शुक्रवार, 16 सितंबर 2022

ईडी ने करीब 40 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की

ईडी ने करीब 40 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामलें की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को देशभर के करीब 40 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। यह आबकारी नीति अब वापस ले ली गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आंध्र प्रदेश में नेल्लोर तथा कुछ अन्य शहरों, कर्नाटक, तमिलनाडु और दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शराब कारोबारियों, वितरकों और आपूर्ति शृंखला के नेटवर्क पर छापे मारे जा रहे हैं।

केंद्रीय एजेंसी इस मामले में दूसरी बार छापेमारी कर रही है। इससे पहले उसने छह सितंबर को देशभर के करीब 45 ठिकानों पर छापे मारे थे। ईडी का आबकारी नीति से जुड़ा धन शोधन मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कुछ नौकरशाहों को आरोपियों के तौर पर नामजद किया गया है। सीबीआई ने 19 अगस्त को इस मामले में सिसोदिया (50), भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी और दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण के दिल्ली स्थित आवास तथा सात राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में 19 अन्य स्थानों पर छापे मारे थे।

अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार में सिसोदिया के पास आबकारी और शिक्षा समेत कई विभाग हैं। ईडी इस बात की तफ्तीश कर रहा है कि क्या पिछले साल नंवबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताएं बरती गईं। जांच एजेंसी के एक स्थानीय अदालत से अनुमति मिलने के बाद शुक्रवार को इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और मंत्री सत्येंद्र जैन से तिहाड़ जेल में पूछताछ करने की भी संभावना है।

महिला के परिजनों को 23.20 लाख देने का निर्देश

महिला के परिजनों को 23.20 लाख देने का निर्देश

कविता गर्ग 

मुंबई/ठाणे। ठाणे में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2018 में सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाली 21 वर्षीय महिला के परिजनों को मुआवजे के रूप में 23.20 लाख रुपये देने का निर्देश दिया है। न्यायाधिकरण के अध्यक्ष और प्रधान जिला न्यायाधीश अभय जे मंत्री ने 9 सितंबर के अपने आदेश में संबंधित बीमा कंपनी को दावा दायर करने की तारीख से 7.50 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि प्रदान करने का निर्देश दिया। पूजा पंडित अहिरे 23 जून, 2018 को कपूरबावड़ी में बस से उतरते समय तेज रफ्तार ऑटोरिक्शा की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गईं। महिला की 25 जून को एक अस्पताल में मृत्यु हो गई। अस्पताल ने उनके परिजनों को 2 लाख रुपये का चिकित्सा बिल भी दिया था।

मुआवजे की राशि में आमदनी से नुकसान के लिए 19.65 लाख रुपये, चिकित्सा खर्च के रूप में 1.85 लाख रुपये और विभिन्न अन्य नुकसानों के लिए 1.68 लाख रुपये शामिल हैं। एमएसीटी ने कहा कि महिला के पिता को 9 लाख रुपये, मां को 13,80,000 रुपये और उनके भाई को 40,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। आवेदकों की ओर से अधिवक्ता यू आर विश्वकर्मा व बीमा कंपनी की ओर से अरविंद तिवारी पेश हुए।

45 साल में सबसे अधिक 'बेरोजगारी' का सामना

45 साल में सबसे अधिक 'बेरोजगारी' का सामना

इकबाल अंसारी 

तिरुवनंतपुरम/कोल्लम। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि भारत बीते 45 साल में सबसे अधिक बेरोजगारी का सामना कर रहा है और देश के युवाओं के भविष्य को मजबूती प्रदान करना व उनके मन में सकारात्मकता लाना उनकी पार्टी का कर्तव्य है। राहुल गांधी सात सितंबर को शुरू हुई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के सिलसिले में आज कोल्लम जिले के नीन्दकारा पहुंचे हैं। फेसबुक पर एक पोस्ट में गांधी ने लिखा कि वह इस यात्रा के दौरान अनेक युवाओं से मिल रहे हैं और सरकार से उनकी क्या उम्मीदें हैं, इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि देश युवा शक्ति का उपयोग करे, तो बहुत तेजी से विकास कर सकता है।

