गुरुवार, 16 सितंबर 2021

लंदन: कॉमेंट्री करियर का आगाज सरज़मीं पर हुआ

लंदन। वेस्ट इंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग का बेहतरीन ब्रॉडकास्टिंग करियर और उनकी शानदार आवाज़ इस सीज़न के बाद दोबारा नहीं सुन या देख पाएंगे। पिछले दो दशकों से होल्डिंग स्काई स्पोर्ट्स की कॉमेंट्री टीम के साथ जुड़े रहे हैं, एक ऐसी बेमिसाल भूमिका जैसा कभी उनका क्रिकेट करियर रहा था।
होल्डिंग को अपने वक़्त का बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ माना जाता था, उन्होंने वेस्टइंडीज़ के लिए 1975 से 1987 के बीच 60 टेस्ट और 102 वनडे मैच खेले थे। होल्डिंग उस वेस्टइंडीज़ टीम का अभिन्न अंग रहे थे जिसने उस समय क्रिकेट जगत पर राज किया था। होल्डिंग के कॉमेंट्री करियर का आग़ाज़ 1988 में कैरेबियाई सरज़मीं पर ही हुआ था और देखते ही देखते उनका अंदाज़ पूरी दुनिया में पसंद किया जाने लगा। जिस तरह से उनके क्रिकेट करियर में उनके ख़तरनाक रनअप को देखते हुए उनका नाम ‘व्हिस्परिंग डेथ’ पड़ गया था, कुछ उसी अंदाज़ में 66 वर्षीय होल्डिंग को साफ़ विचारों और सटीक टिप्पणी के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने कभी भी घरेलू टी-20 लीग में कॉमेंट्री नहीं की, क्योंकि वह हमेशा कहते आए कि ये क्रिकेट है ही नहीं। आधुनिक दौर के क्रिकेट दर्शकों ने पिछले साल होल्डिंग का एक अलग रूप भी देखा, जब ‘ब्लैक लाइव्स मैटर मूवमेंट’ के दौरान होल्डिंग ने मुखर होकर अपनी बात रखी। स्काई स्पोर्ट्स के साथ उन्होंने जिस लाजवाब अंदाज़ में जातिवाद और रंगभेद के ख़िलाफ़ दिल छूने वाली बात रखी वह पिछले साल ब्रॉडकास्ट दुनिया में न सिर्फ़ सूर्ख़ियों में रही, बल्कि इंग्लैंड में उन्हें दो ब्रॉडकास्ट अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया।
होल्डिंग ने कभी अपने जज़्बातों को बाहर आने से रोका नहीं, जो पाकिस्तानी फ़ैन्स और दर्शक कभी भूल नहीं सकते। जब मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ़ के स्पॉट फ़िक्सिंग में शामिल होने की बात सामने आई थी तो उस समय लॉर्ड्स टेस्ट में माइकल होल्डिंग ने इसपर खुलकर अपनी बात रखी थी।
ये माइकल होल्डिंग का शानदार किरदार और बेहतरीन अंदाज़ ही है कि जब उनकी राष्ट्रीय टीम कोई मैच नहीं खेल रही होती है तो भी वह उन चंद पूर्व क्रिकेटरों में से हैं जो क्रिकेट कॉमेंट्री कर रहे होते हैं। होल्डिंग हाल ही में इंग्लैंड और भारत के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज़ में भी पैनल में मौजूद थे। हालांकि उन्होंने पिछले साल ही इस बात का संकेत दे दिया था कि उनका ब्रॉडकास्टिंग करियर अब ज़्यादा लंबा नहीं है।
“मैं नहीं बता सकता कि 2020 के बाद और मैं कितने दिनों तक कॉमेंट्री कर पाऊंगा, मुझे नहीं लगता कि ये ज़्यादा दिन चलेगा। मेरी उम्र भी हो रही है, मैं अब 66 साल का हो रहा हूं और अब वह 34, 46 या 56 साल वाली बात मुझमें नहीं हैं। मैंने स्काई स्पोर्ट्स को कह दिया है कि मैं एक साल से ज़्यादा अब आपको नहीं दे पाऊंगा, अगर इस साल क्रिकेट नहीं हुआ तो शायद मैं 2021 का सोच सकता हूं। क्योंकि मैं इसी तरह तो स्काई को नहीं छोड़ सकता, एक ऐसी कंपनी जिसने मेरे लिए काफ़ी कुछ किया है।”

