो इम्युनोसप्रेसिव ड्रग्स (इम्यून को दबाने वाली दवाई) ले रहा तो इसमें इम्युनिटी में गड़बड़ी देखने को मिलती है। ऐसे मरीजों को ज्यादा ऐहतियात बरतना होता है।
डॉ. अंशुमान के मुताबिक इम्युनिटी की ऑटोरिकवरी होती है। 
मतलब जैसे ही बॉडी की वायरस से लड़ाई खत्म हुई एंटीबॉडी बनता है। बोन मैरो, थाइमस सहित शरीर के कई अंगों में इम्युनटी के सेल्स बनते हैं और सर्कुलेटिंग एंटीबॉडी बनता है। अगर इन सारे अंग के फंक्शन सही हैं तो दो हफ्ते बाद अपने आप इम्युनिटी ठीक हो जाती है। इसे सपोर्ट के लिए प्रोटीन की मात्रा अच्छी खानी चाहिए क्योंकि एंटीबॉडी बनता ही प्रोटीन से है। कोई अगर प्रोटीन ना ले तो बोन मैरो काम भी कर रहा होगा तो वह एंटीबॉडी नहीं बना पाएगा। विटामिन सी एंटीबॉडी बनाने में काम करता है। 
आयरन इसमें सपोर्ट करता है। इसलिए इन सबकी कमी नहीं होनी चाहिए। खाने में यह लेना चाहिए और इम्युनिटी की ऑटोरिकवरी हो जाती है। डॉ. कौशल कांत मिश्रा ने कहा कि संतुलित आहार लेने से सभी की इम्युनिटी नॉर्मल रही है। जब शरीर में किसी भी चीज के कमी होती है तो उसे सप्लिमेंट के तौर पर दिया जाता है। जैसे विटामिन सी, जिंक, विटामिन डी और दूसरे सप्लिमेंट। कई ऐसे मैसेज सर्कुलेट हो रहे हैं जिसमें कहा जा रहा है कि वैक्सीन लगाने के कुछ वक्त बाद तक इम्युनटी कम रहती है। क्या यह सही है? डॉ. कौशल कांत मिश्रा ने कहा कि किसी भी वैक्सीन के देने से बॉडी की इम्युनिटी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। बल्कि वैक्सीन इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए ही दी जाती है। बच्चों में तो एक साथ कई वैक्सीन दी जाती हैं।

उम्र के हिसाब से बढ़ती-घटती इम्युनिटी...

डॉ. अंशुमान कहते हैं कि कम उम्र में इम्यून सबसे तेज होता है। लेकिन एक साल से छोटे बच्चे में इम्युनिटी विकसित नहीं होती है। 60 साल से ज्यादा उम्र में भी इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है। जिस तेजी से युवाओं में इम्यून सिस्टम काम करेगा उतना 60 साल से ज्यादा उम्र में रिस्पॉन्स नहीं करेगा। इम्यून सिस्टम बॉडी के सिगनल पर काम करता है। अगर बॉडी में कोई वायरस (एंटीजन) आया तो उस मैसेज को अंगों तक पहुंचाने का बॉडी का सिगनल कमजोर पड़ता है और ज्यादा उम्र में प्रोटीन की मात्रा भी कम होती है। इसलिए इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। अगर खानपान सही हो और स्वस्थ हो तो बच्चों से लेकर अडल्ट तक यानी 18 साल तक सबसे अच्छा इम्यून सिस्टम होता है।

सीएम एके की लोगों से सावधानी बरतने की अपील

अकांशु उपाध्याय                  

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार से द्वितीय चरण के अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मेट्रो से लेकर ऑफिस और बाजार तक सभी जरूरी निर्देशों के साथ खुल रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल से सन्देश जारी करते हुए लिखा, 'आज से दिल्ली में कई गतिविधियां फिर से शुरू हो रही हैं। पर कोरोना से बचाव के सभी एहतियात पूरी तरह से बरतें - मास्क पहनें, सोशल डिस्टेन्सिंग रखें और हाथ धोते रहें, बिल्कुल ढिलाई नहीं करनी। कोरोना संक्रमण से बचकर भी रहना है और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर भी लाना है।' 

