सोमवार, 22 अगस्त 2022

केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की: शाह

केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की: शाह 

मनोज सिंह ठाकुर 

भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को भोपाल में केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने ऑनलाइन माध्यम से शिरकत की। क्योंकि भारी बारिश के कारण वे मध्यप्रदेश की राजधानी नहीं पहुंच सके। भारी बरसात के बीच शाह सोमवार को करीब डेढ़ बजे भोपाल पहुंचे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा समेत अन्य लोगों ने हवाई अड्डे पर शाह का स्वागत किया।

केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं। चौहान ने इससे पहले एक बयान जारी कर कहा कि यह एक महत्वपूर्ण बैठक है, जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति, आदिवासी, किसान कल्याण, महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराध, आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद की रोकथाम तथा उग्रवाद पर चर्चा होगी, इससे सभी चार राज्यों को फायदा होगा। एक अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बैठक में शामिल होने के लिये रविवार को यहां पहुंचे।

उन्होंने बताया कि उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को इस बैठक में डिजिटल तरीके से शामिल हुये क्योंकि उनके विमान भारी बारिश के कारण भोपाल हवाई अड्डे पर नहीं उतर सके। स्थापित प्रक्रिया और प्रथा के अनुसार, क्षेत्रीय परिषद की बैठक से पहले परिषद की एक स्थायी समिति होती है जिसमें परिषद के समक्ष रखी जाने वाले मुद्दों पर गौर किया जाता है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार देश में सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को मजबूत करने और बढ़ावा देने के लिए अपनी समग्र रणनीति के तहत क्षेत्रीय परिषदों की नियमित रूप से बैठकें करती रही है। देश में पांच क्षेत्रीय परिषद हैं, जिनका गठन 1957 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 की धारा 15-22 के तहत किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं और बैठक की मेजबानी करने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री इसके उपाध्यक्ष होते हैं।

ओडिशा के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक 

ओडिशा के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक 

विमलेश यादव 

भुवनेश्वर। उत्तरी ओडिशा के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति सोमवार को चिंताजनक बन गई। सुबर्णरेखा नदी उफान पर है और इसका पानी निचले इलाकों में घुस गया। इस वजह से 100 से ज्यादा गांवों के सैकड़ों लोग फंस गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में गहरे कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद भारी बारिश होने के कारण और झारखंड से बाढ़ का पानी छोड़े जाने के चलते उत्तर ओडिशा की सभी नदियां उफान पर हैं। उन्होंने बताया कि बालासोर और मयूरभंज जिलों के अधिकारियों ने लोगों को संवेदनशील इलाकों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए रविवार को एक व्यापक अभियान शुरू किया, जो सोमवार को भी जारी रहा। 

अधिकारियों ने बताया कि सुबर्णरेखा नदी में रविवार शाम से जलस्तर काफी बढ़ गया जिससे कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि झारखंड में गलुदिह बैराज से और पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ की स्थिति और खराब हो सकती है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के राजघाट पर सुबर्णरेखा का जलस्तर सुबह नौ बजे 11.90 मीटर पर था जबकि खतरे का स्तर 10.36 मीटर है। अधिकारियों के मुताबिक, बालासोर जिला प्रशासन ने सोमवार दोपहर तक कम से कम 1.2 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का फैसला किया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने एक बुलेटिन में उत्तरी ओडिशा के जिलों में मंगलवार को भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रविवार को विशेष राहत आयुक्त की शक्तियां बालासोर के कलेक्टर को दे दीं ताकि स्थानीय प्रशासन को और प्रभावी बनाया जा सके। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक हेलीकॉप्टर भी तैनात किया गया है। इस बीच, विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने खुर्दा, पुरी, कटक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, नयागढ़, बालासोर, भद्रक, क्योंझर और बौद्ध जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर बाढ़ में फंसी महिलाओं को निशुल्क सैनेटरी नेपकिन वितरित करने को कहा है। सरकार के अनुमान के मुताबिक, ओडिशा भारी बारिश के बाद पहले से ही महानदी नदी प्रणाली में मध्यम बाढ़ के प्रभाव से जूझ रहा है, जिस कारण सात लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। करीब पांच लाख लोग अब भी 763 गांवों में फंसे हुए हैं।

