मंगलवार, 28 जून 2022

पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी बनाने की मांग की

पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी बनाने की मांग की

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) एससी-एसटी ओबीसी टीचर्स फोरम ने वाइस चांसलर से शिक्षकों की स्थायी नियुक्तियों से पूर्व रोस्टर, काले कमेटी की रिपोर्ट, 10 फीसदी अतिरिक्त ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करते हुए व विज्ञापनों की सही से जांच कराने के लिए एक पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी बनाने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि कमेटी में वरिष्ठ प्रोफेसर्स, पूर्व विद्वत परिषद सदस्य के अलावा रोस्टर की जानकारी रखने वालों को रखा जाए और यह कमेटी अपनी रिपोर्ट एक महीने के अंदर दे। शिक्षकों ने वाइस चांसलर से कहा है कि सही रोस्टर के बाद ही कॉलेजों के विज्ञापन निकालकर शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की जाए। साथ ही उनका कहना है कि य पांच सदस्यीय कमेटी बनाने, रोस्टर की सही जांच व प्रोफेसर काले कमेटी को लागू कराने की मांग के अलावा हाल ही में 10 फीसदी अतिरिक्त ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करते हुए सभी वर्गो के शिक्षकों को नियुक्तियों में प्रतिनिधित्व दिया जाए। दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी एसटी ओबीसी टीचर्स फोरम के महासचिव व पूर्व विद्वत परिषद सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि हाल ही में आ रहे स्थायी शिक्षकों की नियुक्तियों के विज्ञापनों में अनेक प्रकार की विसंगतियां है।

कॉलेजों द्वारा निकाले जा रहे विज्ञापनों में भारत सरकार की आरक्षण नीति व डीओपीटी के निर्देशों को सही से लागू नहीं किया गया है। साथ ही जो पद निकाले जा रहे हैं उनमें शॉर्टफाल, बैकलॉग और विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई प्रोफेसर काले कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकारते हुए करेक्ट रोस्टर नहीं बनाया गया है। इससे एससी,एसटी, ओबीसी अभ्यर्थियों को जिस अनुपात में आरक्षण मिलना चाहिए था नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने बताया है कुछ कॉलेजों में लंबे समय से पढ़ा रहे एससी एसटी व ओबीसीकोटे के शिक्षकों की सीटें ही खत्म कर दी हैं। वाइस चांसलर को लिखे गए पत्र में विश्वविद्यालय में सामाजिक न्याय दिलाने की मांग करते हुए आरक्षण, रोस्टर और विज्ञापनों की जांच करने के लिए एक वरिष्ठ प्रोफेसर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन की मांग है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो (ईडब्ल्यूएस आरक्षण) का 10 फीसदी आरक्षण फरवरी, 2019 में आया था, जिसे विश्वविद्यालय और कॉलेजों ने स्वीकारते हुए इसको रोस्टर में शामिल कर लिया। शिक्षकों का कहना है कि कॉलेजों ने ईडब्ल्यूएस रोस्टर को फरवरी 2019 से न बनाकर उसे एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण के आरक्षण लागू होने से पहले लागू करते हुए रोस्टर बना दिया। वहीं 10 फीसदी आरक्षण के स्थान पर किसी-किसी कॉलेज ने 10 फीसदी से ज्यादा आरक्षण दे दिया, जिससे कि एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण कम कर दिया गया और ईडब्ल्यूएस बढ़ाकर दिया गया।

फोरम का कहना है कि यूजीसी भी ओबीसी की बकाया सेकेंड ट्रांच के पदों को भरने के निर्देश कॉलेजों को कई बार दे चुकी हैं, लेकिन अभी तक कॉलेजों ने ओबीसी एक्सपेंशन की बढ़ी हुई सीटों को रोस्टर में शामिल नहीं किया है। कॉलेज ईडब्ल्यूएस व सेकेंड ट्रांच को रोस्टर में शामिल किए बिना ही पदों को निकाल रहे थे, इसमें किसी तरह का आरक्षण न देना डीओपीटी के नियमों का सरेआम उल्लंघन है।

गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा

गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा

मिनाक्षी लोढी

आसनसोल। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक जुबैर अहमद और कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को लेकर मंगलवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा। पश्चिम बर्धमान जिले के आसनसोल में पार्टी की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने अग्निपथ सेना भर्ती योजना को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा और इसे 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले ‘बड़ा घोटाला व जुमलों की राजनीति का एक और उदाहरण’ करार दिया।

बनर्जी ने कहा, ‘‘आपने मोहम्मद जुबैर और तीस्ता सीतलवाड़ को क्यों गिरफ्तार किया है ? उन्होंने क्या गलत किया है ? क्या सच बोलना या सच को उजागर करना अपराध है ? जो लोग इस सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं, उन्हें या तो एजेंसियों का इस्तेमाल करके परेशान किया जा रहा है, या उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है। पैगंबर मोहम्मद के बारे में निलंबित भाजपा नेता नुपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी का जिक्र करते हुए बनर्जी ने आरोप लगाया कि देश में नफरत और हिंसा फैलाने वालों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। बनर्जी ने कहा कि देश में नफरत और हिंसा फैलाने वालों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है, कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने वालों को उन्होंने (भाजपा ने) छुआ तक नहीं, लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ लड़ने वालों को परेशान किया जा रहा है।