दिल्ली सरकार ने आज से राष्ट्रीय राजधानी को चरणबद्ध तरीके से अनलॉक करने की दिशा में दूसरा कदम बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि कम होते कोरोना संक्रमण के बीच ये जरूरी है कि अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए ये फैसला जरूरी है। जिसके तहत बाजार, मॉल ऑड-ईवन के आधार पर खोले जाएंगे। वहीं निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति होगी।  सरकारी कार्यालयों के ग्रुप ए कर्मचारियों को 100 प्रतिशत , ग्रुप बी 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति होगी।  उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार कम हो रहे हैं। दिल्ली सरकार की तरफ से रविवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घण्टे में 381 नए मामले सामने आए हैं।

जबकि शनिवार को ये आंकड़ा 414 था। वहीं इस दौरान 30 मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि संक्रमण दर 0.50 प्रतिशत की रही। दिल्ली में कोरोना की स्थिति धीरे धीरे नियंत्रण में आ रही है। इस बात की गवाही यहां के अस्पताल खुद दे रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर जब अपने शिखर पर थी तो दिल्ली के अस्पतालों में पैर रखने की जगह कम पड़ गई थी। लेकिन अब स्थिति बदल रही है दिल्ली के अस्पतालों में अभी 2936 कोरोना के मरीज एडमिट हैं जबकि 21367 बेड फिलहाल खाली बताए जा रहे हैं। वहीं 2327 लोग होम आइसोलेशन में हैं।

  

9 जून को टिकैत से सीएम ममता करेंगी मुलाकात

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भारी जीत हासिल कर प्रदेश में तीसरी बार अपनी सरकार बनाने वाली सीएम ममता बनर्जी अब बंगाल के बाहर अपने पांव जमाने की कोशिशों में जुट गई है। भाजपा के खिलाफ पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार करने वाले भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के साथ आगामी 9 जून को सीएम ममता बनर्जी मुलाकात करने वाली हैं। जिसके चलते राजनीतिक क्षेत्रों में भारी गहमागहमी शुरू हो गई है। भारतीय किसान यूनियन के नेता एवं संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत की आगामी 9 जून को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात होने जा रही है। 

ममता बनर्जी से होने वाली मुलाकात के दौरान भाकियू प्रवक्ता केंद्र द्वारा लाए गए नये कृषि कानूनों के खिलाफ मौजूदा किसान आंदोलन को धार देते हुए आगे बढ़ाने पर उनके साथ चर्चा करेंगे। बताया जा रहा है कि 9 जून को होने वाली इस मुलाकात के दौरान भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत सीएम ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत पर बधाई देंगे। इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच नये कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी के गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बार्डर पर चलाये जा रहे किसान आंदोलन को लेकर भी चर्चा की जाएगी। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव से पहले भी भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने बंगाल का दौरा किया था और तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करते हुए वोट मांगे थे।

दरअसल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब चौधरी राकेश टिकैत के जरिए बंगाल से बाहर अपना प्रभाव जमाने की तैयारी कर रही है। जिसके चलते चौधरी राकेश टिकैत उन्हें अपने मुफीद दिखाई दे रहे हैं। सीएम ममता बनर्जी की कोशिश है कि वह पश्चिम बंगाल के बाहर भी भाजपा के खिलाफ एक अभियान चलाकर उसे अन्य राज्यों में भी सरकार बनाने से रोके। वैसे भी भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केंद्र द्वारा पिछले दिनों लाये गये नये कृषि कानूनों को लेकर भाजपा पर हमलावर रहे है। पिछले दिनों राजधानी के गाजीपुर बार्डर पर चल रहे धरनास्थल् पर भारी पुलिस बल के साथ किसान नेता की गिरफ्तारी के प्रयास किये जाने के बाद चौधरी राकेश टिकैत भाजपा के प्रति और भी ज्यादा मुखर हो गये है। अब देखने वाली बात यह रह गई है कि भाकियू प्रवक्ता के साथ होने वाली दीदी की मुलाकात के क्या परिणाम अगले दिनों में सामने आ पाते हैं।

