अंतरराष्ट्रीय लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
अंतरराष्ट्रीय लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 14 सितंबर 2021

शिकायतों को खत्म करने की कोशिश, जवाब दिया

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान से सेना वापस बुलाने के तरीके पर रिपब्लिकन सांसदों की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि जो बाइडन प्रशासन को युद्ध को खत्म करने के लिए तालिबान के साथ समझौता विरासत में मिला लेकिन इसके लिए कोई योजना नहीं मिली थी।
सदन की विदेश मामलों की समिति के समक्ष सोमवार को सुनवाई के दौरान ब्लिंकन ने अफगान सरकार के अचानक गिरने को लेकर नाराज सांसदों की शिकायतों को खत्म करने की कोशिश करते हुए जवाब दिया और खासतौर से अमेरिकियों तथा अन्य लोगों को बाहर निकालने के लिए विदेश विभाग के कदमों की जानकारी दी। उन्होंने सोमवार को कहा, ”हमें समयसीमा विरासत में मिली। हमें कोई योजना विरासत में नहीं मिली।” उन्होंने कहा कि प्रशासन ने 20 साल के युद्ध को खत्म करके सही चीज की।
विदेश मंत्री ने कहा, ”हमने अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को खत्म करके सही फैसला किया।” वह मंगलवार को सीनेट की विदेश संबंधों की समिति के समक्ष पेश होंगे। रिपब्लिकन सांसदों ने अफगानिस्तान से अमेरकी सेना की वापसी की प्रक्रिया को ”तबाही और अपमान” बताया। कुछ डेमोक्रेट्स सांसदों ने कहा कि यह अभियान बेहतर तरीके से चलाया जा सकता था जबकि कई अन्य ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की।
विदेश विभाग को अमेरिकी नागरिकों, वैध निवासियों और खतरे में पड़े अफगान नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त और तेजी से कदम न उठाने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर 15 अगस्त को कब्जा जमाया था। ब्लिंकन ने बताया कि करीब 100 अमेरिकी नागरिक अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं जिन्होंने देश से बाहर निकाले जाने की इच्छा जतायी है।
साथ ही ”कई हजार” ग्रीन कार्ड धारक भी देश में हैं। रिपब्लिकन सांसदों के सवालों से पहले रिपब्लिकन नेशनल कमिटी ने सोमवार को ”ब्लिंकन को बर्खास्त करो” बैनर के साथ एक बयान जारी कर मांग की कि उन्हें बार-बार की नाकामियों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।
रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों की समिति ने कहा, ”ब्लिंकन के अफगानिस्तान की स्थिति से बेहद खराब तरीके से निपटने और कमजोर नेतृत्व ने अमेरिकी लोगों की जान खतरे में डाल दी और कुछ अमेरिकी अब भी अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं।” ब्लिकंन को बाइडन का बेहद करीबी माना जाता है लेकिन अफगानिस्तान से सेना को वापस बुलाने के प्रशासन के तरीके को लेकर रिपब्लिकन ही नहीं बल्कि डेमोक्रेट सांसद भी उनकी आलोचना कर रहे हैं।

सोमवार, 13 सितंबर 2021

सरकार के गठन के बाद अमेरिका ने फैसला लिया

वाशिंगटन डीसी/ काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे और अंतरिम सरकार के गठन के बाद अमेरिका ने सोमवार को अहम फैसला लिया है। अमेरिका ने अफगानिस्तान के लोगों की आर्थिक मदद करने की घोषणा की है। वह अफगानिस्तान की जनता के लिए तकरीबन 64 मिलियन डॉलर की मदद करने जा रहा है।

मीडिया हाउस 'टोलो न्यूज' ने जानकारी दी है कि संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशन) में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉम्पसन-ग्रीनफील्ड ने आर्थिक सहायता को मानवीय सहायता के रूप में बताया है। उन्होंने यूएन में कहा है कि अफगानिस्तान की स्थिति गंभीर है। ऐसे में अमेरिका ने नई मानवीय सहायता के रूप में 64 मिलियन डॉलर देने का वादा किया है। जमीनी हालात के बारे में और आकलन करने के बाद भविष्य में और अधिक राशि दिए जाने पर भी विचार होगा।

