गुरुवार, 16 जून 2022

बाजवा ने चीन के प्रस्‍ताव पर विचार के लिए समय मांगा

बाजवा ने चीन के प्रस्‍ताव पर विचार के लिए समय मांगा

सुनील श्रीवास्तव  
कराची/बीजिंग। चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के बुलावे पर पहली बार ड्रैगन की सरजमीं पर पहुंचे पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के इस दौरे की असल वजह सामने आने लगी। बलूचिस्‍तान पोस्‍ट ने रिपोर्ट्स के हवाले से दावा किया है कि बलूच विद्रोहियों के भीषण हमलों से डरा चीन, अब ग्‍वादर समेत बलूचिस्‍तान के कई हिस्‍सों में अपनी ‘सुरक्षा एजेंसियों’ को तैनात करना चाहता है। जनरल बाजवा ने चीन के इस प्रस्‍ताव पर विचार के लिए समय मांगा है।
जनरल बाजवा के नेतृत्‍व में पाकिस्‍तान के तीनों सेनाओं का एक दल अहम बैठक के लिए पिछले दिनों चीन गया था। इस बैठक के दौरानी चीनी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख को जमकर सुनाया था। चीन ने कहा कि सीपीईसी परियोजना में काम कर रहे और पाकिस्‍तान में रहे रहे चीनी नागरिकों की हत्‍या की जा रही है।
 बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तानी सेना की विफलता के बाद अब चीन ने अपनी बदनाम सुरक्षा एजेंसियों को ग्‍वादर समेत बलूचिस्‍तान में तैनात करने का प्रस्‍ताव दिया।
चीन की ओर से मिली झाड़ के बाद जनरल बाजवा ने चीन के प्रस्‍ताव पर विचार करने के लिए समय मांगा है। यही नहीं पश्चिमी देशों के साथ बढ़ रहे तनाव को देखते हुए अब चीन ने जनरल बाजवा से खुलकर रणनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए कहा है। इससे अब चीन के लिए अमेरिका के साथ संतुलन बनाए रखने में बहुत मुश्किल होने जा रही है। इससे पहले चीनी नागरिकों पर बढ़ते हमले को रोकने के लिए पाकिस्‍तान की शहबाज सरकार ने सीपीईसी में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ाने का आदेश दिया था।
चीन की बढ़ती नाराजगी के बीच शहबाज शरीफ ने कहा कि चीनी नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। उन्‍होंने गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया। इससे पहले चीनी शिक्षक की एक आत्‍मघाती हमले में हत्‍या के बाद चीन के सभी शिक्षक पाकिस्‍तान छोड़कर चले गए थे। इससे दोनों ही देशों को बड़ा झटका लगा था। पाकिस्‍तान की पुलिस ने एक चीनी दल को निशाना बनाने जा रहे आत्‍मघाती हमलावर को अरेस्‍ट किया था।
इस पूरे मामले में चीन के प्रधानमंत्री ली केकिआंग ने भी शहबाज शरीफ से बात की थी। चीन अगर अपने सुरक्षा एजेंसियों को पाकिस्‍तान में तैनात करता है तो यह पाकिस्‍तान के लिए बड़ा झटका होगा। वहीं विश्‍लेषकों का कहना है कि इससे पाकिस्‍तान की संप्रभुता कमजोर होगी और चीनी सुरक्षा एजेंसियों के नाम पर अगर सैनिक आते हैं तो पाकिस्‍तान का यह इलाका चीनी ‘उपनिवेश’ में बदल जाएगा।

