शुक्रवार, 25 मार्च 2022

यूपी: योगी ने दूसरी बार सीएम के रूप में शपथ ली

यूपी: योगी ने दूसरी बार सीएम के रूप में शपथ ली   

हरिओम उपाध्याय        
गोरखपुर। योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में एक मेगा इवेंट में लगातार दूसरी बार उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। आदित्यनाथ ने शुक्रवार को इतिहास रच दिया। क्योंकि साधु-राजनेता ने पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दूसरी बार शपथ ली।एक उपलब्धि, जो यूपी के पिछले सीएम में से किसी ने हासिल नहीं की। गोरखपुर से पांच बार के लोकसभा सांसद, भगवा वस्त्र पहने आदित्यनाथ ने इस साल गोरखपुर शहरी सीट से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और 1 लाख से अधिक मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की। 2017 के विधानसभा चुनावों के बाद फिर से भाजपा की शानदार जीत के साथ, यह 37 वर्षों के बाद लगातार चुनावों में सत्ता में लौटने वाली पहली पार्टी बन गई। हाल ही में संपन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 403 में से 273 सीटें जीतकर भारी जनादेश के साथ सत्ता में वापसी की।
2022 के चुनावों में एक और बड़ी जीत हासिल करने के बाद, 49 वर्षीय योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य के सीएम के रूप में शपथ ली। केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली।
कैबिनेट मंत्रियों की पूरी सूची देखें...
सुरेश खन्ना, सूर्यप्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, बेबी रानी मौर्य, लक्ष्मी नारायण चौधरी, जयबीर सिंह, धर्मपाल सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, भूपेन्द्र सिंह चौधरी, अनिल राजभर, जितिन प्रसाद, राकेश सचान, अरविंद शर्मा, योगेन्द्र उपाध्याय, आशीष पटेल (अपना दल), डॉ संजय निषाद (निषाद पार्टी)
नितीन अग्रवाल, कपिल देव अग्रवाल, रविन्द्र जायसवाल, संदीप सिंह, गुलाब देवी, गिरीश चंद्र यादव, धर्मवीर प्रजापति, असीम अरुण, जयंत प्रताप सिंह राठौर, दयाशंकर सिंह, नरेंद्र कश्यप, देवेंद्र प्रताप सिंह, अरुण कुमार सक्सेना, डॉ दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’।
मयंकेश्वर शरण सिंह, दिनेश खटिक, संजीव गोड़, बलदेव सिंह औलख, अजित पाल सिंह, जसवंत सैनी, रामकेश निषाद, मनोहर लाल, संजय गंगवार, बृजेश सिंह, कृष्ण पाल मलिक, सुरेश राही, अनूप प्रधान बाल्मीकि, प्रतिभा शुक्ला, सोमेंद्र तोमर, रजनी तिवारी, सतीश शर्मा, राकेश राठौर, दानिस आजाद अंसारी, विजय लक्ष्मी गौतम। 
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की मौजूदगी में एक भव्य समारोह में आदित्यनाथ को शपथ दिलाई।

विवादित यूट्यूबर शहजाद ने सीएम को धमकी दी

विवादित यूट्यूबर शहजाद ने सीएम को धमकी दी  

इकबाल अंसारी          

बेंगलुरु। हिजाब विवाद पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के परिप्रेक्ष्य में विवादित यूट्यूबर शहजाद खान ने राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को धमकी दी है। शहजाद ने श्री बोम्मई को यूट्यूब न्यूज चैनल ‘एके न्यूज’ के माध्यम से उनपर अभद्र टिप्पणियां भी की है।वीडियो में कथित तौर पर उसने मुख्यमंत्री को चप्पल से मारने की धमकी दी और कहा कि भाजपा मुस्लिम वोटों के बदौलत ही सत्ता में आ पाई है। उसने सरकार को अपनी गिरफ्तारी को लेकर चुनौती देते हुए कहा कि वह अकेले ही पांच हजार पुलिसकर्मियों को संभाल लेगा क्योंकि वह एक मुस्लिम है और उसके साथ हजरत अली की दुआ है।