शासन में लगातार आ रहीं टैक्स बढ़ोतरी की 'लहरें'

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जारी बढ़ोतरी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए सोमवार को कहा कि उनके शासन में टैक्स बढ़ोतरी की लहरें लगातार आ रही है। जिससे महंगाई आसमान छू रही है और आम लोगों का जीना दूभर हो गया है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया,"कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो रही है। पेट्रोल पम्प पर बिल देते समय आपको मोदी सरकार द्वारा किया गया महंगाई में विकास दिखेगा। टैक्स वसूली महामारी की लहरें लगातार आती जा रही हैं।" 

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी टैक्स बढ़ोतरी को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए ट्वीट किया, "भयंकर जनलूट - पिछले 13 महीने में पेट्रोल 25.72 रुपए, डीज़ल 23.93 रुपए प्रति लीटर महँगा हुआ। कई राज्यों में 100 रुपये प्रति लीटर पार हुआ। पेट्रोल-डीज़ल में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी के लिए कच्चे तेल की क़ीमतें नहीं, मोदी सरकार द्वारा बढ़ाए गए टैक्स ज़िम्मेदार हैं।"

पेट्रोल-डीजल के दाम में फिर 28 पैसे तक बढ़ोतरी

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के दाम सोमवार को लगातार दूसरे दिन बढ़कर नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गये। देश के चार महानगरों में आज दोनों जीवाश्म ईंधनों के दाम 28 पैसे तक बढ़ गये। गत 04 मई से अब तक 20 दिन पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाये गये हैं जबकि शेष 15 दिन कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस दौरान दिल्ली में पेट्रोल 4.91 रुपये तथा डीजल 5.49 रुपये महंगा हो चुका है।
अग्रणी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 28 पैसे बढ़कर 95.31 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई। डीजल दिल्ली में 27 पैसे महंगा हुआ और इसकी कीमत 86.22 रुपये प्रति लीटर हो गई। मुंबई में पेट्रोल 27 पैसे और डीजल 28 पैसे महंगा हुआ। वहां एक लीटर पेट्रोल 101.52 रुपये और एक लीटर डीजल 93.58 रुपये का बिका।
कोलकाता में पेट्रोल 26 पैसे महंगा होकर 95.28 रुपये और डीजल 27 पैसे महंगा होकर 89.07 रुपये प्रति लीटर पर रहा। चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 24 पैसे और डीजल की 26 पैसे बढ़ी। वहां एक लीटर पेट्रोल 96.71 रुपये और एक लीटर डीजल 90.92 रुपये का मिला। पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की रोजाना समीक्षा होती है और उसके आधार पर हर दिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें लागू की जाती हैं।

रिकवरी दर बढ़कर 93.67 फीसदी हुई: भारत

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ने और इस महामारी को मात देने वालों की संख्या में निरंतर इजाफा होने से सक्रिय मामलों की दर घटकर 5.13 प्रतिशत रह गयी है जबकि रिकवरी दर बढ़कर अब 93.67 फीसदी हो गयी है। इस बीच रविवार को 13 लाख 90 हजार 916 लोगों को कोरोना के टीके लगाये गये। देश में अब तक 23 करोड़ 27 लाख 86 हजार 482 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार की सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 1,00,636 नये मामले आने के साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर दो करोड़ 89 लाख नौ हजार 975 हो गया। इस दौरान एक लाख 74 हजार 399 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिसे मिलाकर देश में अब तक दो करोड़ 71 लाख 59 हजार 180 लोग इस महामारी को मात दे चुके हैं।सक्रिय मामले 76 हजार 190 और कम होकर 14 लाख 01 हजार 609 रह गये हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान 2427 मरीज अपनी जान गंवा बैठे और इस बीमारी से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर तीन लाख 49 हजार 186 हो गयी है। देश में कोरोना से मृत्यु दर अभी 1.20 फीसदी है। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में सक्रिय मामले 2494 घटकर 1,88,384 रह गये हैं।