भर्ती की 'अग्निपथ' योजना को तुरंत वापस लेने की मांग

भर्ती की 'अग्निपथ' योजना को तुरंत वापस लेने की मांग

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मोदी सरकार पर फौज को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए सेनाओं में भर्ती की अग्निपथ योजना को तुरंत वापस लेने की मांग की है। तीनों सेनाओं में जवानों की भर्ती के लिए सरकार द्वारा घोषित अग्निपथ योजना के कुछ राज्यों में युवाओं द्वारा विरोध किए जाने के बीच हुड्डा ने गुरुवार को कहा कि फ़ौज पर राजनीति के बजाए केवल राष्ट्रनीति होनी चाहिए।
हुड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा,“मेरे बार-बार अनुरोध के बाद भी इस सरकार ने सेनाओं की भर्ती को नहीं खोला। संसद में मेरे प्रश्न पर यही जानकारी दी कि तीन साल से भर्ती बंद है जबकि 1.5 लाख पद ख़ाली पड़े हैं। सरकार,आप हर विषय पर राजनीति करो लेकिन फ़ौज पर नही। फ़ौज पर केवल राष्ट्रनीति हो जिसको सारा राष्ट्र स्वीकार करें।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा,“अग्निपथ सैन्यभर्ती योजना चारों ओर दुश्मनों से घिरे देश की सुरक्षा के लिए और भर्ती के लिए प्रयासरत करोड़ों युवाओं के भविष्य लिए घातक है। ये इन युवाओं की राष्ट्रसेवा के प्रति संकल्प का अपमान है।इन युवाओं के भविष्य एवं आत्मसम्मान को संरक्षण ना दे सके ऐसी योजना सरकार वापिस ले।
उन्होंने कहा कि ‘एक रैंक एक पेंशन’ के नारे के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार ने पेंशन ही खत्म करने की तैयारी कर ली है। उन्होंने ट्वीट किया,‘‘वन रैंक वन पेन्शन के नारे पर आए थे, ‘नो रैंक नो पेन्शन’ का नारा दे दिया।” उल्लेखनीय है कि सरकार ने मंगलवार को ही अग्निपथ योजना की घोषणा की थी जिसमें जवानों को केवल चार वर्ष के लिए भर्ती करने की व्यवस्था है।

अमरनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं का उद्घाटन

अमरनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं का उद्घाटन

इकबाल अंसारी  
श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन लगातार कई बड़े फैसले ले रहा है। इसी के तहत आज जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर से अमरनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं का उद्घाटन किया।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ नीतीश्वर कुमार ने बताया कि इस बार हम श्रीनगर से नीलग्रथ और श्रीनगर से नुनवान कैंप तक दोनों तरफ की सेवा हेलीकॉप्टर की सेवा शुरू कर रहे हैं। इससे यात्री एक दिन में दर्शन करके लौट सकते हैं। इसके लिए मूल्यों की सूची भी जारी कर दी गई है। हेलीकॉप्टर सेवा के जरिए कोई भी श्रद्धालुओं एक दिन में ही यात्रा से वापस लौट सकता है।
इस अवसर पर मनोज सिन्हा ने कहा कि कई लोग ऐसे हैं जो एक दिन में ही यात्रा करके वापस लौटना चाहते हैं उनके लिए ये काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बहुत सारे लोग हैं जो दिल्ली से आना पसंद करते हैं और उसी दिन वापस चले जाते हैं। यह सेवा उनके काम आएगी। हमें नकली बुकिंग लेने वालों पर ध्यान देने की जरूरत है। हमारी सेवाओं का दुरूपयोग नहीं होना चाहिए।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ नीतीश्वर कुमार ने बताया कि इस बार हम श्रीनगर से नीलग्रथ और श्रीनगर से नुनवान कैंप तक दोनों तरफ की सेवा हेलीकॉप्टर की सेवा शुरू कर रहे हैं। इससे यात्री एक दिन में दर्शन करके लौट सकते हैं। इसके लिए मूल्यों की सूची भी जारी कर दी गई है। श्रीनगर से पंचतरणि वाया नीलग्रथ आना और जाना 29000 रुपये का है। जबकि एक तरफ का 14500 है।
वही, श्रीनगर से पहलगाम के रास्ते पंचतरणी का किराया आने और जाने का 30000 रुपये है जबकि एक तरफ का 15000 है। श्रीनगर से नीलग्रथ के आने जाने का किराया 23400 है जबकि एक तरफ से किराया 11700 है।
वहीं श्रीनगर से पहलगाम के लिए आने और जाने का किराया 21600 रुपये होगा जबकि एक तरफ का किराया 10800 होगा।
नीलग्रथ से पंचतरणि के लिए आने और जाने का किराया 5600 होगा जबकि एक तरफ का किराया 2800 होगा। वही पहलगाम और पंचतरणी के बीच आने और जाने का किराया 8400 का होगा जबकि एक तरफ का किराया 4200 होगा।

