गुरुवार, 18 अगस्त 2022

विशाल दही हांडी उत्सव का आयोजन किया: समिति 

विशाल दही हांडी उत्सव का आयोजन किया: समिति 


हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल उद्घोष के साथ मनाया जाएगा गुढिय़ारी में भव्य दही हांडी उत्सव

दुष्यंत टीकम 

रायपुर। प्रतिवर्ष अनुसार, इस वर्ष भी सार्वजनिक दही हांडी उत्सव समिति के तत्वावधान में श्रीनगर रोड दही हांडी मैदान गुढिय़ारी में विशाल दही हांडी उत्सव का आयोजन किया गया। दिनांक 19 अगस्त, दिन शुक्रवार को यह आयोजन शाम 4 बजे से आरंभ होकर रात्रि 8 बजे तक चलेगा। यह कार्यक्रम राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गरिमामयी उपस्थिति एवं मुख्य आतिथ्य में होगा। विशेष सहयोगी पश्चिम विधायक विकास उपाध्याय अपनी उपस्थिति देगें। कार्यक्रम के संयोजक बसंत अग्रवाल ने बताया कि दही हांडी प्रतियोगिता में विजयी टोली को साढ़े तीन लाख का पुरस्कार दिया जाएगा। भाग लेने वाले गोविंदा टोली प्रतियोगिता हेतु पंजीयन करा सकते हैं। टोलियों को पंजीयन के क्रम आधार पर मौकें दिए जाऐंगे।

युवतियों की टोली के सुरक्षा एवं आपातकाल प्राथमिक उपचार व एम्बुलेंस की व्यवस्था होगी। प्रत्येक टोली को 20 मिनट का समय दिया जाएगा। 50 व्यक्तियों से ऊपर वाली सभी टोली जो मटकी फोडऩे का प्रयास करेगी उन्हें भी 71 सौ रूपए का प्रोत्साहन राशि समिति द्वारा दिया जाएगा। यह जानकारी समिति द्वारा पत्रवार्ता आयोजित कर दी गई, जिसमें विधायक विकास उपाध्याय कार्यक्रम के सह-संयोजक हमेन्द्र साहू, संयोजक बंसत अग्रवाल, लक्की ठाकुर, निवेश शर्मा एवं अन्य शामिल रहे।

'जन्माष्टमी' का समारोह कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ

'जन्माष्टमी' का समारोह कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ 


रानी रेवती देवी में श्री राधा-कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन संपन्न

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पूर्व दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए

बृजेश केसरवानी 

प्रयागराज। विद्या भारती से संबद्ध काशी प्रांत के रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज, राजापुर, प्रयागराज के संगीताचार्य एवं मीडिया प्रभारी मनोज गुप्ता की सूचना अनुसार, प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडे के मार्गदर्शन में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पूर्व दिवस पर श्री राधा-कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता के साथ-साथ श्री कृष्ण 'जन्माष्टमी' का पावन समारोह धूमधाम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ।

प्रारंभ में प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडे ने भगवान श्री कृष्ण के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन करके समारोह की शुरुआत की। उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि भगवान श्री कृष्ण पूजा के योग्य थे और इसीलिए वह आदरणीय थे। कोई भी किसी को आदर नहीं देता जब तक कि वह पूजा के योग्य नहीं होता। भगवान कृष्ण की पूजा उनकी सच्ची समझ की वजह से की जाती है न कि सिर्फ़ पूजा करने के लिए की जाती है। सभी चीज़ें जो हम अपनी पाँच इंद्रियों से देखते हैं और अनुभव करते हैं। उनका हमारे अगले जीवन के कर्म के खाते के लिए कोई महत्व नहीं है। हमारे अंदर के भावों की वजह से ही नए कर्म बँधते हैं। बाहर के कर्मों के साथ ही अंदर के भाव होते रहते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के क्रम में आस्था पांडे, अनन्या पांडे, शुभ्रा पाल, आनंदी गुप्ता, सलोनी सिंह एवं सौम्या पांडे ने "सांवली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया एवं अनन्या पांडे तथा आस्था पांडे ने संयुक्त रूप से युगल भजन "श्री राधे गोविंद मुरारी: प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया दोनों गीतों के साथ कक्षा 6 के छात्र उमंग गुप्ता ने तबले पर बहुत ही सुंदर साथ दिया। श्री राधा कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता में नन्हे-मुन्ने छात्र-छात्राओं ने श्री राधा कृष्ण का मनमोहक रूप प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया। प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे- रूद्र सिंह प्रथम, प्रखर दुबे द्वितीय, भुवनेश्वर कांत तृतीय, सांत्वना पुरस्कार, कृष्णा चतुर्वेदी, विश्वजीत सिंह, अविरल खरे, श्री राधा रूप सज्जा प्रतियोगिता-  वैष्णवी पांडे प्रथम, स्वाति पाल द्वितीय, राहिमा अली तृतीय, सांत्वना पुरस्कार, आस्था पांडे, आराध्या चतुर्वेदी, अनिका खरे। प्रतियोगिता का संयोजन एवं निर्णय श्रीमती ऋचा मिश्रा गोस्वामी एवं श्रीमती रुचि चंद्रा ने किया। उक्त कार्यक्रम में पायल जायसवाल ,अर्चना राय, किरन सिंह, कविता पांडे ,प्रगति राज ,प्रभात कुमार शर्मा सहित समस्त अध्यापक एवं अध्यापिकाओं का सहयोग सराहनीय रहा।कार्यक्रम का संचालन संगीताचार्य मनोज गुप्ता ने किया।

