बुधवार, 22 सितंबर 2021

सोने के साथ चांदी की कीमत में तेजी दर्ज की गई

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। सोना खरीदारों के लिए जरूरी खबर है पिछले कई दिनों से सोना चांदी के दामों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। ऐसे में अगर आप सोना चांदी खरीदना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। इस कारोबारी हफ्ते के दूसरे दिन मंगलवार को सोने के साथ-साथ चांदी की कीमत में तेजी दर्ज की गई।
मंगलवार को सोना 231 प्रति 10 ग्राम की तेजी के साथ 46513 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुई। इससे पहले सोमवार को सोना 46282 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था। वही मंगलवार को चांदी की कीमत में भी तेजी दर्ज की गई 486 रुपये प्रति किलो की वृद्धि हुई। इस बढ़त के साथ चांदी 60200 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर बंद हुआ। सोमवार को चांदी 59714 रुपये प्रति किलो के स्तर पर बंद हुई थी। अगर आप खुदरा ज्वेलरी का रेट जानना चाहते हैं तो 8955664433 नंबर पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं कुछ ही देर में एसएमएस के जरिए रेट्स उपलब्ध हो जाएंगे।

धर्मांतरण: सिद्दीकी को एटीएस द्वारा अरेस्ट किया

हरिओम उपाध्याय              
लखनऊ। जनपद मुजफ्फरनगर के गांव फुलत में जामिया इमाम वलीउल्लाह नामक ट्रस्ट का संचालन करते हुए धर्मांतरण कराने के आरोप में मौलाना कलीम सिद्दीकी को यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। मौलाना कलीम सिद्दीकी विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक, सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं की आड़ में अवैध धर्मांतरण का कार्य देशव्यापी स्तर पर कर रहे थे। जिसके लिए उन्हे और उनके ट्रस्ट को विदेशों से भारी मात्रा में फंडिंग की जा रही थी और इस अवैध धन के सहारे बड़े पैमाने पर तेजी के साथ उनके द्वारा धर्मांतरण कराया जा रहा था।
बुधवार को राज्य मुख्यालय पर हुई प्रेसवार्ता में उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया है कि उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से धर्मांतरण कराने के मामले में एटीएस द्वारा जनपद मुजफ्फरनगर के रतनपुरी थाना क्षेत्र के गांव फुलत से मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया है। मौलाना कलीम सिद्दीकी के ऊपर अवैध तरीके से धर्मांतरण कराने के लिये विदेशों से हवाला के माध्यम से फंडिंग लेने का आरोप है।
उन्होंने बताया कि मौलाना कलीम इस्लामिक विद्वानों में शामिल हैं और वह गांव में संचालित मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के डायरेक्टर भी हैं। 7 सितंबर को मुंबई में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा आयोजित किए गए राज्य प्रथम और राष्ट्र सर्वाेपरि कार्यक्रम में भी मौलाना कलीम शामिल हुए थे। उन्होंने बताया है की धर्मांतरण कराने के मामले में अभी तक 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। साक्ष्य एकत्र करने के लिए विभाग की ओर से कई टीमें गठित करते हुए उन्हें इसका जिम्मा सौंपा गया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बताया है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी ने एक ट्रस्ट बना रखा है। ट्रस्ट की आड़ में वह विदेशों से मिलने वाले धन के सहारे धर्म परिवर्तन करा रहा था। मौलाना के मदरसा जामिया इलामवली उल्ला इस्लामिया ट्रस्ट में विदेशों से फंडिंग की जाती है। मौलाना कलीम पिछले तकरीबन 15 सालों से धर्मांतरण कराने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बहरीन ये हाल ही में डेढ़ करोड़ रुपए ट्रस्ट के लिए आए हैं। तीन करोड़ की कुल फंडिंग के एटीएस की जांच में साक्ष्य मिले हैं। उन्होंने बताया कि इसी वर्ष की 20 जून को उत्तर प्रदेश एटीएस की ओर से अवैध धर्मांतरण गिरोह को संचालित करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिनमें मुफ्ती काजी उमर गौतम, गुजरात के सलाउद्दीन जैनुद्दीन, नागपुर के रामेश्वर कावडे उर्फ आदम उर्फ एडम, झारखंड के कौशर आलम तथा महाराष्ट्र के भूप्रिय बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफा प्रमुख है। उन्होंने बताया कि उमर गौतम व उसके साथियों को ब्रिटेन आधारित संस्था अलफला ट्रस्ट से तकरीबन 570000000 रूपये की फंडिंग की गई थी। एटीएस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपी खर्च का ब्यौरा नहीं दे सके थे। इस संबंध में साक्ष्यों के आधार पर विभिन्न तिथियों में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किए जा चुके हैं।
विवेचना के दौरान पता चला कि मौलाना कलीम सिद्दीकी पुत्र स्वर्गीय हाजी अमीन निवासी गांव फुलत जो अधिकांश रूप से दिल्ली में निवास करता है, वह धर्मांतरण के कार्य में लिप्त है और वह विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं की आड़ में अवैध धर्मांतरण का कार्य देशव्यापी स्तर पर करा रहे हैं। जिसके लिए विदेशों से उसे भारी मात्रा में फंडिंग की जा रही है और इस अवैध धन का प्रयोग कर वृहद पैमाने पर तेजी से धर्मांतरण कराया जा रहा है। जो सुनियोजित तरीके से संगठनात्मक रूप से किया जा रहा है। जिसमें देश के कई नामी लोग में संस्थाएं भी शामिल हैं।