बढ़ते मोटापे को कंट्रोल करने में फायदेमंद है, ग्रीन-टी

बढ़ते मोटापे को कंट्रोल करने में फायदेमंद है, ग्रीन-टी

सरस्वती उपाध्याय  
बढ़ते मोटापे को कंट्रोल करने के साथ निकली हुई तोंद को भी अंदर करने के लिए आपने लोगों को एक दूसरे को ग्रीन-टी पीने की सलाह देते हुए कई बार सुना होगा। लेकिन, क्या वाकई ग्रीन-टी का सेवन बढ़ते मोटापे को कंट्रोल करने में फायदेमंद साबित हो सकता है, आइए जानते हैं...

ग्रीन-टी पीने के फायदे...
कई शोध बताते हैं कि ग्रीन-टी का सेवन वेट लॉस प्रोसेस को तेज करने में मदद करता है।
ग्रीन-टी में ढ़ेर सारे एंटी ऑक्सिडेंट्स मौजूद होते हैं, जो आपको पूरे दिन तरोताजा बनाए रखने में मदद करते हैं। ग्रीन-टी का सेवन वेट लॉस के साथ दिल से जुड़े रोग, स्किन प्रॉब्लम आदि को दूर करने में भी मदद करते हैं।
ग्रीन-टी में पाये जाने वाले तत्व शरीर को इंफेक्शन और सूजन से राहत देते हैं।
ग्रीन-टी में पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।
एनसीबीआई की वेबसाइट पर यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के रिसर्च को प्रकाशित किया गया है। इस रिसर्च में बताया गया है कि ग्रीन-टी पीने से मोटापा संबंधी समस्या दूर हो सकती हैं। इसका सेवन करने से मेटाबॉलिक रेट दर को बढ़ाकर हर समय थोड़ी-थोड़ी कैलोरी को कम करने में मदद मिल सकती है। इसमें मौजूद योगिक फैट बर्निंग हॉर्मोन को सक्रिय कर सकते हैं। ग्रीन-टी की पत्तियों को तेज उबलते पानी में डालने से ग्रीन-टी की पत्तियों के अंदर मौजूद catechin डैमेज हो जाता है। इसलिए बेली फैट कम करने के लिए सबसे पहले पानी को उबालकर उसे 10 मिनट ठंडा होने दें। इसके बाद इसमें ग्रीन-टी की पत्तियां या फिर टी बैग डालकर हिलाएं। जब ग्रीन-टी बन जाए, तो पत्तियां या टी बैग निकालकर इसका सेवन करें।

रोजाना पीना है या नहीं ?
यूनिवर्सिटी ऑफ मैरिलैंड मेडिकल सेंटर की एक स्टडी की मानें तो वेट लॉस के लिए हर दिन 2 कप ग्रीन टी बहुत है। एक दिन में इससे ज्यादा ग्रीन-टी का सेवन नहीं करना चाहिए।

ग्रीन-टी पीने का सही टाइम...
अक्सर लोग मानते हैं कि खाली पेट ग्रीन टी पीने से जल्दी वजन कम होता है। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स ऐसा नहीं मानते हैं। खाली पेट ग्रीन टी नहीं पीना चाहिए। आइए जानते हैं क्या है ग्रीन टी पीने का सही समय।
खाना खाने के एक घंटे पहले और बाद में ही ग्रीन-टी पीनी चाहिए।
सोने से पहले ग्रीन टी पीने से वजन कम होता है।
ग्रीन-टी में दूध और चीनी मिलाकर नहीं पीना चाहिए।
वजन घटाने के लिए ग्रीन-टी में शहद मिलाकर पीना चाहिए।
वेट लॉस के लिए ग्रीन-टी में नींबू रस मिलाकर पीना भी फायदेमंद होता है।