5जी स्पेक्ट्रम आवंटन, कारोबारी माहौल का उदाहरण 

5जी स्पेक्ट्रम आवंटन, कारोबारी माहौल का उदाहरण 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारती एयरटेल के संस्थापक एवं अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने बृहस्पतिवार को कहा, कि 5जी स्पेक्ट्रम आवंटन देश में सरल कारोबारी माहौल का नायाब उदाहरण है और इस तरह के बदलाव ही राष्ट्र को विकसित देश बनने के सपनों को शक्ति देता है। श्री मित्तल ने यहां जारी एक बयान में कहा कि कल एयरटेल ने स्पेक्ट्रम के लिए 8312.4 करोड़ रुपये का भुगतान किया और उसे कुछ ही घंटों के भीतर स्पेक्ट्रम के लिए आवंटन पत्र मिल गया। वादे के मुताबिक स्पेक्ट्रम के साथ ई बैंड भी आवंटित कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए काेई परेशानी नहीं, बारबार का कोई चक्कर नहीं और दूरसंचार विभाग में बारबार भागदौड़ करने की कोई जरूरत नहीं पड़ी। यह पूरी से सुगम कारोबारी माहौल देने के सरकार के प्रयास के अनुरूप था। उन्होंने कहा कि दूरसंचार विभाग के साथ वह 30 वर्षाें से अधिक समय से काम कर रहे हैं लेकिन पहलह बार व्यापार जैसे होना चाहिए उस तरह से हुआ है। यह काम शीर्ष पर बदलाव से ही संभव होता है। यह परिवर्तन जो इस राष्ट्र को बदल सकता है, एक विकसित राष्ट्र बनने के सपनों को शक्ति देता है।

सरकार को अंधेरे में रखकर आवास देने की साजिश 

सरकार को अंधेरे में रखकर आवास देने की साजिश 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार को अंधेरे में रखकर रोहिंग्याओं को आवास देने की साजिश की जा रही है। इसलिए इसकी जांच की जानी चाहिए। सिसोदिया ने गुरुवार को इस सम्बन्ध में गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली में दिल्ली की चुनी हुई सरकार को अंधेरे में रख रोहिंग्याओं को आवास देने की साजिश की जा रही है। उन्हें एनडीएमसी के फ्लैट देने की बात की जा रही है।

वहीं, केन्द्रीय आवास मंत्री हरदीप पुरी इस निर्णय की तारीफ़ करते हुए ट्वीट कर इसे लैंडमार्क निर्णय बताते है लेकिन इस बात के मीडिया में आने के बाद दिल्ली सरकार द्वारा विरोध जताये जाने पर केंद्र सरकार यू-टर्न ले लेती है। ऐसे में इस दोहरे रवैये के बजाय इस मामले पर केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट करे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार, दिल्ली में रोहिंग्याओं को किसी भी तरह का कोई अस्थाई या स्थाई आवास दिए जाने के किसी भी कदम के खिलाफ है और केंद्र सरकार भी इसपर अपना रुख स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि रोहिंग्याओं को फ्लैट्स देने के मसले पर 29 जुलाई को दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। इस मीटिंग में केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी शामिल रहे लेकिन दिल्ली की चुनी हुई सरकार को इस बैठक की जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है ऐसे में केंद्र सरकार इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करे, और अगर कुछ लोगों ने केंद्र सरकार के रुख के खिलाफ जाकर, दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर साजिश रची तो उनके खिलाफ सख्त कारवाई की जाए।

इस बात की हो जाँच कि केंद्र सरकार में कौन लोग, दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर, दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर इस तरह के निर्णय लेने की कोशिश कर रहे थे? किसके कहने पर कर रहे थे? उनकी साजिश क्या थी? इसकी निष्पक्ष जाँच हो| उपमुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि 17 अगस्त की सुबह अखबारों में यह स्पष्ट कहा गया था कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में रोहिंग्याओं के लिए बाकायदा एनडीएमसी द्वारा निर्मित फ्लैट्स देकर उनके आवास की व्यवस्था की जा रही है।