विधायकों के टिकट की योजना बना रहा बीजेपी

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। गुजरात और उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों को बदलने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उन राज्यों में अपने आधे मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की योजना बना रहा है। जहां 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। दरअसल, ऐसा करके पार्टी सत्ता विरोधी लहर यानी एंटी इनकंबेंसी को कम करना चाहती है।
पिछले विधानसभा चुनावों में भी पार्टी ने अपने 15 से 20 फीसदी विधायकों का टिकट काटा था। हिन्दुस्तान टाइम्स को सूत्रों ने बताया कि इस बार यह आंकड़ा काफी ज्यादा हो सकता है क्योंकि लोगों के मन में सरकार को लेकर रोष बढ़ा है। साल 2022 में पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड, उत्त प्रदेश, गोवा, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं।एक पार्टी सूत्र ने बताया, 'की राज्यों में बीजेपी ने जमीनी स्तर पर सर्वे कराए हैं ताकि जनता का मूड भांप सके। विधायकों से भी कहा गया है कि वे बीते पांच सालों में किए अपने कामों का रिपोर्ट कार्ड सौंपे, जिसे पार्टी की अपनी तैयार की गई रिपोर्ट से मिलाकर भी देखा जाएगा। जिन विधायकों का प्रदर्शन अच्छा नहीं होगा, उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा।'
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक विधायकों का मूल्यांकन कुछ तय मानकों पर किया जाएगा, जैसें उन्होंने लोकल डेवलेपमेंट फंड का कितना इस्तेमाल किया, गरीबों के उत्थान के लिए कितनी परियोजनाएं चलाईं और महामारी के दौरान पार्टी की ओर से शरू की गई योजना 'सेवा ही संगठन' में कितना सहयोग किया। पार्टी ने सभी चुनावी क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराए हैं, जहां लोगों से सरकार की परफॉर्मेंस को लेकर फीडबैक लिया गया है।
पार्टी सूत्र ने कहा, 'कोरोना महामारी एक बड़ी चुनौती लेकर आया। सरकार ने स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने, टीकाकरण और दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश की लेकिन पार्टी ने कुछ राहत एवं बचाव कार्य भी किए। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी राज्य इकाइयों से कहा था कि जरूरतमंदों को खाना खिलाने के लिए अभियान शुरू करें, नौकरी खोने वालों की मदद करें और अपने बूथ में 100 फीसदी टीकाकरण सुनिश्चित करें। विधायकों द्वारा सेवा ही संगठन कैंपेन के तहत किए कामों की भी गिनती होगी।'
फिलहाल बीजेपी के लिए सत्ता विरोधी लहर को काटना ही सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। पार्टी ने इसी वजह से विजय रुपाणी को हटाकर भूपेंद्र पटेल को गुजरात का नया मुख्यमंत्री बनाया। इसके अलावा पूरे नए मंत्रिमंडल ने भी शपथ ली ताकि 2022 के अंत में होने वाले चुनावों से पहले पार्टी कैडर को पुनर्जीवित किया जा सके।
सूत्र ने बताया, 'अलग-अलग कारणों से मौजूदा विधायकों की टिकट काटना पार्टी के लिए कोई नया नहीं है। उदाहरण के लिए राजस्थान में बीजेपी ने साल 2018 में 43 विधायकों के टिकट काटे थे, जिनमें 4 मंत्री थे। झारखंड में भी पार्टी ने दर्जनभर से ज्यादा विधायकों के टिकट काटे ताकि युवाओं के साथ ही महिलाओं और एससी/एसटी समुदाय के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले चेहरों को शामिल किया जा सके।'
एक अन्य सूत्र ने बताया कि टिकट बंटवारे के लिए परफॉर्मेंस ही एकमात्र फैक्टर नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को ऐसे चेहरे भी ढूंढने होंगे जो स्थानीय जाति-समुदाय में पकड़ रखते हों और चुनाव में अच्छे परिणाम लाने में सक्षम हों। एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी के राजनीतिक विज्ञान विभाग में कार्यरत प्रोफेसर एमएम सेमवाल कहते हैं, 'विधायकों के टिकट काटने से लोगों का ध्यान हटाना और गुस्सा कम करने जैसे कई मकसद पूरे होते हैं।'