ऑस्ट्रेलिया की अदालत में पेश हुई प्रधानाध्यापिका

मेलबर्न। बाल यौन अपराध में आरोपी स्कूल की एक पूर्व प्रधानाध्यापिका सोमवार को ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत में पेश हुई। आरोपी को छह साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद इजराइल से प्रत्यर्पित किया गया था। मालका लीफर (54) पर मुकदमा चलने लायक पर्याप्त साक्ष्य हैं या नहीं इस पर फैसला लेने के लिए ‘मेलबर्न मजिस्ट्रेट्स कोर्ट’ में सुनवाई शुरू हुई।
लीफर पर 2004 से 2008 के बीच मेलबर्न के एडस इजराइल स्कूल की प्रमुख के तौर पर काम करते हुए बच्चियों के बाल यौन अपराध संंबंधित बलात्कार समेत 74 आरोप हैं। सुनवाई अगले सोमवार तक चलने की उम्मीद है और सिस्टर दस्सी एर्लिच, निकोल मेयर और एली सैपर उन 10 चश्मदीदों में से हैं जिन्हें सुनवाई के दौरान गवाही देनी है। लीफर को जनवरी में इजराइल से प्रत्यर्पित किया गया।
उसके प्रत्यर्पण में हो रही देरी पर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों और यहूदी नेताओं ने सरकार की आलोचना की थी। आरोपी का जन्म इजराइल में हुआ था और 2008 में उसके विरुद्ध आरोप लगने शुरू हुए थे। बाद में उसने स्कूल छोड़ दिया और इजराइल वापस चली गई थी।
दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि है लेकिन लीफर पर आरोप लगाने वालों समेत कई आलोचकों ने कहा था कि इजराइली अधिकारियों ने मामले को लंबा खींचा। वहीं, लीफर का दावा था कि वह मुकदमे का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थी। इजराइली मनोवैज्ञानिकों के एक दल ने पिछले साल यह पाया कि लीफर अपनी मानसिक स्थिति के बारे में झूठ बोल रही है।

दिसंबर में इजराइल की सर्वोच्च अदालत ने उसके प्रत्यर्पण के विरोध में दायर याचिका खारिज कर दी और इजराइल ने न्याय मामलों के मंत्री ने आरोपी को ऑस्ट्रेलिया भेजने का आदेश पर हस्ताक्षर किये।

हालिया मिसाइल परीक्षण के बारे में जानकारी मिली

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका ने कहा है कि उसे उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल परीक्षण के बारे में जानकारी मिली है और वह इस तरह की गतिविधि को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरा मानता है।

उत्तर कोरियाई समाचार एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने सोमवार तड़के बताया कि उत्तर कोरिया ने सप्ताहांत में लंबी दूरी तक प्रहार करने में सक्षम एक नये तरह की क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया। अमेरिकी रक्षा विभाग 'पेंटागन' ने कहा, "हम डीपीआरके क्रूज मिसाइल लॉन्च की रिपोर्ट से अवगत हैं। हम स्थिति की निगरानी करना जारी रखेंगे और अपने सहयोगियों तथा साझीदारों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं।"

पेंटागन ने उत्तर कोरिया की सैन्य गतिविधि को 'उसके पड़ोसियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष खतरे' को उजागर करने वाला बताया और कहा कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। केसीएनए के अनुसार, उत्तर कोरिया ने शनिवार और रविवार को नई मिसाइलों का परीक्षण किया। लंबी दूरी तक मारक क्षमता वाली इन क्रूज मिसाइलों ने लक्ष्य को भेदने से पहले 1,500 किलोमीटर (932 मील) की उड़ान भरी। एजेंसी ने बताया कि दो साल की तैयारी और शोध के बाद किया गया यह परीक्षण सफल रहा।

हमला: हमास के बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया

मॉस्को। इजरायल ने गाजा से शुक्रवार से जारी रॉकेट हमलों के जवाब में हमास के बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने सोमवार तड़के यह जानकारी दी। उसने ट्विटर पर कहा, "गाजा से आतंकवादियों ने लगातार तीसरी रात इजरायल पर रॉकेट दागे, जिससे गाजा और इजरायल में लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया। जवाब में, हमने सैन्य प्रशिक्षण के लिए उपयोग किये जाने वाले चार हमास परिसरों, एक हथियार कार्यशाला और एक भूमिगत आतंकवादी सुरंग के प्रवेश द्वार पर हमले किये।"

लगभग एक घंटा पहले, आईडीएफ ने कहा कि आयरन डोम एरियल डिफेंस सिस्टम ने गाजा से दक्षिणी इजरायल की ओर दागे गये एक रॉकेट को मार गिराया है। आईडीएफ ने रविवार शाम कहा कि आयरन डोम एरियल डिफेंस सिस्टम ने गाजा से दागे गये एक रॉकेट को मार गिराया। उसने रविवार सुबह कहा कि इजरायल की सेना ने शनिवार को गाजा से इजरायल की ओर रॉकेट लॉन्च के जवाब में गाजा पट्टी में एक रॉकेट उत्पादन संयंत्र सहित हमास के कई ठिकानों पर हमले किये।

इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वेस्ट बैंक में शनिवार शाम सैकड़ों फिलीस्तीनी नागरिक इजरायली सेना के साथ भिड़ गये। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस के गोले दागे गये और कई लोग घायल हो गये।गाजा से शुक्रवार देर रात इजरायल पर एक रॉकेट दागा गया। आईडीएफ ने शनिवार सुबह कहा कि उसने रॉकेट हमले के जवाब में हमास के ठिकानों को निशाना बनाया था।

रविवार, 12 सितंबर 2021

हाई एल्टिट्युड एरियल डिफेंस सिस्‍टम को हटाया

काबुल/ वाशिंगटन डीसी। अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अमेरिका ने सऊदी अरब में तैनात पैट्रियट मिसाइल सिस्टम और टर्मिनट हाई एल्टिट्युड एरियल डिफेंस सिस्‍टम को हटा दिया है। आखिर अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सैनिकों के हटने के बाद बाइडन प्रशासन ने सऊदी अरब में यह कदम क्‍यों उठाया। क्‍या अमेरिका ने सच में सऊदी अरब का साथ छोड़ दिया। इसके पीछे बाइडन प्रशासन की क्‍या रणनीति है। अमेरिका की इस रणनीति के पीछे चीन का क्‍या लिंक है। आइए जानते हैं विशेषज्ञों की राय।

प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन अब सेना को पूरी तरह से चीन पर केंद्र‍ित करना चाहते हैं। उन्‍होंने कहा कि अब बाइडन प्रशासन का पूरा ध्‍यान चीन पर होगा जो राष्‍ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर उसका मुख्‍य प्रतिद्वंदी बनकर उभरा है। प्रो. पंत ने कहा कि बाइडन ने शुरू में यह संकेत दिया था कि वह ईरान के साथ तनाव कम करेंगे। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका अंतरराष्‍ट्रीय परमाणु समझौते पर फिर से बातचीत करने का इच्‍छुक हैं। 
हालांकि, बाइडन के पूर्ववर्ती डोनाल्‍ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ सख्‍त रुख अपना रखा था। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय को लगता है कि खाड़ी देशों में अब जंग का खतरा कम हुआ है। इस बीच, सऊदी अरब ने खुद से हूती विद्रोहियों के खिलाफ अपनी सुरक्षा को मजबूत कर लिया है। उन्‍होंने कहा कि इसी रणनीति के तहत अमेरिका ने खाड़ी देशों सऊदी अरब, इराक, कुवैत, जॉर्डन से आठ पैट्रियोटऐंटी मिसाइल स‍िस्‍टम हटाने का फैसला लिया था। उन्‍होंने कहा कि बाइडन प्रशासन के रुख में यह बदलाव खाड़ी देशों में तनाव के कम होने और सऊदी अरब-ईरान में बातचीत शुरू होने और अमेरिका के रणनीतिक अनिवार्यता में बदलाव के बाद आया है। बाइडन प्रशासन ने यह फैसला ऐसे समय पर लिया है जब अफगानिस्‍तान से भी अमेरिकी अभियान खत्‍म हो गया है। इस वजह से इस इलाके से सैनिकों और हथियारों को कम किया जा रहा है।

उद्योगपति-पूंजीपतियों की पसंदीदा है मोदी सरकार

बांदा। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि देश में किसी पार्टी की नहीं बल्कि चंद उद्योगपति और पूंजीपतियों की पंसदीदा नरेन्द्र मोदी की सरकार है।

राकेश टिकैत ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि देश में अगर किसी राजनीतिक दल की सरकार होती तो किसानों की समस्याओं पर विचार कर 10 माह से चलाए गए आंदोलन को समाप्त करने का हल निकाला जाता। देश में सिर्फ मोदी सरकार है और उनके साथ बड़ी-बड़ी कंपनियां है। जिसके चलते आंदोलन के मुद्दों में सुनवाई नहीं हो रही है।