इस बाबत केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के दो ट्वीट्स भी लिखे जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के इस निर्णय की तारीफ करते हुए इसे एक लैंडमार्क डिसीजन बताया था। श्री सिसोदिया ने आगे लिखा कि दिल्ली में गृह विभाग का मंत्री होने के नाते मेरे लिए यह बेहद चिंता की बात है कि केंद्र सरकार दिल्ली में बांग्लादेशी रोहिंग्याओं को आवास देने जा रही है और दिल्ली के मुख्यमंत्री या दिल्ली की चुनी हुई सरकार को इस बारे में विश्वास में लेना तो दूर, इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। सिसोदिया ने बताया कि गृह विभाग से दस्तावेज मंगवाने के बाद पता चला कि इस बारे में 29 जुलाई, को दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग में कुछ निर्णय लिए गए हैं। इस मीटिंग में केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी शामिल रहे हैं। और इस बैठक में लिए गए निर्णय को दिल्ली के गृहमंत्री या मुख्यमंत्री की जानकारी में लाए बिना, केंद्र सरकार की औपचारिक मंजूरी के लिए इसकी फाइल मुख्य सचिव के जरिए उपराज्यपाल के पास भेजी जा रही थी।

दस्तावेजों में यह भी देखा कि केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले दिल्ली पुलिस के एफ.आर.आर.ओ के अधिकारियों के अनुरोध पर रोहिंग्याओं को फ्लैट देने के संबंध में एक पत्र भी एनडीएमसी को लिखा गया। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार, दिल्ली में रोहिंग्याओं को किसी भी तरह का कोई अस्थाई या स्थाई आवास दिए जाने के किसी भी कदम के खिलाफ है। इस बारे में दिल्ली की चुनी हुई सरकार का रुख एकदम स्पष्ट है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार की सहमति के बिना यह कदम उठाए गए हैं तो इनकी तुरंत गंभीरता से जांच होनी चाहिए। इस बात की जांच होनी चाहिए कि केंद्र सरकार में कौन लोग, दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर, दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर इस तरह के निर्णय लेने की कोशिश कर रहे थे? किसके कहने पर कर रहे थे? उनकी साजिश क्या थी?

संकट: भयानक गर्मी का सामना कर रहा है, चीन 

संकट: भयानक गर्मी का सामना कर रहा है, चीन 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

बीजिंग। दूसरों को अपने कर्ज के जाल में फंसाने वाला चीन इस वक्त खुद कई तरह के संकटों में घिरा हुआ है। चीन इस वक्त भयानक गर्मी का सामना कर रहा है। जिसकी वजह से इसके कुछ हिस्सों में नदियां सूख गई हैं। बिजली संकट ने लोगों की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है जिससे मुख्य रूप से फैक्ट्रियां बाधित हो रही हैं। फसलों की पैदावार घटने से देश का आर्थिक संकट और अधिक गहरा सकता है। चीन के कई हिस्से पिछले 60 साल की सबसे प्रचंड गर्मी का सामना कर रहे हैं। सरकारी मौसम एजेंसियों की मानें तो देश के मध्य और दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में कई जगहों पर अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियम से अधिक दर्ज किया गया। एजेसियों ने भविष्यवाणी की है कि दक्षिण में उच्च तापमान और दो हफ्तों तक लोगों की परेशानी बढ़ा सकता है। चीन के कई प्रांत इन दिनों भयानक सूखे से जूझ रहे हैं, जो लगातार चीन की अर्थव्यवस्था पर वार कर रहा है। चीन की कई नदियां सूखे के कगार पर हैं, लिहाजा इन दिनों चीन आसमान में बादल के बीज बो रहा है, ताकि बारिश हो और नदियों में पानी आए। चीन के विमान प्रसिद्ध चीनी नदी यांग्त्ज़ी में पानी भरने के लिए आकाश में बादल के बीज के गोले दाग रहे हैं, ताकि सूखे के संकट से पार पाया जाए। चीन इन दिनों रिकॉर्ड गर्मी के संकट से जूझ रहा है, जिसकी वजह से लाखों लोगों के लिए जीवनदायिनी यांग्त्ज़ी नदी का एक बड़ा हिस्सा सूख चुका है, लिहाजा चीन की कोशिश है, कि बादल के बीज बोया जाए, ताकि बारिश हो और यांग्त्ज़ी में पानी भरे। चीनी विमान अपनी महत्वपूर्ण यांग्त्ज़ी नदी में अधिक वर्षा करवाने के लिए आकाश में बादल के बीज के गोले दाग रहे हैं और यांग्त्ज़ी नदी के कई क्षेत्रों ने मौसम संशोधन कार्यक्रम शुरू किए हैं, लेकिन, चीन की लाख कोशिशों के बाद भी बहुत कम बादलों का निर्माण हो रहा है, लिहाजा बारिश नहीं हो पा रही है।