प्रयागराज-कानपुर मामलें में हलफनामा दाखिल, आदेश

प्रयागराज-कानपुर मामलें में हलफनामा दाखिल, आदेश

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। पैगम्बर मुहम्मद के खिलाफ विवादित बयान के विरोध में भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा पर कार्यवाही की मांग को लेकर उपजे विवाद ने उत्तरप्रदेश में हिंसक ले लिया था और जमकर पत्थरबाजी की गई थी। इस मामले में शामिल दंगाइयों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रशासन की ओर से सख्त कार्यवाही करते हुए उनकी सम्पत्ति पर बुलडोजर चलाए जा रहे थे।
उत्तर प्रदेश में बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। शीर्ष अदालत ने प्रयागराज-कानपुर मामलें में उत्तर प्रदेश सरकार को हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार को तीन दिनों का समय दिया गया है। साथ ही कोर्ट का यह कहना है कि अगर नियमों का पालन किया गया है, तो कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती। फिलहाल, इस मामले में आगे सुनवाई अगले सप्ताह होगी।
जमियत उलेमा ए हिंद ने याचिका दायर कर राज्य सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की थी कि किसी आरोपी की संपत्ति पर तत्काल कार्रवाई न की जाए। इसके साथ ही जमियत ने कहा था कि कानपुर में संपत्ति ढहाने की तैयारियों पर रोक लगाई जाए।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘हमने यह साप कर दिया है कि कोई भी कानून ढांचे या भवन को नहीं गिराया गया है।’ उन्होंने कहा कि सभी का अपना एजेंडा है और एक सियासी दल ने याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि जहांगीरपुरी इलाके में समुदाय को देखे बगैर ढांचे हटाए गए थे। मेहता ने कहा कि इसमें जरूरी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने जमियत की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में यह भी कहा गया था कि राज्य सरकार को आदेश जारी किए जाएं कि कानून के मुताबिक ही संपत्ति ढाहाने की कार्रवाई की जाए। साथ ही इसमें प्रभावित व्यक्ति को नोटिस देने और सुनवाई के लिए समय देने की मांग की गई थी।
जमियत का कहना है कि संपत्ति ढहाने की तत्काल कार्रवाई प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। खास बात है कि जमियत के आवेदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का भी जिक्र किया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि आरोपियों के मकानों को बुलडोजर की मदद से गिराया जाएगा। इसमें एडीजी प्रशांत कुमार और कानपुर पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा के बयान को भी शामिल किया गया है, जिसमें पुलिस अधिकारी दोहरा रहे हैं कि आरोपियों की संपत्ति को कब्जे में लिया जाएगा और ढहाया जाएगा।जमियत ने उत्तर प्रदेश एक्ट 1958 की धारा 10 को लेकर कहा कि इसके तहत प्रभावित व्यक्ति को मौका नहीं मिलने तक भवन नहीं ढहाया जा सकता। इसके आगे जमियत ने कहा है कि यूपी अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 1973 की धारा 27 में कहा गया है कि संपत्ति ढहाने की कार्रवाई से पहले प्रभावित व्यक्ति की बात सुनी जाएगी और उन्हें कम से कम 15 दिनों का नोटिस दिया जाएगा।

