बुधवार, 17 मई 2023

लोकसभा चुनाव को हल्के तौर पर नहीं लेना चाहिए

लोकसभा चुनाव को हल्के तौर पर नहीं लेना चाहिए

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बुधवार को कहा, कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को हल्के तौर पर नहीं लेना चाहिए। किशोर ने कहा, "मैं कर्नाटक में कांग्रेस की सफलता पर पार्टी को बधाई देता हूं।

मैं पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सावधान करना चाहता हूं कि विधानसभा चुनाव के नतीजों को यह समझने की भूल न करें कि आम चुनाव में क्या होने वाला है।" उन्होंने कहा, "2012 में समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। दो साल बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने राज्य में 80 में से 73 सीटों पर जीत हासिल की।" उन्होंने 2013 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों को भी याद किया जब कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया था लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा से बुरी तरह हार गई थी।

किशोर ने कहा, "कांग्रेस को 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपने सफल प्रदर्शन के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में अपने निराशाजनक प्रदर्शन को भी याद करना चाहिए ।" उल्लेखनीय है कि 45 वर्षीय किशोर ने नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, एम के स्टालिन और जगनमोहन रेड्डी जैसे विविध नेताओं के चुनाव अभियानों को संभाला है।

‘एल्डरमैन’ नामित करने का अधिकार, निकाय अस्थिर 

‘एल्डरमैन’ नामित करने का अधिकार, निकाय अस्थिर 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि उपराज्यपाल को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में ‘एल्डरमैन’ नामित करने का अधिकार देने का मतलब है कि वह निर्वाचित नगर निकाय को अस्थिर कर सकते हैं और शीर्ष अदालत ने साथ ही इस बात पर हैरानी जताई कि क्या यह नामांकन केंद्र के लिए इतना बड़ा चिंता का विषय है ?

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में ‘एल्डरमैन’ को नामित करने के उपराज्यपाल के अधिकार को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए यह बात कही। एमसीडी के 250 निर्वाचित और 10 नामित सदस्य हैं।आम आदमी पार्टी (आप) ने पिछले साल दिसंबर में हुए नगर निकाय चुनाव में 134 वार्ड में जीत हासिल की थी और एमसीडी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया था। चुनाव में भाजपा ने 104 सीट जीतीं और कांग्रेस ने नौ सीट अपने नाम कीं। पीठ ने कहा, ‘‘ क्या एमसीडी में 12 विशिष्ट लोगों का नामांकन केंद्र के लिए इतना चिंता का विषय है ?

दरअसल, उपराज्यपाल को यह अधिकार देने का मतलब होगा कि वह लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई नगर समितियों को अस्थिर कर सकते हैं। क्योंकि उनके (एल्डरमैन के) पास मतदान के अधिकार भी होंगे।’’ उपराज्यपाल के कार्यालय की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने दिल्ली के संदर्भ में कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि 69वां संशोधन आया और जीएनसीटीडी अधिनियम को अधिसूचित किया गया, जिसमें दिल्ली के शासन को लेकर व्यवस्था दी गई है।

वर्ष 1991 के 69वें संशोधित अधिनियम ने केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के रूप में तैयार कर एक विशेष दर्जा दिया गया है। पीठ ने जैन से कहा कि उनका प्रतिवेदन से तात्पर्य है कि एमसीडी एक स्व:शासित संस्थान है और उपराज्यपाल जब अनुच्छेद 239एए के तहत मंत्रिपरिषद की सहायता तथा सलाह पर कार्य करते हैं तो उनकी भूमिका यहां प्रशासक की भूमिका से अलग है।

अधिनियम का जिक्र करते हुए जैन ने कहा, कि कुछ अधिकार हैं जो प्रशासकों को दिए जाते हैं और कुछ अन्य सरकार को दिए जाते हैं। न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने जैन से पूछा कि क्या उनका मतलब है कि प्रशासक को दिए गए अधिकार राज्य से अलग हैं और राज्य सरकार को नहीं दिए जा सकते।दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि एमसीडी में लोगों को नामांकित करने के लिए राज्य सरकार को कोई अलग अधिकार नहीं दिया गया है और पिछले 30 वर्षों से उपराज्यपाल द्वारा शहर सरकार की सहायता तथा परामर्श पर ‘एल्डरमैन’ को नामित करने की प्रथा का पालन किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ एलजी कभी भी ‘एल्डरमैन’ को अपने अधिकार में नियुक्त नहीं करते।’’