हाईकोर्ट ने आखिरी बार विसर्जन की अनुमति दीं

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने तेलंगाना प्राधिकारियों को हैदराबाद की हुसैन सागर झील में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी भगवान ‘गणेश की प्रतिमाओं’ के ”आखिरी बार” विसर्जन की बृहस्पतिवार को अनुमति दे दी। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत तथा न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि हैदराबाद शहर में यह बार-बार आने वाली समस्या है और कई निर्देश देने के बावजूद राज्य सरकार ने वहां मूर्तियों के विसर्जन पर रोक तथा प्रदूषण पर लगाम लगाने के तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं किया। 
न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर विचार के बाद यह आदेश दिया। मेहता ने कहा कि झील में प्रदूषण कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं और विसर्जन के तुरंत बाद प्रतिमाओं को क्रेन की मदद से बाहर निकाल लिया जाएगा और उन्हें ठोस अपशिष्ट निस्तारण स्थलों पर ले जाया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने बहरहाल यह भी कहा कि लोगों का अनुशासन और सहयोग भी महत्वपूर्ण है। मेहता ने पीठ को आश्वस्त किया कि अगले साल तक निर्देशों को पूरी तरह लागू किया जाएगा और इस साल व्यवस्था करने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण कम क
करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
पीठ ने कहा, ”श्रीमान मेहता आप यह नहीं जानते कि झील की सफाई में काफी पैसा खर्च किया गया है। हर साल अगर आप विसर्जन करने देंगे तो फिर सौंदर्यीकरण या पैसा खर्च करने का क्या तुक है। यह बर्बादी है। आपको कदम उठाने चाहिए। आप आखिरी क्षण में आ रहे हैं।”
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने 13 सितंबर को हुसैन सागर झील तथा शहर में ऐसे अन्य जलाशयों में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगाने के अपने आदेश में सुधार करने से इनकार कर दिया था। वृहद हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) ने आदेश में सुधार का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी।

क्विजबी ने कनोडिया ग्रुप से अघोषित फंड जुटाये

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। रियल-मनी गेमिंग एप्लीकेशन लॉन्च करने वाले ऑनलाइन गेमिंग स्टार्टअप क्विजबी ने कनोडिया ग्रुप से अघोषित फंड जुटाये हैं। क्विजबी ने घोषणा की है कि उसने कनोडिया ग्रुप के नेतृत्व में प्री-सीड फंडिंग के माध्यम से पूंजी जुटाई है। हालांकि अभी यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई कि इस तरीके से कितनी फंडिंग का इंतजाम किया गया है। कनोडिया ग्रुप पिछले 30 वर्षों से सीमेंट उद्योग में काम कर रहा है।
कनोडिया ग्रुप ने हमेशा क्विजबी जैसे नए और अनूठे स्टार्टअप का समर्थन किया है। कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि इस फंड का इस्तेमाल यूजर के अनुकूल बेहतर अनुभव के लिए और एजुकेशन गेमिंग प्लेटफॉर्म- क्विजबी के समग्र विकास एवं विपणन में तकनीकी प्रगति के लिए किया जाएगा। उसका लक्ष्य आने वाले वर्ष में 10 लाख से अधिक डेली एक्टिव यूजर बेस के साथ एक करोड़ यूजर तक पहुंचना है।
मिलेगा नॉलेज-बेस्ड गेमिंग एक्सपेरिएंस
यह खास तौर पर उन लोगों के लिए है, जिन्हें क्विजिंग गेम्स बहुत पसंद है। क्विजबी का फोकस कंपेटिटिव मल्टीप्लेयर गेमिंग एक्सपेरिएंस पर है। साथ ही यह स्टार्टअप नॉलेज-बेस्ड गेमिंग एक्सपीरिएंस को मिशन बनाकर चल रहा है। इसके तहत यूजर को नॉलेज के आधार पर पुरस्कार भी दिए जाते हैं।
जीत सकते हैं पुरस्कार
यह प्लेटफॉर्म यूजर को अन्य खिलाड़ियों के साथ लाइव कंपीट करने की सुविधा देता है। क्विजबी एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां लोग शैक्षणिक विषयों, खेल और यहां तक कि सिनेमा जगत से संबंधित ज्ञान का इस्तेमाल मनोरंजन और पुरस्कार जीतने के लिए कर सकते हैं।
इंटेलिजेंस गेम प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अमित खेतान ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि शैक्षणिक क्षेत्र में बहुत कम रियल मनी गेमिंग एप्लीकेशन हैं। हम यह खाली स्थान भरने का इरादा रखते हैं, और हमारा लक्ष्य एक ऐसी गेम बनाने का है जो आकस्मिक और गंभीर गेमर्स, दोनों को बेहतर बनाता है और उनका ज्ञान भी बढ़ाता है। इस तरह क्विजबी ने अन्य ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर स्पष्ट बढ़त बना ली है।

