गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

लिमिटेड का शुद्ध लाभ 476.55 करोड़ रुपये रहा

लिमिटेड का शुद्ध लाभ 476.55 करोड़ रुपये रहा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दैनिक उपभोग का समान (एफएमसीजी) बनाने वाली घरेलू कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 5.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 476.55 करोड़ रुपये रहा। एफएमसीजी कंपनी ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजार को यह जानकारी दी। वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में कंपनी ने 504.35 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था।

हालांकि, उसकी परिचालन आय पिछले वित्त वर्ष के 2,941.75 करोड़ रुपये की तुलना में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 3.44 प्रतिशत वृद्धि के साथ 3,043.17 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। डाबर इंडिया का कुल व्यय इस तिमाही में 5.63 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2,523.09 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,388.53 करोड़ रुपये था।

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगे 'सीएम'

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगे 'सीएम'

नरेश राघानी 

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 10 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगे। विधानसभा की कार्य सलाहकार समिति की रिपोर्ट के अनुसार राज्य का आय व्यय अनुमानक 2023-24 (बजट) 10 फरवरी को पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास वित्त विभाग है। मौजूदा कार्यकाल में उनका यह पांचवा व अंतिम बजट होगा।

रिपोर्ट के अनुसार 11 व 12 फरवरी को सदन की बैठक नहीं होगी। वहीं 13, 14 व 15 फरवरी को आय व्यय अनुमानक 2023-24 पर वाद विवाद होगा। सरकार की ओर से 16 फरवरी को इस पर जवाब दिया जाएगा। मुख्यमंत्री गहलोत कई बार कह चुके हैं कि उनका आगामी बजट युवाओं व महिलाओं पर केंद्रित होगा।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-113, (वर्ष-06)

2. शुक्रवार, फरवरी 3, 2023

3. शक-1944, पौष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-त्रयोदशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:09, सूर्यास्त: 06:01। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 10 डी.सै., अधिकतम- 21+ डी.सै.।

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बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

मेट्रो परियोजनाओं के लिए ₹19,518 करोड़ आवंटित 

मेट्रो परियोजनाओं के लिए ₹19,518 करोड़ आवंटित 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में देशभर की विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल 19,518 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अपने बजट भाषण में कहा, "अमृत काल के लिए हमारी दृष्टि में मजबूत लोक वित्त और मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ प्रौद्योगिकी संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था शामिल है।

इसे प्राप्त करने के लिए सबका साथ सबका प्रयास के जरिए जन भागीदारी आवश्यक है।" एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वर्ष 2023-24 में सभी मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल बजटीय परिव्यय 19,518 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2022-23 में यह आवंटन 19,130 ​​करोड़ रुपये था। हालांकि, बजट दस्तावेजों के अनुसार, 2022-23 के संशोधित बजट अनुमान में यह 15,628 करोड़ था।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हाल के वर्षों में, वित्त मंत्रालय सिर्फ दिल्ली मेट्रो के बदले देश भर की सभी मेट्रो परियोजनाओं के लिए बजट आवंटित करता रहा है। केंद्र ने देश की पहली क्षेत्रीय त्वरित परिवहन प्रणाली (आरआरटीएस) परियोजना के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को 3,596 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जो पिछले बजट में परिव्यय से करीब 23 प्रतिशत कम है। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में एनसीआरटीसी को 4,710 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

देश को कर्ज में डुबा देगा केंद्रीय 'बजट' 2023-24

देश को कर्ज में डुबा देगा केंद्रीय 'बजट' 2023-24

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया केंद्रीय बजट 2023-24 ‘जुमला’ के अलावा और कुछ नहीं है और यह देश को कर्ज में डुबा देगा। सिसोदिया दिल्ली के वित्त मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि इस बजट से 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ जाएगा। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि भाजपा ने ‘अच्छे दिन’ लाने जैसे वादे को ‘जुमला’ बना दिया है।

भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र का बजट एक ‘जुमला’ के अलावा और कुछ नहीं है। हमने अतीत में ऐसे कई जुमले सुने हैं- जैसे बुलेट ट्रेन की शुरुआत या किसानों की आय दोगुनी करने या 60 लाख रोजगार सृजन करने का वादा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह बजट देश को कर्ज में डुबा देगा। उन्होंने दावा किया कि 2014 तक केंद्र पर 53 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था और भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के लगातार दो कार्यकाल के दौरान देश पर 150 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है और ‘‘यह बजट देश को 15 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज में डूबा देगा।’’

उन्होंने कहा कि बजट दिल्लीवासियों के लिए निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि कर अनुदान के रूप में राष्ट्रीय राजधानी को सिर्फ 325 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जबकि दिल्ली 1.75 लाख रुपये का आयकर देती है। सिसोदिया ने दावा कि पिछले 22 वर्षों में 325 करोड़ रुपये की राशि बदली नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बजट में रोजगार सृजन या महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को ‘मित्रकाल बजट’ करार 

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को ‘मित्रकाल बजट’ करार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को ‘मित्रकाल बजट’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि इससे साबित होता है कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण की कोई रूपरेखा नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मित्रकाल बजट में रोजगार सृजन को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं है, महंगाई से निपटने के लिए कोई योजना नहीं है और असमानता दूर करने का कोई इरादा नहीं है।’’

राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘एक प्रतिशत सबसे अमीर लोगों के पास 40 प्रतिशत संपत्ति है, 50 प्रतिशत गरीब लोग 64 प्रतिशत जीएसटी देते हैं, 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। इसके बाद भी प्रधानमंत्री को कोई परवाह नहीं है। बजट से साबित हुआ कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण के लिए कोई रूपरेखा नहीं है।’’ 

अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पेश नरेंद्र मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में सभी तबकों को साधने का प्रयास किया। उन्होंने जहां एक तरफ मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को आयकर मोर्चे पर राहत देने की घोषणा की, वहीं लघु बचत योजनाओं के तहत निवेश सीमा बढ़ाकर बुजुर्गों और नई बचत योजना के जरिये महिलाओं को भी सौगात दी है। 

इसके साथ ही बुनियादी ढांचे पर खर्च में 33 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि करने का भी प्रस्ताव किया है। नई कर व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की आय सात लाख रुपये है, उसे कोई कर नहीं देना होगा। अबतक यह सीमा पांच लाख रुपये है। साथ ही कर ‘स्लैब’ (श्रेणी) को सात से घटाकर पांच किया गया है। 

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

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