उन्होंने कहा कि नामांकन हमेशा राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है, लेकिन केंद्र सरकार की सहायता व परामर्श पर। प्रावधानों का जिक्र करते हुए सिंघवी ने कहा कि जहां एक फाइल राज्य सरकार को चिन्हित की जाती है, तो वह उसका अंतिम पड़ाव होता है लेकिन जब वह उपराज्यपाल को चिह्नित की जाती है, उन्हें राज्य सरकार की सहायता व परामर्श पर कार्य करना होता है। जैन ने इस बात पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अगर प्रक्रिया 30 वर्ष से चली आ रही है तो उसका मतलब यह नहीं है कि वह सही है। सिंघवी ने कहा कि यदि जैन के तर्क को स्वीकार किया जाता है, तो इतने समय से इस प्रक्रिया का पालन करने वाले सभी उपराज्यपाल गलत हैं।

पीठ ने कहा कि उपराज्यपाल को ‘एल्डरमैन’ को नामित करने का अधिकार देने का मतलब होगा कि वह लोकतांत्रिक रूप से चुने गए एमसीडी को अस्थिर कर सकते हैं क्योंकि इन (एल्डरमैन को) को स्थायी समितियों में नियुक्त किया जाता है और उनके पास मतदान के अधिकार भी होते हैं। जैन ने हालांकि दलील दी कि ‘एल्डरमैन’ के पास इतने अधिकार नहीं होते। इस पर सिंघवी ने जैन के दावों का विरोध किया और कहा कि वार्ड समितियों में ‘एल्डरमैन’ नियुक्त किए गए हैं और उनके पास ऐसी समितियों में मतदान का अधिकार है। इसके बाद पीठ ने सिंघवी और जैन दोनों को दो दिन में लिखित प्रतिवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया और कहा कि वह याचिका पर फैसला सुनाएंगे।

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सवाल किया था कि निर्वाचित सरकार की सहायता तथा परामर्श के बिना दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में 10 ‘एल्डरमैन’ को नामित करने के लिए उपराज्यपाल के संविधान तथा कानून के तहत ‘‘ अधिकार का स्रोत’’ क्या है। शीर्ष अदालत उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) ने एमसीडी में उपराज्यपाल द्वारा नामित ‘एल्डरमैन’ की नियुक्तियों को चुनौती दी है।

ए-एफआईबी का पहला समुद्री परीक्षण करेगी 'नौसेना'

ए-एफआईबी का पहला समुद्री परीक्षण करेगी 'नौसेना'

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/पणजी। भारतीय नौसेना अपनी पहली स्वदेशी ‘ऑटोनॉमस फास्ट इंटरसेप्टर बोट’ (ए-एफआईबी) का पहला समुद्री परीक्षण गोवा से मुंबई के बीच 18 से 22 मई के बीच करेगी। नौसेना के एक प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी। नौका को बृहस्पतिवार सुबह वास्को से झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ स्वदेशीकरण, आत्मनिर्भर भारत की भावना को बढ़ावा देते हुए और समुद्री क्षमताओं के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करने के उद्देश्य से ऑटोनॉमस फास्ट इंटरसेप्टर बोट (ए-एफआईबी) सघन समुद्री यातायात में स्वायत्त संचालन करने में सक्षम है।’’

ए-एफआईबी को प्रौद्योगिकी ऊष्मायन फोरम (टीआईएफ) के तहत भारतीय नौसेना के हथियार व इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम इंजीनियरिंग प्रतिष्ठान (डब्ल्यूईएसईई) और मैसर्स बीईएल (बीजी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि नौका की क्षमताओं का पता लगाया जाएगा और वह 18 मई को गोवा से मुंबई के लिए रवाना होगी।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-216, (वर्ष-06)

2. बृहस्पतिवार, मई 18, 2023

3. शक-1944, ज्येष्ठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:10। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 25 डी.सै., अधिकतम- 41+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