पाक के खिलाफ ताजिकिस्तानियों ने मोर्चा खोला

काबूल। अफगानिस्तान में पंजशीर की सेना के खिलाफ तालिबान का समर्थन करने वाले पाकिस्तान के खिलाफ ताजिकिस्तान के लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। प्रदर्शनकारी ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन के आगामी शिखर सम्मेलन के दौरान इमरान खान के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं। तालिबान का पंजशीर को छोड़कर पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा था, इसे लेकर उसने अपने सरकार की घोषणा को भी दो बार टाल दिया था। 
इसके बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ फैज हमीद काबुल पहुंचे थे। इसके दूसरे दिन ही तालिबान ने पंजशीर पर हमले किए थे। पंजशीर के लड़ाकों ने आरोप लगाया कि उस पर पाकिस्तानी वायु सेना के विमानों ने हमला किया है। इसमें उसके दो बड़े नेता मारे गए। इस हमले के विरोध में राजधानी काबुल समेत ताजिकिस्तान में भी विरोध हुए।
रूस ने पंजशीर के सहयोगी ताजिकिस्तान को 12 बख्तरबंद वाहन और सैन्य उपकरणों का जखीरा भेजा है। रक्षा मंत्रालय के एक बयान में मेजर जनरल येवगेनी सिंडाइकिन ने कहा कि तजाकिस्तान की दक्षिणी सीमा के पास बढ़ती अस्थिरता को देखते हुए हम अपने राज्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। तालिबान के साथ लड़ाई में पंजशीर के लड़ाकों को ताजिकिस्तान समर्थन देता आया है। अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह और नॉर्दर्न अलायंस के प्रमुख अहमद मसूद के ताजिकिस्तान में शरण लेने की खबरें थीं। तालिबान शरिया कानून को लागू करने को लेकर किस कदर हावी है, इसका नजारा काबुल यूनिवर्सिटी में देखने को मिला। तालिबान के नेताओं ने यहां शरिया को लेकर एक लेक्चर का आयोजन किया। कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली 300 युवतियां शामिल हुईं। सभी युवतियां सर से पांव तक बुर्के से ढंकी हुई थीं।

युवतियों को शरिया कानून मानने के लिए शपथ भी दिलाई गई। इस दौरान हर युवती के हाथ में तालिबान का झंडा भी था। तालिबान ने अपने शासन में महिलाओं के लिए विशेष तौर पर ये ड्रेस कोड जारी किया है। इससे पहले कॉलेज और यूनिवर्सिटी में क्लास के दौरान भी लड़कों और लड़कियों को अलग-अलग बैठने का फरमान जारी किया है। यूनिवर्सिटी में लेक्चर दे रही महिला भी सिर से पांव तक बुर्के से ढंकी हुई थी। उसके सामने ही तालिबानी खड़े थे। पॉडियम के पास और हॉल के गेट पर भी तालिबानियों का पहरा था।

अफगानिस्तान में तालिबानी राज के बीच पाकिस्तान और चीन को अपने यहां मौजूद विद्रेाही संगठनों से खतरा महसूस होने लगा है। दोनों देशों ने तालिबान से इन संगठनों को पनाह न देने की अपील की है। इस संगठनों में पाकिस्तान स्थित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और चीन में उइगर और पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) शामिल हैं। पाकिस्तान सरकार की पहल पर पाकिस्तान, चीन, ईरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने 8 सितंबर को वर्चुअल मीटिंग के जरिए अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के बीच अफगान मुद्दे पर बैठक की थी। जहां TTP और बीएलए को पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के रूप में प्रतिबंधित किया गया है, वहीं ईटीआईएम चीन के लिए खतरा है।
तालिबान के लड़ाकों ने पंजशीर में एक युवक को उसके घर से निकालकर सड़क पर दिनदहाड़े गोलियों से भून डाला। अफगानिस्तान के न्यूज पोर्टल के मुताबिक तालिबान का आरोप है कि यह युवक पंजशीर के नॉर्दर्न अलायंस की सेना में शामिल था। हालांकि, मृतक का दूसरा साथी तालिबानियों को उसका आईडी कार्ड दिखाता रह गया, लेकिन वे नहीं माने और उसकी जान ले ली। इससे पहले तालिबानियों ने पंजशीर पर कब्जे का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि अहमद मसूद और अमरुल्लाह सालेह पंजशीर छोड़ कर भाग गए हैं। वहीं पंजशीर के लड़ाकों ने कहा था कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। नॉर्दर्न अलायंस और रेजिस्टेंस फोर्स के मुखिया अहमद मसूद ने कहा था कि पंजशीर पर तालिबान के कब्जे का दावा झूठा है। हमारे लड़ाके अभी भी उनका सामना कर रहे हैं।
अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने भी एक हफ्ते पहले एक वीडियो जारी कर पंजशीर से भागने की बात का खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि वे आखिरी सांस तक तालिबान के खिलाफ लड़ते रहेंगे। इससे पहले तालिबानियों ने उनके बड़े भाई की पंजशीर में हत्या कर दी थी। तालिबानियों ने उनके परिवार को शव देने से भी मना कर दिया। तालिबान ने कहा कि उसका शव सड़ जाना चाहिए।