गांधी को पार्टी अध्यक्ष पद स्वीकार कर लेना चाहिए 

गांधी को पार्टी अध्यक्ष पद स्वीकार कर लेना चाहिए 

नरेश राघानी 

जयपुर। कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर जारी सरगर्मियों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि पार्टी में एकतरफा राय राहुल गांधी के अध्‍यक्ष बनने के समर्थन में है और देश भर में कांग्रेसजनों की भावनाओं को समझते हुए राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष पद स्वीकार कर लेना चाहिए। इसके साथ ही गहलोत से कहा कि अगर राहुल पार्टी के अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो इससे कांग्रेसजन निराश होंगे। पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर जारी अटकलों के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए। उन्होंने कहा ,’ राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो इससे देश में कांग्रेस में निराशा आएगी। कई लोग घर बैठ जाएंगे और हम लोगों को तकलीफ होगी। उनको (राहुल गांधी) पूरे देश के, आम कांग्रेसजनों की भावना समझते हुए यह पद स्वीकार करना चाहिए।’ गहलोत ने कहा कि पार्टी के भीतर भी एक राय राहुल गांधी को नया अध्यक्ष बनाने के पक्ष में है।

उन्होंने कहा, ‘एकतरफा राय उनके अध्यक्ष बनने के समर्थन में है तो मैं समझता हूं कि उन्‍हें इसे स्वीकार करना चाहिए।’ उन्होंने कहा,’ यह गांधी या गैर गांधी परिवार की बात नहीं है। यह तो संगठन का काम है कोई प्रधानमंत्री तो बन नहीं रहा।’ इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आगे कहा,’ बीते 32 साल में इस परिवार का कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या मुख्यमंत्री नहीं बना तो फिर (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी इस परिवार से डरते क्यों हैं, (दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद) केजरीवाल को कहना पड़ता है कि 75 साल में कुछ नहीं हुआ देश में, तो सब लोग कांग्रेस पर ही हमला क्यों करते हैं ? क्योंकि कांग्रेस पार्टी और देश का डीएनए एक है, आजादी के पहले और आजादी के बाद में। कांग्रेस सभी धर्मों और वर्गों को साथ लेकर चलती है।’ गहलोत ने कहा कि कांग्रेस ने बीते 75 साल में देश में लोकतंत्र को जिंदा रखा है जिसकी बदौलत ही आज मोदी देश के प्रधानमंत्री व केजरीवाल दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री हैं। उन्होंने कहा,’ कांग्रेस कहीं जाने वाली नहीं है। इस प्रकार की बातें कर उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह किया है। 75 साल में देश में कुछ नहीं हुआ, 75 साल में कांग्रेस ने देश में लोकतंत्र को जिंदा रखा इसलिए इस देश में आज प्रधानमंत्री का नाम नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री का नाम अरविंद केजरीवाल है।

अगर लोकतंत्र नहीं होता तो ये प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कैसे बनते। यह देश को कांग्रेस की देन है।’ मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि राज्‍य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी एक बार फिर जीतेगी। उन्होंने कहा, ‘2023 में होने वाला अगला चुनाव जीतेंगे फिर 2024 के चुनाव में, इस बार मोदी के लिए आसान खेल नहीं है। लगता अभी उनको है, लेकिन मेरा मानना है कि जिस प्रकार से उनकी खुद की घेराबंदी हो रही है और जिस प्रकार बिहार में नीतीश कुमार ने उनको झटका दिया है उसके बाद महंगाई व बेरोजगारी का मुद्दे को लेकर कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी के नेतृत्व में किए गए आंदोलन से मोदी सरकार हिल चुकी है और 2024 में कुछ भी परिणाम हो सकते हैं।’