शहजाद ने कहा कि उसे हिजाब मामले पर न्यायालय के फैसले के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए पाकिस्तान, अमेरिका और कुवैत सहित अन्य देशों से मदद मिल रही है। उसने मुस्लिमों से भाजपा सरकार के खिलाफ एकजुट होने के लिए भी कहा। वीडियो में वह मैसूर के लोकसभा सांसद प्रताप सिम्हा, बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या और कर्नाटक के आरडीपीआर मंत्री केएस ईश्वरप्पा सहित अन्य भाजपा नेताओं को भी धमकी देते हुए नजर आया है। कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा हिजाब मामले पर दिए गए फैसले का विरोध करने के मामले में शहजाद को विधान सौध के बाहर हिरासत में लिया गया था। 

कुलाधिपति कार्यालय के सामने छात्रों द्वारा प्रदर्शन

कुलाधिपति कार्यालय के सामने छात्रों द्वारा प्रदर्शन  

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। प्रयागराज के इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ऑनलाइन परीक्षा कराने की मांग को लेकर शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर में कुलाधिपति कार्यालय के सामने सैकड़ो की संख्या में छात्रों द्वारा प्रदर्शन किया। पिछले 46 दिनों से चली आ रही उनकी मांग पर जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने सरे से नकारते हुए ऑनलाइन के स्थान पर ऑफलाइन परीक्षाओं की घोषणा के बाद विद्यार्थियों ने जम कर विरोध करते हुए, कुलपति कार्यालय को घेरते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी करने लगे, और प्रशासन के निर्णय को रद्द कर छात्र हित में ऑनलाइन परीक्षा कराने की मांग पर अड़ गए। 
अपनी मांग पूरी न होते देख कई छात्रों द्वारा आत्मदाह की कोशिश की गई जिसे पुलिस द्वारा त्वरीक कार्यवाही करते और सूझ बूझ का प्रदर्शन करते हुए नाकाम कर दिया गया। 
आत्मदाह की कोशिश करते हुए कई छात्रों ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़क लिया और कुछ ने मिट्टी का तेल पीने की भी कोशिश की गई पर मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा उनपर काबू पा लिया। इस पूरे घटनाक्रम में में आधे दर्जन से भी ज्यादा छात्रों की हालत गंभीर बनी हुई है, और पुलिस द्वारा उनको अस्पताल पहुंचाने की कोशिश जारी है पर छात्र न ही धरने से हटने को राज़ी है। जिलाधिकारी प्रयागराज, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज सहित सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंच कर छात्रों को समझाने लगे है। जिलाधिकारी प्रयागराज संजय कुमार खत्री ने छात्रों को आश्वासन दिया है कि वे विश्वविद्यालय प्रशासन से इस विषय पर गंभीरतापूर्वक विचार विमर्श करेंगे और छात्रों की समस्या का समाधान करने में मदद करेगे। वही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज अजय कुमार ने छात्रों से अपील किया की वे किसी तरह से कोई असंवैधानिक काम न करें क्योंकि वे भी नही चाहते हैं कि किसी भी छात्र के साथ कोई गलत हो और छात्र समस्या का समाधान हो।
छात्रों का कहना है कि पिछले 46 दिनों से लगातार हम अपनी मांगों पर डटे हुए हैं, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हमें पुलिस की मौजूदगी में आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगों पर ध्यानाकर्षण करते हुए ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन परीक्षाएं कराई जाएंगी। 
लेकिन अब जैसे-जैसे वक्त बीतता जा रहा है, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनकी मांगों को दरकिनार किया जा रहा है और पूरी तरीके से एक सिरे से उनकी मांगों को नकारते हुए ऑफलाइन एग्जाम की तिथि तक घोषित करने की तैयारी की जा रही है। जिसे छात्र एकता एवं छात्र हित का हनन माना जाता है। अब ऐसी स्थिति में छात्र उग्र रूप धारण करेंगे, और जल्द ही अपने प्रदर्शन को और बड़े पैमाने पर सामने रखेंगे तथा जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की मांग नहीं मान लेता है तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा।