बट्ट का बयान मीडिया में जारी खबरों के बाद आया

काबूल। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर सलमान बट्ट का मानना ​​है कि भारतीय इंडिया कप्तान विराट कोहली को 'डर्टी गेम' का निशाना बना रही है। बट्ट का बयान मीडिया में जारी उन खबरों के बाद आया है। जिसमें कहा जा रहा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के दौरान विराट कोहली के कुछ फैसलों से नाखुश था। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि भारत अगर संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले टी20 विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहता है तो विराट की जगह रोहित शर्मा को टी20 का कप्तान बनाया जा सकता है।
बट्ट ने अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा, 'क्या आप इस खबर की टाइमिंग देखते हैं? मुझे इस बात से कोई दिक्कत नहीं है कि बोर्ड क्या सोचता है, यह उनके अपने मूल्यांकन के बारे में है कि कौन अपने क्रिकेट को आगे ले जा सकता है...लेकिन क्या यह इन बातों पर चर्चा करने का समय है? अब बात हो रही है कि विराट कोहली की कप्तानी खतरे में है। उन्होंने हाल ही में इंग्लैंड में एक सीरीज खेली, अपनी टीम को शानदार तरीके से लीड किया। लेकिन टीम चयन को लेकर उनकी आलोचना की जा रही है। हालांकि इसके बावजूद वह लगातार अपनी टीम को सपोर्ट कर रहे हैं और बदले में टीम अच्छा क्रिकेट खेल रही है। उनकी टीम हर फॉर्मेट में टॉप पर है और सामने विश्व कप है, इसलिए मीडिया में इस तरह की खबरें आना एक 'डर्टी गेम' के अलावा और कुछ नहीं है।विराट कोहली और रोहित शर्मा द्वारा व्हाइट बॉल सीरीज जीत की तुलना करने के सवाल पर पूर्व पाकिस्तानी सलामी बल्लेबाज ने कहा कि रोहित एक बहुत अच्छा कप्तान है, लेकिन कोहली का भी सभी प्रारूपों में जीत का प्रतिशत अच्छा है। उन्होंने कहा, ' मैंने यह पहले भी कहा है, रोहित शर्मा एक बहुत अच्छे कप्तान हैं, बहुत सफल हैं। लेकिन यह इन चीज के बारे में बात करने का समय नहीं है। मुझे लगता है कि यह समय नहीं है और उस आदमी ने भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत अच्छा किया है। यह खबर फिर से सामने आ रही है, लेकिन बुरी मंशा है जो नहीं होनी चाहिए।

मसूद के किसी भी देश भागने की अफवाहें झूठी

काबुल। पंजशीर घाटी में रेजिस्टेंस फोर्स का नेतृत्व करने वाले अहमद मसूद अभी भी अफगानिस्तान में ही हैं। हालांकि, पंजशीर के 70 फीसदी मुख्य इलाकों पर अब तालिबान का कब्जा हो चुका है। ईरानी की न्यूज एजेंसी ‘फार्स’ ने कुछ सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। समाचार एजेंसी ने बताया है कि पूर्व अफगान गुरिल्ला कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के तुर्की या किसी और देश भागने की अफवाहें झूठी हैं। मसूद अफगानिस्तान में ही किसी सुरक्षित ठिकाने पर मौजूद हैं।

तालिबान ने बीते हफ्ते ही यह ऐलान किया था कि अब तक अजेय रहे पंजशीर प्रांत पर भी उसने कब्जा कर लिया है। हालांकि, तालिबान से लोहा ले रही विद्रोही सेना नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट यानी एनआरएफ ने इस दावे को खारिज किया था। एनआरएफ का नेतृत्व अहमद मसूद और पूर्व अफगान उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह कर रहे हैं। सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का केयरटेकर राष्ट्रपति भी घोषित किया था। बीते महीने 14 अगस्त को राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद ही तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण का ऐलान कर दिया था। हालांकि, पंजशीर घाटी पर अब तक उसका नियंत्रण नहीं हो सका था। वहीं, एनआरएफ का कहना था कि अभी भी वह पंजशीर के अहम इलाकों में मौजूद है और उनकी जंग जारी रहेगी।

मसूद के करीबी कासिम मोहम्मदी के हवाले से समाचार एजेंसी फार्स ने लिखा है, ‘हालिया दिनों में तालिबान पंजशीर में घुसा है और अब 70 फीसदी मुख्य सड़कों पर उसका कब्जा है, लेकिन पंजशीर घाटी अब भी पूरी तरह विद्रोही बलों के नियंत्रण में है।’ बीते बुधवार, ताजिकिस्तान में अपदस्थ अफगान सरकार के राजदूत ने भी यह कहा था कि अहमद मसूद और अमरुल्लाह सालेह अफगानिस्तान से भागे नहीं है और उनकी सेना अभी भी तालिबान से लोहा ले रही है। राजदूत जाहिर अगबर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि वह सालेह से लगातार संपर्क में हैं और सुरक्षा कारणों की वजह से वे और रेजिस्टेंस लीडर्स किसी तरह के संवाद से दूर हैं।

