सोमवार, 19 सितंबर 2022

कोर्ट परिसर में गैंगस्टर को गोलियों से भूना, मौंत

कोर्ट परिसर में गैंगस्टर को गोलियों से भूना, मौंत

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। अदालत परिसर में दिनदहाड़े हुई गैंगवार की वारदात में पुलिस के सामने ही काले रंग की स्कॉर्पियो कार में सवार होकर आए शूटर्स ने गैंगस्टर को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया है। अनेक गोली लगने से गैंगस्टर की मौके पर ही मौत हो गई है। जेल में बंद गैंगस्टर को अदालत में पेशी पर लाया गया था। सोमवार की दोपहर राजस्थान के नागौर स्थित कोर्ट में गैंगस्टर संदीप को अदालत में पेश करने के लिए पुलिस द्वारा जेल से लाया गया था। जिस समय पुलिस गैंगस्टर संदीप को अदालत में पेश करने के लिए जा रही थी तो इसी दौरान काले रंग की स्कार्पियो कार में सवार होकर आए शूटर्स ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाते हुए गैंगस्टर संदीप को गोलियों से भून दिया। दिनदहाड़े गोलियां चलने की आवाज को सुनकर कचहरी में भगदड़ सी मच गई।  बताया जा रहा है कि हरियाणा से कार में सवार होकर आए शूटर्स ने आधा दर्जन से अधिक तकरीबन नो फायर किए। गैंगस्टर को गोलियों से भूनने के बाद कार सवार बदमाश मौके से फरार हो गए।

मामले की जानकारी मिलते ही सक्रिय हुए पुलिस अफसरों ने बदमाश को गोलियों से भूनकर भागे शूटर्स को दबोचने के लिए नागौर के आसपास नाकेबंदी कर दी। फिलहाल सभी गाड़ियों को चेक किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि शूटर्स की गोलियों का निशाना बना संदीप सुपारी किलर था। बताया जा रहा है कि हरियाणा से कार में सवार होकर आए शूटर्स ने आधा दर्जन से अधिक तकरीबन नो फायर किए। गैंगस्टर को गोलियों से भूनने के बाद कार सवार बदमाश मौके से फरार हो गए। मामले की जानकारी मिलते ही सक्रिय हुए पुलिस अफसरों ने बदमाश को गोलियों से भूनकर भागे शूटर्स को दबोचने के लिए नागौर के आसपास नाकेबंदी कर दी। फिलहाल सभी गाड़ियों को चेक किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि शूटर्स की गोलियों का निशाना बना संदीप सुपारी किलर था।

आवेदक की अधिकतम आयु को 3 साल बढ़ाया 

आवेदक की अधिकतम आयु को 3 साल बढ़ाया 

मनोज सिंह ठाकुर 

भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग कोविड-19 की वजह से दो साल परीक्षाओं का आयोजन नहीं कर सका। इस वजह से कई छात्र अधिकतम आयु को पार कर गए। ऐसे छात्रों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा फैसला किया है। इसके तहत एक साल के लिए आवेदक की अधिकतम आयु को तीन साल बढ़ा दिया गया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे कई बच्चे मिले हैं, जो परेशान हैं। कोविड के कारण पिछले वर्षों में पीएससी की परीक्षाएं नहीं हुई। दो साल परीक्षा स्थगित हुई थी। इसके कारण कई बच्चे ओवरएज हो गए हैं। उन्होंने मुझसे आग्रह किया था कि परीक्षा न होने के कारण जो बच्चे ओवरएज हुए हैं, उनके साथ अन्याय हो रहा है। इसलिए एक बार के लिए पीएससी में परीक्षा देने की जो अधिकतम आयु की सीमा है, उसे तीन साल के लिए बढ़ाया जाए। ताकि ऐसे बच्चों के साथ न्याय हो सके। छात्रों का पक्ष मुझे पूरी तरह से न्यायपूर्ण लगता है। इस वजह से हम यह फैसला कर रहे हैं कि पीएससी की जो अधिकतम आयु की सीमा थी, उसमें एक बार के लिए तीन साल की वृद्धि की जाएगी। इससे बच्चों को न्याय मिलेगा।

एक करोड़ से अधिक मूल्य के अमेरिकी डॉलर जब्त 

एक करोड़ से अधिक मूल्य के अमेरिकी डॉलर जब्त 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक यात्री के पास से एक करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के अमेरिकी डॉलर जब्त किए हैं। ईडी ने सोमवार को यह जानकारी दी। सीमा शुल्क विभाग ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 16 सितंबर को एक महिला को विदेशी मुद्रा में एक बड़ी रकम ले जाते पाया, जिसके बाद उसे रोका गया।एजेंसी ने एक बयान में बताया कि विभाग ने ईडी को इसकी जानकारी दी और अधिकारियों को उसके पास से 100 डॉलर के 1,300 नोट मिले।

ईडी ने कहा कि संगीता देवी यह नहीं बता पाई कि उसके पास से मिली विदेशी मुद्रा का स्रोत क्या है और वह इतनी बड़ी रकम लेकर क्यों घूम रही थी ? कहा कि वह यह स्पष्टीकरण नहीं दे पाई कि उसके पास 1.03 करोड़ रुपए मूल्य की बड़ी विदेशी मुद्रा कहां से आई, जिसके बाद मुद्रा को जब्त कर लिया गया।

