मंगलवार, 14 सितंबर 2021
शिकायतों को खत्म करने की कोशिश, जवाब दिया
सोमवार, 13 सितंबर 2021
सरकार के गठन के बाद अमेरिका ने फैसला लिया
वाशिंगटन डीसी/ काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे और अंतरिम सरकार के गठन के बाद अमेरिका ने सोमवार को अहम फैसला लिया है। अमेरिका ने अफगानिस्तान के लोगों की आर्थिक मदद करने की घोषणा की है। वह अफगानिस्तान की जनता के लिए तकरीबन 64 मिलियन डॉलर की मदद करने जा रहा है।
मीडिया हाउस 'टोलो न्यूज' ने जानकारी दी है कि संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशन) में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉम्पसन-ग्रीनफील्ड ने आर्थिक सहायता को मानवीय सहायता के रूप में बताया है। उन्होंने यूएन में कहा है कि अफगानिस्तान की स्थिति गंभीर है। ऐसे में अमेरिका ने नई मानवीय सहायता के रूप में 64 मिलियन डॉलर देने का वादा किया है। जमीनी हालात के बारे में और आकलन करने के बाद भविष्य में और अधिक राशि दिए जाने पर भी विचार होगा।
ऑस्ट्रेलिया की अदालत में पेश हुई प्रधानाध्यापिका
हालिया मिसाइल परीक्षण के बारे में जानकारी मिली
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका ने कहा है कि उसे उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल परीक्षण के बारे में जानकारी मिली है और वह इस तरह की गतिविधि को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरा मानता है।
उत्तर कोरियाई समाचार एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने सोमवार तड़के बताया कि उत्तर कोरिया ने सप्ताहांत में लंबी दूरी तक प्रहार करने में सक्षम एक नये तरह की क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया। अमेरिकी रक्षा विभाग 'पेंटागन' ने कहा, "हम डीपीआरके क्रूज मिसाइल लॉन्च की रिपोर्ट से अवगत हैं। हम स्थिति की निगरानी करना जारी रखेंगे और अपने सहयोगियों तथा साझीदारों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं।"
पेंटागन ने उत्तर कोरिया की सैन्य गतिविधि को 'उसके पड़ोसियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष खतरे' को उजागर करने वाला बताया और कहा कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। केसीएनए के अनुसार, उत्तर कोरिया ने शनिवार और रविवार को नई मिसाइलों का परीक्षण किया। लंबी दूरी तक मारक क्षमता वाली इन क्रूज मिसाइलों ने लक्ष्य को भेदने से पहले 1,500 किलोमीटर (932 मील) की उड़ान भरी। एजेंसी ने बताया कि दो साल की तैयारी और शोध के बाद किया गया यह परीक्षण सफल रहा।
हमला: हमास के बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया
मॉस्को। इजरायल ने गाजा से शुक्रवार से जारी रॉकेट हमलों के जवाब में हमास के बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने सोमवार तड़के यह जानकारी दी। उसने ट्विटर पर कहा, "गाजा से आतंकवादियों ने लगातार तीसरी रात इजरायल पर रॉकेट दागे, जिससे गाजा और इजरायल में लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया। जवाब में, हमने सैन्य प्रशिक्षण के लिए उपयोग किये जाने वाले चार हमास परिसरों, एक हथियार कार्यशाला और एक भूमिगत आतंकवादी सुरंग के प्रवेश द्वार पर हमले किये।"
लगभग एक घंटा पहले, आईडीएफ ने कहा कि आयरन डोम एरियल डिफेंस सिस्टम ने गाजा से दक्षिणी इजरायल की ओर दागे गये एक रॉकेट को मार गिराया है। आईडीएफ ने रविवार शाम कहा कि आयरन डोम एरियल डिफेंस सिस्टम ने गाजा से दागे गये एक रॉकेट को मार गिराया। उसने रविवार सुबह कहा कि इजरायल की सेना ने शनिवार को गाजा से इजरायल की ओर रॉकेट लॉन्च के जवाब में गाजा पट्टी में एक रॉकेट उत्पादन संयंत्र सहित हमास के कई ठिकानों पर हमले किये।
इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वेस्ट बैंक में शनिवार शाम सैकड़ों फिलीस्तीनी नागरिक इजरायली सेना के साथ भिड़ गये। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस के गोले दागे गये और कई लोग घायल हो गये।गाजा से शुक्रवार देर रात इजरायल पर एक रॉकेट दागा गया। आईडीएफ ने शनिवार सुबह कहा कि उसने रॉकेट हमले के जवाब में हमास के ठिकानों को निशाना बनाया था।
रविवार, 12 सितंबर 2021
हाई एल्टिट्युड एरियल डिफेंस सिस्टम को हटाया
काबुल/ वाशिंगटन डीसी। अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अमेरिका ने सऊदी अरब में तैनात पैट्रियट मिसाइल सिस्टम और टर्मिनट हाई एल्टिट्युड एरियल डिफेंस सिस्टम को हटा दिया है। आखिर अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों के हटने के बाद बाइडन प्रशासन ने सऊदी अरब में यह कदम क्यों उठाया। क्या अमेरिका ने सच में सऊदी अरब का साथ छोड़ दिया। इसके पीछे बाइडन प्रशासन की क्या रणनीति है। अमेरिका की इस रणनीति के पीछे चीन का क्या लिंक है। आइए जानते हैं विशेषज्ञों की राय।
प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन अब सेना को पूरी तरह से चीन पर केंद्रित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अब बाइडन प्रशासन का पूरा ध्यान चीन पर होगा जो राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर उसका मुख्य प्रतिद्वंदी बनकर उभरा है। प्रो. पंत ने कहा कि बाइडन ने शुरू में यह संकेत दिया था कि वह ईरान के साथ तनाव कम करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते पर फिर से बातचीत करने का इच्छुक हैं।उद्योगपति-पूंजीपतियों की पसंदीदा है मोदी सरकार
बांदा। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि देश में किसी पार्टी की नहीं बल्कि चंद उद्योगपति और पूंजीपतियों की पंसदीदा नरेन्द्र मोदी की सरकार है।
राकेश टिकैत ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि देश में अगर किसी राजनीतिक दल की सरकार होती तो किसानों की समस्याओं पर विचार कर 10 माह से चलाए गए आंदोलन को समाप्त करने का हल निकाला जाता। देश में सिर्फ मोदी सरकार है और उनके साथ बड़ी-बड़ी कंपनियां है। जिसके चलते आंदोलन के मुद्दों में सुनवाई नहीं हो रही है।
पाक के खिलाफ ताजिकिस्तानियों ने मोर्चा खोला
बट्ट का बयान मीडिया में जारी खबरों के बाद आया
मसूद के किसी भी देश भागने की अफवाहें झूठी
काबुल। पंजशीर घाटी में रेजिस्टेंस फोर्स का नेतृत्व करने वाले अहमद मसूद अभी भी अफगानिस्तान में ही हैं। हालांकि, पंजशीर के 70 फीसदी मुख्य इलाकों पर अब तालिबान का कब्जा हो चुका है। ईरानी की न्यूज एजेंसी ‘फार्स’ ने कुछ सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। समाचार एजेंसी ने बताया है कि पूर्व अफगान गुरिल्ला कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के तुर्की या किसी और देश भागने की अफवाहें झूठी हैं। मसूद अफगानिस्तान में ही किसी सुरक्षित ठिकाने पर मौजूद हैं।
तालिबान ने बीते हफ्ते ही यह ऐलान किया था कि अब तक अजेय रहे पंजशीर प्रांत पर भी उसने कब्जा कर लिया है। हालांकि, तालिबान से लोहा ले रही विद्रोही सेना नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट यानी एनआरएफ ने इस दावे को खारिज किया था। एनआरएफ का नेतृत्व अहमद मसूद और पूर्व अफगान उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह कर रहे हैं। सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का केयरटेकर राष्ट्रपति भी घोषित किया था। बीते महीने 14 अगस्त को राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद ही तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण का ऐलान कर दिया था। हालांकि, पंजशीर घाटी पर अब तक उसका नियंत्रण नहीं हो सका था। वहीं, एनआरएफ का कहना था कि अभी भी वह पंजशीर के अहम इलाकों में मौजूद है और उनकी जंग जारी रहेगी।