27वें मिनट में कप्तान हैंस वानाकेन ने गोल किया

पेरिस। लियोनेल मेस्सी , काइलियान एमबाप्पे और नेमार जैसे सितारों से सजी होने के बावजूद पेरिस सेंट जर्मेन जीत दर्ज नहीं कर सकी और चैम्पियंस लीग फुटबॉल के मैच में उसे बेल्जियम के क्लब ब्रजे ने ड्रॉ पर रोक दिया। पीएसजी के लिये मिडफील्डर एंडेर हेरारा ने गोल दागा। जबकि बेल्जियम के क्लब के लिये 27वें मिनट में कप्तान हैंस वानाकेन ने गोल किया।
पहले हाफ में मेस्सी का शॉट क्रॉसबार से टकरा गया और उन्हें बाद में पीला कार्ड भी मिला। वहीं एमबाप्पे बायें टखने में चोट के शिकार हो गए। मेस्सी पिछले महीने ही बार्सीलोना छोड़कर पीएसजी से जुड़े हैं। पहली बार वे एमबाप्पे और नेमार के साथ इस क्लब के लिये खेल रहे थे।
अन्य मैचों में सेबेस्टियन हालेर के चार गोल की मदद से अजाक्स ने स्पोर्टिंग लिसबन को 5 . 1 से हराया । वहीं मैनचेस्टर सिटी ने लेइपजिग को 6 . 3 से शिकस्त दी । लिवरपूल ने एसी मिलान को 3 . 2 से हराया जो सात सत्र बाद टूर्नामेंट में वापसी कर रही थी। रीयाल मैड्रिड ने इंटर मिलान को एक गोल से मात दी जबकि एटलेटिको मैड्रिड ने पोर्तो से गोलरहित ड्रॉ खेला ।

खेल: पैट्रियट्स ने हीरो कैरेबियाई लीग खिताब जीता

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। मेजबान सेंट किट्स एंड नेविस पैट्रियट्स ने आखिरी गेंद पर सेंट लूसिया किंग्स को तीन विकेट से हराकर पहली बार हीरो कैरेबियाई लीग खिताब जीत लिया। सेंट लूसिया किंग्स ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। लगातार विकेट गंवाने के बावजूद उसने सात विकेट पर 159 रन बनाये जिसमें रोस्टन चेस और रहकीम कॉर्नवाल ने 43 . 43 रन का योगदान दिया।
कीमो पॉल ने 21 गेंद में 39 रन बनाये और एक ओवर में लगातार तीन छक्के जड़कर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। जवाब में पैट्रियट्स की जीत के नायक डोमिनिक ड्रेक्स रहे जिन्होंने 24 गेंद में 48 रन बनाये। किंग्स की शुरूआत अच्छी रही और खतरनाक क्रिस गेल को चेस ने जल्दी आउट कर दिया। इसके बाद एविन लुईस भी टिक नहीं सके। कप्तान ड्वेन ब्रावो के आउट होने के समय स्कोर पांच विकेट पर 95 रन था। इसके बाद ड्रेक्स ने अपना सर्वोच्च स्कोर बनाकर टीम को जीत तक पहुंचाया।