धर्म: मुसलमानों की प्रजनन दर सबसे अधिक हैं

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। देश के अन्य धर्मों की तुलना में मुसलमानों की प्रजनन दर अब भी सबसे अधिक है। हालांकि, 1992 से लेकर 2015 के बीच आश्चर्यजनक तरीके से प्रजनन दर प्रति महिला 4.4 बच्चे से कम होकर 2.6 बच्चे पर आ गई। इस मामले में दूसरा स्थान हिंदुओं का है। जबकि जैनियों की प्रजनन दर सबसे कम है। एक गैर-पक्षपाती अमेरिकी थिंक टैंक ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। हालांकि, इसमें कहा गया है कि हर धर्मों के बीच प्रजनन दर में गिरावट आई है। भारत की धार्मिक संरचना पर आधारित प्यू शोध केंद्र की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि हर धार्मिक समूह की प्रजनन क्षमता में गिरावट देखी गई है, जिसमें बहुसंख्यक हिंदू आबादी और मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन अल्पसंख्यक समूह भी शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि 2.1 प्रजनन दर के साथ हिंदू दूसरे स्थान पर हैं। जबकि 1.2 प्रजनन दर के साथ जैन धर्म सबसे कम है।
सामान्य पैटर्न काफी हद तक वैसा ही है जैसा 1992 में था, जब मुसलमानों की प्रजनन दर सबसे अधिक 4.4 और उसके बाद हिंदुओं में 3.3 थी। उदाहरण के लिए, जहां 1992 में मुस्लिम महिलाओं के हिंदू महिलाओं की तुलना में औसतन 1.1 अधिक बच्चे होने की उम्मीद थी, 2015 तक यह अंतर कम होकर 0.5 हो गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की धार्मिक संरचना में इन प्रवृत्तियों की वजह से भारत की मुस्लिम आबादी प्रजनन अंतर के कारण अन्य धार्मिक समूहों की तुलना में कुछ हद तक तेजी से बढ़ी है। लेकिन आंशिक रूप से प्रजनन पैटर्न में गिरावट और अभिसरण के कारण 1951 के बाद से समग्र धार्मिक जनसंख्या में केवल मामूली बदलाव हुए हैं। मालूम हो कि आजादी के बाद भारत में 1951 में पहली बार जनगणना की गई थी।