विशेष आयुक्त ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

विशेष आयुक्त ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस अपने बल में नवीनतम तकनीकों को शामिल कर आधुनिकीकरण में जुटी हुई है। वह अपराध, कानून और व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, खुफिया संग्रह और जनता को सेवाएं प्रदान करने के क्षेत्र में और बेहतर काम करना चाहती है। इसी दिशा में गुरुवार को दिल्ली पुलिस और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। एमओयू पर आईआईटी दिल्ली की ओर से निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी व दिल्ली पुलिस की ओर से विशेष आयुक्त एसबीके सिंह ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
पुलिस आयुक्त आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा कि दिल्ली पुलिस और आइआइटी के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन नई तकनीक की खोज, मौजूदा प्रौद्योगिकी आधारित परियोजनाओं का मूल्यांकन, भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधान के विकास और दिल्ली पुलिस की तकनीकी समितियों में उपयुक्त संसाधन और व्यक्ति को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। कई अन्य समाधानों के बीच उपरोक्त प्रक्रिया नई संचार प्रणालियों, ड्रोन फोरेंसिक, एक ही मंच पर सीसीटीवी फ़ीड के एकीकरण, पार्किंग समस्याओं को हल करने के लिए प्रौद्योगिकियों के समावेश, बुलेट प्रतिरोध (बीआर) जैकेट और बीआर वेस्ट आदि के लिए तकनीकी विशिष्टताओं के समाधान तैयार करेगी।
उन्होंने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से आइआइटी दिल्ली, दिल्ली पुलिस को नवीन तकनीकों को अपनाने और स्वदेशी डिजिटल ट्रैकिंग संचार प्रणाली, सीसीटीवी एकीकरण प्लेटफार्म विकसित करने में मदद करेगा, जो प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के अनुरूप है। व्यवस्था बनाए रखना, नागरिकों के मन में सुरक्षा पैदा करना, दिए गए सीमित संसाधनों में मोबाइल फोन के दुरुपयोग की रोकथाम और वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल (वीओआइपी) एक विशाल चुनौती है, जिसे डिजिटल के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों के समावेश से नियंत्रित किया जा सकता है।
आईआईटी दिल्ली इन क्षेत्रों में और भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ), मशीन लर्निंग (एमएल), ड्रोन प्रौद्योगिकियों, यातायात प्रबंधन और कानून व व्यवस्था के रखरखाव जैसे प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में दिल्ली पुलिस की सहायता कर सकता है। इस दौरान प्रो. रंगन बनर्जी ने कहा कि दिल्ली पुलिस को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी और प्रणालियों का विकास करने की बात कही।

कार में विस्फोट होने की वजह से 'पत्रकार' की मौंत

कार में विस्फोट होने की वजह से 'पत्रकार' की मौंत

अखिलेश पांडेय     
साना/अदन। यमन के सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र और बंदरगाह शहर अदन में गुरुवार को एक कार में विस्फोट होने की वजह से एक स्थानीय पत्रकार की मौंत हो गई है। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक स्थानीय सरकारी अधिकारी ने कहा, 'पत्रकार सबर नोमान अल-हैदरी जिस कार से जा रहे थे उसमें आईईडी फिट किया गया था। कार जब अदन के मंसूर से गुजर रही थी तब उसमें धमाका हो गया।'अधिकारी ने कहा, रात को हुई इस घटना में पत्रकार की मौत सहित कुछ राहगीर भी घायल हुए हैं।
बुलडोजर की कार्रवाई एक पक्षीय नहीं होनी चाहिए,किसान बड़े आंदोलन के लिए रहें तैयार
पत्रकार सबर नोमान अल-हैदरी एक जापानी न्यूज आउटलेट के लिए काम करते थे। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें क्यों निशाना बनाया गया है। अधिकारी ने इस पर जांच होने की जानकारी दी है।
अभी तक किसी भी आतंकवादी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, हालांकि इस युद्धग्रस्त अरब देश में हाल के दिनों में पत्रकारों को निशाना बनाए जाने की ऐसी कुछ घटनाएं सामने आई हैं।
यमन साल 2014 के अंत से गृह युद्ध की चपेट में है। देश के उत्तरी हिस्से के कुछ प्रांतों को हुती विद्रोहियों ने अपने कब्जे में ले लिया है और सऊदी समर्थित यमनी सरकार को भी जबरदस्ती राजधानी सना से बाहर कर दिया है।