इस बीच अमरुल्लाह सालेह के भतीजे ने बताया कि तालिबान ने सालेह के भाई और उनके ड्राइवर को पंजशीर घाटी में मार गिराया है। उन्होंने बताया कि रोहुल्लाह सालेह अजीजी अपनी गाड़ी से कहीं जा रहे थे और तभी तालिबान लड़ाकों ने एक चेकपॉइंट पर उनकी गाड़ी रोकी और गोलियां बरसा दीं।

शनिवार, 11 सितंबर 2021

प्रवास के लिए जनता को दिखाया तैयार 'एयरबेस'

वाशिंगटन डीसी। बाइडेन प्रशासन ने शुक्रवार को पहली बार अफगान शरणार्थियों के प्रवास के लिए तैयार एयरबेस जनता को दिखाया है। अमेरिकी सैन्य अड्डे के अंदर अफगानिस्तान से एयरलिफ्ट किए गए अफगानों की स्क्रीनिंग की जा रही है। बाइडन प्रशासन से लगातार सवाल किया जा रहा था कि सरकार शरणार्थियों की देखभाल और उनकी जांच कैसे कर रही है।

विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी लिज ग्रेकान ने संवाददाताओं से कहा, 'हर अफगान जो यहां हमारे साथ है। उसने एक कष्टदायक यात्रा का सामना किया है और अब वे संयुक्त राज्य अमेरिका में जीवन के साथ तालमेल बिठाने की वास्तविक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।'

टेक्सास के एल पासो में फोर्ट ब्लिस आर्मी बेस पर मीडिया ने तीन घंटे का दौरा किया। यह पहली बार था जब जनता को अफगान शरणार्थियों के लिए बनाए गए आठ अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठानों में से एक दिखाया गया। इस दौरान पत्रकारों को किसी भी शरणार्थी के साथ बात करने या उन क्षेत्रों में कुछ मिनट से अधिक समय बिताने की अनुमति नहीं दी गई थी।

हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से 5 की मौंत हुईं

मॉस्को। कोटे डी आइवर के उत्तरी हिस्से में सैन्य हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से पांच लोगों की मौत हो गयी। एजेंस फ्रांस-प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एमआई-24 बुर्किना फासो के साथ सीमा के पास एक टोही मिशन के दौरान शुक्रवार तड़के दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 

घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। घटना की जांच शुरू कर दी गयी है।

मकान में गैस विस्फोट से एक महिला की मौंत हुईं

वोरोनिश। रूस में येलेट्स शहर के समीप दो मंजिला आवासीय मकान में गैस विस्फोट से एक महिला की मौत हो गयी और छह अन्य घायल हो गये। स्थानीय आपातकालीन सेवा अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को हुई इस घटना में मकान का एक हिस्सा नष्ट हो गया। विस्फोट से एक महिला की मौत हो गयी जबकि छह अन्य घायल हुए हैं। घायलों को मलबे से निकाल लिया गया है। जबकि तीन लोगों के अभी भी मलबे के नीचे दबे हैं। जिन्हें निकालने का काम जारी है।

इससे पहले बुधवार को मॉस्को क्षेत्र के नोगिंस्क शहर में बुधवार को इसी तरह की घटना में सात लोगों की मौत हो गयी थी।

प्रदर्शनकारियों को तालिबान की ओर निशाना बनाया

जेनेवा। संयुक्त राष्ट्र (संरा) ने शुक्रवार को अफगानिस्तान में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों को तालिबान की ओर निशाना बनाए जाने पर उसकी आलोचना की उसे चेतावनी दी गई। उन्हाेंने कहा कि अफगानिस्तान में सभी परिवारों को पर्याप्त मात्रा में खाना नहीं मिल रहा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शामदासनी ने कहा कि हम तालिबान को आगाह करते हैं कि शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करने वालों और विरोध प्रदर्शनों को कवर करने वाले पत्रकारों के प्रति बल प्रयोग और मनमाने ढंग से उन्हें हिरासत में लेना तत्काल प्रभाव से बंद करे। प्रवक्ता ने कहा अगस्त में तालिबानी सशस्त्र लड़ाके भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोला-बारूद और चाबुक का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गयी थी। तालिबान ने 1996 से 2001 के शासनकाल की तुलना में अब की बार अधिक उदारवादी शासन का वादा किया, लेकिन उन्होंने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि वे विरोध प्रदर्शनों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
इस सप्ताह की शुरुआत में सशस्त्र तालिबान ने हेरात सहित पूरे अफगानिस्तान के शहरों में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया, जहां दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सुश्री शमदासानी ने कहा कि मानवाधिकार कार्यालय को भी विश्वसनीय रिपोर्ट मिली थी कि तालिबानी बंदूकधारियों ने पिछले महीने राष्ट्रीय ध्वजारोहण समारोह के दौरान भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश में एक व्यक्ति और एक लड़के की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
उन्होंने कहा कि बुधवार को कम से कम पांच पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया और दो को कई घंटों तक बुरी तरह पीटा गया। शरमदासनी ने कहा कि एक पत्रकार ने बताया कि उसे सिर में लात मारी गयी थी और उससे का गया कि आप भाग्यशाली हैं कि आपका सिर नहीं काटा गया।
उन्होंने कहा कि वहां पत्रकारों को डराया और धमकाया जा रहा है जो केवल अपना काम करने का प्रयास में लगे हुए हैं। इस बीच विश्व खाद्य कार्यक्रम ने चेतावनी दी कि अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर 93 प्रतिशत परिवारों को पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं मिल रहा है।