24 से 30 सितंबर तक ‘मार्निंग फ्लाइट’ शुरू की

सदींप मिश्र           
बरेली। बरेली-दिल्ली आने-जाने वाले यात्रियों के लिए सात दिन के लिए बड़ी राहत मिली है। एलाइंस एयर ने 24 से 30 सितंबर तक ‘मार्निंग फ्लाइट’ शुरू की है। ये फ्लाइट सुबह 7 बजे दिल्ली से बरेली के लिए उड़ान भरेगी और यहां 8 बजे एयरपोर्ट पहुंचेंगी। इसके साथ एयरपोर्ट पर आधे घंटे ब्रेक के बाद करीब 8.30 बजे दिल्ली के लिए उड़ान भरेगी। एलाइंस एयर की इस फ्लाइट से उन व्यापारी-उद्यमियों को बड़ी राहत मिली है जो सुबह में दिल्ली से बरेली आने और बरेली से दिल्ली जाने के लिए मांग उठा रहे थे।
मार्निंग फ्लाइट ट्रायल के तौर पर संचालित की जा रही है। एलाइंस एयर इसके जरिए ये जानने के प्रयास में है कि सुबह में दिल्ली-बरेली के यात्रियों की संख्या में कितनी वृद्धि होगी। माना जा रहा है कि दोपहर में मुंबई-बेंगलुरू की फ्लाइट शुरू होने के बाद से बरेली-दिल्ली फ्लाइट पर असर पड़ा है। वे यात्री अब दिल्ली फ्लाइट में सफर नहीं करते हैं जो पहले मुंबई-बेंगलुरू समेत अन्य शहरों के लिए दिल्ली से फ्लाइट पकड़ने के लिए जाते थे।
उसी पैसेंजर को वापस लाने के लिए मार्निंग फ्लाइट शुरू हो रही है। एलाइंस एयर के प्रतिनिधि ने बताया कि अभी सात दिन के लिए मार्निंग फ्लाइट शुरू की गयी है। 72 सीटर एटीआर में अभी 50 प्रतिशत यात्री दिल्ली-बरेली आना-जाना कर रहे हैं। नई व्यवस्था में यात्रियों के बढ़ने की उम्मीद जतायी है।
अभी बरेली-दिल्ली फ्लाइट की यह है टाइमिंग।
अभी बरेली-दिल्ली की फ्लाइट मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को दिल्ली से दोपहर 12 बजे उड़कर 1 बजे बरेली पहुंचती है और बरेली से 1:30 बजे उड़कर 2:30 बजे दिल्ली पहुंचती है। इसके साथ सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और रविवार की फ्लाइट दिल्ली से दोपहर 12:30 उड़कर 1:30 बजे बरेली पहुंचती है और बरेली से 2 बजे उड़कर 3 बजे दिल्ली पहुंचती है। 2070 रुपये किराया दिल्ली से बरेली आने के लिए है और 1959 रुपये किराया बरेली से दिल्ली जाने के लिए निर्धारित है।

