सोमवार, 27 मार्च 2023

वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के लौटाया 

वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के लौटाया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राज्यसभा ने सोमवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सरकार द्वारा लाए गए संशोधनों के साथ वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया। इसी के साथ ही आगामी वित्त वर्ष के बजट की प्रक्रिया उच्च सदन में पूरी हो गई। उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे शुरू हुई, तब सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सुबह जो आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर नहीं रखे जा सके थे, उन्हें रखा गया मान लिया जाए। इसी बीच कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के कई सदस्य अडाणी समूह से जुड़े आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित किए जाने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे।

हंगामे के बीच ही वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सामान्य बजट, अनुदान की अनुपूरक मांगें और उससे संबंधित विनियोग विधेयक सदन में पेश किया। सदन ने चर्चा के बिना जम्मू-कश्मीर के सामान्य बजट, अनुदान की अनुपूरक मांगें और उससे संबंधित विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया। इसके बाद सभापति की अनुमति से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से वित्त विधेयक 2023 को सदन में पेश किया। इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी था।

हंगामे के बीच ही वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के, ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया गया। वित्त विधेयक को लोकसभा को लौटाए जाने के साथ ही सदन में वित्त वर्ष 2023-24 के बजट की प्रक्रिया पूरी हो गई। सभापति धनखड़ ने वित्त विधेयक पर सदन में चर्चा के लिए निर्धारित 10 घंटे का सदस्यों द्वारा उपयोग नहीं करने को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया। लोकसभा में एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण द्वारा आम बजट 2023-24 पेश किए जाने के साथ ही बजट प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। निचले सदन में यह विधेयक 24 मार्च को पारित हुआ था।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-165, (वर्ष-06)

2. मंगलवार, मार्च 28, 2023

3. शक-1944, चैत्र, शुक्ल-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2079‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 16 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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नवरात्रि का छठा दिन मां 'कात्यायनी' को समर्पित 

नवरात्रि का छठा दिन मां 'कात्यायनी' को समर्पित 

सरस्वती उपाध्याय 

दुर्गा पूजा के छठवें दिन देवी के कात्यायनी स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन 'आज्ञा चक्र' में स्थित होता है। योग साधना में इस आज्ञा चक्र का महत्वपूर्ण स्थान है। इस चक्र में स्थित मन वाला साधक मां कात्यायनी के चरणों में अपना सर्वस्व निवेदित कर देता है। परिपूर्ण आत्मदान करने वाले ऐसे भक्त को सहज भाव से मां कात्यायनी के दर्शन प्राप्त हो जाते हैं।

मां का स्वरूप...

मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं,इनका स्वरूप अत्यंत ही भव्य और दिव्य है। इनका वर्ण स्वर्ण के समान चमकीला और भास्वर है। शेर पर सवार मां की चार भुजाएं हैं, इनके बायें हाथ में कमल और तलवार व दाहिनें हाथों में स्वास्तिक व आशीर्वाद की मुद्रा अंकित है। भगवान कृष्ण को पाने के लिए व्रज की गोपियों ने इन्ही की पूजा कालिंदी नदी के तट पर की थी।ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं।

कौन हैं मां कात्यायनी ?

कत नामक एक प्रसिद्द महर्षि थे,उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्व प्रसिद्द महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। इन्होने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी। उनकी इच्छा थी कि मां भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें। मां भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली। कुछ काल पश्चात जब दानव महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बहुत अधिक बढ़ गया था तब भगवान ब्रह्मा,विष्णु, महेश तीनों ने अपने-अपने तेज़ का अंश देकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को प्रकट किया। महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की और देवी इनकी पुत्री कात्यायनी कहलाईं।

पूजा विधि...

दुर्गा पूजा के छठे दिन भी सर्वप्रथम कलश व देवी के स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा कि जाती है। पूजा की विधि शुरू करने पर हाथों में सुगन्धित पुष्प लेकर देवी को प्रणाम कर देवी के मंत्र का ध्यान करना चाहिए। मां को श्रृंगार की सभी वस्तुएं अर्पित करें। मां कात्यायनी को शहद बहुत प्रिय है इसलिए इस दिन मां को भोग में शहद अर्पित करें। देवी की पूजा के साथ भगवान शिव की भी पूजा करनी चाहिए।

पूजा फल...

देवी भागवत पुराण के अनुसार देवी के इस स्वरूप की पूजा करने से शरीर कांतिमान हो जाता है। इनकी आराधना से गृहस्थ जीवन सुखमय रहता है। मां कात्यायिनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम,मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। उसके रोग,शोक, संताप और भय आदि सर्वथा नष्ट हो जाते हैं।

किनको होगा लाभ ?

जिनके विवाह में विलम्ब हो रहा हो या जिनका वैवाहिक जीवन सुखी नहीं है वे जातक विशेष रूप से मां कात्यायिनी की उपासना करें,लाभ होगा।

स्तुति मंत्र...

या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।


चंद्र हासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना।

कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानवघातिनि।।

रविवार, 26 मार्च 2023

बिस्तर पर मृत पाए गए दो मासूम बच्चे, सांप 

बिस्तर पर मृत पाए गए दो मासूम बच्चे, सांप 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली में एक परिवार के स्कूल जाने वाले दो मासूम बच्चे सुबह अपने बिस्तर पर मृत पाए गए। उनकी मृत्यु के संभव कारणों की जांच-पड़ताल करते हुए उनके खाने-पीने की पूछताछ की गई, तो बच्चों की मां ने बताया कि बच्चों ने बाहर की कोई चीज़ नहीं खाई थी, लेकिन रात को सोते समय रोज़ाना की तरह उनको एक एक गिलास दूध जरूर पिलाया गया था। जब फ्रिज में रखे हुए दूध के बर्तन की जाँच की गई, ,तो पता चला कि उसके तले में 3-4 इंच का एक सांप का बच्चा मरा  पड़ा मिला। 

वह फ्रिज में कैसे पहुँचा और दूध के बर्तन में कैसे गिर गया ?