2021 में मजबूत सुधार के लिए तैयार है अर्थव्यवस्था

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2021 में 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। लेकिन अगले साल वृद्धि में कमी आ सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 महामारी के प्रकोप और निजी खपत पर खाद्य मुद्रास्फीति के नकारात्मक असर के चलते देश में पुनरुद्धार की प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
अंकटाड व्यापार और विकास रिपोर्ट 2021 में सतर्कता के साथ उम्मीद जताई गई कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 2021 में एक मजबूत सुधार के लिए तैयार है। हालांकि क्षेत्रीय और देशों के आधार पर कुछ अनिश्चितता बनी हुई है। यह रिपोर्ट बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में जारी की गई। व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (अंकटाड) ने 2020 में 3.5 प्रतिशत की गिरावट के बाद उम्मीद जताई है कि इस साल वैश्विक उत्पादन में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 2020 में सात प्रतिशत का संकुचन झेला और 2021 में इसके 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। अंकटाड की रिपोर्ट में कहा गया, ”भारत में पुनरुद्धार कोविड-19 के प्रकोप और निजी खपत पर खाद्य मुद्रास्फीति के नकारात्मक प्रभाव से बाधित हुआ है।” रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत 2022 में 6.7 प्रतिशत की दर से आर्थिक वृद्धि दर्ज करेगा, जो 2021 की अपेक्षित विकास दर से धीमी है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में 6.7 फीसदी की धीमी वृद्धि दर के बावजूद भारत अगले साल दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। अंकटाड की रिपोर्ट के मुताबिक चीन इस साल 8.3 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है, जबकि 2022 में उसकी वृद्धि दर धीमी होकर 5.7 प्रतिशत पर आ जाएगी।

संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,33,47,325 हुईं

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 30,570 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,33,47,325 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 3,42,923 रह गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 431 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,43,928 हो गई। 
वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 3,42,923 हुई, जो कुल मामलों का 1.03 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कुल 8,164 कमी आई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.64 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 54,77,01,729 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 15,79,761 नमूनों की जांच बुधवार को की गई।
दैनिक संक्रमण दर 1.94 प्रतिशत है, जो पिछले 17 दिन से तीन प्रतिशत से कम बनी है। वहीं, साप्ताहिक संक्रमण दर 1.93 प्रतिशत है, जो पिछले 83 दिन से तीन प्रतिशत से कम है। देश में अभी तक कुल 3,25,60,474, लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और कोविड-19 मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 76.57 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।

मुंबई: 58,875.78 के उच्च स्तर पर पहुंचा सेंसेक्स

कविता गर्ग          
मुंबई। भारती एयरटेल, टाटा स्टील और एचसीएल टेक जैसे बड़े शेयरों में तेजी के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में 150 अंक से अधिक चढ़कर 58,875.78 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह व्यापक एनएसई निफ्टी भी शुरुआती सत्र में 50 अंक से अधिक बढ़कर नए शिखर पर पहुंच गया।
इस दौरान 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 152.58 अंक या 0.26 प्रतिशत बढ़कर 58,875.78 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 50.30 अंक या 0.29 फीसदी की तेजी के साथ 17,569.75 पर पहुंच गया। सेंसेक्स में सबसे अधिक तीन प्रतिशत की बढ़त इंडसइंड बैंक में हुई।
इसके अलावा टाटा स्टील, आईटीसी, एचसीएल टेक, एसबीआई, बजाज फिनसर्व, कोटक बैंक और भारती एयरटेल भी बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। दूसरी ओर एचयूएल, टाइटन, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी में गिरावट हुई। पिछले सत्र में 30 शेयरों वाला सूचकांक 476.11 अंक या 0.82 प्रतिशत बढ़कर 58,723.20 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 139.45 अंक या 0.80 प्रतिशत चढ़कर 17,519.45 पर बंद हुआ।
अन्य एशियाई बाजारों में तोक्यो, शंघाई, सोल और हांगकांग दोपहर के कारोबार के दौरान लाल निशान में थे। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को सकल आधार पर 232.84 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.48 प्रतिशत बढ़कर 75.82 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।