चीन के जल संसाधन मंत्रालय ने बुधवार को एक नोटिस में कहा कि, यांग्त्ज़ी नदी बेसिन में सूखा “ग्रामीण लोगों और पशुओं की पेयजल सुरक्षा और फसलों की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।” वहीं, बुधवार को चीन के एक और हुबेई प्रांत ने घोषणा की है, कि वो आसमान में बादलों की बुआई करेगा, ताकि बारिश करवाई जाए और इसके लिए वो सिल्वर आयोडाइड की छड़ का उपयोग करेगा। सिल्वर आयोडाइड की छड़ें, जो आमतौर पर सिगरेट के आकार की होती हैं, उसे पानी के क्रिस्टल बनाने में मदद करने के लिए आसमान में मौजूद बादलों में शूट किया जाता है। जिसकी वजह से क्रिस्टल का निर्माण होता है, जिससे इसकी नमी की मात्रा भारी हो जाती है और ये क्रिस्टल तब बादल को अधिक बारिश पैदा करने में मदद करते हैं और बारिश होने की संभावना बढ़ जाती है। क्लाउड सीडिंग 1940 के दशक से चलन में है और कृत्रिम बारिश करवाने के लिए चीन ने दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम बनाकर रखा है। इसने आयोजन के लिए शुष्क मौसम सुनिश्चित करने के लिए 2008 में बीजिंग ओलंपिक से पहले सीडिंग का इस्तेमाल किया था और इस तकनीक का इस्तेमाल बर्फबारी को प्रेरित करने या ओलों को नरम करने के लिए भी किया जा सकता है।

हालांकि, इस बार चीन को कृत्रिम बारिश करवाने में ज्यादा मदद नहीं मिल रही है। हुबेई के प्रांतीय आपातकालीन प्रबंधन विभाग ने मंगलवार को कहा कि, जून के बाद से हुबेई में कम से कम 42 लाख लोग भीषण सूखे से प्रभावित हुए हैं। चीन की यांग्त्ज़ी नदी भी उत्तरी गोलार्ध में स्थिति है और ये नदी भी अमेरिका में मौजूद लेक मीड, जर्मनी की राइन नदी की तरह ही लगातार सूखती जा रही है और इन क्षेत्रों में काफी कम बारिश होने लगी है, जिससे नदी में पानी जमा नहीं हो पा रहा है और ये नदियां लगातार सिकुड़ती जा रहीं हैं। हालांकि, चीन अपनी नदियों को बचाने के लिए फंड तो बना रहा है, लेकिन चीन में औद्योगिकीकरण की वजह से भारी संख्या में जंगल काटे गये हैं और कोयले का अभूतपूर्व इस्तेमाल किया जा रहा है, लिहाजा एक्सपर्ट्स का कहना है, कि आप प्रकृति को पैसों से नहीं खरीद सकते हैं। स्थिति ये बन गई है, कि हुबेई प्रांत के लाखों पशुओं की जिंदगी बचाने के लिए दूसरे प्रांतों में भेजा जा रहा है और चीन की सरकार ने इस काम के लिए और आपदा राहत के लिए करीब 44.30 मिलियन डॉलर दिए हैं।

वहीं, चीन के जल संसाधन मंत्रालय ने मंगलवार को कहा है कि, डाउनस्ट्रीम आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए चीन की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना, थ्री गोरजेस बांध से अगले 10 दिनों में करीब 500 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी छोड़ा जाएगा, ताकि नदी में पानी की वृद्धि हो। दरअसल, चीन ने रॉकेट की रफ्तार से बांधों का निर्माण किया है और अपनी नदियों को हजारों जगहों पर बांध दिया है और नदियों के सूखने की ये भी एक बड़ी वजह है। हैरानी की बात ये है, कि चीन अभी भी थम नहीं रहा है और आने वाले सालों में सैकड़ों बांधों का और निर्माण किया जाएगा। वहीं, भीषण गर्मी ने दक्षिण-पश्चिमी प्रांत सिचुआन में भी अधिकारियों को परेशान कर दिया है और करीब साढ़े आठ करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में सभी फैक्ट्रियों को अगले 6 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है, ताकि घरों में बिजली की सप्लाई की जा सके। सिचुआन प्रांत चीन का एक प्रमुख मैन्यूफैक्चरिंग प्रांत है, लिहाजा इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ने की संभावना है।

चीन के मौसम विज्ञान प्रशासन ने कहा कि, चीन ने बुधवार को देश भर के कम से कम 138 शहरों और काउंटी के लिए अपनी उच्चतम रेड अलर्ट गर्मी की चेतावनी जारी की, और अन्य 373 को दूसरे उच्चतम नारंगी अलर्ट के तहत रखा गया। नेशनल क्लाइमेट सेंटर ने एक बयान में कहा कि, पिछले 64 दिनों से चीन में इस तरह की भीषण गर्मी और लू की लहर चल रही है, जो अभी तक का एक रिकॉर्ड है और पिछले 60 सालों में ऐसा नहीं हुआ था, जब से चीन में गर्मी को मापा जाने लहा। वहीं, मौसम विभाग ने ये चेतावनी भी जारी की है, कि आने वाले दिनों में स्थिति और भी भयानक हो सकती है। चीन के मौसम विभाग ने अपने नागरिकों को घर से कम से कम निकलने की सलाह देते हुए कहा है कि, इस बार गर्मी की लहर लंबी, व्यापक और चरम सीमा तक मजबूत है। और सभी संकेतों से यही पता चल रहा है, कि आगे गर्मी की लहर और भी ज्यादा बढ़ेगी।