नकली नोट सहित कलर प्रिंटर के साथ 3 गिरफ्तार

नकली नोट सहित कलर प्रिंटर के साथ 3 गिरफ्तार


मनोज सिंह ठाकुर               

भिंड। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले की सायबर टीम और अमायन थाना पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार कर उनके पास से 10 लाख, पांच हजार रुपए के नकली नोट सहित एक कलर प्रिंटर, नकली नोट का कागज और कटर मशीन बरामद की हैं। पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि अमायन थाना क्षेत्र में कुछ लोग नकली नोटों का आदान-प्रदान करने के लिए आए हैं।

इसके बाद साइबर सेल एवं अमायन थाना पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपियों के पास से 2000 एवं 200 के 10 लाख पांच हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे लंबे समय से नकली नोटों का कारोबार कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नकली नोटों की गड्डी में आरोपी कुछ असली नोट मिलाकर उनको गुजरात तक सप्लाई कर रहे हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पहले भी इन आरोपियों को एसटीएफ की टीम ने नकली नोटों के मामले में गिरफ्तार किया था। आरोपी जेल से छूटने के बाद दोबारा से नकली नोटों के कारोबार में लग गए थे। आरोपियों से एक कलर प्रिंटर, नकली नोट का कागज और कटर मशीन भी बरामद हुई है।

विधायक की 11 करोड़, 35 लाख की प्रॉपर्टी जब्त

विधायक की 11 करोड़, 35 लाख की प्रॉपर्टी जब्त    

कविता गर्ग                

मुंबई। महाविकास अघाड़ी सरकार के मंत्रियों और नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई लगातार हो रही है। पहले अनिल देशमुख फिर नवाब मलिक और अब शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक, ईडी ने सरनाईक की ग्यारह करोड़, 35 लाख की प्रॉपर्टी को जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई एनएसईएल(NSEL) घोटाला मामले में की गई है। जब्त की गई संपत्ति में ठाणे शहर में मौजूद दो फ्लैट और एक जमीन है। यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत की गई है। साल 2013 में मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज हुई एफआईआर संख्या 216 की जांच जब ईडी ने शुरू की उसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

समन देने पर नहीं हुए हाज़िर... 

एनएसईएल घोटाले में पूछताछ के लिए प्रताप सरनाईक को कई समन भेजे गए थे। उनके बेटे से भी ईडी ने पूछताछ की कोशिश की थी। सरनाईक से पहले भी ईडी ने पूछताछ की थी। कई दस्तावेजों की जांच पड़ताल भी की गई थी। जिसके बाद उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद सरनाईक को कई समन भेजे गए लेकिन वह ईडी के समक्ष हाजिर नहीं हुए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरनाईक एक बार पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष हाजिर हुए थे। जिसके बाद आज ईडी ने उनपर सीधी कार्रवाई की है।