यूपी: प्रथम सप्ताह में बरेली दौरे की संभावना बढ़ीं

संदीप मिश्र       
बरेली। मुरादाबाद में दौरा करने के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में बरेली दौरे की संभावना बढ़ गयी हैं। चर्चाएं यहां तक हो रही हैं कि सीएम के कार्यक्रम को लेकर अंदरखाने प्रशासन ने स्थान के चयन की तैयारी शुरू कर दी है। कार्यक्रम को लेकर रुहेलखंड यूनिवर्सिटी, तुलसी नगर समेत एक अन्य स्थान का नाम चर्चा में है। सुरक्षा की दृष्टि से रुहेलखंड यूनिवर्सिटी का मैदान ज्यादा सही बताया जा रहा है।
प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि पिछले साल दिसंबर में सीएम का बरेली दौरा अचानक लगा। इससे पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की व्यवस्थाएं बनाने में हालत खराब हो गयी थी। तब भोजीपुरा के एल्डिको मैदान में सभा हुई थी। बताते हैं विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियां भाजपा ने ग्राउंड स्तर पर तेज कर दी हैं।
तमाम विकास कार्यों के लोकार्पण/शिलान्यास के कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। बरेली में राजकीय यूनानी मेडिकल कॉलेज समेत कई ऐसे बड़े प्रोजेक्ट शुरू होने हैं, जिनकी नींव सीएम रख सकते हैं। इधर अपर जिलाधिकारी नगर महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सीएम के आने के संबंध में अभी किसी प्रकार से सूचना नहीं है।

अमेरिका के रूप में 'प्रतिबद्ध शत्रु' मिलता रहेगा

वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को राष्ट्रों से आह्वान किया कि वे दुनिया के “सुदूर क्षेत्रों” या “हमारे अपने आसपास” से पैदा होने वाले आतंकवाद के खतरे के प्रति सतर्क रहें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग अमेरिका के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं, उन्हें अमेरिका के रूप में एक-एक “प्रतिबद्ध शत्रु” मिलता रहेगा।
बाइडन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले संबोधन में कहा कि आज की दुनिया 2001 की दुनिया नहीं है और अमेरिका वही देश नहीं है, ” जब हम पर 20 साल पहले हमला हुआ था।” उन्होंने कहा कि अमेरिका विश्व को कार्रवाई के लिए एकजुट करना चाहता है और हम सिर्फ अपनी शक्ति के जरिए उदाहरण नहीं पेश करेंगे बल्कि ईश्वर की इच्छा के साथ अपने उदाहरण की शक्ति के साथ नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका आतंकवादी खतरों सहित विभिन्न हमलों के खिलाफ अपनी, अपने सहयोगियों और अपने हितों की रक्षा करता रहेगा तथा हम जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि हमें इस खतरे के प्रति भी सतर्क रहना चाहिए कि आतंकवाद हमारे सभी राष्ट्रों के लिए खतरा है, चाहे वह दुनिया के सुदूर के क्षेत्रों से हो या हमारे अपने आसपास से। पिछले महीने काबुल हवाई अड्डे पर आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए बाइडन ने कहा, ”हम आतंकवाद के कड़वे असर को जानते हैं। आतंकवाद का कड़वा असर वास्तविक है। लगभग हम सभी ने इसका अनुभव किया है।” उन्होंने कहा कि पिछले महीने काबुल में हुए एक “घृणित” आतंकवादी हमले में हमने 13 अमेरिकी नायकों और लगभग 200 निर्दोष अफगान नागरिकों को खो दिया।
उन्होंने कहा, “जो लोग अमेरिका के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं, उन्हें अमेरिका के रूप में एक प्रतिबद्ध दुश्मन मिलता रहेगा… आज, हम आतंकवादी खतरों को रोकने के लिए, पता लगाने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित हैं तथा उन्हें पीछे हटाने और जवाब देने की अधिक क्षमता है।” बाइडन ने कहा कि अमेरिका जानता है कि आतंकवादी नेटवर्क को नष्ट करने के लिए उनके वित्त और उनकी मददगार प्रणालियों को लक्षित करके, उनके दुष्प्रचार का मुकाबला करके, उनकी यात्रा को रोकने के साथ-साथ आसन्न हमलों को बाधित करने के लिए प्रभावी साझेदारी कैसे बनाई जाए।

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...