अपनी त्वचा की देखभाल करना सभी के लिए जरूरी

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। अपनी त्वचा की देखभाल करना हम सभी के लिए बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये हमारे शरीर की ऊपरी और सबसे नाजुक परतों में से एक है, जिससे हमारी शरीर की सुंदरता भी जुड़ी हुई है। गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा लोगों को चिंता अपनी स्किन की होने लगती है। खासतौर पर चेहरे की स्किन। इस मौसम में चिलचिलानी धूप से चेहरे की रौनक जाने का डर सताने लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि धूप की वजह से चेहरे पर टैनिंग होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। ऐसे में अगर आप अपने चेहरे को ग्लोइंग बनाना चाहते हैं तो ये 5 टिप्स अपनाएं।स्किन को अंदर से साफ करने का काम करता है। इसके लिए बस आप टमाटर के रस को लें और चेहरे पर लगाएं। कुछ देर बाद जब रस सूख जाएं तो हल्के हाथ से स्किन को रब करें और चेहरे को पानी से धो लें। इससे आपका चेहरा साफ हो जाएगा।अगर आप गर्मियों में अपनी त्वचा की नैचुरल तरीके से देखभाल करना चाहते हैं तो एलोवेरा को अपने फेस पर जरूर लगाएं। इसके लिए आप घर पर एलोवेरा का पेड़ भी लगा सकते हैं और उससे एलोवेरा जेल को चेहरे पर लगाएं या फिर बाजार से भी एलोवेरा जेल का ट्यूब खरीद सकते हैं। आप एलोवेरा जेल को चेहरे पर कभी भी लगा सकते हैं। हालांकि रात में सोते वक्त चेहरे को साफ करने के बाद इसे लगाना ना भूलें।
खाने के स्वाद के अलावा दही चेहरे की स्किन के लिए फायदेमंद होता है। दही से त्वचा को नमी मिलती है। इसके साथ ही चेहरे के गंदे कण बाहर निकल जाते हैं। ये टैनिंग को भी हटाता है और चेहरे की स्किन को हेल्दी बनाए रखता है।
नींबू में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है। इसके रस को अगर आप चेहरे पर लगाएंगे तो चेहरे पर चमक आ जाएगी। साथ ही ये चेहरे से गंदगी भी साफ हो जाएगी।

 

मुंबई: पूर्व विजेता ने की खुदखुशी करने की कोशिश

कविता गर्ग          
मुबंई। ‘मिस्टर इंडिया’ प्रतियोगिता के पूर्व विजेता ने की आत्महत्या करने की कोशिश। (भाषा) ‘मिस्टर इंडिया’ प्रतियोगिता के पूर्व विजेता मनोज पाटिल ने मुंबई के उपनगर ओशिवारा में अपने आवास पर कथित तौर पर नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पाटिल की प्रबंधक परी नाज़ ने बताया कि घटना बुधवार देर रात साढ़े 12 से एक बजे के बीच ओशिवारा में साईलीला इमारत स्थित उनके घर पर हुई। पाटिल के परिवार वाले उन्हें तत्काल अस्पताल ले कर गए,जहां उनकी हालत ”गंभीर” बताई जा रही है। नाज़ ने बताया कि पाटिल एक मॉडल हैं।
कुछ दिन पहले पाटिल ने ओशिवारा पुलिस को पत्र सौंपा था, जिसमें उन्होंने एक बॉलीवुड अभिनेता के खिलाफ सोशल मीडिया पर उन्हें कथित तौर पर बदनाम करने और उनके पेशेवर जीवन में समस्याएं पैदा करने के लिए कार्रवाई की मांग की थी। नाज़ ने कहा कि उन्होंने उस अभिनेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाने की मांग भी की थी। इस बीच, ओशिवारा थाने के एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
उन्होंने कहा, ” हमारे अधिकारी कूपर अस्पताल गए थे, जहां पाटिल भर्ती है।” पाटिल का जन्म 1992 में हुआ था और उन्होंने 2016 में ‘मिस्टर इंडिया मेन्स फिजिक ओवरऑल चैंपियनशिप’ जीती थी।

