शनिवार, 30 अप्रैल 2022

कार्ड का शुद्ध लाभ तिमाही में 580.86 करोड़

कार्ड का शुद्ध लाभ तिमाही में 580.86 करोड़
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। क्रेडिट कार्ड कंपनी एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड एसबीआई कार्ड का शुद्ध लाभ मार्च में खत्म तिमाही में तिगुने से भी अधिक होकर 580.86 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी को आखिरी तिमाही में बंपर फायदा हुआ है। एसबी आई कोड ने शेयर बाजार को इस बारे में जानकारी दी है। बता दें पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा 175.42 करोड़ रुपये पर था।
ब्याज से प्राप्त आय भी बढ़ी
जनवरी से मार्च के बीच कंपनी की कुल आय बढ़कर 3,016.10 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 2,468.14 करोड़ रुपये थी। एसबीआई कार्ड्स की ब्याज से प्राप्त आय भी पिछले साल के 1,082.42 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,266.10 करोड़ रुपये हो गई।शुल्क और कमीशन से प्राप्त आय भी 1,426.81 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले वर्ष समान अवधि में 1,113.81 करोड़ रुपये थी।
आपको बता दें वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान एसबीआई कार्ड्स का शुद्ध लाभ 64 फीसदी बढ़कर 1,616.14 करोड़ रुपये हो गया जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में यह 984.52 करोड़ रुपये था। इस वित्त वर्ष में उसकी कुल आय बढ़कर 11,301.52 करोड़ रुपये हो गई जो एक साल पहले 9,713.58 करोड़ रुपये थी।
NPA में आई गिरावट
एसबीआई कार्ड ने कहा कि 31 मार्च 2022 तक कंपनी की सकल गैर-निष्पादित संपत्तियां (NPA) 2.22 फीसदी और शुद्ध एनपीए 0.78 फीसदी रही है। पिछले वर्ष यह क्रमश: 4.99 फीसदी और 1.15 फीसदी थी।
कंपनी के शेयर में आई गिरावट
एसबीआई कार्ड के शेयर की बात करें पिछले एक महीने में कंपनी के शेयर में 2.79 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं, पिछले 6 महीने में एसबीआई कार्ड का शेयर 22.49 फीसदी फिसला है यानी इसमें 240.25 रुपये प्रति शेयर की गिरावट देखने को मिली है। बता दें हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन कंपनी का शेयर 13.75 रुपये यानी 1.63 फीसदी फिसलकर 827.95 के लेवल पर क्लोज हुआ है।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 3,688 नए मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 3,688 नए मामलें

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश भर में कोविड-19 मामलों में वृद्धि जारी है। भारत में शनिवार को 3,688 नए मामलें दर्ज किए गए हैं। जिससे भारत का सक्रिय केसलोड बढ़कर 18,684 हो गया है। भारत ने पिछले 24 घंटों में संक्रमण के कारण 50 मौते हुई हैं। जिससे मरने वालों की तादाद बढ़कर 5,23,803 हो गई है। मंत्रालय ने कहा कि सक्रिय मामलों में कुल संक्रमण का 0.04 प्रतिशत शामिल है। 24 घंटे की अवधि में सक्रिय कोविड-19 केसलोड में 883 मामलों की वृद्धि दर्ज की गई है।

देश में पिछले 24 घंटों में कुल 2,755 डिस्चार्ज हुए, कुल रिकवरी दर लगभग 98.74 प्रतिशत थी और कुल रिकवरी डेटा 4,25,33,377 तक पहुंच गया है।

पहले सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार ग्रहण किया

पहले सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार ग्रहण किया

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। भारतीय सेना के अनुभवी और पराक्रमी अधिकारी, जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने एमएम नरवणे की जगह ली। खास बात यह है कि जनरल मनोज पांडे कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी हैं, जो सेना प्रमुख का पद संभालेंगे। आइए जानते हैं जनरल पांडे का सेना प्रमुख के पद तक पहुंचने का अब तक का सफरनामा। जनरल मनोज पांडे इससे पहले ईस्टर्न कमांड के कमांडिंग ऑफिसर रह चुके हैं और अंडमान एंड निकोबार कमांड के कमांडर इन चीफ का पद भी संभाल चुके हैं। जनरल मनोज पांडे परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल हासिल कर चुके हैं।

