शुक्रवार, 28 अगस्त 2020

प्रियंका और प्रसाद के बीच हुई तनातनी

मुसीबत, यूपी में प्रियंका गांधी और जितिन प्रसाद के बीच नेतृत्व को लेकर तनातनी , सिंधिया , सचिन पायलट के बाद गांधी समर्थक नेताओं का जितिन प्रसाद पर हमला , कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर बताया दुर्भाग्यपूर्ण।
नई दिल्ली/ लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर प्रियंका गांधी और जितिन प्रसाद के बीच छिड़ी जंग साथ पर आ गई है। बताया जा रहा है कि यूपी में लंबे समय से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और गांधी परिवार के करीब रहे जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन प्रसाद ने कांग्रेस की बागडोर संभाली थी। वे मैदानी इलाकों में पार्टी की मजबूती के लिए प्रयासरत थे। लेकिन प्रियंका गांधी ने अचानक पार्टी की बागडोर अपने हाथो में थाम ली। सोनिया गांधी समर्थक नेताओं ने इसके बाद जितिन प्रसाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। प्रियंका गांधी की सक्रियता बढ़ने के साथ ही उत्तर प्रदेश में जितिन प्रसाद को हाशिये में ढकेलना शुरू कर दिया गया। लेकिन अब सोनिया गांधी को लिखे मांग पत्र को हथियार बनाकर जितिन प्रसाद को पार्टी से बाहर करने के लिए मुहीम छेड़ दी गई है। इससे पार्टी के वरिष्ठ नेताओ ने हैरानी जताई है।
दरअसल लखीमपुर खीरी की कांग्रेस की जिला इकाई ने जितिन प्रसाद को पार्टी से निष्कासित करने का प्रस्ताव पास किया है। प्रस्ताव पर जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल और लखीमपुर खीरी के अन्य पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाली चिट्ठी पर जिन नेताओं के हस्ताक्षर हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इन नेताओं को पार्टी से बाहर निकालने की मांग की गई है  हालांकि जितिन प्रसाद ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है |   
प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं, और पार्टी की महासचिव हैं। राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि ये प्रस्ताव बिना उनकी जानकारी के पारित नहीं हुआ होगा। वहीं, एक ऐसा ऑडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता से बात कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि उनको ऐसी कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया गया था  | प्रहलाद पटेल और अन्य नेताओं की ओर से जारी चिट्ठी में खासतौर से जितिन प्रसाद पर निशाना साधा गया है | इसमें उनके पिता जितेंद्र प्रसाद के बागी तेवर की भी याद दिलाई गई है। जब उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ बगावती सुर अपनाए थे और उनके खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे थे। प्रस्ताव में आगे कहा गया है, कि अब जितिन प्रसाद भी अपने पिता के रास्ते पर चल पड़े हैं। समिति ने इस कदम की निंदा की है, और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। 
हाल ही में सीडबल्यूसी की बैठक में वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की चिट्ठी विवाद को लेकर घमासान अभी खत्म नहीं हुआ है,कि कांग्रेस और सोनिया गांधी के सामने एक और नई उलझन खड़ी हो गई है। खबर है कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ये दिखाना चाहती हैं।,कि कांग्रेस में सबकुछ ठीक हो गया और नाराज नेताओं को मना लिया गया है। लेकिन उत्तर प्रदेश में खड़े हुए इस नए मामले ने पार्टी की पोल खोल दी है।कांग्रेस में ऐसा नहीं है कि , सब कुछ ठीकठाक चल रहा हो।पार्टी के भीतर जंग अभी भी जारी है। पार्टी की हालत को लेकर जिन 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था उसमे पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के भी हस्ताक्षर थे। बताया जाता है कि लखीमपुर खीरी से ही उनके विरोध की रणनीति तैयार की गई है।                 


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