इसी दौरान राज्य में 14433 और मरीजों के ठीक हाेने के बाद कोरोनामुक्त होने वालों की तादाद बढ़कर 55,43,267 हो गयी है जबकि 618 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर एक लाख के पार 1,00,130 हो गया है। केरल में इस दौरान सक्रिय मामले 6984 कम हुए हैं और इनकी संख्या अब 1,61,065 रह गयी है तथा 21,429 मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोना को मात देने वालों की संख्या बढ़कर 24,62,071 हो गयी है

जबकि 227 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 9946 हो गयी है। कर्नाटक में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले 13,770 घटे हैं जिससे इनकी संख्या 2,54,526 रह गयी है। वहीं 320 और मरीजों की मौत से मृतकों का आंकड़ा 31,580 हो गया है। राज्य में अब तक 24,09,417 मरीज स्वस्थ हुए हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के सक्रिय मामले 842 कम हुए हैं और अब इनकी संख्या 5,889 रह गयी है। यहां 34 और मरीजों की मौत के साथ इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 24,591 हो गयी है।

वहीं 13,98,764 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। तेलंगाना में सक्रिय मामले 2,192 घटकर 27,016 रह गये हैं, जबकि अब तक 3378 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 5,60,776 लोग इस महामारी से ठीक हुए हैं। आंध्र प्रदेश में सक्रिय मामले 4,682 घटकर 1,23,426 रह गये हैं। राज्य में कोरोना को मात देने वालों की तादाद 16,23,447 हो गयी है जबकि 11,466 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

तमिलनाडु में सक्रिय मामलों की संख्या 13,174 घटकर 2,44,289 रह गयी है तथा 434 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 27,005 हो गयी है। वहीं 19,65,939 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं। आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान 1,494 सक्रिय मामले कम हुए हैं और इनकी संख्या अब 17,944 रह गयी है। राज्य में इस महामारी से 85 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 21,236 हो गयी है तथा 16,59,209 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

छत्तीसगढ़ में कोरोना के सक्रिय मामले 1,615 घटकर 23,280 रह गये हैं। वहीं 9,44,078 लोग कोरोनामुक्त हो चुके हैं जबकि 25 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 13,217 हो गयी है। मध्य प्रदेश में सक्रिय मामले 1,241 घटकर 10,103 रह गये हैं तथा अब तक 7,66,756 लोग स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 8337 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। पंजाब में सक्रिय मामले 2,294 घटकर 22,160 रह गये हैं तथा संक्रमण से निजात पाने वालों की संख्या 5,42,324 हो गयी है जबकि 15,076 मरीजों की जान जा चुकी है।

गुजरात में सक्रिय मामले 2,079 घटकर 18,008 रह गये हैं तथा अब तक 9,933 लोगाें की मौत हुई है। वहीं 7,88,293 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं। हरियाणा में सक्रिय मामले 877 घटकर 9,097 हो गये हैं। राज्य में इस महामारी से 8,712 लोगों की मौत हो चुकी है तथा अब तक 7,44,482 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले 8,987 घटकर 35,454 रह गये हैं और इस महामारी के संक्रमण से 16,259 लोगों की मौत हुई है। राज्य में अब तक 13,74,419 मरीज स्वस्थ हुए हैं। बिहार में सक्रिय मामले 920 कम होकर 8,708 रह गए है।