शुक्रवार, 10 सितंबर 2021

अमेरिकी राष्ट्रपति ने चिनफिंग से मुलाकात की

वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने द्विपक्षीय रिश्तों की खटास को कम करने के इरादे से चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से सात महीने में पहली बार फोन पर नब्बे मिनट तक बात की है। इसे लेकर व्हाइट हाउस ने कहा कि बाइडन ने चिनफिंग को यह संदेश दिया कि विश्व की दो बड़ी अर्थ व्यवस्थाएं रहते हुए दोनों देश प्रतिस्पर्धी रहें, मगर भविष्य में ऐसी कोई स्थिति न हो जहां दोनों देशों के बीच संघर्ष के हालात हो जाएं।

बाइडन के पदभार संभालने के बाद से दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच कड़वाहट से भरे मुद्दों की कोई कमी नहीं है। चीन की ओर से किए जा रहे साइबर सुरक्षा उल्लंघन, कोरोनो वायरस महामारी से निपटने के तरीके से अमेरिका नाराज है। हाल ही में व्हाइट हाउस ने चीनी व्यापार नियमों को 'जबरदस्ती और अनुचित' बताया था। हालांकि बाइडन की बातचीत का केंद्र तल्ख मुद्दों पर नहीं था। इसके बजाय उनके कार्यकाल में एनिश्चित रूप से एक मजबूत शुरुआत के लिए अमेरिका-चीन संबंधों के लिए आगे के रास्ते पर चर्चा करने पर केंद्रित था।

अजब: इटली के समुंद्र से मिली एक अजूबा शार्क

इटली। इटली के समुद्र से एक ऐसी शार्क हाथ लगी है। जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। इस शार्क का चेहरा सूअर जैसा था। सोशल मीडिया पर सूअर जैसी शक्ल की शार्क का फोटो वायरल हो रहा है। इसको देखकर लोग तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं। द मिरर के मुताबिक, इटली के एल्बा आइलैंड में नेवी ऑफिसर्स मछली पकड़ने गए थे। उन्होंने समुद्र में जाल डाल रखा था और मछली फंसने का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान जाल में जो चीज फंसी उसे देखकर वह हैरान रह गए। उनके हाथ एक ऐसी शार्क लगी जिसकी शक्ल बिल्कुल सूअर जैसी थी।
शार्क की इस प्रजाति को सूअर जैसे मुंह के लिए जाना जाता है। इस शार्क का नाम एंग्युलर रफशार्क है। इसका साइंटिफिक नाम ऑक्सीनॉटस एंट्रीना है। ये समुद्र में 2,300 फीट की गहराई में पाया जाता है। शार्क की ये प्रजाति काफी कम ही देखी जाती है, क्योंकि ये प्रजाति विलुप्त के कगार पर है।

पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने से एक व्यक्ति की मौंत

चेन्नई। तमिलनाडु के वीरुधुनगर जिला में शिवकाशी के नजदीक थायिलपट्टी गांव में शुक्रवार को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी तथा पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
मृतक की पहचान शंमुगराजा के तौर पर हुयी है। बताया जा रहा है कि शंमुगराजा ने घायल अवस्था में अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक छह लोग एक घर में अवैध रूप से पटाखा बनाने का काम कर रहे थे। इस दौरान घर्षण से विस्फोट हो गया। इस घटना में छह लोग घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया।
विस्फोट इतना जबर्दस्त था कि घर पूरी तरह से जमींदोज हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस तथा दमकल विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