बयान के अनुसार, रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से गर्मी की लहर ने 40 डिग्री सेल्सियस से लगातार ज्यादा रहती है और कई शहरों में सुबह के वक्त ही 44 डिग्री से ज्यादा का पारा रहता है और दोपहर में ये 50 को छू जाता है। भीषण गर्मी की वजह से लोगों ने एसी का इस्तेमाल काफी ज्यादा शुरू कर दिया है, लिहाजा बिजली की डिमांड भी काफी ज्यादा बढ़ गई है और चीन में अभी तक 51 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है, जिसकी वजह से जमीन का जलस्तर भी कम हो रहा है। वहीं, बिजली बचाने के लिए रात में शहरों में स्ट्रीट लाइट बंद करने के निर्देश दिए गये हैं, वहीं, हाइड्रोपॉवर प्लांट में भी पानी की कमी की वजह से कम बिजली का उत्पादन हो रहा है। खासकर सिचुआन शहर सेमीकंडक्टर उत्पादन और सोलर पैनल के निर्माण के लिए जाना जाता है और अगले एक हफ्ते कर प्रोडक्शन बंद होने का असर कई क्षेत्रों में पड़ने की संभावना है।

पूर्व ग्राम प्रधान की हत्या के मामलें में जमानत अर्जी रद्द 

पूर्व ग्राम प्रधान की हत्या के मामलें में जमानत अर्जी रद्द 

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुज़फ्फरनगर। पावटी में पूर्व ग्राम प्रधान शराफत अली की हत्या के मामलें में आरोपी अनीस की जमानत अर्जी ज़िला ज़ज़ ने रद्द कर दी है। ज़िला ज़ज़ चवन प्रकाश ने यह बताते हुए अर्ज़ी रद कर दी कि यह ज़मानत योग्य मामला नही है। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा और वादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत त्यागी व फ़िरोज़ राणा ने पैरवी कर ज़मानत का विरोध किया।

गत10 जून 2022 को पूर्व ग्राम प्रधान शराफत अली की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने धारा 147,148,149,302,307,452 व 506 के तहत मामला दर्ज किया था।

फ्लिपकार्ट: उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन, जुर्माना 

फ्लिपकार्ट: उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन, जुर्माना 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण-सीसीपीए ने अनिवार्य मानकों के उल्लंघन करते हुए घरेलू प्रेशर कुकर की बिक्री की अनुमति देने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ‘फ्लिपकार्ट’ द्वारा उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन के मामले में एक आदेश पारित किया है। मुख्य आयुक्त निधि खरे की अध्यक्षता में, सीसीपीए ने फ्लिपकार्ट को अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जाने वाले सभी 598 प्रेशर कुकरों के बारे में उपभोक्ताओं को सूचित करने, प्रेशर कुकरों को वापस लेने और उपभोक्ताओं को उनकी कीमतों की प्रतिपूर्ति करने और 45 दिनों के भीतर इसकी अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कंपनी को अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ऐसे प्रेशर कुकर की बिक्री की अनुमति देने और उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन करने हेतु 1,00,000 रुपये का जुर्माना देने का भी निर्देश दिया गया है।

केंद्र सरकार, समय-समय पर, गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (क्यूसीओ) को अधिसूचित करती है, जो उपभोक्ताओं को क्षति और नुकसान के जोखिम से बचाने और बड़े पैमाने पर जनता के हित में उत्पाद के लिए मानक चिह्न के उपयोग और मानक के लिए अनिवार्य अनुरूपता निर्दिष्ट करती है। 01.02.2021 को लागू हुआ घरेलू प्रेशर कुकर (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, सभी घरेलू प्रेशर कुकरों के लिए आईएस 2347:2017 के अनुरूप होना अनिवार्य है। इसलिए 01.02.2021 से सभी प्रेशर कुकर, चाहे वे ऑनलाइन या ऑफलाइन बेचे जा रहे हों, को IS 2347:2017 के अनुरूप होना चाहिए और इस पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता है। सीसीपीए ने पाया कि ‘फ्लिपकार्ट के उपयोग की शर्तों’ के प्रावधान उत्पाद के प्रत्येक चालान पर ‘पावर्ड बाय फ्लिपकार्ट’ जैसे शब्दों का अनिवार्य उपयोग और विभिन्न लाभों के वितरण के लिए विक्रेताओं को अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर प्रेशर कुकर की बिक्री में सोने, चांदी और कांस्य के रूप में प्रतिष्ठित करना फ्लिपकार्ट द्वारा निभाई गई भूमिका की ओर इशारा करता है। फ्लिपकार्ट ने अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ऐसे प्रेशर कुकर की बिक्री के माध्यम से कुल 1,84,263 रुपये प्राप्त किये हैं। सीसीपीए द्वारा यह पाया गया कि जब फ्लिपकार्ट को ऐसे प्रेशर कुकर की बिक्री से व्यावसायिक रूप से लाभ हुआ है, तो वह उपभोक्ताओं को उनकी बिक्री से उत्पन्न होने वाली भूमिका और जिम्मेदारी से खुद को अलग नहीं कर सकता है।

उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता और गुणवत्ता की समझ बढ़ाने के लिए, सीसीपीए ने केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित क्यूसीओ का उल्लंघन करने वाले नकली और फर्ज़ी सामानों की बिक्री को रोकने के लिए एक देशव्यापी अभियान शुरू किया है। अभियान के हिस्से के रूप में पहचाने जाने वाले दैनिक उपयोग के उत्पादों में हेलमेट, घरेलू प्रेशर कुकर और रसोई गैस सिलेंडर शामिल हैं। सीसीपीए ने देश भर के जिला कलेक्टरों को इस तरह के उत्पादों के निर्माण या बिक्री से संबंधित अनुचित व्यापार प्रथाओं और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन की जांच करने और कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए लिखा है। अभियान के अंतर्गत, बीआईएस ने कई गैर-मानक हेलमेट और प्रेशर कुकर की तलाशी और जब्ती की है। 1,435 प्रेशर कुकर और 1,088 हेलमेट जो अनिवार्य मानकों के अनुरूप नहीं थे, उन्हें बीआईएस द्वारा जब्त कर लिया गया है। सीसीपीए ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को कानून के अंतर्गत अपेक्षित कार्रवाई करना और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनिवार्य उपयोग के लिए निर्देशित मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए भी पत्र लिखा है।

इसके अलावा, सीसीपीए ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक को बीआईएस अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के अंतर्गत अनिवार्य मानकों के उल्लंघन के अपराधों का तत्काल संज्ञान लेने के लिए बीआईएस की सभी क्षेत्रीय शाखाओं को विधिवत अधिसूचित करने के लिए लिखा है। उपभोक्ता कार्य विभाग द्वारा नए शॉर्ट कोड ‘1915’ को जारी किये जाने के बाद से, अधिक से अधिक उपभोक्ता राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर अपनी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। यह ध्यान रखना प्रासंगिक है कि एनसीएच पर पंजीकृत सभी शिकायतों के अनुपात में ई-कॉमर्स खंड उच्चतम है। जुलाई 2022 के महीने में, एनसीएच पर सभी शिकायतों का 38 प्रतिशत हिस्सा ई-कॉमर्स से संबंधित था। ई-कॉमर्स में उपभोक्ता शिकायतों की प्रमुख श्रेणियों में दोषपूर्ण उत्पाद की डिलीवरी, भुगतान की गई राशि की वापसी में विफलता, उत्पाद की डिलीवरी में देरी आदि शामिल हैं। सीसीपीए ने अधिनियम की धारा 18 (2) (जे) के अंतर्गत सुरक्षा नोटिस भी जारी किए हैं। ताकि उपभोक्ताओं को ऐसे सामान खरीदने के प्रति सचेत और सावधान किया जा सके जो वैध आईएसआई मार्क नहीं रखते हैं और अनिवार्य बीआईएस मानकों का उल्लंघन करते हैं। जहां पहला सुरक्षा नोटिस हेलमेट, प्रेशर कुकर और रसोई गैस सिलेंडर के संबंध में जारी किया गया था, वहीं दूसरा सुरक्षा नोटिस घरेलू सामान के संबंध में जारी किया गया था, जिसमें इलेक्ट्रिक इमर्शन वॉटर हीटर, सिलाई मशीन, माइक्रोवेव ओवन, एलपीजी के साथ घरेलू गैस स्टोव आदि शामिल हैं।

अग्रवाल ने चिकित्सालय का भौतिक निरीक्षण किया 

अग्रवाल ने चिकित्सालय का भौतिक निरीक्षण किया 

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने जिला चिकित्सालय का भौतिक निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर मंडल के 3 जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की थी। उसी के तहत उन्होंने आज जिला चिकित्सालय पहुंचकर औचक निरीक्षण किया है उन्होंने चिकित्सकों की कमी क़ो महसूस हो किया। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में चिकित्सकों की इस वक्त कमी है।

जिसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार सतर्क है और चिकित्सा सुविधा को बेहतर करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि सीएमओ डॉ महावीर सिंह फौजदार और सीएमएस डॉ अनिल कुमार ने उन्हें चिकित्सकों की कमी से अवगत किया है इस पर उन्होंने बताया कि वह चिकित्सा मंत्री से मिलकर बात करेंगे और जनपद को बेहतर चिकित्सक देने का प्रयास करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि वह फर्जी चिकित्सालय के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करेंगे। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल में कहा कि उन्होंने तीमारदारों व मरीजों से भी बात की है, जिससे उन्हें लगा कि सभी संतुष्ट है और उन्हें प्रॉपर इलाज और सभी तरह की जांच है जिला चिकित्सालय में मिल रही है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरी एक ऐसा प्रोफेशन है, जो समय से तैयार नहीं होते, इस प्रोफेशन में लंबा समय लगता है। और चिकित्सा के स्पेशलिस्ट के लिए काफ़ी समय लगता है। जिसके लिए योगी सरकार लगातार प्रयासरत है और जल्द ही प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा कर लिया जाएगा।

