गुरुवार, 18 अगस्त 2022

अग्रवाल ने चिकित्सालय का भौतिक निरीक्षण किया 

अग्रवाल ने चिकित्सालय का भौतिक निरीक्षण किया 

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने जिला चिकित्सालय का भौतिक निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर मंडल के 3 जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की थी। उसी के तहत उन्होंने आज जिला चिकित्सालय पहुंचकर औचक निरीक्षण किया है उन्होंने चिकित्सकों की कमी क़ो महसूस हो किया। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में चिकित्सकों की इस वक्त कमी है।

जिसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार सतर्क है और चिकित्सा सुविधा को बेहतर करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि सीएमओ डॉ महावीर सिंह फौजदार और सीएमएस डॉ अनिल कुमार ने उन्हें चिकित्सकों की कमी से अवगत किया है इस पर उन्होंने बताया कि वह चिकित्सा मंत्री से मिलकर बात करेंगे और जनपद को बेहतर चिकित्सक देने का प्रयास करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि वह फर्जी चिकित्सालय के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करेंगे। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल में कहा कि उन्होंने तीमारदारों व मरीजों से भी बात की है, जिससे उन्हें लगा कि सभी संतुष्ट है और उन्हें प्रॉपर इलाज और सभी तरह की जांच है जिला चिकित्सालय में मिल रही है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरी एक ऐसा प्रोफेशन है, जो समय से तैयार नहीं होते, इस प्रोफेशन में लंबा समय लगता है। और चिकित्सा के स्पेशलिस्ट के लिए काफ़ी समय लगता है। जिसके लिए योगी सरकार लगातार प्रयासरत है और जल्द ही प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा कर लिया जाएगा।

कृष्ण-पक्ष की अष्टमी को मनाई जाएगी 'जन्माष्टमी'

कृष्ण-पक्ष की अष्टमी को मनाई जाएगी 'जन्माष्टमी' 

सरस्वती उपाध्याय 

हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है‌। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। पंचांग के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण-पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था। इस लिहाज से कुछ लोग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाएंगे, वहीं उदया तिथि की गणना के अनुसार 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना भी उत्तम है।

कृष्ण भगवान को पंजीरी के साथ पंचामृत का भोग बहत प्रिय है। मान्यता है कि बिना पंचामृत के श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी रह जाती है। इस लिए इन्हें पंचामृत का भोग जरूर लगाना चाहिए।पंचामृत दूध, दही, घी, शहद, चीनी से बनकर तैयार होता है। इसे देवताओं का पेय भी कहते हैं। श्री कृष्ण पूजा में भगवान को पंचामृत का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसलिए श्री कृष्ण जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को पंचामृत का भोग जरूर लगाना चाहिए‌। इससे भगवान कृष्ण अत्यंत प्रसन्न होते हैं तथा भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते है। जिन पर भगवान कृष्ण का आशीर्वाद होता है। उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं होती। घर-परिवार में शांति बनी रहती है। नौकरी और व्यापार में तरक्की होती है। भगवान कृष्ण की कृपा से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। पंचामृत को चरणामृत भी कहते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि पंचामृत से प्रतिरक्षा में सुधार होता है। मस्तिष्क तेज होता है‌। पंचामृत के उपयोग से पित्त दोष भी संतुलित होता है।

श्रीकृष्ण 'जन्माष्टमी' पर वृंदावन-मथुरा में रहेंगे, सीएम 

श्रीकृष्ण 'जन्माष्टमी' पर वृंदावन-मथुरा में रहेंगे, सीएम 

संदीप मिश्र 

आगरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर वृंदावन और मथुरा में रहेंगे। फिलहाल मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है। लेकिन, करीब चार घंटे ब्रज में सीएम के कार्यक्रम की उम्मीद जताई जा रही है। लखनऊ से चलकर सीएम का उड़नखटोला वृंदावन के पवनहंस हेलीपैड पर पहुंचेगा। यहां से सीएम योगी आदित्यनाथ सबसे पहले अन्नपूर्णा भोजनालय का उद्घाटन करने पहुंचेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ 19 अगस्त को लखनऊ से वृंदावन पहुंचेंगे। यहां सबसे पहले अन्नपूर्णा भोजनालय का लोकार्पण करेंगे। यहां वह संतों के साथ भोजन करेंगे। इस दौरान भोजनालय में सहयोग देने वाले करीब एक हजार लोग भी शामिल होंगे, साथ ही योग गुरु बाबा रामदेव भी समारोह में मौजूद रहेंगे। सीएम पानीगांव संपर्क मार्ग स्थित पर्यटक सुविधा केंद्र के समीप प्रस्तावित सेंटर फार लिविंग ट्रेडिशन (सामुदायिक भवन) का शिलान्यास करेंगे।

25 इलेक्ट्रिक बसें होंगी शुरू...