हत्या की जांच की मांग, याचिका पर सुनवाई से इनकार

हत्या की जांच की मांग, याचिका पर सुनवाई से इनकार

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 1989 में कश्मीर घाटी में आतंकवादियों द्वारा वकील टीका लाल टपलू की हत्या की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। याचिका में परिवार के सदस्यों के पुनर्वास और कश्मीर घाटी में उनकी संपत्तियों की बहाली और हत्या में शामिल लोगों की जांच और मुकदमा चलाने की भी मांग की गई थी। स्वर्गीय वकील टीका लाल टपलू के पुत्र आशुतोष टपलू द्वारा रिट याचिका दायर की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता के पिता, एक कश्मीरी पंडित की हत्या में शामिल लोगों की जांच, परिवार के सदस्यों के पुनर्वास और सुरक्षा की मांग की गई थी।

जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सी टी रविकुमार की खंडपीठ ने इस आधार पर इस मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया कि इसी तरह के आधार पर एक और मामले पर कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था। जस्टिस गवई ने कहा कि हम हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। पीठ ने याचिकाकर्ता को वैकल्पिक उपायों का लाभ उठाने का मौका दिया और याचिका को वापस लेते हुए खारिज कर दिया। 2 सितंबर को, पीठ ने वी द सिटिजन नाम के एक एनजीओ द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था, जिसमें 1990 के दशक के दौरान कश्मीरी पंडितों की हत्याओं की जांच की मांग की गई थी और उन लोगों के पुनर्वास की मांग की गई थी, जिन्हें कश्मीर घाटी से भागना पड़ा था।पीठ ने एनजीओ को केंद्र सरकार के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने की छूट दी थी। आज, टपलू की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट गौरव भाटिया ने याचिका को एनजीओ के मामले से अलग करने की मांग करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से पीड़ित है क्योंकि पीड़िता उसके पिता थे।

भाटिया ने कहा कि मैं व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हूं। 32 साल बीत चुके हैं और जांच की फुसफुसाहट भी नहीं है। मैं एक भेद करने की कोशिश कर रहा हूं। मैं व्यथित हूं, मेरे मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया गया है और जिस तरह के माहौल के कारण मैं वहां इसका पीछा नहीं कर सकता। मुझे मृत्यु के बाद कश्मीर छोड़ने के लिए कहा गया था और मैंने दस्तावेजों की एक प्रति प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक प्रयास किया है। उन्होंने उस आदेश का भी जिक्र किया जिसमें करीब तीन दशकों के बाद 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया था। हालांकि, पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के समक्ष भी राहत की मांग की जा सकती है। पीठ ने पूछा, “हमें अभी भी उच्च न्यायालय में विश्वास है। आप क्या चाहते हैं? क्या हमें खारिज करना चाहिए या आप वापस लेना चाहते हैं?” इसके बाद, अन्य उपायों को आगे बढ़ाने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस ले ली गई।

राउत की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ाई 

राउत की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ाई 

कविता गर्ग 

मुंबई। पात्रा चौल भूमि घोटाला मामला में शिवसेना सांसद संजय राउत की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है। उनकी जमानत याचिका पर अब बुधवार, 21 सितंबर को सुनवाई होगी। कोर्ट के निर्देश के बाद प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने संजय राउत को चार्जशीट की कॉपी सौंपी।

इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को शिवसेना सांसद संजय राउत की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया था कि पात्रा चॉल पुन: विकास परियोजना से जुड़े धन शोधन में नेता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और पर्दे के पीछे रह काम किया है। राज्यसभा सदस्य को इस मामले में जुलाई में गिरफ्तार किया गया और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। उन्होंने विशेष पीएमएलए (धन शोधन निषेध कानून) अदालत में जमानत की अर्जी दी है। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने राउत की इस दलील को खारिज किया कि उनके खिलाफ कार्रवाई राजनीतिक बदले के रूप में की गई है।जांच एजेंसी ने कहा कि आरोपी ने अपने प्रॉक्सी और करीबी सहयोगी प्रवीण राउत (सह-आरोपी) के जरिए अपराध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। धन के लेन-देन से बचने के लिए वह (संजय राउत) पर्दे के पीछे से काम कर रहे हैं। ईडी पात्रा चॉल पुन:विकास परियोजना में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है. उपनगर गोरेगांव में स्थित सिद्धार्थ नगर, जोकि पात्रा चॉल के नाम से लोकप्रिय है.. 47 एकड़ से ज्यादा भूमि में फैला हुआ है और उसमें 672 किराएदार परिवार रहते थे।

महाराष्ट्र आवासीय आर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (महाडा) ने 2008 में पात्रा चॉल के पुन:विकास का काम एचडीआईएल से जुड़ी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रेक्शन प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा। निविदा के अनुसार, कंस्ट्रक्शन कंपनी को किराएदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने थे और कुछ फ्लैट उसे महाडा को भी देने थे। बाकी बची जमीन वह निजी डेवलपर्स को बेच सकता था, लेकिन 14 साल बाद भी किराएदारों को एक फ्लैट नहीं मिला क्योंकि कंपनी ने पात्रा चॉल का पुन:विकास नहीं किया और सारी जमीन को दूसरे बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में बेच दी।