उन्होंने कहा कि लेकिन देश में पिछले 45 वर्षों में आज सबसे ज्यादा बेरोजगारी है, शिक्षित युवा रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं और निराश हैं। यह हमारा कर्तव्य है और आज समय की मांग भी है कि हमारे युवाओं के भविष्य को मजबूती प्रदान करें, उनमें सकारात्मकता लाएं। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के सुबह के चरण के समापन के बाद, गांधी काजू उत्पादकों, उद्यमियों, ट्रेड यूनियनों और कांग्रेस पार्टी के दो सहयोगी दलों आरएसपी और फॉरवर्ड ब्लॉक के नेताओं के साथ चर्चाएं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मैं अनेक युवाओं से मिल रहा हूं, सरकार से उनकी उम्मीदों को समझ रहा हूं कि वे अपना भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए हमसे किस तरह की मदद चाहते हैं तथा हम उनके लिए और कितनी संभावनाएं पैदा कर सकते हैं।

राहुल ने यह भी कहा कि यात्रा का उद्देश्य बच्चों, बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं, गरीबों, किसानों और आदिवासियों की बात सुनना और उनकी समस्याओं का समाधान करना है। उन्होंने कहा कि हम आगे बढ़ रहे हैं, युवा हमसे खुलकर बात कर रहे हैं, साथ चल रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि हम सभी अपने भारत को एकजुट करेंगे और इसे आगे बढ़ाएंगे। यात्रा का शाम का चरण चावरा बस स्टैंड से शुरू होगा और करुणागपल्ली में समाप्त होगा जहां ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के सदस्य रात भर रुकेंगे। कांग्रेस का 3,570 किलोमीटर लंबा पैदल मार्च 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुआ और जम्मू-कश्मीर में समाप्त होगा। दस सितंबर की शाम को केरल में प्रवेश करने वाली भारत जोड़ो यात्रा एक अक्टूबर को कर्नाटक पहुंचेगी। इससे पहले 19 दिन तक केरल के सात जिलों में 450 किलोमीटर की यात्री की जाएगी।

लिमिटेड को प्रतिष्ठित 'राजभाषा कीर्ति' पुरस्कार प्रदान

लिमिटेड को प्रतिष्ठित 'राजभाषा कीर्ति' पुरस्कार प्रदान

मिनाक्षी लोढी 

कोलकाता/सूरत। युद्धपोत निर्माता गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड को क्षेत्र सी में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में आधिकारिक भाषा का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए वर्ष 2021-22 का प्रतिष्ठित राजभाषा कीर्ति पुरस्कार प्रदान किया गया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सूरत में आयोजित हुए हिंदी दिवस समारोह के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने युद्धपोत निर्माता को यह पुरस्कार प्रदान किया। राजभाषा कीर्ति पुरस्कार भारत सरकार द्वारा राजभाषा कार्यान्वयन के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। जीआरएसई को छठी बार इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

कॉमन ड्रेस कोड लागू करने वाली याचिका खारिज 

कॉमन ड्रेस कोड लागू करने वाली याचिका खारिज 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स (स्कूल-कॉलेज) में कॉमन ड्रेस कोड लागू करने वाली याचिका खारिज कर दी। जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच ने कहा कि यह कोई ऐसा मामला नहीं है जिसे कोर्ट में लाया जाए। इसके पहले याचिकाकर्ता ने कहा था कि याचिका दायर करने की वजह 2 फरवरी को कर्नाटक में हिजाब को लेकर हुए विवाद थे। जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच ने कहा, यह कोई ऐसा मामला नहीं है जिसे कोर्ट में लाया जाए। याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट गौरव भाटिया ने यह कहते हुए मामले को देखने के लिए लॉर्डशिप को मनाने की कोशिश की कि यह एक संवैधानिक मुद्दा है और शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की भावना के खिलाफ है।