राज्य में कोरोना वायरस से अभी तक 5381 लोगों की मौत हुई है, जबकि 6,99,028 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना महामारी से अब तक राजस्थान में 8656 , उत्तराखंड में 6699, झारखंड में 5054, जम्मू-कश्मीर में 4074, असम में 3658, हिमाचल प्रदेश में 3297, ओडिशा में 2994, गोवा में 2760, पुड्डुचेरी में 1628, मणिपुर में 881, चंडीगढ़ में 772, मेघालय में 664 , त्रिपुरा में 564, नागालैंड में 426, सिक्किम में 273, लद्दाख में 195, अरुणाचल प्रदेश में 125, अंडमान-निकाेबार द्वीप समूह में 122, मिजोरम में 55, लक्षद्वीप में 38 तथा दादर-नागर हवेली एवं दमन-दीव में चार लोगों की मौत हुई है।

छवि बचाने के लिए, मौतों के आंकड़ो का दुष्प्रचार

 हरिओम उपाध्याय   
नई दिल्ली/लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को सरकार पर कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन आंकड़ों को लोगों की जान बचाने की बजाय सरकार एवं नेताओं की छवि बचाने के लिए दुष्प्रचार के माध्यम के तौर पर इस्तेमाल किया गया। उन्होंने सरकार से प्रश्न करने की अपनी श्रृंखला ‘जिम्मेदार कौन’ के तहत की गई फेसबुक पोस्ट में उत्तर प्रदेश के कई जिलों के श्मशानों और कब्रस्तानों में अंतिम संस्कार से संबंधित संख्या का हवाला देते हुए यह दावा किया कि देश की सबसे अधिक जनसंख्या वाले प्रदेश में आंकड़ों को छिपाया गया है।कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, ‘‘कोरोना महामारी में लोगों ने सरकार से आंकड़ों की पारदर्शिता की आवश्यकता स्पष्ट की थी। ऐसा इसलिए जरूरी है कि आंकड़ों से ही पता लगता है: बीमारी का फैलाव क्या है, संक्रमण ज्यादा कहां है, किन जगहों को सील करना चाहिए या फिर कहाँ टेस्टिंग बढ़ानी चाहिए। इस पर अमल नहीं हुआ। जिम्मेदार कौन?’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘आज भी टीकाकरण के आंकड़ों की कुल संख्या दी जा रही है आबादी का अनुपात नहीं। और उसमें पहली व दूसरी डोज़ को एक में ही जोड़ कर बताया जा रहा है। ये आंकड़ों की बाज़ीगरी है।’’ प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस से जुड़े तमाम आंकड़ों को केवल सरकारी चैम्बरों में कैद रखा गया एवं वैज्ञानिकों द्वारा पत्र लिखकर इन आकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग के बावजूद भी ये नहीं किया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों ने जांच के आंकड़ों में भारी हेरफेर की। सरकार ने कुल जांच की संख्या में आरटीपीसीआर एवं एंटीजन जांच के आंकड़ों को अलग-अलग करके नहीं बताया। इसके चलते कुल संख्या में तो टेस्ट ज्यादा दिखे लेकिन वायरस का पता लगाने की एंटीजन टेस्ट की सीमित क्षमता के चलते वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या का सही अंदाजा नहीं लग सका।’’

प्रियंका ने सवाल किया, ‘‘वैज्ञानिकों द्वारा बार-बार मांगने के बावजूद कोरोना वायरस के बर्ताव एवं बारीक अध्ययन से जुड़े आंकड़ों को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? केंद्र सरकार आंकड़ों को अपनी छवि बचाने के माध्यम की तरह क्यों प्रस्तुत करती है?’’ उन्होंने यह भी पूछा, ‘‘क्या इनके नेताओं की छवि, लाखों देशवासियों की जान से ज्यादा महत्वपूर्ण है? सही आंकड़ें अधिकतम भारतीयों को इस वायरस के प्रभाव से बचा सकते हैं। आखिर क्यों सरकार ने आंकड़ों को दुष्प्रचार का माध्यम बनाया न कि सुरक्षा का ?’’