अमेरिका: पुतिन नाम के 'बाघ' की हार्ट अटैक से मौंत

अमेरिका: पुतिन नाम के 'बाघ' की हार्ट अटैक से मौंत  

अखिलेश पांडेय           
वाशिंगटन डीसी। आपको बता दें, कि अमेरिका के एक बाघ की हार्ट अटैक में मौत हो गई है और उसकी हालत देखते हुए डॉक्टर की मायूसी हाथ लगी।
संयुक्त राज्य अमेरिका के मिनेसोटा चिड़ियाघर में ‘पुतिन’ नाम के बाघ को हार्ट अटैक का मामला सामने आया है। इस दौरान डॉक्टरों ने तमाम कोशिशें कीं, लेकिन ‘पुतिन’ को बचाया नहीं जा सका। चौंकिएगा नहीं, हम बात कर रहे हैं, 12 साल के पुतिन नाम के बाघ की, जो कि 2015 से मिनेसोटा चिड़ियाघर में रह रहा था। चिकित्सकीय जांच के दौरान पुतिन ने दम तोड़ दिया। बता दें कि मिनेसोटा चिड़ियाघर में सभी जानवरों की नियमित तौर पर चिकित्सकीय जांच होती है। पशु चिकित्सकों और ज़ूकीपर्स ने तमाम प्रयास किए, लेकिन बाघ को बचाया नहीं जा सका।
मिनेसोटा चिड़ियाघर के पशु देखभाल और संरक्षण के प्रमुख डॉ. टेलर यॉ ने कहा कि यह एक नियमित प्रक्रिया थी, जो बाघों की देखभाल और संरक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जांच के दौरान सभी जरूरी सावधानियां बरती गईं और टीम ने बाघ को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। लेकिन हम उसे बचा नहीं सके। मिनेसोटा चिड़ियाघर के निदेशक जॉन फ्रॉली ने कहा कि आज मिनेसोटा चिड़ियाघर में हम सभी के लिए बेहद कठिन दिन है। मिनेसोटा ज़ू में पिछले 40 से अधिक साल से बाघ संरक्षण का काम किया जा रहा है।
फ्रॉले ने कहा कि 2015 में मिनेसोटा चिड़ियाघर आए ‘पुतिन’ का जन्म 2009 में चेक गणराज्य में हुआ था। एप्पल वैली चिड़ियाघर में आने से पहले वह 6 साल तक डेनमार्क के चिड़ियाघर में रहा। पुतिन बाघ का कुनबा 2017 में मिनेसोटा चिड़ियाघर में काफी बढ़ गया था। क्योंकि इस साल कई शावकों ने जन्म लिया था।

'दिल्ली नगर निगम' को लोकसभा में पेश किया

'दिल्ली नगर निगम' को लोकसभा में पेश किया     

अकांशु उपाध्याय         

नई दिल्ली। सरकार ने दिल्ली के तीन नगर निगमों का एकीकरण करने संबंधी दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2020 को शुक्रवार को विपक्षी दलों के सदस्यों के विरोध के बीच लोकसभा में पेश किया। विपक्षी दलों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इस विधेयक को पेश करनाा, इस सदन के विधायी दायरे में नहीं आता है। निचले सदन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने उक्त विधेयक पेश किया। इसका कांग्रेस, आरएसपी और बहुजन समाज पार्टी ने विरोध किया।

इस पर गृह राज्य मंत्री राय ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि विधेयक को पेश करना कहीं से भी भारत के संविधान की मूल भावना का उल्लंघन नहीं है और ना ही यह संघीय ढांचे के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 239 (क) (क) के तहत दिल्ली से जुड़े इस कानून में संशोधन करने में सदन सक्षम है। राय ने कहा कि दिल्ली में तीन समवर्ती नगर निगमों के सृजन का मुख्य उद्देश्य जनता को प्रभावी नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराना था लेकिन पिछले 10 वर्षों का अनुभव यह दर्शाता है कि ऐसा नहीं हुआ। इसलिये यह विधेयक लाया गया है। विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि यह विधेयक दिल्ली सरकार और दिल्ली विधानसभा के अधिकार क्षेत्र का हनन करता है।

उन्होंने कहा कि सदस्यों को विधेयक के मसौदा का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला और इसका मसौदा जटिल है। कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि यह विधेयक संघीय ढांचे पर प्रहार करता है। उन्होंने कहा कि इसे सदन में लाने से पहले केंद्र ने राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया।उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के प्रयास में जल्दबाजी में यह विधेयक लाई है। बसपा के रीतेश पांडे ने कहा कि हम इस विधेयक को पेश किये जाने का विरोध करते हैं क्योंकि यह संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है। उन्होंने संविधान के संबंधित अनुच्छेद का उल्लेख करते हुए कहा कि एक तरफ नगर निगम का चुनाव नहीं कराया गया, दूसरी ओर तीनों नगर निगमों के एकीकरण का विधेयक लेकर आएं हैं, जो संवैधानिक रूप से गलत है। यह दिल्ली विधानसभा के अधिकार क्षेत्र का विषय है।