जनरल पांडे का जन्म डॉ. सीजी पांडे और ऑल इंडिया रेडियो में अनाउंसर और होस्ट रह चुकीं प्रेमा के यहां हुआ था। उनका परिवार नागपुर से है। शुरुआती स्कूलिंग के बाद जनरल मनोज पांडे ने नेशनल डिफेंस अकेडमी ज्वाइन की। एनडीए के बाद उन्होंने इंडियन मिलिट्री एकेडमी जॉइन की और बतौर अफसर कमीशन लिया। उन्होंने 3 मई 1987 को सरकारी डेंटल कॉलेज की गोल्ड मेडलिस्ट अर्चना सल्पेकर से शादी की। जनरल मनोज पांडे को दिसंबर 1982 में बॉम्बे सैपर्स में कमीशन मिला, जो कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स की एक रेजिमेंट है। वह ब्रिटेन के कैमबर्ले के स्टाफ कॉलेज का भी हिस्सा रहे हैं। कोर्स पूरा होने के बाद वह भारत लौट आए और पूर्वोत्तर भारत की माउंटेन ब्रिगेड के ब्रिगेड मेजर नियुक्त किए गए। लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर पहुंचने के बाद उन्होंने इथियोपिया और इरिट्रिया में यूनाइटेड नेशन्स मिशन में बतौर चीफ इंजीनियर काम किया।

जनरल मनोज पांडे जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर 117 इंजीनियर रेजिमेंट की अगुआई भी कर चुके हैं। ऑपरेशन पराक्रम के दौरान वह रेजिमेंट कमांडर थे। फिर उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज, महू में दाखिला लिया और हायर कमांड कोर्स पूरा किया। इसके बाद उन्हें हेडक्वॉर्टर 8 माउंटेन डिवीजन में कर्नल क्यू नियुक्त किया गया।
मेजर जनरल के पद पर पदोन्नति के बाद जनरल पांडे ने 8 माउंटेन डिवीजन की कमान संभाली, जो पश्चिमी लद्दाख में ऊंचाई वाले अभियानों में शामिल था। इसके बाद उन्होंने सेना मुख्यालय में सैन्य अभियान निदेशालय में अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में काम किया। लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत होकर उन्होंने दक्षिणी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ की जिम्मेदारी भी संभाली।