शिलान्यास कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर्यटक सुविधा केंद्र में सभा को संबोधित करने के साथ ब्रजमंडल में चलाई जा रही 25 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके बाद जनप्रतिनिधियों संग विकास कार्यों पर चर्चा के बाद मथुरा के लिए रवाना हो जाएंगे। मुख्यमंत्री का अभी मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम नहीं जारी हुआ है, लेकिन बताया जा रहा है कि वह दोपहर एक बजे आएंगे।

कंपनी ग्रैविटी पेमेंट्स के सीईओ प्राइस ने इस्तीफा दिया 

कंपनी ग्रैविटी पेमेंट्स के सीईओ प्राइस ने इस्तीफा दिया 

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी/सिएटल। इंटरनेट पर दरियादिल बॉस की पहचान से चर्चा में आए एक कंपनी के सीईओ ने इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, अमेरिकी कंपनी ग्रैविटी पेमेंट्स के सीईओ डैन प्राइस ने एक महिला को प्रताड़ित करने का आरोप लगने के बाद इस्तीफा दे दिया है। वर्ष 2015 में उन्होंने अपने कर्मचारियों का न्यूनतम सालाना वेतन 80,000 डॉलर (यानी करीब 63,65,008 रुपए सालाना) करने के लिए अपनी 1 मिलियन डॉलर की सैलरी में कटौती की थी। प्राइस ने ईमेल में लिखा कि उनकी मौजूदगी कर्मचारियों के लिए रुकावट बन गई थी।

बता दें कि बीते दिनों अमेरिकी कंपनी ग्रैविटी पेमेंट्स के सीईओ डैन प्राइस अपने कर्मचारियों के अनुकूल बनाई गई पॉलिसियों को लेकर इंटरनेट पर छाया हुए थे। डैन प्राइस, जो सिएटल में ग्रेविटी पेमेंट्स के प्रमुख हैं, उन्होंने कहा था कि वह अपने कर्मचारियों को प्रति वर्ष 80 हजार डॉलर का न्यूनतम वेतन दे रहे हैं। इसके अलावा, सीइओ ने इस बात का भी दावा किया कि वह अपने सभी कर्मचारियों को रिमोट यानी ऑफिस से बाहर और फ्लेक्सिबल ऑवर में काम करने की सुविधा दे रहे हैं। इसके अलावा, सभी कर्मचारियों को पैरेंटल लीव भी दी जाएगी। डैन प्राइस ने अन्य कंपनियों को अपने कर्मचारियों के साथ भी इसी तरह का व्यवहार और सम्मान करने की गुजारिश की। उन्होंने ट्वीट किया, मेरी कंपनी कम से कम 80 हजार डॉलर का वेतन देती है। लोगों को जहां से मन करे वहां से काम करने का ऑप्शन देती है। कंपनी पूरी सुविधाएं देती है और पेड पैरेंटल लीव भी देती है। हमें अभी तक नौकरी के लिए 300 एप्लिकेशन आए हैं। उन्होंने कहा, कोई भी ऐसी कंपनी में काम नहीं करना चाहता है, जहां कर्मचारियों को उचित वेतन नहीं दिया जाता है और उनका सम्मान नहीं होता है।

डैन ने अपने ट्वीट में यह भी बताया है कि ऐसे शानदार जॉब डिस्क्रिप्शन की वजह से उनकी कंपनी में एक वेकेंसी निकलने पर कम से कम 300 एप्लीकेशन आ जाते हैं। हालांकि अपने देश में जहां एक वेकेंसी के लिए हजारों एप्लीकेशन की बातें सुनने को मिलती हैं, 300 का आंकड़ा कुछ भी नहीं है, लेकिन डैन ने इस संख्या का जिक्र जिस फख्र के साथ किया है, उससे जाहिर है कि अमेरिका के लिए यह जरूर बड़ी बात है। डैन प्राइस ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है, कई बार ऐसा कहा जाता है कि काम करना कोई नहीं चाहता। लेकिन दरअसल बात यह होती है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को वाजिब वेतन नहीं देतीं और न ही उनके साथ सम्मानजनक बर्ताव किया जाता है।

ट्रंप की भारत यात्रा को लेकर खुलासा, 38 लाख खर्च 

ट्रंप की भारत यात्रा को लेकर खुलासा, 38 लाख खर्च 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। एक आरटीआई के जवाब में जानकारी मिली है कि 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 36 घंटे की भारत यात्रा पर केंद्र ने 38 लाख रुपए खर्च किए थे। एक आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा दाखिल आरटीआई के जवाब में विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। डोनाल्ड ट्रंप 2020 में अपनी पत्नी मेलानिया, बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुश्नर के साथ दो दिनों के लिए 24-25 फरवरी को भारत यात्रा पर आए थे।

इस दौरान उन्होंने अहमदाबाद, आगरा और दिल्ली की यात्रा की। वो 24 फरवरी को तीन घंटे के लिए अहमदाबाद में थे और 22 किलोमीटर लंबा रोडशो किया, साबरमती आश्रम पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और तब नए मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में एक भव्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम नमस्ते ट्रंप में हिस्सा लिया, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।उसके बाद ट्रंप हेलिकॉप्टर से आगरा के ताजमहल गए। बाद में 25 फरवरी को वो एक द्विपक्षी बातचीत के लिए दिल्ली पहुंचे। एक्टिविस्ट मिशाल भटेना द्वारा दाखिल आरटीआई में ट्रंप की यात्रा पर आए खर्च- जिसमें उनके खाने, रहने, सुरक्षा, फ्लाइट्स और ट्रांसपोर्ट पर हुए खर्च का ब्योरा मांगा गया था।