गहलोत ने कहा कि महंगाई व बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है, और पार्टी इसको लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाए रखेगी। वहीं राजस्‍थान कांग्रेस कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक सोमवार को यहां हुई। इसमें देश में बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी के विरूद्ध अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा चार सितंबर सितंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली ‘हल्ला बोल महारैली’ की तैयारियों पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुये प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा,’ बैठक में रैली को सफल बनाने पर चर्चा हुई। इसको लेकर 25 अगस्त को जिला स्तर पर व 27 अगस्त को विधानसभावार बैठक करेंगे। रैली में राज्‍य में 50 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को ले जाने का लक्ष्य है।’

बेरोजगार शिक्षक कैंडिडेट्स का प्रदर्शन, लाठीचार्ज 

बेरोजगार शिक्षक कैंडिडेट्स का प्रदर्शन, लाठीचार्ज 

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को पुलिस ने बेरोजगार शिक्षक कैंडिडेट्स के प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज कर दिया। पटना के ADM केके सिंह ने तिरंगा लिए एक प्रदर्शनकारी पर जमकर लाठी बरसाई। इतनी लाठियां मारीं कि उसका खून बहने लगा। बाद में एक पुलिसकर्मी ने प्रदर्शनकारी से तिरंगा छीन लिया। बता दें कि CTET और BTET पास अभ्‍यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया है। पटना के ADM केके सिंह का बर्बर चेहरा भी सामने आया है। शिक्षक अभ्‍यर्थी हाथों में तिरंगा झंडा थामकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। ADM केके सिंह उस प्रदर्शनकारी युवक से इस कदर नाराज हुए कि उनकी सरेआम पिटाई शुरू कर दी। तिरंगा थामे अभ्‍यर्थी नारे लगाता रहा और ADM केके सिंह उन्‍हें बेरहमी से पीटते रहे। इसे राष्‍ट्रध्‍वज का अपमान भी माना जा रहा है। वीडियो में उनके हिंसक रूप को देखकर हर कोई दंग रह गया।

बीजेपी प्रवक्ता शहजाद जय हिंद ने महागठबंधन सरकार पर हमला बोला है। शहजाद ने एक वीडियो शेयर किया और कहा कि देखिए, एडीएम की गुंडागर्दी, शिक्षक पदों पर नौकरी मांगने वालों पर लाठीचार्ज। एडीएम ने तिरंगे की भी परवाह नहीं की और युवक को बेरहमी से पीटा। राजद ने रोजगार का वादा किया था लेकिन लाठियां दे रहे हैं। अपराधियों के लिए फ्री रन और युवाओं के लिए लाठियां। शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि वे 2019 से बहाली का इंतजार कर रहे हैं। तीन साल होने के बावजूद सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है। एक शिक्षक अभ्यर्थी ने कहा कि सरकार बनने से पहले तेजस्वी यादव कहते थे कि पहली कैबिनेट की बैठक में आप लोगों की बहाली प्रक्रिया शुरू होगी। वो अभी सरकार में नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि शिक्षा मंत्री बदलने से कुछ नहीं होगा, सरकार बदलिए। अब तो तेजस्वी यादव सरकार में आए गए हैं।

मगरमच्छ के साथ खेलता नजर आया शख्स, वायरल 

मगरमच्छ के साथ खेलता नजर आया शख्स, वायरल 

रोशनी पांडेय 

अब तक आपने मगरमच्छ के शिकार के कई वीडियोज सोशल मीडिया पर देखे होंगे। इन वीडियोज में मगरमच्छ शिकार करते हुए नजर आते होंगे। लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर आप के होश उड़ जाएंगे। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में आप एक शख्स को मगरमच्छ के साथ खेलते हुए देख सकते हैं। वाकई में इस शख्स ने जो किया है, वो हैरत में डालने वाला है। यही वजह है कि ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है। बता दें, कि वायरल हो रहे वीडियो में आप देखेंगे कि नदी या तालाब के बीच नाव पर बैठा शख्स मगरमच्छ से ठीक वैसे ही व्यवहार कर रहा है, जैसे वो कोई कुत्ता हो। जिस तरह से इंसान कुत्तों को खाना खिलाते हैं या सहलाते हैं, ठीक उसी तरह से शख्स मगरमच्छ के साथ कर रहा है।