दिल्ली: हत्या के मामले में दो लोगों को अरेस्ट किया

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व विधान परिषद सदस्य त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या के मामले में बुधवार को दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान जम्मू में गांधीनगर के प्रीत नगर निवासी बलबीर सिंह (67) उर्फ बिल्ला तथा जम्मू में संभा के जॉर्ज गांव के निवासी राजेंद्र चौधरी (33) उर्फ राजू गंजा के तौर पर हुयी है। दोनों को पूछताछ हेतु सात दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। अदालत में पेशी के दौरान पुलिस ने कहा कि इस मामले बाकी फरार आरोपियों की तलाश, हत्या में इस्तेमाल किये गये हथियार और घटना के समय पहने गए कपड़ों की बरामदगी के लिए आरोपियों को पंजाब और जम्मू ले जाने की आवश्यकता है।

अभिषेक ने विज्ञापन विवाद पर सीएम को कोसा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने विज्ञापन विवाद पर योगी को जमकर कोसा है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार यूपी में फेल हो गई है और दूसरे राज्यों के विकास मॉडल को चुराकर अपना बता रहीं है। भाजपा से टीएमसी में घर वापसी करने वाले मुकुल राय ने आरोप लगाते हुए कहा है ट्रांसफॉर्मिंग यूपी का मतलब तस्वीरें चुराना है। उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के झूठ की पोल फिर खुल गईं है।

द इंडियन एक्सप्रेस में उत्तर प्रदेश सरकार का छपा एक विज्ञापन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के गले की हड्डी बन गया। ट्रांसफॉर्मिंग उत्तर प्रदेश अंडर योगी आदित्यनाथ शीर्षक से विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। विज्ञापन न सिर्फ योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के लिए मुसीबत बन गया है बल्कि इंडियन एक्सप्रेस जैसे अखबार की छवि को भी इस विज्ञापन से आघात पहुंचा है। मीडिया के अनुसार विज्ञापन में उत्तर प्रदेश की तस्वीर छापने के बजाय पश्चिम बंगाल के कोलकाता की तस्वीर छाप दी गयी है। विज्ञापन में दिखाया गया चित्र माँ फ्लाईओवर का है, जिसका निर्माण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कराया है। विज्ञापन में कोलकाता शहर की पीली टैक्सी भी दौड़ती दिख रहीं हैं। वहां का एक मशहूर होटल भी दिखाई दे रहा है। विज्ञापन की सच्चाई जानने के बाद विपक्ष योगी सरकार पर पिल पड़ा है क्योंकि सामने उत्तर प्रदेश का चुनाव है। राजनैतिक लिहाज से बड़ा राज्य होने के कारण सभी दलों की निगाहें इस पर हैं। लिहाजा विज्ञापन को लेकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, टीएमसी सीधे मुख्यमंत्री योगी पर हमला बोल रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए विपक्ष ने कहा है कि विकास के नाम पर उत्तर प्रदेश में कुछ नहीं है। लिहाजा अपनी नाक बचाने के लिए सरकार ने झूठा विज्ञापन प्रकाशित किया है। राज्य विधानसभा का चुनाव भाजपा के लिए करो और मरो की स्थिति बन गया है। कोविड की दूसरी लहर में राज्य में काफी मौतें हुईं। लोगों को आक्सीजन और दूसरी सुविधाएं नहीं मिल पायीं। लोग शवों का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाए। इसे लेकर विपक्ष सरकार को पहले ही कठघरे में खड़ा कर चुका है जबकि केंद्र ने साफ कह दिया था कि ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुईं है। विज्ञापन विवाद पर विपक्ष का आरोप है कि दूसरे राज्यों के विकास मॉडल को चुरा कर योगी सरकार अपना बताने पर तुली है। राज्य में डेंगू कहर बरपा रहा है। कई जिलों में स्थिति भयावह है। सरकार विज्ञापनों से अपनी छबि को सुधारना चाहती है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने विज्ञापन विवाद पर योगी को जमकर कोसा है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार यूपी में फेल हो गई है और दूसरे राज्यों के विकास मॉडल को चुराकर अपना बता रहीं है। भाजपा से टीएमसी में घर वापसी करने वाले मुकुल राय ने आरोप लगाते हुए कहा है ट्रांसफॉर्मिंग यूपी का मतलब तस्वीरें चुराना है। उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के झूठ की पोल फिर खुल गईं है। जमीन पर कुछ नहीं दिख रहा है जनता के पैसे को विज्ञापन में लगाया जा रहा है। दूसरे राज्य की तस्वीर चुरा कर अपना बताया जा रहा है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है कि ऐसा विकास आपने देखा होगा न सुना होगा। कोलकाता के विकास को हमारे मुख्यमंत्री खींचकर यूपी में लाए हैं। एक भूल को विपक्ष ने मुद्दा बना लिया है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्री ने लिखा है सरकार अपनी नीयत बदले या एड एजेंसी।