एक्टिविस्ट ने 24 अक्टूबर 2020 में ही आरटीआई फाइल की थी लेकिन विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। बाद में उन्होंने सेंट्रल इन्फोर्मेशन कमिशन में अपील की और तब मंत्रालय ने सीआईसी को यह जानकारी दी। आरटीआई के जवाब में केन्द्र ने कहा कि राज्य के प्रमुखों/सरकार के प्रमुखों द्वारा आने वाली राज्य यात्राओं पर मेजबान देशों द्वारा किए जाने वाले ख़र्च एक अच्छी तरह से स्थापित प्रथा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानदंडों के मुताबिक है। इस संदर्भ में, भारत सरकार ने रहने, खाने, लॉजिस्टिक्स पर 24-25 फरवरी तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप द्वारा भारत की राजकीय यात्रा के संबंध में कुछ खर्च किए, जो लगभग 38,00,000 रुपए खर्च होने का अनुमान है।

सरकार के भीतर असमंजस की स्थिति कलंक है 

सरकार के भीतर असमंजस की स्थिति कलंक है 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने राष्ट्रीय राजधानी में रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने संबंधी विवाद के बीच बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि इस मामले में सरकार के भीतर असमंजस की स्थिति राष्ट्र के लिए कलंक है। उन्होंने दिल्ली में मौजूद रोहिंग्या शरणार्थियों से जुड़ी एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘केंद्र सरकार में असमंजस की स्थिति उस राष्ट्र के लिए कलंक है जिसने संयुक्त राष्ट्र संघ की शरणार्थी एजेंसी की कार्यकारी समिति में सेवाएं दी हैं।’’

थरूर ने कहा, हमारी मानव सेवा की गौरवान्वित करने वाली परंपरा रही है जिसमें शरणार्थियों का स्वागत किया जाता है और उन्हें स्वीकारा जाता है । भाजपा, कृपया भारतीय सभ्यता के साथ विश्वासघात मत करो। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली में स्थित बक्करवाला के अपार्टमेंट में भेजा जाएगा और उन्हें मूलभूत सुविधाएं तथा पुलिस सुरक्षा भी मुहैया की जाएगी।

बाद में, गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, अवैध विदेशी रोहिंग्याओं के संबंध में मीडिया के कुछ वर्गों में आये समाचार के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने का कोई निर्देश नहीं दिया है। साथ ही, अरविंद केजरीवाल सरकार से अवैध विदेशियों को उनके मौजूदा स्थान पर ही रखा जाना सुनिश्चित करने को कहा जाता है।

सीएम ने विधायक भारती पर नाराजगी जताई 

सीएम ने विधायक भारती पर नाराजगी जताई 

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफे की धमकी देने वाली जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की विधायक बीमा भारती पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पार्टी उन्हें अच्छे से समझायेगी और यदि वह नहीं मानीं तो वे जहां जाना चाहें जा सकती हैं । कुमार ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान मंत्री लेसी सिंह पर विधायक बीमा भारती के लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह गलत बोल रही हैं।

उन्होंने जो आरोप लगाये हैं, वह सही नहीं है। उन्हें ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लेसी सिंह वर्ष 2013 में मंत्री बनीं, फिर वर्ष 2014 और फिर वर्ष 2019 में मंत्री बनीं। इस बार भी मंत्री बनी हैं। उनके खिलाफ इस तरह की बात नहीं बोलनी चाहिए। इसका कोई मतलब नहीं है। उन्हें मंत्री बनाया गया, वो ठीक है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हर किसी को मंत्री नहीं बनाया जा सकता है। हमने बीमा भारती को इतनी इज्जत दी लेकिन बीमा भारती ने गलत बात की।

उनको पढ़ना-लिखना नहीं आता था, इसके बावजूद उन्हें मैंने मौका दिया। सरकार का कामकाज सब सिखाया लेकिन आज सब भूल गयी हैं।” उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि कोई उनसे कुछ कहवा दिया है, वो गलत है। फिर भी यदि कोई ऐसा बयान देता है तो उसे पहले पार्टी की ओर से बढ़िया से समझाया जाएगा, पूछताछ की जाएगी। इसके बाद भी वह नहीं मानती हैं तो फिर जो उन्होंने बात कही है वह करें।

गौरतलब है कि पूर्णिया जिले के रुपौली से जदयू विधायक बीमा भारती ने इस्तीफे की पेशकश करते हुए बुधवार को मंत्री लेसी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। बीमा भारती ने आरोप लगाते हुए कहा था कि लेसी सिंह चुनावों के समय पार्टी विरोधी काम करती हैं और जो लोग उनका विरोध करते हैं वह उनकी हत्या करा देती हैं। ऐसे गलत लोगों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल से हटाए, नहीं तो वह इस्तीफा दे देंगी और मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर भी बैठ जाएंगी।

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