मंगलवार, 22 मार्च 2022
योगी ने विधान परिषद के सभापति को इस्तीफा सौंपा
वीडियो कॉलिंग कर ब्लैकमेलिंग करने वाला गिरफ्तार
वीडियो कॉलिंग कर ब्लैकमेलिंग करने वाला गिरफ्तार
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए वीडियो कॉलिंग कर ब्लैकमेलिंग करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया है। यह शख्स देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहा था। पुलिस ने नूह मेवात के रहने वाले जाकिर को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने बताया कि वो फेसबुक पर लड़की के नाम से फर्जी आईडी बनाता था। फेसबुक पर लोगों से दोस्ती करके चैट के माध्यम से उनसे व्हाट्सऐप नंबर ले लेता था। आरोपी जाकिर फर्जी आईडी से सिम लेता था। इसमें उसकी मदद बहनोई मुफीक निवासी रायपुर करता है। जिनके जरिए ये लोगों से चैट करना शुरू कर देते हैं। जब इन्हें यह विश्वास हो जाता है कि सामने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इनके जाल में फंस चुका है। तब ये उसे वीडियो कॉल पर प्यार भरी बातें करने के लिए उकसाते हैं। सामने वाला व्यक्ति यह विश्वास करके कि वह एक लड़की से बात कर रहा है। इनसे वीडियो कॉल के लिए तैयार हो जाता है। विडियो कॉल शुरू करने से पहले ये लोग दूसरे फोन में मौजूद अश्लील वीडियो चला कर उस फोन के सामने रखते हैं।
जिससे वीडियो कॉल पर सामने वाले व्यक्ति से बात करनी होती है। जैसे ही वीडियो कॉल शुरू होती है तो सामने वाले व्यक्ति को इनकी तरफ से लड़की का वीडियो दिखाई देता है, जिसका यह गैंग स्क्रीन रिकॉडिंग और स्क्रीन शॉट ले लेता है। ये लोग तीन से चार बार ऐसी वीडियो कॉल की रिकॉर्डिंग कर लेते हैं। इसके बाद ये दूसरे वॉट्सएप नंबर से क्राइम ब्रान्च डीसीपी, डिप्टी एसपी, अधिकारी विक्रम राठौर या फिर अन्य किसी नाम से पुलिस वाला बनकर सामने वाले को कॉल कर के धमकी देना शुरू करते हैं कि तुमने किसी लड़की के साथ ऑनलाइन गलत हरकत की है। जिसके संबंध में लड़की की ओर से शिकायत दी गई है। यह भी धमकी देते हैं कि यह वीडियो यूट्यूब पर वायरल होने वाला है और गिरफ्तार करने की धमकी भी देते हैं और यह कहते हैं कि अगर तुम अपनी इज्जत और मान-सम्मान बचाना चाहते हो तो तुरंत यूट्यूब मैनेजर गौरव मल्होत्रा, जिसका नंबर ये लोग खुद सामने वाले को देते हैं और फिर उससे बात करके अपनी वीडियो डिलीट करवाकर डिलीटिंग आईडी देने के लिए कहते हैं। इसके बाद जब वह इनकी ओर से दिए गए यूटयूब मैनेजर के नंबर पर बात करता है तो आरोपी उसे डिलीट करने के बदले पैसे मांगते हैं। उसके बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए भी इस गैंग के लोग सामने वाले व्यक्ति से पैसे की मांग करते हैं जो व्यक्ति इनकी इन धमकियों से ज्यादा डर जाता है वह इनके की ओर से दिए गए पेटीएम, फोनपे, गुगल पे, एयरटेल पेमेंट बैंक नंबर और फर्जी पते पर खुलवाए गए बैंक खाते में पैसे डाल देते हैं। इसके बाद डरे हुए व्यक्ति को एक या दो बार और धमकाया जाता है और ज्यादा से ज्यादा पैसे ऐंठ लिए जाते हैं।
सामने वाला व्यक्ति अपनी समाज में बेज्जती होने के कारण किसी से शिकायत भी नहीं करता है। ये लोग ज्यादा मोटी रकम लेने के लिए अक्सर क्राइम ब्रान्च अधिकारी बनकर स्वयं ही कैश लेने चले जाते हैं। ऑनलाइन पेमेंट लेने के लिए ये हमेशा फर्जी सिम मोबाइल और फर्जी पते पर खुलवाए गए बैंक खाता का प्रयोग करते हैं। पिछले 2-3 सालों से इस गैंग ने देश के विभिन्न राज्यों में सैकड़ों लोगों से इस प्रकार की ठगी का शिकार बनाया है। पुलिस इस गैंग के बाकी साथियों की तलाश कर रही है।
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35 सीटों पर आधे से ज्यादा यादव वर्ग के उम्मीदवार
35 सीटों पर आधे से ज्यादा यादव वर्ग के उम्मीदवार
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में मुस्लिम यादव समीकरण से परहेज करने वाली समाजवादी पार्टी विधान परिषद चुनाव में फिर अपने पुराने फार्मूले पर लौट आई है। इस बार उसने विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारी चुनाव की 35 सीटों पर आधे से ज्यादा यादव वर्ग के उम्मीदवार उतार दिए हैं। जबकि मुस्लिम व ब्राह्मण को भी अहमियत दी गई है। अलबत्ता गैरयादव बिरादरी को केवल नाममात्र का प्रतिनिधित्व मिला है।असल में विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण में रणनीति के तहत सपा ने गैरयादव पिछड़ी जातियों को खास तवज्जो दी थी। इसके जरिए उसने बड़े जनसमूह को अपने पक्ष में करने की कोशिश की थी। चूंकि यह चुनाव सीधे जनता से न होकर पंचायत प्रतिनिधियों के जरिए होना है। इसलिए सपा ने अपनी रणनीति बदली और उन्हीं को टिकट दिया। जो क्षेत्र में प्रभावशाली हैं और वोट हासिल कर सकते हैं।
चूंकि पिछली बार सपा के जीते 36 में ज्यादातर यादव बिरादरी के ही थे। अधिकांश को टिकट दोबारा मिलने से यादव समुदाय का प्रतिनिधित्व सबसे ज्यादा हो गया। अलबत्ता सपा ने सूची जारी करते वक्त यादव बिरादियों के प्रत्याशियों के नाम में यादव उपनाम लगाने से परहेज किया जबकि अन्य बिरादरी के प्रत्याशियों के नाम में उपनाम लगाया गया है। सपा ने एक महिला को भी टिकट दिया है। सपा इस बार सत्ता से बाहर है, ऐसे में देखना है कि उसके प्रत्याशी भाजपा प्रत्याशियों के आगे कितना मुकाबला कर पाते हैं।
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