50 फ़ीसदी क्षमता के साथ मेट्रो का संचालन प्रारंभ

 उपाध्याय   
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 संबंधी हालात बेहतर होने के बाद दिल्ली मेट्रो की सेवा सोमवार को करीब तीन हफ्ते के अंतराल के बाद बहाल की गई। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो में क्षमता से 50 फीसदी यात्री ही बैठ सकेंगे तथा खड़े रहकर यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की सेवाएं 20 मई को पूरी तरह से निलंबित कर दी गई थीं। कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर दिल्ली में 19 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया था और उसके बाद दिल्ली सरकार इसकी अवधि बढ़ाती गई। शुरुआत में तो मेट्रो सेवा आंशिक तौर पर जारी रही जिसमें केवल आवश्यक सेवाओं के कर्मियों को ही यात्रा करने की इजाजत थी। लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे 10 मई को बंद कर दिया गया। सोमवार को मेट्रो ट्रेन का परिचालन अपने निर्धारित समय सुबह छह बजे से आरंभ हो गया।
डीएमआरसी के एक अधिकारी ने रविवार को कहा था, ‘‘मेट्रो की विभिन्न लाइनों पर केवल आधी ट्रेनों का ही संचालन किया जाएगा और हर पांच से 15 मिनट के अंतराल पर मेट्रो मिला करेगी।’’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को लॉकडाउन में और छूट देने की घोषणा करते हुए कहा था कि सात जून से दिल्ली मेट्रो 50 फीसदी क्षमता के साथ चलेगी तथा बाजार और मॉल सम-विषम आधार पर खुलेंगे।केजरीवाल द्वारा लॉकडाउन के नियमों में ढील देने की घोषणा के बाद डीएमआरसी ने एक वक्तव्य में कहा था, ‘‘सामाजिक दूरी और ट्रेनों के भीतर 50 प्रतिशत यात्रियों का सफर सुनिश्चित करने के वास्ते लोगों को अपने दैनिक आवागमन के लिए अतिरिक्त समय लेने और स्टेशनों के बाहर प्रवेश के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा करते समय भी कोविड उपयुक्त व्यवहार करने की सलाह दी जाती है।’’

रविवार, 6 जून 2021

बीजेपी पर निशाना साधने का काम कर रहें राहुल

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार बीजेपी पर निशाना साधने का काम कर रहे हैं। उन्होंने ब्लू टिक को लेकर चल रहे विवाद के बीच कहा कि सरकार ब्लू टिक के लिए लड़ लेगी, जिसे टीका चाहिए तो आत्मनिर्भर बनो। इसके साथ ही उन्होंने हैशटैग प्रायोरिटी का भी इस्तेमाल किया। देश में कोरोना के मामले भले ही कम हो गए हों। लेकिन, अभी भी सरकार को इसके लिए लगातार काम करना होगा। 
ट्विटर ने हाल ही में अपनी ब्लू टिक वेरीफिकेशन प्रोसेस को दोबारा शुरू किया है और इसके साथ ही उसने पुराने हैंडल्स को क्रॉस-चेक करते हुए ब्लू टिक को हटाना शुरू किया है। इसे प्राप्त करने के लिए, आपका खाता ऑथेंटिक, नोटेबल और सक्रिय होना चाहिए। ब्लू टिक का उद्देश्य वेरीफाइड करने के लिए ट्विटर के साथ एक अकाउंट की पहचान की पुष्टि करके प्लेटफॉर्म पर यूजर्स के बीच विश्वास को प्रोत्साहित करना और बनाए रखना है।

पिज़्ज़ा पहुंचाया जा सकता है घर-घर, राशन नहीं

सत्येंद्र ठाकुर   

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से एक बार फिर घर-घर राशन योजना पर रोक लगाए जाने से बुरी तरह से खिन्न हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि जब होम डिलीवरी के तहत घर-घर जाकर पिज्जा पहुंचाया जा सकता है तो राशन की होम डिलीवरी क्यों नहीं की जा सकती है?

रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि राजधानी दिल्ली में इस सप्ताह से सरकार द्वारा घर-घर राशन पहुंचाने की योजना आरंभ की जाने वाली थी। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए समूची तैयारियां हो चुकी थी। लेकिन केंद्र सरकार ने 2 दिन पहले ही इस योजना को शुरू होने से रोक दिया है। केंद्र सरकार का दावा है कि हमने उससे इस योजना को शुरू करने की मंजूरी नही ली है। जबकि हम एक बार नहीं बल्कि 5 बार घर-घर राशन पहुंचाने की योजना की मंजूरी ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि कानून के लिहाज से हमें केंद्र सरकार से इस योजना को शुरू करने के लिए मंजूरी की जरूरत नहीं है। फिर भी हमने शिष्टाचार के नाते 5 बार केंद्र से मंजूरी ली। उन्होंने कहा कि जब पिज्जा की घर घर जाकर होम डिलीवरी की जा सकती है तो लोगों को पेट भरने के लिए उनके घर राशन क्यों नहीं पहुंचाया जा सकता है? उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा है कि आखिर राशन की होम डिलीवरी क्यों नहीं होनी चाहिए? राशन माफिया के साथ जब आप खड़े होंगे तो गरीबों के साथ कौन खड़ा होगा। 

उन्होंने कहा कि उन 7000000 गरीबों का क्या होगा जिनका राशन यह माफिया चोरी कर लेते हैं? मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार कोरोना महामारी की मुसीबत के समय भी सभी के साथ लड़ाई भिड़ाई करने पर उतारू है। पश्चिम बंगाल में वह ममता दीदी के साथ लड़ रही है तो झारखंड में वहां की सरकार के साथ केंद्र दो-दो हाथ करने को तैयार है। महाराष्ट्र में भी उद्धव सरकार के साथ केंद्र की लड़ाई चल रही है। जबकि केंद्र सरकार को यह सोचना चाहिए कि यह समय लड़ने का नहीं बल्कि संयुक्त रूप से काम करने का है। जिससे कोरोना को देश से भगाते हुए लोगों को संक्रमण और लाॅकडाउन जैसी पाबंदियों से बाहर निकाला जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इस सारी योजना का समूचा श्रेय केंद्र सरकार को देने के लिए तैयार हूं। मगर योजना को शुरू होने से रोका नहीं जाना चाहिए।

ऑपरेशन की 37वीं बरसी, खालिस्तान के नारे लगे

अमित शर्मा   

अमृतसर। ऑपरेशन ब्लू स्टार की 37वीं बरसी को देखते हुए आज पूरे पंजाब में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस अवसर पर सिख संगठनों ने अमृतसर के श्री हरमंदिर साहिब परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे और अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर भी दिखाई दिए। इस दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कौम के नाम संदेश पढ़ा और इससे पहले अरदास में जरनैल सिंह भिंडरा वाले, बाबा टारा सिंह और जरनैल सुबेग सिंह को कौम का शहीद करार दिया गया। लाल किले पर झंडा फहराने वाले दीप सिद्दू भी इस समागम में दिखाई दिए। प्रशासन ने पूरे अमृतसर की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।

ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star)की बरसी को लेकर पंजाब सरकार ने पूरे प्रदेश में सुरक्षा कड़ी कर दी है। श्री अकाल तक्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कौम के नाम संदेश में कहा की 37 वर्ष पहले भारत की सेना ने पाकिस्तान और चीन की तरह श्री हरमंदिर साहिब पर चैंकों और तोपों से हमला किया और विजेता सेना की तरह सिखों के साथ व्यवहार किया गया था।

क्या है ऑपरेशन ब्लू स्टार

ऑपरेशन ब्लूस्टार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अमृतसर में हरमंदिर साहिब कॉम्प्लेक्स (स्वर्ण मंदिर) में छिपे सिख आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए एक सैन्य कार्रवाई थी। पहली जून से 8 जून 1984 के बीच किए गए ऑपरेशन में कई लोगों की जान चली गई और मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं इस ऑपरेशन के बाद ही प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिससे प्रतिशोध की एक और लहर शुरू हो गई थी जिसमें लगभग 3,000 सिख मारे गए थे।

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