हैरानी की बात तो यह है कि मगरमच्छ भी इस शख्स से साथ काफी घुला मिला लगता है। मगरमच्छ बिल्कुल भी आक्रामक नहीं है और वो शख्स के इशारों को समझ कर उनका अच्छे से पालन भी कर रहा है। दोनों के बीच बेहद गहरी दोस्ती लग रही है। एक अगस्त को शेयर किए गए इस वीडियो को अभी तक 5 मिलियन बार देखा जा चुका है। वहीं, एक लाख से ज्यादा लोगों ने वीडियो को लाइक किया है। नेटिजन्स ने वीडियो पर ढेरों कमेंट्स भी किए हैं।

आप तोड़ने पर सीएम का पद देने की पेशकश की थी

आप तोड़ने पर सीएम का पद देने की पेशकश की थी 

इकबाल अंसारी 

अहमदाबाद। दो दिवसीय दौरे पर गुजरात पहुंचे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन्हें आम आदमी पार्टी (आप) तोड़ने पर मुख्यमंत्री का पद देने की पेशकश की थी। सिसोदिया ने कहा कि वह तब हैरान रह गए, जब एक व्यक्ति उनके पास यह संदेश लेकर आया कि उनके लिए भाजपा की ओर से दो प्रस्ताव हैं। आप नेता ने दावा किया, ‘संदेश वाहक ने कहा कि एक प्रस्ताव यह है कि सीबीआई-ईडी (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो-प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा आपके खिलाफ दर्ज सभी बड़े मामले वापस ले लिए जाएंगे। दूसरी पेशकश यह थी कि मैं पार्टी तोड़ दूं और वे मुझे मुख्यमंत्री बनाएंगे।’

CM केजरीवाल मेरे राजनैतिक गुरु, उनसे कभी गद्दारी नहीं करूंगा- सिसोदिया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ‘मुझे CM कैंडिडेट बनाने के ऑफर पर BJP को मेरा संदेश… अरविंद केजरीवाल मेरे राजनैतिक गुरु हैं, उनसे कभी गद्दारी नहीं करूंगा। मैं मुख्यमंत्री बनने नहीं आया, मेरा सपना है- देश के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले, तभी तो भारत न 1 देश बनेगा। पूरे देश में ये काम केवल केजरीवाल जी कर सकते हैं।’

बता दें कि केजरीवाल और सिसोदिया सोमवार को गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस यात्रा के दौरान आप के दोनों नेता राज्य के युवाओं के साथ रोजगार और शिक्षा पर चर्चा करेंगे। उनका दौरा दिल्ली की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा सिसोदिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर जारी विवाद के बीच हो रहा है। केजरीवाल इस महीने चौथी बार गुजरात दौरे पर हैं।

प्राथमिकी दर्ज करने से जुड़ें आदेश के अमल पर रोक 

प्राथमिकी दर्ज करने से जुड़ें आदेश के अमल पर रोक 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली एक महिला की शिकायत पर भारतीय जनता पार्टी के नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से जुड़ें दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अमल पर सोमवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने हुसैन की याचिका पर दिल्ली सरकार समेत विभिन्न पक्षकारों को नोटिस जारी किए और उनसे जवाब मांगा। पीठ ने मामले को सुनवाई के लिए सितंबर के तीसरे सप्ताह में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।

उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली हुसैन की याचिका 17 अगस्त को खारिज कर दी थी। निचली अदालत ने दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। गौरतलब है कि दिल्ली की एक महिला ने 2018 में निचली अदालत का रुख करते हुए दुष्कर्म के आरोप में हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था। एक मजिस्ट्रेट अदालत ने सात जुलाई 2018 को हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हुए कहा था कि महिला की शिकायत से एक संज्ञेय अपराध का मामला बनता है। भाजपा नेता ने एक सत्र अदालत में इसे चुनौती दी थी, जिसने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

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