57 बच्‍चों के 'बायोलॉजिकल' फादर बनेंगे केल

57 बच्‍चों के 'बायोलॉजिकल' फादर बनेंगे केल 

सुनील श्रीवास्तव  
वाशिंगटन डीसी। एक शख्‍स का दावा है कि वो 47 बच्‍चों के पिता बन चुके हैं। जल्‍द 10 और बच्‍चों के पिता (बायोलॉजिकल फादर) बन जाएंगे। पर, उन्‍होंने अपनी पीड़ा भी व्‍यक्‍त की है और बोले- इससे उनकी डेटिंग लाइफ बर्बाद हो गई है। दरअसल, ये शख्‍स एक स्‍पर्म डोनर हैं। केल गॉर्डी नाम के ये शख्‍स अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहते हैं। उनकी उम्र 30 साल है। केल का दावा है कि वह जल्‍द ही 57 बच्‍चों के बायोलॉजिकल फादर बन जाएंगे।‌ मिरर' की रिपोर्ट के मुताबिक, केल गॉर्डी अब तक 47 से ज्‍यादा बच्‍चों के पिता बन चुके हैं। केल बताते हैं कि कुछ सालों पहले उनकी डेटिंग लाइफ औसत थी, उन्‍होंने कई लोगों के साथ डेटिंग की। लेकिन किसी के साथ भी वह लंबे रिलेशनशिप में नहीं रह पाए। 
लेकिन, केल अब थोड़ा दुखी नजर आता हैं। वह बोले-अब उनसे महिलाएं तभी बातचीत करती हैं, जब उन्‍हें बच्‍चा चाहिए होता है। केल ने यह भी बताया उन्‍होंने स्‍पर्म डोनेट किया तो कई प्रेग्‍नेंसी काफी सफल रहीं। इसके बाद महिलाओं ने उन्‍हें इंस्‍टाग्राम पर मैसेज करना शुरू कर दिया। चीफ केल ने ये भी कहा कि उन्‍हें इस बात का एकदम अंदेशा नहीं था कि इतनी सारी महिलाएं इस काम के लिए रुचि दिखाएंगी, क्‍योंकि उन्‍हें लगता था कि इनमें से कई बेहद अमीर होंगी और वो स्‍पर्म बैंक जा सकती हैं। कई महिलाओं ने केल को ये भी बताया कि वह अपने बच्‍चे का 'बायोलॉजिक फादर' देखना चाहती थीं।  पर केल ये भी बोले, ' दुर्भाग्‍यवश, अब कई महिलाएं मेरे साथ डेट करना पसंद नहीं करती हैं।‌ लेकिन, केल की जिंदगी में कुछ ऐसी भी महिलाएं आईं, जिनके साथ ऐसा लगा कि उनकी रिलेशनशिप आगे हो सकती है पर उनकी कहानी आगे नहीं बढ़ी। बात की उम्‍मीद कर रहे हैं कि वह एक दिन अपना घर बसा लेंगे और उनका परिवार होगा। लेकिन कोई खास व्‍यक्ति ही होगा जो उन्‍हें इस रूप में स्‍वीकार कर पाए। केल ने कहा, " मुझे लगता है कि अपने स्‍पर्म डोनेशन के बारे में जल्‍द बता देना ही बेहतर रहेगा, क्‍योंकि तब वह (होने वाली पाटर्नर) इस स्थिति को अच्‍छी तरह से समझ पाएगी। केल का दावा है कि उनसे अब तक 1000 से अधिक महिलाओं ने उनके स्‍पर्म के लिए कहा है। कई महिलाएं उन्‍हें उनके डोनेशन से पैदा हुए बच्‍चों के फोटो भेजती रहती हैं। केल अपने स्‍वास्‍थ्‍य का खूब ध्‍यान रखते हैं, वह कैफीन, शराब, ड्रग्‍स और सिगरेट का सेवन नहीं करते हैं। केल फिलहाल स्‍पर्म डोनर बने रहना चाहते हैं, उन्‍होंने ये भी कहा कि जिस भी महिला को उनकी सर्विस की जरूरत है वो इंस्‍टाग्राम से संपर्क साध सकती है।

भोजपुरी स्टार ने ब्लैक ब्रा में फोटो शेयर की

भोजपुरी स्टार ने ब्लैक ब्रा में फोटो शेयर की  

कविता गर्ग  
मुंबई। भोजपुरी स्टार नम्रता मल्ला अपनी बोल्डनेस के लिए मशहूर हैं। उनका अंदाज काफी सिजलिंग है। उनका इंस्टाग्राम उनके बोल्ड अवतार से भरा हुआ है। 
हाल ही में नम्रता मल्ला ने ब्लैक ब्रा में अपनी फोटो शेयर की हैं। उनकी फोटो देख कर फैंस के दिलों की धड़कनें तेज हो गई हैं। नम्रता मल्ला ने कैमरे के सामने कमाल के पोज दिए है। भोजपुरी ब्यूटी को हजारों यूजर ने लाइक किया है। यूजर ब्यूटीफुल, लवली, हॉटी, सो ब्यूटीफुल, माइंड ब्लोइंग और आसम लिख रहे।
नम्रता मल्ला ने भोजपुरी इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले हरियाणवी अलबम 'राजा जी' से करियर की शुरूआत की थी। नम्रता मल्ला बेहतरीन डांसर हैं। वह बेली डांस नोरा फतेही को टक्कर देती हैं।