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मंगलवार, 16 मई 2023

नेता तिवारी का निधन, शोक में डूबा गोरखपुर 

नेता तिवारी का निधन, शोक में डूबा गोरखपुर 


पूर्वांचल के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी का हुआ निधन, शोक में डूबा गोरखपुर 

संदीप मिश्र 

लखनऊ/गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का मंगलवार शाम को निधन हो गया। इससे उनके समर्थकों में उदासी छा गई है। निधन की सूचना मिलते ही उनके घर और गोरखपुर हाता पर समर्थकों की भीड़ जुट गई है। दो साल पहले उनकी मौंत के सम्बंध में अफवाह उड़ी थी। हालांकि तब वह जीवित थे, परन्तु मंगलवार शाम 7 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली और हमेशा के लिए चिर निद्रा में शो गए।

बता दें, कि चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र के चुनाव का इतिहास खंगालने पर वयोवृद्ध बाहुबली हरिशंकर तिवारी का नाम बार-बार, उभरकर सामने आता है। हरिशंकर तिवारी इस सीट से लगातार 22 वर्षों (1985 से 2007) तक विधायक रहे हैं। पहला चुनाव 1985 में निर्दलीय लड़ा था, फिर अलग-अलग राजनीतिक दल के टिकट पर चुनाव लड़कर जीतते रहे हैं। तीन बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते व यूपी सरकार में मंत्री भी बने थे। साल 2007 के चुनाव में बसपा ने राजेश त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया। राजेश त्रिपाठी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता हरि शंकर तिवारी के किले को ढहा दिया और उन्हें शिकस्त देते हुए बसपा के राजेश त्रिपाठी ने सीट पर कब्जा कर लिया।

मंगलवार को और एक राजनीतिक योद्धा चिर निद्रा में सो गया। पूर्वांचल में हरि शंकर तिवारी का जलवा देखने लायक था। उनके आगे किसी की नहीं चल पाती थी। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी जब गोरखपुर से सांसद हुआ करते थे तो राजनीति का महारथी हरि शंकर तिवारी चिल्लूपार विधानसभा से विधायक हुआ करते थे।  हालांकि योगी जी से हरि शंकर तिवारी बहुत सीनियर नेता हुआ करते थे। दोनों नेताओं में वर्चस्व को लेकर आपस में गतिरोध बना रहता था।

फिलहाल, गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा में हरि शंकर तिवारी का गढ़ माना जाता था। उनके गढ़ में उनके सक्रिय राजनीति में कोई ठौर न बना सका। मंगलवार को उनके मृत होने की सूचना से समूचा गोरखपुर शोक में डूब गया।

यूपी में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा: परिषद 

यूपी में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा: परिषद 

संदीप मिश्र/बृजेश केसरवानी 

लखनऊ/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से राज्य में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर दी गई है। 15 जून तक चलने वाले ग्रीष्म अवकाश की अवधि में स्कूलों पर ताले लटके रहेंगे। मंगलवार को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव प्रताप सिंह बघेल की ओर से उत्तर प्रदेश में ग्रीष्मकालीन अवकाश का ऐलान कर दिया गया है। 

राज्य के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजी गई चिट्ठी में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रण में संचालित होने वाले विद्यालयों/ मान्यता प्राप्त विद्यालयों में वर्ष 2023 में दिए जाने वाले अवकाशों की तालिका संलग्न कर प्रेषित की गई है। तालिका में ग्रीष्मावकाश 20 मई से प्रारंभ होकर 15 जून तक निर्धारित है। 

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय के पत्र प्री प्राइमरी शिक्षा स्कूल रेडीनेस/13014/ 2022- 23 दिनांक 22 मार्च 2023 द्वारा कक्षा 1 में स्कूल रेडीनेस में गतिविधि कैलेंडर आधारित कक्षा शिक्षण संस्थान के संबंध में दिए गए निर्देशों के बिंदु संख्या 01 में 12 सप्ताह स्कूल रेडीनेस गतिविधि कार्यक्रम के संचालन की समय सारणी में 15 मई से 15 जून तक ग्रीष्मावकाश निर्धारित किया गया है।

उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रण में संचालित विद्यालय तथा मान्यता प्राप्त बेसिक विद्यालय में ग्रीष्मावकाश 20 मई से प्रारंभ होकर 15 जून तक रहेगा।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...