परिवार ने याद करके बताया कि वे सब्जी मंडी से पालक लाए थे और उस पालक की गड्डी को खोले बगैर फ्रिज में रखा था। हो सकता है, उसी पालक की गड्डी में से निकलकर वह सांप का छोटा-सा बच्चा दूध के बर्तन में गिर गया होगा। बेशक , बच्चों की मौत का कारण तो स्पष्ट हो गया, लेकिन परिवार ने अपने दो मासूम खो दिए।

इसलिए, फ्रिज में कोई वस्तु, विशेष रूप से पत्तेदार सब्जियां रखने पर हमें बहुत सावधान रहना चाहिए तथा वस्तुओं को ढक कर ही फ्रिज में रखना चाहिए। समय-समय पर अपने फ्रीज की साफ-सफाई भी करते रहे, घर में किचन में कोई भी खाने की वस्तु बिना ढकी ना रखे‌।

'यूपी' पुलिस की गाड़ी नहीं पलटती, अपराधी पलटता है

'यूपी' पुलिस की गाड़ी नहीं पलटती, अपराधी पलटता है

संदीप मिश्र 

लखनऊ। अतीक अहमद साबरमती जेल से उत्तर प्रदेश नहीं आना चाहता। क्योंकि, उसे यूपी पुलिस की गाड़ी पलटने का डर सता रहा है, इस सवाल के जवाब में डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि हमारी फ्लीट अच्छी है, यूपी पुलिस की कोई गाड़ी नहीं पलटती, सिर्फ अपराधी पलटता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद। उन्होंने हमारी डेली रूटीन कामों में कभी दखल नहीं दिया। एक टीम बनायीं और हमें खुली छूट दी और हम लोग कानून के दायरे में अपने कर्तव्य को निभाते हैं।

एनकाउंटर के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि यूपी पुलिस का हर जवान और अफसर सर पर कफन बांधकर उतरता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम अपना नुकसान करके आए। युद्ध के मैदान में जो उतरते हैं, वही गिरते हैं। और यूपी पुलिस इतनी बहादुर है कि गिर कर फिर से खड़ा होना जानती है। डीजीपी डीएस चैहान ने अतीक के सवाल पर कहा कि वह हमारे लिए एक मामूली क्रिमिनल है, पता नहीं आप लोग उसके बारे में ऐसा क्यों बोल रहे हैं। हम उसे मामूली क्रिमनल की तरह ही ट्रीट करते हैं।

अपराधियों के जेल में रहते हुए गैंग चलाने के सवाल पर यूपी के डीजीपी डीएस चैहान ने कहा कि जेल में रहने वाले पूजा पाठ तो करते नहीं। उनके अन्दर क्रिमिनल टेंडेंसी रहती है। वह तभी खत्म होती है, जब अदालतें उन्हें दोषी करार दे देती है। तब उनको पता चल जाता है कि उनका खेल खत्म है। जेल में बनने वाले कई षड्यंत्र हम विफल कर देते हैं और कई बार हम उसे जाहिर नहीं करते। एनकाउंटर के बारे में उन्होंने कहा कि पुलिस के ऊपर अगर कोई गोली चलाएगा तो हमारी ट्रेनिंग है कि गोली का जवाब हम गोली से ही देते हैं।

माफिया अतीक अहमद के बारे में बात करते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान ने कहा कि हमारे रिकार्ड में अपराधी का एक गैंग और उसका पंजीकरण होता है। हम अपराधी को अपराधी के तौर पर देखते हैं। हमारे लिए वह बस एक गैंग का प्रमुख है। यूपी पुलिस जब जिसको चाहे अरेस्ट कर सकती है, कानून के कठघरे में खड़ा कर सकती है। किसको कब और कैसे गिरफ्तार करना है, वह हमारी रणनीति का हिस्सा है।

मुख्य न्यायमूर्ति के रूप में दिवाकर को शपथ दिलाई

मुख्य न्यायमूर्ति के रूप में दिवाकर को शपथ दिलाई

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति के रूप में वरिष्ठ न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर को रविवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह चीफ जस्टिस की कोर्ट में संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्रदेश सरकार की तरफ से मंत्री सुरेश खन्ना, चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश, महाधिवक्ता अजय मिश्रा, अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी, नीरज त्रिपाठी, मनीष गोयल तथा न्यायिक अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में वरिष्ठ व जूनियर वकील उपस्थित रहे।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह ठीक 11 बजे चीफ जस्टिस कोर्ट में संपन्न हुआ।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद राज्यपाल ने सारे जजों से मुलाकात की। राज्यपाल के साथ फोटो सेशन का भी कार्यक्रम संपन्न हुआ। शपथ ग्रहण समारोह में इलाहाबाद और लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति गण उपस्थित रहे। मुख्य न्यायाधीश के परिवार जन तथा रिश्तेदार एवं मध्य प्रदेश के कार्यरत जज भी इस समारोह में शामिल हुए। न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से विधि की पढ़ाई करने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की थी।
2005 में वह बतौर वरिष्ठ अधिवक्ता नामित हुए थे। इसके बाद 2009 में वह छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जज बने। 2018 में उनका स्थानांतरण इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुख्य न्यायमूर्ति रहे राजेश बिंदल को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने के बाद वह यहां पर कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति नियुक्त हुए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की संस्तुति के बाद राष्ट्रपति ने उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...