वहीं, कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि हम इस विधेयक को पेश किये जाने का इसलिये विरोध करते हैं क्योंकि यह इस सदन की विधायी दक्षता एवं दायरे से बाहर का विषय है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका से जुड़ा विषय राज्य सरकार के पास है और इस बारे में अगर किसी की विधायी दक्षता है, तो वह दिल्ली विधानसभा के पास है इस सदन के पास नहीं। तिवारी ने कहा कि यह संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि वर्ष 2011 में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र की विधानसभा द्वारा दिल्ली नगर निगम संशोधन अधिनियम 2011 द्वारा उक्त अधिनियम को संशोधित किया गया था जिससे उक्त निगम का तीन पृथक निगमों में विभाजन हो गया। तत्काल दिल्ली नगर निगम के तीन भागों में विभाजन करने का मुख्य उद्देश्य जनता को अधिक प्रभावी नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये दिल्ली में विभिन्न केंद्रों में सुसंबद्ध नगर पालिकाओं का सृजन करना था, फिर भी दिल्ली नगर निगम का तीन भागों में विभाजन राज्य क्षेत्रीय प्रभागों और राजस्व सृजन की संभाव्यता के अर्थ में असमान था।

इसमें कहा गया है कि समय के साथ दिल्ली के तीन नगर निगमों की वित्तीय कठिनाइयों में वृद्धि हुई जिससे वे अपने कर्मचारियां को वेतन और सेवानिवृत्ति फायदे प्रदान करने में अक्षम हो गए। वेतन और सेवानिवृत्ति फायदे प्रदान करने में विलंब का परिणाम नगर निगम कर्मचारियों द्वारा निरंतर हड़ताल के रूप में सामने आया जिसने न केवल नागरिक सेवाओं को प्रभावित किया बल्कि इससे सफाई और स्वच्छता से संबंधित समस्याएं भी उत्पन्न हुईं। तीन नगर निगमों की ऐसी वित्तीय कठिनाइयों का परिणाम उनकी संविदा संबंधी और कानूनी बाध्यताओं को पूरा करने में अनियमित विलंब के रूप में हुआ जिसने दिल्ली में नागरिक सेवाओं के बनाए रखने में गंभीर रूकावटें उत्पन्न कीं। इसमें कहा गया है कि दिल्ली में तीन समवर्ती नगर निगमों के सृजन का मुख्य उद्देश्य जनता को प्रभावी नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराना था।

मसौदे के अनुसार पिछले 10 वर्षो का अनुभव यह दर्शाता है कि संसाधनों की अपर्याप्तता और निधियों के आवंटन एवं जारी करने की अनिश्चितता के कारण तीनों निगम गंभीर वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। जिससे उनके लिये वांछित स्तर पर दिल्ली में नागरिक सेवाओं को बनाए रखना कठिन हो गया। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के अनुसार, सरकार देश की राजधानी में नागरिक सेवाएं प्रदान करने तथा वित्तीय कठिनाइयों एवं क्रियाशील अनिश्चितताओं को दूर करने के प्रयास के तहत दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022 लाई है। इसके तहत तीन नगर निगमों को एकीकृत करने की बात कही गई है। इसमें संसाधनों का बेहतर उपयोग करने के लिये एक सुदृढ़ तंत्र सुनिश्चित करना तथा दिल्ली के लोगों को अधिक कुशल नागरिक सेवा पूरी तरह पारदर्शिता के साथ प्रदान करने की बात कही गई है।

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

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