कृष्ण-पक्ष की अष्टमी को मनाई जाएगी 'जन्माष्टमी'

कृष्ण-पक्ष की अष्टमी को मनाई जाएगी 'जन्माष्टमी' 

सरस्वती उपाध्याय 

हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है‌। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। पंचांग के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण-पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था। इस लिहाज से कुछ लोग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाएंगे, वहीं उदया तिथि की गणना के अनुसार 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना भी उत्तम है।

कृष्ण भगवान को पंजीरी के साथ पंचामृत का भोग बहत प्रिय है। मान्यता है कि बिना पंचामृत के श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी रह जाती है। इस लिए इन्हें पंचामृत का भोग जरूर लगाना चाहिए।पंचामृत दूध, दही, घी, शहद, चीनी से बनकर तैयार होता है। इसे देवताओं का पेय भी कहते हैं। श्री कृष्ण पूजा में भगवान को पंचामृत का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसलिए श्री कृष्ण जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को पंचामृत का भोग जरूर लगाना चाहिए‌। इससे भगवान कृष्ण अत्यंत प्रसन्न होते हैं तथा भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते है। जिन पर भगवान कृष्ण का आशीर्वाद होता है। उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं होती। घर-परिवार में शांति बनी रहती है। नौकरी और व्यापार में तरक्की होती है। भगवान कृष्ण की कृपा से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। पंचामृत को चरणामृत भी कहते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि पंचामृत से प्रतिरक्षा में सुधार होता है। मस्तिष्क तेज होता है‌। पंचामृत के उपयोग से पित्त दोष भी संतुलित होता है।

श्रीकृष्ण 'जन्माष्टमी' पर वृंदावन-मथुरा में रहेंगे, सीएम 

श्रीकृष्ण 'जन्माष्टमी' पर वृंदावन-मथुरा में रहेंगे, सीएम 

संदीप मिश्र 

आगरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर वृंदावन और मथुरा में रहेंगे। फिलहाल मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है। लेकिन, करीब चार घंटे ब्रज में सीएम के कार्यक्रम की उम्मीद जताई जा रही है। लखनऊ से चलकर सीएम का उड़नखटोला वृंदावन के पवनहंस हेलीपैड पर पहुंचेगा। यहां से सीएम योगी आदित्यनाथ सबसे पहले अन्नपूर्णा भोजनालय का उद्घाटन करने पहुंचेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ 19 अगस्त को लखनऊ से वृंदावन पहुंचेंगे। यहां सबसे पहले अन्नपूर्णा भोजनालय का लोकार्पण करेंगे। यहां वह संतों के साथ भोजन करेंगे। इस दौरान भोजनालय में सहयोग देने वाले करीब एक हजार लोग भी शामिल होंगे, साथ ही योग गुरु बाबा रामदेव भी समारोह में मौजूद रहेंगे। सीएम पानीगांव संपर्क मार्ग स्थित पर्यटक सुविधा केंद्र के समीप प्रस्तावित सेंटर फार लिविंग ट्रेडिशन (सामुदायिक भवन) का शिलान्यास करेंगे।

25 इलेक्ट्रिक बसें होंगी शुरू...

शिलान्यास कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर्यटक सुविधा केंद्र में सभा को संबोधित करने के साथ ब्रजमंडल में चलाई जा रही 25 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके बाद जनप्रतिनिधियों संग विकास कार्यों पर चर्चा के बाद मथुरा के लिए रवाना हो जाएंगे। मुख्यमंत्री का अभी मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम नहीं जारी हुआ है, लेकिन बताया जा रहा है कि वह दोपहर एक बजे आएंगे।

कंपनी ग्रैविटी पेमेंट्स के सीईओ प्राइस ने इस्तीफा दिया 

कंपनी ग्रैविटी पेमेंट्स के सीईओ प्राइस ने इस्तीफा दिया 

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी/सिएटल। इंटरनेट पर दरियादिल बॉस की पहचान से चर्चा में आए एक कंपनी के सीईओ ने इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, अमेरिकी कंपनी ग्रैविटी पेमेंट्स के सीईओ डैन प्राइस ने एक महिला को प्रताड़ित करने का आरोप लगने के बाद इस्तीफा दे दिया है। वर्ष 2015 में उन्होंने अपने कर्मचारियों का न्यूनतम सालाना वेतन 80,000 डॉलर (यानी करीब 63,65,008 रुपए सालाना) करने के लिए अपनी 1 मिलियन डॉलर की सैलरी में कटौती की थी। प्राइस ने ईमेल में लिखा कि उनकी मौजूदगी कर्मचारियों के लिए रुकावट बन गई थी।