एडवोकेट गौरव भाटिया ने कहा, यह एक संवैधानिक मुद्दा है। कृपया पृष्ठ 58 पर आएं। कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए एक कॉमन ड्रेस कोड निर्देशित करें। यौर लॉर्डशिप, आप आदेश पारित कर सकते हैं। आरटीई के तहत एकरूपता होनी चाहिए। अनुशासन होना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि उनकी प्रार्थना है कि देश के सभी स्कूलों में एक यूनिफॉर्म न हो। यह सुनिश्चित करने के लिए कि एकरूपता है। इन सबमिशन ने न्यायाधीशों के दृष्टिकोण को नहीं बदला।

बेंच ने क्या कहा ?
बेंच ने कहा, यह कोर्ट के दायरे में नहीं है। जब अदालत ने कहा कि वह मामले को उठाने के लिए इच्छुक नहीं है, तो याचिकाकर्ताओं ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसके परिणामस्वरूप अनुमति दी गई। याचिकाकर्ता, निखिल उपाध्याय के अनुसार, एक कॉमन ड्रेस कोड सामाजिक समानता को सुरक्षित करेगा और साथ ही बंधुत्व, गरिमा और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देगा। याचिकाकर्ता के अनुसार, कार्रवाई का कारण 2 फरवरी, 2022 को उपार्जित हुआ, जब कर्नाटक के संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी के कई क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन हुए।

याचिका में क्या कहा गया ?
इस संबंध में याचिका में कहा गया है, याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि शैक्षणिक संस्थान धर्मनिरपेक्ष सार्वजनिक स्थान हैं और ज्ञान रोजगार, अच्छे स्वास्थ्य प्रदान करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए हैं, न कि आवश्यक और गैर-आवश्यक धार्मिक प्रथाओं का पालन करने के लिए। एक कॉमन ड्रेस कोड लागू करना बहुत आवश्यक है। सभी स्कूल-कॉलेज शैक्षणिक संस्थानों के धर्मनिरपेक्ष चरित्र की रक्षा करें। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो कल नागा साधु कॉलेजों में प्रवेश ले सकते हैं और आवश्यक धार्मिक प्रथाओं का हवाला देते हुए बिना कपड़ों के कक्षा में भाग ले सकते हैं।

क्या कहना है याचिकाकर्ता का ?
याचिकाकर्ता का कहना है कि एकरूपता को बढ़ावा देने के अलावा, एक कॉमन ड्रेस कोड विभिन्न जाति, पंथ, धर्म, संस्कृति और स्थान से आने वाले छात्रों के बीच सौहार्द की भावना को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, याचिका में कहा गया है कि जनता को बड़ी चोट लगी है क्योंकि शैक्षणिक संस्थान विभिन्न धर्मों, संस्कृति और धर्मों के छात्रों को समायोजित करते हैं। इसलिए, धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को बनाए रखने और प्रभावी बनाने और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए कॉमन ड्रेस कोड को लागू करना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।

रेडियो शाखा के 2,430 पदों पर चयन, टेंडर मांगे

रेडियो शाखा के 2,430 पदों पर चयन, टेंडर मांगे

संदीप मिश्र 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने रेडियो शाखा के 2,430 पदों पर चयन को लेकर भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए कंपनियों और परीक्षा एजेंसियों से टेंडर मांगे हैं। इसके लिए कंपनियों को 6 अक्टूबर 2022 को सुबह 10 बजे यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड में आकर अपनी निविदाएं पेश करनी होंगी। यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड के टेंडर नोटिस के मुताबिक असिस्टेंट ऑपरेटर, हेड ऑपरेटर व कर्मशाला कर्मचारी के 2430 पदों पर निकली भर्ती के लिए 539841 युवाओं ने आवेदन किया है। अब भर्ती परीक्षा कराने वाली एजेंसी को इन 5.39 लाख उम्मीदवारों के लिए भर्ती परीक्षा का आयोजन करना होगा। इस परीक्षा के जरिए उप्र पुलिस रेडियो संवर्ग में कर्मशाला कर्मचारी के 120 पदों, असिस्टेंट ऑपरेटर के 1374 पदों और हेड ऑपरेटर के 936 पदों पर भर्ती होगी। पिछले सप्ताह यूपी पुलिस में स्पोर्ट्स कोटे से कांस्टेबल की भर्ती के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी। स्पोर्ट्स कोटे से कांस्टेबल की इस भर्ती में 534 वैकेंसी निकाली गई है।

यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से निकाले टेंडर के मुताबिक इस भर्ती परीक्षा में 539841 उम्मीदवारों के बैठने के उम्मीद है। कर्मशाला कर्मचारी पद के लिए 73614, असिस्टेंट ऑपरेटर के लिए 389711 और हेड ऑपरेटर के लिए 76516 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। यह भी कहा गया है कि परीक्षा ओएमआर शीट पर ऑफलाइन मोड से होगी।

जिस कंपनी को भर्ती परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी जाएगी, वह ओएमआर बेस्ड लिखित परीक्षा, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन, पीएसटी के दौरान बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, फाइनल सेलेक्शन लिस्ट जैसे काम देखेगी। उम्मीदवारों का एप्लीकेशन डेटा भर्ती बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

असिस्टेंट व हेड ऑपरेटर...
परीक्षार्थियों का चयन ऑनलाइन लिखित परीक्षा, शारीरिक मापतौर व शारीरिक दक्षता परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।

कर्मशाला कर्मचारी का चयन
परीक्षा...
400 अंकों की ऑनलाइन लिखित परीक्षा होगी। सामान्य हिन्दी, साइंस-सामान्य ज्ञान, संख्यात्मक एवं मानसिक योग्यता परीक्षा, मानसिक अभिरूचि परीक्षा/तार्किक परीक्षा से 100-100 अंक के प्रश्न आएंगे। परीक्षा ढाई घंटे की होगा।

शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी)...
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन व शारीरिक मानक परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को पीईटी में शामिल होना होगा। पुरुष अभ्यर्थियों को 28 मिनट में 4.8 किमी की दौड़ लगानी होगी। महिलाओं को 16 मिनट में 2.4 किमी दौड़ लगानी होगी।

मेरिट...
पीईटी में सफल पाए गए अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा में प्राप्तांक के आधार पर मेरिट जारी होगी।

भारत ने विनिर्माताओं के लिए दरवाजे खोल रखें: सिंह

भारत ने विनिर्माताओं के लिए दरवाजे खोल रखें: सिंह 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत ने विनिर्माताओं के लिए दरवाजे खोल रखें है। लेकिन शर्त इतनी है कि ‘यहां जो बिकेगा वह यहीं बनेगा’ और इस मंत्र पर चलते हुए आने वाले समय में भारत दुनिया का सबसे मजबूत देश बनकर उभरेगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि अभी केवल अगस्त महीने में 6 बिलियन डालर का विदेशी निवेश तो केवल भारत के स्टाक मार्केट्स में आया है। जब दुनिया के बाजारों में मंदी की आशंका जोर पकड़ रही है, भारत की अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया की उम्मीदों का केन्द्र बना हुआ है। पहली तिमाही के आंकड़े आ गए है और भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर 13.6 फीसदी निकल कर आई है। दुनिया के विशेषज्ञ हैरान है कि जहां दुनिया में विकास का सूखा पड़ा हुआ है भारत में GDP झंडे गाड़ रहा है।

राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि यदि आजादी के समय से ही जिन लोगों के हाथ इस देश की सत्ता रही उन्होंने Nation First की नीति पर काम किया होता तो भारत दशकों पहले ही एक विकसित देश की कतार में खड़ा होता। आप यह कह सकते है कि भारत उस समय कमजोर था, गरीब था, इसलिए उसे विकास की राह पर रफ्तार पकड़ने में समय लगा। मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 1950 में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। 1960 में वह लुढ़क कर आठवें और 1970 में 9वें और 1980 में तो वह टाप टेन की सूची से ही बाहर हो गई। नब्बे के दशक में थोड़ा सुधार हुआ मगर टॉप टेन की रैंकिंग में तब भी भारत बाहर ही था।

राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया की टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं में भारत की वापसी पिछले दस वर्षों में हुई जब वह नवीं पायदान पर आया। आज 2022 में भारत की अर्थव्यवस्था ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़कर दुनिया की टॉप 5 इकोनोमी में पांचवी पायदान पर है: यानि पिछले 75 सालों में हम जहां से चले थे वहीं अब जाकर हम वापिस लौट पाए है। विशेषरूप से प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद से अर्थव्यवस्था न केवल विकास दर बढ़ी है, बल्कि उसे पहले की तुलना में काफी Dynamic और Strong बनाया गया है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले लोग मानते थे कि अर्थव्यवस्था जैसी चीजों में केवल बड़े-बड़े पूंजीपति और कारोबारी ही Stake Holder होते है। पिछले साढ़े आठ सालों में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के गरीब से गरीब आदमी भी इस देश की अर्थव्यवस्था में Stake Holder बनाया है। जनधन, आधार और मोबाइल की त्रिमूर्ति ने देश में Digital Economy को ऐसी मजबूती दी है कि दुनिया आश्चर्य कर रही है। आज भारत के Digitalisation की रफ्तार तीस फीसदी से अधिक है जो विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं से अधिक है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि बैंक में खाता खुल जाने से भारत के गरीबों को हर योजना, हर सब्सिडी का लाभ सीधा अपने खाते में मिल गया। Direct Benefit Transfer की यह येाजना गरीबों के लिए वरदान साबित हुई है। इस देश में एक वल्र्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर बने इस दिशा में काम चल रहा है। आज इस तरह की इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइप लाइन संभवत: चीन को छोड़ कर कहीं और नही है। वहां भी अभी स्लो डाऊन चल रहा है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि कल्पना कीजिए कि जिस भारत देश में 2014 में बमुश्किल 400-500 स्टार्ट अप्स थे वहीं केवल आठ वर्षों के भीतर 75000 से अधिक स्टार्ट अप्स मजबूती के साथ खड़े हो गए है। इनमें से करीब सौ से अधिक तो एक बिलियन डालर की Valuation के कारण दुनिया भर में यूनिकॉर्न के रूप में जाने जा रहे हैं। भारत की अर्थव्यवस्था को Dynamic और Efficient बनाने का ही परिणाम है कि आज जब दुनिया के बड़े-बड़े विकसित देश, रिकार्ड महंगाई की समस्या से जूझ रहे हैं, वहीं भारत की महंगाई की दर बेकाबू नही होने पाई है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि आज ब्रिटेन में 18 फीसदी के आस-पास महंगाई है। अमेरिका में यह महंगाई दर 9-10 फीसदी है। इन देशों की जनता ने दशकों से महंगाई के दर्शन नही किए थे। जबकि भारत में महंगाई की दर अगस्त में 7 फीसदी रही है। भारत जैसे विकासशील देश में महंगाई पर काबू रखने और आर्थिक सुधार करने का ही परिणाम है कि आज विदेशी निवेशक भारत की तरफ, दौड़े-दौड़े चले आ रहे है।2021-22 में 83 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आया।

राजनाथ सिंह ने कहा कि इस देश में भी आधुनिक रक्षा सामग्रियां बन सकती है। यह भरोसा मुझे तो है ही, साथ ही हमारे प्रधानमंत्री जी को भी है। मेरा मानना है कि अगले दस वर्षों में जल, थल, नभ और अन्तरिक्ष में कारगर Defence Platforms बनाने की क्षमता इस देश में है। अभी आपने देखा कि कैसे भारत ने INS विक्रांत के रूप में एक स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर बनाया है। इस जहाज में 76 फीसदी Indigenous Content है।

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...