मसूद के करीबी कासिम मोहम्मदी के हवाले से समाचार एजेंसी फार्स ने लिखा है, ‘हालिया दिनों में तालिबान पंजशीर में घुसा है और अब 70 फीसदी मुख्य सड़कों पर उसका कब्जा है, लेकिन पंजशीर घाटी अब भी पूरी तरह विद्रोही बलों के नियंत्रण में है।’ बीते बुधवार, ताजिकिस्तान में अपदस्थ अफगान सरकार के राजदूत ने भी यह कहा था कि अहमद मसूद और अमरुल्लाह सालेह अफगानिस्तान से भागे नहीं है और उनकी सेना अभी भी तालिबान से लोहा ले रही है। राजदूत जाहिर अगबर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि वह सालेह से लगातार संपर्क में हैं और सुरक्षा कारणों की वजह से वे और रेजिस्टेंस लीडर्स किसी तरह के संवाद से दूर हैं।
इस बीच अमरुल्लाह सालेह के भतीजे ने बताया कि तालिबान ने सालेह के भाई और उनके ड्राइवर को पंजशीर घाटी में मार गिराया है। उन्होंने बताया कि रोहुल्लाह सालेह अजीजी अपनी गाड़ी से कहीं जा रहे थे और तभी तालिबान लड़ाकों ने एक चेकपॉइंट पर उनकी गाड़ी रोकी और गोलियां बरसा दीं।
शनिवार, 11 सितंबर 2021
प्रवास के लिए जनता को दिखाया तैयार 'एयरबेस'
हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से 5 की मौंत हुईं
मॉस्को। कोटे डी आइवर के उत्तरी हिस्से में सैन्य हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से पांच लोगों की मौत हो गयी। एजेंस फ्रांस-प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एमआई-24 बुर्किना फासो के साथ सीमा के पास एक टोही मिशन के दौरान शुक्रवार तड़के दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। घटना की जांच शुरू कर दी गयी है।
मकान में गैस विस्फोट से एक महिला की मौंत हुईं
वोरोनिश। रूस में येलेट्स शहर के समीप दो मंजिला आवासीय मकान में गैस विस्फोट से एक महिला की मौत हो गयी और छह अन्य घायल हो गये। स्थानीय आपातकालीन सेवा अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को हुई इस घटना में मकान का एक हिस्सा नष्ट हो गया। विस्फोट से एक महिला की मौत हो गयी जबकि छह अन्य घायल हुए हैं। घायलों को मलबे से निकाल लिया गया है। जबकि तीन लोगों के अभी भी मलबे के नीचे दबे हैं। जिन्हें निकालने का काम जारी है।
इससे पहले बुधवार को मॉस्को क्षेत्र के नोगिंस्क शहर में बुधवार को इसी तरह की घटना में सात लोगों की मौत हो गयी थी।
प्रदर्शनकारियों को तालिबान की ओर निशाना बनाया
शुक्रवार, 10 सितंबर 2021
अमेरिकी राष्ट्रपति ने चिनफिंग से मुलाकात की
अजब: इटली के समुंद्र से मिली एक अजूबा शार्क
पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने से एक व्यक्ति की मौंत
समुदाय व अमेरिका की उम्मीदों के अनुरूप नहीं
गुरुवार, 9 सितंबर 2021
नई तालिबान सरकार पर अमेरिका ने जताई चिंता
वाशिंगटन डीसी/ काबुल। अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार को लेकर अमेरिका ने चिंता जताई है। अमेरिका का कहना है कि सरकार में जिन लोगों को जोड़ा गया है। उनका ट्रैक रिकॉर्ड विश्वास करने वाला नहीं है। अब अमेरिका के इस बयान पर तालिबान भड़क गया है। तालिबान ने साफ कहा है कि इस तरह का बयान या कोई बैन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तालिबान द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका ने हक्कानी गुट को लेकर जो बयान दिया है। वह पूरी तरह से दोहा एग्रीमेंट का उल्लंघन है। इस तरह का बयान अफगानिस्तान या अमेरिका, किसी के भी हक का नहीं है। तालिबान ने कहा है कि हक्कानी साहब का परिवार भी इस्लामिक अमीरात का हिस्सा है। वह कोई अलग नहीं है। ऐसे में दोहा एग्रीमेंट के तहत इस्लामिक अमीरात के सभी सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की ब्लैकलिस्ट से तुरंत हटा देना चाहिए। इसकी मांग लंबे वक्त से है।
तालिबान ने दो टूक कहा कि अमेरिका और अन्य देशों द्वारा इस्लामिक अमीरात को लेकर जो बयान दिए जा रहे हैं, वह बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं। इस तरह के बयानों को तुरंत रोका जाना चाहिए। अमेरिका को अपनी नीति में बदलाव करना चाहिए।
तूफान की चपेट में मरने वालों की संख्या-82 हुईं
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