अग्निपथ योजना के बारे में बनर्जी ने कहा कि केंद्र को इसके तहत भर्ती किए गए सैनिकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष तक बढ़ानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि वे चार साल का अनुबंध खत्म होने पर अनिश्चित भविष्य का सामना करेंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्हें एक पत्र मिला, जिसमें उनसे अनुरोध किया गया कि उन अग्निवीरों को, चार साल बाद राज्य सरकार की नौकरियों में अवसर मिलना चाहिए। ममता ने कहा कि यह केंद्र सरकारी की पैदा की हुई समस्या है, इसलिए उसे ही इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी, हमारी सरकार इसकी जिम्मेदारी नहीं लेंगी।

कन्नड़ के हिस्सों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए

कन्नड़ के हिस्सों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए

इकबाल अंसारी

बेंगलुरु। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के कई हिस्सों में मंगलवार को सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार की सुबह करीब पौने आठ बजे आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 मापी गई है। 25 जून को भी भूकंप के ऐसे ही झटके महसूस किए गए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र पांच किलोमीटर की गहराई पर था।

जिले के सुलिया तालुक के संपाजे, अरनथोडु, पेरजे, जल्सूर, उबराद्का, थोदिकाना और मित्तुर में करीब चार सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां 25 जून को सुबह नौ बजकर नौ मिनट पर 2.3 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप के झटके उसके केंद्र से करीब 4.7 किलोमीटर की दूरी तक महसूस किए गए थे।

वकील के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुए, फडणवीस

वकील के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुए, फडणवीस

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस एक वकील के साथ मंगलवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए। पार्टी के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी। महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट का सामना कर रही है। क्योंकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उसके कई विधायकों ने विद्रोह कर दिया है और वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। पार्टी के पदाधिकारी ने कहा, ‘‘फडणवीस एक वकील के साथ नयी दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं।

वह वहां भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे।’’ भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने पहले कहा था कि वह मुंबई में फडणवीस के आधिकारिक आवास पर एक बैठक में शामिल हुए थे, जहां पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। मुनगंटीवार ने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी राज्य में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर ‘‘इंतजार करो और देखो’’ का रुख बनाए हुए है।

पूर्व प्रधानमंत्री राव की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित: मोदी

पूर्व प्रधानमंत्री राव की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित: मोदी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी नरसिंह राव की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि राष्ट्रीय प्रगति में उनके समृद्ध योगदान के लिए भारत उनका आभारी है। राव का जन्म वर्ष 1921 में आज ही के दिन तेलंगाना के करीमनगर में हुआ था। मंगलवार को उनकी 101वीं जयंती है। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हमारे पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी नरसिंह राव को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।

राष्ट्रीय प्रगति में उनके समृद्ध योगदान के लिए भारत उनका आभारी रहेगा। उन्होंने एक महान विद्वान और बुद्धिजीवी के रूप में भी छाप छोड़ी।’’ वरिष्ठ कांग्रेस नेता राव 1971 से 1973 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। केंद्र की कांग्रेस सरकारों में वह विदेश मंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री भी रहे। वह 21 जून, 1991 से 16 मई, 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वर्ष 2004 में उनका दिल्ली में देहांत हो गया था। 

ईडी ने राउत को पूछताछ के लिए नया नोटिस जारी किया

ईडी ने राउत को पूछताछ के लिए नया नोटिस जारी किया 

कविता गर्ग  

मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना के सांसद संजय राउत को मुंबई की एक ‘चॉल’ के पुन: विकास और उनकी पत्नी और मित्रों से जुड़े अन्य वित्तीय लेन-देन से संबंधित धन शोधन मामलें की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए मंगलवार को नया नोटिस जारी किया और उनसे शुक्रवार को एजेंसी के समक्ष पेश होने को कहा। इससे पहले केंद्रीय एजेंसी ने राज्यसभा के सदस्य राउत से कहा था कि वह मंगलवार को दक्षिण मुंबई में स्थित संघीय जांच एजेंसी के दफ्तर में उसके अधिकारियों के सामने पेश हों और धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराएं।

राउत ने आज एजेंसी के समक्ष पेश होने में असमर्थता जताते हुए कहा था कि ईडी उन्हें पेश होने के लिए नई तारीख दे दे। उन्होंने इसके लिए आधिकारिक प्रतिबद्धताएं और अलीबाग में एक जनसभा में शामिल होने का हवाला दिया था। उनके वकीलों ने मंगलवार को मुंबई में ईडी के अधिकारियों से मुलाकात की और उनकी पेशी के लिए 14 दिन का समय मांगा, लेकिन एजेंसी ने उन्हें इस महीने के अंत तक की राहत दी। राउत ने ईडी के समन को सोमवार को साजिश बताया था और कहा था कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए। हालांकि उन्होंने अधिकारियों के साथ सहयोग करने की बात भी कही थी।

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