गुरुवार, 4 अगस्त 2022

शिंदे गुट की अर्जी पर फिलहाल कोई फैसला न लें 

शिंदे गुट की अर्जी पर फिलहाल कोई फैसला न लें 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। शिवसेना पर नियंत्रण को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट असली शिवसेना किसकी है, इसपर दोनों गुट चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे। इसपर नियंत्रण को लेकर दोनों पक्षों के बीच कानूनी लड़ाई जारी है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए उद्धव गुट को राहत दी है और कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वे शिंदे गुट की अर्जी पर फिलहाल कोई फैसला न लें। अब इस मामले पर सोमवार को अगली सुनवाई होगी।

इससे पहले, बुधवार को भी इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी, जहां दोनों गुटों ने अपना-आपना पक्ष रखा था। इस मामले को पांच जजों की बेंच को सौंपने के संबंध में फैसला लिया जाएगा। वहीं दोनों पक्षों के लिखित तर्कों का सत्यापन किया जाएगा। सुनवाई के दौरान शिंदे कैंप के वकील हरीश साल्वे अपनी तरफ से प्रस्तावित सुनवाई के बिंदुओं को रखा. साल्वे अयोग्यता को लेकर स्पीकर के अधिकार और प्रक्रिया को पूरा करने के तरीके को लेकर सिलसिलेवार तरीके से बातें रखी।

CJI ने पूछा कि क्या एक बार चुने जाने के बाद विधायक पर पार्टी का नियंत्रण नहीं होता? वह सिर्फ पार्टी के विधायक दल के अनुशासन के प्रति जवाबदेह होता है? इसके जवाब में शिंदे समूह के वकील साल्वे ने कहा कि जब तक विधायक पद पर है, तब तक वह सदन की गतिविधि में हिस्सा लेने का अधिकारी है। वह पार्टी के खिलाफ भी वोट करे तो वह वोट वैध होगा। इसपर साल्वे ने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा कि पार्टी का नियंत्रण नहीं होता। यह कह रहा हूँ कि हमने पार्टी नहीं छोड़ी है और सिर्फ पार्टी के अंदर अपनी आवाज़ उठाई है। वहीं, दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे गुट के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मामला संविधान पीठ को मत भेजें।

राउत को 8 अगस्त तक के लिए हिरासत में भेजा 

राउत को 8 अगस्त तक के लिए हिरासत में भेजा 

कविता गर्ग 

मुंबई। पात्रा चॉल भूमि कथित धनशोधन मामलें में शिवसेना सांसद संजय राउत की ईडी की हिरासत बृहस्पतिवार को समाप्त होने के बाद उन्हें एक बार फिर पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेश किये जाने के बाद उनकी तरफ से जमानत की मांग की गई, लेकिन कोर्ट ने उन्हें 8 अगस्त तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट के समक्ष ईडी के अधिकारियों ने कहा कि राउत से पात्रा चॉल भूमि कथित धनशोधन मामलें में और पूछताछ करना है। इसलिए राउत को एक बार फिर ईडी की हिरासत में दिया जाए। कोर्ट ने ईडी के अधिकारियों की बात को मानते हुए राउत को चार दिन के लिए उनकी हिरासत में भेज दिया है।

बता दें कि इसके पहले ईडी ने राउत से 31 जुलाई की देर रात पूछताछ के बाद 1 अगस्त को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट के समक्ष पेश किया था। कोर्ट ने राउत को 4 अगस्त तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था।

ईडी द्वारा भेजे गए नोटिस को 'उत्पीड़न' करार दिया 

ईडी द्वारा भेजे गए नोटिस को 'उत्पीड़न' करार दिया 

इकबाल अंसारी 

तिरुवनंतपुरम। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता थॉमस इसाक ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन्हें भेजे गए नोटिस को “उत्पीड़न” करार दिया है। इसाक को केआईआईएफबी में वित्तीय कारोबार में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में पेश होने के लिए ईडी ने नोटिस जारी किया है। इससे पहले ईडी ने जुलाई के दूसरे हफ्ते में केरल के पूर्व मंत्री इसाक को नोटिस जारी कर 19 जुलाई को पेश होने को कहा था। लेकिन वह पेश नहीं हुए थे। वाम लोकतान्त्रिक मोर्चा (LDF) की पिछली सरकार में जब इसाक वित्त मंत्री थे तब केरल अवसंरचना निवेश कोष बोर्ड (KIIFB) के वित्तीय कारोबार में कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन हुआ था। इसाक ने ईडी का नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस बार ईडी ने उनसे पिछले 10 वर्षों में उनके बैंक खातों, संपत्ति, विदेश से मिली धनराशि और उनकी कंपनियों के बारे में विवरण मांगा है। उन्हें 11 अगस्त को ईडी के समक्ष पेश होने के लिये नोटिस भेजा गया है।

उन्होंने कहा कि वह अपने वकीलों से चर्चा करने के बाद एक-दो दिन में ईडी के नोटिस का जवाब देंगे। ईडी के सामने पेश होने को लेकर उसके नोटिस का विश्लेषण किए जाने के बाद ही फैसला लिया जाएगा। माकपा नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा, “यह स्पष्ट रूप से उत्पीड़न का एक मामला है। मुझे नहीं पता कि उनका उद्देश्य क्या है, लेकिन यह उत्पीड़न है। नोटिस को चुनौती देने और ईडी के सामने पेश होने सहित आगे की कार्रवाई के बारे में कानूनी विशेषज्ञों और वकीलों से चर्चा करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कभी नहीं कहा कि केरल अवसंरचना निवेश कोष बोर्ड द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों का कोई उल्लंघन किया गया है।