विज्ञापन को लेकर लोग जहां सरकार की चुटकी ले रहे हैं, वहीं सोशलमीडिया पर विदेश की तस्वीरें डाल कर लिख रहे हैं कि उत्तर प्रदेश बदल रहा है। लोग बता रहे हैं कि देखिए हमारा गांव कितना बदल गया है। सरकार की खूब चुटकी ली जा रहीं है। विज्ञापन को लेकर चैतरफा हमले से घिरी सरकार मुंह छुपा रही है उसके पास कोई जवाब नहीं  है। वैसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और योगी में राजनीतिक लिहाज से छत्तीस का आंकड़ा है। बंगाल में संपन्न हुए चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विजय हासिल कर मोदी एंड शाह टीम को धूल चटाई है, लेकिन कोलकाता में दीदी का विकास मॉडल योगी बाबा को कैसे भा गया यह समझ नहीं आ रहा। यह कैसा खेला होबै है।

सोशलमीडिया यूजर्स इंस्टाग्राम, फेसबुक,ट्विटर पर विदेशी तस्वीरें लगाकर सरकार के विकास मॉडल को ट्रोल कर रहे हैं। सोशलमीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह की पोस्ट पर काफी कमेंट आ रहे हैं। सरकार के बचाव में भाजपा ने कई तर्क दिए हैं। सवाल उठता है इस विज्ञापन को लेकर कहां गलती हुई। सरकार की सहमति से यह सब खेल हुआ या फिर इंडियन एक्सप्रेस के विज्ञापन विभाग की तरफ से। विज्ञापन को सरकार को बताए बिना छाप दिया गया। यह भी हो सकता है कि विज्ञापन का संदेश समाज में सकारात्मक जाए जिसकी वजह से अखबार ने इस तरह का विज्ञापन जारी कर दिया। यह भी हो सकता है कि विज्ञापन फाइनल करने से पूर्व सरकार से अनुमति नहीं ली गई हो।

इंडियन एक्सप्रेस ने माफी भी मांगी है। अखबार की तरफ से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के विज्ञापन में भूल से गलत तस्वीर प्रकाशित हुई है। सभी डिजिटल संस्थान से यह तस्वीर हटा दी गईं है लेकिन सवाल उठता है कि इतनी बड़ी भूल इतने बड़े मीडिया संस्थान से कैसे हो सकती है। विज्ञापन सरकार की नीति और योजनाओं से जुड़ा है । अखबार का विज्ञापन विभाग अपने मन से ऐसी तस्वीर नहीं छाप सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार को बगैर बताए उसने ऐसा छापा है तो निश्चित रूप से संस्थान की यह बड़ी भूल है। गलती अखबार की तरफ से की गई है लेकिन, इसका खामियाजा सरकार भुगत रही है। सवाल उठता है कि विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं क्या विज्ञापन के लिए प्रदेश में ऐसा कोई कार्य नहीं हुआ जिसका उपयोग विज्ञापन में किया जाता। फिलहाल यह मानवीय भूल है विपक्ष को बेवजह इस मसले को तूल नहीं देना चाहिए था। उसे जमीनी मुद्दों पर सरकार को घेरना चाहिए।

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