बता दें कि बीते दिनों अमेरिकी कंपनी ग्रैविटी पेमेंट्स के सीईओ डैन प्राइस अपने कर्मचारियों के अनुकूल बनाई गई पॉलिसियों को लेकर इंटरनेट पर छाया हुए थे। डैन प्राइस, जो सिएटल में ग्रेविटी पेमेंट्स के प्रमुख हैं, उन्होंने कहा था कि वह अपने कर्मचारियों को प्रति वर्ष 80 हजार डॉलर का न्यूनतम वेतन दे रहे हैं। इसके अलावा, सीइओ ने इस बात का भी दावा किया कि वह अपने सभी कर्मचारियों को रिमोट यानी ऑफिस से बाहर और फ्लेक्सिबल ऑवर में काम करने की सुविधा दे रहे हैं। इसके अलावा, सभी कर्मचारियों को पैरेंटल लीव भी दी जाएगी। डैन प्राइस ने अन्य कंपनियों को अपने कर्मचारियों के साथ भी इसी तरह का व्यवहार और सम्मान करने की गुजारिश की। उन्होंने ट्वीट किया, मेरी कंपनी कम से कम 80 हजार डॉलर का वेतन देती है। लोगों को जहां से मन करे वहां से काम करने का ऑप्शन देती है। कंपनी पूरी सुविधाएं देती है और पेड पैरेंटल लीव भी देती है। हमें अभी तक नौकरी के लिए 300 एप्लिकेशन आए हैं। उन्होंने कहा, कोई भी ऐसी कंपनी में काम नहीं करना चाहता है, जहां कर्मचारियों को उचित वेतन नहीं दिया जाता है और उनका सम्मान नहीं होता है।

डैन ने अपने ट्वीट में यह भी बताया है कि ऐसे शानदार जॉब डिस्क्रिप्शन की वजह से उनकी कंपनी में एक वेकेंसी निकलने पर कम से कम 300 एप्लीकेशन आ जाते हैं। हालांकि अपने देश में जहां एक वेकेंसी के लिए हजारों एप्लीकेशन की बातें सुनने को मिलती हैं, 300 का आंकड़ा कुछ भी नहीं है, लेकिन डैन ने इस संख्या का जिक्र जिस फख्र के साथ किया है, उससे जाहिर है कि अमेरिका के लिए यह जरूर बड़ी बात है। डैन प्राइस ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है, कई बार ऐसा कहा जाता है कि काम करना कोई नहीं चाहता। लेकिन दरअसल बात यह होती है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को वाजिब वेतन नहीं देतीं और न ही उनके साथ सम्मानजनक बर्ताव किया जाता है।

ट्रंप की भारत यात्रा को लेकर खुलासा, 38 लाख खर्च 

ट्रंप की भारत यात्रा को लेकर खुलासा, 38 लाख खर्च 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। एक आरटीआई के जवाब में जानकारी मिली है कि 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 36 घंटे की भारत यात्रा पर केंद्र ने 38 लाख रुपए खर्च किए थे। एक आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा दाखिल आरटीआई के जवाब में विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। डोनाल्ड ट्रंप 2020 में अपनी पत्नी मेलानिया, बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुश्नर के साथ दो दिनों के लिए 24-25 फरवरी को भारत यात्रा पर आए थे।

इस दौरान उन्होंने अहमदाबाद, आगरा और दिल्ली की यात्रा की। वो 24 फरवरी को तीन घंटे के लिए अहमदाबाद में थे और 22 किलोमीटर लंबा रोडशो किया, साबरमती आश्रम पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और तब नए मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में एक भव्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम नमस्ते ट्रंप में हिस्सा लिया, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।उसके बाद ट्रंप हेलिकॉप्टर से आगरा के ताजमहल गए। बाद में 25 फरवरी को वो एक द्विपक्षी बातचीत के लिए दिल्ली पहुंचे। एक्टिविस्ट मिशाल भटेना द्वारा दाखिल आरटीआई में ट्रंप की यात्रा पर आए खर्च- जिसमें उनके खाने, रहने, सुरक्षा, फ्लाइट्स और ट्रांसपोर्ट पर हुए खर्च का ब्योरा मांगा गया था।

एक्टिविस्ट ने 24 अक्टूबर 2020 में ही आरटीआई फाइल की थी लेकिन विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। बाद में उन्होंने सेंट्रल इन्फोर्मेशन कमिशन में अपील की और तब मंत्रालय ने सीआईसी को यह जानकारी दी। आरटीआई के जवाब में केन्द्र ने कहा कि राज्य के प्रमुखों/सरकार के प्रमुखों द्वारा आने वाली राज्य यात्राओं पर मेजबान देशों द्वारा किए जाने वाले ख़र्च एक अच्छी तरह से स्थापित प्रथा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानदंडों के मुताबिक है। इस संदर्भ में, भारत सरकार ने रहने, खाने, लॉजिस्टिक्स पर 24-25 फरवरी तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप द्वारा भारत की राजकीय यात्रा के संबंध में कुछ खर्च किए, जो लगभग 38,00,000 रुपए खर्च होने का अनुमान है।

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