सुपरवाइजर सिफर सहित कई पदों पर भर्तियां

सुपरवाइजर सिफर सहित कई पदों पर भर्तियां 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। अगर आप 12वीं या ग्रेजुएट पास हैं तो यह आपके लिए बेहतरीन मौका हो सकता है। दरअसल बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स के तहत ड्राफ्ट्समैन, स्टेनो बी, एलडीसी, एसकेटी, ऑपरेटर कम्युनिकेशन, सुपरवाइजर सिफर सहित कई पदों पर भर्तियां निकाली गई हैं। जिसके लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
2021ऑफिशियल बेवसाइट bro.gov.in पर तय समय के अंदर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। बता दें बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन की ओर से जारी इस भर्ती के माध्यम से 129 पदों को भरा जाएगा। जिसके लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 15 जून 2022 है।
वहीं आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता अलग-अलग पदों के अनुसार है। ड्राफ्ट्समैन के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से साइंस विषय के साथ 12वीं और ड्राफ्ट्समैन के लिए दो साल का सर्टिफिकेट होना चाहिए। स्टेनो के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या समकक्ष से 10+2 में पास होना चाहिए और स्टेनोग्राफी में 80 शब्द प्रति मिनट की स्पीड होनी चाहिए।
एलडीसी के लिए किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 और अंग्रेजी में टाइपिंग स्पीड 35 शब्द प्रति मिनट या हिंदी या कंप्यूटर में 30 शब्द प्रति मिनट की स्पीड होनी चाहिए। वहीं शैक्षणिक योग्यता संबंधित अधिक जानकारी के लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर जरूर चेक करें।

खुलासा: रूस ने जंग में 'डॉल्फिन्स' को उतारा

खुलासा: रूस ने जंग में 'डॉल्फिन्स' को उतारा 

सुनील श्रीवास्तव
कीव/मास्को। यूक्रेन के साथ युद्ध कर रहे रूस को लेकर एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि रूस ने जंग में डॉल्फिन्स को भी उतार दिया है। व्लादिमीर पुतिन की सेना ने इन मछलियों को खास ट्रेनिंग देकर काला सागर के नौसैनिक अड्डों की निगरानी के लिए तैनात किया है।

सैटेलाइट तस्वीरें आईं सामने...
अमेरिका के यूएस नेवल इंस्टीट्यूट ने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए यह खुलासा किया है कि समुद्री मार्ग से किसी भी हमले से निपटने के लिए रूस ने सेवस्तोपोल बंदरगाह के एंट्री गेट पर डॉल्फिन्स को तैनात किया है। बता दें कि ये बंदरगाह क्रीमिया पेनिनसुला के दक्षिणी छोर पर है, जिस पर रूस ने 2004 में कब्जा किया था।

मिलिट्री द्वारा दी गई है ट्रेनिंग...
USNI का कहना है कि फरवरी में यूक्रेन पर अटैक की शुरुआत में रूस ने अपने नेवल बेस पर डॉल्फिन्स को शिफ्ट किया था। मिलिट्री द्वारा ट्रेन की गईं इन डॉल्फिन्स की तैनाती इसलिए की गई है कि अगर यूक्रेनी डाइवर समुद्र के रास्ते दाखिल होने की कोशिश करते हैं, तो मछलियां उन्हें पल भर में मौत दे सकें। वहीं, द गार्जियन ने रशियन न्यूज एजेंसी के सूत्रों के हवाले से बताया कि ये डॉल्फिन्स पानी के अंदर दुश्मन के साउंड और रेंज को डिटेक्ट कर सकती हैं।

रूस ने पहले भी की है तैनाती...
रूस इससे पहले भी अपने ठिकानों की सुरक्षा के लिए डॉल्फिन्स की तैनाती कर चुका है। 2018 में रिलीज हुई सैटेलाइट इमेजरी में ये खुलासा हुआ था कि रूस ने सीरिया के टर्तुस में बने अपने नेवल बेस पर डॉल्फिन्स का इस्तेमाल किया था। गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन जंग को दो महीने से भी ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन अब तक कोई परिणाम नहीं निकला पाया है। ये जंग रूस की उम्मीद से कहीं ज्यादा लंबी खिंच गई है। यूक्रेन लगातार उसे मुंहतोड़ जवाब दे रहा है।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...