सेना में नई भर्ती के प्रारूप पर युवा वर्ग निराश-बेचैन है

सेना में नई भर्ती के प्रारूप पर युवा वर्ग निराश-बेचैन है

संदीप मिश्र
लखनऊ। सेना भर्ती अभियान ‘अग्निपथ’ को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को कहा कि सेना में नई भर्ती के प्रारूप को लेकर युवा वर्ग निराश और बेचैन है। इसके मद्देनजर सरकार को अल्प अवधि की इस नौकरी के लिये किये गये फैसले पर पुर्नविचार करना चाहिये।
मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा “ सेना में काफी लम्बे समय तक भर्ती लम्बित रखने के बाद अब केन्द्र ने सेना में 4 वर्ष अल्पावधि वाली ’अग्निवीर’ नई भर्ती योजना घोषित की है, उसको लुभावना व लाभकारी बताने के बावजूद देश का युवा वर्ग असंतुष्ट एवं आक्रोशित है। वे सेना भर्ती व्यवस्था को बदलने का खुलकर विरोध कर रहे हैं।
1. सेना में काफी लम्बे समय तक भर्ती लम्बित रखने के बाद अब केन्द्र ने सेना में 4 वर्ष अल्पावधि वाली ’अग्निवीर’ नई भर्ती योजना घोषित की है, उसको लुभावना व लाभकारी बताने के बावजूद देश का युवा वर्ग असंतुष्ट एवं आक्रोशित है। वे सेना भर्ती व्यवस्था को बदलने का खुलकर विरोध कर रहे हैं।
उन्होने कहा “ इनका मानना है कि सेना व सरकारी नौकरी में पेंशन लाभ आदि को समाप्त करने के लिए ही सरकार सेना में जवानों की भर्ती की संख्या को कमी के साथ-साथ मात्र चार साल के लिए सीमित कर रही है, जो घोर अनुचित तथा गरीब व ग्रामीण युवाओं व उनके परिवार के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा “ देश में लोग पहले ही बढ़ती गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी एवं सरकार की गलत नीतियों व अहंकारी कार्यशैली आदि से दुःखी व त्रस्त हैं, ऐसे में सेना में नई भर्ती को लेकर युवा वर्ग में फैली बेचैनी अब निराशा उत्पन्न कर रही है। सरकार तुरन्त अपने फैसले पर पुनर्विचार करे, बीएसपी की यह माँग।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने पिछले मंगलवार को अग्निपथ भर्ती योजना का ऐलान किया था। योजना के तहत सेना के तीनो अंगों यानी थल,नभ और जल सेना में चार साल के लिये युवाओं की भर्ती की जायेगी। इन रणबांकुरों को अग्निवीर का नाम दिया जायेगा। चार साल बाद अग्निवीरों को सार्टिफिकेट और वेतन के एक अंश के रूप में मोटी रकम देकर विदा किया जायेगा। सरकार का मानना है कि इस योजना से न सिर्फ सैन्य बलों की ताकत में इजाफा होगा बल्कि युवा वर्ग में राष्ट्र प्रेम की भावना और मजबूत होगी। इस योजना को लेकर हालांकि देश के अलग अलग भागों से मिलीजुली प्रतिक्रियायें मिल रही है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-251, (वर्ष-05)
2. शुक्रवार, जून 17, 2022
3. शक-1944, आषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज/चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 31 डी.सै., अधिकतम-41+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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बुधवार, 15 जून 2022

शासन-प्रशासन स्तर पर कौन लेगा जिम्मेदारी ?

शासन-प्रशासन स्तर पर कौन लेगा जिम्मेदारी ?

अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। जनपद की तहसील, विधानसभा क्षेत्र, नगर पालिका परिषद एवं विकास खंड क्षेत्र लोनी की वर्तमान आबादी 15 लाख से अधिक है। ऐसे सघन आबादी वाले क्षेत्र में सुविधाओं का कितना अभाव है ? जन समस्याएं मुंह उठाकर जैसे शासन-प्रशासन को चेतावनी दे रही है। किंतु कोई चेतावनी को स्वीकार नहीं करना चाहता है। जनता को समस्या से जूझने के लिए उसके हाल पर छोड़ दिया गया है। 
गौरतलब हो, दिल्ली-सहारनपुर राज्यमार्ग 709 बी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की लाइफ लाइन कहे जाने में किसी प्रकार की कोई अतिशयोक्ति नहीं है। 709 बी यातायात और व्यापार का एक प्रमुख संसाधन है। लाखों लोगों का आवागमन प्रतिदिन इस राजमार्ग से होता है। दिल्ली से सहारनपुर तक इतना जाम कहीं पर नहीं लगता है, जितना जाम मेन लोनी तिराहे पर लगता है। इसका प्रमुख कारण है, शासन-प्रशासन की उदारता।
शासनिक और प्रशासनिक स्तर पर जनता की मूल समस्याओं पर किसी प्रकार की कोई चिंता नहीं की जाती है। बल्कि अगर यूं कहें मूल समस्याओं पर कोई ध्यान ही नहीं है तो भी कोई बुराई नहीं है।
स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर, निकाय चेयरमैन रंजीता धामा, जिला अधिकारी और उप जिला अधिकारी किस प्रकार से जन जनता की सेवा कर रहे हैं। इतनी बड़ी जन समस्या बिना चश्मे के भी दिखाई दे सकती है। हालांकि, सभी लोग काले-पीले चश्मे लगा कर रहते हैं। एक तरफ जनता उत्पीड़ित है, समस्या से रूबरू होती है। दूसरी तरफ सभी लोग जनता की सेवा में दिन-रात जी-जान से लगे हुए हैं। 
क्या स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अभी तक इस बात का आभास नहीं हुआ है कि लोनी तिराहे पर एक 'फुट ओवर ब्रिज' की अत्यधिक आवश्यकता है। बूढ़े बच्चे इस समस्या से अत्यधिक ग्रसित है। जवान व्यक्ति सड़क को पार करने में सक्षम है। कई बार वह भी हादसे का शिकार हो जाता है। लेकिन बात यदि बच्चे-स्त्री और वृद्ध जनों की जाए तो यह एक बड़ी समस्या है।
जनता लोनी तिराहे पर सड़क पार करने की समस्या से त्रस्त है। हालांकि किसी जनप्रतिनिधि का इस पर ध्यान नहीं है। अपितु यह कहा जाए जनसमस्याओं के बजाय अन्य कार्यों में ज्यादा व्यस्त हैं।

400-220 केवी लाइनों के प्रस्ताव को मंजूरी मिली

400-220 केवी लाइनों के प्रस्ताव को मंजूरी मिली

संदीप मिश्र
लखनऊ। योगी आद‍ित्‍यनाथ कैबिनेट ने मेरठ में 765 केवी बिजली उपकेंद्र से संबंधित 400 केवी और 220 केवी लाइनों की लागत के पुनरीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं की पुनरीक्षित लागत 305.9 करोड़ रुपये है।
इसके तहत मेरठ के 765 केवी उपकेंद्र से संबंधित 400 केवी डीसी मेरठ-शामली लाइन का टैरिफ बेस्ड कंप्टीटिव बिल्‍ड‍िंग (टीबीसीबी) पद्धति से निर्माण कराया जाएगा, जिसकी कुल लागत 164.53 करोड़ रुपये होगी। मेरठ के इसी उपकेंद्र से संबंधित 220 केवी डीसी मेरठ-जानसठ लाइन व संबंधित हाइब्रिड बे तथा 220 केवी डीसी मेरठ-अमरोहा लाइन व उससे संबंधित हाइब्रिड बे का निर्माण इंजीनियर‍िंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) पद्धति से कराया जाएगा, जिसकी कुल लागत 141.37 करोड़ रुपये होगी।
इन परियोजनाओं का 70 प्रतिशत वित्त पोषण वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेकर और बाकी 30 प्रतिशत शासकीय अंशपूंजी से कराने का निर्णय लिया गया है। कार्यदायी संस्था की नियुक्ति के बाद 18 माह में कार्य पूर्ण किया जाना संभावित है। मेरठ के 765 केवी उपकेंद्र से संबंधित 400 केवी डीसी मेरठ-शामली लाइन और 220 केवी डीसी मेरठ-जानसठ लाइन के निर्माण से शामली, जानसठ तथा अमरोहा क्षेत्र में भविष्य में बढऩे वाले विद्युत भार की पूर्ति तथा सुदृढ़ प्राथमिक स्रोत की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...