ईडी द्वारा दायर याचिका पर एससी की सुनवाई

ईडी द्वारा दायर याचिका पर एससी की सुनवाई

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) यू यू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस अजय रस्तोगी ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की, जिसमें नागरिक आपूर्ति निगम (एनएएन) घोटाला मामले में जांच स्थानांतरित करने की मांग की गई है, जो छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में भ्रष्टाचार से संबंधित है।

पीठ ने पक्षों को निर्देश दिया कि वे जिस सामग्री पर भरोसा करना चाहते हैं उसे सीलबंद लिफाफे में दें। यह मामला अब 26 सितंबर 2022 को दोपहर 3 बजे के लिए सूचीबद्ध किया गया है। अदालत ने आगे पक्षकारों को याचिकाओं के सुनवाई योग्य होने पर अपनी लिखित प्रस्तुतियां पेश करने का निर्देश दिया।भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामला इतना बड़ा है कि सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में संवैधानिक पदों पर अधिकारियों की मिलीभगत से उच्च पदस्थ अधिकारी अपने पदों का फायदा उठा रहे हैं। प्रतिवादियों की ओर से सीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदी, सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी और सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उक्त घोटाला छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के शासन के दौरान हुआ था।

एसजी मेहता ने कहा कि यह सामने आया है कि छत्तीसगढ़ सरकार के वरिष्ठ अधिकारी याचिकाकर्ताओं के मामले को कमजोर करने में सक्रिय रूप से शामिल हैं और अभियुक्तों ने न केवल गवाहों को ईडी के समक्ष अपने बयान वापस लेने के लिए प्रभावित किया था, बल्कि एसआईटी ने भी कार्रवाई को रोकने के सात प्रयास किए थे। उन्होंने प्रस्तुत किया कि ईडी की जांच से पता चला है कि आरोपी संवैधानिक पदाधिकारियों के संपर्क में था और अन्य सह-आरोपियों के अपराधों की गंभीरता को कम करने का प्रयास किया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरोपियों को वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार से मदद मिली थी।

एक गाय लेकर विधानसभा परिसर पहुंचे, विधायक 

एक गाय लेकर विधानसभा परिसर पहुंचे, विधायक 

नरेश राघानी 

जयपुर। गोवंश में फैले लंपी चर्म रोग की ओर राज्‍य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए बीजेपी के एक विधायक सोमवार को एक गाय लेकर राजस्थान विधानसभा परिसर पहुंचे। हालांकि, यह गाय वहां के शोर-शराबे के बीच बिदक कर भाग गई और विधायक के साथी लोग उसे पकड़ने की कोशिश करते नजर आए। राजस्‍थान विधानसभा के सातवें सत्र की बैठक सोमवार को फिर शुरू हुई। पुष्‍कर से भाजपा विधायक सुरेश सिंह रावत एक गाय लेकर विधानसभा परिसर की ओर पहुंचे। इस पर मीडिया वाले उनकी ओर लपके। अपने हाथ में लाठी पकड़े हुए व‍िधायक ने कहा कि पूरे राजस्‍थान में गोवंश लंपी बीमारी से ग्रस्‍त है लेकिन राज्‍य सरकार सो रही है।

व‍िधायक मीडिया से बात कर ही रहे थे कि वहां हो रहे शोर-शराबे से गाय ब‍िदक गई और वहां से भाग खड़ी हुई। गाय लाने वाले दो लोग उसे पकड़ने के लिए पीछे भागते नजर आए। व‍िधायक रावत ने कहा कि लंपी की ओर ध्‍यान आकर्षित करने के लिए मैं व‍िधानसभा (पर‍िसर) में गोमाता लेकर आया।गाय के भाग जाने पर उन्‍होंने कहा कि देखिए निश्चित रूप से गोमाता भी सरकार से दुखी हैं। उन्‍होंने सरकार से मांग की लंपी से बीमार गायों की देखभाल के लिए दवाओं व टीकों आद‍ि की पूरी व्‍यवस्‍था की जाए। उल्‍लेखनीय है कि इस मुद्दे को लेकर राष्‍ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के तीन विधायकों ने सदन में भी नारेबाजी की ओर आसन के सामने धरने पर बैठे।

इन विधायकों ने हाथ में ‘गोमाता करे पुकार हमे बचा लो सरकार’ ल‍िखे पोस्‍टर ले रखे थे। मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने सदन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि केंद्र सरकार लंपी रोग को राष्‍ट्रीय आपदा घोषित करे। उन्‍होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि लंपी चर्म रोग से गायों की जान कैसे बचे, लेकिन वैक्सीन भारत सरकार देगी, दवाइयां वो उपलब्ध करवाएगी तो ऐसी स्थिति में हम तो भारत सरकार से मांग कर रहे हैं कि आप राष्ट्रीय आपदा घोषित करो।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...