समुदाय व अमेरिका की उम्मीदों के अनुरूप नहीं

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने बृहस्पतिवार को कहा कि तालिबान की अंतरिम सरकार अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अमेरिका की उम्मीदों के अनुरूप नहीं है। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमने कार्यवाहक सरकार से अपनी प्रतिक्रिया के बारे में बात की है।
आपने हमें यह कहते हुए सुना है कि समावेशिता की कमी, ट्रैक रिकॉर्ड, सरकार में शामिल कुछ लोगों की पृष्ठभूमि चिंता का विषय है। यह निश्चित तौर पर ऐसी सरकार को नहीं दर्शाता, जिसकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अमेरिका ने उम्मीद की थी। उन्होंने कहा, ”यह एक शुरुआती कार्यवाहक सरकार है। इसमें कुछ पद रिक्त हैं।
हमारे लिए केवल अफगानिस्तान की भावी सरकार की संरचना महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि हम यह देखेंगे कि क्या यह समावेशी सरकार है जो उन लोगों का प्रतिनिधित्व करती हो जिसका, तालिबान प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है।
प्राइस ने जर्मनी में अमेरिका और उसके करीबी सहयोगियों की बैठक का जिक्र करते हुए कहा, कई चीजों पर आम सहमति बनी और कई लोगों ने अहम सवाल उठाए कि क्या तालिबान, लोगों की यात्रा की आजादी और सुरक्षित निकासी के अपने वादों पर खरा उतरेगा। क्या वे आतंकवाद के विरुद्ध अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करेंगे।
उन्होंने पूछा, ”आईएसआईएस-के, अल-कायदा सहित आतंकवादी समूहों से खतरे पर व्यापक चर्चा हुई जो अफगान सरजमीं से काम कर रहे हैं। क्या वे समावेशी सरकार बनाएंगे? क्या वे महिलाओं और लड़कियों की प्रगति बनाए रखेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो पिछले 20 वर्षों में हासिल की गयी बढ़त को क्या कायम रखा जाएगा। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान को उसकी सार्वजनिक तथा निजी प्रतिबद्धताओं के लिए जवाबदेह ठहराता रहेगा।
उसने निजी रूप से यह वादा किया था कि वैध यात्रा दस्तावेज वाले जो लोग देश छोड़ना चाहते हैं, वे देश छोड़कर जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने बुधवार को जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास के साथ बैठक की और उसमें इस विषय पर चर्चा की गयी।

गुरुवार, 9 सितंबर 2021

नई तालिबान सरकार पर अमेरिका ने जताई चिंता

वाशिंगटन डीसी/ काबुल। अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार को लेकर अमेरिका ने चिंता जताई है। अमेरिका का कहना है कि सरकार में जिन लोगों को जोड़ा गया है। उनका ट्रैक रिकॉर्ड विश्वास करने वाला नहीं है। अब अमेरिका के इस बयान पर तालिबान भड़क गया है। तालिबान ने साफ कहा है कि इस तरह का बयान या कोई बैन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तालिबान द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका ने हक्कानी गुट को लेकर जो बयान दिया है। वह पूरी तरह से दोहा एग्रीमेंट का उल्लंघन है। इस तरह का बयान अफगानिस्तान या अमेरिका, किसी के भी हक का नहीं है। तालिबान ने कहा है कि हक्कानी साहब का परिवार भी इस्लामिक अमीरात का हिस्सा है। वह कोई अलग नहीं है। ऐसे में दोहा एग्रीमेंट के तहत इस्लामिक अमीरात के सभी सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की ब्लैकलिस्ट से तुरंत हटा देना चाहिए। इसकी मांग लंबे वक्त से है।

तालिबान ने दो टूक कहा कि अमेरिका और अन्य देशों द्वारा इस्लामिक अमीरात को लेकर जो बयान दिए जा रहे हैं, वह बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं। इस तरह के बयानों को तुरंत रोका जाना चाहिए। अमेरिका को अपनी नीति में बदलाव करना चाहिए।

तूफान की चपेट में मरने वालों की संख्या-82 हुईं

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका में इडा तूफान की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 82 हो गयी है।
सीबीएस न्यूज ब्रॉडकास्टर ने प्रांतीय अधिकारियों से प्राप्त आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि लुइसियाना समेत दक्षिणपूर्वी राज्यों में 30 लोगों की मौत हुई है जबकि पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 52 लोग कालकवलित हुए हैं।
करीब 10 दिन पहले तूफान इडा ने खाड़ी तट, पेंसिल्वेनिया, न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के क्षेत्रों में व्यापक नुकसान पहुंचाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने हाल ही में कई तूफानप्रभावित इलाकों का दौरा किया है।


पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला  इकबाल अंसारी  चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और पं...