विवाद: चीन की सीमा में 'युद्धभ्यास' की नौबत 

विवाद: चीन की सीमा में 'युद्धभ्यास' की नौबत 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/बीजिंग/वाशिंगटन डीसी। भारत-चीन के बीच लंबे समय से चलें आ रहें सीमा विवाद ने चीन की हरकतों के कारण अब भारत-अमेरिका की सेनाओं के बीच चीन की सीमा में युद्धभ्यास की नौबत ला दी है। भारत अब चीन के नापाक हरकतों का मुहतोड़ जवाब देने का फैसला कर लिया है। तेजी से बदल रहे क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के बीच भारत और अमेरिका उत्तराखंड के औली में अक्टूबर में दो हफ्ते के लिए सैन्य अभ्यास करेंगे। रक्षा और सैन्य प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि यह 18वां ‘‘युद्ध अभ्यास” 14 से 31 अक्टूबर तक चलेगा। पिछला अभ्यास पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका के अलास्का में हुआ था। सूत्रों ने कहा कि अभ्यास का उद्देश्य भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और अंतर-संचालन को बढ़ाना है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में यह युद्ध अभ्यास हो रहा है।

पिछले कुछ वर्षों से भारत-अमेरिका रक्षा संबंध प्रगाढ़ हो रहे हैं। जून, 2016 में अमेरिका ने भारत को एक बड़े रक्षा साझेदार’ घोषित किया था। दोनों सेनाओं ने 2018 में कम्युनिकेशंस कंपेटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट पर भी हस्ताक्षर किए, जो दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन प्रदान करता है और अमेरिका से भारत को उच्च तकनीक की बिक्री का प्रावधान करता है।

उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस ललित को चुना: रमण

उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस ललित को चुना: रमण 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमण ने बृहस्पतिवार को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस यूयू ललित को चुन लिया। उन्होंने सरकार से जस्टिस ललित को नया सीजेआई नियुक्त करने की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीशों के क्रम में जस्टिस रमण के बाद जस्टिस ललित का ही नाम आता है। इसलिए उन्हें ही उत्तराधिकारी चुना गया है। 

जस्टिस ललित देश के 49 वें प्रधान न्यायाधीश होंगे। सीजेआई रमण इसी माह 26 तारीख को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। हालांकि,  उनका कार्यकाल भी तीन माह का ही रहेगा। जस्टिस यूयू ललित नवंबर में रिटायर होने वाले हैं।

भाजपा पर जोरदार हमला, मोदी से नहीं डरता: राहुल 

भाजपा पर जोरदार हमला, मोदी से नहीं डरता: राहुल 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामलें में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व कांग्रेस नेता एवं सांसद राहुल गांधी से लंबी पूछताछ के बाद ईडी अब नेशनल हेराल्ड के दफ्तर को जांच के दायरे में लेकर सील कर दिया है। नेशनल हेराल्ड का दफ्तर सील होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर जोरदार हमला बोला है।

भाजपा के जांच से भागने के आरोप पर राहुल गांधी ने कहा कि भागने की बात कौन कर रहा है। सुन लें…जो करना है कर लें, मैं नरेंद्र मोदी से नहीं डरता। वे सोचते हैं दबाव बनाकर हमें चुप कर देंगे। हम चुप नहीं होने वाले। हमारा काम देश की रक्षा करना है, लोकतंत्र की रक्षा करना है।

भाजपा के 4 विधायकों का निलंबन वापस लिया 

भाजपा के 4 विधायकों का निलंबन वापस लिया 

विमलेश यादव 

रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के निलंबित चार विधायक भानु प्रताप शाही, ढुल्लू महतो , जयप्रकाश भाई पटेल और रणधीर सिंह का निलंबन वापस ले लिया गया। इसके साथ ही निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर सदन में चला आ रहा गतिरोध आज समाप्त हो गया। पूर्वाह्न 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने भाजपा के चारों निलंबित विधायकों के निलंबन को वापस लेने का प्रस्ताव रखा।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार यह चाहती है कि विपक्ष सदन में जनहित के मुद्दे और समस्याओं के समाधान को लेकर सकारात्मक सहयोग करें। संसदीय कार्यमंत्री के प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने भाजपा के चारों विधायकों का निलंबन वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि सहमति और असहमति संसदीय परंपरा का अलंकार है, परंतु विरोध का सयंमित और संसदीय परंपराओं के अनुकूल होना भी अत्यंत ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि किसी भी पीठासीन पदाधिकारी के लिए माननीय सदस्यों को सदन की कार्यवाही से निलंबित किया जाना अत्यंत ही दुःखद है, परंतु सदन की गरिमा और संवैधानिक परंपराओं की रक्षा के लिए यह कदम कभी-कभी ना चाहते हुए भी उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जिन चार सदस्यों भानू प्रताप शाही, ढुल्लू महतो, जय प्रकाश भाई पटेल और रणधीर कुमार सिंह को 4 अगस्त तक सदन से निलंबित किया गया था, उनसभी का तत्काल प्रभाव से उनका निलंबन समाप्त किया जाता है।

इससे पहले 2 अगस्त को मॉनसून सत्र की कार्यवाही के दौरान सदन की कार्यवाही को बाधित करने और शोर-शराबा करने के कारण अध्यक्ष ने भाजपा के चारों विधायकों को 4 अगस्त तक के लिए सदन से निलंबित करते हुए उनके कार्यवाही में भाग लेने पर रोक लगा दी थी। लेकिन निलंबन समाप्त किये जाने के बाद भाजपा के चारों विधायकों को आज से ही सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति मिल गई।

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